स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग पर। दोस्तो, देसी घी के मामले में पहले कभी गांव के घी पर विश्वास किया करते थे क्योंकि शुद्धता का मानक माना जाता था। आज भी बहुत लोग गांव से ही घी लेना पसंद करते हैं क्यों कि गांव में पशुओं के लिये चारा भी शुद्ध मिलता है और जैसा चारा उसी के अनुसार गाय, भैंस का दूध बनता है। शहरों में खेत नहीं रहे तो चारा भी नहीं रहा इसलिए गाय, भैंस भी बहुत कम रह गईं। इनका दूध थोड़ा बहुत बिक जाता है इसलिए घी भी नहीं बनाता। विकल्प स्वरूप डेयरी का घी ही इस्तेमाल किया जाता है जो कि डेयरी प्लांट में तैयार किया जाता है और ये बहुत मंहगा पड़ता है।
इसलिये महिलाएं दूध की मलाई जमा करके खुद देसी घी बना लेती हैं। जहां तक देसी घी के फायदे की बात है तो ये सभी जानते हैं कि इससे शरीर में ऊर्जा आती है और शरीर बलिष्ठ बनता है। आयुर्वेद में देसी घी को औषधि के रूप में जाना जाता है जो अनेक रोगों के उपचार में काम आता है। देसी घी के फायदों को देखते हुए महर्षि चार्वाक ने तो यहां तक लिख दिया कि ‘यावेत् जीवेत् सुखम जीवेत्, ऋणं कृत्वा घृतं पिवेत्’ अर्थात् जब तक जीओ सुख से जीओ, ऋण (कर्ज) करके भी घी पियो। आखिर देसी के ऐसे क्या फायदे हैं?। दोस्तो यही है हमारा आज का टॉपिक “देसी घी खाने के फायदे”।
देसी हैल्थ क्लब इस आर्टिकल के माध्यम से आज आपको देसी घी के बारे में विस्तार से जानकारी देगा और यह भी बताएगा इसके क्या फायदे होते हैं। तो, सबसे पहले जानते हैं कि देसी घी क्या है और घर पर देसी घी बनाने की विधि। फिर इसके बाद बाकी बिंदुओं पर जानकारी देंगे।
देसी घी क्या है? – What is Desi Ghee?
देसी घी एक ऐसा सुगंधित पदार्थ है जो दूध से निकाले गए मक्खन या मलाई को गर्म करके बनाया जाता है। इसका उपयोग मुख्यतः भोजन बनाने, भोजन पर ऊपर से डालने (विशेषकर दाल, साग, तरी वाली सब्जी), रोटी चुपड़ने तथा कई रोगों के उपचार में किया जाता है। यह मिठाईयां विशेषकर जलेबी बनाने के भी काम आता है। यह एक ऐसा पदार्थ है जो गर्मियों में द्रव रूप में होता है तो सर्दियों में यह जमकर ठोस रूप धारण कर लेता है।
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देसी घी कैसे बनाया जाता है? – How is Desi Ghee Made?
प्राचीन काल से ही गांवों में महिलाएं देसी घी बनाने का काम करती चली आ रही हैं। घी बनाने के लिए पहले दूध को बहुत हल्की आग पर पकाना पड़ता है जब यह ठंडा हो जाता है तो इसमें हल्का सा जामुन (दही का पानी) डाल देते हैं ताकि यह दूध दही में परिवर्तित हो जाए। इस दही को रई के द्वारा तब तक चलाते रहना पड़ता है जब तक कि इसमें से मक्खन ना निकल आये और छाछ अलग हो जाए। इस मक्खन को हल्की आग पर गर्म किया जाता है तो इसका पानी जल जाता है और यह मक्खन द्रव रूप में आ जाता है। इस प्रकार देसी घी बन जाता है।
घर पर देसी घी बनाने की विधि – How to Make Desi Ghee at Home
दोस्तो, यदि आप घर पर देसी घी बनाना चाहते हैं तो इसकी विधि बहुत सरल है। विवरण निम्न प्रकार है –
1. गांव हो या शहर आज के समय में इतना समय किसी के पास नहीं है कि वह पहले दूध को उबालकर दही जमाए, फिर दही को चलाकर मक्खन निकाले और फिर मक्खन को गर्म करके घी बनाए। यदि बाजार से मक्खन ले भी आए तो यह बहुत मंहगा पड़ेगा और मुमकिन है कि इसे गर्म करने पर ढंग से घी भी ना बन पाए।
तो, इसके लिए जो रोजाना आप फुल क्रीम दूध खरीदते हैं, उसे उबालकर ठंडा कीजिए। ठंडा होने पर इसे फ्रिज में रख दीजिए। कुछ घंटों में इस बहुत मोटी मलाई आ जाएगी। इस मलाई को उतारकर किसी बर्तन में रखकर, बर्तन को फ्रिज में रख दें।
2. रोजाना इसी प्रकार दूध उबालकर, ठंडा होने इसकी मलाई उतारकर मलाई वाले बर्तन में जमा करते रहिए।
3. जब आपको लगे कि काफी मात्रा में मलाई जमा हो गई है तो इसे ब्लेंडर में डालकर ब्लेंड लगभग 5-7 मिनट के लिए। ब्लेंड करने से मक्खन ऊपर तैर जाएगा और नीचे छाछ रह जाएगी।
मक्खन निकाल कर अलग रख लें और छाछ को अलग किसी बर्तन में रख लें। इस छाछ का उपयोग आप कढ़ी बनाने या रायता बनाने में कर सकते हैं या ऐसे ही नमक मसाला डालकर पी सकते हैं।
4. मक्खन को किसी नॉन स्टिक पैन में डालकर हल्की आग पर पकाएं, मक्खन धीरे-धीरे पिघलने लगेगा। कुछ समय बाद इस द्रव से हल्का सा धुआँ उठने लगे तो समझ जाइए कि घी बन चुका है। थोड़ा ठंडा होने पर इसे साफ कपड़े में से किसी बर्तन में छान लीजिए। बस हो गया देसी घी तैयार।
5. एक किलो मलाई से लगभग एक किलो देसी घी निकल जाता है।
देसी घी के गुण – Properties of Desi Ghee
- देसी घी की तासीर गर्म होती है।
- देसी घी में ब्यूटिरिक एसिड भरपूर होता है
- देसी घी में एंटीइंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं।
- इसमें विटामिन-A, विटामिन-K और विटामिन-E तथा ओमेगा-3, ओमेगा-9 फैटी एसिड होते हैं।
- देसी घी में शुगर, फाइबर, कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन आदि नहीं होते।
देसी घी के पोषक तत्व (मात्रा 14 ग्राम) – Nutrients of Desi Ghee (Qty 14 g)
- कैलोरी : 112
- फैट : 13 ग्राम
- सैचुरेटेड फैट : 8 ग्राम
- मोनोसैचुरेटेड फैट : 4 ग्राम
- बहुअसंतृप्त फैट : 0।5 ग्राम
- विटामिन-A : दैनिक मूल्य का 12% (DV)
- विटामिन-E : डीवी का 2%
- विटामिन-K : डीवी का 1%
देसी घी के उपयोग – Uses of Desi Ghee
दोस्तो, पहले के समय में खाना बनाने के लिए सरसों का तेल या देसी घी का इस्तेमाल किया जाता है। समय बदलने के साथ-साथ डालडा, रथ, रिफाइन्ड ऑयल आदि का उपयोग होने लगा। परन्तु आज भी 90 प्रतिशत लोग खाना बनाने के लिए सरसों का तेल या नारियल तेल इस्तेमाल करते हैं। देसी घी का उपयोग किस प्रायोजन के लिए किया जाता है, इसका विवरण निम्न प्रकार है –
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1. भोजन बनाने के लिए विशेषकर दाल, सब्जी बनाने के लिए देसी घी का उपयोग तेल के विकल्प स्वरूप किया जाता है।
2. दाल, साग, सब्जी में छोंक लगाने के लिए।
3. दाल, साग, सब्जी में ऊपर से डालने के लिए।
4. रोटियां चुपड़ने के लिए।
5. पूड़ी पकवान आदि बनाने के लिए।
6. जलेबी, इमरती, गुलाब जामुन, लड्डू आदि मिठाईयां बनाने के लिए।
7. सूजी, गाजर, मूंग की दाल का हलुआ बनाने के लिए।
8. दूध में डालकर पीने के लिए।
9. शक्कर, बूरा में मिलाकर खाने के लिए।
10. यज्ञ, हवन में आहुति देने के लिए।
11. औषधि के रूप में।
12. श्मशान में चिता पर डालने के लिए।
देसी घी खाने के फायदे – Benefits of Eating Desi Ghee
अब जानते हैं देसी घी खाने के फायदे जो निम्न प्रकार हैं –
1. खाने का स्वाद बढ़ाए (Enhance the Taste of Food)- देसी घी का सबसे मुख्य फायदा तो यही है कि यह खाने की सुगंध और स्वाद को बढ़ा देता है। दाल, तरी वाली सब्जी, साग में एक चम्मच घी डालने से खाने का आनन्द आ जाता है। चुपड़ी हुई रोटी कभी सूखती नहीं है, यह नर्म रहती है और सर्दी में मकई की रोटी के अंदर घी भर दो और बाहर भी लगा तो स्वाद का कहना ही क्या, मन देख के ही तृप्त हो जाता है।
खिचड़ी का तो यह चार मित्रों (दही, पापड़, घी, अचार) में से एक मित्र है। इसके बिना खिचड़ी अधूरी है। खीर का तो कहना ही क्या, इसमें यदि देसी घी डाल दिया जाए तो समझो कि यह स्वर्ग का भोजन बन गया जिसे देवगण खाते हैं। इसलिए आज से ही देसी का सेवन करना आरम्भ कर दें।
2. पाचन तंत्र को सही रखे (Keep the Digestive System Healthy)- देसी घी खाने का यह भी बड़ा फायदा है की यह और इससे बनाया गया भोजन पचने में आसान होता है। चूंकि यह अन्य सभी तेलों की तुलना में हल्का होता है इसलिए यह सुपाच्य होता है। यह पाचन तंत्र को भी बेहतर रखता है, भोजन को पचाने में पाचन तंत्र को अधिक मेहनत नहीं करनी पड़ती।
देसी घी की वजह से आंत भी सुचारु रूप से अपना काम करती हैं। गर्भवती महिलाओं को शुरु में भोजन करने की इच्छा नहीं करती क्योंकि मितली, उलटी की शिकायत रहती है। देसी घी का भोजन ऐसी समस्याओं को रोकता है इसलिए उनको भोजन में देसी घी खाने की सलाह दी जाती है।
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3. एनर्जी बढ़ाये (Increase Energy)- देसी घी के पोषक तत्व शरीर में तुरन्त एनर्जी का संचार करते हैं। यदि किसी का शरीर थका-थका सा रहता है और कमजोरी महसूस रहती है तो ऐसी अवस्था में भोजन में देसी घी को सम्मलित करना चाहिए। इसके अतिरिक्त रात को सोने से एक घंटा पहले गुनगुने दूध में मिश्री और एक चम्मच देसी घी मिलाकर पीएं। थकावट और कमजोरी की समस्या दूर हो जाएगी।
4. शरीर को बलिष्ठ बनाए (Strengthen the Body)- देसी घी शरीर को अंदर से स्ट्रोंग बनाता है और बाहर से भी। पर इसके लिए भैंस के दूध से बना घी होना चाहिए। भैंस के दूध से बना घी शरीर को मजबूती देता है। इसीलिए पहलवान लोग भैंस का दूध पीते हैं और भैंस के दूध से बना घी का सेवन करते हैं।
शरीर को मजबूत बनाने के लिये यह अपने आप में परफेक्ट सप्लीमेंट है। किसी और सप्लीमेंट को लेने की जरूरत नहीं पड़ती। दुबले पतले व्यक्ति में भी भैंस के दूध से बना घी खाकर शरीर में जान आ जाती है।
5. दिमाग तेज करे (Sharpen Your Mind)- यदि भैंस के दूध से बना घी शरीर को मजबूती देता है तो हम बता दें कि गाय के दूध से बना घी मस्तिष्क स्वास्थ्य में सुधार करता है और मस्तिष्क की गतिविधियों को तेज करता है। गाय के दूध से बना घी ब्रेन टॉनिक के रूप में स्मरण शक्ति में सुधार करके इसे बढ़ाने में मदद करता है। यह घी छोटे बच्चों और छात्रों के लिए बेहद फायदेमंद होता है। यह याद किए हुए को पुनः स्मरण (recall) करने में मदद करता है।
6. रक्त की कमी में लाभकारी (Beneficial in Anemia)- शरीर में हीमोग्लोबिन के स्तर में कमी का सीधा असर रक्त पर पड़ता है। रक्त की कमी से कई बीमारियां हो जाती हैं। इसलिये हीमोग्लोबिन का स्तर बढ़ाना अति आवश्यक हो जाता है। देसी घी हीमोग्लोबिन के स्तर में बढ़ोतरी में सक्रिय भूमिका निभाता है।
इसके लिए रोजाना रात को सोने से एक घंटा पहले मिश्री वाले गुनगुने दूध में एक चम्मच घी डालकर तब तक पीएं जब तक हीमोग्लोबिन अपने सामान्य स्तर पर ना आ जाए। हीमोग्लोबिन का स्तर सही होने पर शरीर में रक्त की कमी अपने आप पूरी हो जाएगी।
7.आंखों के लिए फायदेमंद (Beneficial for Eyes)- विटामिन-A को आंखों का विटामिन माना जाता है। इसकी कमी से आंखों की दृष्टि प्रभावित होती है। देसी घी में विटामिन-A भरपूर मात्रा में उपस्थित होता है। इसलिए अपने भोजन में देसी घी को सम्मलित करें। इसके अतिरिक्त रोजाना देसी घी में मिश्री मिलाकर खाएं इससे आंखों की दृष्टि तेज हो जाएगी।
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8. हड्डियों को मजबूती दे (Strengthen Bones)- विटामिन-K की कमी के कारण हड्डियां कमजोर पड़ जाती हैं और कमजोर हड्डियां जरा सी चोट लगने पर टूट जाती हैं और जुड़ने में परेशानी होती है, देर से जुड़ती हैं। भैंस के दूध से बने घी में विटामिन-K उपस्थित होता है जो हड्डियों को मजबूती प्रदान करने में सक्रिय भूमिका निभाता है। हड्डियों की मजबूती के लिए भैंस के दूध से बने घी का नियमित रूप से सेवन करें।
9. पेट के लिए लाभकारी (Good for Stomach)- यह तो हम ऊपर बता ही चुके हैं कि देसी घी पाचन तंत्र में सुधार करता है और भोजन पचाने में मदद करता है। जब भोजन सरलता से पच जाएगा तो पेट की कोई समस्या भी नहीं होगी। पेट में गैस बनना, कब्ज, अपच जैसी समस्या के निवारण में देसी घी मददगार होता है। पेट की समस्याओं के निवारण हेतू रोजाना भोजन में देसी घी खाएं और रात को एक चम्मच घी हल्का गर्म करके खाएं।
10. बवासीर में राहत दिलाए (Provide Relief in Piles)- देसी घी के फायदे बवासीर में भी देखे जा सकते हैं। साधारण बवासीर की समस्या में रोजाना रात को भोजन करने के बाद एक गिलास गुनगुने दूध में एक चम्मच देशी घी मिलाकर पीएं। इससे बवासीर में आराम लग जाएगा। जहां तक खूनी बवासीर की समस्या का प्रश्न है तो देशी घी में एक चम्मच काले तिल का पाउडर और एक चम्मच मिश्री पाउडर मिलाकर रोजाना दिन में तीन बार सेवन करें। आराम लग जाएगा।
11. घाव, सूजन में लाभकारी (Beneficial in wounds, Swelling)- देसी घी में बैक्टीरिया खत्म करने वाले हीलिंग गुण मौजूद होते हैं जो घाव को भरने, सूजन कम करने या शरीर पर किसी भी कारण से बने निशान से छुटकारा दिलाने में मदद करते हैं।
इस बात का उल्लेख सुश्रुत संहिता में भी मिलता है जिसमें देसी घी और शहद के संयोजन के बारे में कहा गया है। इसके संयोजन से बने पेस्ट को प्रभावित स्थान पर लगाने से इन समस्याओं से छुटकारा मिल जाता है।
12. गर्भावस्था में फायदेमंद (Beneficial in Pregnancy)- हमने ऊपर बताया है कि गर्भवती महिलाओं को शुरु में भोजन करने की इच्छा नहीं होती क्योंकि मितली, उलटी की शिकायत रहती है इसलिये उनको घी खाने की सलाह दी जाती है। इसके अतिरिक्त गर्भवती महिला और गर्भस्थ शिशु के लिए निम्नलिखित फायदे होते हैं –
(i) गर्भवती महिला को देसी घी कमजोरी और एनीमिया से बचाता है। इसके लिए गर्भवती महिला को गार्डन क्रेस सीड को गाय के दूध से बने घी में भूनकर दूध और चीनी के साथ मिलाकर खिलाएं।
(ii) गुनगुने दूध में एक चम्मच सिंघाड़ा पाउडर और एक चम्मच देसी घी मिलाकर पीने से प्लेसेंटा की स्थिति ठीक रहती है।
(iii) दही, चावल के साथ घी का सेवन करने से भ्रूण का हृदय ठीक रहता है।
(iv) छठे महीने में चावल के साथ गाय के दूध से बने घी का सेवन, भ्रूण के मस्तिष्क के विकास के लिए मददगार हाे सकता है।
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13. त्वचा के लिए लाभकारी (Beneficial for Skin)- यह हम ऊपर बता ही चुके हैं कि देसी घी और शहद का मिश्रण घाव भरने और सूजन कम करने में मदद करता है। इसके अतिरिक्त फटे होंठों पर देसी घी लगाने से ये ठीक हो जाते हैं। त्वचा में सूखापन, सूजन और संक्रमण के कारण त्वचा की लालिमा, त्वचा पर खुजली, जलन आदि की समस्या देसी घी के मसाज से ठीक हो जाती हैं।
14. प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाये (Boost Immunity)- देसी घी ब्यूटिरिक एसिड से समृद्ध होता है यह रोगों के विरुद्ध लड़ने वाली कोशिकाओं के निर्माण में मदद करता है और इम्यूनिटी को बढ़ाता है। देसी घी में कंजगेटेड लिनोलेनिक एसिड तथा विटामिन-C भी मौजूद होता है ये भी इम्यूनिटी को बूस्ट करते हैं। विटामिन-C खुद एक एंटीऑक्सीडेंट होता है जो शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है। इससे बीमारियां नहीं पनपतीं।
देसी घी के नुकसान – Side Effects of Desi Ghee
दोस्तो, यदि देसी घी को कम खाया जाए तो यह कभी नुकसान नहीं करेगा। परन्तु अधिक मात्रा में सेवन करने पर यह शरीर को नुकसान पहुंचाएगा। अधिक मात्रा में देसी घी का सेवन करने से हो सकते हैं निम्नलिखित नुकसान –
1. शरीर में गर्मी बढ़ सकती है। ऐसा महसूस हो सकता है कि मानो शरीर में आग लगी हो।
2. तासीर गर्म होने के कारण दस्त लग सकते हैं, अपच की समस्या हो सकती है।
3. श्वास नली में रुकावट की संभावना हो सकती है।
4. उल्टी लग सकती है।
5. भूख में कमी हो सकती है।
6. पेट में गैस बन सकती है, दर्द हो सकता है।
7. कोलेस्ट्रॉल की मात्रा में वृद्धि हो सकती है जो हृदय के लिए घातक हो सकता है।
8. सिर दर्द की शिकायत हो सकती है।
Conclusion –
दोस्तो, आज के आर्टिकल में हमने आपको देसी घी के बारे में विस्तार से जानकारी दी। देसी घी क्या है, देसी घी कैसे बनाया जाता है, घर पर देसी घी बनाने की विधि, देसी घी के गुण, देसी घी के पोषक तत्व और देसी घी के उपयोग, इन सब के बारे में भी विस्तार पूर्वक बताया। देसी हैल्थ क्लब ने इस आर्टिकल के माध्यम से देसी घी के बहुत सारे फायदे बताए और कुछ नुकसान भी बताए। आशा है आपको ये आर्टिकल अवश्य पसन्द आयेगा।
दोस्तो, इस आर्टिकल से संबंधित यदि आपके मन में कोई शंका है, कोई प्रश्न है तो आर्टिकल के अंत में, Comment box में, comment करके अवश्य बताइये ताकि हम आपकी शंका का समाधान कर सकें और आपके प्रश्न का उत्तर दे सकें। और यह भी बताइये कि यह आर्टिकल आपको कैसा लगा। आप इस पोस्ट को अपने दोस्तों और सगे – सम्बन्धियों के साथ भी शेयर कीजिये ताकि सभी इसका लाभ उठा सकें। दोस्तो, आप अपनी टिप्पणियां (Comments), सुझाव, राय कृपया अवश्य भेजिये ताकि हमारा मनोबल बढ़ सके। और हम आपके लिए ऐसे ही Health-Related Topic लाते रहें। धन्यवाद।
Disclaimer – यह आर्टिकल केवल जानकारी मात्र है। किसी भी प्रकार की हानि के लिये ब्लॉगर/लेखक उत्तरदायी नहीं है। कृपया डॉक्टर/विशेषज्ञ से सलाह ले लें।
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