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शराब पीने के फायदे और नुकसान – Benefits and Side Effects of Drinking Alcohol in Hindi

शराब पीने के फायदे और नुकसान

दोस्तो, स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग पर। दोस्तो, आज हम आपके लिये लेकर आये हैं एक विशेष पेय पदार्थ जो पूरी दुनियां में चाय-पानी के बाद सबसे अधिक पसंद किया जाता है। यह एक ऐसा पेय पदार्थ है जो हजारों वर्ष से अनेक देशों के सामाजिक, धार्मिक अनुष्ठानों और संस्कृति का अटूट हिस्सा रहा है। एक ऐसा पेय पदार्थ जो पूरी दुनियां के साहित्य का हिस्सा रहा है। विशेषकर उर्दू, फारसी साहित्य में तो इसे अद्वितीय स्थान मिला। इस पर गज़ल, नज्म, शायरी आदि खूब लिखे गये। एक ऐसा पेय पदार्थ जो खुशी के मौके पर भी पीया जाता है और ग़म के माहौल में भी। दोस्तों के बीच मौज मस्ती करने का सर्वोत्तम विकल्प। भारत में भी कई देवी-देवताओं को प्रसाद के रूप में भी चढ़ाया जाता है। एक ऐसा पेय पदार्थ जिससे करोड़ों रूपये का राजस्व प्राप्त हो। एक ऐसा पेय पदार्थ जो स्वाद में कड़वा लगता है मगर फिर भी बड़े प्यार से पीते हैं। एक ऐसा पेय पदार्थ जिसके बारे में सबको पता है कि इसका अधिक मात्रा में सेवन हानिकारक है फिर भी अधिकतर लोग इसे अधिक मात्रा में ही पीते हैं। एक ऐसा पेय पदार्थ जो शरीर के लिये टॉनिक भी है और विष भी। अब पसंद आपकी कि किस रूप में इसका सेवन करना चाहेंगे। जी हां, अब तो आप समझ ही चुके हैं कि हम किस पेय पदार्थ की बात कर रहे हैं। हम बात कर रहे हैं शराब की जिसे मदिरा और सुरा भी कहा जाता है। भारत में सुर (गाना, गज़ल, कव्वाली, नज्म आदि), सुरा और सुन्दरी (महिला) का साथ प्राचीन काल से ही रहा है। यदि इसे कम मात्रा में सेवन करेंगे तो फायदा होगा और अधिक मात्रा में सेवन करेंगे तो विष के रूप में आपके शरीर और आत्मा का विनाश होगा। दोस्तो, यही है हमारा आज का टॉपिक “शराब पीने के फायदे और नुकसान”। देसी हैल्थ क्लब इस लेख के माध्यम से आज आपको शराब के बारे में विस्तार से जानकारी देगा, इसके फायदे और नुकसान के बारे में भी बतायेगा और यह भी बतायेगा कि भारत की टॉप ब्रांडेड व्हिस्की कौन-कौन सी हैं और विश्व की सबसे महंगी शराब कौन सी हैं।  तो सबसे पहले जानते हैं कि शराब क्या है और शराब का नशा क्यों होता है। फिर इसके बाद बाकी बिंदुओं पर जानकारी देंगे।

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शराब पीने के फायदे और नुकसान
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शराब क्या है? – What is Wine?

एक ऐसा अल्कोहलिक पेय पदार्थ जो अंगूर, संतरा, माल्टा जैसे फलों, अनाज तथा कुछ सब्जियों को सड़ाकर बनाया जाता है और जो पीने के बाद मादकता दे, उसे मदिरा या शराब कहा जाता है। इसे बनाने के लिये कुछ अन्य वस्तुओं का भी उपयोग किया जाता है। शराब में अल्कोहल और अंगूर से प्राप्त पौधों के गुण आ जाते हैं। शराब में अल्कोहल की मात्रा को निम्न वर्गों में बांटा है। अल्कोहल की मात्रा इससे अधिक होने पर दुकान का लाइसेंस रद्द किया जा सकता है। 

1. व्हिस्की और रम के लिए अल्कोहल की मात्रा 36 से 50 प्रतिशत रखी गई है।

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2. बीयर के लिये 5 से 8 प्रतिशत।

3. ताड़ी जैसी देशी शराब के लिये 19 से 43 प्रतिशत।

4. वाइन में 7.5 से 15 प्रतिशत। 

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शराब का सेवन सबसे पहले कब और कहां किया गया, इस बारे में कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है। ना ही शराब के इतिहास के बारे में कोई सटीक और प्रमाणिक जानकारी है। केवल अनुमान के आधार पर ही यह कहा जा सकता है कि 7000 वर्ष ईसा पूर्व शराब का जिक्र चीन के ऐतिहासिक दस्तावेजों में मिलता है। मिस्र की सभ्यताओं में सुगंधित शराब बनाये जाने के प्रमाण मिलते हैं। भारत में शराब का प्रचलन 3000 वर्ष ईसा पूर्व माना जाता है और मुगलकाल से शराब का विकास माना जाता है। आज के युग में यह भारत सहित अन्य देशों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने का आधार बन चुकी है।

शराब का नशा क्यों होता है? – Why is Alcohol Intoxicated?

यह तो हम सब जानते हैं कि शराब को फलों, अनाज और कुछ सब्जियों को सड़ा कर बनाया जाता है। जहां इन वस्तुओं से खमीर उठाकर अल्‍कोहल तैयार की जाती है। इसके अतिरिक्त कुछ अन्य वस्तुऐं भी शराब बनाने के लिये मिलाई जाती हैं। जब कोई शराब पीता है तो यह पेट और आंतों से होते हुए रक्त में पहुंचती है। अल्‍कोहल के बहुत छोटे-छोटे कण होते हैं जो रक्त में तुरंत घुल जाते हैं।  रक्त फ्लुएड के जरिये शराब केवल पांच मिनट में ही ब्रेन में पहुंच जाती है। ब्रेन में पहुंचकर यह न्यूरोट्रांसमीटर्स को प्रभावित करती है। ये न्यूरोट्रांसमीटर्स सही से संदेश नहीं भेज पाते तो ब्रेन का शरीर पर नियंत्रण तेजी से कम होने लगता है। परिणामस्वरूप शराब पीने वाला ठीक से चल नहीं पाता, उसके पैर लड़खड़ाने लगते हैं और ना ही वह ठीक से बात कर पाता है। उसकी जुबान भी लड़खड़ाने लगती है। इसी अवस्था को शराब का नशा कहते हैं जिसके लिये पूरी तरह अल्‍कोहल जिम्मेदार होता है।

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शरीर में शराब का सफ़र और प्रभाव – Effects of Alcohol on the Body

1. पेट और आंत (Stomach and Intestine)- दोस्तो, जब कोई आदमी शराब पीता है तो यह गले से उतरते ही पेट में चली जाती है। यहां यह 10 प्रतिशत अब्जॉर्ब कर ली जाती है और बाकी छोटी आंत में चली जाती है। यदि खाना खा रखा है तो शराब अधिक समय तक पेट में रहती है और नहीं खा रखा तो यह बहुत तेजी से रक्त में मिल जायेगी। 

2. ब्लडस्ट्रीम (Bloodstream)- अल्कोहल का 20 प्रतिशत भाग पेट और छोटी आंत से होता हुआ ब्लड में घुल जाता है। ब्लडस्ट्रीम से यह शरीर में बहुत तेजी से फैलने लगता है और शरीर के हिस्सों को प्रभावित करता है। जब तक कि लिवर इसे ब्रेक डाउन ना कर दे। शराब पीने के बाद गर्मी महसूस करना इसी के प्रभाव का परिणाम है। 

3. लिवर (Liver)- शराब का ऑक्सीकरण करने और इसे पानी और कार्बन मोनोऑक्साइड में बदलने करने के लिये लिवर को अधिक परिश्रम करना पड़ता है। लिवर प्रति घंटे एक यूनीट शराब का ऑक्सीकरण कर पाता है और 15 मिलीग्राम प्रति घंटा के हिसाब से ही शराब को मेटाबॉलाइज़ कर पाने में सक्षम होता है। 

4. ब्रेन(Brain) – जैसा कि हमने ऊपर बताया कि रक्त फ्लुएड के जरिये शराब केवल पांच मिनट में ही ब्रेन में पहुंच जाती है, यह तुरंत अपना असर दिखाना शुरु कर देती है। डोपामाइन और सेरोटीन तुरंत रिलीज़ होते हैं जिसके कारण खुशी का अनुभव होता है। डोपामाइन एक न्यूरोट्रांसमीटर है जिसे “फील गुड” यानी खुशी वाला हार्मोन भी कहते हैं। सेरोटीन भी एक न्यूरोट्रांसमीटर है जोकि हैप्पी हार्मोन कहलाता है। यद्यपि इसका काम पाचन तंत्र को सुधारना होता है, इसके अतिरिक्त यह भूख, एकाग्रता, अनुभूति, हार्मोनल गतिविधि, और मूड और इमोशन, के लिये भी जिम्मेदार होता है। वस्तुतः शरीर में हैप्पी हार्मोन चार प्रकार के होते हैं – डोपामाइन, सेरोटीन, ऑक्सीटॉक्सीन और एंडोर्फिन। डोपामाइन और सेरोटीन के रिलीज़ होने पर शराब पीने वाले को खुशी का अनुभव होता है और इसी खुशी में और पैग लेता है। परिणामस्वरूप उसके पैर, जुबान नशे में लड़खड़ाने लगते हैं और आंखों से धुंधला दिखाई देने लगता है। 

5. फेफड़े (Lungs)- शराब का 8 प्रतिशत भाग फेफड़ों में जाता है जिससे श्वसन प्रक्रिया प्रभावित होती है। इसी वजह से शराब पीने वाले की सांस और मुंह से बदबू आती है।

शरीर में शराब कब तक रहती है? -How Long Does Alcohol Stay in the Body?

रक्त में शराब की उपस्थिति 10 से 12 घंटे, मूत्र में शराब की उपस्थिति 3 से 5 दिन तक रहती है और यदि बालों की जांच की जाये तो यह 90 दिन तक इसका प्रभाव रहता है।

शराब का नशा कब तक रहता है? – How Long Does Alcohol Intoxication Last?

सामान्य तौर पर शराब का नशा शरीर में 5 से 6 घंटे तक रहता है। यदि बहुत अधिक पी रखी है तो इसका असर 10 घंटे तक भी रह सकता है।

शराब का नशा उतारने के घरेलू उपाय – Home Remedies to Get Rid of Alcohol Addiction

दोस्तो, जब कोई हद से ज्यादा शराब पी लेता है तो उसे अपनी सुधबुध नहीं रहती, वह एक प्रकार से अचेत अवस्था में होता है। उसको चेतन अवस्था में लाने के लिये  यह जरूरी हो जाता है कि उसका नशा उतारा जाये। इसके लिये निम्नलिखित घरेलू उपाय अपनाकर शराब का नशा उतारा जा सकता है –

1. अदरक (Ginger)- अदरक में नशा कम करने के गुण मौजूद होते हैं। थोड़ी सी अदरक के छोटे-छोटे टुकड़े करके या पीसकर, एक गिलास पानी में अच्छी तरह उबालकर छानकर, थोड़ा ठंडा करके पिलायें।   

2. ब्लैक टी/कॉफी (Black tea/Coffee)- ब्लैक टी या ब्लैक कॉफी (बिना चीनी वाली) बनाकर पिलायें। इससे शराब का नशा कम होने लगेगा। 

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3. नींबू पानी (Lemonade)- एक गिलास पानी में एक नींबू निचोड़कर पिलाने से शराब का नशा उतरने में मदद मिलती है।

4. नींबू/अचार (Lemon/pickle)- नींबू चूसने या अचार खाने से भी शराब का नशा उतरता है।

5. दही/छाछ (Curd / Buttermilk)- शराब का नशा उतारने में दही (बिना चीनी वाली) भी मददगार होती है। दही के स्थान पर शराबी को छाछ भी पिलाई जा सकती है। 

6. संतरा (Orange)- संतरा भी शराब का नशा उतारने में मदद करता है।

7. धनिया (Coriander)- धनिया पीसकर इसमें थोड़ा शक्कर मिलाकर खिलायें। यह नशा उतारने में मदद करेगा।

8. गर्म दूध (Hot Milk)- गर्म दूध पिलाने से भी शराब का नशा उतर जाता है।

9. पानी (Water)- सिर पर ठंडा पानी का डालने से नशा उतर जाता है। यह सबसे पुराना और लोकप्रिय उपाय है परन्तु इसे सर्दी के मौसम में नहीं अपनाना चाहिये। 

शराब के साथ क्या खाना चाहिये? – What to Eat with Wine?

दोस्तो, शराब कभी खाली पेट नहीं पीनी चाहिये, खाली पेट पीने से यह रक्त में बहुत तेजी से घुलती है। पीते समय भी कुछ हेल्दी खाद्य पदार्थ लेने चाहियें। और हां, शराब पीने के बाद भी खाना अवश्य खाना चाहिये। चूंकि शराब के साथ नमकीन खाना अच्छा लगता है इसलिये आप कॉर्न सलाद या स्प्राउट्स सलाद ले सकते हैं। मांसाहारियों के लिये चिकन सैंडविच या ग्रिल फिश भी अच्छे और स्वस्थ खाद्य पदार्थ हैं। 

शराब के साथ क्या नहीं खाना चाहिये? – What Should not be Eaten with Alcohol?

आमतौर पर लोग शराब के साथ नमकीन स्नेक्स, चिप्स आदि खाना पसंद करते हैं। लेकिन शराब के साथ निम्नलिखित खाद्य पदार्थों को अवॉइड करना चाहिये – 

1. ड्राई फ्रूट्स (Dry Fruits)- शराब पीने के साथ भुने हुऐ काजू, पिस्ता, नमकीन मूंगफली आदि खाना बहुत पसंद करते हैं। लेकिन ये सब शराब के साथ हानिकारक होते हैं। इनसे कोलेस्ट्रॉल स्तर असंतुलित हो जाता है, भूख भी मर जाती है 

2. ऑयली वस्तुएं (Oily Goods)- शराब के साथ लोग गर्म-गर्म प्याज, के, मिर्च के, आलू के पनीर आदि के पकौड़े खाते हैं, चिप्स खाते हैं या अंडे का ऑमलेट या भुजिया खाते हैं। ये ऑइली होने के कारण शराब के साथ और भारी हो जाते हैं अर्थात् ये आसानी से नहीं पचते। इनको खाकर प्यास भी ज्यादा लगती है। इसलिये ऐसी ऑइली वस्तुओं को अवॉइड करना चाहिये।  

3. डेयरी उत्पाद (Dairy Products)- शराब पीते समय कभी दूध से बनी वस्तुओं जैसे पनीर पकौड़े, पनीर टिक्का, पनीर की भुजिया, दही आदि नहीं खाने चाहियें। क्योंकि शराब के साथ डेयरी उत्पाद हानिकारक होते हैं। 

4. मीठी वस्तुऐं (Sweet Things)- कई बार लोग टशन में शराब के साथ या शराब के बाद मीठा खाना पसंद करते हैं। ऐसा करना बेहद खतरनाक हो सकता है क्योंकि मीठा नशे को दुगना कर देता है।  

5. फल (Fruit)- कई लोग शराब के साथ सेब, संतरा, चीकू, अमरूद, अंगूर आदि फल खाना, अच्छा समझ कर खाते हैं जोकि गलत है। शराब के साथ फलों का कम्बिनेशन भी हानिकारक है। इनसे नशा भी ज्यादा बढ़ जाता है और डायबिटिक मरीज के लिये समस्या पैदा हो सकती है। 

एक दिन में कितनी शराब पीनी चाहिए – How Much Alcohol Should you Drink in a Day?

1. दोस्तो, हमारा शरीर एक घंटे में केवल एक ही ड्रिंक (पैग) और दिन में तीन ड्रिंक को पचा पाने में सक्षम होता है, परन्तु एक ड्रिंक आदर्श माना जाता है। इसे लवली पैग भी कहा जाता है। सही मायने में खुशनुमा मूड और एंजॉयमेंट के लिये एक पैग ही काफी होता है। 

2. अलग-अलग अध्ययनों के आधार पर यह माना गया है कि पुरुषों के लिये एक दिन में दो ड्रिंक और महिलाओं के लिये एक ड्रिंक की सीमा उचित है। अलग-अलग आकलन में यह माना गया है कि एक ड्रिंक में लगभग 14 ग्राम अल्कोहल होता है।

3. डॉक्टर एमपीएस सलूजा, फिजीसियन, गुरुग्राम के अनुसार तीन से अधिक ड्रिंक 65 वर्ष से अधिक आयु के पुरुषों और महिलाओं के लिये, या सप्ताह में सात ड्रिंक को अधिक ड्रिंक की श्रेणी में माना जाता है। 65 वर्ष से कम पुरुषों के लिए चार ड्रिंक या एक सप्ताह में 14 से अधिक ड्रिंक को ज्यादा माना जाता है। एक दिन में एक ड्रिंक को किसी भी आयु की स्वस्थ महिलाओं और 65 वर्ष से अधिक के पुरुषों के लिए आदर्श माना जाता है।  65 से कम आयु के पुरुषों के लिए एक दिन में दो ड्रिंक काफी होते हैं। 

भारत में सबसे ज्यादा बिकने वाली ब्रांडेड व्हिस्की – Best Selling Branded Whiskey in India

दोस्तो, भारत में सबसे ज्यादा बिकने वाली शराब व्हिस्की है। हम आपको बता रहे हैं कुछ लोकप्रिय और ब्रांडेड व्हिस्की के नाम जिनमें अल्कोहल कम से कम 40 प्रतिशत होता है। विवरण निम्न प्रकार हैं –

1. पीटर स्कॉट (Peter Scott)- 1980 के दशक से भारत में सबसे ज्यादा पसंद किये जाने वाला व्हिस्की ब्रांड है पीटर स्कॉट जिसे कर्नाटक में एक प्रतिष्ठित खोदे इंडिया लिमिटेड द्वारा बनाया जाता है, इसकी लोकप्रियता और नाम के कारण दुनिया भर में बहुत नाराज़गी हुई और काफी विवाद रहा है। लोगों ने यहां तक कहा कि यह नाम स्कॉटिश को दर्शाता है जो स्कॉटलैंड से संबंधित है। इसके निर्माता ने धोखा दिया है। भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने अपना निर्णय देते हुआ कि इस कंपनी ने किसी को धोखा नहीं दिया है। पीटर स्कॉट चॉइस व्हिस्की में अल्कोहल की मात्रा 42.8% होती है।

2. बैगपाइपर (Bagpiper)- यह वो ब्रांड है जिसका, सैलिब्रेटिज़ द्वारा विज्ञापन काफी किया जाता रहा है। इसे 1976 में हर्बर्टसन इंडिया लिमिटेड ने लॉन्च किया था और यूनाइटेड स्पिरिट्स लिमिटेड द्वारा अधिग्रहित किया गया था। यह भारत में सबसे ज्यादा बिकने वाले व्हिस्की ब्रांड्स में शुमार है। यह पीईटी बोतल और टेट्रा पैक में बेची जाने वाली पहली व्हिस्की ब्रांड है। इसमें अल्कोहल की मात्रा 42.2% होती है। 

3. मैकडॉवेल्स नंबर -1 (McDowell’s No.-1)- यह यूनाइटेड स्पिरिट्स लिमिटेड  का प्रमुख ब्रांड है यह ब्रांड, व्हिस्की के अनेक प्रकार –  वेरिएंट, प्रीमियम, डाइट मेट, प्लैटिनम और मैकडॉवेल्स नंबर -1 सिंगल माल्ट, में मिल जाता है। इसका नाम स्कॉटलैंड के ‘डिस्टिलरी किंग’ एंगस मैकडॉवेल से मिला है जिन्होंने 1898 में एक डिस्टिलरी, मैकडॉवेल एंड कंपनी की स्थापना की थी। मैकडॉवेल्स नंबर। 1 व्हिस्की में अल्कोहल की मात्रा 42.8% होती है। 

4  रॉयल चैलेंज (Royal Challenge)- यह भी भारत में सबसे अधिक बिकने वाली व्हिस्की ब्रांड्स में से एक है। इसकी लोकप्रियता का अंदाज इसी बात से लगाया जा सकता है कि भारत में इसको चाहने वालों ने इसे “आरसी” नाम दिया है। इसमें स्कॉटलैंड और भारत के माल्ट का मिश्रण होता है। इसे रॉयल चैलेंज 1980 में शॉ वालेस एंड को, ने शुरू किया था। अब भारत की विभिन्न डिस्टिलरीज़ में इसका निर्माण यूनाइटेड स्पिरिट्स लिमिटेड द्वारा किया जाता है। इसे इंग्लैंड, अमेरिका सहित अनेक देशों में निर्यात भी किया जाता है। इसी ब्रांड द्वारा प्रायोजित, इंडियन प्रीमियर लीग, रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की एक क्रिकेट टीम है। इस व्हिस्की में अल्कोहल 42.8% होता है।

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5. रॉयल स्टैग (Royal Stag)- यह भारत की विभिन्न डिस्टिलरीज़ में इसका निर्माण पेरनोड रिकार्ड (Pernod Ricard) द्वारा किया जाता है। रॉयल स्टैग एक माल्ट व्हिस्की है। यह ब्रांड सीग्राम (Seagram) लेबल के तहत बहुराष्ट्रीय कंपनी और डिस्टिलर, पेरनोड रिकार्ड ने 1995 में लॉन्च किया था। यह दो रूप में मिलती है – रेगुलर और बैरल सेलेक्ट। रॉयल स्टैग का विशिष्ट दानेदार स्वाद होता है कई लोगों को बहुत पसंद आता है। इस व्हिस्की में अल्कोहल की मात्रा 42.8% होती है।

6. ब्लेंडर्स प्राइड (Blenders Pride)- यह अत्यंत लोकप्रिय भारतीय व्हिस्की है। इसे भी पेरनोड रिकार्ड ने 1995  सीग्राम लेबल के अंतर्गत लॉन्च किया गया था। इसकी कुछ बड़े व्हिस्की ब्रांड्स के साथ प्रतिस्पर्धा रहती है। ब्लेंडर्स प्राइड दो वेरिएंट्स में मिलती है एक ब्लेंडर्स प्राइड रिजर्व कलेक्शन और दूसरी ब्लेंडर्स प्राइड रेयर प्रीमियम। ब्लेंडर्स प्राइड व्हिस्की में अल्कोहल 42.8% होता है। 

7. इंपीरियल ब्लू (Imperial Blue)- इंपीरियल ब्लू भारतीय शराब बाजार में 1992 में प्रीमियम व्हिस्की ब्रांड के रूप में उतरी और अब यह भारतीय व्हिस्की का एक प्रमुख ब्रांड है। यह भारत के IMFL प्रमुख यूनाइटेड स्पिरिट्स लिमिटेड का निर्माण है। यह भी दो वेरिएंट्स में उपलब्ध है एक एंटिक्विटी रेयर प्रीमियम और दूसरी एंटिक्विटी ब्लू अल्ट्रा प्रीमियम। इंपीरियल ब्लू व्हिस्की में अल्कोहल की मात्रा  42.8% होती है। 

8. सिग्नेचर व्हिस्की (Signature Whiskey)- इसे यूनाइटेड स्पिरिट्स लिमिटेड द्वारा 1992 में लॉन्च किया गया। इसका भी विज्ञापन सैलिब्रेटिज़ द्वारा किया जाता रहा है। यह दुनियां की इकलौती व्हिस्की है जो एक अष्टकोणीय फ्लास्क में आती है। इसमें अल्कोहल की मात्रा 42.8% है।

9. ऑफिसर्स चॉइस (Officers Choice)- यह विश्व में और भारत में सबसे ज्यादा बिकने वाला व्हिस्की ब्रांड है। जॉनी वॉकर ब्रांड और स्मिरनॉफ जैसे सबसे ज्यादा बिकने वाले ब्रांड क्रमशः 2013 और 2014 में पीछे छोड़ दिया और अभी तक सबसे ज्यादा बिकने वाली व्हिस्की ब्रांड है। यह माल्ट व्हिस्की गुड़ के साथ मिश्रित किया जाता है। इसे एलाइड ब्लेंडर्स & डिस्टिलर्स द्वारा बनाया जाता है। यह दो प्रीमियम वेरिएंट में मिलती है – ऑफिसर्स चॉइस ब्लू और ऑफिसर्स चॉइस ब्लैक तथा ऑफिसर्स चॉइस प्रेस्टीज। ऑफिसर्स चॉइस व्हिस्की में अल्कोहल की मात्रा 42.8% होती है। 

10. ओरिजिनल चॉइस (Original Choice) – यह पॉल जॉन के साथ एकल माल्ट व्हिस्की पुरस्कार जीतने वाला जॉन डिस्टिलरीज व्हिस्की का सबसे लोकप्रिय ब्रांड है। इसके अन्य ब्रांड्स में ब्रांड बिग बैनियन वाइन, पॉल जॉन और ग्रैंड ड्यूक का नाम भी शामिल है। ओरिजिनल चॉइस व्हिस्की में अल्कोहल की मात्रा 42.8% होती है। 

विश्व की सबसे महंगी शराब – World’s Most Expensive Wine

दोस्तो, अब बताते हैं आपको विश्व में कुछ सबसे महंगी शराब के बारे में जो निम्न प्रकार हैं :-

1. टकीला ले 925 (Tequila Ley 925) – यह विश्व की सबसे महंगी शराब मानी जाती है मगर कितनी यह किसी को नहीं पता। यह सबसे महंगी इसलिये है क्यों कि इस शराब की बोतल में 6400 हीरे जड़े हुए हैं। इसे शराब को मेक्सिको में लॉन्च किया गया था। मगर हीरों जड़ित इस शराब की बोतल को अबतक किसी ने नहीं खरीदा है। 

2. डीवा वोदका (Diva Vodka) – यह विश्व की सबसे महंगी वोदका माना जाता है। हर बोतल के बीच में एक अलग प्रकार का सांचा होता है जिसमें स्वरोस्की क्रिस्टल (Swarovski Crystals) रखे हुऐ होते हैं। इनका उपयोग ड्रिंक को गार्निश करने के लिए किया जाता है। इसकी कीमत 7 करोड़ 30 लाख रुपये है।

3. अमांडा डी ब्रिगनैक मिडास (Amanda De Brignac Midas) – यह विश्व इसे की सबसे महंगी शैंपेंन (Champagne) है। इसकी कीमत 1 करोड़ 40 लाख रुपये से भी अधिक है। इस बोतल का आकार बहुत बड़ा है। 

4. डैलमोर 62 (Dalmore 62)- यह विश्व की सबसे महंगी व्हिस्की है। इसकी कीमत के कारण ही आज तक केवल 12 बोतलें ही बनाई गई हैं। इस डैलमोर 62 व्हिस्की की एक बोतल की कीमत 1 करोड़ 50 लाख रुपये से भी अधिक है। 

5. पेनफोल्ड्स एम्पूल (Penfolds Ampoule) – यह विश्व की सबसे महंगी रेड वाइन (Red Wine) मानी जाती है। इसकी बोतल पेन के आकार की है। इस रेड वाइन की एक बोतल की कीमत लगभग 1 करोड़ 20 लाख रुपये है।

शराब पीने के फायदे – Benefits of Drinking Alcohol

दोस्तो, एक्सपर्ट्स भी यही मानते हैं कि यदि शराब को को कम मात्रा में यानी लिमिट में पीया जाये तो इसके निम्नलिखित फायदे हो सकते हैं अन्यथा अधिक मात्रा में पीने से तो आर्थिक और शारीरिक नुकसान होना निश्चित है – 

1. हृदय के लिये फायदेमंद (Beneficial for Heart)- हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के पब्लिक हेल्थ में एक अध्ययन से पता चलता है कि यदि सीमित मात्रा में शराब का सेवन किया जाये तो इससे अच्छे वाले कोलेस्ट्रॉल एचडीएल के स्तर में बढ़ोत्तरी होती है। अच्छे वाले कोलेस्ट्रॉल हृदय रोगों से बचाव करता है। यह रक्त के थक्के नहीं जमने देता इसलिये हृदय धमनियां भी ब्लॉक नहीं होतीं। परिणामस्वरूप हार्ट अटैक का खतरा भी कम रहता है।   

2. लंबा जीवनकाल (Long life span)- विशेषज्ञों का मानना है कि खाना खाते समय शराब का थोड़ी मात्रा में सेवन करना, वास्तव में ड्रिंक करने का सही तरीका है। जैसे कि खाने के साथ रेडवाइन पीते हैं। इससे खुराक बढ़ती है। एक या दो ड्रिंक खाने के साथ लेने से जीवन लंबा चल सकता है, मृत्यु 18 प्रतिशत तक कम हो जाती है। 

3. सर्दी, जुकाम से बचाए (Protect from Cold)- सर्दी के मौसम में सर्दी लग जाना, जुकाम, खांसी हो जाना आम समस्या है। धूम्रपान से भी सर्दी, जुकाम होने की संभावना रहती है। अल्कोहल, एंटीऑक्सिडेंट गुणों के कारण इन सबसे बचाये रखता है। सर्दी जुकाम हो जाने पर शराब का एक ड्रिंक बहुत फायदा करता है विशेष तौर पर रम गर्म पानी में मिलाकर पीने से आराम आ जाता है यह मेडिसिन के रूप में काम करती है तभी तो इसे Regular Use Medicine (RUM) कहा जाता है। इसके सेवन से सर्दी, जुकाम, खांसी में 60 प्रतिशत की कमी आती है। 

4. डायबिटीज में कमी (Reduction in Diabetes)- सीमित मात्रा में शराब का प्रतिदिन सेवन से डायबिटीज होने की संभावना नहीं रहती। इससे बनने वाला एक हार्मोन इन्सुलिन को कंट्रोल करता है और इन्सुलिन ब्लड शुगर के स्तर को संतुलित करता है। एक डच अध्ययन बताता है कि जो एक या दो ड्रिंक लेते हैं उनमें उन लोगों की तुलना में टाइप 2 डायबिटीज होने की संभावना बहुत कम होती है जो बिल्कुल भी नहीं पीते। 

5. पित्ताशय में पथरी बनने का से रोके(Prevent Gall Bladder Stone Formation) – यद्यपि पित्ताशय में पथरी बनने के कोई सटीक और प्रमाणित कारण नहीं हैं फिर भी यह माना जाता है कि जब पित्ताशय में कोलेस्ट्रॉल, बिलीरूबीनेट, कैल्शियम, कैल्शियम कार्बोनेट रसायन असंतुलित हो जाते हैं तब पित्त की थैली में पथरी बनती है। शराब पित्ताशय की पथरी को गला देने में सक्षम होती है परन्तु पीनी फिर भी लिमिट में ही पड़ेगी। ईस्ट एंग्लिया यूनीवर्सिटी के शोधकर्ताओं के अनुसार रोजाना दो ड्रिंक लेने से पित्त की थैली में पथरी बनने की संभावना कम हो जाती है। पथरी पर विस्तार से जानकारी के लिये हमारा पिछला आर्टिकल “पथरी के देसी उपाय” पढ़ें।  

6. डिमेंशिया की संभावना कम करे (Reduce your chances of Dementia)- डिमेंशिया कोई रोग नहीं अपितु मस्तिष्क की समस्याओं से जुड़े रोगों के लक्षणों का समूह है। इसे अल्जाइमर का आरंभिक रूप माना जाता है। न्यूरोसाइक्रेटिक डिजीज़ एंड ट्रीटमेंट जर्नल से पता चलता है कि यदि शराब को सीमित मात्रा में लिया जाये तो अल्जाइमर और डिमेंशिया की संभावना 23 प्रतिशत तक कम हो जाती है। मस्तिष्क की कोशिकाऐं मजबूत हो जाती हैं। 

7. थकावट दूर करे (Relieve Fatigue)-  शारीरिक परिश्रम करने वाले लोग यदि इसे सीमित मात्रा में सेवन करते हैं तो उनकी सारे दिन की थकान निश्चित रूप से उतर जाती है और नींद भी बहुत अच्छी आती है परन्तु ऐसा होता बहुत कम है। अक्सर लोगों को बहुत ज्यादा मात्रा में पीते हुऐ देखा गया है।

8. तनाव दूर करे (Relieve Stress)- कभी काम का बोझ तो कभी घर की और बाहर की उलझनें। ऐसे में दिमाग पर दबाव पड़ना स्वाभाविक है जिसकी वजह से मानसिक तनाव बढ़ जाता है। ऐसे में यदि एक या दो ड्रिंक शराब ले ली जाये तो निश्चित रूप से तनाव दूर हो जायेगा और अच्छी नींद भी आयेगी।

ये भी पढ़ें- तनाव से छुटकारा पाने के उपाय

9. ब्रेन पावर बढ़ाये (Increase Brain Power)- हमने ऊपर बताया है कि शराब केवल पांच मिनट में मस्तिष्क में पहुंच जाती है। इससे शरीर और मस्तिष्क में उत्तेजना का संचार होता है। यदि सीमित मात्रा में शराब ली गई है तो यह दिमाग की थकावट से भी राहत दिलायेगी और कार्य क्षमता में भी बढ़ोत्तरी करेगी। टेंशन दूर होगी और स्मरण शक्ति में भी सुधार होगा। 

10. सेक्स पावर बढ़ाये (Increase Sex Power)- शराब के सीमित सेवन से शरीर में रक्त संचार बहुत तेजी से होता है जो स्त्री और पुरुष दोनों में कामेच्छा और कामोत्तेजना को बढ़ाकर सेक्स में आनन्द की अनुभूति कराने में मदद करती है। जर्नल ऑफ सेक्सुअल मेडिसिन में प्रकाशित एक अध्ययन से पता चलता है कि शराब पीने वालों में 25 से 30 प्रतिशत तक नपुंसकता में कमी आई है। लेकिन शराब की आदत से कैसे नपुंसकता की समस्या पैदा होती है इसका जिक्र हम आगे करेंगे।

शराब पीने के नुकसान – Harms of Drinking Alcohol

दोस्तो, शराब के कितने ही फायदे गिना लो, लेकिन मनुष्य की प्रवृति ऐसी है कि वह शराब के प्रभाव में आकर “सीमित मात्रा” की परिभाषा भूल जाता है या परवाह नहीं करता और एक के बाद एक पैग लेने का सिलसिला जारी रखता है। फिर जब उसे शराब की लत लग जाती है यह उसे तीन प्रकार से नुकसान पहुंचाती है – आर्थिक रुप से, सामाजिक रुप से और शारीरिक तथा मानसिक रूप से। इन रूपों के परिणामस्वरूप इसके निम्नलिखित घातक नुकसान सामने आते हैं – 

1. आर्थिक रूप से कमजोर करती है – जब तक आदमी इसे कभी-कभी, पार्टी, फंक्शन में दोस्तों के साथ या शौकिया कभी-कभी पीता है तो ठीक है लेकिन जब यह उसकी आदत में शुमार हो जाती है तो यह लत उसकी जिन्दगी का भयानक हिस्सा बन जाती है। फिर वह रोजाना शराब पीता है। इसके लिये उसे धन की आवश्यकता होती है। इतिहास गवाह है कि बड़े-बड़े राजा महाराजा, बादशाह, नवाब, सेठ, सिलेब्रिटिज़ शराब की लत के कारण बर्बाद हो गये। उनका खजाना खाली हो गया और वे भिखारी के समान हो गये। आम आदमी कब तक शराब के लिये धन जुटायेगा, एक दिन वह आता है जब शराब की खातिर अपनी पत्नी के जेवर भी बेच देता है, अपना घर, जमीन जायदाद, खेत खलिहान सब बेच देता है और फिर शुरु होता है उसकी बर्बादी दास्तान। इसे कहते हैं शराब द्वारा मनुष्य को आर्थिक रूप से कमजोर करना। 

2. सामाजिक नुकसान – जब आदमी को शराब की लत लग जाती है तो उसका आचार, विचार और व्यवहार सब बदल जाते हैं। वह सिर्फ़ शराब से प्यार करता है, ना अपनी पत्नी से ना बच्चों से ना माता-पिता, भाई बहिन से, ना रिश्तेदारों से और ना किसी और से। उसकी शराब की लत से सबकी जिन्दगी प्रभावित होती है। उसकी यह लत इस कदर बढ़ जाती है कि वह पीकर या तो किसी नाली में बेहोश पड़ा होगा या घर आकर पत्नी और बच्चों के साथ मारपीट करेगा। पड़ोसियों को गाली देगा। ऐसी अवस्था में हर कोई उसे इग्नोर करता है किसी भी धार्मिक या सामाजिक समारोह में उसे और उसके परिवार को नहीं बुलाया जाता। एक प्रकार से उसका सामाजिक बहिष्कार कर दिया जाता है। इसे कहते हैं सामाजिक नुकसान।

3. शारीरिक और मानसिक नुकसान – शराब से शारीरिक और मानसिक नुकसान कई तरह से होता है जिनका विवरण निम्न प्रकार है – 

(i) हृदय पर प्रभाव – हमने ऊपर बताया है कि शराब को यदि सीमित मात्रा में लिया जाये तो यह हृदय रोगों से हृदय का बचाव करता है। परन्तु यदि इसे अधिक मात्रा में पीया जाये तो इससे ब्लड प्रैशर हाई हो जायेगा और हृदय की धड़कन अनियमित रूप से बढ़ जायेगी। ये दोनों ही अवस्थाऐं हृदय के लिये घातक हैं। इससे स्ट्रोक/अटेक भी पड़ सकता है। 

(ii) किडनी पर प्रभाव – अधिक शराब पीने से मूत्र ज्यादा आता है वहीं दूसरी ओर शराब को अधिक मात्रा सेवन करने से मस्तिष्क में वह हार्मोन प्रभावित होता है जो किडनी को अधिक मात्रा में मूत्र बनाने से रोकता है। ऐसी अवस्था में किडनी को मूत्र बनाने के लिये अधिक मेहनत करनी पड़ती है। यदि लंबे समय तक शराब का अधिक मात्रा में सेवन का सिलसिला चलता रहे तो यह शराब  किडनी फेलियर का कारण बन सकती है। 

(iii) लिवर पर प्रभाव –  शराब गले से उतरकर सबसे पहले लिवर से टकराती है और यह भी एक सत्य है कि अल्कोहल का 90% विघटन लिवर में ही होता है। इसलिये इसका सीधा प्रभाव लिवर पर पड़ता है। लंबे समय तक ज्यादा शराब पीने का सिलसिला जारी रहे तो निश्चित रूप से लिवर खराब हो जायेगा।

(iv) पेट पर प्रभाव – शराब पेट पर अनेक प्रकार से प्रभाव डालता है। अल्‍कोहल पेट में जाकर एसिड के उत्‍पादन को प्रेरित करता है और यही एसिड पेट में सूजन की वजह बनता है। अल्कोहल से पेट की अंदर की दीवारों को प्रभावित करता है जिनसे पाचक रस निकलता है। इस पाचक रस और अल्कोहल के मिलने से एसिडिटी होती है। फिर पेट में जलन भी होने लगती है। और यदि खाली पेट शराब पी है तो भाेजन और तरल पदार्थ लंबे समय तक पेट में पड़े रहते हैं। इससे भी पेट में एसिड बनने लगता है क्योंकि पेट में पड़े रहने से भोजन को पचने में बहुत समय लगता है। सुबह उठने पर जी मिचलाने लगता है और उल्टी होने लगती है। जब तक यह भोजन और अल्कोहल उल्टी के जरिये नहीं निकल जाता तब तक परेशानी बनी रहती है। 

(v) हड्डियों और मांसपेशियों पर प्रभाव – शराब का लंबे समय तक अधिक मात्रा में सेवन करने से मांसपेशियों और हड्डियों पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है। मांसपेशियों की कसावट कम होने लगती है और फिर ये ढीली पड़ने लगती हैं। रही बात हड्डियों की तो हड्डियों द्वारा कैल्शियम को अवशोषित करने की क्षमता कम होने लगती है जिससे उनकी मजबूती प्रभावित होती है और  ऑस्टियोपोरोसिस नामक अस्थि रोग होने की संभावना रहती है। इस रोग में हड्डियां इतनी कमजोर हो जाती हैं कि हल्की सी चोट लगने पर टूट जाती हैं कभी-कभी तो ये अपने आप ही टूटने लगती हैं।

(vi) डायबिटीज की संभावना – हमने ऊपर बताया है कि यदि शराब कम मात्रा में ली जाये तो इससे बनने वाला एक हार्मोन इन्सुलिन को कंट्रोल  करता है और इन्सुलिन ब्लड शुगर के स्तर को संतुलित करता है। जिससे डायबिटीज की संभावना नहीं रहती लेकिन यदि इसको अधिक मात्रा में लंबे समय तक पीया जाये तो फिर इसका उल्टा असर होना शुरु हो जाता है। अल्कोहल पैंक्रियाज के काम में रुकावट डालता है। पैंक्रियाज इन्सुलिन बनाने का काम नहीं कर पाता जिससे इन्सुलिन का ब्लड शुगर से नियन्त्रण हट जाता है। परिणामस्वरूप शराब पीने वाले को डायबिटीज होने की संभावना निश्चित हो जाती है।  ऐसी स्थिति पैंक्रियाटिक कैंसर को जन्म देती है। 

(vii) प्रतिरक्षा प्रणाली पर प्रभाव – प्रतिरक्षा प्रणाली जितनी मजबूत होगी, हमारा शरीर संक्रमणों से होने वाले रोगों से उतना ही सुरक्षित होगा। प्रतिरक्षा प्रणाली हमारे शरीर की सुरक्षा कवच के रूप में रक्षा करती है। और शराब की अधिक मात्रा इस सुरक्षा कवच को आसानी से ध्वस्त कर देती है। इसके लगातार सेवन से प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर पड़ने लगती है और फिर हमारा शरीर रोगों से लड़ने में कामयाब नहीं हो पाता। 

(viii) शरीर में विटामिन-बी12 की कमी – विटामिन-बी12 लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण में मदद करता है। यदि इसकी कमी हो जाये तो शरीर में रक्त की कमी हो जाती है जिसे एनीमिया कहा जाता है। इसकी कमी से न्यूरोलॉजिकल समस्या हो सकती है या थकावट, हाथ-पांव में झनझनाहट, कान बजना, सांस फूलना, सिरदर्द, त्वचा के रंग में परिवर्तन, मुंह में छाले होना आदि की समस्या हो जाती है। विटामिन-बी12 ब्रेन, स्पाइनल कॉर्ड और न‌र्व्स के कुछ तत्वों की रचना में भी मदद करता है। शराब की अधिक मात्रा विटामिन-बी12 को कम करती है। विटामिन-बी12 की कमी से जानलेवा स्थिति भी बन सकती है। 

(ix) यौन समस्याऐं – दोस्तो हमने ऊपर बताया है कि शराब के सीमित सेवन से कामेच्छा और कामोत्तेजना में वृद्धि होती है और सेक्स में आनन्द की अनुभूति होती है। शुरु-शुरु में तो यह सब अच्छा लगता है परन्तु समय के साथ-साथ मनुष्य शराब की मात्रा बढ़ा देता है क्योंकि उसे लगता है कि ज्यादा पीने से आनन्द की और अधिक अनुभूति होगी और फिर उसे पीने और सेक्स करने की लत लग जाती है। उसकी यही सोच/गलती का उल्टा ही परिणाम होता है। उसके शुक्राणुओं की संख्या और गुणवत्ता की क्षति होने लगती है, वीर्य पतला होने लगता है।  हमने यह भी बताया कि शराब की अधिक मात्रा विटामिन-बी12 को कम कर देती है, इससे पुरुषों में टेस्टोस्टेरॉन हार्मोन का स्तर कम हो जाना, नपुंसकता (Erectile Dysfunction),  शीघ्रपतन (Premature Ejaculation) जैसी यौन समस्याऐं होने लगती हैं।

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(x) मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र पर प्रभाव – यह ठीक है कि शराब से मानसिक थकान उतर जाती है, मस्तिष्क के कार्य करने की क्षमता बढ़ जाती है, स्मरण शक्ति तेज हो जाती है, तनाव समाप्त हो जाता है लेकिन यह भी सच है कि शराब यदि ज्यादा पी ली जाये तो यह मस्तिष्क और शरीर के बीच संचार को ठप्प कर देती है। तंत्रिका तंत्र  प्रभावित होता है जिससे शारीरिक क्रिया कलाप बिगड़ने लगते हैं। सबसे अधिक नुकसान तब होता है जब शराब की लत लग जाती है। लत लग जाने पर दिमाग कमजोर हो जाता है, सोचने समझने की शक्ति खत्म होने लगती है, कार्य करने की क्षमता कम होने लगती है और अल्जाइमर जैसे मानसिक रोग पनपने लगते हैं। मनुष्य पर अवसाद (Depression) और मानसिक तनाव हावी हो जाते हैं।  

(xi) दुर्घटनाऐं – शराब की लत दिमाग पर इस कदर हावी होती है कि यदि पीने के बाद वह अपने घर पैदल लौट रहा है तो उसके कदम डगमगाने लगते हैं, वह गिरता है, खड़ा होता है चलता है और फिर गिरता है। इस दौरान उसे चोट भी लगती हैं। यदि वह अपनी गाड़ी से आ रहा है तो उसे ड्राईविंग बहुत मुश्किल पड़ती है विशेषकर रात को। क्योंकि उसका दिमाग काम करना बंद कर देता है। वह सही से दूसरी गाड़ी के फासले का अंदाज नहीं लगा पाता। ऐसी स्थिति में वह अपनी और दूसरों की जिन्दगी को खतरे में डालता है। परिणामस्वरूप दुर्घटना में शारीरिक नुकसान या मौत। शराब पीकर गाड़ी चलाने से सड़क दुर्घटनाओं में प्रतिदिन 19 लोगों मौत हो जाती है। 

Conclusion – 

दोस्तो, आज के लेख में हमने आपको शराब पीने के फायदे और नुकसान के बारे में विस्तार से जानकारी दी। शराब क्या है, शराब का नशा क्यों होता है, शरीर में शराब का सफ़र और प्रभाव, शरीर में शराब कब तक रहती है, शराब का नशा कब तक रहता है, शराब का नशा उतारने के घरेलू उपाय, शराब के साथ क्या खाना चाहिये, शराब के साथ क्या नहीं खाना चाहिये, एक दिन में कितनी शराब पीनी चाहिये और भारत में सबसे ज्यादा बिकने वाली ब्रांडेड व्हिस्की, विश्व की सबसे महंगी शराब, इन सब के बारे में भी विस्तार पूर्वक बताया। देसी हैल्थ क्लब ने इस लेख के माध्यम से शराब पीने के फायदे और शराब पीने के नुकसान भी बताये। आशा है आपको ये लेख अवश्य पसन्द आयेगा। 

दोस्तो, इस लेख से संबंधित यदि आपके मन में कोई शंका है, कोई प्रश्न है तो लेख के अंत में, Comment box में, comment करके अवश्य बताइये ताकि हम आपकी शंका का समाधान कर सकें और आपके प्रश्न का उत्तर दे सकें। और यह भी बताइये कि यह लेख आपको कैसा लगा। आप इस पोस्ट को अपने दोस्तों और  सगे – सम्बन्धियों के साथ भी शेयर कीजिये ताकि सभी इसका लाभ उठा सकें। दोस्तो, आप अपनी टिप्पणियां (Comments), सुझाव, राय कृपया अवश्य भेजिये ताकि हमारा मनोबल बढ़ सके। और हम आपके लिए ऐसे ही Health-Related Topic लाते रहें। धन्यवाद।

Disclaimer – यह लेख केवल जानकारी मात्र है। किसी भी प्रकार की हानि के लिये ब्लॉगर/लेखक उत्तरदायी नहीं है। कृपया डॉक्टर/विशेषज्ञ से सलाह ले लें।

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दोस्तो, आज के लेख में हमने आपको शराब पीने के फायदे और नुकसान के बारे में विस्तार से जानकारी दी। शराब क्या है, शराब का नशा क्यों होता है, शरीर में शराब का सफ़र और प्रभाव, शरीर में शराब कब तक रहती है, शराब का नशा कब तक रहता है, शराब का नशा उतारने के घरेलू उपाय।
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