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जामुन खाने के फायदे –  Benefits of Eating Jamun in Hindi

जामुन खाने के फायदे

दोस्तो, स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग पर। दोस्तो, जब गर्मियां जाने लगती हैं और बरसात का मौसम शुरु होता है तो काले-काले फलों से सड़क अटी पड़ी रहती है। दरअसल ये काले रंग के बजाय गहरे जामुनी रंग के फल होते हैं और लोग इनको उठाकर साफ करके ऐसे ही खाते हैं। यह गहरे जामुनी रंग का फल रंग के नाम से ही जामुन के रूप में जाना जाता है। इस जामुन को सामान्यतः नमक लगाकर खाया जाता है इसके कारण का जिक्र हम आगे करेंगे। जामुन खाने का सबसे ज्यादा फायदा ब्लड शुगर वालों को होता है क्योंकि यह शुगर लेवल को कंट्रोल करती है।

केवल फल ही नहीं, इसकी गुठली, पत्ते, इसके वृक्ष की छाल भी बीमारियों के उपचार में काम आते हैं। इसका उपयोग प्राचीन काल से ही आयुर्वेदिक, यूनानी और चीनी चिकित्सा पद्धति में किया जाता रहा है। आखिर ऐसा क्या है इसमें जिसे स्वास्थ के लिये अपनाया गया। दोस्तो, यही है हमारा आज का टॉपिक “जामुन खाने के फायदे”। देसी हैल्थ क्लब इस आर्टिकल के माध्यम से आज आपको जामुन के बारे में विस्तार से जानकारी देगा और यह भी बतायेगा कि जामुन खाने के क्या फायदे होते हैं। तो, सबसे पहले जानते हैं कि जामुन क्या है और जामुन की खेती कहां होती है। फिर इसके बाद बाकी बिन्दुओं पर जानकारी देंगे।

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जामुन खाने के फायदे
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जामुन क्या है? – What is Jamun

जामुन भारतीय मूल का गूदेदार फल है जिसका छिलका बहुत ही पतला और गहरे जामुनी रंग का होता है। इसके गूदे का रंग हल्का जामुनी होता है, इसकी प्रकृति अम्लीय होती है मगर इसका स्वाद हल्का सा खठास लिये मीठा होता है। अम्लीय प्रकृति होने के कारण इसे नमक लगाकर खाया जाता है। इसकी गुठली मोटी होती है, इसलिये यह केवल 70 प्रतिशत ही खाने लायक होता है। इसमें ग्लूकोज और फ्रुक्टोज की प्रचुर मात्रा होती है। 

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जामुन का वानस्पतिक नाम Syzygium cumini है और अंग्रेजी में यह Blackberry के नाम से प्रसिद्ध है। यह आयरन का बेहतर स्रोत है, प्रति 100 ग्राम जामुन से दो मिलीग्राम आयरन मिल जाता है। जामुन में कई विटामिन, कैरोटिन, मैग्नीशियम, फाइबर, काबोहाइट्ररेट, प्रोटीन और कैल्शियम जैसे पोषक तत्व पर्याप्त मात्रा में मौजूद होते हैं। जामुन डायबिटीज के मरीजों के लिये प्रकृति का वरदान है, यह कई अन्य बीमारियों में भी लाभदायक है। जामुन का वृक्ष काफी बड़ा होता है लगभग 30 से 35 फीट लंबा। यह वृक्ष, रोपण के बाद 35 से 50 वर्ष तक फल देता है और लगभग 100 वर्ष तक जीवित रहता है। 

जामुन की खेती कहां होती है? – Where is Jamun Cultivated?

1. जामुन भारतीय मूल का फल है।

2. जामुन के वृक्ष नेपाल, पाकिस्तान, श्रीलंका, फिलीपींस, मेडागास्क, दक्षिण एशिया के अन्य देश तथा इण्डोनेशिया में पाये जाते हैं।

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3. भारत में उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, महाराष्ट्र, गुजरात, असम, झारखंड राज्यों में जामुन की खेती होती है। दिल्ली के नई दिल्ली क्षेत्र में सड़कों के किनारे जामुन के काफी वृक्ष हैं जिनसे जामुन तोड़ने और बेचने के लिये सरकारी ठेका दिया जाता है। विश्व में जामुन उत्पादन में भारत का दूसरा स्थान है। 

जामुन के गुण – Properties of Jamun

1. जामुन की तासीर ठंडी होती है।

2. जामुन की प्रकृति अम्लीय होती है मगर इसका स्वाद हल्का सा खठास लिये मीठा होता है। अम्लीय प्रकृति होने की वजह से इसे नमक लगाकर खाया जाता है। शरीर को जितने लवण चाहियें, वे सभी जामुन में मिल जाते हैं। 

3. जामुन का रंग बहुत पक्का होता है। यदि कपड़ों पर लग जाये तो आसानी से छुटता नहीं है। जामुन खाने से जीभ का रंग भी जामुनी हो जाता है। 

4. जामुन का उपयोग आयुर्वेदिक, यूनानी और चीनी चिकित्सा पद्धति में किया जाता है। 

5. जामुन का केवल फल ही नहीं, इसकी गुठली, पत्तियां, पेड़ की छाल भी उपयोगी होती हैं। 

6. पोषण तत्व (मात्रा प्रति 100 ग्राम) – 

ऊर्जा   251 केजे (60 किलो कैलोरी)

प्रोटीन                 0.995 ग्राम

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पानी                         84.75 ग्रा.

वसा                          0.23 ग्रा.

कार्बोहाइड्रेट         14 ग्रा.

डायटरी फाइबर         0.6 ग्रा

विटामिन-ए                 3 आईयू

थायमिन (B1)         0.019 मि.ग्रा.

राइबोफ्लेविन (B2) 0.009 मि.ग्रा.

नियासिन (B3)         0.245 मि.ग्रा.

पैंटोथेनिक एसिड(B5)   0.160 मि.ग्रा.

विटामिन B6           0.038 मि.ग्रा.

विटामिन C           11.85 मि.ग्रा.

कैल्शियम                   11.65 मि.ग्रा.

आयरन                   1.41 मि.ग्रा.

मैग्नीशियम                   35 मि.ग्रा.

पोटेशियम                   55 मि.ग्रा.

सोडियम                   26.2 मि.ग्रा.

फास्फोरस                   15.6 मि.ग्रा.

जामुन का उपयोग – Use of Jamun

1. आयुर्वेद में जामुन का प्रमुख उपयोग डायबिटीज को नियन्त्रित करने के लिये किया जाता है। इसके अतिरिक्त अन्य बीमारियों के उपचार के लिये किया जाता है।

2. जामुन का उपयोग जैम और जैली बनाने के लिये किया जाता है।

3. जामुन का शरबत बनाया जाता है।

4. जामुन का सिरका भी बनाया जाता है।

5. जामुन की शराब भी बनाई जाती है।

6. जामुन की गुठलियों का चूर्ण बनाया जाता है।

जामुन खाने का सही समय – Right Time to Eat Jamun

सुबह खाना खाने के बाद जामुन खानी चाहिये। इससे  पेट की समस्याऐं दूर होती हैं। एक बात का ध्यान रखें कि जामुन कभी खाली पेट ना खायें।

जामुन की मात्रा – Amount of Jamun

1. प्रतिदिन 200 ग्राम तक जामुन खाई जा सकती है। 

2. 10 से 20 मि. ली जामुन का रस पीया जा सकता है।

3.  3 से 5 ग्राम जामुन का चूर्ण सेवन कर सकते हैं। 

जामुन खाने के फायदे – Benefits of Eating Jamun

अब बताते हैं जामुन खाने के फायदे जो निम्न प्रकार हैं –

1. डायबिटीज में फायदेमंद (Beneficial in Diabetes)- डायबिटीज के मरीजों के लिये जामुन प्रकृति का उपहार है। जामुन में हाइपोग्लाइसिमिक गुण मौजूद होते हैं। जामुन की गुठली में अल्केलॉइड्स होते हैं जो ब्लड शुगर कम करने में मदद करते हैं। डायबिटीज के मरीज रोजाना 200 ग्राम जामुन का सेवन कर सकते हैं। इसकी गुठली को सुखाकर, पीसकर पाउडर बना लें। रोजाना सुबह शाम तीन ग्राम इस पाउडर का पानी के साथ सेवन करें। डायबिटीज के कारण बार-बार प्यास लगना, मूत्र विसर्जन की इच्छा जैसी समस्याओं में भी फायदा होगा। दावा करने वाले जड़ से खत्म होने की बात कहते हैं लेकिन इतना तय है कि जामुन के नियमित सेवन से बल्ड  शुगर 30 प्रतिशत तक जरूर कम हो जायेगी। 

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2. खून की कमी पूरी करें (Make up for Blood Loss)- शरीर में खून की कमी को एनीमिया कहा जाता है। यह समस्या अक्सर महिलाओं में देखने को मिलती है। जामुन में विटामिन-सी और आयरन की प्रचुर मात्रा होती है जो लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण में मदद करते हैं लाल रक्त कोशिकाओं की बढ़ोतरी से हिमोग्लोबिन की भी कमी नहीं होती। इस तरह शरीर में खून की कमी नहीं होती। 

3. प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत बने (Strengthen the Immune System)- जैसा कि हमने ऊपर बताया कि जामुन में विटामिन-सी और आयरन की प्रचुर मात्रा होती है, इसके अतिरिक्त जामुन में कैल्शियम, पोटेशियम जैसे कई अन्य खनिज मौजूद होते हैं। ये सब शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में सहायक होते हैं। विटामिन-सी एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट के रूप में काम करके प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत बनाने में सक्रिय भूमिका निभाता है। 

4. संक्रमण से बचाव करे (Prevent Infection)- जामुन में एंटीबैक्टीरियल, एंटीइंफैक्शन और एंटीमलेरिया गुण मौजूद होते हैं जो हमें जीवाणुओं द्वारा होने वाले संक्रमण से रक्षा करते हैं। हमने ऊपर भी बताया है कि जामुन खाने से प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत बनती है जो हमें अनेक संक्रमणों से बचाती है। जामुन में मैलिक, गैलिक, ऑक्जैलिक और बेटुलिक जैसे जरूरी एसिड भी पाये जाते हैं। 

5. रक्त को शुद्ध करे (Purify the Blood)- प्रतिदिन जामुन खाने से खून भी साफ़ होता है जिससे मेटाबॉलिज्म भी सुचारु रूप से काम करता है। जामुन की छाल एक ब्लड प्यूरीफायर के रूप में काम करके रक्त को शुद्ध करती है जिससे त्वचा भी चमकदार बनी रहती है। जामुन की छाल घिसकर इसे थोड़े से पानी के साथ लिया जा सकता है। 

6. आंखों के लिये फायदेमंद (Beneficial for Eyes)- प्रदूषण, धूल, धूंआ, मिट्टी की वजह से आंखों में जलन होना स्वाभाविक है। फिर इलेक्ट्रॉनिक स्क्रीन के सामने बैठकर काम करना भी आंखों में जलन पैदा करता है। बच्चे या बड़े सभी इसी समस्या से प्रभावित होते हैं, ऐसे में जामुन के पत्ते बहुत काम आते हैं। जामुन के मुलायम पत्तों को 400 मिली पानी में तब तक उबालें जब तक कि यह एक चौथाई ना रह जाये। इस पानी को ठंडा करके, इससे आंखें धोयें। आंखों की जलन में आराम लगेगा। 

7. बवासीर में फायदेमंद (Beneficial in Piles)- बवासीर बेहद कष्टकारी रोग है। मल त्याग में बहुत कष्ट होता है और खून भी आता है। जामुन के फूलों का रस निकाल लें। 20 मिली रस में थोड़ी-सी शक्कर मिलाकर दिन में तीन बार पीयें। या 10 ग्राम जामुन के पत्तों को 250 मिली गाय के दूध में मिलाकर सात दिन तक तीन बार पीयें। खून बंद हो जायेगा। 

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8. पेट की समस्या में फायदेमंद (Beneficial in Stomach Problem) – पेट की समस्याऐं जैसे भोजन ना पचना अर्थात् अपच की समस्या, मरोड़, ऐंठन आदि से राहत पाने के लिये जामुन की छाल का उपयोग करें। जामुन की छाल का काढ़ा बनाकर पीयें या जामुन की छाल को घिसकर पानी के साथ पीयें, दिन में दो बार। निश्चित रूप से आराम लग जायेगा। विकल्प के तौर पर 100 ग्राम जामुन रोजाना, सुबह का नाश्ता करने के बाद खायें। 

9. पथरी निकालने में मदद करें (Help with Gallstones)- जिन लोगों के पेट में पथरी है उनके लिये जामुन मददगार साबित हो सकती है। जामुन की गुठली को दही में मिलाकर खायें। या जामुन के 10 मि।ली। रस में 250 मि।ग्रा। सेंधा नमक मिलाकर रोजाना दो, तीन बार पीयें। इससे मूत्राशय की पथरी टूटकर बाहर निकल जायेगी। 

10. लिवर के लिये फायदेमंद (Beneficial for Liver)- लिवर से जुड़े रोगों में भी जामुन के फायदे देखे जा सकते हैं। लिवर में सूजन हो या तिल्ली की समस्या, 10 मि।ली। जामुन का रस रोज पीयें या 10 मि।ली। जामुन का सिरका रोजाना पीयें। लिवर के बढ़ने के विकार में भी आराम आ जायेगा। 

11. पीलिया में फायदेमंद (Beneficial in Jaundice)- पीलिया एक ऐसा रोग है जो सीधे तौर पर लिवर की कार्य प्रणाली में बनता है। लाल रक्त कोशिकाओं के (Red blood cells) टूटने पर बिलीरुबीन बढ़ता है। बिलीरुबीन लाल रक्त कोशिकाओं में पाये जाने वाला एक पीले रंग का पदार्थ होता है। रक्त में बिलीरुबिन की मात्रा 2।5 से अधिक होने पर लिवर के काम करने में रुकावट आ जाती है। पीलिया हो जाने पर जामुन के 10-15 मि।ली। रस में दो चम्मच शहद मिलाकर पीयें। पीलिया खत्म हो जायेगा।

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12.  किडनी के लिये उपयोगी (Useful for Kidney)- किडनी से संबंधित समस्या के निवारण के लिये जामुन की गुठली का पाउडर उपयोग करें। जामुन की गुठली को कूटकर इसका इसका पाउडर तैयार कर लें। इस पाउडर की 3-5 ग्राम मात्रा लेकर दही में मिलाकर खायें। किडनी में पथरी में फायदा होगा व अन्य समस्याऐं भी खत्म हो जायेंगी। विकल्प के तौर पर जामुन की गीली गुठली का पेस्ट बनाकर दही में मिलाकर रात को सोते समय खायें। 

13. कील, मुंहासे दूर करे (Remove Pimples, Acne)-  कील, मुंहासों की समस्या से निपटने के लिये जामुन की गुठली का इस्तेमाल करें। जामुन की गुठली को गाय के दूध के साथ पीसकर गाढ़ा पेस्ट तैयार कर लें। इस पेस्ट को रात को सोने से पहले चेहरे पर लगाकर छोड़ दें। इसके सूख जाने के बाद पानी से धो लें। इसके अतिरिक्त सुबह के भोजन के बाद जामुन भी खायें। इससे त्वचा के अंदर बाहर की सफाई होगी, खून साफ़ होगा और कील, मुंहासे भी बहुत जल्दी खत्म हो जायेंगे। 

14. ‌‌‌मसूड़ों के लिये फायदेमंद (Beneficial for Gums)- यदि मसूड़ों में खून आने की समस्या है तो जामुन की गुठली को पीसकर हल्का सा नमक मिलाकर मसूडों पर लगायें। इससे खून आने की समस्या खत्म हो जायेगी। मसूड़ों में सूजन के लिये जामुन के पत्तों को उबाल कर कुल्ला करें और यदि मुंह की बदबू से परेशान हैं तो जामुन की ताजा पत्तियों को चबायें।  

जामुन खाने के नुकसान – Side Effects of Eating Jamun 

स्वाद-स्वाद में जामुन ज्यादा खा लेने से हो सकते हैं निम्नलिखित नुकसान –

1. बुखार, शरीर में दर्द और गले की समस्या हो सकती है।

2. खांसी हो सकती है।

3. फेफड़ों से जुड़ी कोई भी समस्या हो सकती है।

4. पेट में भारीपन, एसिडिटी और गैस बनने की समस्या हो सकती है।

5. जामुन ज्यादा खा लेने से पेशाब का बंध लग सकता है।

6. डायबिटीज के मरीज यदि हद से ज्यादा खाते हैं तो उनका शुगर लेवल बहुत ही ज्यादा कम हो सकता है जिससे परेशानी बढ सकती है।

Conclusion – 

दोस्तो, आज के आर्टिकल में हमने जामुन खाने के फायदे के बारे में विस्तार से जानकारी दी। जामुन क्या है, जामुन की खेती कहां होती है। जामुन के गुण, जामुन का उपयोग, जामुन खाने का सही समय और जामुन की मात्रा, इन सब के बारे में भी विस्तार पूर्वक बताया। देसी हैल्थ क्लब ने इस आर्टिकल के माध्यम से जामुन खाने के बहुत सारे फायदे बताये और कुछ नुकसान भी बताये। आशा है आपको ये आर्टिकल अवश्य पसन्द आयेगा। 

दोस्तो, इस आर्टिकल से संबंधित यदि आपके मन में कोई शंका है, कोई प्रश्न है तो आर्टिकल के अंत में, Comment box में, comment करके अवश्य बताइये ताकि हम आपकी शंका का समाधान कर सकें और आपके प्रश्न का उत्तर दे सकें। और यह भी बताइये कि यह आर्टिकल आपको कैसा लगा। आप इस पोस्ट को अपने दोस्तों और सगे – सम्बन्धियों के साथ भी शेयर कीजिये ताकि सभी इसका लाभ उठा सकें। दोस्तो, आप अपनी टिप्पणियां (Comments), सुझाव, राय कृपया अवश्य भेजिये ताकि हमारा मनोबल बढ़ सके। और हम आपके लिए ऐसे ही Health-Related Topic लाते रहें। धन्यवाद।

Disclaimer – यह आर्टिकल केवल जानकारी मात्र है। किसी भी प्रकार की हानि के लिये ब्लॉगर/लेखक उत्तरदायी नहीं है। कृपया डॉक्टर/विशेषज्ञ से सलाह ले लें।

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दोस्तो, आज के आर्टिकल में हमने जामुन खाने के फायदे के बारे में विस्तार से जानकारी दी। जामुन क्या है, जामुन की खेती कहां होती है। जामुन के गुण, जामुन का उपयोग, जामुन खाने का सही समय और जामुन की मात्रा, इन सब के बारे में भी विस्तार पूर्वक बताया है।
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