दोस्तो, स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग पर। दोस्तो, आज हम आपके लिये लेकर आये हैं एक ऐसी हरे पत्ते वाली सब्जी जिसे सुपर फूड कहा जाता है। जो प्रोटीन, विटामिन, खनिज और फाइटोन्यूट्रिएंट का महाश्रोत है। शरीर में खून की कमी होने पर डॉक्टर भी इसे खाने की सलाह देते हैं। यह एक ऐसी सब्जी है जो कहने को तो शरद ऋतु की है परन्तु बाजार में हर मौसम में मिल जाती है। इस सब्जी को अधिकतर दूसरी सब्जी के साथ मिलाकर बनाया जाता है जैसे आलू या पनीर। अकेली इसकी सब्जी भी बन जाती है इसे पीस कर मगर इसे कम पसंद किया जाता है। जी हां, हम बात कर रहे हैं पालक की जो स्वास्थ के लिये बेहद फायदेमंद है। दोस्तो, यही है हमारा आज का टॉपिक “पालक खाने के फायदे”। देसी हैल्थ क्लब इस लेख के माध्यम से आज आपको पालक के बारे में विस्तार से जानकारी देगा और यह भी बतायेगा कि इसके खाने के क्या फायदे हैं और क्या नुकसान। तो, सबसे पहले जानते हैं कि पालक क्या है, यह कितने प्रकार का होता है और इसके क्या गुण हैं। इसके बाद फिर बाकी बिन्दुओं पर जानकारी देंगे।
पालक क्या है? – What is Spinach?
पालक हरे पत्ते वाली सब्जी है जो शाक की श्रेणी में आती है। इसके पत्ते और तने शाक, सब्जी के रूप में खाये जाते हैं। अमरन्थेसी कुल के फूलने वाला इस पादप का वैज्ञानिक नाम स्पिनासिया ओलेरेसिया (Spinacia oleracea) है। यह स्वास्थ्य के लिये उत्तम पोषक तत्वों से भरपूर सुपरफूड है। पालक सर्दियों की फसल है परन्तु बाजार में हर मौसम में उपलब्ध होता है। यह पाले को सहन कर सकता है परन्तु गर्मी को सहन नहीं कर सकता। पालक का पौधा लगभग एक से डेढ़ फुट ऊंचा हो जाता है। इसके पत्ते चिकने, मांसल और थोड़े मोटे होते हैं। पालक में वह गुण होते है जो समान्यत: किसी अन्य सब्जी में नहीं पाये जाते। पालक में आयरन प्रचुर मात्रा में होता है जिसे शरीर आसानी से सोख लेता है।
पालक की खेती कहां होती है? – Where is Spinach Cultivated?
1. पालक की जन्मस्थली ईरान को माना जाता है। चीन के ईसा पूर्व के अभिलेख से पता चलता है कि पालक चीन में नेपाल से गया और 12वीं शताब्दी में अफ्रीका होता हुआ तक जा यूरोप पहुंचा। पालक की खेती विश्व के सभी देशों के मैदानी इलाकों में की जाती है।
2. भारत के हर राज्य के मैदानी इलाकों में पालक की खेती की जाती है। आंध्र प्रदेश, तेलंगना, केरल, तामिलनाडू, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, गुजरात और महाराष्ट्र में पालक की सबसे अधिक खेती की जाती है।
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पालक के प्रकार – Types of Spinach
दोस्तो, पालक की तीन मुख्य किस्म होती हैं। विवरण निम्न प्रकार है –
1. सेवॉय पालक – यह पालक की विशेष प्रकार है। इसके पत्ते गहरे हरे रंग के होते हैं और सिकुड़े हुऐ होते हैं। यह बहुत स्वादिष्ट होता है। इसे ब्लूम्सडेल के नाम से जाना जाता है।
2. सेमी सेवॉय पालक – पालक का यह प्रकार पौष्टिक गुणों से भरपूर होता है। इसके पत्ते कम सिकुड़े हुऐ होते हैं। यह काफी लोकप्रिय प्रजाति है।
3. स्मूथ-लीफ पालक – पालक के इस किस्म में इसके पत्ते सेवॉय पालक और सेमी-सेवॉय पालक की अपेक्षाकृत ज्यादा चौड़े और स्मूथ होते हैं। यह साफ़ भी आसानी से हो जाता है यह बाजार में खुले और थैलियों में मिल जाता है।
पालक के गुण – Properties of Spinach
1. पालक की तासीर ठंडी होती है।
2. पालक का स्वाद नमकीन और हल्का सा कड़वा होता है।
3. पालक विटामिन-ए, विटामिन-बी 2, सी, ई और के, आयरन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, मैंगनीज, जिंक, कॉपर, फास्फोरस, सेलेनियम, फोलेट, प्रोटीन और डाईटरी फाइबर का उत्तम स्रोत है। इसके अतिरिक्त यह फ्लेवोनोइड्स और कैरोटीनॉयड से भी भरपूर होता है।
4. पोषक तत्व (मात्रा प्रति 100 ग्राम)
पानी 91.40 ग्रा.
एनर्जी 23 kcal
प्रोटीन 2.86 ग्रा.
कोलेस्ट्रॉल 0 मि.ग्रा.
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कुल लिपिड (वसा) 0.39 ग्रा.
कार्बोहाइड्रेट 3.63 ग्रा.
फाइबर, कुल डाइटरी 2.2 ग्रा.
शुगर 0.42 ग्रा.
कैल्शियम 99 मि.ग्रा.
आयरन 2.71 मि.ग्रा.
मैग्नीशियम 79 मि.ग्रा.
फास्फोरस 49 मि.ग्रा.
पोटेशियम 558 मि.ग्रा.
सोडियम 79 मि.ग्रा.
जिंक 0.53 मि.ग्रा.
विटामिन-सी,
कुल एस्कॉर्बिक एसिड 28.1 मि.ग्रा.
थायमिन 0.078 मि.ग्रा.
राइबोफ्लेविन 0.189 मि.ग्रा.
नियासिन 0.724 मि.ग्रा.
विटामिन-बी6 0.195 मि।ग्रा।
फोलेट, डीएफई 194 माइक्रो ग्रा.
विटामिन ए, आरएई 469 माइक्रो ग्रा.
विटामिन ए, आईयू 9377 आईयू
विटामिन-ई
(अल्फा-टोकोफेरॉल) 2.03 मि.ग्रा.
विटामिन-डी (डी2+डी3) 0.0 माइक्रो ग्रा.
विटामिन-के
(फिलोक्यूनोन) 482.9 माइक्रो ग्रा.
फैटी एसिड,
टोटल सैचुरेटेड 0.063 ग्रा.
फैटी एसिड,
टोटल मोनोअनसैचुरेटेड 0.010 ग्रा.
फैटी एसिड,
टोटल पॉलीअनसैचुरेटेड 0.165 ग्रा.
फैटी एसिड, टोटल ट्रांस 0.000 ग्रा.
पालक का उपयोग – Use of Spinach
1. पालक को उबालकर पीस कर ऐसे ही या आलू या पनीर के साथ सब्जी बनाई जाती है।
2. पालक को काट कर आलू के साथ सब्जी बनाई जाती है।
3. पालक के कोफ्ते बना सकते हैं।
4. पालक के पकौड़े बनाये जा सकते हैं।
5. पालक का सूप बनाया जा सकता है।
6. पालक का जूस निकाल कर पीया जा सकता है।
7. पालक को दलिया या खिचड़ी में डालकर खाया जा सकता है।
8. पालक को सलाद के रूप में भी खाया जा सकता है।
पालक कितना खाना चाहिये? – How Much Spinach Should You Eat?
पालक कितना खाना चाहिये इस बारे में कोई निश्चित मानदंड नहीं है फिर भी इसको उचित मात्रा में खाना चाहिये। उचित मात्रा की परिभाषा हर किसी के लिये अलग-अलग हो सकती है। वैसे आधी कटोरी उबले हुऐ या एक कटोरी कटे हुऐ पालक की मात्रा ठीक होती है। चाहें तो इस बारे में आहार विशेषज्ञ से सलाह ले सकते हैं।
किन लोगों को पालक खाने से बचना चाहिये – Which People Should Avoid Eating Spinach
दोस्तो, निम्नलिखित विशेष परिस्थिति में पालक खाने से बचना चाहिये क्योंकि यह हानिकारक हो सकता है जिससे स्थिति गंभीर और खतरनाक हो सकती है।
1. गर्भवती महिलाओं को पालक का सेवन ना करने की सलाह दी जाती है करने से बचना चाहिए, क्योंकि इसमें पालक के जरिये इसमें उपस्थित विटामिन-ए की मात्रा यदि अधिक हो जाती है तो शिशु में जन्म दोष (Birth deformities) होने की संभावना रहती है।
2. जो लोग खून पतला करने की दवा ले रहे हैं उनको भी पालक से परहेज करना चाहिये। यदि पालक खाना ही है तो उनको इस बारे में पहले डॉक्टर से सलाह ले लेनी चाहिये।
3. पालक में ऑक्सलेट और प्यूरीन होने के कारण गुर्दे , गाउट या पित्ताशय से पीड़ित व्यक्तियों को पालक का सेवन नहीं करना चाहिये।
4. स्मोकिंग करने वालों को पालक का सेवन नहीं करना चाहिये क्योंकि पालक में पाये जाने वाला बीटा-कैरोटीन कैंसर होने की संभावना को बढ़ा सकता है,
पालक खाने के फायदे – Health Benefits of Spinach
1. आयरन की कमी पूरी करे (makeup for Iron Deficiency)- शरीर में आयरन का सीधा संबंध रक्त और हीमोग्लोबिन से है। लाल रक्त कोशिकाओं और उनमें व्याप्त हीमोग्लोबिन का आधार स्तम्भ है और महत्वपूर्ण घटक है। हीमोग्लोबिन ही लाल रक्त कोशिकाओं में प्रोटीन को सारे शरीर में ले जाने का कार्य करता है। हीमोग्लोबिन पूरे शरीर में ऑक्सीजन की मूवमेंट को सुनिश्चित करता है। शरीर में पर्याप्त मात्रा में हिमोग्लोबिन ना होने से शरीर की मांसपेशियों और ऊतकों को पर्याप्त ऑक्सीजन ना मिल पाने से रक्त की कमी हो जाती है जिसे एनीमिया कहा जाता है। पालक का सबसे बड़ा फायदा यही है कि इसके खाने से शरीर में आयरन की कमी नहीं होती और ना ही खून की कमी। एक कटोरी पालक खाने से शरीर को दैनिक मात्रा का 35 प्रतिशत आयरन मिल जाता है। हिमोग्लोबिन और एनीमिया पर विस्तार से जानकारी के लिये हमारे पिछले आर्टिकल “हीमोग्लोबिन की कमी दूर करने के उपाय” और “एनीमिया को दूर करने के घरेलू उपाय” पढ़ें।
2. विषाक्त पदार्थों को निकाले (Remove Toxins)- पत्तों का हरा रंग क्लोरोफिल नामक जटिल रसायन के कारण होत है। पालक के पत्तों का गहरा हरा रंग क्लोरोफिल की मौजूदगी बताता है। यह लिवर और कोलन से विषाक्त पदार्थों को निकालने में सक्रिय भूमिका निभाता है। क्लोरोफिल में एंटीबैक्टीरियल और एंटीइंफ्लेमेटरी गुण भी विद्यमान होते हैं। शरीर की डिटॉक्सिफिकेशन प्रक्रिया के लिये पालक का स्मूदी के रूप में सेवन करें। पालक की खिचड़ी या दलिया बना सकते हैं। इसके अतिरिक्त तीन कप पालक के पत्ते, तीन कप फ्रोजेन पाइनएप्पल, एक कप फ्रोजेन केले, एक चम्मच कटा हुआ अदरक, एक चम्मच चिया बीज और आधा नींबू का रस और पानी के साथ ब्लेंडर में प्रोसेस करके सेवन कर सकते हैं।
3. उच्च रक्तचाप को कम को करे (Reduce High Blood Pressure)- पालक के एंटीऑक्सिडेंट्स गुण और इसमें पाये जाने वाले विशेष पेप्टाइड रक्तचाप को कम करने में सक्रिय भूमिका निभाते हैं। पेप्टाइड्स अपने एंटीहाइपरटेन्सिव प्रभाव छोड़ते हैं जिससे उच्च रक्तचाप कम होता है। पालक में मौजूद नाइट्रेट्स भी रक्तचाप को कम करने के लिये अपना प्रभाव छोड़ते हैं। इसके अतिरिक्त पालक स्ट्रेस और एंजाइटी को भी कम करने में मदद करता है। पालक को अपने आहार में शामिल करें। 5-10 मि।ली। पालक का जूस रोजाना पीयें। पालक का मिक्स जूस भी तैयार करके पी सकते हैं। इसके लिये पांच मुट्ठी भर पालक, एक ब्रसेल्स अंकुर, एक खीरा, दो संतरे और एक चौथाई अनानास का रस मिलाकर पालक का मिक्स जूस बना सकते हैं।
4. कैंसर विरोधी है पालक (Spinach is Anti Cancer)- पालक कैंसर विरोधी है। इसके गुण कैंसर को पनपने और विकसित नहीं होने देते। ये कैंसर के जीवाणुओं से लड़ते हैं। पालक में कार्सिनोजेन के प्रभाव को कम करने की क्षमता होती है। कार्सिनोजेन्स पदार्थ कैंसर का कारण होते हैं। पालक के फ्लेवोनोइड्स और एंटीऑक्सिडेंट्स गुण विभिन्न प्रकार के कैंसर के विरुद्ध लड़ते हैं। पालक और गाजर सप्ताह में दो बार खाने मात्र से इनमें मौजूद बीटा-कैरोटीन और विटामिन-ए गुणों के कारण ब्रेस्ट कैंसर विकसित होने की संभावना 44 प्रतिशत तक कम हो जाती है। ब्रेस्ट कैंसर पर विस्तार से जानकारी के लिये हमारा पिछला आर्टिकल “ब्रेस्ट कैंसर से बचाव के उपाय” पढ़ें। पालक और अन्य गहरे हरे रंग की पत्तेदार सब्जियों में फोलेट और फाइबर कैंसर के जोखिम को कम करते हैं। पालक में भरपूर मात्रा में पाये जाने वाला फ्लैवोनॉयड नामक फाइटोन्यूट्रिएंट कैंसर से हमें बचाव करता हे। यह पेट और त्वचा की कोशिकाओं को नष्ट होने से बचाता है जिससे पेट और त्वचा के कैंसर तथा प्रोस्टेट कैंसर की संभावना को खत्म करता है। फ्री-रेडिकल्स जो एंडोमेट्रियल (अन्तर गर्भाशयकला सम्बन्धी), डिम्बग्रंथि, फेफड़े, कोलोरेक्टल और प्रोस्टेट कैंसर का खतरा बनते हैं, पालक में मौजूद न्योकॉक्सीनटिन शरीर से इन फ्री-रेडिकल्स कै बाहर निकालता है।
5. हृदय को स्वस्थ रखे (Keep Heart Healthy)- पालक कोलेस्ट्रॉल मुक्त होता है और इसमें पाये जाने वाले एंटी-ऑक्सीडेंट गुण खराब वाले कोलेस्ट्रॉल LDL को कम करने में मदद करते हैं। खराब कोलेस्ट्रॉल और वसा के कारण हृदय धमनियों में प्लाक जम जाता है जिससे रक्त संचालन अवरुद्ध होता है और हार्ट अटैक का खतरा बनता है। पालक में पाये जाने वाले नाइट्रेट रक्त वाहिकाओं को खोलकर रक्त संचालन में सुधार करते हैं और रक्तचाप को कम भी करते हैं। पालक में पाये जाने वाले बीटा कैरोटीन, विटामिन-सी, मैग्नीशियम, पोटेशियम और फोलेट हृदय को स्वस्थ बनाये रखने में मदद करते हैं।
6. मस्तिष्क स्वास्थ्य और तंत्रिका तंत्र के लिये (For Brain Health and Nervous System)- पालक मस्तिष्क स्वास्थ और तंत्रिका तंत्र के लिये बेहद फायदेमंद है। लुटेन, फोलेट और बीटा कैरोटीन इस पोषक तत्वों की कमी पागलपन का कारण बन सकती है। पालक में इन तीनों पोषक तत्वों की प्रचुर मात्रा होती है। इन पोषक तत्वों से भरपूर पालक मस्तिष्क स्वास्थ और तंत्रिका तंत्र के लिये उत्तम आहार है। पालक में मौजूद कैल्शियम तंत्रिका तंत्र के कार्य को सुचारु रूप से चलाने में मदद करता है। फ्लेवोनोइड एक शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट के रूप में काम करके मस्तिष्क को फ्री-रेडिकल की क्षति से बचाता है। पालक खाने से स्मरण शक्ति में भी सुधार होता है। अतः मस्तिष्क स्वास्थ और तंत्रिका तंत्र के लिये अपने आहार में पालक को शामिल करें।
7. सूजन को कम करे (Reduce Inflammation)- उच्च गुणवत्ता वाले फ्लैनोनोइड्स और कैरोटीनॉयड पर्याप्त मात्रा में होने के कारण पालक में उच्च कोटि के एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाये जाते हैं। विशेषज्ञों ने पालक में एक दर्जन से ज्यादा फ्लोवानोइड यौगिकों को पहचाना है, जो एंटी-कैंसर और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से परिपूर्ण होते हैं। पालक अल्फा-लिनोलेनिक एसिड (ए।एल।ए) का बेहतरीन श्रोत है जो शक्तिशाली एंटीइंफ्लेमेटरी गतिविधियों के प्रदर्शन के लिये जाना जाता है। एंटीइंफ्लेमेटरी क्रिया में सूजन को कम करने और क्रानिक इन्फ्लेमेशन को ठीक करने का गुण होता है। अतः अपने आहार में बतौर एंटीइंफ्लेमेटरी पालक को शामिल करना चाहिये।
8. वजन कम करे (Lose Weight)- घुलनशील फाइबर भोजन पचाने में मदद करता है। यह कब्ज की समस्या को भी दूर करता है। वजन कम करने के लिये यह जरूरी है कि कम कैलोरी ली जाये। पालक कम कैलोरी वाला खाद्य पदार्थ है। इसमें फैट भी बहुत कम होता है। आहार विशेषज्ञ वजन कम करने के लिये पालक खाने की सलाह देते हैं क्योंकि इसके खाने से बार-बार भूख नहीं लगती। अतः बढ़ते वजन को कंट्रोल करने के लिये अपने आहार में पालक को शामिल करें।
9. मांसपेशियों को मजबूती दे (Strengthen Muscles)- पालक खाने से मांसपेशियां मजबूत बनती हैं उनमें ताकत आती है। पालक में एनर्जी को बढ़ाने वाले नाइट्रेट होते हैं जो मांसपेशियों के कुशल और सरल संचावन में मदद करते हैं। नाइट्रेट्स को कोशिकाओं के मिटोकोंड्रिया अर्थात् कोशिकाओं का पावर हाउस माना जाता है। इसके लिये ताजा पालक खाने की सलाह दी जाती है ना कि डिब्बा बंद पालक की।
10. आंखों के लिये (For the Eyes)- बीटा-कैरोटीन, ल्यूटिन और जियाजैन्थीन जैसे कैरोटीनॉयड आंखों की स्वास्थ्य को बढ़ाते हैं और धब्बेदार अध: पतन (Macular degeneration) और मोतियाबिंद जैसे रोगों से बचाव करते हैं। पालक में इनकी पर्याप्त मात्रा होती है। पालक में पाये जाने वाला विटामिन-ए भी आंखों की सामान्य दृष्टि बनाये रखने में आवश्यक भूमिका निभाता है और म्यूकस झिल्ली को स्वस्थ रखता है। कैरोटीनोइड ल्यूटिन का अच्छा तरह उपयोग करने के लिए, पालक को फैट के साथ खाना चाहिये क्योंकि ल्यूटिन एक वसा-घुलनशील पोषक तत्व है। जैतून के तेल के साथ तैयार करके पालक के सलाद का उपयोग कर सकते हैं जो आंखों के लिये अत्यंत लाभदायक है।
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11. हड्डियों के स्वास्थ के लिये (For Bone Health)- हड्डियों के स्वास्थ के लिये कैल्शियम और विटामिन-के बहुत जरूरी होते हैं। कैल्शियम ऑस्टियोपोरोसिस नामक अस्थि रोग से बचाता है। इस रोग में हड्डियां इतनी कमजोर हो जाती हैं कि जरा सी चोट लगने पर टूट जाती हैं और कभी-कभी अपने आप भी। विटामिन-के हड्डियों को मजबूत बनाता है। यह हड्डियों के घनत्व को भी बनाये रखता है। पालक में पर्याप्त मात्रा में विटामिन-के और कैल्शियम होते हैं। आधी कटोरी कच्चे पालक में लगभग 72 मि।ग्रा। विटामिन-के होता है जो दैनिक आवश्यकता के 91 प्रतिशत के बराबर है। इसलिये हड्डियों के स्वास्थ के लिये पालक खाना या पालक का जूस पीना बेहद जरूरी है।
12. त्वचा स्वास्थ के लिये (Skin Health)- त्वचा स्वास्थ के लिये भी पालक बहुत लाभदायक है। आंखों के नीचे काले घेरे हटाने, त्वचा को हाइड्रेट रखने, एंटी एजिंग प्रभाव को रोकने, त्वचा की रंगत सुधारने, सूरज की हानिकारक यूवी किरणों से बचाने के लिये पालक के फायदे लिये जा सकते हैं। आंखों के नीचे काले घेरे हटाने के लिये पालक के रस की कुछ बूंद रुई की मदद से काले घेरों पर लगायें। हफ्ते में दो या तीन बार करें। त्वचा को हाइड्रेट रखने के लिये पालक काट कर पीसकर इसका पेस्ट बनायें और त्वचा पर लगायें। 10 मिनट बाद धो लें। ऐसा हफ्ते में दो बार कर सकते हैं। त्वचा में रंगत लाने के लिये एक कप कटे हुऐ पालक में तीन, चार बूंद शहद की मिलाकर पेस्ट बनाकर त्वचा पर लगा कर छोड़ दें। 10 मिनट बाद धो लें। इसे हफ्ते में दो बार करें। इसे अतिरिक्त यह मुंहासों से भी छुटकारा दिला सकता है और पालक में मौजूद विटामिन-सी एंटी एजिंग प्रभाव छोड़कर झुर्रियों को कम करने में मदद करता है।
पालक अधिक खाने के नुकसान – Side Effects of Eating more Spinach
दोस्तो, माना कि पालक पोषक तत्वों से भरपूर उत्तम आहार है परन्तु यदि इसका अधिक मात्रा में सेवन किया जाये तो यही पोषक तत्व आपको निम्नलिखित नुकसान पहुंचा सकते हैं –
1. पालक में फाइबर की मात्रा अधिक होने के कारण अधिक मात्रा में सेवन करने से पेट की समस्याऐं पैदा हो सकती हैं जैसे गैस बनना, पेट फूलना, पेट में दर्द होना, पेट में ऐंठन, सूजन, कब्ज आदि।
2. पालक ज्यादा खाने से दस्त लग सकते हैं।
3. पालक में पोटेशियम की प्रचुर मात्रा होने के कारण मितली, उल्टी, डायरिया आदि की समस्या हो सकती है।
4. शरीर की खनिज सोखने की क्षमता कम हो सकती है।
5. पालक में कैल्शियम की मात्रा पर्याप्त होने के कारण पालक के अधिक सेवन से हृदय रोग की संभावना बन सकती है।
6. पालक का अधिक मात्रा में उपयोग करने से गुर्दे की पथरी बनने की संभावना हो सकती है।
Conclusion –
दोस्तो, आज के लेख में हमने आपको पालक के बारे में विस्तार से जानकारी दी। पालक क्या है, पालक की खेती कहां होती है, पालक के प्रकार, पालक के गुण, पालक का उपयोग, पालक कितना खाना चाहिये और किन लोगों को पालक खाने से बचना चाहिये, इन सब के बारे में भी विस्तार पूर्वक बताया। देसी हैल्थ क्लब ने इस लेख के माध्यम से पालक खाने के फायदे बताये और कुछ नुकसान भी। आशा है आपको ये लेख अवश्य पसन्द आयेगा।
दोस्तो, इस लेख से संबंधित यदि आपके मन में कोई शंका है, कोई प्रश्न है तो लेख के अंत में, Comment box में, comment करके अवश्य बताइये ताकि हम आपकी शंका का समाधान कर सकें और आपके प्रश्न का उत्तर दे सकें। और यह भी बताइये कि यह लेख आपको कैसा लगा। आप इस पोस्ट को अपने दोस्तों और सगे – सम्बन्धियों के साथ भी शेयर कीजिये ताकि सभी इसका लाभ उठा सकें। दोस्तो, आप अपनी टिप्पणियां (Comments), सुझाव, राय कृपया अवश्य भेजिये ताकि हमारा मनोबल बढ़ सके। और हम आपके लिए ऐसे ही Health-Related Topic लाते रहें। धन्यवाद।
Disclaimer – यह लेख केवल जानकारी मात्र है। किसी भी प्रकार की हानि के लिये ब्लॉगर/लेखक उत्तरदायी नहीं है। कृपया डॉक्टर/विशेषज्ञ से सलाह ले लें।
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