स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग पर। दोस्तो, इस दुनियां में लाखों लोग एक ऐसे न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर से पीड़ित हैं जो व्यक्ति की संचार व्यवस्था (communication system) को तहस नहस कर देता है। उसकी पढ़ने, लिखने, सोचने, समझने, बोलने, दूसरे की भाषा को समझने, अनुरोध, आदेश को समझने की क्षमता बुरी तरह प्रभावित होती है। व्यक्ति चाह कर भी अपनी बात ना बोलकर कह सकता है और ना ही लिखकर किसी को बता सकता है। अकेले संयुक्त राज्य अमेरिका में लगभग 1 मिलियन लोग इस डिसऑरडर से पीड़ित हैं और हर वर्ष लगभग 180,000 अमेरिकी इससे प्रभावित होते हैं। जी हां हम बात कर रहे हैं अफेसिया की जोकि एक न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है। इस डिसऑर्डर का एक मात्र उपचार स्पीच थेरेपी ही है। हॉलिवुड के मशहूर एक्टर ब्रूस विलिस और बॉलिवुड एक्टर राहुल रॉय भी इस अफेसिया से पीड़ित हैं। आखिर यह अफेसिया है क्या? दोस्तो, यही है हमारा आज का टॉपिक “अफेसिया क्या है?”।
देसी हैल्थ क्लब इस आर्टिकल के माध्यम से आपको अफेसिया के बारे में जानकारी विस्तार से जानकारी देगा और इसके उपचार के बारे में भी बताएगा। तो, सबसे पहले जानते हैं कि अफेसिया क्या है और इसके प्रकार। फिर, इसके बाद बाकी बिंदुओं पर जानकारी देंगे।
अफेसिया क्या है? – What is Aphasia?
अफेसिया एक न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है जिसमें व्यक्ति की कम्युनिकेशन क्षमता प्रभावित होती है। यह स्थिति मस्तिष्क के उन हिस्सों की क्षति का परिणामस्वरूप होती है जो भाषा के लिए उत्तरदायी होते हैं। मस्तिष्क के ये क्षेत्र अधिकतर लोगों के बांई तरफ होते हैं। इसमें व्यक्ति के बोलने, लिखने, पढ़ने, सोचने, समझने, दूसरे की बात और भाषा को समझने की क्षमता बुरी तरह प्रभावित होती है। यहां तक कि व्यक्ति ठीक से बोल भी नहीं पाता। अस्पष्ट शब्द, अस्पष्ट उच्चारण, धीमी गति से बोलना, आधे-अधूरे वाक्य पढ़ने, लिखने में परेशानी आदि इसके लक्षण होते हैं।
यह अफेसिया वैसे तो किसी भी उम्र में हो सकता है परन्तु ज्यादातर मध्यम आयु वर्ग या अधिक उम्र के लोग इसका शिकार होते हैं। नेशनल अफेसिया एसोसिएशन की मानें तो संयुक्त राज्य अमेरिका में लगभग 1 मिलियन लोगों को अफेसिया है, और लगभग 180,000 अमेरिकी हर वर्ष इससे प्रभावित होते हैं। जहां तक इसके उपचार की बात है तो स्पीच थेरेपी और पारिवारिक सहयोग के जरिए अफेसिया से ग्रस्त मरीज के लक्षणों का प्रबंधन किया जाता है।
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अफेसिया के प्रकार – Types of Aphasia
अफेसिया निम्नलिखित चार प्रकार का होता है –
1. एक्सप्रेसिव अफेजिया (Expressive Aphasia) – इस अफेसिया में व्यक्ति को यह तो पता होता है कि वह क्या कहना चाहता है, परन्तु वह अपने आपको अभिव्यक्त नहीं कर पाता। वह अपनी बात को सही से कह नहीं पाता और ना ही वह अपनी बात को लिखकर बता पाता है।
2. रिसेप्टिव अफ़ेजिया (Receptive Aphasia) – यह इस प्रकार का अफेसिया है जिसमें मरीज आवाज़ को सुन तो पाता है और वस्तुओं को देख भी सकता है परन्तु वह उनको शब्दों में व्यक्त नहीं कर पाता। क्योंकि वह शब्द बनाने की समझ की क्षमता खो चुका होता है।
3. अनोमिक अफ़ेजिया (Anomic Aphasia)- यह इस प्रकार का अफेसिया है जिसमें मरीज किसी वस्तु, शहर का नाम नहीं बता पाता। वह किसी घटना को सही शब्दों में व्यक्त नहीं कर पाता।
4. ग्लोबल अफ़ेजिया (Global Aphasia) – यह गंभीर प्रकार का अफेसिया है, जिसमें मरीज न ही बोल पाता है, न पढ़ पाता है, ना लिख सकता है और ना ही वह किसी की बात को समझ पाता है।
अफेसिया के कारण – Causes of Aphasia
अफेसिया के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं –
1. रक्तस्रोतरोधन (embolism), ट्यूमर और फोड़े (abscess) अफेसिया के मुख्य कारण होते हैं। इनकी स्थिति मस्तिष्क के दाहिने गोलार्ध में होने पर शरीर का बांया हिस्सा प्रभावित होता है और मस्तिष्क के बांये गोलार्ध में होने पर शरीर का दाहिना भाग प्रभावित होता है। इनके अतिरिक्त निम्नलिखित भी अफेसिया का कारण बन सकते हैं –
2. स्ट्रोक की स्थिति होने पर।
3. मस्तिष्क का संक्रमण।
4. अल्जाइमर या अन्य मस्तिष्क विकार
5. सिर में गोली लगना।
6. डेमेंशिया की स्थिति
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अफेसिया के लक्षण – Symptoms of Aphasia
अफेसिया के मरीज में निम्नलिखित लक्षण देखे जा सकते हैं –
- अस्पष्ट आवाज यानि कि बोलते समय मरीज की आवाज स्पष्ट नहीं होती कभी धीमी तो कभी बहुत धीमी कभी जल्दी-जल्दी बोलना तो कभी बहुत धीरे से।
- आधे-अधूरे वाक्य बोलना।
- कभी-कभी ऐसे वाक्य बोलना जिनका कोई अर्थ ना हो।
- दूसरे व्यक्ति की बात को ना समझ पाना।
- कुछ ऐसे वाक्य लिखना जिनका कोई अर्थ ना हो।
- चित्र, प्रतीक या चिन्ह देख कर भाषा समझ पाना।
- शब्दों को याद रखने में दिक्कत होना।
- पढ़ने, लिखने में कठिनाई महसूस होना।
अफेसिया का निदान – Diagnosis of Aphasia
अफेसिया के निदान के लिये तीन प्रकार की विधि अपनाई जा सकती है। डॉक्टर द्वारा आकलन, मस्तिष्क के क्रियाकलापों की जानकारी के लिए मानकीकृत परीक्षण और कुछ इमेजिंग टेस्ट। विवरण निम्न प्रकार है-
(i) डॉक्टर द्वारा आकलन (Assessment by a Doctor)- डॉक्टर मरीज की भाषा को समझने और भाषा को उत्पन्न करने की क्षमता का आकलन करते हैं। इसमें संवाद, प्रश्नोत्तर, आदेशों का पालन करना, वस्तुओं का नाम जानना आदि शामिल होते हैं। चूंकि अफेसिया भाषा से संबंधित एक विकार है, जो मस्तिष्क की उस समस्या की तरफ संकेत करता है जिसमें व्यक्ति की सोचने, समझने, विचार-विमर्श करने तथा शब्द-चयन करने की क्षमता की हानि होती है, इसलिए यह श्रवण-शक्ति, दृष्टि दोष, मांसपेशियों अथवा तंत्रिका तंत्र समस्या नहीं है।
डॉक्टर यह सुनिश्चित करते हैं कि मरीज किस सीमा तक बिना रुके धाराप्रवाह बोल सकता है। उसे बोलने में कितनी दिक्कत हो रही है और वह उपयुक्त शब्दों का उपयोग कर रहा है या नहीं। उसे वाक्यों को बोलने, दोहराने, वस्तुओं का नाम बताने में कितनी कोई कठिनाई होती है या नहीं।
(ii) मस्तिष्क के क्रियाकलापों की जानकारी के लिए मानकीकृत परीक्षण – इस परीक्षण के लिए न्यूरोसाइकोलॉजिस्ट, या बोली और भाषा विशेषज्ञ यह जानकारी लेते हैं कि मरीज मस्तिष्क के विभिन्न क्षेत्र किस प्रकार कार्य कर रहे हैं। इस परीक्षण से स्पष्ट और अस्पष्ट लक्षणों वाले अफेसिया की पहचान में मदद मिलती है फिर उसी के अनुसार उपचार की योजना बनाई जाती है।
(iii) इमेजिंग टेस्ट – उपरोक्त बिंदू (ii) के लिए कुछ इमेजिंग टेस्ट करवाए जा सकते हैं जैसे कि सीटी स्कैन या एमआरआई।
अफेसिया का उपचार – Treatment of Aphasia
दोस्तो, अफेसिया के उपचार के लिये इसके कारण को जानना जरूरी होता है। कारण को जानने के बाद ही कारण का निवारण किया जाता है जैसे कि यदि किसी को मस्तिष्क का ट्यूमर है तो पहले ट्यूमर का ही इलाज किया जाएगा, यदि मस्तिष्क का संक्रमण है तो संक्रमण का इलाज किया जाएगा। तत्पश्चात स्पीच थेरेपी के जरिए मरीज को अफेसिया से उभारे जाने का प्रयत्न किया जाएगा।
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यहां हम स्पष्ट कर दें कि अफेसिया का कोई दवा, गोली का इलाज उपलब्ध नहीं है। मरीज की हालत को केवल स्पीच थेरेपी से सुधारा जा सकता है। स्पीच थेरेपी के साथ-साथ कुछ संचार उपकरणों का इस्तेमाल भी किया जा सकता है। स्पीच थेरेपी जितनी जल्दी शुरु की जाए, मरीज में सुधार की उतनी ही जल्दी संभावना रहती है क्योंकि अफेसिया का विकास तब शुरु होता है जब मस्तिष्क के एक विशेष भाग की हानि हो चुकी होती है।
कुछ मामलों में जैसे कि मस्तिष्क के आघात की स्थिति में अफेसिया कम गति से सुधार हो सकता है या इसमें आंशिक रूप से कमी आ सकती है। यदि मरीज में बेसिक भाषा कौशल में सुधार दिखाई नहीं देता है तो कुछ संचार उपकरणों की मदद ली जाती है ताकि मरीज के साथ अच्छे से कम्युनिकेट किया जा सके। इस उपकरणों में पुस्तकें, चित्र, लकड़ी से बने विभिन्न आकृतियों के कटआउट, दैनिक गतिविधियों को दर्शाने वाले बोर्ड, कीबोर्ड, मैसेज डिस्प्ले वाले कंप्यूटर-बेस्ड डिवाइस, इलैक्ट्रोनिक खिलौने आदि शामिल हो सकते हैं। इन सबसे मरीज को स्पीच के जरिए कही गई बात को समझने में आसानी रहती है। इसके साथ ही मरीज के परिवार वालों का मरीज के प्रति सकारात्मक रवैया और संपूर्ण सहयोग वांछनीय होता है।
Conclusion –
आज के आर्टिकल में हमने आपको अफेसिया के बारे में विस्तार से जानकारी दी। अफेसिया क्या है, अफेसिया के प्रकार, अफेसिया के कारण, अफेसिया के लक्षण और अफेसिया का निदान, इन सब के बारे में भी विस्तार पूर्वक बताया। देसी हैल्थ क्लब ने इस आर्टिकल के माध्यम से अफेसिया का उपचार भी बताया। आशा है आपको ये आर्टिकल अवश्य पसन्द आयेगा।
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Disclaimer – यह आर्टिकल केवल जानकारी मात्र है। किसी भी प्रकार की हानि के लिये ब्लॉगर/लेखक उत्तरदायी नहीं है। कृपया डॉक्टर/विशेषज्ञ से सलाह ले लें।