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प्लेटलेट्स बढ़ाने के घरेलू उपाय – Home Remedies to Increase Platelets in Hindi

प्लेटलेट्स बढ़ाने के घरेलू उपाय

स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग पर। दोस्तो, जब कभी चोट लगती है तो खून निकलने लगता है, फिर डॉक्टर से उपचार लेने के थोड़ी ही देर बाद खून निकलना बंद हो जाता है। परन्तु  कुछ लोग ऐसे होते हैं कि यदि किसी कारणवश उनके शरीर से खून निकलता है तो डॉक्टर से उपचार लेने के बाद भी बहुत देर तक खून बंद नहीं होता। आखिर क्यों? क्यों कि उनमें खून जल्दी बंद ना होने का कारण प्लेटलेट्स की कमी होना होता है। दोस्तो, प्लेटलेट्स भी खून का ही रूप है अर्थात् खून ही खून को बंद करता है। इसका अर्थ यह हुआ कि प्लेटलेट्स का काम खून को बहने से रोकना है। यदि प्लेट्लेट्स पर्याप्त मात्रा में ना हों तो शरीर से सारा खून बह जाएगा। वस्तुतः प्लेट्लेट्स ब्लड सेल ही होते हैं, रेड ब्ल्ड सेल और व्हाइट ब्ल्ड सेल के समान, परन्तु इनका काम सबसे अलग है। यदि इनकी कमी हो जाए तो रक्तस्राव का खतरा हो जाता है जो कि जानलेवा हो सकता है। इस स्थिति से निपटने के लिए क्या किया जाए? दोस्तो, यही है हमारा आज का टॉपिक “प्लेटलेट्स बढ़ाने के घरेलू उपाय”

देसी हैल्थ क्लब इस आर्टिकल के माध्यम से आज आपको प्लेटलेट्स के बारे में विस्तार से जानकारी देगा यह भी बताएगा कि प्लेटलेट्स बढ़ाने के घरेलू उपाय क्या हैं। तो, सबसे पहले जानते हैं कि रक्त क्या है, प्लेटलेट्स क्या हैं और प्लेटलेट काउंट। फिर इसके बाद बाकी बिन्दुओं पर जानकारी देंगे।

रक्त क्या है? – What is Blood

दोस्तो, मानव शरीर में रक्त वाहिनियों में बहने वाला लाल रंग का, गाढ़ा, कुछ चिपचिपा, तरल पदार्थ रक्त कहलाता है जो कि एक जीवित ऊतक है। यह रक्त, तरल पदार्थ प्लाज्मा और ठोस पदार्थों, लाल रक्त कोशिकाओं, सफेद रक्त कोशिकाओं और प्लेटलेट्स से बनता है। प्लाज्मा एक निर्जीव तरल पदार्थ है जिसमें रक्त कण मौजूद होते हैं। प्लाज्मा की मदद से ही ये कण पूरे शरीर में पहुंचते हैं। प्लाज्मा पानी, लवण और प्रोटीन से बनता है। रक्तकण तीन प्रकार के होते हैं, लाल रक्त कोशिकाएं  (Red Blood Cell – RBC) श्वेत रक्त कोशिकाएं ,(White Blood Cell – WBC) और प्लेटलेट्स। 

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लाल रक्त कोशिकाएं श्वसन अंगों से ऑक्सीजन ले कर पूरे शरीर में पहुंचाने का काम करती हैं, श्वेत रक्त कोशिकाएं हानिकारक तत्वों और जीवाणुओं के संक्रमण से उत्पन्न रोगों से शरीर की रक्षा करती हैं और प्लेटलेट्स, कट या घाव होने पर रक्त को जमने में मदद करती हैं। लाल रक्त कोशिकाएं 120 दिनों तक जीवित रह सकती हैं जबकि प्लेटलेट्स का जीवन, रक्त प्रवाह में संचारित होने के बाद 8 से 10 दिन तक का होता है। मनुष्य के शरीर में लगभग पांच लीटर रक्त होता है। रक्त का pH मान 7.4 होता है।

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प्लेटलेट्स क्या हैं? – What are Platelets?

दोस्तो, प्लेटलेट्स रक्त का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। लाल और सफेद रक्त कोशिकाओं के समान ही ये भी रक्त कोशिकाएं होती हैं। इनका मुख्य काम चोट, कट, घाव आदि के कारण रक्त को बहने से रोकना है। ये ना हों तो शरीर से सारा रक्त बह जाएगा। एक प्रकार से ये रक्त के थक्के बनाने (Blood clotting) का काम करती हैं। 

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ये कोशिकाएं नुकीली अंडाकार होती हैं और इनका आकार एक इंच का चार सौ हजारवां भाग होता है। इनका निर्माण बोन मैरो (Bone Marrow) अर्थात् हड्डियों में उपस्थित स्पंज जैसे ऊतक में होता है। ये एक बार प्लेटलेट्स बनने और आपके रक्त प्रवाह में संचारित होने के बाद 8 से 10 दिन तक जीवित रह पाती हैं। रक्त में प्लेटलेट्स की कमी को थ्रोम्बोसाइटोपेनिया (Thrombocytopenia) कहा जाता है।

प्लेटलेट काउंट – Platelet Count

1. एक स्वस्थ व्यक्ति का प्लेटलेट काउंट 150,000 से 450,000 प्लेटलेट्स प्रति माइक्रोलीटर ब्लड का होता है। 

2. यदि किसी व्यक्ति में प्लेटलेट काउंट 150,000 प्लेटलेट्स प्रति माइक्रोलीटर से कम आ जाता है, तो यह सामान्य से कम माना जाता है। जब यह 50,000 से कम आ जाता है, तो कटने या चोट लगने पर गंभीर रक्तस्राव होने का जोखिम रहता है। प्लेटलेट काउंट 20,000 से 10,000 के नीचे आ जाने पर शरीर में रक्तस्राव का खतरा और बढ़ जाता है।

3. प्लेटलेट काउंट 150,000 से कम हो जाने की स्थिति को थ्रोम्बोसाइटोपेनिया (Thrombocytopenia) कहा जाता है।

4. प्लेटलेट काउंट 450,000 से अधिक होने की स्थिति को थ्रोम्बोसाइटोसिस (Thrombocytosis) कहा जाता है जो कि एक समस्या है।

प्लेटलेट्स कम होने के कारण – Cause of Low Platelets

प्लेटलेट्स कम होने के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं –

1. बोन मैरो में पर्याप्त मात्रा में प्लेटलेट्स ना बनना।

2. पर्याप्त मात्रा में बने प्लेटलेट्स को शरीर द्वारा नष्ट किया जाना या इनका उपयोग ना कर पाना।

3. बोन मैरो में कैंसर।

4. बोन मैरो में संक्रमण, जोकि बहुत दुर्लभ मामला होता है।

5. मयेलोडिस्प्लास्टिक सिंड्रोम (Myelodysplastic Syndrome) की स्थिति जिसमें भी बोन मैरो में पर्याप्त रक्त कोशिकाएं नहीं बनतीं या बनती भी हैं तो दोषपूर्ण बनती हैं।

6. स्प्लीन (Spleen) द्वारा बहुत सारे प्लेटलेट्स को अपने पास रख लेना।

7. अप्लास्टिक एनीमिया (Aplastic anemia) विकार, जिसमें बोन मैरो पर्याप्त मात्रा में रक्त कोशिकाएं नहीं बनाता।

8. थ्रोम्बोटिक थ्रोम्बोसाइटोपेनिक पुरपुरा (Thrombotic Thrombocytopenic Purpura – TTP) रक्त विकार की स्थिति। इसमें पूरे शरीर की छोटी रक्त धमनियों में रक्त के थक्के बनने लगते हैं।

9. इम्यून थ्रोम्बोसाइटोपेनिक पुरपुरा (Immune Thrombocytopenic Purpura – ITP), रक्तस्राव विकार की स्थिति। इसमें प्रतिरक्षा प्रणाली ही प्लेटलेट्स को नष्ट करती रहती है।

10. डिसेमिनेटेड इंट्रावैस्कुलर कुगुलेशन (Disseminated Intravascular Coagulation – DIC) की स्थिति। इस स्थिति में पूरे शरीर में रक्त के थक्के बनने से छोटी रक्त वाहिकाएं अवरुद्ध हो जाती हैं।

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11. विटामिन बी-12 की कमी होना।

12. फोलेट की कमी।

13. किमोथेरेपी।

14. एड्स।

15. डेंगू।

16. चिकनपॉक्स, मम्प्स व रूबेला जैसे वायरस संबंधी रोग।

17. क्लोरम्फेनिकोल (एंटीबायोटिक), एस्पिरिन और इबुप्रोफेन जैसी दवाओं के साइड इफैक्ट।

18. प्रेगनेंसी की वजह से प्लेटलेट्स की क्षति होना।

19. सर्जरी और इंफेक्शन के कारण शरीर में प्लेटलेट्स की क्षति होना।

प्लेटलेट्स कम होने के लक्षण – Symptoms of Low Platelets


प्लेटलेट्स की कमी के लक्षण अचानक या समय के साथ धीरे-धीरे प्रकट हो सकते हैं जो कि निम्न प्रकार हैं –

1. शरीर से बाहरी रक्तस्राव में प्लेटलेट्स के कम होने का पहला संकेत हो सकता है। इस स्थिति में शरीर पर बैंगनी, भूरे और लाल रंग के चोट जैसे निशान बन जाते हैं।

2. नाक, मुंह और मसूड़ों में रक्त बहना।

3. मल और मूत्र में रक्त का आना।

4. हल्की चोट में बहुत देर तक रक्त बहते रहना।

5. स्प्लीन का आकार बढ़ जाना।

6. पीरियड्स में बहुत ज्यादा खून निकलना।

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7. कमजोरी होना।

प्लेटलेट्स की कमी का निदान – Diagnosis of Platelet Deficiency

प्लेटलेट्स की कमी की जांच निम्न प्रकार से की जा सकती है –

1. शारीरिक परीक्षण (Physical Examination)- सबसे पहले डॉक्टर शारीरिक परीक्षण करते हैं। इससे यह समझने की कोशिश करते हैं कि प्लेटलेट्स की कमी के लक्षण तो नहीं हैं।

2. फैमिली हिस्ट्री (Family History)- डॉक्टर मरीज से पिछली और वर्तमान मेडिकल हिस्ट्री तथा फैमिली हिस्ट्री  तथा दवाएं जो ली हैं, उनके बारे में जानकारी ले सकते हैं।

3. बल्ड टेस्ट (Blood Test)- डॉक्टर कम्लीट ब्लड टेस्ट (CBC) करा सकते हैं। इससे ब्लड सेल्स और प्लेटलेट्स की जानकारी प्राप्त हो जाती है। इसके अतिरिक्त ब्लड क्लॉटिंग टेस्ट भी कराया जा सकता है।

4. स्प्लीन की जांच (Spleen Test)- साउंड वेव के माध्यम से शरीर में स्प्लीन के आकार को देखा जा सकता है कि कहीं स्प्लीन का आकार तो नहीं बढ़ा हुआ।

5. बायोप्सी (Biopsy)- बोन मैरो बायोप्सी के जरिये प्लेटलेट्स की कमी को अच्छी तरह जाना जा सकता है।

प्लेटलेट्स की कमी का उपचार – Treatment of Platelet Deficiency

प्लेटलेट्स की कमी यानि थ्रोम्बोसाइटोपेनिया का उपचार इसके कारणों के आधार पर किया जाता है। उपचार की कुछ विधि निम्न प्रकार हैं –

1. ब्लड या प्लेटलेट ट्रांसफ्यूजन किया जा सकता है।

2. यदि प्रतिरक्षा प्रणाली प्लेटलेट्स को हानि पहुंचा रही है तो एंटीबॉडी को ब्लॉक करने के लिए, कॉर्टिकोइड्स को कम करने की दवाएं दी जा सकती हैं।

3. स्प्लीन का आकार बढ़े होने की स्थिति में सर्जरी की जा सकती है।

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प्लेटलेट्स बढ़ाने के घरेलू उपाय – Home Remedies to Increase Platelets

अब बताते हैं आपको कुछ निम्नलिखित घरेलू उपाय जिनको अपनाकर प्लेटलेट्स को बढ़ाया जा सकता है –

1. पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं (Drink Enough Water)- चूंकि ब्लड सेल्स पानी और प्रोटीन से बनते हैं, इसलिये शरीर में पानी की कमी नहीं होनी चाहिए। अतः रोजाना दिन में आठ से दस गिलास पानी अवश्य पीना चाहिए। डॉक्टर भी यही सलाह देते हैं ताकि शारीरिक क्रिया कलाप सुचारु रूप से चल सकें। 

प्लेटलेट्स कम हो जाने की स्थिति में इनको बढ़ाने के लिए सामान्य तापमान का फिल्टर किया हुआ स्वच्छ पानी पीएं। यह ब्लड सेल्स के निर्माण में मददगार होगा। बहुत ठंडे पानी को अवॉइड करें क्योंकि यह पाचन प्रक्रिया पर बुरा असर डालता है और यह भोजन से प्राप्त पोषक तत्वों को ठीक से अवशोषित नहीं कर पाता है।

2. आँवला (Amla)- आँवला औषधीय गुणों का खजाना है। विटामिन-सी का सर्वोत्तम स्रोत है जो रोग प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाने में मदद करता है। इसके साथ ही यह गिरती हुई प्लेटलेट्स को भी संभालता है। प्रतिदिन इसके सेवन से प्लेटलेट्स की संख्या में कमी नहीं आएगी।

यदि किसी की प्लेट्लेट्स कम हुई हैं तो इसे बढ़ाने के लिए रोजाना सुबह खाली पेट तीन, चार आँवला काटकर खाना चाहिए या इनका रस निकाल कर दो, तीन बार पीएं। आँवला के रस में थोड़ा सा शहद भी मिलाया जा सकता है।

3. चुकंदर (Beetroot)- प्‍लेटलेट की संख्या बढ़ाने के लिये चुकंदर एक बेहतरीन उपाय है। यह प्राकृतिक एंटीऑक्‍सीडेंट्स से भरपूर होता है। इसमें कई विटामिन, आयरन, सोडियम,  फास्फोरस, पोटेशियम आदि जैसे खनिज होते हैं जो प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाने में मदद करते हैं। प्लेटलेट्स की कमी दूर करने के लिए चुकंदर के जूस में गाजर का जूस मिलाकर रोजाना पीएं। इससे प्लेटलेट्स में एकदम से तेजी आएगी। रोजाना चुकंदर का सलाद भी खाएं, यह फायदा करेगा।

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4. कीवी (Kiwi)- कीवी एक ऐसा फल है जिसमें कम होती हुई प्लेटलेट्स को बढ़ाने की आश्चर्यजनक क्षमता होती है। यह फल कई विटामिन, मिनरल, आयरन और एंटीऑक्सीडेंट से समृद्ध होता है। यह डेंगू में बेहद लामदायक होता है। कीवी, प्लेटलेट्स की कमी से मरीज की बिगड़ती हुई हालत को, प्लेटलेट्स की संख्या बढ़ाकर संभाल लेता है।

5. अनार (Pomegranate)- अनार में औषधीय गुणों की भरमार होती है। एंटीऑक्सीडेंट, एंटीइंफ्लेमेटरी जैसे अनेक गुण इसमें मौजूद होते हैं जो हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाकर स्वास्थ की रक्षा करता है। प्लेटलेट्स एक जगह इकट्ठा होने पर इनकी संख्या कम होने लगती है। 

अनार इसी बात का फायदा उठाकर प्लेटलेट्स को एक जगह पर इकट्ठा नहीं होने देता जिससे इनकी संख्या में कमी नहीं आती। अलबत्ता इसके पोषक तत्व प्लेटलेट्स को बढ़ाने का काम करता है। इसके लिये अनार के दाने खाएं या इसका जूस पीएं, यह हर हाल में फायदा पहुंचाएगा।

6. पपीता (Papaya)- प्लेटलेट्स की संख्या बढ़ाने के लिये पपीता एक चमत्कारी बल है। इसके पौष्टिक तत्व, कार्बनिक यौगिक, विटामिन-सी और एंटीऑक्सीडेंट प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाने के साथ-साथ प्लेटलेट्स भी बढाने का काम करते हैं। इसके लिये पपीता के पत्तों को बेहतरीन माना जाता है। 

पपीता के पत्तों को पीसकर इसका रस निकालकर, छानकर पीएं। यह रस बहुत थोड़ी मात्रा में ही पीया जाता है लगभग 50 मि.ली. इसे दिन में दो बार पीएं। प्लेटलेट्स चमत्कारी ढंग से बढ़ जाएंगी। पपीता के पत्तों को पानी में उबालकर भी पीया जा सकता है तथा पपीता फल को भी खाएं।

7. किशमिश (Raisins) – किशमिश एंटीऑक्सीडेंट तथा एंटीबैक्टीरियल गुण मौजूद होते हैं तथा कई विटामिन और मिनरल मौजूद होते हैं जो प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाने में मदद करते हैं। किशमिश में मौजूद आयरन एनीमिया को दूर कर रक्त कोशिकाओं के निर्माण में अपनी सक्रिय भूमिका निभाता है। किशमिश रक्‍त उत्‍पादन को उत्तेजित करने के साथ-साथ प्‍लेटलेट्स का उत्पादन करने में भी सहायक होती है। प्‍लेटलेट्स की संख्या बढ़ाने के लिये प्रतिदिन किशमिश का सेवन करना चाहिए।

8. पालक (Spinach)- विटामिन-K एक महत्वपूर्ण विटामिन है जो वसा में घुलनशील होता है। यह रक्त का थक्का (Blood clot) बनाने के लिये जरूरी होता है यानि विटामिन-K का प्रमुख कार्य है रक्त का थक्का बनाना। यह यह शरीर में रक्त के प्रवाह को बनाए रखने में भी सहायता करता है। 

पालक विटामिन-K का एक उत्तम स्रोत है और इसका उपयोग कम प्लेटलेट्स की स्थिति में इसे बढ़ाने के लिए किया जाता है। प्लेटलेट्स बढ़ाने के लिए पालक के पत्तों को उबालकर ठंडा करके इसे पीसकर, इसमें आधा गिलास टमाटर का जूस मिलाकर दिन में दो, तीन बार पीएं। 

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9. कद्दू (Pumpkin)- कद्दू यानि घीया यानि लौकी एक ऐसी सब्जी है जिसके गुणों के बारे में सब जानते हैं लेकिन अपनी इच्छा से खाने को कोई राजी नहीं है। इसे मन मार के खाते हैं। इसे प्लेटलेट्स बढ़ाने वाली सब्जी की संज्ञा दी जाती है। विटामिन-ए से भरपूर कद्दू प्लेटलेट्स बढ़ाने में मदद करता है। 

यह कोशिकाओं में मौजूद प्रोटीन के स्तर को नियंत्रित करता है जिससे प्लेटलेट्स बढ़ने में मदद मिलती है। इसके लिए, कद्दू का किसी भी रूप में सेवन किया जा सकता हे, सब्जी के रूप में, रस, स्मूदी, सूप आदि के रूप में।

10. गिलोय (Giloy)- गिलोय के औषधीय गुण जग प्रसिद्ध हैं। यह अनेक बीमारियों के उपचार में काम आती है। डेंगू की बीमारी में जब प्लेटलेट्स बहुत तेजी से गिरती हैं तो गिलोय का जूस जादू की तरह, तेज रफ्तार से प्लेटलेट्स को बढ़ाने का काम करता है। इससे इम्युनिटी भी मजबूत होती है। प्लेटलेट्स बढ़ाने के लिए, गिलोय का रस निकालकर दिन में दो बार पीना चाहिए। चाहें तो। इसके रस में थोड़ा सा शहद भी मिला सकते हैं।

11. जौ की घास (Barley Grass) – जौ की घास के जूस में प्लेटलेट्स बढ़ाने की अद्भुत शक्ति होती है। इसमें विटामिन-बी1, बी2, बी6, सी, ई और के तथा बीटा कैरोटीन, फोलिक एसिड, आयरन, कॉपर, सोडियम, कैल्शियम, मैग्निशियम, पोटेशियम, फास्फोरस जैसे तत्व उपस्थित होते हैं जो प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाने का काम करते हैं तथा प्लेटलेट्स बढ़ाने में भी अपनी सक्रिय भूमिका निभाते हैं।

 प्लेटलेट्स बढ़ाने के लिए प्रतिदिन दो बार जौ की घास का जूस पीएं विशेषकर डेंगू के दौरान गिरती हुई प्लेटलेट्स की स्थिति में। यह शरीर के विषैले पदार्थों को भी बाहर निकाल देगा।

12. गेहूं की घास (Wheat Grass) – व्हीट ग्रास शरीर में हीमोग्लोबिन, लाल रक्त कोशिकाओं, कुल सफेद रक्त कोशिकाओं, भिन्न सफेद रक्त कोशिकाओं तथा प्लेट्लेट्स की संख्या बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसके लिए रोजाना एक गिलास व्हीट ग्रास में थोड़ा सा नींबू के रस के मिलाकर पीएं।

Conclusion –

दोस्तो, आज के आर्टिकल में हमने आपको प्लेटलेट्स बढ़ाने के घरेलू उपाय के बारे में जानकारी दी। रक्त क्या है, प्लेटलेट्स क्या हैं?, प्लेटलेट काउंट, प्लेटलेट्स कम होने के कारण, प्लेटलेट्स कम होने के लक्षण, प्लेटलेट्स की कमी का निदान और प्लेटलेट्स की कमी का उपचार, इन सब के बारे में भी विस्तार पूर्वक बताया। देसी हैल्थ क्लब ने इस आर्टिकल के माध्यम से प्लेटलेट्स बढ़ाने के बहुत सारे घरेलू उपाय भी बताये। आशा है आपको ये आर्टिकल अवश्य पसन्द आयेगा।

दोस्तो, इस आर्टिकल से संबंधित यदि आपके मन में कोई शंका है, कोई प्रश्न है तो आर्टिकल के अंत में, Comment box में, comment करके अवश्य बताइये ताकि हम आपकी शंका का समाधान कर सकें और आपके प्रश्न का उत्तर दे सकें। और यह भी बताइये कि यह आर्टिकल आपको कैसा लगा। आप इस पोस्ट को अपने दोस्तों और सगे – सम्बन्धियों के साथ भी शेयर कीजिये ताकि सभी इसका लाभ उठा सकें। दोस्तो, आप अपनी टिप्पणियां (Comments), सुझाव, राय कृपया अवश्य भेजिये ताकि हमारा मनोबल बढ़ सके। और हम आपके लिए ऐसे ही Health-Related Topic लाते रहें। धन्यवाद।

Disclaimer – यह आर्टिकल केवल जानकारी मात्र है। किसी भी प्रकार की हानि के लिये ब्लॉगर/लेखक उत्तरदायी नहीं है। कृपया डॉक्टर/विशेषज्ञ से सलाह ले लें।

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दोस्तो, आज के आर्टिकल में हमने आपको प्लेटलेट्स बढ़ाने के घरेलू उपाय के बारे में जानकारी दी। रक्त क्या है, प्लेटलेट्स क्या हैं?, प्लेटलेट काउंट, प्लेटलेट्स कम होने के कारण, प्लेटलेट्स कम होने के लक्षण, प्लेटलेट्स की कमी का निदान और प्लेटलेट्स की कमी का उपचार, इन सब के बारे में भी विस्तार पूर्वक बताया।
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