स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग पर। दोस्तो, कुछ लोगों को कोई दोष होता है जो या तो जन्म से होता है या फिर बाद में बनता है। ऐसा ही एक दोष है जिसे दांया बंडल ब्रांच ब्लॉक कहा जाता है। यह हृदय की विद्युत चालन प्रणाली का दोष है जो जन्मजात भी हो सकता है या बाद में कुछ चिकित्सकीय स्थितियां इसे जन्म देती हैं। अधिकतर लोगों को पता ही नहीं होता कि उनमें यह दोष है क्योंकि इससे कोई शारीरिक या मानसिक तकलीफ़ नहीं होती और ना ही इसके स्पष्ट लक्षण होते हैं।
जब कभी किसी का ईसीजी टेस्ट होता है तब इसका पता चलता है। ऐसे लोग जिनका जन्म से ही दांया बंडल ब्रांच ब्लॉक है, बहुत कम होते हैं लगभग दस हजार में से एक व्यक्ति। इस आर्टिकल का लेखक, मैं स्वयं इस दोष से ग्रस्त हूं और इसके बारे में मुझे मेडिकल टेस्ट के जरिये बहुत बाद में पता चला। कुछ लोगों में यह स्थिति बाद में बनती है। आखिर यह दोष है क्या है?। दोस्तो, यही है हमारा आज का टॉपिक “दायां बंडल ब्रांच ब्लॉक क्या है?”।
देसी हैल्थ क्लब इस आर्टिकल के माध्यम से आज आपको इस बारे में विस्तार से जानकारी देगा और यह भी बताएगा इसका उपचार क्या है। तो, सबसे पहले जानते हैं कि बंडल ब्रांच क्या है और बंडल ब्रांच की कार्य प्रणाली क्या है?। फिर इसके बाद बाकी बिंदुओं पर जानकारी देंगे।
बंडल ब्रांच क्या है? – What is a Bundle Branch?
सबसे पहले हम बता दें कि बंडल ब्रांच, हृदय के निलय (Ventricles) में हृदय के बंडल की ब्रांच हैं जो दो भागों में विभाजित होती हैं – एक दांईं तरफ जिसे दांया बंडल ब्रांच (Right Bundle Branch) कहा जाता है और दूसरी बाईं ओर जिसे बाईं बंडल ब्रांच (Left Bundle Branch) कहा जाता है।
बाईं बंडल ब्रांच फिर से दो हिस्सों में बंट जाती है जिसे बायीं पूर्वकाल फॉलिकल (Left Anterior Fascicle) और बायीं पोस्टीरियर फॉलिकल (Left Posterior Fascicle) कहा जाता है। दांईं और बाईं बंडल ब्रांच इंटरवेंट्रिकुलर सेप्टम के साथ स्थित होती हैं। हृदय के निचले कक्षों (lower chambers) को अलग करने वाली मोटी दीवार को इंटरवेंट्रिकुलर सेप्टम कहते हैं।
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बंडल ब्रांच की कार्य प्रणाली – Working of Bundle Branch
बाईं और दांईं बंडल ब्रांच, हृदय की विद्युत प्रणाली का महत्वपूर्ण और आवश्यक भाग हैं। ये विद्युत चालन प्रणाली में अभिन्न और सकारात्मक भूमिका निभाती हैं। ये हृदय की धड़कन को कंट्रोल करती हैं तथा वेंट्रिकुलर मांसपेशियों को बताती है कि कब करार (Contract) करना है।
हृदय की विद्युतीय गतिविधि साइनाट्रियल नोड में आरंभ होती है, अर्थात् एसए नोड हृदय की धड़कन आरंभ करता है। साइनाट्रियल नोड को एसए नोड या साइनस नोड भी कहा जाता है जो ऊपरी दाएं आलिंद (Right Atrium) पर स्थित होता है। साइनाट्रियल नोड को हृदय का प्राकृतिक पेसमेकर पेसमेकर (Heart’s Natural Pacemaker) कहा जाता है।
विद्युत आवेग आगे बाएं और दाएं एट्रिया (atria) के जरिये यात्रा करता है यानि आगे बढ़ता है और एट्रियोवेंट्रिकुलर नोड (Atrioventricular Node – AV node) पर आता है। यह विद्युत आवेग संकेत, एवी नोड से उसके बंडल के नीचे जाते हैं और दाएं और बाएं बंडल ब्रांचों में बंट जाते हैं। यदि विद्युत आवेग संकेत की यात्रा में बाएं या दाएं बंडल ब्रांचों में कोई रुकावट आती है, या देरी होती है तो इसी स्थिति को बंडल ब्रांच ब्लॉक कहा जाता है।
दायां बंडल ब्रांच ब्लॉक क्या है? – What is the Right Bundle Branch Block?
दांया बंडल ब्रांच ब्लॉक (RBBB), बंडल ब्रांच में उपस्थित वह रुकावट है जो हृदय की धड़कन के लिए विद्युत आवेग (electrical impulses) के संकेत को रोकती है। इससे अनियमित हृदय की धड़कन उत्पन्न होती है। विद्युत आवेग इलेक्ट्रॉन तथा अन्य उप-परमाणु कणों (subatomic particles) की गतिविधियों द्वारा जारी विद्युत ऊर्जा है।
यदि जैविक संदर्भ (biological context) में बात करें तो विद्युत और रासायनिक संकेतों के रूप में, न्यूरॉन्स के जरिए गुजरने वाली सूचना को विद्युत आवेग कहते हैं। यानि सरल भाषा में कहें तो दांया बंडल ब्रांच ब्लॉक वह स्थिति है जिस में दाईं तरफ से विद्युत आवेग के, हृदय की धड़कन को उत्पन्न और नियंत्रित करने संबंधी संकेत में रुकावट आती है या देर होती है।
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दायां बंडल ब्रांच ब्लॉक के प्रकार – Types of Right Bundle Branch Block
दांया बंडल ब्रांच ब्लॉक या तो अधूरा होगा जिसे अपूर्ण दायां बंडल ब्रांच ब्लॉक (Incomplete Right Bundle Branch Block – IRBBB) कहते हैं या पूरा होगा जिसे पूर्ण दांया बंडल ब्रांच ब्लॉक (Complete Right Bundle Branch Block – CRBBB या CRB³) कहते हैं। एक पूर्ण दांया बंडल ब्रांच ब्लॉक की क्यूआरएस QRS अवधि 120 मिलीसेकेंड (Milliseconds – ms) या अधिक होती है जबकि अपूर्ण ब्लॉक की क्यूआरएस अवधि 110 और 120 मिलीसेकेंड के बीच होगी।
क्यूआरएस, तरंगों (Waves) का एक संयोजन (Combination) है जिसमें क्यू तरंग, आर तरंग और एस तरंग सम्मलित होती हैं। यह संयोजन “क्यूआरएस कॉम्प्लेक्स” वेंट्रिकुलर विध्रुवण (Depolarization) का प्रतिनिधित्व करता है। अपूर्ण दायां बंडल ब्रांच ब्लॉक में, पूर्ण दायां बंडल ब्रांच ब्लॉक की तुलना में, हार्ट अटैक या मृत्यु की संभावना कम होती है।
दांया बंडल ब्रांच ब्लॉक के कारण – Causes of Right Bundle Branch Block
दांया बंडल ब्रांच ब्लॉक के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं –
- जन्मजात – बच्चे के जन्म से ही प्राकृतिक रूप से दांया बंडल ब्रांच ब्लॉक हुआ आता है। इसे जेनेटिक डिसऑर्डर के सेप्टल दोष के रूप में देखा जाता है। अधिकतर मामलों में यह जन्म से ही होता है।
- छाती पर चोट लगना।
- हार्ट अटैक (मायोकार्डियल इन्फ्रक्शन)।
- मायोकार्डिटिस की स्थिति जिसमें हृदय की मांसपेशियां सूज जाती हैं। इससे हृदय कमजोर पड़ता है परिणाम स्वरूप हार्ट अटैक हो सकता है या हृदय की असामान्य धड़कन बनती है।
- बंडल ब्रांच में कोई बदलाव आ जाना जैसे कि खिंचाव।
- फेफड़ों में रक्त का थक्का जम जाना। इसे फुफ्फुसीय अन्त: शल्यता कहा जाता है।
- फुफ्फुसीय धमनियों में उच्च रक्तचाप (Pulmonary Hypertension)।
दांया बंडल ब्रांच ब्लॉक के लक्षण – Symptoms of Right Bundle Branch Block
दांया बंडल ब्रांच ब्लॉक के लक्षण हमेशा एक जैसे या स्पष्ट नहीं होते। अधिकतर ये प्रकट ही नहीं होते। वैसे सामान्य तौर पर निम्नलिखित लक्षण नोटिस किए जा सकते हैं –
- हृदय की असामान्य गति।
- सांस लेने में दिक्कत होना।
- चक्कर आ जाना।
- कुछ समय के लिए बेहोशी।
दांया बंडल ब्रांच ब्लॉक की जटिलता – Complications of Right Bundle Branch Block
दांया बंडल ब्रांच ब्लॉक की जटिलताओं का विवरण निम्न् प्रकार है –
1. यदि किसी प्रकार की कोई तकलीफ़ नहीं, कोई लक्षण उपस्थित नहीं है और ना किसी प्रकार का हृदय रोग है तो समझिए कि दांया बंडल ब्रांच के ब्लॉक होना गंभीर नहीं है और ना ही कोई जटिलता है।
2. यदि किसी को हार्ट फेलियर अथवा हार्ट अटैक के साथ दांया बंडल ब्रांच ब्लॉक हुआ है तो यह गंभीर स्थिति को निमन्त्रण दे सकता है। यह स्थिति जानलेवा भी हो सकती है।
3. यदि दुर्भाग्यवश बांया बंडल ब्रांच ब्लॉक हो जाता है तो हृदय की धड़कन बनाने के लिये कोई विकल्प नहीं बचता। यह सबसे बड़ा खतरा है।
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दांया बंडल ब्रांच ब्लॉक का निदान – Diagnosis of Right Bundle Branch Block
किसी का दांया बंडल ब्रांच ब्लॉक है या नहीं इसका पता तभी चल पाता है जब उस व्यक्ति को हृदय से संबंधित कोई तकलीफ़ होने लगती है और इसका परीक्षण कराया जाता है। इसके लिए निम्नलिखित टेस्ट किए जाते हैं –
1. इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (Electrocardiogram – ECG) – यह एक ट्रैकिंग परीक्षण है जिसके द्वारा हृदय की विद्युत गतिविधि, हृदय की धड़कन, हृदय की लय का पता लगाया जाता है। यह टेस्ट हृदय के आकार में होने वाले किसी भी बदलाव को भली-भांति प्रस्तुत कर सकता है। ये बदलाव हृदय की दीवारों के मोटे होने या हृदय के कक्षों के बढ़ने की वजह से हो सकते हैं।
2. इकोकार्डियोग्राम (Echocardiogram) – वस्तुतः यह एक प्रकार से अल्ट्रासाउंड ही है। इस टेस्ट के द्वारा चलती तस्वीरों की सहायता से हृदय की संरचना और कार्य के बारे में अधिक जानकारी मिल जाती है। इससे हृदय की मांसपेशियों की क्षति के बारे में भी पता चल जाता है। इससे हृदय के वाल्व की स्थिति के बारे में भी जानकारी मिल जाती है। इससे जन्म से हृदय में किसी भी प्रकार के दोष का पता चल जाता है।
इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम के मानदंड – Electrocardiogram Parameters
दाएं बंडल ब्रांच ब्लॉक के निदान के लिए यदि इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम का उपयोग किया जाता है तो इसके मानदंड निम्न प्रकार होंगे –
1. प्रवाहकत्त्व प्रणाली (Conduction system) को सही बिंदु पर सक्रिय करने के लिए, हृदय की लय (Rhythm) वेंट्रिकल्स (अर्थात्, साइनाट्रियल नोड, एट्रिया या एट्रियोवेंट्रिकुलर नोड) से ऊपर उठनी चाहिए।
2. अपूर्ण ब्लॉक के मामले में क्यूआरएस की अवधि 100 मिलीसेकेंड और पूर्ण ब्लॉक के मामले में 120 मिलीसेकेंड से ज्यादा होनी चाहिए।
3. लीड V1 में एक टर्मिनल आर तरंग होनी चाहिए, जिसे प्रायः “आरप्राइम” कहा जाता है तथा R, rR’, rsR’, rSR’, या qR द्वारा लक्षित किया जाता है।
4. लीड और V6 में एक लंबी एस तरंग होनी चाहिए जिसे कभी-कभी “स्लर्ड” एस तरंग भी कहा जाता है।
दांया बंडल ब्रांच ब्लॉक का उपचार – Treatment of Right Bundle Branch Block
दांया बंडल ब्रांच ब्लॉक के उपचार का विवरण निम्न प्रकार है –
1. सामान्यतः दांया बंडल ब्रांच ब्लॉक का इलाज नहीं किया जाता क्यों कि इसके कोई स्पष्ट लक्षण नहीं होते।
2. यदि पहले से ही कोई हृदय संबंधित बीमारी नहीं है और ना ही कभी कोई अटैक पड़ा है तो ऐसी स्थिति में इसके इलाज की जरूरत नहीं होती।
3. यदि दांया बंडल ब्रांच ब्लॉक के प्राथमिक अंतर्निहित कारणों में डायबिटीज, हाई ब्ल्ड प्रेशर, बढ़ता खराब कोलेस्ट्रोल आदि हैं, तो इन कारणों का उपचार किया जाता है।
4. यदि पहले से ही किसी को हृदय संबंधित बीमारी है या हार्ट फेलियोर या अटैक आया है तो इनका समुचित उपचार जारी रखने की सलाह दी जाती है।
5. यदि हार्ट आर्टरीज़ में ब्लॉकेज है तो कोरोनरी एंजियोप्लास्टी के द्वारा दांया बंडल ब्रांच ब्लॉक से राहत मिल सकती है।
Conclusion –
दोस्तो, आज के आर्टिकल में हमने आपको दांया बंडल ब्रांच ब्लॉक के बारे में विस्तार से जानकारी दी। बंडल ब्रांच क्या है, बंडल ब्रांच की कार्य प्रणाली, दायां बंडल ब्रांच ब्लॉक क्या है, दांया बंडल ब्रांच ब्लॉक के प्रकार, दांया बंडल ब्रांच ब्लॉक के कारण, दांया बंडल ब्रांच ब्लॉक के लक्षण, दांया बंडल ब्रांच ब्लॉक की जटिलता, दांया बंडल ब्रांच ब्लॉक का निदान और इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम के मानदंड, इन सब के बारे में भी विस्तार पूर्वक बताया। देसी हैल्थ क्लब ने इस आर्टिकल के माध्यम से दांया बंडल ब्रांच ब्लॉक के उपचार के बारे में भी बताया। आशा है आपको ये आर्टिकल अवश्य पसन्द आयेगा।
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