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शरीर में पानी की कमी दूर करने के उपाय – Remedies to Solve Dehydration Problem in Hindi

शरीर में पानी की कमी दूर करने के उपाय

दोस्तो, स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग पर। दोस्तो, शरीर में किसी ना किसी पदार्थ की कमी से कोई ना कोई बीमारी होती रहती है, जिसका डॉक्टरी इलाज जरूरी हो जाता है या आयुर्वेदिक उपचार से या घरेलू उपचार से राहत मिल जाती है। परन्तु कुछ बीमारियों के उपचार के लिये डॉक्टर भी दवा देने के बजाय खाने पीने की सलाह देते हैं। ऐसा ही एक पदार्थ है जिसकी कमी जानलेवा हो जाती है और इसके कारण अनेक रोग हो जाते हैं। डॉक्टर इन बीमारियों के लिये तो दवा दे देंगे परन्तु उस पदार्थ की कमी को पूरा करने के लिये खाने, पीने की सलाह देंगे। जिस पदार्थ की कमी की बात कर रहे हैं उसका नाम है पानी। यदि पानी की कमी शरीर में हो जाये तो जान पर बन आती है। दोस्तो, यही है हमारा आज का टॉपिक “शरीर में पानी की कमी दूर करने के उपाय”।  देसी हैल्थ क्लब इस लेख के माध्यम से आज आपको पानी के बारे में विस्तार से जानकारी देगा और यह भी बतायेगा कि मनुष्य के लिये पानी क्यों जरूरी है और पानी की कमी को दूर करने के उपाय क्या हैं। तो सबसे पहले जानते हैं कि पानी क्या है और पानी की कमी क्या होती है।

पानी क्या है? -What is Water?

पानी एक आम रासायनिक पदार्थ है जो प्राणियों के जीवन का आधार है। मनुष्य इसका उपयोग जीवित रहने के लिये, तरल पदार्थ के रूप में पीकर करता है। जब यह जम जाये तो इसका ठोस रूप बर्फ़ कहलाता है और सूर्य की गर्मी से भाप बनकर यह गैसीय अवस्था में आ जाता है। सर्दियों में हमारे मुंह से निकलने वाली गर्म सांस/हवा बाहर के ठंडे वातावरण में जमकर भाप (गैस) के रूप में उड़ जाती है। पानी का अणु दो हाइड्रोजन परमाणु और एक ऑक्सीजन परमाणु से बना है। इसका अणु सूत्र H2O है।  

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शरीर में पानी की कमी दूर करने के उपाय
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पानी की कमी यानी निर्जलीकरण क्या है? -What is Dehydration?

पानी मनुष्य के जीवित रहने और शरीर की कार्य प्रणाली के संचालन के लिये सबसे महत्वपूर्ण और आवश्यक द्रव पदार्थ है। शरीर को अपने कार्य संचालन के लिये पानी की खपत बहुत तेजी से करनी पड़ती है जिसके कारण तथा अन्य कारणों से शरीर में पानी की कमी हो जाती है। जब शरीर से बाहर निकलने वाला पानी, शरीर में बचे हुऐ पानी की मात्रा से ज्यादा हो जाये तो इसे निर्जलीकरण (Dehydration) यानी पानी की कमी कहा जाता है। शरीर की निम्नलिखित क्रियाओं में पानी की अधिक खपत होती है, जो शरीर से बाहर निकल जाता है। 

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(i) सांस लेकर छोड़ने कि क्रिया में पानी भाप के रूप में निकलता है। सर्दी के मौसम में इसे साफ देखा जा सकता है। अन्य मौसम में शीशे पर मुंह लगाकर सांस छोड़कर देखिये, कुछ क्षण के लिये भाप नज़र आ जायेगी।

(ii) गर्मियों में शरीर को ठंडा बनाये रखने और तापमान को सामान्य बनाये रखने के लिये शरीर पानी को पसीने के रूप में बाहर निकालता है।

(iii) शरीर विषाक्त पदार्थों को मूत्र और पसीने के द्वारा बाहर निकालता है। 

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पानी की कमी होने के कारण – Cause of Lack of Water

1. गर्मियों में बैक्टीरिया या वायरल संक्रमण के कारण बुखार होना।

2. उल्टी, दस्त लग जाना।

3. अधिक पसीना आना।

4. काम काज में व्यस्त होने के कारण पानी पूरी मात्रा में  ना पीना।

5. सफर के समय पानी उपलब्ध ना हो पाना 

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6. कुछ विशेष दवाओं के कारण भी पानी की कमी हो जाती है जैसे डाइयुरेटिक।

7. डायबटीज के मरीजों को मूत्र अधिक आता है इसलिये ज्यादा मूत्र विसर्जन के कारण उनमें पानी की कमी होने की संभावना अधिक रहती है।

8. त्वचा रोग या जलने के कारण पानी की कमी हो जाती है। 

9. शराब का अधिक सेवन करना। 

पानी की कमी के लक्षण – Water Deficiency Symptoms

1. सबसे पहला और मुख्य लक्षण यही है कि जल्दी-जल्दी प्यास लगती है और पानी पीते-पीते भी प्यास नहीं बुझती।

2. पानी की कमी होने पर मूत्र का रंग गहरा पीला हो जाता है। और मूत्र भी कम आता है। सामान्य स्थिति में यह हल्के पीले रंग का होता है।

3. मुंह और जीभ का सूखना

4. सिर में दर्द

5. चक्कर आना

6. कमजोरी, थकावट महसूस करना

7. आंखें अंदर धंसने लगती हैं

8. सांस तेज-तेज चलना, धड़कन तेज होना

9. ज्यादा नींद आना

10. चिड़चिड़ापन होना

11. मांसपेशियों में ऐंठन

12. त्वचा का शुष्क हो जाना

पानी की कमी से होने वाली बीमारियां – Water Scarcity Diseases

1.थकावट और ऊर्जा की कमी

2. मोटापा बढ़ना 

3. पाचन-तंत्र से संबंधित कई बीमारियां जैसे गैस्ट्राइटिस, कब्ज़ आदि।

4. श्वसन प्रणाली से संबंधित बीमारियां।

5. हाई और लो ब्लड प्रेशर की समस्या

6. कोलेस्ट्रॉल स्तर में असंतुलन

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7. सिस्टाइटिस और गठिया रोग

8. त्वचा रोग जैसे एक्जिमा।

पानी कितना पीना चाहिए (मात्रा)? – How Much Water Should You Drink

1. दोस्तो, प्रतिदिन कितना पानी पीना चाहिये यह निर्भर करता है लिंग, आयु, स्वास्थ की दशा और शारीरिक गतिविधियों पर। वैसे, प्रतिदिन औसतन दो लीटर पानी पीने की सलाह दी जाती है। 

2. चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार स्वस्थ व्यक्ति, जिसकी दोनों किडनी ठीक से काम कर रही हों, उसको प्रतिदिन अपने वज़न के अनुपात में प्रति एक किलोग्राम पर, 30 मिलीलीटर पानी पीना चाहिये।

मनुष्य के लिये पानी क्यों जरूरी है?- Why is Water Necessary for Humans

1. पानी सिर्फ बाहरी सफाई के लिये ही नहीं अपितु शरीर के अन्दर की सफाई के लिए भी जरूरी है। पानी ही पूरे शरीर में ऑक्सीजन पहुंचाने का काम करता है।

2. पानी के बिना मनुष्य का कोई वजूद ही नहीं है इसके बिना जीवित रह ही नहीं सकता। पानी खत्म, इंसान खत्म। एक रिसर्च बताती है की आदमी बिना भोजन के 15 दिन तक भी जीवित रह सकता है लेकिन बिना पानी नहीं। पानी के बगैर 5वें दिन उसकी मृत्यु हो जायेगी।

3. यदि शरीर में 1% भी पानी की कमी होती है तब प्यास लगने लगती है और पानी पीना पड़ता है।

4. पानी की 5% कमी होने पर शरीर की नसें खिंचने लगती हैं और स्टेमिना में कमी महसूस होती है।

5. पानी की 10% कमी होने पर व्यक्ति को धुंधला नज़र आने लगता है और बेहोश हो जाता है। 

6. शरीर में पानी की 20% कमी होना सबसे ज्यादा खतरनाक स्थिति होती है। इस स्थिति में व्यक्ति की मृत्यु हो सकती है। 

मनुष्य के शरीर के अंगों में पानी की मात्रा -Water Content in Human Body Parts

व्यस्क महिला के शरीर में 55% और व्यस्क पुरुष के शरीर में 60% पानी होता है। एचएच मिशेल, जर्नल ऑफ बायोलॉजिकल केमिस्ट्री 158 के अनुसार, मस्तिष्क और हृदय 73% पानी से बने होते हैं, और फेफड़ों में लगभग 83% पानी होता है।  त्वचा में 64% पानी होता है, मांसपेशियां और गुर्दों में 79%, यहां तक कि हड्डियां भी पानीदार होती हैं। मानव के कुछ महत्वपूर्ण अंगों में पानी का विवरण निम्न प्रकार है –

(i)  रक्त में 83% पानी होता है।

(ii) दिमाग में 75% पानी।

(iii) हृदय में 79% पानी।

(iv) लिवर में 86% पानी।

(v) किडनी में 83% पानी।

(vi) फेफड़ों में 80% पानी।

(vii) मांसपेशियों में 75% पानी।

(viii) त्वचा में 64% पानी।

(ix)  लसिका (Lymph) में 94% पानी।

(x)  जोड़ों (Joints) में 83% पानी।

(xi)  दांतों में 10% पानी।

(xii) हड्डियों में 22% पानी। 

पानी कब, कैसे और कितना पीना चाहिए? – When, How and How Much Water Should You Drink?

दोस्तो, हर चीज का उपयोग करने का अपना एक तरीका होता है। जैसे भोजन आराम से बैठ कर तसल्ली में अच्छी तरह चबा-चबा कर करना चाहिये वैसे ही पानी पीने का भी अपना सभ्य और स्वस्थ तरीका है। पानी कब, कैसे और कितना पीना चाहिये, जानते हैं इस बारे  में –

पानी कब पियें – When to Drink Water

1. जब भी आपको प्यास लगे, तभी पानी पी लेना चाहिये। प्यास को अधिक देर रोक कर नहीं रखना चाहिये, अन्यथा पानी की कमी हो सकती है। कई व्यक्ति कई-कई घंटे पानी नहीं पीते, फिर एक साथ बहुत पानी पी लेते हैं, यह स्वास्थ के लिये अत्यंत हानिकारक है। आप इसे इस तरह समझिये कि मूत्र को कभी ज्यादा देर रोक कर नहीं रखना चाहिये। मूत्र विसर्जन कर लेना चाहिये अन्यथा यह बड़ी समस्या बन जाती है। 

2. सुबह उठकर खाली पेट एक या दो गिलास पानी पीना चाहिये, इससे आपका पेट साफ़ रहेगा, कभी कब्ज़ की शिकायत नहीं होगी। 

3. भोजन करने से आधा घंटे पहले और भोजन करने के एक घंटे बाद ही पानी पीयें। भोजन करने से तुरंत पहले पानी पीने से पाचन शक्ति कमजोर होती है। और भोजन करने के तुरंत बाद पानी पीने से शरीर फूलता है, मोटापा बढ़ता है और कब्ज बनती है। परन्तु इसका अर्थ यह नहीं है कि भोजन के साथ पानी लेकर ना बैठें। भोजन करते समय कभी भी पानी पीने की जरूरत पड़ सकती है जैसे कि भोजन के सांस नली में जाने से फंदा लग जाता है या मिर्च तेज लगी और मुंह जलने लगा या आपको लगा कि गला सूख रहा है, भोजन ठीक से सटका नहीं जा रहा तो उस स्थिति में पानी पीना आवश्यक हो जाता है। ऐसी अवस्था में आपको एक या दो घूंट पानी पीना चाहिये। 

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4. पानी हर एक घंटे के अंतराल पर एक-एक गिलास पीना पीयें। 

पानी कैसे पिये – How to Drink Water

1. पानी हमेशा बैठ कर ही पीना चाहिये, खड़े होकर नहीं। खड़े होकर पानी पीने से घुटनों में दर्द, जोड़ों में दर्द, किडनी, लिवर, हृदय रोग, पाचन-तंत्र की समस्याऐं होने की संभावना रहती है। 

2. पानी एक-एक घूंट करके धीरे-धीरे पीयें। इससे पानी शरीर के तापमान के अनुसार ही शरीर में जायेगा। एक साथ जल्दी-जल्दी पानी पीने की गलती ना करें। 

3. गिलास/लोटा में पानी लेकर, मुंह  लगाकर पानी पीना चाहिये। यह पानी पीने का सबसे अच्छा और सभ्य तरीका है। अधिकतर लोग गर्दन ऊपर उठाकर, बोतल से पानी पीते हैं। यह पानी पीने का असभ्य तरीका है और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक भी। इस प्रकार पानी पीने से भोजन की नली में हवा की जगह बनती है जिससे पाचन से जुड़ी बीमारियां होने की संभावना रहती है। 

कितना पियें- How Much to Drink

1. वैसे तो हम ऊपर बता ही चुके हैं कि औसतन दो लीटर पानी पीना चाहिये परन्तु इस बारे में जबरदस्ती ना करें। आपसे जितना पानी पीया जा सके उतना ही पीयें। जितनी प्यास लगी है उतना ही पानी पीयें। डॉक्टर ने यदि दस गिलास पानी पीने के लिये बोला है और आप सात गिलास ही पी पा रहे हैं तो समझिये कि यह आपके लिये काफी है। जब शरीर आपका साथ ना दे तो ज्यादा पानी नहीं पीना चाहिये क्योंकि यह आपके स्वास्थ के लिये हानिकारक हो सकता है। ज्यादा पानी पीने से स्वस्थ्य संबंधी समस्याओं को मेडिकल भाषा में ओवरहाइड्रेशन (Overhydration) कहा जाता है।

ध्यान रखने वाली बातें – Things to Note

1. ओवरहाइड्रेशन से बचें।

2. जितनी प्यास लगी हो, उतना पानी पीयें।

3. पानी हमेशा बैठकर, धीरे-धीरे, एक-एक घूंट करके पीयें। पानी खड़े होकर ना पीयें। 

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4. पानी गिलास/लोटा/बोतल से मुंह लगाकर पीयें, गर्दन ऊपर उठाकर नहीं।

5. गर्म चाय या कॉफी, दूध या ठंडा पेय, जूस आदि, या आइसक्रीम के तुरन्त बाद पानी ना पीयें।

6. कोई भी फल, विशेषकर तरबूज, खरबूज, खीरा, ककड़ी आदि, खाने के बाद पानी ना पीयें।

7. धूप में काफी समय तक रहने के बाद, या पसीना आये हुऐ होने की स्थिति में तुरन्त पानी ना पीयें। 

8. सेक्स करने के तुरन्त बाद भी पानी नहीं पीना चाहिये।

शरीर में पानी की कमी दूर करने के उपाय – Remedies to Solve Dehydration Problem

1. नारियल पानी (Coconut Water)- शारीरिक और मानसिक स्वास्थ के लिये नारियल पानी सर्वोत्तम उपाय है। यह मानव जाति के लिये प्रकृति का उपहार है जो औषधीय गुणों के कारण अमृत समान है। इसमें सोडियम और पोटैशियम की प्रचुर मात्रा होती है। यह विटामिन, कैल्शियम, फाइबर तथा  एंटी-ऑक्सीडेंट्स गुणों से समृद्ध होता है। इसमें इलेक्ट्रोलाइट की उच्च सामग्री होती है जिसकी वजह से शरीर में नमी बनी रहती है। इसमें चीनी और कैलोरी बहुत ही कम मात्रा में होती है शरीर में पानी की कमी पूरा करने के लिये दिन में 3, 4 गिलास नारियल पानी पी सकते हैं। सामान्य तौर दिन में दो गिलास नारियल पानी पी सकते हैं।

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2. नींबू पानी (Lemon Water)- नारियल पानी के बाद सबसे अधिक एनर्जी, ताजगी और शीतलता प्रदान करने वाला पेय पदार्थ नींबू पानी है। गर्मी के मौसम में यह सबसे बिकने वाला और लोकप्रिय पेय पदार्थ है। नींबू कैल्शियम, पोटेशियम, मैग्नीशियम, और विटामिन-ए, विटामिन-सी, विटामिन-बी-कॉम्प्लेक्स, पेक्टिन फाइबर, प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट जैसे पोषक तत्वों से समृद्ध होता है।  यह शरीर में पानी की कमी को पूरा करने साथ-साथ ऑक्सीजन की सप्लाई भी करता है जिसके कारण आपका शरीर सारे दिन एनर्जी से भरपूर और तरो-ताज़ा रहता है। नींबू पानी को घर में बनाना भी बहुत आसान है। एक गिलास पानी में आधा नींबू निचोड़कर, एक चम्‍मच शहद या चीनी और चुटकी भर सादा या काला नमक मिलाकर पीयें। आप चाहें तो इसमें काला नमक भी मिला सकते हैं। 

3. दही (Curd)- उल्टी, दस्त होने पर अक्सर शरीर में पानी की कमी हो जाया करती है। इसे पूरा करने के लिये दही बेहतरीन विकल्प है। यह इलेक्ट्रोलाइट्स का श्रोत है। दही शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स की आपूर्ति करके शरीर में पानी की कमी को पूरा करता है। इसलिए, यह आपके शरीर में खोए हुए इलेक्ट्रोलाइट्स की पूर्ति कर डिहाईड्रेशन से बचाती है। आप इसको नमक या चीनी मिलाकर ऐसे ही खा सकते हैं या चावल के साथ खा सकते हैं। दही में कद्दूकस किया हुआ पनीर मिलाकर भी इस्तेमाल कर सकते हैं और सामान्य रूप से दोपहर के भोजन में दही का सेवन कर सकते हैं। इसके प्रतिदिन सेवन करने से शरीर में पानी की कमी होने की संभावना नहीं रहती। कृपया रात के समय दही का सेवन ना करें। 

4. छाछ (Buttermilk)-  छाछ, पोटैशियम और मैग्नीशियम जैसे खनिजों से भरपूर होती है। इसमें प्राकृतिक रूप से प्रोबायोटिक्‍स होते हैं। यह संपूर्ण भोजन का महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसमें 90 प्रतिशत से अधिक पानी होता है। यह शरीर में पानी की कमी को पूरा करने का बहुत अच्छा विकल्प है। इसमें पोटेशियम और मैग्नीशियम जैसे खनिजों की उच्च मात्रा होती है। छाछ में भरपूर मात्रा में इलेक्ट्रोलाइट्स होते हैं जो शरीर में पानी की कमी को पूरा करते हैं। डिहाइड्रेशन की समस्या से राहत पाने के लिये छाछ में भुने जीरे का पाउडर, बहुत हल्की सी काली मिर्च और स्वादानुसार काला/सेंधा नमक मिलाकर पीयें। 

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5. सूप (Soup)- पानी की कमी को पूरा करने के लिये सब्जियों का सूप अत्यंत प्रभावकारी होता है। सब्जियों के सूप के माध्यम से शरीर को पोटेशियम व अन्य खनिज और विटामिन्स मिल जाते हैं। सब्जियों का सूप बनाने के लिये आप इसमें फलों को भी शामिल कर सकते हैं। इसमें काली मिर्च पाऊडर जरूर मिलायें और सादा नमक के स्थान पर काला नमक का प्रयोग कर सकते हैं यह पौष्टिकता से भरपूर सूप बन जायेगा और शरीर में पानी की कमी को पूरा करेगा।

6. केला (Banana)- शरीर में पानी की कमी को दूर करने के लिये केले का उपयोग किया जा सकता है। केले में पोटेशियम की पर्याप्त मात्रा पायी जाती है जो पानी की कमी को पूरा करने में मदद करता है क्योंकि पोटेशियम की कमी के कारण ही शरीर में पानी की कमी होती है। दस्त लग जाने पर डॉक्टर भी केला खाने की सलाह देते हैं ताकि शरीर में पानी की भरपाई होती रहे। प्रति 100 ग्राम केले में पानी की मात्रा लगभग 74 ग्राम होती है। केला हर मौसम में पाया जाता है। दिन में दो केले से ज्यादा नहीं खाना चाहिये और छः महीने के कम उम्र वाले बच्चे को, पानी की कमी दूर करने के लिये केला नहीं खिलाना चाहिये। 

7. तरबूज (Watermelon)- तरबूज गर्मियों में सबसे ज्यादा बिकने वाला लोकप्रिय फल है जिसमें 92 प्रतिशत पानी होता है। इसका स्वाद बहुत मीठा होता है। शरीर को हाइड्रेट करने का स्वादिष्ट और बेहतरीन फल। तरबूज में पोटेशियम, सोडियम कैल्शियम, और मैग्नीशियम होते हैं। इसमें आवश्यक रीहाइड्रेशन लवण भी होता है जो शरीर को डिहाइड्रेशन से बचाता है और पानी की कमी को पूरा करता है। तरबूज में विटामिन-ए और सी, बीटा कैरोटीन और लाइकोपीन मौजूद होते हैं जो शरीर को स्वस्थ रखते हैं। गर्मियों में तरबूज के सेवन से आपके शरीर में पानी की कमी नहीं होगी। 

8. खरबूज (Melon)- खरबूज भी गर्मियों का फल है और तरबूज की ही तरह इसमें जल की भरपूर मात्रा होती है। इसमें 90 प्रतिशत पानी होता है जो शरीर में पानी की कमी को पूरा करता है। खरबूज में पोटेशियम और कैल्शियम के अतिरिक्त विटामिन-ए, सी और के, फाइबर, फोलेट और आयरन जैसे महत्वपूर्ण पोषक तत्व मौजूद होते हैं। खाने में मीठा और मुंह में मक्खन की तरह घुल जाने वाला होता है।

9. खीरा (Cucumber)- खीरा एक ऐसा फल है जो हर मौसम में उपलब्ध होता है और जिसे काट कर ऐसे ही खा सकते हैं, सलाद के रूप में, रायता बनाकर, अचार बनाकर, सैंडविच में डाल कर सेवन कर सकते हैं, इसका जूस निकाल कर भी पी सकते हैं। खीरा में 95 प्रतिशत पानी होता है जो डिहाइड्रेशन के कारण होने वाली बीमारियों से बचाता है। और तासीर में ठंडा होने के कारण यह गर्मी में शरीर के तापमान को सामान्य बनाये रखता है। इसमें पाये जाने वाले फाइबर विटामिन-ए, सी और फोलिक एसिड शरीर के हानिकारक विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करते हैं। खीरा को विटामिन्स्, खनिज़ और इलेक्ट्रोलाइट्स का पावर हाउस कहा जाता है। एक छोटा खीरा भी एक गिलास ठंडे पानी के बराबर प्यास बुझा देता है। स्वाद के लिये आप खीरा के जूस में नींबू का रस और पुदीना मिलाकर भी पी सकते हैं। खीरा के किसी भी रूप में सेवन से पानी की कमी को आसानी से दूर किया जा सकता है। 

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10. स्ट्रॉबेरी (Strawberries)- सभी को विशेष तौर पर बच्चों को स्ट्रॉबेरी का स्वाद बहुत भाता है। मिठाई, केक, थोड़ा तीखे स्वाद के साथ एक स्वस्थ नाश्ते के रूप में स्ट्रॉबेरी अद्भुत है। स्ट्रॉबेरी सोडियम रहित, फैट रहित, कोलेस्ट्रॉल रहित और कम कैलोरी वाला स्वादिष्ट फल है। 92 प्रतिशत पानी वाला यह फल हाइड्रेशन के लिये बहुत फायदेमंद माना जाता है। स्ट्राबेरी में विटामिन-सी, पोटेशियम, फाइबर और फोलिक एसिड की पर्याप्त मात्रा होती है। इसके सेवन से शरीर में पानी की कमी पूरी की जा सकती है। 

11. सेब (Apple)- 89 प्रतिशत पानी वाला यह फल फाइबर, विटामिन-सी, कैल्शियम तथा अन्य पोषक तत्वों से समृद्ध होता है। इसे भोजन में अवश्य शामिल करें। यह विशेष रूप से सर्दियों में अधिक फायदा करता है। डॉक्टर्स भी अधिकतर बीमारियों में सेब खाने की सलाह देते हैं। सेब में मैग्नीशियम और पोटेशियम की प्रचुर मात्रा होती है जिसके कारण शरीर में पानी की कमी के कारण कम होने वाले खनिज और पोषक तत्‍वों को दुबारा से प्राप्त करने में मदद करता है। सन् 2016 की एक स्टडी बताती है कि पानी की कमी दूर करने वाले इलेक्ट्रोलाइट ड्रिंक्‍स की अपेक्षा सेब का जूस अधिक प्रभावशाली होता है। इसलिये एक ताजा सेब को काटकर ग्रांइडर में पेस्‍ट बना लें और आधा गिलास पानी में मिलाकर पीयें। बहुत जल्दी आपको अच्छा महसूस होगा। 

12. आड़ू (Peach) – आड़ू में 88 प्रतिशत पानी होता है जिससे डिहाइड्रेशन की समस्या को समाप्त कर शरीर को रिहाइड्रेट किया जा सकता है। यह बहुत रसीला और स्वादिष्ट फल होता है। आड़ू विटामिन-ए, सी और के तथा फाइबर, पोटेशियम, फोलेट, आयरन, मैग्नीशियम, फास्फोरस, मैंगनीज, एंटीऑक्सिडेंट और अन्य कई रासायनिक पदार्थों का भरपूर स्रोत है। इसे काट कर ऐसे ही खा सकते हैं या इसका जूस निकाल कर नींबू का रस निकालकर पी सकते हैं। 

13. जीवन रक्षक घोल (Oral Rehydration Solutions – ORS) – दोस्तो, दस्त होने की स्थिति में  शरीर में पानी की कमी होने की संभावना रहती है और शरीर में कमजोरी भी बहुत बढ़ जाती है। शरीर में पानी की कमी ना होने पाये इसके लिये डॉक्टर भी ORS लेने की सलाह देते हैं। बाजार में मेडिकल स्टोर से ORS के पैकेट मिल जाते हैं। पैकेट पर छपे निर्देश के अनुसार घोल बनाया जाता है। इसके पीने से दस्त, कमजोरी, शरीर में पानी की कमी, चक्कर आना, उल्टी होना, जीभ, मुंह का सूखना, बुखार आदि में आराम आता है। इसके पीने से पानी की कमी नहीं होती। ORS द्रव्य रूप (Liquid Form) में भी आता है ORSL Rehydration Electrolyte Drink और ORSL PLUS के नाम से, इसका पैकेट पीने वाली Fruity की तरह होता है। इसे पीने के तुरन्त बाद एनर्जी आती है। ORS को घर पर भी तैयार किया जा सकता है। इसके लिये एक लीटर पानी में छः चम्मच चीनी और आधा चम्मच नमक मिलाकर अच्छी तरह घोल लें। दिन में कई बार इस घोल को धीरे-धीरे पीयें। शरीर में  पानी की कमी पूरी हो जायेगी। 

Conclusion – 

दोस्तो, आज के लेख में हमने आपको शरीर में पानी की कमी दूर करने के उपाय के बारे में विस्तार से जानकारी दी। देसी हैल्थ क्लब ने इस लेख के माध्यम से आपको विस्तारपूर्वक बताया कि पानी क्या है, पानी की कमी क्या है, पानी की कमी के क्या कारण होते हैं, इसके क्या लक्षण होते हैं, इसकी कमी से कौन सी बीमारियां होती हैं, पानी कितना पीना चाहिये, मनुष्य के लिये पानी क्यों जरूरी है, मनुष्य के शरीर के अंगों में पानी की मात्रा, पानी कब, कैसे और कितना पीना चाहिये। देसी हैल्थ क्लब ने कुछ ध्यान रखने वाली बातें बतायीं और पानी की कमी दूर करने के बहुत सारे देसी उपाय भी बताये। आशा है आपको ये लेख अवश्य पसन्द आयेगा। 

दोस्तो, इस लेख से संबंधित यदि आपके मन में कोई शंका है, कोई प्रश्न है तो लेख के अंत में, Comment box में, comment करके अवश्य बताइये ताकि हम आपकी शंका का समाधान कर सकें और आपके प्रश्न का उत्तर दे सकें। और यह भी बताइये कि यह लेख आपको कैसा लगा। आप इस पोस्ट को अपने दोस्तों और  सगे – सम्बन्धियों के साथ भी शेयर कीजिये ताकि सभी इसका लाभ उठा सकें। दोस्तो, आप अपनी टिप्पणियां (Comments), सुझाव, राय कृपया अवश्य भेजिये ताकि हमारा मनोबल बढ़ सके। और हम आपके लिए ऐसे ही Health- Related Topic लाते रहें। धन्यवाद।

Disclaimer – यह लेख केवल जानकारी मात्र है। किसी भी प्रकार की हानि के लिये ब्लॉगर/लेखक उत्तरदायी नहीं है।  कृपया डॉक्टर/विशेषज्ञ से सलाह ले लें।

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