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ऑक्सीजन लेवल बढ़ाने के उपाय – How to Increase Oxygen Level in Hindi

ऑक्सीजन लेवल बढ़ाने के उपाय

दोस्तो, स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग पर। दोस्तो, आपने रामचरित मानस की यह चौपाई तो सुनी होगी “क्षिति जल पावक गगन समीरा, पंच तत्व से बना शरीरा” अर्थात पृथ्वी, पानी, अग्नि, आकाश और वायु इन पांच तत्वों से शरीर बना है। इनमें से एक तत्व वायु ना मिले तो जीवन ही समाप्त हो जाता है क्योंकि वायु से ही हम सांस लेकर जीवित रह पाते हैं। इसलिए इस वायु को “प्राणवायु” कहा जाता है। यह प्राणवायु यानी ऑक्सीजन  हमें प्रकृति से मिलती है। और आज मानव जाति के लिये इसी प्राणवायु का भारी संकट उपस्थित हो गया है। आज की विकट परिस्थितियों में कोरोना वायरस का सीधा प्रहार मानव के फेफड़ों और श्वसन प्रणाली  (Respiratory System)‍ पर हो रहा है। इस कारण मानव में ऑक्सीजन लेवल इतना कम हो जाता है कि उसके प्राण संकट में पड़ जाते हैं। मरीज के प्राण बचाने के लिये उसे मानव निर्मित ऑक्सीजन दी जाती है। तो चलिए नीचे जानते है ऑक्सीजन लेवल बढ़ाने के उपाय के बारे में विस्तार से जानकारी।

दोस्तो, यही है हमारा आज का टॉपिक ऑक्सीजन लेवल बढ़ाने के उपाय। देसी हैल्थ क्लब इस लेख के माध्यम से आपको ऑक्सीजन की कमी के बारे में विस्तार से जानकारी देगा और यह भी बतायेगा कि ऑक्सीजन लेवल को किस प्रकार बढ़ाया जाये। सबसे पहले जानते हैं ऑक्सीजन के बारे में कि ऑक्सीजन क्या होती है?

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ऑक्सीजन लेवल बढ़ाने के उपाय
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ऑक्सीजन क्या होती है? – What is Oxygen

दोस्तो, ऑक्सीजन गंध रहित, रंगहीन और स्वाद रहित गैस होती है। यह प्राकृतिक हवा में व्याप्त है। इसी से हमें सांस आती है जिसके कारण हम जीवित रहते हैं। हवा में ऑक्सीजन लगभग 21% ही होती है, बाकी इसके अतिरिक्त दूसरी गैस और धूल भी होती है। परन्तु मानव शरीर में काम कर रही कार्यप्रणाली इस प्रकार की है कि वह हवा में से केवल ऑक्सीजन को ही ग्रहण करती है।

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मेडिकल ऑक्सीजन क्या होती है?- What is Medical Oxygen

मेडिकल ऑक्सीजन वस्तुतः एक प्रकार से दवा है जिसे  विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization ) ने इसे अति आवश्यक चिकित्सकीय आवश्यकता की श्रेणी में रखा है। इसे डॉक्टर की सलाह पर ही किसी मरीज को गंभीर स्थिति में दिया जाता है। इसे विशेष प्रकार के प्लांट में बनाया जाता है। इसे बनाते समय प्राकृतिक हवा से विभिन्न गैसों में से केवल ऑक्सीजन को ही अलग करके लिक्विड ऑक्सीजन के रूप में एकत्रित किया जाता है। इसकी शुद्धता 99.5% तक होती है। 

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मेडिकल ऑक्सीजन मरीज तक कैसे पहुंचती है? – How Does Medical Oxygen reach the Patient

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दोस्तो, यह जानना भी बहुत जरूरी है कि मानव निर्मित मेडिकल ऑक्सीजन मरीज तक कैसे पहुंचती है? तो यह समझिये कि इस लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन को प्लांट में ही बड़े-बड़े टैंकरों में भर दिया जाता है। यहां से अलग टैंकरों में भरकर देश के अलग अलग हिस्सों में डिस्ट्रीब्यूटरों तक यह ऑक्सीजन पहुंचाई जाती है। फिर डिस्ट्रीब्यूटर के यहां लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन को गैस प्रारूप में बदल कर इसको सिलेंडरों में भर दिया जाता है और डिमांड के अनुसार अस्पतालों में भेज दिया जाता है जहां से डॉक्टर की सलाह पर मरीज की स्थिति के अनुसार मरीज को यह मेडिकल ऑक्सीजन दी जाती है। 

ऑक्सीजन लेवल की कमी क्या होती है? – What is the Lack of Oxygen Level

जब मरीज के रक्त में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन ना हो तो इसे ऑक्सीजन की कमी कहा जाता है। मेडिकल भाषा में इसे “हाइपोकलेमिया” (Hypoxemia) कहा जाता है। कोरोना महामारी के दौर में यह बेहद खतरनाक स्थिति है।  डॉ. विवेक कुमार वर्मा (वरिष्ठ छाती एवं श्वास रोग विशेषज्ञ, वेलमेड हॉस्पिटल) का कहना है कि कोरोना वायरस सबसे ज्यादा फेफड़ों को प्रभावित करता है। संक्रमण के कारण इंफ्लेमेशन हो जाने से फेफड़े खून में ऑक्सीजन नहीं पहुंचा पाते, इससे शरीर में ऑक्सीजन के स्तर में गिरावट आने लगती है

ऑक्सीजन स्तर कितना होना चाहिए – What Should be the Oxygen Level

1. विश्व स्वास्थ्य संगठन तथा सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार एक स्वस्थ व सामान्य व्यक्ति में ऑक्सीजन सैचुरेशन लेवल 95 से 100% के बीच होना चाहिए।

2. कई विशेषज्ञ लगभग 97% को सामान्य मानते हैं।

3. 90% से नीचे घातक माना जाता है। इस स्थिति में  मस्तिष्क को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाती। 

4.  80% के स्तर पर पहुंचने पर शरीर के प्रमुख अंगों का खराब होने का खतरा हो जाता है।

5. कोरोना संक्रमित मरीज के खून में ऑक्सीजन लेवल 50% से 70% के बीच आ जाता है।

ऑक्सीजन की कमी के लक्षण – Symptoms of Oxygen Deficiency

1. सांस लेने में दिक्कत होना।

2. सीने में जकड़न, दर्द या जलन होना।

3. सांस फूलना, खांसी उठना।

4. होठों और चेहरे का रंग नीला पड़ जाना।

5. चलने, उठने, बैठने में दिक्कत महसूस होना।

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6. दिल की धड़कन बढ़ जाना।

7. उलझन/भ्रम महसूस करना।

8. बहुत ज्यादा पसीना आना।

ऑक्सीजन की कमी के कारण – Cause of lack of Oxygen

ऑक्सीजन की कमी निर्भर करती है कई स्थितियों में कई समस्याओं के कारण। इनमें से कुछ सामान्य कारण इस प्रकार हैं –

1. फेफड़े संबंधी समस्यायें जैसे संक्रमण, अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, निमोनिया, Respiratory Disease Syndrome, Chronic Obstructive Pulmonary, Interstitial Lung Disease आदि।

2. हृदय संबंधी समस्यायें जैसे बच्चे और बड़ों में जन्म से हृदय रोग या बाद में हुई हृदय की समस्या।

3. बहुत ऊंचे पर्वतों पर जाना जहां ऑक्सीजन लेवल पहले से ही कम होता है। जैसे पर्वतारोही, या अन्य पर्यटक।

4. स्लीप ऐप्निया (Sleep Apnea) – यह ऐसी स्थिति होती है जिसमें व्यक्ति की नींद में सांस रुक जाती है। इस हालात में उसे ऑक्सीजन नहीं मिल पाती। फिर वो एकदम से हड़बड़ी में उठता है और तेजी से हांफने लगता है। कई बार ऐसा सपना देखते हुए भी हो जाता है।

5. दर्द खत्म करने वाली शक्तिशाली दवा का प्रभाव। 

ऑक्सीजन लेवल बढ़ाने के देसी उपाय –  How to Increase Oxygen Level

1. दोस्तो, ऑक्सीजन लेवल को बनाये रखने के लिये स्वयं को हाइड्रेट रखें। यह मूलभूत उपाय है। हमारे शरीर में 70% पानी होता है और पानी का रासायनिक सूत्र है

एच2ओ (H2O – last digit is English alphabet O and Not Zero)। इसमें हाइड्रोजन के दो और ऑक्सीजन का एक परमाणु होता है। पानी या अन्य कोई तरल पदार्थ आपको हाइड्रेटेड रखते हैं जिससे  ऑक्सीजन लेवल मेंटेन रहता है। हमें प्रतिदिन कम से कम आठ गिलास पानी पीना चाहिए जो सेलुलर स्तर पर जलयोजन और ऑक्सीकरण का उच्च स्तर देता है (It provides high levels of hydration and oxidation at the cellular level)। यहां देसी हेल्थ क्लब स्पष्ट करता है कि कैफीन युक्त पेय पदार्थ, उच्च सोडियम वाले खाद्य पदार्थ और शराब आदि शरीर को डिहाइड्रेट करने के साथ-साथ ऑक्सीजन लेवल को कम करते हैं। 

2. खीरा (Cucumber)- शरीर को हाइड्रेट रखने का सबसे उत्तम विकल्प है खीरा। इसमें 95% से अधिक पानी होता है जो शरीर को प्राकृतिक रूप से हाइड्रेट रखने के साथ-साथ ऑक्सीजन लेवल को मेंटेन रखता है। सॉल्युबल फाइबर और पोषक तत्व भी अधिक मात्रा में होते हैं। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट कई बीमारियों से बचाने में मदद करते हैं। गिरते हुऐ ऑक्सीजन लेवल को बढ़ाने के लिये खीरा का सेवन निश्चित रूप से फायदेमंद है। खीरा खाने से शरीर में पानी की कमी नहीं होती।

3. विटामिन-A को भोजन शामिल करें (Include food in Vitamin-F)- दोस्तो, विटामिन-एफ में अल्फा लिनोलेनिड एसिड और लिनोलिक एसिड होते हैं जो ऑक्सीजन लेवल बनाये रखने का काम करते हैं। विटामिन रक्त प्रवाह में हीमोग्लोबिन की मात्रा बढ़ाने का काम करते हैं। इसलिये ऑक्सीजन लेवल बनाये रखने और बढ़ाने के लिये जरूरी हो जाता है कि लिनोलेनिक एसिड और लिनोलिक एसिड युक्त खाद्य पदार्थों को शामिल करें जैसे सोयाबीन, अखरोट, बादाम, चिया बीज, और अलसी बीज, मांसाहार में (अंडा, मछली और मीट) आदि।

4. अंकुरित अनाज (Sprouted Grains)- सामान्य या कच्चे अनाजों की अपेक्षा अंकुरित अनाज में अधिक मात्रा में पोषक तत्‍व होते हैं जो ऑक्सीजन स्तर को बढ़ाने में मदद करते हैं। इनमें आप चना, दाल और मूंग को अपने आहार में शामिल कर सकते हैं। ये पाचन-तंत्र में सुधार करने के साथ-साथ शारीरिक ऊर्जा और इम्यूनिटी को भी बढ़ाते हैं। 

5. तुलसी (Basil)- तुलसी के औषधीय गुणों के कारण इसका सेवन अमृत पीने के समान माना गया है। ऑक्सीजन लेवल को बनाये रखने के लिये प्रतिदिन तुलसी का काढ़ा पीयें। यदि ऑक्सीजन लेवल कम हो रहा है तो यह संभल जायेगा। तीन कप पानी में 7-8 तुलसी के पत्ते डालकर केवल थोड़ा सा सेंधा नमक मिलाकर एक कप पानी रहने तक उबालें, इसे छानकर थोड़ा ठंडा करके गुनगुना पी लें। या एक गिलास पानी में 8-10 तुलसी के पत्ते, 2-3 दाने काली मिर्च, जरा सी कुटी हुई अदरक और गुड़ डालकर तब तक उबालें जब तक पानी एक चौथाई ना रस जाये। इसे छानकर थोड़ा ठंडा करके गुनगुना पी लें। इससे फेफड़ों में जमा बलगम भी कट जायेगा, सांस भी खुलकर आयेगी।

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6. दही (Curd)- दही की तासीर ठंडी होती है। इसके सेवन से शरीर में नमी बनी रहती है। यह शरीर को पानी और ऑक्सीजन की कमी होने से बचती है। फाइबर के गुणों से भरपूर दही, विटामिन और कैल्शियम का अच्छा स्रोत है। बेहतर परिणाम के लिये दही में चीनी के बजाय गुड़, शक्कर या फल के छोटे-छोटे टुकड़े काटकर, मिलाकर खायें। ऑक्सीजन लेवल मेनटेन रहेगा।

7. गाजर (Carrot)- शरीर को स्वस्थ रखने के लिए सब्जियों में गाजर उत्तम विकल्प है। यह विटामिन-ए, सी, पोटेशियम, आयरन और खनिज पदार्थों से भरपूर होती है। इसकी सब्जी बनाकर खाएं या सलाद के रूप में या ऐसे ही, हर प्रकार से यह फायदा करेगी। ऑक्सीजन की कमी को पूरा करने और इसका स्तर बनाये रखने के लिये गाजर खानी चाहिये।

8. लहसुन (Garlic)- मसालों में लहसुन का कोई तोड़ नहीं। यह आयुर्वेदिक गुणों से सम्पन्न होता है। लहसुन को प्राकृतिक “प्राकृतिक एंटीबायोटिक” कहा जाता है।  इसमें  एंटीऑक्सीडेंट, एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल और एंटीवायरल गुण होते हैं और एलिसिन (Allicin) और सल्फर यौगिक तथा एजोइन (Ajoene)  यौगिक भी पाये होते हैं। 100 ग्राम लहसुन में 58.58 ग्राम पानी होता है जो शरीर में नमी बनाए रखता है। ऑक्सीजन लेवल को भी करता है। 

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9. पौष्टिक फल लें (Get Nutritious Fruits)- विटामिन्स् और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर फल ऑक्सीजन लेवल को मेनटेन करने और बढ़ाने में मदद करते  हैं। इसके लिये आप ब्लूबेरी, क्रैनबेरी, रेड किडनी बीन्स, आटिचोक, स्ट्रॉबेरी और ब्लैकबेरी फलों का सेवन कर सकते हैं। इनके अतिरिक्त निम्नलिखित विशेष फलों का सेवन कर सकते हैं:-

(i)  केला (Banana)- केले में फाइबर के अतिरिक्त अल्कालाइन (क्षारीय पानी) की प्रचुर मात्रा होती है। यह शरीर में ऑक्सीजन के लेवल को मेंटेन करने और बढ़ाने में मददगार होता है।

(ii)  नींबू (Lemon)-  नींबू में 88% विटामिन-सी होता है जो एंटीऑक्सीडेंट के रूप में काम करता है। प्रतिदिन एक गिलास गुनगुने पानी में एक नींबू निचोड़कर पीएं। ऑक्सीजन लेवल सामान्य बना रहेगा।

(iii) संतरा (Orange)- खट्टा फल की श्रेणी में आने वाला संतरा विटामिन-सी से भरपूर होता है, लगभग 69.7 मि.ग्रा। विटामिन-सी, जो एंटीऑक्सीडेंट का काम करता है।  विटामिन-सी, बैक्टीरिया और वायरस से लड़ने वाली श्वेत रक्त कोशिकाओं के निर्माण को भी बढ़ाता है। विटामिन-ए, फोलेट और कॉपर जैसे पोषक तत्व होते हैं जो इम्यूनिटी को स्ट्रांग करते हैं इसके बहुत सारे पॉलीफेनॉल वायरल संक्रमणों से रक्षा करते हैं। प्रतिदिन में दो बार संतरे का जूस पीने से शरीर हाइड्रेट रहेगा और ऑक्सीजन लेवल मेंटेन रहेगा। 

(iv) कीवी(Kiwi) – कीवी पोषक तत्वों, खनिज और विटामिन-के, विटामिन सी, विटामिन-ई, फोलेट, पोटेशियम और एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होता है।  विटामिन-सी, टोटल एस्कॉर्बिक एसिड 92.7 मि.ग्रा। होता है। कीवी के गुण रक्त कोशिकाओं में ऑक्सीजन पहुंचाने के काम में मदद करते हैं। 

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(v) पपीता(Papaya) – पपीता भी शरीर को हाइड्रेट करता है यह विशेषकर उन लोगों को लिये लाभकारी है जो सर्दी, खांसी, फ्लू, सांस रोग से पीड़ित रहते हैं। हमारी दैनिक जरूरत का 200% से अधिक विटामिन-सी पपीता के सेवन से मिल जाता है जो ऑक्सीजन लेवल सामान्य बनाये रखने में मदद करता है, सफ़ेद रक्त कोशिकाओं को बढ़ाने में भी मदद करता है। इसके एंटीऑक्सीडेंट, प्रोटीन, विटामिन-ए इम्यूनिटी सिस्टम को मजबूत बनाते हैं। प्रतिदिन कुछ मात्रा में पपीता खाने से जल्दी बीमार होने की संभावना नहीं रहती।

10. ध्यान (Meditation) – ऑक्सीजन लेवल को बनाये रखने के लिये ध्यान एक अच्छा विकल्प है। इसके लिए आप शांत मन से चुपचाप बैठ जाएं, आंखें बंद करें  और ध्यान को अपनी श्वास पर केंद्रित करें। कुछ देर पश्चात गहरी सांस लें और धीरे-धीरे छोड़ें। कुछ मिनट बाद आप रिलैक्स महसूस करेंगे।  नियमित रूप से ध्यान करने से ऑक्सीजन लेवल में सुधार होगा। 

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11.श्वसन व्यायाम (Breathing Exercise) – दोस्तो, सही तरीके से लेने से श्वसन प्रणाली के स्वास्थ में सुधार होता है और ऑक्सीजन लेवल भी सामान्य रहता है। अधिकतर बीमार व्यक्ति मुंह से सांस लेते हैं और अधिक हवा का उपयोग करके छाती फुलाते हैं। ऐसा करने से ऑक्सीजन लेवल में कमी आती है। सांस लेने का यह तरीका सही नहीं है। सांस लेने का सही तरीका मुंह सांस लेने की अपेक्षा नाक से है, डायग्राम और नाक के माध्यम से। विकिपीडिया के अनुसार डायग्राम, मानव एवं अन्य स्तनधारी प्राणियों के वक्ष गुहा एवं उदर गुहा के बीच में स्थित कंकाल पेशियों से बनी एक आन्तरिक चादर या झिल्ली होती है। मध्यपट, दोनों गुहाओं को अलग करता है और श्वसन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अतः नाक से सांस लेने का अभ्यास (व्‍यायाम) करें।

12. प्राणायाम (Pranayama)- नियमित रूप से प्राणायाम करने पर आप अपनी श्वसन प्रणाली में सुधार कर सकते हैं, साथ ही इससे आपका ऑक्सीजन लेवल सामान्य बना रहता है। प्रतिदिन केवल 15 मिनट के योग से शरीर का ऑक्सीजन इनटेक बढ़ जाता है और आप रिलैक्स महसूस करेंगे। ऑक्सीजन लेवल में कमी आने पर निम्नलिखित प्राणायाम से ऑक्सीजन लेवल बढ़ जायेगा। 

(i)  अनुलोम-विलोम (Anulom-Vilom)- यह एक प्रकार से श्वसन व्‍यायाम ही है। इसके नियमित रूप से करने से श्वसन ऑक्सीजन लेवल सामान्य अर्थात् 95-100 बना रहता है। ऑक्सीजन लेवल कम होने की स्थिति में अनुलोम-विलोम करके ऑक्सीजन लेवल को बढ़ाया जा सकता है और आपात स्थिति से उभरा जा सकता है। इससे बल्ड सर्कुलेशन भी सही हो जायेगा। अनुलोम-विलोम कैसे करना है, इस बारे में देसी हैल्थ क्लब अपने पिछले लेख में बता चुका है।

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(ii) कपालभाति (Kapalbhati)- कपालभाति श्वास लेने की एक योग  है जिसके द्वारा श्वसन प्रणाली को मजबूत बनाया जाता है और इसके करने से शरीर में ऑक्सीजन की कमी को पूरा किया जा सकता है। इस बारे में भी देसी हैल्थ क्लब अपने पिछले लेख में बता चुका है।

(iii) भस्त्रिका (Bhastrika)- भस्त्रिका को श्वसन संबंधी समस्याओं के निवारण के लिये सबसे अच्छा प्राणायाम है माना जाता है। इस प्राणायाम में लंबी-लंबी सांसे लेकर छोड़नी होती हैं। इसे करना बहुत सरल है। यह ऑक्सीजन लेवल को बढ़ाने में मदद करता है।

भस्त्रिका प्राणायाम करने का तरीका – Method of Bhastrika Pranayama

सबसे पहले पद्मानस की मुद्रा में बैठ जायें, आंखें बंद कर लें, फिर गर्दन और रीढ़ की हड्डी एक सीध में रखें।  शरीर तना हुआ रहे। इसके बाद गहरी लंबी सांस लें, फेफड़ें में भर जाने दें, फिर एकदम से एक ही बार में तेजी से सांस छोड़ दें। इस प्रक्रिया को बार-बार दोहरायें कम से कम दस बार। इस प्राणायाम को सुबह-शाम दोनों समय कर सकते हैं।

(iv) उज्जायी प्राणायाम (Ujjayi Pranayama)- यह भी श्वास संबंधी प्राणायाम है जिसका अर्थ होता है “विजयी श्वास ” और इसके करने से ऑक्सीजन लेवल बना रहता है। यह भी करने में आसान है। 

उज्जायी प्राणायाम करने का तरीका – The way to do Ujjaya Pranayam

पद्मानस की मुद्रा में बैठ जायें, आंखें बंद कर लें, शरीर तना हुआ रहे, गर्दन और रीढ़ की हड्डी एकदम सीधी। नाक द्वारा धीरे-धीरे लंबी और गहरी सांस लें, फिर मुंह खोल कर “हा” की आवाज करते हुऐ से धीरे-धीरे सांस छोड़ें। शुरुआत में 5-8 मिनट का अभ्यास फिर धीरे-धीरे समय बढ़ाकर 10-15 मिनट तक करे सकते हैं।

आपात् स्थिति में तत्काल उपाय – Immediate Measures in Case of Emergency

दोस्तो, आपात् स्थिति में यानी ऑक्‍सीजन लेवल कम होने पर तत्काल उपाय क्या अपनाये जायें, इस बारे में देसी हैल्थ क्लब आपको बता रहा है कुछ निम्नलिखित उपाय – 

1. आप होंसला बनाये रखिये। घबराना नहीं चाहिये। 

2. अपनी सोच सकारात्मक रखिये, मानसिक संतुलन बनाये रखिये, तनाव में ना आयें।

3. यदि कर सकते हैं तो, अनुलोम विलोम कीजिये। ऑक्‍सीजन लेवल बढ़ने लगेगा।

4. पेट के बल लेट जायें। सिर, पेट से थोड़ा नीचे पैरों के नीचे तकिया लगायें। सिर आरामदायक स्थिति होना चाहिये। नाक के जरिये सांस लें। इस पोजिशन में फेफड़े तेजी से काम करते हैं। सांस लेने में आसानी लगती है और राहत मिलती है। ऑक्‍सीजन लेवल तेजी से बढ़ने लगता है। 

5. बीच-बीच में ऑक्‍सीजन लेवल जांचते रहें।

6. इस क्रिया को 30 मिनट से ज्यादा ना करें। 

Conclusion-

दोस्तो, आज के लेख में हमने आपको ऑक्सीजन लेवल बढ़ाने के उपाय के विषय में विस्तृत जानकारी दी। ऑक्‍सीजन क्या होती है, मेडिकल ऑक्सीजन क्या होती है, ऑक्सीजन लेवल की कमी क्या होती है, मेडिकल ऑक्सीजन मरीज तक कैसे पहुंचती है, ऑक्सीजन स्तर कितना होना चाहिये, ऑक्सीजन की कमी के लक्षण, ऑक्सीजन की कमी के  क्या कारण होते हैं, इस बारे में विस्तारपूर्वक बताया। इस लेख के माध्यम से ऑक्सीजन लेवल बढ़ाने के बहुत सारे देसी उपाय बताये और आपात् स्थिति में तत्काल उपाय भी बताये। आशा है आपको ये लेख अवश्य पसन्द आयेगा। आप इस पोस्ट को अपने दोस्तों और  सगे – सम्बन्धियों के साथ भी शेयर करें। ताकि सभी इसका लाभ उठा सकें। दोस्तो, हमारा आज का यह लेख आपको कैसा लगा, इस बारे में कृपया अपनी टिप्पणियां (Comments), सुझाव, राय अवश्य भेजिये ताकि हमारा मनोबल बढ़ सके। और हम आपके लिए ऐसे ही Health- Related Topic लाते रहें। धन्यवाद।

Disclaimer – यह लेख केवल जानकारी मात्र है। किसी भी प्रकार की हानि के लिये ब्लॉगर उत्तरदायी नहीं है।  कृपया डॉक्टर/विशेषज्ञ से सलाह ले लें।

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दोस्तो, आज के लेख में हमने आपको ऑक्सीजन लेवल बढ़ाने के उपाय के विषय में विस्तृत जानकारी दी। ऑक्‍सीजन क्या होती है, मेडिकल ऑक्सीजन क्या होती है, ऑक्सीजन लेवल की कमी क्या होती है।
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