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Tips for Pregnant Ladies During Navratri Vrat in Hindi

हैलो दोस्तो आज हम कुछ ऐसे टॉपिक पर बात करने जा रहे है की क्या गर्भवती महिलाएं नवरात्री का व्रत कर सकती है या नहीं। गर्भवती महिलाओं को व्रत से परहेज (Tips for Pregnant Ladies During Navratri Vrat in Hindi) करना चाहिए। लेकिन यदि नवदुर्गा में वे व्रत रखना चाहती हैं, तो गर्भवती महिला को हर डेढ़ से दो घंटे के अंतराल में कुछ न कुछ सेवन अवश्य करना चाहिए। क्योंकि उनके साथ ही गर्भस्थ शिशु के लिए भी पौष्टिक आहार की आवश्यकता होती है। लेकिन, नवरात्र के व्रत में महिलाएं ऐसा व्रत रखती हैं, जिसमें नमक आदि का सेवन नहीं कर सकती है, तो वे मीठे का सेवन कर सकती हैं। इन दिनों गर्मियों की शुरुआत हो जाती है, इसलिए पानी का विशेष ध्यान रखें। पानी न पीने से डिहाइड्रेशन (Dehydration) होने की आशंका रहती है। पूरे दिन खाना न खाने से हाइपोग्लाइसिमिक शुगर (Hypoglycemic Sugar)का स्तर गिरना होने की आशंका रहती है। इससे गर्भस्थ शिशु को पौष्टिक आहार नहीं मिल पाता है।  इसके बाद भी वह व्रत रखना चाहती हैं तो ध्यान रखने की जरूरत है।

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Tips for Pregnant Ladies During Navratri Vrat in Hindi
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ऐसी महिलाएं जो हाइपरटेंशन(Hypertension) और मधुमेह (Diabetes) रोगी हैं, महिलाएं व्रत ना रखें। व्रत रखने से उनका ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है और दौरे पड़ने की संभावनाएं रहती हैं। गर्भावस्था के अंतिम तीन महीने वाली महिलाएं व्रत रखने से बचें। वहीं यदि गर्भस्थ शिशु की हलचल बढ़ जाए और चक्कर, बेहोशी आने लगे तो फौरन चिकित्सक के पास जाएं।

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Tips for Pregnant Ladies During Navratri Vrat

नवरात्र का पर्व  (Tips for Pregnant Ladies During Navratri Vrat) बहुत ही धार्मिक पर्व होता है। इस दौरान कई सारे लोग 9 दिनों तक उपवास रखते हैं, खासकर महिलाएं। लेकिन अगर आप इस दौरान मां बनने वाली हैं या गर्भवती हैं और इसके बाद भी आप उपवास रखना चाहती हैं तो आपको कुछ जरूरी बातों पर गौर करने की जरूरत है। जिससे आपका स्वास्थ अच्छा बना रहे और आपके आने वाले मेहमान को भी कोई परेशानी न हो। व्रत रहने के लिए यह कोई जरुरी नहीं है कि आप बिना कुछ खाए पिए ही व्रत रखें, गर्भवती महिलाओं के लिए यह जरुरी है कि वो अपने आप को बहुत ज्यादा देर तक भूखा न रखें। थोड़ी-थोड़ी देर में कुछ खातें रहें ताकि आपके अंदर जो बच्चा उस पानी और खाने की कमी न हो। तो चलिए जानते है आगे की हमें गर्भावस्था के दैरान किन -किन चीजों  का परहेज करना चाहिए।

जूस और तरल पदार्थों का करें सेवन

नवरात्र के व्रत में जूस सहित तरल पदार्थों का सेवन करते रहें, जिससे पानी की कमी न हो। परिवार में खुशी का माहौल रखें और काम करने के बजाय आराम करें। व्रत पूरा होने के बाद यानि लम्बे समय भूखा रहने के बाद एक साथ अधिक न खाएं, इससे अपच और गैस के कारण पेट दर्द हो सकता है। भोजन में तरल पदार्थ लें।

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शरीर में पानी की कमी ना होने दें

यूं तो हम सभी को एक पूरे दिन में औसतन 8 से 10 गिलास पानी पीना चाहिए लेकिन गर्भावस्था में व्रत के दौरान पानी पीते रहने से काम नहीं चलता है। इसलिए पानी के साथ साथ साथ छाछ, मिल्क शेक, नारियल पानी, शिकंजी और वेजिटेबल्स स्मूदी को अपने आहार में शामिल करें।

अनाप-शनाप खाने से बचें

माना कि आपके लिए पूरे दिन में थोड़े थोड़े समय के अंतराल पर कुछ न कुछ खाना आवश्यक है लेकिन इसका यह मतलब कतई नहीं है कि आप बाजार में मिलने वाला व्रत में खाने योग्य स्नैक्स दिन भर खाती रहें। यदि लंबे समय तक खाली पेट रहना है तो आपके लिए नुकसानदायक है तो बिना सोचे समझे कुछ भी खाते रहना फ़ायदेमंद नहीं है।

नमक की कमी ना होने दें

व्रत के दौरान इस बात का पूरा ध्यान रखें कि सिर्फ आप मीठी पर निर्भर नहीं रहे। इस बात का ध्यान रखें कि शरीर में नमक की भी कमी से चक्कर आना और बेहद कमजोरी जैसी दिक्कतें होने लगती है। इसलिए आप चाहे तो सेंधा नमक ही क्यों न खाएं, लेकिन उसको आहार में जरूर शामिल करें।

खान-पान में इन बातों का भी रखें ध्यान

  1. अपने आहार में मौसमी फलों और सब्जियों की मात्रा बढ़ा दें।
  2.  दही, रायता, छाछ या लस्सी का नियमित सेवन करें।
  3. आप खीरा भी खा सकती है क्योंकि इसमें गर्भावस्था के लिए जरूरी खनिज लवण होते हैं।
  4. शकरकंद खाएं, यह बेटाकैरोटीन आयरन और फाइबर से भरपूर होता है जो पोषण देने के साथ साथ लंबे समय तक पेट भी भरा रखता है।
  5.  बादाम, अखरोट और किशमिश रात में भिगो दें और सुबह नाश्ते में एक गिलास दूध के साथ खा लें।
  6.  साबूदाना हल्का और सुपाच्य होता है इसलिये इसकी खिचड़ी बनाकर खाएं।
  7. सामक के चावल अपने आहार में शामिल करें। यह खनिज लवणों और विटामिन से भरपूर होता है। आप सामक के आटे की रोटी भी खा सकती हैं।
  8.  व्रत के दौरान चौलाई का सेवन विशेष रूप से किया जाता है क्योंकि इसमें मौजूद मैग्नीशियम मांसपेशियों के तनाव को कम करता है और इसमें मौजूद अन्य पोषक तत्व होने वाले शिशु को फायदा पहुँचाते हैं पर इसका सेवन संतुलित मात्रा में ही करें।
  9. कुट्टू और सिंघाड़े का आटा विशेष रूप से खाया जाता है। इसमें विटामिन बी, विटामिन सी, कैलशियम, आयोडीन फास्फोरस और मैग्नीशियम पाया जाता है। वही कुट्टू के आटे में प्रोटीन एंटीऑक्सीडेंट्स और फाइबर प्रचुरता में होता है इन्हें अपने फलाहार में शामिल करें।

Conclusion

उपवास के दौरान महिला को हर दो घंटे में खाना होगा, खाने में गैप नहीं होना चाहिए। उपवास के दौरान (Tips for Pregnant Ladies During Navratri Vrat) पौष्टिक चीजों पर ध्यान देना चाहिए, फल-दूध-सूखे मेवे का भरपूर सेवन करना चाहिए। तली हुई चीजें और वसायुक्त भोजन से बचना चाहिए क्योंकि ये महिला का वजन बढ़ा सकते हैं। उपवास के दौरान व्यायाम या कोई भारी काम मत करें। उपवास के दौरान पानी और नारियल पानी का सेवन भरपूर करें। व्रत के दौरान बच्चे की मूवमेंट पर ध्यान हो, अगर जरा सा भी स्थिति चेंज लगे तो तुरंत डॉक्टर से मिले।

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