स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग में। दोस्तो, क्या ऐसा भी होता है कि किसी व्यक्ति के हंसने से या अधिक गुस्सा करने से उसकी मांसपेशियां ऐंठ जाती हैं, उसको लगता है कि शायद वह लड़खड़ा कर गिर भी जाएगा, उसको ऐसा भी लगता है कि उसको लकवा मार गया है। यह आश्चर्यजनक है परन्तु सत्य है। यह एक मस्तिष्क विकार (Brain disorder) है जिसमें यह सब कुछ अचानक से होता है। मेडिकल भाषा में इसे कैटाप्लेक्सी कहते हैं।
कैटाप्लेक्सी का अटैक अचानक होता और बहुत ही कम समय के लिए होता है, कुछ सेकेंड से लेकर कुछ मिनटों तक। इस दौरान उसकी मांसपेशियां मृतप्रायः (Almost dead) हो जाती हैं। वे सुन्न हो जाती हैं, उनमें संवेदना नहीं रहती, ये लगभग क्रिया शून्य हो जाती हैं। कुछ पल का अटैक खतरनाक नहीं होता। परन्तु गंभीर कैटाप्लेक्सी के मामले में यह खतरनाक हो सकता है, जब यह अटैक 30 मिनट या इससे अधिक समय तक रहे तो। व्यक्ति गिर सकता है, उसे चोट लग सकती है। आखिर यह कैटाप्लेक्सी है क्या?। दोस्तो, यही है हमारा आज का टॉपिक “कैटाप्लेक्सी क्या है?”।
देसी हैल्थ क्लब इस आर्टिकल के माध्यम से आपको कैटाप्लेक्सी के बारे में विस्तार से जानकारी देगा और यह भी बताएगा कि इसका उपचार क्या है। तो, सबसे पहले जानते हैं कि कैटाप्लेक्सी क्या है और कैटाप्लेक्सी की अवस्थाएं। फिर इसके बाद बाकी बिंदुओं पर जानकारी देंगे।
कैटाप्लेक्सी क्या है? – What is Cataplexy
दोस्तो, कैटाप्लेक्सी (Cataplexy) एक प्रकार से मस्तिष्क विकार (Brain disorder) है जिसमें हंसने पर अचानक से मांसपेशियों में ऐंठ जाती हैं, व्यक्ति का मांसपेशियों पर कोई कंट्रोल नहीं रहता। ऐसा कुछ क्षण के लिए होता है फिर व्यक्ति अपने आप ठीक हो जाता है। ऐसी स्थिति व्यक्ति के जागृत और पूरी तरह से सचेत अवस्था में होती है। इस विकार को मेडिकल भाषा में कैटाप्लेक्सी कहा जाता है।
यह दुर्लभ न्यूरोलॉजिकल स्थिति है जो लगभग 2000 में से एक व्यक्ति में होती है। कैटाप्लेक्सी का अटैक पड़ने पर व्यक्ति लड़खड़ा कर गिर सकता है, उसकी जुबान लड़खड़ा सकती है, उसका जबड़ा ढीला पड़ सकता है और दृष्टि भी धुंधली हो सकती है। उसे चोट लग सकती है, वह पेरेलाइज भी हो सकता है। यह स्थिति केवल हंसने से ही नहीं बल्कि अधिक क्रोध करने से, अधिक खुश होने से, रोने से, भय से या आतंक के वातावरण से भी हो सकती है।
कैटाप्लेक्सी वस्तुतः नार्कोलेप्सी का एक लक्षण है जो लगभग 70 प्रतिशत टाइप 1 नार्कोलेप्सी से पीड़ित व्यक्तियों में पाया जाता है। टाइप 1 नार्कोलेप्सी से पीड़ित व्यक्ति के मस्तिष्क, रीढ़ की हड्डी में और इनके आसपास सेरेब्रोस्पाइनल फ्लूइड (CSF) में ऑरेक्सिन का स्तर कम हो जाता है। ऑरेक्सिन को हाइपोक्रेट्रिन प्रोटीन भी कहा जाता है। सेरेब्रोस्पाइनल फ्लूइड चलने, सांस लेने, देखने और सोचने की क्षमता आदि जैसे हर गतिविधि को निर्देशित और समन्वित करता है। ऑरेक्सिन का कम स्तर कैटाप्लेक्सी को जन्म दे सकता है। यह डिस्ऑर्डर किसी भी आयु के महिला या पुरुष को हो सकता है। नार्कोलेप्सी पर विस्तार से जानकारी के लिए हमारा पिछला आर्टिकल “नार्कोलेप्सी क्या है?” पढ़ें।
कैटाप्लेक्सी की अवस्थाएं – States of Cataplexy
कैटाप्लेक्सी की अवस्था, इसकी गंभीरता पर निर्भर करती है। आमतौर पर इसकी तीन अवस्थाएं होती हैं। विवरण प्रकार है –
1. सामान्य कैटाप्लेक्सी (General Cataplexy)- यह सबसे हल्की कैटाप्लेक्सी की अवस्था होती है। इसमें कैटाप्लेक्सी का अटैक कुछ सेकेंड का ही होता है। यह अटैक,अंग की विफलता के साथ हल्की और अस्थायी कमजोरी की वजह बनता है यानि किसी विशेष अंग में संवेदन शून्यता और क्रिया शून्यता महसूस होती है।
2. मध्यम कैटाप्लेक्सी (Moderate Cataplexy)- इस अवस्था में भी अंग की विफलता आंशिक कमजोरी महसूस होती है। यह अटैक कई मिनट का हो सकता है।
3. गंभीर कैटाप्लेक्सी (Severe Cataplexy)- यह गंभीर स्थिति होती है क्यों कि यह अटैक 30 मिनट या अधिक समय का हो सकता है और इसके कोई पूर्व संकेत नहीं मिलते। यह अटैक अप्रत्याशित है। यदि यह अटैक ड्राइविंग करते समय या भारी मशीन पर काम करते समय आता है तो यह बेहद खतरनाक हो सकता है।
कैटाप्लेक्सी के कारण – Causes of Cataplexy
कैटाप्लेक्सी के सटीक और प्रमाणिक कारण अज्ञात हैं। परन्तु अनुमान के अनुसार इसके निम्नलिखित कारण हो सकते हैं –
1. कैटाप्लेक्सी का मुख्य कारण टाइप 1 नार्कोलेप्सी के मरीज में सेरेब्रोस्पाइनल फ्लूइड (CSF) में ऑरेक्सिन का स्तर कम होना है। सेरेब्रोस्पाइनल फ्लूइड एक स्पष्ट, रंगहीन द्रव जो मस्तिष्क, रीढ़ की हड्डी में और इनके आसपास बहता है।
2. एक अनुमान के अनुसार कुछ अज्ञात पर्यावरणीय कारक जो एक ऑटोम्यून्यून प्रतिक्रिया को ट्रिगर करते हैं। ये कारक जागृति और मांसपेशियों की टोन को कंट्रोल करने वाले न्यूरॉन्स को क्षति पहुंचाने में सक्षम होते हैं।
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कैटाप्लेक्सी के कारक – Cataplexy Factors
निम्नलिखित कारक कैटाप्लेक्सी को ट्रिगर कर सकते हैं –
- हंसना
- रोना
- अधिक क्रोध करना
- अधिक खुशी
- ग़म, सदमा
- भय
- लड़ाई का वातावरण
- आतंक का वातावरण
कैटाप्लेक्सी के लक्षण – Symptoms of Cataplexy
कैटाप्लेक्सी के निम्नलिखित लक्षण प्रकट हो सकते हैं –
- सिर आगे की ओर झुक जाना।
- चेहरे और गर्दन की मांसपेशियों में खिंचाव, ऐंठन, कमजोरी महसूस करना। भौंह टेढ़ी हो जाना।
- मांसपेशियां सुन्न पड़ जाना।
- जबड़े या मुंह खुल जाना। जबड़ा ढीला पड़ जाना।
- बोल ना पाना। जुबान लड़खड़ाना।
- घुटने मुड़ सकते हैं।
- लड़खड़ाहट, चल ना पाना।
- खुद को लकवा ग्रस्त महसूस करना।
- आंखें ज्यादा देर तक ना खोल पाना।
- दृष्टि दोष, धुंधला दिखाई देना।
- कैटाप्लेक्सी के गंभीर मामले में हृदय गति का धीमा होना, सांस की दर का धीमा होना और रक्तचाप कम हो जाना जैसे लक्षण हो सकते हैं।
कैटाप्लेक्सी का निदान – Diagnosis of Cataplexy
सेरेब्रोस्पाइनल फ्लूइड में ऑरेक्सिन के स्तर जांच करके कैटाप्लेक्सी का पता लगाया जाता है। ऑरेक्सिन की कमी कैटाप्लेक्सी का मुख्य कारण है।
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कैटाप्लेक्सी का उपचार – Treatment of Cataplexy
डॉक्टर, कैटाप्लेक्सी का उपचार एंटीडिप्रेसेंट दवाओं के माध्यम से करते हैं। इसके अतिरिक्त डॉक्टर, जीवन शैली में बदलाव करने के लिये निम्नलिखित सलाह दे सकते हैं –
- नींद के पैटर्न में बदलाव करना जैसे कि जल्दी सोना और 6 से 8 घंटे की नींद लेना।
- खूब पानी पीना ताकि शरीर हाइड्रेट रहे।
- रात को सोने से पहले चाय, कॉफी का सेवन ना करना।
- धूम्रपान ना करना, तंबाकू का किसी भी रूप में उपयोग ना करना।
- शराब का कम सेवन करना।
- ड्रग्स व अन्य नशीले पदार्थों का सेवन ना करना।
- प्रतिदिन योग, ध्यान, प्राणायाम, व्यायाम करना।
- संतुलित और पोषक तत्वों से भरपूर भोजन करना।
Conclusion –
दोस्तो, आज के आर्टिकल में हमने आपको कैटाप्लेक्सी के बारे में विस्तार से जानकारी दी। कैटाप्लेक्सी क्या है?, कैटाप्लेक्सी की अवस्थाएं, कैटाप्लेक्सी के कारण, कैटाप्लेक्सी के कारक, कैटाप्लेक्सी के लक्षण और कैटाप्लेक्सी का निदान, इन सब के बारे में भी विस्तार पूर्वक बताया। देसी हैल्थ क्लब ने इस आर्टिकल के माध्यम से कैटाप्लेक्सी के उपचार भी बताए। आशा है आपको ये आर्टिकल अवश्य पसन्द आयेगा।
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