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ब्रेन ट्यूमर क्या है? – What is Brain Tumor in Hindi

ब्रेन ट्यूमर क्या है

दोस्तो, स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग पर। दोस्तो, मानव शरीर में सबसे जटिल अंग मस्तिष्क (Brain) होता है, इसीलिये इससे संबंधित रोग का उपचार भी बेहद जटिल होता है। ऐसा इसलिये क्योंकि ब्रेन खोपड़ी, एक कठोर कवच में सुरक्षित होता है, दूसरे सर्जरी प्रक्रिया में औजारों का ब्रेन के अंदर तक जाना बहुत मुश्किल होता है। ब्रेन से संबंधित जानकारी हम अपने पहले के आर्टिकल्स में दे चुके हैं। हमारे पिछले आर्टिकल “ब्रेन हेमरेज क्या है?” पढ़ें। आज हम आपके लिये लेकर आये हैं ब्रेन से संबंधित एक ऐसा डिसऑर्डर जिसमें ब्रेन की कोशिकाऐं असामान्य रूप से बढ़ती हैं, इससे ब्रेन में गांठें बन जाती हैं जो विभिन्न प्रकार के कैंसर का कारण बनती हैं। कोशिकाओं के इस रूप को ब्रेन ट्यूमर कहा जाता है। दोस्तो, यही है हमारा आज का टॉपिक “ब्रेन ट्यूमर क्या है?” देसी हैल्थ क्लब इस आर्टिकल के माध्यम से आज आपको ब्रेन ट्यूमर के बारे में विस्तार से जानकारी देगा और यह भी बतायेगा कि इसका उपचार क्या है।  तो, सबसे पहले जानते हैं ब्रेन ट्यूमर क्या होता है और यह कितने प्रकार का होता है। फिर इसके बाद बाकी बिन्दुओं पर जानकारी देंगे।

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ब्रेन ट्यूमर क्या है?
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ब्रेन ट्यूमर क्या है? – What is Brain Tumor

दोस्तो, मस्तिष्क (Brain) में लगभग 100,000,000,000 कोशिकाऐं (Brain Cells) होती हैं जिसकी मदद से मस्तिष्क अपना काम सुचारु रूप से करता है। एक्सपर्ट्स के अनुसार, ब्रेन ट्यूमर एक ऐसा डिसऑर्डर है, जिसमें मस्तिष्क की कोशिकाऐं असामान्य रूप से बढ़ने या मल्टीप्लाई होने लगती हैं। इनके असामान्य रूप से बढ़ने या मल्टीप्लाई होने से मस्तिष्क में इनकी गांठें बनती हैं। इन्हीं गांठों को ब्रेन ट्यूमर कहा जाता है। ट्यूमर के बढ़ने पर खोपड़ी के अंदर दबाव बढ़ता है। यह स्थिति मस्तिष्क को क्षति पहुंचाने वाली और खतरनाक होती है। ब्रेन ट्यूमर, ब्रेन के जिस हिस्से में होता है उस हिस्से से नियंत्रित होने वाला शरीर का अंग  प्रभावित होता है। कई बार ट्यूमर के कारण सिर में पानी जमा होने लगता है, जिसे मेडिकल भाषा में ”हाइड्रोसिफेलस” (Hydrocephalus) कहते हैं। यह बेहद गंभीर और घातक स्थिति होती है।

ब्रेन ट्यूमर के प्रकार – Types of Brain Tumors 

ब्रेन ट्यूमर के मुख्यतः दो प्रकार हैं – कैंसर-रहित और कैंसर वाला। विवरण निम्न प्रकार है 

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1.  कैंसर-रहित ब्रेन ट्यूमर (Non Cancerous Brain Tumor)- कैंसर-रहित ब्रेन ट्यूमर को नॉन-कैंसरस (benign) कहा जाता है जो यह धीरे-धीरे बढ़ता है। उपचार होने के बाद इसके दोबारा से होने की संभावना कम होती है। 

2. कैंसर-वाले ब्रेन ट्यूमर (Cancerous Brain Tumor)- ये ट्यूमर मैलिग्नेंट (cancerous) होते हैं जो यह मस्तिष्क में प्राथमिक ट्यूमर के रूप में शुरू होते हैं। इनको प्राइमरी ब्रेन ट्यूमर भी कहा जाता है। फिर धीरे-धीरे मस्तिष्क के अन्य हिस्सों  में सेकेंडरी ट्यूमर के रूप में फैल जाते हैं जैसे ब्रेन सेल्स, झिल्ली (membranes), क्रेनियल नसों (cranial nerves), पिट्यूटरी ग्रंथि (pituitary gland) या पीनियल ग्रंथि (pineal gland)। सेकेंडरी ट्यूमर शरीर के अन्य हिस्से से भी शुरू होकर फेफड़ों, ब्रेस्ट, किडनी, स्किन और ब्रेन तक में भी फैल सकते हैं। इसका इलाज होने के बाद भी इसके दोबारा होने की संभावना रहती है। 

ब्रेन ट्यूमर के कारण और जोखिम कारक – Brain Tumor Causes and Risk Factors

यद्यपि ब्रेन ट्यूमर के सटीक कारण अज्ञात हैं परन्तु ब्रेन ट्यूमर होने के जोखिम को बढ़ाने वाले कुछ कारकों को पहचाना जा चुका है। विवरण निम्न प्रकार है –

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1. बढ़ती उम्र (Growing Old)- वैसे तो ब्रेन ट्यूमर किसी भी उम्र में हो सकता है, यहां तक कि बच्चों में भी कुछ प्रकार के ब्रेन ट्यूमर मामले देखे गये हैं परन्तु बढ़ती उम्र में विशेषकर वृद्धावस्था में ब्रेन ट्यूमर होने की संभावना बढ़ जाती है। 

2. रेडिएशन एक्स्पोज़र (Radiation Exposure)- ‘आयोनिजिंग रेडिएशन’ नामक एक विशेष रेडिएशन के एक्सपोज़र से ब्रेन ट्यूमर का जोखिम बढ़ जाता है। सिर पर एक बड़ी मशीन से रेडिएशन थेरेपी करवाना विशेषकर कैंसर के उपचार में, आयोनिजिंग रेडिएशन होती है। 

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3. पहले कैंसर होना (Having Cancer Before)- कैंसर ग्रस्त बच्चों को बाद के जीवनकाल में ब्रेन ट्यूमर होने की अधिक संभावना रहती है। वयस्क व्यक्तियों के ल्यूकेमिया (रक्त कैंसर) होने से भी ब्रेन ट्यूमर होने का खतरा रहता है। यदि शरीर के किसी अन्य भाग में कैंसर है तो ब्रेन में भी पहुंचने का जोखिम रहता है। 

4. एचआईवी/एड्स (HIV / AIDS)- एचआईवी या एड्स से पीड़ित व्यक्ति को ब्रेन ट्यूमर होने की संभावना अधिक रहती है।

5. खानपान (Food and Drink)- ब्रेन ट्यूमर का होना इस बात पर भी निर्भर करता है कि आप जो भोजन कर रहे हो, उसमें फैट कितना है, अल्कोहल कितना लेते हैं या स्मोकिंग करते हैं। 

6. वंशानुगत /जेनेटिक(Hereditary) – यदि, पारिवार के किसी सदस्य को पहले कभी ब्रेन ट्यूमर रहा हो तो आपको भी ब्रेन ट्यूमर होने की संभावना काफी हद तक बढ़ जाती है। 

ब्रेन ट्यूमर के संकेत और लक्षण – Signs and Symptoms of Brain Tumor 

ब्रेन ट्यूमर के संकेत और लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं जो कि ब्रेन ट्यूमर के आकार, स्थान और बढ़ने की दर पर निर्भर करते हैं। बिना किसी लक्षण के भी किसी को ब्रेन ट्यूमर की समस्या हो सकती है। वैसे ब्रेन ट्यूमर के  निम्नलिखित संकेत और लक्षण हो सकते हैं –

1. बार-बार सिर में दर्द होना और इसका धीरे-धीरे गंभीर होते चले जाना।

2. एंजायटी (Anxiety) या अवसाद (Depression)

3. बिना किसी वजह के मितली और उल्टी आना।

4. दृष्टि का धूमिल हो जाना।

5. शारीरिक असंतुलन, पैर लड़खड़ाना। 

6. थकावट।

7. सुस्ती रहना।

8. बोलने, सुनने में दिक्कत होना।

9. व्यवहार और स्वभाव में बदलाव।

10. भ्रमित महसूस करना

11. किसी विषय वस्तु पर ध्यान ना लगा पाना।

12. अल्पकालिक स्मृति हानि (Short term memory loss)

13. नींद न आना

14. मांसपेशियों में दर्द, कमजोरी महसूस होना।

15. शरीर में झुनझुनी या अकड़न महसूस करना।

16.  दैनिक गतिविधियों और कार्य करने की क्षमता में कमी आना। 

ब्रेन ट्यूमर का परीक्षण​ – Brain Tumor Test

डॉक्टर सबसे पहले मरीज के लक्षणों को समझते हुऐ शारीरिक परीक्षण करते हैं और मरीज व उसके पारिवार के सदस्यों के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी लेते हैं। यदि डॉक्टर को ब्रेन ट्यूमर की तरफ इशारा मिलता है तो निम्नलिखित टैस्ट कराये जाते हैं –

1. न्यूरोलॉजिकल परीक्षण (Neurological Test)- इसमें डॉक्टर मरीज की दृष्टि, सुनने की क्षमता, सतर्कता, मांसपेशियों की शक्ति,  समन्वय और इनके लचीलेपन को जांचते हैं।

2. एमआरआई (MRI)- इस टैस्ट में सिर के अंदर के हिस्सों की विस्तृत इमेज़ आ जाती है। ये इमेज मस्तिष्क के असामान्य क्षेत्रों को विशेषकर ट्यूमर को दिखाते हैं। 

3. सीटी स्कैन (CT Scan)- इसमें भी मरीज के सिर के अंदर की कई इमेज़ ली जाती हैं जिनसे असामान्य क्षेत्रों को देखना बहुत आसान हो जाता है। 

4. एंजियोग्राफी(Angiography) – इसके अंतर्गत रक्त वाहिकाओं में इंजेक्शन के माध्यम से डाई के द्वारा ब्रेन का एक्स-रे  किया जाता है। एक्स-रे में मस्तिष्क के ट्यूमर को, यदि है तो, देखा जा सकता है।

5. स्पाइनल टैप (Spinal Tap)- इस टैस्ट में डॉक्टर रीढ़ की हड्डी के निचले हिस्से से तरल पदार्थ का सेंपल लेकर प्रयोगशाला में भेज देते हैं। इस तरल पदार्थ की जांच से कैंसर की कोशिकाओं और ट्यूमर के दूसरे लक्षणों का पता चल जाता है।  

6. बायोप्सी (Biopsy)- ब्रेन ट्यूमर को कंफ़र्म करने के लिये बायोप्सी ही एकमात्र विकल्प हे। बायोप्सी के जरिये कैंसर या ऊतकों में ऐसे परिवर्तन का पता चलता है जो कैंसर का कारण बन सकते हैं। 

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ब्रेन ट्यूमर का उपचार – Brain Tumor Treatment 

ब्रेन ट्यूमर का उपचार कीमोथेरेपी, रेडियेशन थेरेपी या कंप्यूट्राइज्ड स्टीरियोटौक्सी एवं रोबेटिक सर्जरी जैसी नवीनतम तकनीकों के माध्यम से किया जाता है। डॉक्टर निम्नलिखित बातों का आकलन करके उपचार की विधि निर्धारित करते हैं जिनका विवरण हम आगे   देंगे –

1. ट्यूमर का प्रकार।

2. ब्रेन के किस हिस्से में ट्यूमर है।

3. ट्यूमर का आकार कितना बड़ा है।

4. ट्यूमर का फैलाव कितना है।

5. कोशिकाऐं कितनी असामान्य हैं।

6. मरीज का कुल स्वास्थ्य का स्तर कैसा है। 

कुछ उपचार प्रक्रियाओं का विवरण निम्न प्रकार है – Some of the Treatment Procedures are Detailed as Follows

1. सर्जरी (Surgery)- सर्जन उपरोक्त बातों को ध्यान में रखते हुऐ यह आकलन करते हैं कि ब्रेन ट्यूमर जिस स्थान पर स्थित है वहां ऑपरेशन करना कितना आसान है, और सर्जरी से ट्यूमर पूरा, थोड़ा निकाला जा सकता है या बिलकुल नहीं निकाला जा सकता। यदि यह आसान लगता है तो सर्जन ज्यादा से ज्यादा ट्यूमर को हटाने कोशिश करते हैं। सर्जरी इंडोस्कोपिक प्रक्रिया से की जाती है या फिर स्टीरिओटेक्सी से बायोप्सी। 

2. रेडिएशन थेरेपी (Radiation Therapy)- रेडिएशन थेरेपी में हाई एनर्जी का उपयोग किया जाता है, जैसे एक्स-रे का इस्तेमाल ट्यूमर कोशिकाओं को खत्म करने के लिये किया जाता है। इस विधि में बीम रेडिएशन बाहर से दिया जा सकता है। हां, दुर्लभ मामलों में रेडिएशन शरीर के अंदर ट्यूमर के पास रखी जा सकती है। इसे ब्रैकीथेरेपी कहा जाता है। 

3. कीमोथेरेपी (Chemotherapy)- कीमोथेरेपी का उपयोग ट्यूमर कोशिकाओं को नष्ट करने के लिये किया जाता है। कीमोथेरेपी की दवाओं को या तो टेबलेट के रूप में या फिर रक्त वाहिका में इंजेक्शन के जरिये से लिया जाता है। मितली, उल्टी और बालों के झड़ना कीमोथेरपी के दुष्परिणाम होते हैं।  

उपचार के बाद पुनर्वास – Post Treatment Rehabilitation 

ब्रेन ट्यूमर के उपचार के बाद भी बोलने, देखने, सोचने, समझने में दिक्कत होती है यहां तक कि दैनिक कार्य कुशलता और क्षमता भी प्रभावित होती है। इस कारण दैनिक कार्यों को करने में कठिनाई होती है। इन सब समस्याओं से उबरने के लिये निम्नलिखित थेरेपी लेने की सलाह देते हैं। ये थेरेपी अस्पताल में ही उपलब्ध होती हैं। मरीज चाहे तो बाहर से भी थेरेपी ले सकता है –

1. फिजिकल थेरेपी – यह मांसपेशियों की ताकत में सुधार करने में मदद करती है। 

2. स्पीच थेरेपी – यह बोलने में होने वाली दिक्कतों को कम या दूर करने में मदद करती है।

3. ऑक्यूपेशनल थेरिपी – इससे व्यावसायिक कार्यों को करने, कार्यकुशलता और कार्य क्षमता में सुधार लाने में मदद मिलती है। 

ब्रेन ट्यूमर सर्जरी का खर्च – Brain Tumor Surgery Cost

भारत में ब्रेन ट्यूमर सर्जरी की औसत लागत अलग-अलग शहरों के अस्पतालों के आधार पर अलग-अलग हो सकती हैं। वैसे औसत लागत लगभग 2,50,000 से 7,50,000 रुपये तक हो सकती है।

बेस्ट टॉप अस्पतालों के डॉक्टरों द्वारा सस्ता इलाज – Cheap Treatment by Doctors from Best Top Hospitals

अपोलो अस्पताल के न्यूरो सर्जन डॉ। सुनीत मेंहदीरता के अनुसार वे अलग-अलग प्राइवेट अस्पतालों के डॉक्टरों और देश के टॉप मेडिकल संस्थानों से अपनी पढ़ाई पूरी कर चुके डॉक्टरों के साथ मिलकर flydoc के नामक एक संस्था चला रहे हैं। इस संस्था से 15 सर्जन जुड़े हुऐ हैं जो अब तक 100 से अधिक सर्जरी और ऑपरेशन कर चुके हैं। इसका flydoc.in नाम से एक पोर्टल भी है। इस पोर्टल पर उन सभी डॉक्टरों की जानकारी दी गई है, जो काम खर्च में अच्छा इलाज देने के लिये काम करते हैं क्योंकि हजारों लोग बड़े-बड़े अस्पतालों में इलाज के लिये लाखों रुपये खर्च नहीं कर सकते। इस संस्था से ना केवल दिल्ली बल्कि पटना, भोपाल, श्रीनगर, गुवाहाटी, ग्वालियर, उत्तर प्रदेश सहित देश के किसी भी स्थान से कोई भी जरूरतमंद व्यक्ति संपर्क कर सकता है। 

विभिन्न प्रकार की सर्जरी के लिये प्राईवेट अस्पतालों में आने वाले खर्च और इस संस्था द्वारा की गई विभिन्न सर्जरी के लिये आने वाले खर्च का तुलनात्मक विवरण निम्न प्रकार है – 

सर्जरी और ऑपरेशन का        flydoc की फीस

नाम तथा नामी अस्पताल 

की फीस 

स्पाइन एंड ट्यूमर सर्जरी         

करीब 5 लाख रुपये             2 लाख रुपये

ब्रेन ट्यूमर सर्जरी

4 से 5 लाख रुपये             1.75 लाख 

हेड इंजरी

4 से 4.5 लाख रुपये             1.50 लाख 

कैंसर

5 से 10 लाख रुपये             2.5 से 3 लाख 

ब्रेस्ट कैंसर

2 से 3 लाख रुपये             1.5 लाख 

ENT सर्जरी

1 से 1.5 लाख रुपये            60 से 70 हजार 

ऑर्थोपेडिक सर्जरी 

(घुटनों आदि की)

4 से 5 लाख रुपये         2.5 से 3 लाख 

Conclusion – 

दोस्तो, आज के आर्टिकल में हमने आपको ब्रेन ट्यूमर के बारे में विस्तार से जानकारी दी। ब्रेन ट्यूमर क्या है?, ब्रेन ट्यूमर के प्रकार, ब्रेन ट्यूमर के कारण और जोखिम कारक, ब्रेन ट्यूमर के संकेत और लक्षण, ब्रेन ट्यूमर का परीक्षण​, ब्रेन ट्यूमर का उपचार और उपचार के बाद पुनर्वास, इन सब के बारे में भी विस्तारपूर्वक बताया। देसी हैल्थ क्लब ने इस आर्टिकल के माध्यम से ब्रेन ट्यूमर सर्जरी के खर्च के बारे में बताया और बेस्ट टॉप अस्पतालों के डॉक्टर्स द्वारा सस्ता इलाज मुहैया कराने के बारे में भी जानकारी दी। आशा है आपको ये आर्टिकल अवश्य पसन्द आयेगा। 

दोस्तो, इस आर्टिकल से संबंधित यदि आपके मन में कोई शंका है, कोई प्रश्न है तो आर्टिकल के अंत में, Comment box में, comment करके अवश्य बताइये ताकि हम आपकी शंका का समाधान कर सकें और आपके प्रश्न का उत्तर दे सकें। और यह भी बताइये कि यह आर्टिकल आपको कैसा लगा। आप इस पोस्ट को अपने दोस्तों और सगे – सम्बन्धियों के साथ भी शेयर कीजिये ताकि सभी इसका लाभ उठा सकें। दोस्तो, आप अपनी टिप्पणियां (Comments), सुझाव, राय कृपया अवश्य भेजिये ताकि हमारा मनोबल बढ़ सके। और हम आपके लिए ऐसे ही Health-Related Topic लाते रहें। धन्यवाद।

Disclaimer – यह आर्टिकल केवल जानकारी मात्र है। किसी भी प्रकार की हानि के लिये ब्लॉगर/लेखक उत्तरदायी नहीं है। कृपया डॉक्टर/विशेषज्ञ से सलाह ले लें।

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दोस्तो, आज के आर्टिकल में हमने आपको ब्रेन ट्यूमर के बारे में विस्तार से जानकारी दी। ब्रेन ट्यूमर क्या है, ब्रेन ट्यूमर के प्रकार, ब्रेन ट्यूमर के कारण और जोखिम कारक, ब्रेन ट्यूमर के संकेत और लक्षण, ब्रेन ट्यूमर का परीक्षण​, ब्रेन ट्यूमर का उपचार और उपचार के बाद पुनर्वास, इन सब के बारे में भी विस्तारपूर्वक बताया है।
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