दोस्तो, स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग पर। दोस्तो, आज हम आपको एक ऐसी वस्तु के बारे में बतायेंगे जिसको यदि भोजन के साथ खाया जाये तो यह स्वाद के साथ-साथ भोजन के पोषक तत्वों को भी बढ़ा देती है। मूलतः इस वस्तु ने स्वाद की दुनियां में धमाका किया, व्यंजनों में क्रान्ति ला दी। जी हां, हम बात कर रहे हैं “हरी मिर्च” की। हरी मिर्च, लाल मिर्च में तब्दील होकर मसाले की श्रेणी में आ जाती है। इस लाल मिर्च के बिना खाना बनाने की कल्पना भी नहीं की जा सकती। जहां तक हरी मिर्च की बात है, तो यह ना केवल स्वाद और भोजन की पौष्टिकता को बढ़ाती है बल्कि स्वास्थ को भी फायदा पहुंचाती है। आखिर हरी मिर्च के खाने के क्या फायदे हो सकते हैं? दोस्तो, यही है हमारा आज का टॉपिक “हरी मिर्च खाने के फायदे”।
देसी हैल्थ क्लब इस आर्टिकल के माध्यम से आज आपको हरी मिर्च के बारे में विस्तार से जानकारी देगा और यह भी बतायेगा कि हरी मिर्च खाने के क्या फायदे होते हैं। तो, सबसे पहले जानते हैं कि हरी मिर्च क्या है, मिर्च क्या है और मिर्च का सफ़रनामा। फिर इसके बाद बाकी बिन्दुओं पर जानकारी देंगे।
हरी मिर्च क्या है? – What is Green Chili?
दोस्तो, हरी मिर्च, वास्तव में मिर्च का मूल (original) रूप है जोकि हरे रंग की होती है परन्तु खेत से इसे ना तोड़ा जाये तो कुछ समय पश्चात इसका रंग लाल हो जाता है। इस लाल रंग वाली मिर्च को खेत से तोड़ कर सुखा लिया जाता है तो यह लाल मिर्च कहलाती है जोकि मसाले की श्रेणी में आती है। मिर्च में हरे से लाल रंग का बदलाव केप्सेन्थिन (Capsanthin) के कारण होता है।
रंग के बदलाव की प्रक्रिया ठीक उसी प्रकार होती है जैसे टमाटर की होती है। टमाटर भी शुरु में हरे रंग का होता है मगर बाद में पकने पर यह लाल रंग का हो जाता है। हरी मिर्च का उपयोग एशिया महाद्वीप में, विशेषकर भारत में अधिकतर भोजन के साथ अलग से कच्चा खाने, सब्जी में काटकर खाने तथा अचार के रूप में किया जाता है। विस्तार से इसका जिक्र हम आगे करेंगे।
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मिर्च क्या है? – What is Chili?
हमने ऊपर बताया है कि लाल रंग की मिर्च को खेत से तोड़कर सुखा लिया जाता है। साबुत सूखी हुई मिर्च या इसे पीसकर पाउडर के रूप में यह मसाले के रूप में सब्जी बनाने के लिये उपयोग में लाई जाती है। मिर्च के पौधे की लंबाई एक से तीन फुट की होती है, इसकी पत्तियां अंडाकार होती हैं। मिर्च का फूल सफेद रंग का होता है। ये फूल पत्तियों के कक्ष में होते हैं, एक कक्ष में केवल एक फूल।
इसका फल यानि मिर्च का आकार लंबा, बेलनाकार और शंकुनुमा होता है। इस फल में बहुत ज्यादा बीज होते हैं। पूरे विश्व में मिर्च की लगभग 400 अलग-अलग प्रकार की किस्में पाई जाती हैं। मिर्च कैप्सिकम (Capsicum) वंश के पौधे का फल है जो सोलेनसी (Solanaceae) कुल का सदस्य है। इसे अंग्रेज़ी में Chilli कहा जाता है।
मिर्च का सफ़रनामा – Chili’s Travelogue
जहां तक मिर्च की उत्पत्ति का प्रश्न है तो यह माना जाता है कि इसकी उत्पत्ति मैक्सिको में हुई थी। लगभग 7 हजार ईसा पूर्व मैक्सिको में मिर्च का उपयोग किया जाता था। कुछ लोगों का मानना है कि मिर्च का जन्म स्थान दक्षिण अमेरिका है। हां, इतना तय है कि पूरा विश्व मिर्च से परिचय तब हुआ जब इटेलियन समुद्री नाविक क्रिस्टोफर कोलम्बस भारत की खोज करते हुए अमेरिका जा पहुंचे। वहीं से यह मिर्च यूरोप जा पहुंची। जहां तक भारत की बात है, तो यह पुर्तगालियों के साथ 13वीं और 14वीं शताब्दी के बीच गोवा पहुंची। यहां हम स्पष्ट कर दें कि भारत में नींबू और मिर्च के आने से पहले भोजन को मसालेदार और स्वादिष्ट बनाने के लिये काली मिर्च और पत्तियों का उपयोग किया जाता था।
मिर्च की खेती – Chilli Cultivation
1. मैक्सिको, चीन, अमेरिका, स्पेन, इण्डोनेशिया, टर्की, मिस्र, नाईजीरिया, थाईलैन्ड, श्रीलंका, वियतनाम, मलेशिया, पाकिस्तान, इथोपिया, बंग्लादेश, अल्जीरिया आदि देशों में मिर्च की खेती की जाती है।
2. भारत का मिर्च उत्पादन में, विश्व में प्रथम स्थान है। यह विश्व की लगभग 36 से 38 प्रतिशत तक मिर्च का उत्पादन करता है और विश्व की 25 प्रतिशत मिर्च की आवश्यकता की पूर्ति करता है। भारत के आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडू, उड़ीसा, पश्चिमी बंगाल, राजस्थान, मध्य प्रदेश, और उत्तर प्रदेश, राज्यों में मिर्च की खेती की जाती है।
हरी मिर्च के गुण – Properties of Green Chillies
1. हरी मिर्च का स्वाद तीखा होता है। यह तीखापन कैप्साइसिन (Capsaicin) नामक रसायन से आता है।
2. यद्यपि हरी मिर्च का स्वाद तीखा होता है परन्तु इसकी तासीर ठंडी होती है जो शरीर को शीतलता प्रदान करती है। इसीलिये राजस्थान जैसे गर्म प्रदेशों में हरी मिर्च का सेवन भोजन के साथ अलग से किया जाता है।
3. हरी मिर्च, एंटीऑक्सीडेंट, एंटीअल्सर, एंटीवायरल एंटीबैक्टीरियल, एंटीमाइक्रोबियल एंटीइंफ्लेमेटरी, एंटीअर्थराइटिस, एंटीहाइपरटेंसिव, एंटीडायबिटिक, एंटीओबेसिटी जैसे गुणों से समृद्ध होती है।
4. हरी मिर्च, आयरन, कॉपर, पोटैशियम, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, बीटा कैरोटीन, क्रीप्टोक्सान्थिन, लुटेन जॅक्सन्थिन, विटामिन ए, बी6 और सी जैसे पोषक तत्वों से भरपूर होती है।
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हरी मिर्च के पोषक तत्व (मात्रा प्रति 100 ग्राम) – Nutrients of Green Chilli (Quantity per 100 grams)
पानी 87.74 ग्राम
कैलोरी 40 kcal
ऊर्जा 167 किलोजूल
प्रोटीन 2 ग्राम
फैट 0.2 ग्राम
शुगर 5.1 ग्राम
कार्बोहाइड्रेट 9.46 ग्राम
फाइबर 1.5 ग्राम
आयरन 1.2 मिलीग्राम
कैल्शियम 18 मिलीग्राम
मैग्नीशियम 25 मिलीग्राम
मैंगनीज 0.237 मिलीग्राम
फास्फोरस 46 मिलीग्राम
पोटैशियम 340 मिलीग्राम
सोडियम 7 मिलीग्राम
जिंक 0.3 मिलीग्राम
कॉपर 0.174 मिलीग्राम
सेलेनियम 0.5 माइक्रोग्राम
विटामिन-सी 242.5 मिलीग्राम
थियामिन 0.09 मिलीग्राम
राइबोफ्लेविन 0.09 मिलीग्राम
नियासिन 0.95 मिलीग्राम
फोटोथेनिक एसिड 0.061 मिलीग्राम
विटामिन-बी6 0.278 मिलीग्राम
फोलेट 23 माइक्रोग्राम
कोलिन 11.1 माइक्रोग्राम
विटामिन-ए, RAE 59 माइक्रोग्राम
बीटा कैरोटिन 671 माइक्रोग्राम
विटामिन-ए .U 1179 .U
विटामिन-ई 0.69 मिलीग्राम
फैटी एसिड टोटल सैचुरेटेड 0.021 ग्राम
फैटी एसिड
टोटल मोनोअनसैचुरेटेड 0.011 ग्राम
फैटी एसिड
टोटल पोलीअनसैचुरेटेड 0.109 ग्राम
हरी मिर्च का उपयोग – Uses of Green Chillies
हरी मिर्च का उपयोग निम्न प्रकार से किया जाता है –
1. हरी मिर्च को कच्चा, भोजन के साथ खाया जाता है या इसके छोटे-छोटे टुकड़े काट कर दाल तथा सब्जी में डाला जाता है।
2. हरी मिर्च को तल कर भी खाया जाता है। हरी मिर्च का छोंक या तड़का भी दाल, सब्जी में लगाया जाता है।
3. हरी मिर्च का अचार बनाकर भी भोजन के साथ खाया जाता है।
4. हरी मिर्च को बेसन के साथ मिलाकर पकौड़े बनाये जाते हैं।
5. हरी मिर्च का उपयोग सॉस बनाने के लिये भी किया जाता है विशेषकर हरी सॉस बनाने में।
6. भारत में हरी मिर्च का सबसे ज्यादा उपयोग शनिवार के दिन नज़र उतारने के लिये किया जाता है। नींबू के साथ बहुत सारी हरी मिर्चों की माला बनाकर घर के मुख्य द्वार, वाहनों, ऑफिसों में, व्यापारिक संस्थानों में लटका दी जाती हैं।
7. हरी मिर्च का उपयोग जादू, टोना, टोटके के लिये भी किया जाता है।
8. भारत में नींबू और हरी मिर्च का व्यापार 36 हजार करोड़ रुपये वार्षिक से भी अधिक का है।
हरी मिर्च कितनी खाई जानी चाहिए? – How Much Green Chili should be Eaten?
हरी मिर्च के तीखेपन के दृष्टिकोण से कच्ची, छुकी-तली या अचार की एक या दो हरी मिर्च खाना ही काफी है। स्वाद-स्वाद इससे ज्यादा खाना निश्चित रूप से नुकसान करेगी।
हरी मिर्च खाने के फायदे – Benefits of Eating Green Chillies
और अब बताते हैं आपको हरी मिर्च खाने के फायदे जो निम्नलिखित हैं –
1. प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करे (Strengthen the Immune System)- छोटी सी हरी मिर्च परन्तु फायदा बहुत बड़ा। यह हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में सार्थक भूमिका निभाती है। प्रतिरक्षा प्रणाली के लिये विटामिन-सी एक आवश्यक आवश्यकता है जो कि एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है। इसके अतिरिक्त आयरन, पोटेशियम और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्वों की जरूरत पड़ती है। हरी मिर्च में विटामन-सी के अतिरिक्त ये सभी खनिज पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध होते हैं जो हरी मिर्च के सेवन से मिल जाते हैं और हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत बनती है।
2. पाचन शक्ति को बढ़ाये (Increase Digestion Power)- हरी मिर्च खाने का यह भी बहुत बड़ा फायदा है कि यह पाचन तंत्र में सुधार कर पाचन शक्ति को बढ़ाती है। हरी मिर्च में पाये जाने वाला कैप्साइसिन नामक रसायन गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल विकारों को दूर करता है जिस वजह से अपच, कब्ज और दस्त जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं। हरी मिर्च में पाये जाने वाला फाइबर भोजन को ढीला करता है ताकि सरलता से पच सके। हरी मिर्च के खाने से पाचन तंत्र की पूरी प्रक्रिया में सुधार होता है जिससे पाचन शक्ति को बढ़ावा मिलता है।
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3. मस्तिष्क स्वास्थ के लिए (Brain Health)- हरी मिर्च मस्तिष्क स्वास्थ के लिए एक बेहतरीन औषधी के रूप में काम करती है। यह मस्तिष्क की कार्य प्रणाली में सहायता करती है और अल्जाइमर जैसी समस्या के लक्षणों को कम करने में सार्थक भूमिका निभाती है। इसके एंटीऑक्सीडेंट गुण ऑक्सीडेटिव स्ट्रैस से छुटकारा दिलाते हैं। तनाव के कारण सिर दर्द में आराम मिलता है। हरी मिर्च को मूड बूस्टर के नाम से भी जाना जाता है।
जब आपका मूड खराब हो तो बस किसी खाद्य पदार्थ के साथ एक हरी मिर्च खा लीजिये, तुरन्त आपका मूड ठीक हो जायेगा और आप अपने को खुश महसूस करोगे। इसके पीछे लॉजिक यह है कि हरी मिर्च खाने से मस्तिष्क में एंडोर्फिन (endorphin) का रिसाव होने लगता है। यह एक हार्मोन है जो तनाव, डिप्रेशन, बेचैनी, सिरदर्द, चिंता आदि को दूर करने का कार्य करता है। इसे खुशी देने वाला हार्मोन भी कहा जाता है।
4.बैक्टीरियल इंफेक्शन से बचाव करें (Protect Against Bacterial Infection)- हरी मिर्च बैक्टीरियल इंफेक्शन से होने वाली बीमारियों से बचाती है। हरी मिर्च में पाये जाने वाले एंटीबैक्टीरियल, एंटीवायरल और एंटीमाइक्रोबियल गुण, बैक्टीरिया के विरुद्ध लड़ते हैं और शरीर को संक्रमण से बचाते हैं। भोजन के साथ एक हरी मिर्च का सेवन कीजिये और संक्रमण से निश्चिन्त हो जाइये।
5. कैंसर के खतरे को दूर करें (Eliminate the Risk of Cancer)- हरी मिर्च खाने का एक सार्थक फायदा यह है कि इससे कैंसर होने का खतरा काफी कम हो जाता है। हरी मिर्च में पाये जाने वाला कैप्साइसिन रसायन एंटीकैंसर के रूप में कार्य करता है। इसके एंटीऑक्सीडेंट गुण शरीर की आंतरिक सफाई के साथ ही, कैंसर के जोखिम को कम करने में मदद करते हैं।
धूम्रपान करने वाले लोगों को फेफड़ों का कैंसर होने की संभावना सबसे ज्यादा रहती है अतः इन लोगों को तो हरी मिर्च का सेवन नियमित रूप से करना चाहिये। इससे फेफड़ों के कैंसर का खतरा कम हो जाता है। एक वैज्ञानिक रिपोर्ट यह भी बताती है कि हरी मिर्च के सेवन से पुरूषों में प्रोस्टेट कैंसर की समस्या पूरी तरह खत्म हो जाती है।
6. आयरन की कमी पूरी करें (Makeup for Iron Deficiency)- हरी मिर्च आयरन का प्राकृतिक स्रोत है। नियमित रूप से हरी मिर्च का सेवन शरीर में आयरन की कमी नहीं रहती। दैनिक जरूरत के हिसाब से आयरन मिल जाता है। यह रक्त प्रवाह और रक्त संचालन को दुरुस्त रखता है तथा शारीरिक गतिविधियों को बनाये रखता है। महिलाओं, विशेषतौर पर गर्भवती महिलाओं को तो यह और भी अधिक फायदा करेगी। उनमें आयरन की कमी नहीं होगी।
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7. वजन कम करने में मदद करें (Help Lose Weight)- जो लोग अपना वजन कम करना चाहते हैं उनके लिये हरी मिर्च एक अच्छा विकल्प है। हरी मिर्च में मौजूद एंटीओबेसिटी गुण, वजन को नियंत्रित कर मोटापे को कम करने में मदद करते हैं। हरी मिर्च शरीर को ठंडक तो देती है परन्तु पहले यह अन्दर गर्मी भी पैदा करती है जो अतिरिक्त कैलोरी को बर्न करती है, साथ ही यह मेटाबोलिज्म को बढ़ाती है। एनसीबीआई की एक शोध भी बताती है कि हरी मिर्च में मौजूद कैप्साइसिन वजन कम करने में मदद कर सकता है।
8. डायबिटीज को कम करें (Reduce Diabetes)- हरी मिर्च में एंटीडायबिटिक गुण मौजूद होता है जो ब्लड में ग्लूकोज़ का लेवल कम कर इस समस्या को कम करने में मदद करता है। एक शोध भी इस बात की पुष्टि करती है। डायबिटीज से ग्रस्त मरीज हरी मिर्च का सेवन कर सकते हैं, उनको लाभ होगा। परन्तु इसके साथ एक सत्य यह भी जुड़ा हुआ है कि यदि कोई मरीज पहले से ही डायबिटीज की दवा ले रहा है तो उसे डॉक्टर की सलाह पर ही हरी मिर्च का सेवन करना चाहिये।
9. रक्तचाप को नियंत्रित करे (Control Blood Pressure)- उच्च रक्तचाप की समस्या हृदय के लिये घातक सिद्ध हो सकती है। उच्च रक्तचाप वाले मरीजों को कम मिर्च मसाले वाला, विशेष परिस्थिति में फीका भोजन करने की सलाह दी जाती है। दूसरे, भोजन ऑयली भी नहीं होना चाहिये। ऐसे में ये लोग कच्ची हरी मिर्च का सेवन कर भोजन का आनन्द उठा सकते हैं। हरी मिर्च में एंटीहाइपरटेंसिव गुण होता है जो उच्च रक्तचाप कम कर, रक्तचाप के स्तर को सामान्य बनाये रखने में मदद करता है।
10. हृदय को स्वस्थ रखे (Keep Heart Healthy) – हृदय स्वास्थ के लिए, बढ़ता वजन, डायबिटीज और उच्च रक्तचाप घातक होते हैं। ऊपर हमने देखा कि हरी मिर्च वजन को नियन्त्रित करती है, डायबिटीज को कम करती है तथा उच्च रक्तचाप को भी कम करती है। इसके अतिरिक्त हरी मिर्च खराब वाले कोलेस्ट्रॉल LDL के स्तर को कम करती है ताकि हृदय धमनियों में कोई रुकावट ना आये, ये सख्त ना हों जिससे रक्त प्रवाह निर्बाध गति से होता रहे। हरी मिर्च, फिब्रिनोल्य्टिक (fibrinolytic), जो शरीर में रक्त को जमने से रोकता है ताकि हार्ट अटैक ना आने पाये, की गतिविधियों को बढ़ाती है।
11. आंखों के लिए फायदेमंद (Beneficial for Eyes)- नेत्र स्वास्थ के लिये विटामिन-ए, आवश्यक आवश्यकता है। विटामिन-सी और बीटा-कैरोटीन भी नेत्र स्वास्थ में सक्रिय भूमिका निभाते हैं। हरी मिर्च में इन सबकी पर्याप्त मात्रा होती है। हां, इसको प्रकाश और धूप से बचाकर अंधेरे स्थान पर रखना पड़ता है अन्यथा इसका विटामिन-सी, समाप्त हो जाता है। बीटा-कैरोटीन, दृष्टि को बढ़ाने में सहायता करता है।
हरी मिर्च में ल्यूटिन और जेक्सैंथिन जैसे पोषक तत्वों के अतिरिक्त एंटीऑक्सीडेंट गुण भी मौजूद होते हैं। ये विटामिन और ये सभी पोषक तत्व, बढ़ती उम्र से संबंधित मैकुलर डिजेनेरेशन (Age related Macular Degeneration -AMD) के जोखिम को 25 प्रतिशत तक कम कर सकने में समर्थ होते हैं। AMD एक ऐसा नेत्र विकार है जिसमें उम्र बढ़ने के साथ-साथ दृष्टि क्षीण होती चली जाती है क्योंकि इसमें रेटिना क्षतिग्रस्त होने लगता है।
12. हड्डियों को मजबूती दे (Strengthen Bones)- हड्डियों की मजबूती निर्भर करती है अस्थि खनिज घनत्व (Bone Mineral Density – BMD) पर। अस्थि खनिज घनत्व के लिये कैल्शियम, पोटेशियम, मैग्नीशियम, फास्फोरस, आयरन और ज़िंक जैसे खनिज और विटामिन-ए की आवश्यकता होती है।
हरी मिर्च के सेवन ये सभी तत्व मिल जाते हैं जो अस्थि खनिज घनत्व को बनाये रखने में मदद करते हैं और परिणाम स्वरूप हड्डियों को मजबूती मिलती है। हड्डियां मजबूत होने से ऑस्टियोपोरोसिस नामक अस्थि रोग होने की संभावना नहीं रहती। अतः हड्डियों की मजबूती के लिये हरी मिर्च को अपने आहार में शामिल करें।
13. गठिया में फायदेमंद (Beneficial in Arthritis)- अर्थराइटिस के मरीजों के लिए हरी मिर्च का सेवन बहुत लाभकारी होता है। हरी मिर्च में एंटीअर्थराइटिस और एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। ये गुण गठिया के कारण जोड़ों के दर्द को कम करते हैं तथा सूजन को कम करके मरीज को राहत पहुंचाते हैं। इसके अतिरिक्त शरीर के अन्य अंगों में होने वाले दर्द को भी कम करते हैं।
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14. त्वचा के लिए फायदेमंद (Beneficial for Skin)- विटामिन-ई और विटामिन-सी त्वचा स्वास्थ के लिये लाभकारी होते हैं। हरी मिर्च में ये दोनों विटामिन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध होते हैं। विटामिन-ई, त्वचा में कसावट लाने का काम करता है। जिससे त्वचा देखने में जवां और सुन्दर लगती है। हरी मिर्च में पाये जाने वाले एंटीबैक्टीरियल गुण, त्वचा में होने वाले संक्रमण को दूर करते हैं।
विटामिन-सी एंटीऑक्सीडेंट के रूप में काम करते हुए त्वचा को पोषण प्रदान करता है। विटामिन-सी त्वचा में कोलेजन को बढ़ाने में मदद करता है। विटामिन-सी, एंटीएजिंग प्रभाव छोड़ते हुए उम्र से पहले बुढ़ापे के लक्षणों की गति को कम करता है। यह चेहरे की झुर्रियों और फाइनलाइन्स को कम करता है। यह त्वचा को सूरज की हानिकारक अल्ट्रावायलट किरणों से बचाता है। इसलिये त्वचा स्वास्थ के लिये भोजन में हरी मिर्च को सम्मलित करना चाहिये।
हरी मिर्च के नुकसान – Side Effects of Green Chilli
दोस्तो, नि:संदेह हरी मिर्च भोजन के स्वाद और पौष्टिकता को बढ़ाती है मगर यह भी सत्य है कि इसके अधिक सेवन से नुकसान भी होते हैं। हरी मिर्च के अधिक सेवन से होने वाले नुकसान निम्न प्रकार हैं –
1. हरी मिर्च में मौजूद कैप्साइसिन (Capsaicin) पेट की गर्मी को बढ़ाने का काम करता है इसलिये अधिक मात्रा में सेवन से आपको यह महसूस हो सकता है जैसे पेट में आग लगी है।
2. पेट में जलन और चक्कर की समस्या।
3. हरी मिर्च का अधिक सेवन, मुंह में जलन और टॉक्सिक का कारण बन सकता है।
4. कैप्साइसिन के कारण त्वचा पर एलर्जी हो सकती है।
5. कैप्साइसिन, बवासीर से पीड़ित व्यक्ति की इस समस्या को बढ़ा सकता है।
6. कैप्साइसिन से मेटाबोलिज्म असंतुलित हो सकता है।
7. हरी मिर्च का अधिक सेवन से पेट में अल्सर की संभावना बन सकती है।
8. हरी मिर्च मे मौजूद फाइबर डायरिया की समस्या पैदा कर सकता है।
Conclusion –
दोस्तो, आज के आर्टिकल में हमने आपको हरी मिर्च खाने के फायदे के बारे में विस्तार से जानकारी दी। हरी मिर्च क्या है?, मिर्च क्या है?, मिर्च का सफ़रनामा, मिर्च की खेती, हरी मिर्च के गुण, हरी मिर्च का उपयोग और हरी मिर्च कितनी खाई जानी चाहिये, इन सब के बारे में भी विस्तार पूर्वक बताया। देसी हैल्थ क्लब ने इस आर्टिकल के माध्यम से हरी मिर्च खाने के बहुत सारे फायदे बताये और कुछ नुकसान भी बताये। आशा है आपको ये आर्टिकल अवश्य पसन्द आयेगा।
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Disclaimer – यह आर्टिकल केवल जानकारी मात्र है। किसी भी प्रकार की हानि के लिये ब्लॉगर/लेखक उत्तरदायी नहीं है। कृपया डॉक्टर/विशेषज्ञ से सलाह ले लें।
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