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पाचन तंत्र को मजबूत करने के उपाय – Ways To Keep The Digestive System Strong

पाचन तंत्र को मजबूत करने के उपाय

दोस्तो, आपका स्वागत है हमारे ब्लॉग पर। दोस्तो, हमारे शरीर को ऊर्जा की आवश्यकता होती है जो हमें भोजन से प्राप्त होती है। ऊर्जा के अतिरिक्त भोजन से अन्य तत्वों की भी आवश्यकता होती है जिससे शरीर के अंग सुचारू रूप से काम करते हैं। भोजन से इन पदार्थों को प्राप्त करने के लिये शरीर के अंदर भोजन की छंटाई, पिसाई होती है, जिससे कि यह आसानी से पचता है। फिर इन पदार्थों को शरीर के मुख्य भाग अन्य हिस्सों में पहुंचाते हैं। जरा सोचो, यदि छंटाई, पिसाई का काम करने वाले विशेष अंग कमजोर हों और ठीक से काम नहीं कर पा रहे हों तो क्या होगा। निश्चित रूप से शरीर के अन्य अंग भी ठीक से काम नहीं कर पाएंगे और हम बीमार हो जायेंगे। दोस्तो, भोजन की छंटाई, पिसाई और पचाने का काम करने वाले विशेष अंगों को पाचन तंत्र कहा जाता है। यदि यही पाचन तंत्र कमजोर हो जाये तो शरीर का सारा सिस्टम बिगड़ जाता है। दोस्तो, यही है हमारा आज का टॉपिक “पाचन तंत्र को मजबूत करने के उपाय”। देसी हेल्थ क्लब आज आपको पाचन तंत्र के विषय में विस्तार से जानकारी देगा और यह भी बतायेगा कि पाचन तंत्र को मजबूत करने के देसी उपाय क्या हैं। तो, सबसे पहले जानते हैं पाचन तंत्र के बारे में कि पाचन तंत्र क्या है?

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पाचन तंत्र को मजबूत करने के उपाय
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पाचन तंत्र क्या है? – What is the Digestive System ?

दोस्तो, पाचन तंत्र कोई एक अकेला शरीर का हिस्सा नहीं  है बल्कि अनेक अंगों का समूह है। यदि सरल भाषा में कहा जाये तो यह एक मार्ग है मुंह से गुदा तक जिसमें भोजन की यात्रा होती है एक प्रक्रिया के माध्यम से उसे गुजरना होता है, मल के रूप में बाहर निकलने के लिये। इस मार्ग को जठरांत्र मार्ग (Gastrointestinal tract) कहा जाता है। इसे नली भी कहा जा सकता है जिसकी लम्बाई  मुंह से लेकर गुदा तक लगभग 9 मीटर होती है। इस जठरांत्र मार्ग में प्रमुख पड़ाव (शरीर के अंग) होते हैं जिनके नाम हैं यकृत (Liver), अग्न्याशय (Pancreas) और पित्ताशय Gall bladder। इनके अतिरिक्त मुंह, भोजन नली (Oesophagus),  ग्रंथियां (Salivary glands), छोटी आंत, बड़ी आंत और गुदा की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। 

पाचन तंत्र का मुख्य कार्य – Main Functions of Digestive System

दोस्तो, यदि संक्षेप में बात की जाये तो समझिये कि पाचन तंत्र का मुख्य काम भोजन को जठरांत्र मार्ग में छोटे-छोटे टुकड़ों में बांट करके सभी पोषक तत्वों को लेना और फिर इनको शरीर के जरूरी हिस्सों में भेजना होता है। बड़ी आंत भोजन के द्रव्यों को अवशोषित (Absorb) करके शेष भाग को मल के रूप में गुदा से बाहर निकाल देती है।  तंत्रिकाएं और हार्मोन्स भी इस काम में मदद करते हैं। 

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पाचन तंत्र कैसे कार्य करता है – How the Digestive System Works

अब आपको सिलसिलेवार बताते हैं कि पाचन तंत्र से जुड़े अंग क्या काम करते हैं? विवरण निम्न प्रकार है – 

1. मुंह (Mouth)- यह पाचन तंत्र का मुख्य द्वार है। जैसे ही आप भोजन को मुंह में डालते हैं,पाचन क्रिया शुरू हो जाती है।  जब आप भोजन को चबा रहे होते हैं तो, मुंह की ग्रन्थियां लार द्वारा भोजन को नरम करती हुई इसमें लार मिला देती हैं। 

2. भोजन नली (Food Pipe)- नरम और लार मिले हुऐ भोजन को, भोजन नली पेट की ओर सरका देती है।  

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3. पेट (Stomach)-  पेट की ग्रंथियां उन एसिड व एंजाइमों (Enzymes) को ग्रहण करता है जो भोजन के पाचन के लिए जरूरी होते हैं। 

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4. अग्नाशय (Pancreatic)-   अग्नाशय पाचन रस को बनाते हुए भोजन से कार्बोहाइड्रेट, वसा व प्रोटीन को अलग करता है और इस पाचन रस को आगे छोटी आंत में भेजता है।

5. यकृत (Liver) – यकृत पाचन रस जिसे पित्त रस भी कहते हैं का निर्माण कर पित्त की नलिकाओं में पहुंच देता है जो पित्ताशय में जमा हो जाता है।  

6. पित्ताशय (Gall Bladder)- आवश्यकता होने पर पित्ताशय इस पित्त रस को छोटी आंत में पहुंचा देता है।  

7. छोटी आंत (Small Intestine)- छोटी आंत पाचन रस, जिसमें पित्त रस और अग्नाशय रस भी  होता है, को भोजन में मिलती है। छोटी आंत के बैक्टीरिया ऐसे एंजाइम का निर्माण करती है जिससे कार्बोहाइड्रेट आसानी से पच जाये। रक्त वाहिकाओं में पानी की कमी की मात्रा छोटी आंत द्वारा ही पूरी की जाती है। 

8. बड़ी आंत (Large Intestine)- बड़ी आंत, पानी की अधिक मात्रा को जठरांत्र मार्ग के द्वारा ही रक्त वाहिकाओं में पहुंचा देती है। बड़ी आंत में मौजूद बैक्टीरिया, भोजन के बचे हुए सभी पोषक तत्वों को निकालने के साथ ही “विटामिन के” को बनाने का काम करने लगते हैं। फिर भोजन का बचा हुइ तत्व मल में बदल जाता है। 

9. मलाशय (Rectum)- बड़ी आंत के द्वारा जो मल मलाशय (Rectum) में पहुंचता है, वह गुदा मार्ग से बाहर निकल जाता है। 

पाचन तंत्र कमजोर होने के लक्षण – Symptoms of Weak Digestive System

1. भूख कम लगना।

2. कब्ज रहना।

3. भोजन करने के बाद बेचैनी महसूस करना।

4. थकावट, कमजोरी  महसूस करना।

5. पेट के ऊपरी हिस्से में सूजन रहना।

6. छाती में जलन होना। 

7. मल त्याग करने में दिक्कत महसूस करना।

8. मल काले रंग का आना।

कमजोर पाचन तंत्र के कारण – Cause of Weak Digestive System

दोस्तो, पाचन तंत्र के कमजोर होने के आपकी असंतुलित जीवन शैली, खान पान और स्वास्थ्य से संबंधित अनेक कारण हो सकते हैं जो निम्न प्रकार हैं –

1. समय पर भोजन ना करना।

2. आराम से बैठकर तसल्ली में भोजन ना करना, जल्दी-जल्दी खाना, कम खाना या बहुत ज्यादा खाना।

3. ऑयली और फैट वाला, तीखा-तेज मिर्च मसाले वाला भोजन करना।

4. फास्ट फूड अधिक खाना ।

5. कैफीन का चाय, कॉफी, चॉकलेट के माध्यम से अधिक मात्रा में सेवन करना।

6. शराब और कार्बोनेटेड पेय पदार्थों का बहुत अधिक मात्रा में सेवन करना।

7. धूम्रपान, गुटखा, खैनी, ड्रग्स या अन्य नशीले पदार्थों का सेवन।

8. नींद पूरी ना होना, तनाव ग्रस्त होना। 

9. कब्ज़ की समस्या।

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10. पेट में सूजन, पेप्टिक अल्सर,अमाशय का कैंसर।

11. सीलिएक रोग  (Celiac disease), ग्लूटेन नामक प्रोटीन ( गेहूं, जौ और राई में मिलने वाला) खाये जाने पर प्रतिरक्षा प्रणाली द्वारा दी गई प्रतिक्रिया स्वरूप छोटी आंत की सतह पर सूजन, उल्टी, दस्त, पेट में दर्द आदि हो जाता है। 

12. अग्न्याशय की सूजन (Pancreatitis)।

13. आंत में रक्त का प्रवाह कम होना (Intestinal ischemia)

14. पित्ताशय में पथरी (Gallstones)।

पाचन तंत्र को मजबूत करने के उपाय –  Ways To Keep The Digestive System Strong

मूल (Basic) उपाय – 

1. पानी (Water)- पानी सबसे पहला मूल उपाय है शरीर को पूरी तरह स्वस्थ रखने का। प्रतिदिन कम से कम आठ से दस गिलास पानी पीना चाहिए। इससे शरीर हाइड्रेट रहेगा और शरीर में पानी की कमी नहीं होगी, और आपका पाचन तंत्र भी सही रहेगा। सुबह उठकर, खाली पेट गर्म पानी पीयें। हो सके तो आप इसमें नींबू निचोड़ लें और शहद मिला लें। भोजन करते समय यदि पानी पीना है तो एक घूंट गर्म पानी ही पियें। भोजन करने के आधा घंटा बाद गर्म पानी पीयें।  

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2. नींद (Sleep)- अच्छी नींद आना और पूरी होना अच्छे स्वास्थ की निशानी है। रात को देर से सोना, बहुत जल्दी उठ जाना, या बहुत देर से उठना स्वास्थ पर बुरा असर डालते हैं। रात का भोजन जल्दी करके जल्दी सो जाना और 8-9 घंटे बिना किसी बाधा के सोना सबसे उत्तम है। इससे आपकी नींद पूरी हो जाती है। जब आप सोये हुऐ होते हैं तब पाचन तंत्र अपना काम कर रहा होता है। यह पाचन तंत्र को अपना काम करने लिये सबसे अच्छा समय होता है। यदि आप 8-9 घंटे की भरपूर नींद ले लेते हैं तो आपका तनाव भी खत्म हो जाता है। इस प्रकार नींद पूरी होने से और तनाव खत्म होने से आपका पाचन तंत्र स्वस्थ और मजबूत रहेगा।

3. शारीरिक गतिविधियां बनाये रखें (Maintain Physical Activity)- पाचन तंत्र स्वास्थ आपकी शारीरिक गतिविधियों पर निर्भर करता है। यदि काम नहीं है तो एक ही जगह बैठे रहने का भी कोई फायदा नहीं है। इससे आपका पाचन तंत्र भी जाम हो जायेगा। यदि आपके शहर में लॉकडाउन है तो आप अपने को घर में भी घरेलू कामों में बिजी रख सकते हैं, बच्चों के साथ खेल सकते हैं। छत पर पौधों की देखभाल कर सकते हैं, पानी दे सकते हैं। कहने का तात्पर्य है कि आपका शरीर की गतिविधि होती रहनी चाहिए। 

4. दिनचर्या सही रखें (Keep the Right Routine)- पाचन तंत्र आपकी दिनचर्या के अनुसार चलता है। आप किस समय भोजन करते हैं, किस समय सोते हैं, किस समय सोकर उठते हैं यह आप पर निर्भर करता है। यदि आपकी दिनचर्या का सिस्टम सही है तो आपका पाचन तंत्र भी सही रहेगा। कहने का तात्पर्य यह है कि अपनी दैनिक दिनचर्या सही रखिये, अपने विचार भी शुद्ध रखिये, निश्चित रूप से आपका पाचन तंत्र भी स्वस्थ और मजबूत होगा।  

5. सही समय पर सही मात्रा में भोजन करें (Eat at the Right Time)-  कई बार ऐसा होता है कि भूख लगी होती है परन्तु, समय अभाव या अन्य कारण से खाना नहीं खाते, और जब पेट भरा होता है तब हम कुछ ना कुछ खा लेते हैं। ऐसी स्थिति में  पाचन तंत्र पर बहुत बुरा असर पड़ता है। याद रखिये सुबह सोकर उठने के दो घंटे के अंदर सुबह का नाश्ता हो जाना चाहिए, इसी प्रकार दोपहर का लंच और रात के डिनर का समय भी तय कीजिये और रात को जल्दी सो जाइए। यह प्रक्रिया भी दैनिक दिनचर्या का हिस्सा है। इसे मेन्टेन करिये, आपका पाचन तंत्र स्वस्थ रहेगा। भोजन उतना कीजिए जितने में आपका पेट भर जाये। स्वाद के चक्कर में ज्यादा मत खाइए। पेट जब भर जाता है तो वह डकार के रूप में सिग्नल देता है।  रात का भोजन कम खाना चाहिए। यह हल्का और सुपाच्य होना चाहिये। 

6.भोजन अच्छी तरह चबा-चबा कर खाएं(Chew food) – दोस्तो, कहा तो यह जाता है कि भोजन के एक ग्रास यानी कौर (Bite) को 32 बार चबाकर निगलना चाहिये, इससे यह पिसकर इतना बारीक हो चुका होता है कि पाचन तंत्र से जुड़े प्रत्येक अंग को अधिक मेहनत नहीं करनी पड़ती, भोजन बहुत आराम से पच जाता है। इससे पाचन तंत्र स्वस्थ और मजबूत बना रहेगा। परन्तु इतना समय किसी के पास नहीं होता कि भोजन के प्रत्येक ग्रास को 32 बार चबाया जाये। इस प्रक्रिया में पूरा भोजन समाप्त करने में कितना अधिक समय लगेगा। इसलिये जितना हो सके ज्यादा से ज्यादा अच्छी तरह चबा-चबा कर बार भोजन करें। भोजन के बाद 15 से 20 मिनट तक अवश्य टहलना चाहिये, इससे पाचन क्रिया ठीक रहती है। एक महत्वपूर्ण बात याद रखिये कि भोजन कभी खड़े होकर नहीं करना चाहिये इससे पाचन तंत्र कमजोर पड़ता है। भोजन हमेशा बैठकर तसल्ली में करना चाहिये। 

7. फास्ट फ़ूड और बाजार के तले भुने खाद्य पदार्थों से बचें (Avoid fast food and fried foods under the market)- दोस्तो, इसमें को शक नहीं कि फास्ट फ़ूड जैसे पिज्जा, बर्गर, पास्ता, चाऊमीन, आदि और बाजार के तले भुने खाद्य पदार्थ जैसे, समोसे, कचौड़ी, पकौड़ी, ब्रैड पकौड़ा आदि का स्वाद बहुत भाता है। कोई कोई इसको बहुत पसंद करता है और आये दिन खाता रहता है। या किसी को समय अभाव या अन्य कारण से खाना पड़ता है, तो दोस्तो समझ लीजिये कि यह भोजन जल्दी पचने वाला नहीं होता। इससे पाचन तंत्र कमजोर पड़ता है। यदि आप अपने पाचन तंत्र को मजबूत करना चाहते हैं तो इन सबको अवॉइड कीजिये। कभी-कभी का तो हो जाता है स्वाद बदलने के लिये परन्तु इसे आदत नहीं बनाना चाहिये। 

8. ऑयली और फैट वाले भोजन कम खाएं (Eat Less Oily and Fat Foods)- दोस्तो, उम्र बढने के साथ-साथ पाचन तंत्र कमजोर होता चला जाता है। ऑयली और फैट वाले भोजन को पचा पाना मुश्किल होता है। इसलिये ऐसे भोजन को अवॉइड करना चाहिये। ऐसा भोजन पाचन क्रिया की गति को कम करता है जिससे गैस, खट्टी डकार, उल्टी, अपच जैसी समस्या होने लगती है। युवा वर्ग यदि अपनी इसी युवा आयु में इस प्रकार के भोजन को अवॉइड करेगा तो निश्चित रूप से कभी भी पाचन की समस्या नहीं होगी। उसका पाचन तंत्र हमेशा मजबूत रहेगा। 

9. फाइबर युक्त भोजन और विटामिन-सी, डी युक्त फल खाएं (Fiber-rich food and Vitamin-C)- अपने भोजन में फाइबर युक्त भोजन और विटामिन-सी, डी युक्त फलों को शामिल कीजिये जैसे गेहूं, जौ, चना, मल्टी ग्रेन ब्रेड, फलियां, गाजर, पीले व लाल शिमला मिर्च, कद्दू , ब्रोकोली, गोभी, पालक, शलजम का साग, टमाटर, मशरूम, सेम, मटर, अंकुरित फलियां, नींबू, संतरा, कमरख, आंवला, आम, अनानास, अंगूर, कीवी, केला, खुबानी, स्ट्रॉबेरी, रसभरी, ब्लूबेरी, खरबूज आदि। इससे आपका पाचन तंत्र स्वस्थ और मजबूत रहेगा आपको इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम (Irritable Bowel Syndrome), आंतों का रोग और बवासीर जैसे रोग नहीं होंगे।

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10. योग, प्राणायाम और व्यायाम (Yoga, Pranayam and Exercise)- जिस प्रकार आप पूजा, पाठ के लिये समय निकालते हैं उसी प्रकार आप अपने शरीर के लिये भी समय निकाले। नित्य प्रतिदिन योग,  प्राणायाम और व्यायाम से ना केवल आपका शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रहेंगे बल्कि पाचन तंत्र भी स्वस्थ और मजबूत रहेगा। इससे आपकी इम्युनिटी भी बढ़ेगी।

(i)  योग में आप सूर्य नमस्कार, कटिचक्रासन, भुजंगासन, धनुरासन, वज्रासन, सेतुबंधासन, पवनमुक्तासन, नौकासन, त्रिकोणासन, पश्चिमोत्तानासन,प्लाविनी योग,अग्निसार योग, कर सकते हैं।

(ii)  प्राणायाम में आप अनुलोम-विलोम, कपालभाति, भस्त्रिका और उज्जायी कर सकते हैं। इनसे आपका ऑक्सीजन लेवल भी बढ़ेगा।

(iii) व्यायाम आप अपनी आयु और शारीरिक क्षमता के अनुसार कीजिये। सुबह की सैर, जोगिंग, भागना-दौड़ना, साइकिलिंग, तैराकी, एक्सरसाइज आदि से शरीर के अंदर की पूरी मशीनरी एक्टिवेट होती है। आप चुस्त-दुरुस्त और फुर्तीले रहते हैं और आपका पाचन तंत्र भी स्वस्थ और मजबूत बना रहता है। यदि आपके शहर में लॉकडाउन है तो आप छत पर टहल सकते हैं, घर में ही एक्सरसाइज कर सकते हैं। घर की सीड़ियां चढ़ना उतरना,  बिना कुछ पकड़े, सहारा लिये बहुत अच्छी एक्सरसाइज है। 

11. सिगरेट और शराब से दूर रहे (Stay away from Cigarettes and Alcohol)- दोस्तो, याद रखिये सिगरेट और शराब हमारे स्वास्थ्य के मित्र नहीं हो सकते। शराब के बारे में तो फिर भी कहा जा सकता है कि यदि इसे उचित मात्रा में पीया जाये फायदा करती है परन्तु सिगरेट को तो किसी भी दृष्टिकोण से अच्छा नहीं कहा जा सकता। निश्चित रूप से सिगरेट और अधिक मात्रा में शराब का सेवन पाचन तंत्र को कमजोर करेंगे। इसलिए अपने पाचन तंत्र को सही और मजबूत रखने के लिये सिगरेट और शराब को अवॉइड करना चाहिये। 

अन्य उपाय – Other measures

1. सलाद खाएं (Eat Salad)- दोस्तो, भोजन के साथ सलाद अवश्य  खाना चाहिये।  सलाद में प्याज, मूली, चुकंदर या गाजर, खीरा या टमाटर (दोनों में से एक ही होना चाहिये), हरी मिर्च और नींबू ले सकते हैं। इससे भोजन पचने में आसानी रहती है और पाचन तंत्र भी सही रहेगा। 

2. प्रोबायोटिक युक्त खाद्य पदार्थ (Probiotic-Rich Foods)- भोजन में प्रोबायोटिक युक्त खाद्य पदार्थों को शामिल कीजिए। प्रोबायोटिक्स पाचन तंत्र में पोषक तत्वों के अवशोषित कर इसे स्वस्थ बनाये रखने में मदद करते हैं। इम्यूनिटी को बढ़ाते हैं और इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम रोग के उपचार में भी मदद करते हैं। छाछ प्रोबायोटिक्स का सबसे अच्छा स्रोत है। इसे आप दोपहर के भोजन में इस्तेमाल कीजिये। गर्मियों के दिनों में तो रोजाना इस्तेमाल कर सकते हैं। छाछ के स्थान पर कम फैट वाला दही का सेवन किया जा सकता है। इनके अतिरिक्त अपने भोजन में गाय के दूध से बना पनीर, योगार्ट, केफिर और मिसो सूप शामिल कर सकते हैं। 

3. आँवला (Amla)- आँवला पाचन शक्ति बढ़ाने कि बहुत ही उत्तम विकल्प है। इसमें मौजूद स्टमैकिक गुण भूख को बढ़ाते हैं और पाचन प्रणाली में सुधार कर इसे मजबूत बनाते हैं। सुबह के समय खाली पेट एक गिलास पानी में एक चम्मच आँवला पाउडर डालकर पीयें, या आँवला का जूस पीयें। आप कच्चा आँवला भी खा सकते हैं या इसे भोजन के साथ सलाद के रूप में भी सेवन कर सकते हैं। यह हर रूप में पाचन तंत्र को मजबूत बनाने में मदद करेगा। 

4. एलोवेरा (Aloe Vera)- पाचन तंत्र को सही रखने के लिये एलोवेरा बहुत अच्छा प्राकृतिक उपाय है। इसमें एंटीअल्सर गुण भी पाये जाते हैं जो एंटीबैक्टीरियल का काम करते हुए पेट के अल्सर से राहत दिलाते हैं। इसके अतिरिक्त पेट में गैस, कब्ज जैसे रोगों में फायदा पहुंचाते हुऐ पाचन तंत्र को  स्वस्थ रखने और उसे मजबूत बनाये रखने में मदद करते हैं। इसके लिए प्रतिदिन सुबह खाली पेट एलोवेरा जेल को एक गिलास पानी में मिलाकर पीयें।

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5. त्रिफला (Triphala)- हरड़, बहेड़ा और आँवला इन तीन जड़ी-बूटियों से बनता है त्रिफला चूर्ण जिसे चूर्ण की दुनियां में सर्वोत्तम माना जाता है। यह पेट से जुड़ी सभी समस्याओं से छुटकारा पाने के लिये और पाचन तंत्र को  मजबूत बनाने के लिये रामबाण उपाय है। सुबह खाली पेट एक चम्मच त्रिफला चूर्ण का सेवन करें, गैस, कब्ज़ आदि की समस्या नहीं होगी और आपकी पाचन प्रणाली मजबूत रहेगी।  

6. अदरक (Ginger)- अदरक को त्रिदोषज जड़ी-बूटी कहा जाता है अर्थात एक ऐसी जड़ी-बूटी जो वात, पित्त और कफ के दोष यानी समस्या को दूर करती है। अदरक, पाचन अग्नि (Digestive fire) को बढ़ाने और पाचन एंजाइम्स् के स्राव को बढ़ाने में मदद करती है। यह उल्टी, मिचली, पेट में अफारा, गैस, एसिड रिफ्लक्स (Acid reflux) आदि की समस्या से राहत दिलाती है। मांसपेशियों में दर्द को खत्म करने और ब्लड सर्कुलेशन में सुधार लाने में मदद मदद करती है। सब्जी बनाते समय इसका मसाले के रूप में तो इसका उपयोग किया ही जाता है, यदि इसकी चाय (सामान्य दूध वाली चाय नहीं, केवल अदरक को पानी में उबालना है) बनाकर पी जाये तो यह पाचन प्रणाली को मजबूत रखेगी।

7. हल्दी (Turmeric)- हल्दी पाचन तंत्र के स्वास्थ्य के लिये बेहद कारगर उपाय है। हल्दी में पाये जाने वाले एंटीबैक्टीरियल गुण आंतों के रोगजनक बैक्टीरिया को खत्म करती है, अपच, पेट का अल्सर और इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम को ठीक करने में सहायता करती है। हल्दी में पाये जाने वाला करक्यूमिन, एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों के रूप में की तरह काम करता है। यह आंत की सूजन को कम करता है। हल्दी शरीर में ऊतकों में जमा विषाक्त पदार्थों को हटाने में मदद करती है। यह जठरांत्र क्षेत्र (Gastrointestinal Tract) में बिना पचे भोजन के निर्माण को कम करने काम में मदद करती है। हल्दी का सेवन सब्जी में मसाले के रूप में तो करते ही हैं इसके अतिरिक्त आप रात को हल्दी दूध पीयें। हल्दी दूध के एंटीसेप्टिक गुण आंतों को स्वास्थ्य को ठीक रखते हुऐ पाचन तंत्र में सुधार कर इसे मजबूत बनाने का काम करते हैं।  

8. सौंफ (Fennel)- कोमल और सुगंधित सौंफ़ पाचक गुणों के लिये जाने जाती है। यह बिना पित्त को बढ़ाये पाचन अग्नि को बढ़ाने में प्रभाव छोड़ती है। सौंफ़ में पाये जाने वाले एंटीस्पास्मोडिक, कार्मिनेटिव गुण पेट की समस्याओं जैसे पेट फूलना, पेट में गैस बनना, आंत में ऐंठन आदि से राहत दिलाने में सक्षम होते हैं। इसके एंटीऑक्सीडेंट गुण कब्ज़ की समस्या को दूर करते हैं। इसके लिये सुबह खाली पेट रात को पानी में भीगी हुई एक चम्मच सौंफ़ के पानी को पीयें। भोजन करने के पश्चात थोड़ी सी सौंफ़ चबायें इससे भोजन पचने में आसानी रहेगी। 

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9. जीरा (Cumin)- पेट दर्द, अपच, दस्त, पेट फूलना, पेट की जलन, मतली, गैस आदि बीमारियों के लिये जीरा औषधि के रूप में बेहतरीन विकल्प माना जाता है। यह कमजोर पाचन तंत्र को भी मजबूत बना देता है। सब्जी में मसाले के रूप में तो इसका सेवन करते ही हैं, इसके अतिरिक्त एक गिलास छाछ में एक चौथाई चम्मच भुना हुआ जीरा और काली मिर्च पाउडर डाल कर पियें। या एक गिलास सादा पानी में एक चम्मच भुना जीरा पाउडर मिलाकर दिन में एक या दो बार पी सकते हैं। इससे पाचन क्रिया मजबूत रहेगी। 

10. हरी इलायची (Green Cardamom)- हरी इलायची में पाये जाने वाले एंटी इन्फ्लामेट्री, एंटीऑक्सीडेंट, एंटीबैक्टीरियल गुण  कब्ज, गैस, पेट की जलन, आंत में सूजन जैसी पाचन समस्याओं से राहत दिलाकर पाचन तंत्र के स्वास्थ्य को बनाए रखने और मजबूत बनाने में मदद करती है।   इलायची में पाये जाने वाले प्राकृतिक तत्व भोजन को पचाने में सहायता करते हैं। भोजन के पश्चात एक या दो इलायची के दाने चबाइये, इससे भोजन सही से पच जायेगा। पाचन प्रणाली पर ज्यादा जोर नहीं पड़ेगा। 

Conclusion 

दोस्तो, आज के लेख में हमने आपको पाचन तंत्र को मजबूत करने के उपाय के बारे में विस्तृत जानकारी दी। पाचन तंत्र क्या होता है, पाचन तंत्र का मुख्य कार्य क्या है, पाचन तंत्र कैसे कार्य करता है  इसके बारे में विस्तार पूर्वक बताया। कमजोर पाचन तंत्र के क्या लक्षण होते हैं और इसके क्या कारण होते हैं, इस बारे में भी विस्तार से बताया। इस लेख के माध्यम से पाचन तंत्र को मजबूत बनाने के बहुत सारे उपाय बताये। आशा है आपको ये लेख अवश्य पसन्द आयेगा। आप इस पोस्ट को अपने दोस्तों और  सगे – सम्बन्धियों के साथ भी शेयर करें। ताकि सभी इसका लाभ उठा सकें। दोस्तो, हमारा आज का यह लेख आपको कैसा लगा, इस बारे में कृपया अपनी टिप्पणियां (Comments), सुझाव, राय अवश्य भेजिये ताकि हमारा मनोबल बढ़ सके। और हम आपके लिए ऐसे ही Health- Related Topic लाते रहें। धन्यवाद।

Disclaimer – यह लेख केवल जानकारी मात्र है। किसी भी प्रकार की हानि के लिये ब्लॉगर या लेखक उत्तरदायी नहीं है। कृपया डॉक्टर/विशेषज्ञ से सलाह ले लें।

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आज के लेख में हमने आपको पाचन तंत्र को मजबूत करने के उपाय के बारे में विस्तृत जानकारी दी। पाचन तंत्र क्या होता है, पाचन तंत्र का मुख्य कार्य क्या है, पाचन तंत्र कैसे कार्य करता है इसके बारे में विस्तार पूर्वक बताया।
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