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मुंह के छालों का देसी इलाज – Home Remedies of Mouth Ulcers in Hindi

दोस्तो, स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग पर। हमारा आज का टॉपिक है मुंह के छालों का देसी इलाज जी हां, मुंह में छाले जिसे कोई बहुत बड़ी, डराने वाली, या खतरनाक, गंभीर बीमारी नहीं माना जाता परन्तु ये परेशान बहुत करती है। हम सब कभी ना कभी मुंह में छालों की समस्या से जरूर गुजरे हैं और अच्छी तरह से जानते हैं कि कितनी परेशानी होती है खाने-पीने में, बातचीत करने में, यहां तक कि पानी से भी नहीं सटका जाता। चीस लगने लगती है मुंह में। छाले बहुत कष्टकारी होते हैं। ये जीभ, होंठ, गाल या गले में पाए जातें हैं। कारण के आधार पर इन्हें दो भागों में विभाजित किया जा सकता है :-

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मुंह के छालों का देसी इलाज
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1. एफ्थस छाले (Aphthous Ulcers)-  यह किसी बीमारी के कारण और दूसरे कारणों से नहीं बल्कि पेट की खराबी, तीखा भोजन या कब्ज आदि की वजह से होते हैं।

2. बुखार के छाले (Fever blisters)– यह होठों के आस-पास हर्पिज सिम्प्लेक्स वायरस (Herpes simplex virus) के कारण होते हैं।

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यदि आकार की बात की जाये तो ये तीन प्रकार के होते हैं:-

1. छोटे छाले (Small Blisters)- लगभग 3 से 10 मिलीमीटर, 14 दिन में   ठीक हो जातें हैं और इनके कोई निशान नहीं रहते।

2. बड़े छाले (Big Blisters)- 10 मिलीमीटर या ज़्यादा। ठीक होने में कुछ हफ्ते या कुछ महीने लग सकते हैं और ठीक होने पर निशान छोड़ देते हैं। 

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3. हेरपेटिफोर्म छाले (Herpetiform Ulcers)- यानि छोटे-छोटे छालों का समूह। आकार 2-3 मिलीमीटर। ये 100 छाले तक इकट्ठे हो सकते हैं। ठीक होने पर निशान नहीं रहते। 

मुंह के छालों का देसी इलाज – Home Remedies of Mouth Ulcers

1. नींबू के रस में शहद मिलाकर इसके कुल्ले करने से मुंह के छाले दूर होते हैं। 

2. एक कप पानी में एक चम्मच धनिया पाउडर मिलाकर उबालें। पानी ठंडा होने पर इससे दिन में 3-4 बार कुल्ला करें।

3. जायफल का काढ़ा बनाकर इससे दिन में 5-6 बार कुल्ला करें।

4. छाछ से दिन में तीन चार बार कुल्ला करने से मुंह के छाले ठीक होते हैं।

5. टमाटर का रस एक गिलास पानी में मिलाकर कुल्ले करने से छाले ठीक हो जाते हैं।

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6. बबूल की छाल के काढ़े से कुल्ला करने से मुंह के छाले ठीक जाते हैं।

7. मौलसरी के काढ़े में एक चुटकी फुलाई हुई फिटकरी डालकर मिला लें। फिर इससे कुल्ला करें। आराम मिलेगा। 

8. मुलहठी के गरारे भी छालों में आराम पहुंचाते हैं।

9. जामुन की छाल का काढ़ा बनाकर गरारा करें।

10. 30 ग्रा। बरगद की छाल को 1 ली। पानी में उबालकर गरारे करने से मुँह के छाले ठीक हो जाते हैं।

11. नीम के पत्ते उबाल कर इसमें लहसुन के रस की चार-पांच बूंद डालकर इससे गरारे करने करें।

12. नमक को पानी में मिलाकर गरारे करें, ताकि मुंह साफ रहे।

13. कत्था, मुलेहठी का चूर्ण और शहद मिलाकर मुंह के छालों पर लगाने से आराम मिलेगा। 

14. कत्था अमरूद के मुलायम पत्तों में मिलाकर उसे पान की तरह चबायें।

15. 25 ग्रा। आंवला, 10 ग्रा। सौंफ, 5 ग्रा। सफेद इलायची और 25 ग्रा। मिश्री का चूर्ण बना लें। इसे आधे ग्रा। की मात्रा में दिन में दो बार पानी के साथ लें। छालों में आराम मिलेगा।

16. चमेली के पत्तों को पीस कर उसके रस को छालों पर लगाने आराम मिलेगा।

17. चमेली और अमरूद के 5-5 पत्ते लेकर थोड़ी देर तक मुंह में धीरे-धीरे चबाएं। थोड़ी देर बाद पानी बाहर निकाल दें।

18. चमेली के पत्तों को चबाने से मुंह के छाले समाप्त हो जाते हैं।

19. सूखे पान के पत्ते का चूर्ण बनाकर शहद में मिलाकर चाटने से छाले ठीक हो जाएंगे।

20. पान के पत्तों का रस निकालकर, देशी घी में मिलाकर छालों पर लगाने से फायदा होता है। 

21. शहद में मुलेठी का चूर्ण मिलाकर इस लेप को मुँह के छालों पर लगाएँ और लार को मुंह से बाहर टपकने दें।

22. हल्दी एंटीसेप्टिक और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण से भरपूर होती है। हल्दी को पानी में मिलाकर पेस्ट बना लें और उसे छालों पर लगाएं। 

23. अमलतास की फली मज्जा को धनिये के साथ पीसकर थोड़ा कत्था मिलाकर मुंह में रखिए। या केवल अमलतास के गूदे को मुंह में रखें। मुंह के छाले खतम हो जायेंगे।

24. शहद और मुलेठी के पेस्ट का प्रयोग मुंह के छालों में फायदा देगा।

25. सुहागे को तवे पर फुला कर, पीसकर थोड़े से शहद में मिला लें। इसे छालों पर दिन में तीन-चार बार लगाएं। 

26. मुंह में लौंग का तेल लगा सकते हैं। 

27. खाना खाने के बाद गुड़ चूसने से छालों में राहत मिलेगी।

28. दिनभर में हर थोड़ी-थोड़ी देर में पानी पीते रहना चाहिये ताकि शरीर का तापमान नियंत्रित रहे।

मुंह के छाले  का लक्षण – Symptoms of Mouth Ulcers

मुंह के छाले अक्सर जीभ, गालों की की अंदर की सतह, मसूड़ों, होंठ के अंदर या तालु के पीछे की नर्म हिस्से पर हो जाते हैं। मुंह के छालों के कुछ लक्षण इस प्रकार हैं:

1. छाला बनने से 1 दिन पहले से जलन, चुभन या अजीब सी झनझनाहट होना।

2. बोलने, खाना खाने, निगलने, पानी सटकने में तकलीफ महसूस होना। 

3. छाला सफेद, ग्रे या पीले रंग का होता है, उसका लाल रंग का बॉर्डर होता है।

इनके अतिरिक्त कुछ और भी लक्षण हो सकते हैं किसी गंभीर समयस्या की ओर इशारा करते  हैं :-

1.  सूजी हुई लसिका ग्रंथि, (lymph nodes)

2. बुखार

3.  वजन कम होना 

4. मुंह या गले में फंगल इन्फेक्शन।

ऐसी स्थिति में डॉक्टर को दिखाना चाहिये।

अब नजर डालते हैं मुंह में छाले होने के कारणों का। आयुर्वेद में मुंह के छालों को मुखपाक कहा गया है और ये पित्त दोष होने के कारण होते हैं। 

मुंह के छालों के मुख्य कारण इस प्रकार हैं – Main causes of Mouth Ulcers

1. पेट की खराबी या कब्ज रहना।

2. विटामिन बी-12, जिंक, फोलिक एसिड और आयरन की शरीर में कमी होना।

3. बहुत ज्यादा तला-भुना और मिर्च-मसाले वाला भोजन करना।

4. महिलाओं में मासिक धर्म के समय होने वाले हार्मोन्स में बदलाव।

5. टूथपेस्ट या माउथवॉश का जिसमें सोडियम लॉयरल सल्फेट (Sodium Lauryl Sulfate) मौजूद हो।

6. दांत साफ करते समय खरोंच लगना, ज़्यादा ब्रश करना, खेल के दौरान चोट लगना, गलती से गाल काटना आदि। 

7. किसी विशेष खाद्य सामग्री के प्रति संवेदनशीलता या एलर्जी जैसे अण्डा, स्ट्रॉबेरी, नट्स, चॉकलेट, कॉफ़ी, चीज़ आदि।

8. ऐस्पिरिन या एल्कोहल जैसे रसायन हमारे मुँह की श्लेष्मा झिल्ली के सम्पर्क में आने से उसको परिगलित करते हैं जिससे यहाँ छाले बन सकते हैं।

9. धूम्रपान करने, गुटखा, सुपारी, जर्दा आदि का सेवन करने से भी छाले होते हैं।

इसके अलावा कुछ बीमारियों के कारण भी मुँह में छाले पड़ते हैं।

10. आंत्र के रोग जैसे क्रोन रोग (Crohn’s disease) और अल्सरेटिव कोलाइटिस  (Ulcerative colitis)होने पर।

11. सीलिएक रोग (Celiac disease) नामक आंत्र विकार, इसमें व्यक्ति को ग्लूटेन के प्रति संवेदनशीलता होती है, ग्लूटेन अनाज में पाया जाने वाला एक प्रोटीन है।

12. रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्युनिटी पावर) का कमजोर होना।

13. एच।आई।वी। होना, जिससे रोग से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है।

14. बेहसेत डिजीज (Behcet’s disease), एक ऐसा विकार जो मुँह के साथ पूरे शरीर में जलन करता है।

मुंह के छालों से बचाव – Avoidance of Mouth Ulcers

यदि हम थोड़ी सावधानी बरतें तो मुंह के छालों से बचाव हो सकता है। ये सावधानियां इस प्रकार हैं।

1. ज्यादा से ज्यादा मात्रा में पानी का पीजिए, इससे पेट साफ होगा और मुंह के छाले नहीं होंगे।

2. दांतों की सफाई नरम वाले टूथब्रश सावधानी से करें।  

3. तीखा, मिर्च एवं अधिक मसाले वाले भोजन से परहेज करें।

4. बहुत ज्यादा च्युइंगम ना चबायें।

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5. विटामिन-सी से युक्त फलों एवं सब्जियों का सेवन करें।

6. विटामिन-बी युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करें जैसे दूध, दही, मक्खन, पनीर आदि। 

7. पोषक तत्वों से युक्त भोजन करें क्योंकि विटामिन-बी6, फोलिक एसिड, जिंक, आयरन की कमी की वजह से भी छाले हो सकते हैं।

8. रेशेदार सब्जियों एवं फलों का सेवन करें।

9. भोजन के साथ सलाद के रूप में कच्चे प्याज का सेवन करें।

10. प्रतिदिन 7-8 गिलास पानी पीयें।

11. ग्रीन-टी का सेवन करें।

12. मुंह की सफाई का विशेष ध्यान रखें।

13. फंसा हुआ खाना निकालें ताकि सड़न पैदा ना हो। 

अब, जब मुंह में छाले हो ही गये हैं तब क्या करें। मुंह में छाले होने की स्थिति में क्या ना खायें और क्या खाना चाहिये डालते हैं इस पर दृष्टि :-

मुंह के छालों में खाने से बचें – Avoid Eating in Mouth Ulcers

1. सख्त और दानेदार खाद्य पदार्थ (जिनको चबाने/खाने से छोटे छोटे दानेदार कण बनते हों) जैसे मूंगफली, चने, बादाम आदि।

2. खुरदरे आहार जैसे कि सूखा टोस्ट। इनसे छाले छिल सकते हैं और अधिक तकलीफ देंगे।

3. तीखा, मिर्च मसाले वाला खाना या नमकीन खाना, खट्टे या टमाटर युक्त खाद्य पदार्थ अथवा नींबू या कच्चा टमाटर, मूली आदि।

4. कच्ची सब्ज़ियां ना खायें।

5. तीखे रसायन वाले कोल्ड ड्रिंक्स, कोका कोला, पैप्सी, लिम्का आदि के सेवन से बचें।

मुंह के छालों में क्या खाएं – What to Eat in Mouth Ulcers

1.  विटामिन-सी से युक्त फलों एवं सब्जियों का सेवन करें।

2. विटामिन-बी युक्त, नरम व क्रीम युक्त, ज्यादा कैलोरी और प्रोटीन वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करें जैसे दूध, दही, मक्खन, पनीर, सूप आदि। 

3. ठंडे आहार जैसे आइस क्रीम और ठंडा शरबत, फलों का जूस आदि।

4. मिल्कसेक पीना मुंह के छालों में बेहतर विकल्प है क्योंकि इससे शरीर में ठंढक जाती है। 

5. तरबूज खाना मुंह के छालों में अच्छा विकल्प है। 

6. केला खाना। केला पेट के लिए अच्छा होता है और यह मुंह के छालों को जल्दी से ठीक करने में सहायक है। 

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7. नाश्ते में कॉर्न फलेक्स ठंडे दूध में भिगो कर ले सकते  हैं।

8. चावल में अच्छे से दाल मिला कर खायें ताकि चावल मुलायम हो जाएं।

9. सादा नूडल्स (बिना मिर्च मसाले वाले) भी खा सकते हैं ये नर्म होते हैं।

10. आटे का हलुवा (सूजी वाला दानेदार होता है)।

11. दूध वाली सेंवियां।

12. साबूदाने की खीर।

13. ब्रैड बटर, उबले हुए अंडे 

14. मीट और मछली को छोटे हिस्सों में काट कर, मिक्सी में डाल के पतला बनाकर (पेस्ट की तरह) खायें।

Conclusion

दोस्तो, आज इस Post के माध्यम से हमने आपको मुंह के छालों का देसी इलाज के बारे में बताया। छाले होने कारण, इनसे बचाव, भोजन और देसी उपचार के बारे में जानकारी दी। आशा है आपको यह लेख अवश्य पसन्द आयेगा। कृपया अपने Comments, सुझाव, राय अवश्य भेजिये ताकि हमारा मनोबल बढ़ सके। और हम आपके लिए ऐसे ही Health- Related Topic लाते रहें। धन्यवाद।

Disclaimer- किसी भी रोग/समस्या के लिये कृपया डॉक्टर/आहार विशेषज्ञ से सलाह लें। यह लेख केवल जानकारी मात्र है। किसी भी प्रकार की हानि के लिये ब्लॉगर उत्तरदायी नहीं है।

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