दोस्तो, “तुरंत” शब्द का उपयोग मेडिकल टर्म में मरीज को आपात स्थिति से फौरन राहत पहुंचाने के लिए किया जाता है। मगर हर दवा अपना असर दिखाने में “कुछ” समय अवश्य लेती है। आयुर्वेद की दुनियां में एक दवा ऐसी भी है जो जादुई तरीके से केवल 6 सेकेंड्स में मरीज को राहत पहुंचाने का काम करती है। इस दवा को कंपनी की तरफ से “फ्रूट साल्ट” कहा गया है जबकि इसमें ना तो किसी फ्रूट का पल्प है और ना ही कोई साल्ट। पाउडर के रूप में बिकने वाली इस आयुर्वेदिक दवा का नाम है ईनो (ENO)।
ईनो का कोई शाब्दिक अर्थ नहीं है और ना ही इसकी फुल फॉर्म से इसे जाना जाता है बल्कि यह इस दवा के निर्माता के नाम का अंतिम भाग है। इसके केवल 6 सेकेंड्स में सक्रिय होने का रहस्य इसमें उपयोग की गई मुख्य सामग्री अर्थात् सोडियम बाइकार्बोनेट, सोडियम कार्बोनेट और साइट्रिक एसिड में छुपा है। यह आयुर्वेद की दुनियां में इकलौती ऐसी दवा है जो पूरे विश्व पर राज करती है, यहां तक कि भारत इस दवा की खपत का विश्व में सबसे बड़ा बाजार है। आखिर ऐसा क्या है इस ईनो में और कैसे यह लाभकारी होता है। लाभकारी होने के साथ-साथ इसके कुछ साइड इफेक्ट भी होते हैं। दोस्तो, यही है हमारा आज का टॉपिक “ईनो के फायदे और नुकसान”।
देसी हैल्थ क्लब इस आर्टिकल के माध्यम से आपको ईनो के बारे में विस्तार से जानकारी देगा और यह भी बताएगा कि इसके फायदे क्या हैं। तो, सबसे पहले जानते हैं कि ईनो क्या है और इसका नामकरण। फिर, इसके बाद बाकी बिंदुओं पर जानकारी देंगे।
ईनो क्या है? – What is Eno?
दोस्तो, एक्सहेल्ड नाइट्रिक ऑक्साइड (exhaled Nitric Oxide eNO) ईनो एक आयुर्वेदिक दवा है जो पाउडर के रूप में उपलब्ध होती है। इसे फ्रूट साल्ट के रूप में बेचा जाता है। यहां हम स्पष्ट कर दें कि फ्रूट साल्ट केवल एक ब्रांड नाम है। इसमें निंबुकलाम की अपेक्षा टार्टरिक एसिड का उपयोग किया जाता जोकि अंगूर फल से प्राप्त किया जाता था। संभवतः इसलिए इसे फ्रूट साल्ट कहा जाता है।
ईनो का उपयोग अधिकतर एसिडिटी, अपच, गैस, पेट फूलना, सूजन और जलन आदि से राहत पाने के लिए किया जाता है। ईनो एक एंटासिड है। इसमें सोडियम बाइकार्बोनेट, सोडियम कार्बोनेट और साइट्रिक एसिड की उपस्थिति होती है। यह रेग्युलर, लेमन, ऑरेंज, कोला, अजवाइन और मौसंबी फ्लेवर में मिलता है। यह गांव, शहरों के मेडिकल स्टोर, जनरल स्टोर तथा अधिकतर सभी छोटी-बड़ी दुकानों पर आसानी से मिल जाता है।
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ईनो का नामकरण – Naming of Eno
यदि ईनो के नाम की बात की जाए तो समझिए कि इसका नाम इसके फुल फॉर्म एक्सहेल्ड नाइट्रिक ऑक्साइड के आधार पर नहीं रखा गया है। इसका नामकरण, ईनो के निर्माता Mr. James Crossley Eno, एक ब्रिटिश फार्मासिस्ट, के सम्मान में किया गया है। हम यहां बता दें कि 19वीं शताब्दी में मि। जेम्स ने इसे फ्रूट साल्ट के रूप में प्रस्तुत किया था। उनका उद्देश्य नाविकों को लंबी यात्राओं पर स्वस्थ रहने में मदद पहुंचाना था। उन्होंने यह मिश्रण बंदरगाह पर समुद्री कप्तानों को दे दिया और यह विश्व में जाना जाने वाला प्रसिद्ध ब्रांड बन गया।
मि. जेम्स ने 1868 में औपचारिक रूप से ईनो कंपनी के “फ्रूट साल्ट” वर्क्स की स्थापना की। 20वीं शताब्दी तक इसके कारखाने इंग्लैंड, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, स्पेन और अमेरिका में स्थापित किए गये थे और आज आलम यह है कि भारत सहित विश्व के अधिकतर देशों में ईनो के कारखाने मौजूद हैं। भारत, विश्व में ईनो की खपत का सबसे बड़ा बाजार है।
ईनो कैसे काम करता है? – How Does Eno work?
“तुरंत” शब्द का उपयोग ईनो की कार्य पद्धति के संदर्भ में एकदम सही बैठता है। ईनो के पाउच पर लिखा होता है Gets to work in 6 Seconds अर्थात् 6 सेकेंड्स में काम को तैयार। कंपनी का यह दावा सही प्रतीत होता है क्योंकि ईनो पीने के तुरंत बाद ही यह काम करना शुरू कर देता है। दरअसल, ईनो में सोडियम बाइकार्बोनेट, सोडियम कार्बोनेट और साइट्रिक एसिड मौजूद होते हैं। यह पेट में पहुंचकर एसिड को न्यूट्रलाइज करने का काम करता है। इसी कारण एसिडिटी से छुटकारा मिल जाता है। इसके अतिरिक्त यह पेट में जलन, सूजन, दर्द आदि से भी राहत दिलाता है।
ईनो के उपयोग – Uses of Eno
दोस्तो, हमारे देश की विशेषता है कि हम किसी वस्तु के अनेक प्रकार से उपयोग कर सकते हैं। यह बात ईनो के संदर्भ में भी लागू होती है। पेट की समस्याओं से राहत पाने के लिए इसे पानी में डालकर पीने के अतिरिक्त इसके निम्न प्रकार से उपयोग किए जा सकते हैं –
1. व्यंजन बनाने के लिए (To Make Dishes)- ईनो का उपयोग विभिन्न प्रकार के व्यंजन बनाने के लिए भी किया जाता है जैसे कि ढोकला, जलेबी, पकौड़े आदि। कभी-कभी का इस्तेमाल तो ठीक है परन्तु नियमित रूप से खाद्य पदार्थों में इसका उपयोग उचित नहीं है।
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2. जूतों की बदबू निकालने के लिए (Smell of Shoes)- यदि जूतों से बदबू आती है तो रात को जूतों में ईनो पाउडर डालकर छोड़ दें। सुबह बदबू खत्म हो जाएगी।
3. प्याज की बदबू हटाए (Remove Onion Smell)- यदि हाथों से प्याज की बदबू आ रही है तो ईनो पाउडर अपने हाथों पर लगाकर, रगड़कर पानी धो लें।
4. बर्तनों के दाग हटाए (Remove Stains from Dishes)- कई बार बर्तन जल जाने पर काले पड़ जाते हैं, फिर इनको साफ़ करना मुश्किल हो जाता है। इसके लिए बड़े टब में गर्म पानी भरकर 3-4 पैकेट ईनो डालकर जले बर्तनों को छोड़ दें। अगले दिन नींबू और नमक की सहायता से बर्तनों को रगड़ें। ये साफ़ हो जाएंगे।
5. ज्वेलरी साफ़ करे (Clean Your Jewelry)- ईनो का उपयोग ज्वेलरी को साफ़ करने के लिए किया जा सकता है। इसके लिए एक बर्तन में गर्म पानी में एक पैकेट ईनो डालकर सोने चांदी के गहने डालकर छोड़ दें। लगभग आधा घंटे बाद ज्वेलरी को निकालकर साफ़ पानी से धो लें।
6. फेसपैक (Face Pack)- बेसन में एक चम्मच नींबू का रस और एक पैकेट ईनो मिलाकर फेसपैक बनाकर चेहरे पर लगाकर छोड़ दें। आधा घंटा बाद फेसपैक सूख जाने पर चेहरा पानी से धो लें। चेहरा चमक उठेगा। इस फेसपैक को लगाते समय सावधानी बरतनी है कि यह आंखों में ना लगे।
7. ईनो से घुटनों और कोहनियों का कालापन दूर किया जा सकता है।
8. ईनो से दांत चमकाए जा सकते हैं।
ईनो के सेवन का तरीका – How to Consume Eno
ईनो के सेवन का तरीका बहुत ही सरल है। खाना खाने के बाद यदि पेट में गैस बनने लगी है या पेट से जुड़ी कोई अन्य समस्या है तो 150 मिली लीटर सामान्य तापमान वाले पानी में एक पैकेट ईनो डालकर झाग बनते-बनते ही तुरंत पी लें। झाग खत्म होने पर पीने से इसका प्रभाव कम हो जाएगा। एक बात का ध्यान रखें कि इसे खाली पेट ना पीएं, यह हानिकारक हो सकता है।
ईनो की मात्रा – Amount of Eno
1. ईनो की खुराक हर पैकेट पर लिखी होती है। इसके अनुसार, 12 वर्ष से अधिक आयु का बच्चा या व्यस्क 150 मिली लीटर पानी में एक पैकेट (पांच ग्राम) ईनो डालकर पी सकता है।
2. यदि आवश्यकता महसूस हो तो डॉक्टर की सलाह पर इसे 2-3 घंटे बाद फिर लिया जा सकता है। परन्तु 24 घंटे में केवल दो ही खुराक।
3. ईनो को 14 दिनों से ज्यादा नहीं पीना चाहिए।
ईनो तथ्य और सावधानियां – Eno Facts and Precautions
ईनो से संबंधित कुछ तथ्य और सावधानियां निम्न प्रकार हैं –
1. ईनो का सेवन 12 वर्ष से अधिक आयु वाला बच्चा भी कर सकता है।
2. ईनो के निर्देशानुसार ईनो का सेवन 14 दिनों से अधिक ना करने की सलाह दी जाती है।
3. यदि आवश्यकता महसूस हो तो डॉक्टर की सलाह पर 2-3 घंटे बाद दूसरी खुराक ली जा सकती है। 24 घंटे में केवल दो ही खुराक लेने की सलाह दी जाती है।
4. ईनो का खाली पेट सेवन ना करें। इसे भोजन करने के बाद ही जरूरत महसूस होने पर लिया जा सकता है।
5. ईनो को कभी गर्म पानी में डालकर नहीं पीना चाहिए।
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6. यदि आप कोई दवा ले रहे हैं तो ईनो का सेवन डॉक्टर से पूछ कर ही करें।
7. गर्भवती महिलाएं और स्तनपान कराने वाली माताएं डॉक्टर की सलाह पर ही ईनो का सेवन करें।
8. ईनो की ओवरडोज हो जाने पर फौरन डॉक्टर से संपर्क करें।
9. एक्सपायरी की तिथि गुजर जाने के बाद या ईनो पाउडर जम जाने की स्थिति में ईनो का सेवन ना करें।
10. डायबिटीज़ के मरीज ईनो का सेवन डॉक्टर की सलाह पर करें।
11. हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों को ईनो के सेवन की सलाह नहीं दी जाती।
12. हृदय के मरीजों को ईनो के सेवन की सलाह नहीं दी जाती।
13. किडनी या लिवर की समस्या वाले लोगों को ईनो के सेवन की सलाह नहीं दी जाती।
14. कम सोडियम वाला आहार लेने वाले लोगों को भी ईनो के सेवन की सलाह नहीं दी जाती।
ईनो के फायदे – Benefits of Eno
अब बताते हैं आपको ईनो पीने के फायदे जो निम्न प्रकार हैं –
1. ईनो का प्रमुख फायदा यह है कि पेट से जुड़ी समस्याओं से तुरंत राहत दिलाता है। इसके पीने के 6 सेकेंड्स में इसकी कार्य प्रणाली सक्रिय हो जाती है जिससे व्यक्ति को सुखद अनुभूति होती है।
2. भोजन करने के बाद कई बार गैस बनने लगती है और पेट में और सीने में जलन होने लगती है, जिससे व्यक्ति परेशान हो जाता है। ईनो पीने से पेट में गैस से राहत मिलती है।
3. ईनो में उपस्थित सोडियम बाइकार्बोनेट और साइट्रिक एसिड पेट में एसिड को खत्म कर एसिडिटी से राहत दिलाते हैं।
4. ईनो पेट का फालतू का एसिड खत्म कर अपच से की समस्या से राहत दिलाता है।
5. ईनो पाचन तंत्र की सूजन को खत्म करके पाचन तंत्र को ठीक रखने में मदद करता है। यह भोजन को जल्दी पचाता है।
ईनो के नुकसान – Side Effects of Eno
ईनो के सेवन से हो सकते हैं निम्नलिखित नुकसान –
1. ईनो के अधिक पीने से सिर में दर्द हो सकता है और चक्कर आ सकता है।
2. ईनो के अधिक पीने से चिड़चिड़ापन, कमजोरी, थकान महसूस हो सकते हैं।
3. ईनो के अधिक पीने से पैरों और घुटनों में सूजन, कफ आना और उल्टी आदि की समस्या हो सकती है।
4. खाद्य पदार्थों में इस्तेमाल करने से फूड एलर्जी और फूड रिएक्शन होने की संभावना रहती है।
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5. ईनो के अधिक पीने से इम्युनिटी कमजोर हो सकती है।
6. ईनो में एंटासिड होने की वजह से शरीर में एलर्जी हो सकती है या इंफेक्शन फैल सकता है। एंटासिड, शरीर में एलर्जिक रिएक्शन को ट्रिगर करने के लिए काफी है।
7. ईनो में मौजूद सोडियम बाइकार्बोनेट ब्लड प्रेशर को बढ़ाने का काम करता है। इसलिए जिन लोगों को हाई ब्लड प्रेशर है, उनको ईनो के सेवन को अवॉइड करना चाहिए। सामान्य ब्लड प्रेशर वाले लोग भी यदि ईनो का सेवन रोजाना करते हैं तो उनका ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है।
8. ईनो एंटासिड होने के नाते हृदय से जुड़ी समस्याओं की वजह बन सकता है। ब्लड प्रेशर बढ़ने से हार्ट अटैक का खतरा हो सकता है।
9. ईनो पीने की आदत लगना, किडनी फेलियर की वजह बन सकता है।
10. ईनो का अधिक सेवन लिवर को प्रभावित कर सकता है।
Conclusion –
दोस्तो, आज के आर्टिकल में हमने आपको ईनो के फायदे और नुकसान के बारे में विस्तार से जानकारी दी। ईनो क्या है, ईनो का नामकरण, ईनो कैसे काम करता है, ईनो के उपयोग, ईनो के सेवन का तरीका, ईनो की मात्रा तथा ईनो तथ्य और सावधानियां, इन सब के बारे में भी विस्तार पूर्वक बताया। देसी हैल्थ क्लब ने इस आर्टिकल के माध्यम से ईनो के फायदे बताए और ईनो के नुकसान भी बताए। आशा है आपको ये आर्टिकल अवश्य पसन्द आयेगा।
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