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अप्रेक्सिया क्या है? –  What is Apraxia in Hindi

अप्रेक्सिया क्या है

दोस्तो, कुछ लोग अपनी मन मर्जी से काम करते हैं और आदतन वही काम करते हैं जिस काम को करने के लिए मना किया जाता है। वे किसी की बात को सुनते नहीं हैं। वे ना तो किसी की विनती को समझ पाते हैं और ना ही किसी के आदेश को समझकर कार्यान्वित कर पाते हैं। हालांकि वे अपने कार्य कौशल में माहिर होते हैं, करने की उनकी क्षमता भी होती है और इच्छा भी; परन्तु फिर भी नहीं कर पाते। काम करने का एक पैटर्न होता है और क्रम होता है। उसी क्रम के अनुसार ही वह काम पूरा होता है। वजह एकदम साफ़ है कि व्यक्ति के दिमाग से वह पैटर्न और क्रम लुप्त हो चुका होता है। वह काम करने के क्रम को भूल चुका होता है और याद करने पर भी याद नहीं आता। इसमें गलती उस व्यक्ति की नहीं है बल्कि उसके मस्तिष्क के उस भाग की है जिसमें किसी कार्य को करने का अनुक्रम की मेमोरी स्टोर हो रखी होती है और वह क्षतिग्रस्त हो चुकी है। मस्तिष्क की इस स्थिति को अप्रेक्सिया कहा जाता है जोकि एक विकार है। आखिर यह अप्रेक्सिया है क्या?। दोस्तो, यही है हमारा आज का टॉपिक “अप्रेक्सिया क्या है?”।

देसी हैल्थ क्लब इस आर्टिकल के माध्यम से आपको अप्रेक्सिया के बारे में जानकारी विस्तार से जानकारी देगा और इसके उपचार के बारे में भी बताएगा। तो, सबसे पहले जानते हैं कि अप्रेक्सिया क्या है और इसके प्रकार। फिर, इसके बाद बाकी बिंदुओं पर जानकारी देंगे।

अप्रेक्सिया क्या है? – What is Apraxia?

अप्रेक्सिया मस्तिष्क की वह स्थिति है जिसमें व्यक्ति, किसी काम को करने में एक्सपर्ट होते हुए भी और चाह कर भी क्रमानुसार काम करने में असमर्थ होता है। यह असमर्थता सामान्य और विशेष या जटिल कार्य को निपटाने पर लागू होती है। अधिकतर कार्यों को करने का एक पेटर्न होता है एक क्रम होता है। उदाहरण के लिए रसोइया को यदि रोटी बनाना है तो सबसे पहले उसे एक परात की जरूरत होती है जिसमें वह आटा गूंथ सके। फिर आटे की, पानी की, चूल्हे, चिमटा, लाइटर की जरूरत होती है। 

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यह रोटी बनाने के लिए एक क्रम है। यदि यह क्रम टूट जाएगा तो रसोइया चाह कर भी रोटी नहीं बना पाएगा। अप्रेक्सिया मस्तिष्क और तन्त्रिका तंत्र से जुड़ा ऐसा विकार है जिसमें उन कार्यों के निष्पादन की क्षमता की क्षति होती है जिनमें गतिविधियों के क्रम को याद रखने की जरूरत होती है। यह एक ऐसी न्यूरोलॉजिकल विकार है जिसमें मांसपेशियां सामान्य रहते हुए भी मूवमेंट करने में असमर्थ होती हैं। इसके अतिरिक्त व्यक्ति किसी की बात को समझने, उसके अनुरोध को समझने या किसी आदेश को समझने में भी अपने को असमर्थ पाता है।

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अप्रेक्सिया के प्रकार – Types of Apraxia

 अप्रेक्सिया के मुख्य रूप से दो ही प्रकार होते हैं – वैचारिक अप्राक्सिया और आइडियोमोटर अप्राक्सिया। विवरण निम्न प्रकार है –

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1. वैचारिक अप्रेक्सिया (Conceptual Apraxia)- यह अक्सर व्यापक बाएं गोलार्ध क्षति, मनोभ्रंश या प्रलाप (left hemisphere damage, dementia, or delirium) वाले रोगियों में पाया जाता है। इसमें मरीज मौखिक रूप से किसी भी गतिविधि को करने की प्रक्रिया को विस्तार से नहीं बता सकता। यह अप्रेक्सिया प्रमुख पार्श्विका लोब में माना जाता है। यह कमी मस्तिष्क की विस्तृत क्षति सेरेब्रल आर्टेरियोस्क्लेरोसिस के साथ भी देखी जा सकती है।

2. आइडियोमोटर अप्रेक्सिया (Ideomotor Apraxia)- इस अप्रेक्सिया में मरीज अपनी मर्जी से वह कार्य आदतन करता है और बार-बार करता है जिसे करने के लिए नहीं कहा जाता। वह वस्तु का इस्तेमाल कैसे करना है, यह दिखाने की अपेक्षा अपने ही शरीर के अंग को वस्तु मानकर इस्तेमाल करता है। दैनिक जीवन में किसी भी दिक्कत के बगैर समान कार्य करने में समर्थ होते हैं।

इनके अतिरिक्त अप्रेक्सिया के और भी प्रकार होते हैं जैसे कि बुकोफेशियल, वैचारिक, ओरोफेशियल, अंग गतिज, मौखिक, रचनात्मक, विकासात्मक, तौर तरीके विशिष्ट, पैंटोमाइम एग्नोसिया, संचालन, दृश्य-नकलात्मक, ऑप्टिकल, स्पर्शनीय, प्रभावकारक-विशिष्ट, लिड, ओकुलर, ट्रंक (या अक्षीय), लेग, कार्य-विशिष्ट, टकटकी, एप्रैक्सिक, ड्रेसिंग, डिससिंक्रोनस, ओरिएंटिंग, मिरर, घाव-विशिष्ट, सहानुभूतिपूर्ण और क्रॉस्ड अप्रेक्सिया।

अप्रेक्सिया के कारण – Causes of Apraxia

अप्रेक्सिया के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं –

1. मस्तिष्क के उस भाग जिसे पैराइटल लोब कहते हैं, की क्षति या तंत्रिका मार्गों की क्षति मुख्य कारण है, जो लोब को मस्तिष्क के दूसरे भागों से जोड़ते हैं जैसे कि फ्रंटल या/और टेम्पोरल लोब। ये मस्तिष्क के वे भाग हैं जिनमें कार्यों के करने की गतिविधियों के सीखे गए अनुक्रमों की स्मृतियां जमा रहती हैं। यह ठीक उसी प्रकार है जैसे कि कंप्यूटर की हार्ड-डिस्क में और बैकअप के रूप मेमोरी जमा होती रहती है या किसी फाइल की EXE फाइल। यदि यह मेमोरी या EXE फाइल डैमेज हो जाए या डिलीट हो जाए तो वह कार्यान्वित (Execute) नहीं हो सकती। इसके अतिरिक्त अप्रेक्सिया के कुछ और भी निम्नलिखित कारण हो सकते हैं –

2. ब्रेन ट्यूमर

3. सिर में चोट लगना

4. ब्रेन स्ट्रोक

5. डेमेंशिया

अप्रेक्सिया के लक्षण – Symptoms of Apraxia

अप्रेक्सिया के निम्नलिखित लक्षण हो सकते हैं –

  1. कुशलता, शारीरिक क्षमता और इच्छा होने के बावजूद भी आसान या जटिल कार्य को करने के लिए गतिविधियों के क्रम को याद ना कर पाना सबसे प्रमुख लक्षण है।
  2. किसी के अनुरोध को समझने या किसी के आदेश को समझने, या किसी के इशारे को समझने में कठिनाई।
  3. शब्दों का सही चुनाव करने और उनका क्रमबद्ध तरीके से इस्तेमाल करने में दिक्कत होना।
  4. किसी के अनुरोध या आदेश को समझने में दिक्कत होना या संकेत को ना समझ पाना।
  5. शब्दों का सही उच्चारण करने में दिक्कत होना।
  6. व्याकरण संबंधी कठिनाई
  7. बोलने की अपेक्षा लिखने की अधिक क्षमता होना तथा सुविधाजनक महसूस होना।
  8. चबाने और निगलने में दिक्कत होना।

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अप्रेक्सिया का निदान – Diagnosis of Apraxia

अप्रेक्सिया का निदान करना बेहद चुनौती पूर्ण कार्य होता है। इसके निदान के लिए सबसे पहले कारण को ढूंढना पड़ता है। कारण पता करने के लिए मरीज के पिछले इतिहास के बारे में जानकारी जुटानी होती है और शारीरिक परीक्षण किया जाता है।

  1. डॉक्टर मरीज से कुछ प्रश्न पूछ सकते हैं जिसके लिए स्व-रिपोर्ट प्रश्नावली का उपयोग किया जाता है।
  2. मरीज को कुछ इशारों की नकल करने के लिए कहा जा सकता है।
  3. बोले गए आदेशों का पालन करते समय मरीज के व्यवहार और उसकी बॉडी लेंग्वेज का निरीक्षण किया जाता है।
  4. सीटी या एमआरआई स्कैन के जरिए ट्यूमर, स्ट्रोक या  चोट का पता लगाया जा सकता है।
  5. ईईजी के जरिए मिर्गी का पता लगाया जा सकता है जोकि अप्रेक्सिया का कारण हो सकती है।
  6. सूजन या मस्तिष्क के इंफेक्शन का पता लगाने के लिए स्पाइनल टैप किया जा सकता है।

अप्रेक्सिया का उपचार – Treatment of Apraxia

1. दोस्तो, अप्रेक्सिया के उपचार के लिये उसके कारण को जानकर उसका उपचार किया जाता है। यद्यपि इसके लिये कोई विशेष उपचार उपलब्ध नहीं है। अप्रेक्सिया के उपचार में फिजिकल थेरेपी और ऑक्यूपेशनल थेरेपी महत्वपूर्ण और सक्रिय भूमिका निभाती हैं। इन थेरेपी का मुख्य उद्देश्य पर्यावरण को सुरक्षित बनाए रखने के साथ-साथ मरीजों को खूब अच्छी तरह से कार्य करने में सहायता करने वाले उपकरण प्रदान करना होता है।

2. वर्बल अप्रेक्सिया के मरीजों के मामले में स्पीच थेरेपी का सहारा लिया जाता है। इसमें मरीजों को ध्वनि पैटर्न बनाने का अभ्यास करने के लिए कहा जाता है। इसके गंभीर मामलों में अक्षरों चित्रों वाले बोर्ड, कीबोर्ड, मैसेज डिस्प्ले वाली इलेक्ट्रॉनिक संचार डिवाइस का इस्तेमाल करना सिखाया जाता है।

Conclusion –

आज के आर्टिकल में हमने आपको अप्रेक्सिया के बारे में विस्तार से जानकारी दी। अप्रेक्सिया क्या है, अप्रेक्सिया के प्रकार, अप्रेक्सिया के कारण, अप्रेक्सिया के लक्षण और अप्रेक्सिया का निदान, इन सब के बारे में भी विस्तार पूर्वक बताया। देसी हैल्थ क्लब ने इस आर्टिकल के माध्यम से और अप्रेक्सिया का उपचार भी बताया। आशा है आपको ये आर्टिकल अवश्य पसन्द आयेगा।

दोस्तो, इस आर्टिकल से संबंधित यदि आपके मन में कोई शंका है, कोई प्रश्न है तो आर्टिकल के अंत में, Comment box में, comment करके अवश्य बताइये ताकि हम आपकी शंका का समाधान कर सकें और आपके प्रश्न का उत्तर दे सकें। और यह भी बताइये कि यह आर्टिकल आपको कैसा लगा। आप इस पोस्ट को अपने दोस्तों और सगे – सम्बन्धियों के साथ भी शेयर कीजिये ताकि सभी इसका लाभ उठा सकें। दोस्तो, आप अपनी टिप्पणियां (Comments), सुझाव, राय कृपया अवश्य भेजिये ताकि हमारा मनोबल बढ़ सके। और हम आपके लिए ऐसे ही Health-Related Topic लाते रहें। धन्यवाद।

Disclaimer – यह आर्टिकल केवल जानकारी मात्र है। किसी भी प्रकार की हानि के लिये ब्लॉगर/लेखक उत्तरदायी नहीं है। कृपया डॉक्टर/विशेषज्ञ से सलाह ले लें।

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आज के आर्टिकल में हमने आपको अप्रेक्सिया के बारे में विस्तार से जानकारी दी। अप्रेक्सिया क्या है, अप्रेक्सिया के प्रकार, अप्रेक्सिया के कारण, अप्रेक्सिया के लक्षण और अप्रेक्सिया का निदान, इन सब के बारे में भी विस्तार पूर्वक बताया।
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