दोस्तो, स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग पर। दोस्तो, आज हम आपके लिये लेकर आये हैं एक ऐसा कंद जो मसाले के रूप में व्यंजनों का स्वाद बढ़ाने के लिये इस्तेमाल किया जाता है। पूरे भारत के हर घर की रसोई में यह मिल जायेगी। इस कंद के दो रूप हैं आर्द्र अवस्था में कुछ और तथा सूखी अवस्था में किसी और नाम से पुकारा जाता है। आश्चर्यजनक बात यह है कि इस कंद का कोई बीज भी नहीं होता। चाय बनाने के लिये यह प्रमुख सामग्री है, इसके बिना चाय की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। सच मानो तो यह “चाय की धड़कन” है। इसीलिये भारत की चाय पूरी दुनियां में प्रसिद्ध है। यदि चाय में अदरक ज्यादा पड़ जाये तो इसकी धड़कन बढ़ जाती है अर्थात् इसका स्वाद बिगड़ जाता है और साथ ही आपके दिल की धड़कन भी असामान्य हो जाती है। इसलिये इसका संतुलित मात्रा में सेवन करना चाहिये।
इसमें औषधीय गुण इतने हैं कि इसको “छोटी-मोटी दवा की दुकान” भी कहा जाता है। जी हां, हम बात कर रहे हैं अदरक की जिसे सूखी अवस्था में सोंठ कहा जाता है। अदरक को किसी भी रूप में खाओ, चाहे इसका पानी पीओ, फायदे ही फायदे होते हैं परन्तु अधिक मात्रा में सेवन करने से, तासीर गर्म होने के कारण यह नुकसान भी कर जाती है। दोस्तो, यही है हमारा आज का टॉपिक “अदरक के फायदे और नुकसान”। देसी हैल्थ क्लब इस लेख के माध्यम से आज आपको अदरक के बारे में विस्तार से जानकारी देगा और यह भी बतायेगा कि इसके खाने के क्या फायदे हैं और क्या नुकसान। तो, सबसे पहले जानते हैं कि अदरक क्या है, इसकी खेती कहां की जाती है और इसके क्या गुण हैं। इसके बाद फिर बाकी बिन्दुओं पर जानकारी देंगे।
अदरक क्या है? – What is Ginger?
दोस्तो, अदरक एक पौधे की जड़ है जो जमीन के अंदर आड़ा-तिरछा बढ़ता है। आश्चर्यजनक बात यह है कि इसका कोई बीज नहीं होता बल्कि इसके कंद के ही छोटे-छोटे टुकड़े करके जमीन में गाड़ देते हैं। अदरक का वानस्पतिक नाम जिंजिबर ऑफ़िसिनेल (Zingiber officinale) है। इसमें बहुत अधिक मात्रा में भोज्य पदार्थ संचित रहते हैं इस वजह से यह फूलकर मोटी हो जाती है। यह मसालों की श्रेणी में आती है और भारत की हर रसोई में इसका उपयोग व्यंजनों में स्वाद बढ़ाने के लिये प्रमुख रूप से किया जाता है। अदरक ने अपने को चाय में डाले जाने वाली प्रमुख सामग्री के रूप में स्थापित किया है।
अदरक की चाय को भारत में सबसे अधिख पसंद किया जाता है क्योंकि इसके सेवन से शरीर में जान आ जाती है, जोश मिलता है। इसीलिये इसे एनर्जी बूस्टर के रूप में भी जाना जाता है। इसके बारे में एक और आश्चर्यजनक बात है कि यह आर्द्र अवस्था में अदरक और सूखी अवस्था में सोंठ के नाम से जाती है। दोस्तो, अदरक केवल मसाला या चाय की सामग्री या एनर्जी बूस्टर ही नहीं है बल्कि औषधीय गुणों से भरपूर होने के कारण अनेक रोगों की दवा भी है। आयुर्वेदिक, यूनानी और सिद्ध चिकित्सा पद्धति में अदरक का उपयोग हजारों वर्षों से किया जाता रहा है। अदरक का पानी पीने के भी बहुत लाभ होते हैं।
अदरक कहां पाई जाती है? – Where is Ginger Found?
1. दोस्तो, अदरक की जन्म स्थली एशिया के उष्णकटिबंधीय क्षेत्र हैं। यह अफ्रीका और अमेरिका के कुछ हिस्सों में व्यापक रूप से उगाई जाती है। चीन, जापान, मसकराइन और प्रशांत महासागर के द्वीपों में भी इसकी खेती की जाती है।
2. विश्व में अदरक की पैदावार भारत में सबसे अधिक होती है। भारत के पश्चिमी बंगाल, बिहार, चेन्नई, मध्य प्रदेश, केरल, कर्नाटक, उड़ीसा, अरूणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, गुजरात, पंजाब और उत्तर प्रदेश राज्यों में अदरक पैदावार होती है।
अदरक के गुण – Properties of Ginger
1. अनेक औषधीय गुणों के कारण अदरक का स्वाद असामान्य है। वास्तव में इसे ना तो मीठा कहा सकते हैं और ना कड़वा या तीखा। इसी कारण से बंदर को अदरक का स्वाद समझ में नहीं आता और वह इसे फेंक देता है। तभी तो कहा जाता है कि ‘बंदर क्या जाने अदरक का स्वाद’ हां, अदरक का स्वाद हल्का-हल्का चरपरा जरूर लगता है।
2. अदरक की तासीर गर्म होती है।
3. अदरक में एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-फंगल, एंटी-इन्फ्लैमैट्री, एंटी-सेप्टिक, एंटी-बायोटिक, एंटी-वायरल, आदि गुण होते हैं।
4. अदरक में भरपूर मात्रा में मैग्नीशियम, फास्फोरस, सिलिकॉन, सोडियम, आयरन, जिंक, कैल्शियम, बीटा-केरोटीन जैसे खनिज और कई विटामिन होते हैं।
5. पोषक तत्व (मात्रा प्रति 100 ग्राम)
पानी 78.89 ग्रा.
एनर्जी 80 केसीएल
प्रोट 1.82 ग्रा.
टोटल लिपिड (फैट) 0.75 ग्रा.
कार्बोहाइड्रेट 17.77 ग्रा.
फाइबर (टोटल डायट्री) 2 ग्रा.
शुगर 1.7 ग्रा.
आयरन 0.6 मि.ग्रा.
कैल्शियम 16 मि.ग्रा.
मैग्नीशियम 43 मि.ग्रा.
पोटेशियम 415 मि.ग्रा.
सोडियम 13 मि.ग्रा.
फास्फोरस 34 मि.ग्रा.
कॉपर 0.226 मि.ग्रा.
जिंक 0.34 मि.ग्रा.
मैगनीज 0.229 मि.ग्रा.
सेलेनियम 0.7 माइक्रो ग्रा.
विटामिन-सी 5 मि.ग्रा.
थियामिन 0.025 मि.ग्रा.
राइबोफ्लेव 0.034 मि.ग्रा.
नियासिन 0.75 मि.ग्रा.
विटामिन-बी-6 0.16 मि.ग्रा.
फोलेट (डीएफई) 11 माइक्रो ग्रा.
विटामिन-ई 0.26 मि.ग्रा.
विटामिन-के 0.1 माइक्रो ग्रा.
फैटी एसिड (सैचुरेटेड) 0.203 ग्रा.
फैटी एसिड (मोनोअनसैचुरेटेड 0.154 ग्रा.
फैटी एसिड (पॉलीसैचुरेटेड) 0.154 ग्रा.
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अदरक का उपयोग – Use of Ginger
अदरक को निम्न प्रकार से उपयोग में लाया जा सकता है –
1. अदरक का जूस बनाकर पी सकते हैं।
2. सब्जी, दाल में मसाले के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं।
3. सब्जी, दाल में अदरक के छोटे-छोटे टुकड़े काट कर तड़का लगा सकते हैं।
4. चाय में अदरक कूटकर डाल सकते हैं।
5. सिर्फ अदरक की चाय बनाकर पी सकते हैं।
6. रात भर अदरक का टुकड़ा पानी में भिगोकर रख दें। सुबह खाली पेट इस अदरक के पानी को पीयें।
7. अदरक का टुकड़ा शहद के साथ खा सकते हैं।
8. अदरक का अचार बना सकते हैं।
9. अदरक को ऐसे ही कच्चा खा सकते हैं।
10. दाल या तरी वाली सब्जी में अदरक के छोटे-छोटे टुकड़े काट कर डाल सकते हैं या भोजन के साथ ऐसे ही खायें।
अदरक कितनी खानी चाहिये? – How Much Ginger Should be Eaten?
1. तासीर गर्म होने के कारण 100 मिली.ग्राम से दो ग्राम तक अदरक का सेवन कर सकते हैं।
2. अदरक का चूर्ण 1-2 ग्राम, अर्क 0.3 से 0.6 मिली ली और जूस 5 से 10 मिली ली.
अदरक के फायदे – Benefits of Ginger
दोस्तो, अब बताते हैं आपको अदरक खाने और अदरक का पानी पीने के फायदे जो निम्न प्रकार हैं –
1. पेट के लिये फायदेमंद (Beneficial for Stomach)- अदरक का पानी पीने से पाचन तंत्र में सुधार होता है, यह मजबूत बनता है और पेट संबंधी बीमारियां खत्म होती हैं। कब्ज, गैस, एसिडिटी, आदि से छुटकारा मिलता है। रोजाना भोजन में अदरक का सेवन करना चाहिये। अदरक भोजन की विषाक्तता के लक्षणों को कम करने में मदद करती है। बैक्टीरिया प्रेरित डायरिया के उपचार में भी अदरक का सेवन करने की सलाह दी जाती है। पाचन तंत्र स्वास्थ को सुधारने के लिये भोजन करने के बाद अदरक के पानी का सेवन करना चाहिये।
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2. डायबिटीज में फायदेमंद (Beneficial in Diabetes)- अदरक ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मदद करती है। अदरक डायबिटीज के इलाज में प्रयुक्त होने वाली इंसुलिन और अन्य दवाओं के प्रभाव को बढ़ाती है। ईरानियन जर्नल ऑफ फार्मास्युटिकल रिसर्च द्वारा अदरक पर की गई एक रिसर्च में अदरक को डायबिटीज पर प्रभावी माना है और एक शोध में कहा गया है कि अदरक बढ़े हुए ब्लड शुगर की मात्रा को कंट्रोल करने के साथ ही इन्सुलिन की सक्रियता को बढ़ाने का भी काम कर सकती है। डायबिटीज के लिये प्रतिदिन सुबह खाली पेट एक गिलास गर्म पानी में एक चम्मच अदरक का रस मिलाकर पीयें।
3. वजन कम करने में फायदेमंद (Beneficial in Reducing Weight)- वजन कम करने के लिये अदरक एक उत्तम विकल्प है। इसके लिये प्रतिदिन खाली पेट अदरक का पानी पीना होगा इसके साथ ही एक्सरसाइज करना बेहद जरूरी है। एक्सरसाइज के बिना कुछ नहीं होगा। अदरक का पानी फैट बर्नर के रूप|में काम करता है। इसके पीने से पेट, कमर और कूल्हों पर जमा हुआ फैट को कम होने लगेगा। इसकी पुष्टि एनसीबीआई की वेबसाइट पर अदरक पर की गई एक एक शोध में होती है।
4. उल्टी, मिचली में आराम दिलाये (Relieve Vomiting, Nausea)- कभी-कभी जी मिचलाने लगता है उल्टी करने को मन करता है मगर उल्टी नहीं आती। गर्भावस्था और कीमोथेरेपी के बाद मिचली की समस्या रहती है। कभी पेट खराब होने पर या घृणित वस्तु या दृश्य देखने पर उल्टी लग जाती हैं। ऐसी स्थिति में अदरक बहुत राहत दिलाती है। अदरक में एंटीएमेटिक प्रभाव पाया जाता है जो उल्टी, मिचली में आराम दिलाता है। अदरक का एक पतला और लंबा टुकड़ा काटकर चूसें या एक चम्मच अदरक का रस निकाल कर पीयें, आराम लग जायेगा।
5. रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाये (Increase Immunity)- अदरक में इम्यूनोन्यूट्रीशन गुण भी मौजूद होते हैं यानी ये गुण रोग प्रतिरोधक क्षमता में बढ़ोत्तरी करने का काम करते हैं। इसके लिये अदरक के पाउडर की चाय या काढ़ा बनाकर पी सकते हैं। भोजन में नियमित रूप से अदरक का उपयोग करने पर भी इम्यूनिटी मजबूत बनती है। इंटरनेशनल जर्नल ऑफ प्रिवेंटिव मेडिसिन द्वारा किए गए एक शोध से इस बात की पुष्टि हो जाती है। अदरक में पाये जाने वाले एंटी-इंफ्लामेटरी और एंटी-बैक्टीरियल गुण सर्दी-खांसी या किसी भी प्रकार के वायरल इंफेक्शन से बचाव करते हैं।
6. खांसी, गले के दर्द और जलन से राहत दिलाए (Relieves Cough, Sore Throat and Irritation)- जैसा कि हमने ऊपर बताया कि अदरक में पाये जाने वाले एंटी-इंफ्लामेटरी और एंटी-बैक्टीरियल गुण सर्दी-खांसी या किसी भी प्रकार के वायरल इंफेक्शन से बचाव करते हैं, एक चम्मच अदरक का रस पीने से फेफड़ों से बलगम खिंच जाता है जिससे लगातार उठने वाली खांसी में आराम लग जाता है। या फिर कसे हुऐ अदरक को खायें। अदरक एक प्राकृतिक एनाल्जेसिक और दर्द निवारक होने के नाते गले के दर्द में आराम दिलाती है और जलन को शांत करती है।
7.सर्दी-जुकाम से राहत दिलाए (Provide Relief from Cold)- अदरक की तासीर गर्म होने के नाते यह अंदर से आपको गर्म रखती है और सर्दी से बचाव करती है। सर्दी-जुकाम या फ्लू की समस्या होने पर दिन में दो तीन बार अदरक के टुकड़े खायें या अदरक की चाय पीयें (चाय का मतलब है पानी केवल अदरक उबली हुई)। एक चम्मच अदरक पाउडर या दो चम्मच ताज़ा बारीक कटे हुए अदरक को पानी उबालकर पानी की भाप लें। सर्दी-जुकाम, फ्लू में आराम लग जायेगा।
8. आर्थराइटिस दर्द से राहत दिलाए (Relieve Arthritis Pain)- अदरक में पाये जाने वाले एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण गाउट, रहेयूमेटॉइड आर्थराइटिस और ऑस्टियोआर्थराइटिस में अपना प्रभाव छोड़कर इनके दर्द को कम करने में मदद करते हैं। गठिया के मामले में अदरक को पीसकर पेस्ट बनालें और उसमें हल्दी पाउडर मिलाकर प्रभावित स्थान पर दिन में दो बार लगायें। भोजन करते समय अलग से अदरक का सेवन करें। मांसपेशियों और जोड़ों के दर्द से राहत पाने के लिये नहाने के पानी में दो, चार बूंद अदरक का तेल मिला लें।
9. माइग्रेन में फायदा (Benefits of Migraine)- अदरक माइग्रेन के दर्द को कुछ समय के लिये रोक सकती है जिससे मरीज को कुछ समय के लिये राहत मिल जाती है। अदरक की प्रोस्टाग्लैंडीन को रक्त वाहिकाओं में दर्द और सूजन पैदा करने से रोकने की क्षमता के कारण माइग्रेन के दर्द में आराम दिलाती है। माइग्रेन के दर्द के कारण होने वाली मिचली और उल्टी से भी राहत मिल जाती है। इसके लिये अदरक की चाय बनाकर पीयें।
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10. खून साफ करें (Clean the Blood)- अदरक प्राकृतिक तौर पर रक्त शोधक Blood purifier) के रूप में काम करती है। यह खून की गदंगी को बाहर निकालने का काम करती है ताकि कोई बीमारी ना हो। इसके लिये प्रतिदिन अदरक के पानी का सेवन करें।
11. हृदय स्वास्थ्य के लिये फायदेमंद (Beneficial for Heart Health)- हृदय स्वास्थ के लिये हानिकारक होते हैं बढ़ता हुआ खराब वाला कोलेस्ट्रॉल जिसे एलडीएल कहा जाता है इसके कारण हृदय की धमनियों में फैट जम जाता है। इस जमे हुऐ फैट के कारण हृदय को व हृदय से शरीर के अन्य हिस्सों को पर्याप्त मात्रा में रक्त नहीं मिल पाता। परिणामस्वरूप हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। इसी प्रकार बढ़ता हुआ रक्तचाप भी हृदय स्वास्थ के लिये हानिकारक होता है। अदरक में पोटेशियम और मैंगनीज़ की पर्याप्त मात्रा रक्त वाहिकाओं और मूत्र मार्गों का संरक्षण करती हैं। हृदय स्वास्थ के लिये प्रतिदिन अदरक के पानी का सेवन करें इससे कोलेस्ट्रॉल और रक्तचाप नियंत्रण में रहेंगे।
12. बालों के लिए फायदेमंद (Beneficial for Hair)- अदरक में विटामिन-सी और विटामिन-ए की प्रचुर मात्रा पाई जाती है, जिनसे बाल घने, लंबे और काले होने में मदद मिलती है। इसके लिये अदरक के पानी का सेवन करना चाहिये। इसके अतिरिक्त अदरक में मैग्नीशियम, फॉस्फोरस, पोटेशियम जैसे खनिज मौजूद होते हैं जिनसे बालों की जड़ें मजबूत बनती हैं और बाल चमकदार होते हैं। बैक्टीरियल इन्फेक्शन के कारण बालों के झड़ने की समस्या होती है। अदरक में एंटीमाइक्रोबियल (सूक्ष्म बैक्टीरिया को नष्ट करने वाला) गुण मौजूद होते हैं जो इस समस्या से राहत दिलाते हैं। बालों के झड़ने और रूखेपन की समस्या के लिये अदरक के कुछ टुकड़े और एलोवेरा के 3-4 टुकड़े ब्लेंडर में डालकर ब्लेंड करें ताकि इनका चिकना पेस्ट बन जाये।
इस पेस्ट को बालों और स्कैल्प पर लगाकर छोड़ दें। एक घंटे के बाद सिर धो लें। एलोवेरा में मौजूद प्रोटियोलिटिक एंजाइम बालों के लिये एक आदर्श कंडीशनर के रूप में काम करते हैं। डैंड्रफ की समस्या से छुटकारा पाने के लिये दो चम्मच अदरक के रस में कुछ बूंदें ऑलिव ऑयल की मिलाकर स्कैल्प पर लगाकर मसाज करें। आधा घंटे बाद सिर ठंडे पानी से बाल धो लें।
13 त्वचा के लिए फायदेमंद (Beneficial for Skin)- विटामिन-सी अपने आप में एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है। अदरक में विटामिन-सी प्रचुर मात्रा में होता है। यदि प्रतिदिन अदरक का पानी पीया जाये तो चेहरे पर चमक आ जाती है और संबंधी विकारों/बीमारियों से राहत मिल जाती है। त्वचा सौन्दर्य के लिये एक चम्मच अदरक के रस में एक चम्मच गुलाब जल, आधा चम्मच शहद और एक चम्मच ओट्स मिलाकर पेस्ट बना लें। इस पेस्ट को चेहरे और गर्दन पर लगाकर छोड़ दें। लगभग 20 मिनट के बाद चेहरा और गर्दन धो लें। त्वचा में दमक आ जायेगी। कील मुंहासों से छुटकारा पाने के लिये एक चम्मच चारकोल पाउडर, आधा चम्मच अदरक का रस, एक चम्मच एलोवेरा जेल और एक चम्मच शहद लेकर इन सब को अच्छी तरह मिक्स करके पेस्ट बना लें। इस पेस्ट को चेहरे पर लगा कर छोड़ दें। 15 मिनट बाद चेहरा धो लें।
14.मासिक धर्म के दर्द से राहत दिलाए (Provide Relief from Menstrual Pain)- अदरक डिस्मेनोरिया यानी पीड़ादायक मासिक धर्म से जुड़े दर्द को कम करने में सक्रिय भूमिका निभाती है। अदरक मेंयएंटी-इंफ्लेमेटरी गुण मौजूद होते हैं। यह शक्तिशाली प्राकृतिक दर्द निवारक है के रूप में काम करके पीरियड के असहनीय दर्द और ऐंठन को कम करती है। इसके लिये महिलाऐं प्रतिदिन एक ग्राम अदरक का पाउडर के सेवन करें या अदरक की चाय पीयें या अदरक से निर्मित कैप्सूल का उपयोग करें।
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अदरक की चाय बनाने के लिये अदरक के कुछ टुकड़े कूटकर दो कप पानी में डालकर तब तक उबालें जब तक कि पानी एक कप ना रह जाये। फिर इसे छानकर चाय की तरह पीयें। आप चाहें तो इसमें स्वाद के लिये आधा चम्मच शहद भी मिला सकती हैं। इसे दिन में दो बार पी सकती हैं। निश्चित रूप से पीरियड के दर्द में आराम लग जायेगा।
अदरक के नुकसान – Disadvantages of Ginger
दोस्तो, यदि अदरक का सेवन अधिक मात्रा में किया जाये तो निम्नलिखित नुकसान भी झेलने पड़ सकते हैं –
1. कुछ लोगों को एलर्जी हो सकती है। होंठ और जीभ में सूजन, सांस लेने में दिक्कत, गला बंद होना, खुजली और त्वचा पर रैशिस पड़ जाना आदि लक्षण प्रकट हो सकते हैं। ऐसी स्थिति में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिये।
2. अदरक डली हुई चाय यदि 5 कप से ज्यादा पीते हैं तो सिरदर्द, माइग्रेन, अनिद्रा, उल्टी, दस्त, हृदय की असामान्य धड़कन जैसी समस्या हो सकती है।
3. पेट दर्द, दस्त, गैस बनना, गंभीर डकार या उबकाई आदि पेट की समस्या हो सकती है।
4. मुंह में जलन हो सकती है।
5. जो लोग खून को पतला करने की दवा ले रहे हैं उनके लिये अदरक का सेवन खतरनाक हो सकती है क्योंकि यह खून के पतलेपन को प्रेरित कर सकती है।
6. जो लोग उच्च रक्तचाप की दवा ले रहे हैं उनके लिये भी यह खतरनाक हो सकती है क्योंकि यह रक्तचाप को और बढ़ा सकती है।
7. सर्जरी के मामले में डॉक्टर मरीज को सर्जरी से एक एक सप्ताह पहले आहार में अदरक ना लेने की सलाह देते हैं क्योंकि यह एनेस्थेसिया के साथ हस्तक्षेप कर सकती है। यह सर्जरी पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती है जिससे रक्तस्राव का खतरा बढ़ जाता है।
Conclusion –
दोस्तो, आज के लेख में हमने आपको अदरक के बारे में विस्तार से जानकारी दी। अदरक क्या है, कहां पाई जाती है, अदरक के गुण, अदरक का उपयोग और अदरक कितनी खानी चाहिये इन सब के बारे में भी विस्तार पूर्वक बताया। देसी हैल्थ क्लब ने इस लेख के माध्यम से अदरक खाने के फायदे बताये और कुछ नुकसान भी। आशा है आपको ये लेख अवश्य पसन्द आयेगा।
दोस्तो, इस लेख से संबंधित यदि आपके मन में कोई शंका है, कोई प्रश्न है तो लेख के अंत में, Comment box में, comment करके अवश्य बताइये ताकि हम आपकी शंका का समाधान कर सकें और आपके प्रश्न का उत्तर दे सकें। और यह भी बताइये कि यह लेख आपको कैसा लगा। आप इस पोस्ट को अपने दोस्तों और सगे – सम्बन्धियों के साथ भी शेयर कीजिये ताकि सभी इसका लाभ उठा सकें। दोस्तो, आप अपनी टिप्पणियां (Comments), सुझाव, राय कृपया अवश्य भेजिये ताकि हमारा मनोबल बढ़ सके। और हम आपके लिए ऐसे ही Health-Related Topic लाते रहें। धन्यवाद।
Disclaimer – यह लेख केवल जानकारी मात्र है। किसी भी प्रकार की हानि के लिये ब्लॉगर/लेखक उत्तरदायी नहीं है। कृपया डॉक्टर/विशेषज्ञ से सलाह ले लें।
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