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माइग्रेन का घरेलू इलाज – Home Remedies for Migraine in Hindi

माइग्रेन का घरेलू इलाज

दोस्तो, स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग पर। दोस्तो, अक्सर आपने लोगों को कहते सुना होगा कि क्या बताऊं उसने तो बोल-बोल कर मेरा दिमाग खराब कर दिया, मेरे सिर में दर्द हो रहा है बहुत तेज। या सिरदर्द की अनेक वजह भी सुनी होंगी जैसे तनाव या किसी से मनमुटाव, झगड़ा आदि। ऐसे सिरदर्द सामान्य होते हैं जो कुछ देर बाद या तो अपने आप या सामान्य दवाई से ठीक हो जाता है। परन्तु एक सिरदर्द ऐसा भी है जो बेहद कष्टकारी होता है। बाहर की रोशनी और मामूली सी कोई आवाज, शोर शराबा इस दर्द को और भड़का देता है। यह पूरे सिर में नहीं बल्कि सिर के एक हिस्से में होता है। जी हां हम बात कर रहे हैं माइग्रेन के दर्द की। दोस्तो, यही है हमारा आज का टॉपिक “माइग्रेन का घरेलू इलाज”।  देसी हैल्थ क्लब इस लेख के माध्यम से आज आपको माइग्रेन के बारे में विस्तार से जानकारी देगा और यह भी बतायेगा कि इससे राहत पाने के देसी उपाय क्या हैं। तो, सबसे पहले जानते हैं कि माइग्रेन क्या होता है। 

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माइग्रेन का घरेलू इलाज
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माइग्रेन क्या है? – What is Migraine?

एक अध्ययन के मुताबिक माइग्रेन एक मस्तिष्क संबंधी विकार (Neurological disorder) है जिससे वैश्विक स्तर पर हर सातवां व्यक्ति पीड़ित है। चिकित्सा विशेषज्ञों का मानना है कि त्रिधारा तंत्रिका (Trigeminal nerve – Ophthalmic, Maxillary and Mandibular nerves) में न्यूरोकेमिकल बदलाव और मस्तिष्क के रसायनों विशेषकर से सेरोटोनिन में असंतुलन के कारण से माइग्रेन उत्पन्न होता है। सेरोटोनिन का स्तर कम होने पर न्यूरोपेप्टाइड का स्राव मस्तिष्क के बाहरी हिस्से में पहुंच कर माइग्रेन को पैदा करता है। माइग्रेन को अधकपारी या आधाशीशी का दर्द भी कहा जाता है। यह किसी उम्र में किसी को भी हो सकता है। यह दर्द सिर के एक हिस्से में होता है जो 2 से लेकर 72 घंटों तक बना रहता है। कभी-कभी यह पूरे सिर में फैल जाता है। माइग्रेन का दर्द इतना तेज और भयंकर होता है कि जैसे कोई सिर में हथौड़ा मार रहा हो। दर्द के समय सिर के नीचे की धमनियां बढ़ जाती हैं और सूजन भी हो जाती है। शुरुआत में तो दवाओं से यह ठीक हो जाता है परन्तु बाद में दवाओं का असर भी कम पड़ने लगता है। ऐसी स्थिति में अस्पताल ही जाना पड़ता है। माइग्रेन का अटैक आने की अवधि में कमी तो आती है और सघनता (Density) भी बहुत कम हो जाती है परन्तु इसका प्रभाव कभी खत्म नहीं होता। यह जीवन में फिर से कभी भी अटैक कर सकता है। 

माइग्रेन के प्रकार – Types of Migraine

माइग्रेन मुख्यतः दो प्रकार का होता है – क्लासिकल और नॉन क्लासिकल

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1. क्लासिकल माइग्रेन (Classical Migraine)- क्लासिकल माइग्रेन में आपको पहले से ही आभास हो जाता है कि माइग्रेन का अटैक होने वाला है अर्थात् कुछ संकेत भरे लक्षण दिखाई देने लगते हैं जैसे मांसपेशियों में जकड़न, कुछ जलन सी महसूस होना, धुंधला दिखना आदि। रक्तवाहिनियां भी सिकुड़ने लगती हैं। ऐसी अवस्था में डॉक्टर से सम्पर्क करना चाहिये।

2. नॉन क्लासिकल माइग्रेन (Non Classical Migraine)- इसमें समय-समय पर सिर में तेज दर्द होता है। इसके लिये दर्द निवारक दवा ली जा सकती है या कोई अन्य उपाय कर सकते हैं जिनसे सिर दर्द में आराम लगे।

माइग्रेन के कारण – Cause of Migraine

दोस्तो, माइग्रेन का वास्तविक कारण क्या है इस बारे में चिकित्सा वैज्ञानिक ठीक से पता नहीं लगा पाये परन्तु कुछ निम्नलिखित कारणों को माइग्रेन का कारण माना जाता है –

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1. सेरोटोनिन (Serotonin)- सेरोटोनिन तंत्रिका कोशिकाओं द्वारा निर्मित एक रसायन है जो तंत्रिका कोशिकाओं के बीच संकेत भेजता है।  इसे “खुश बनाने वाला रसायन या Happy Hormone” भी कहा जाता है, क्योंकि यह आपको अच्छा महसूस कराने और अच्छा मूड बनाने में मदद करता है। लेकिन, सेरोटोनिन का स्तर कम हो जाने पर न्यूरोपेप्टाइड का स्राव मस्तिष्क के बाहरी हिस्से में पहुंच कर माइग्रेन को पैदा करता है।

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2. जीवनशैली और आहार (Lifestyle and Diet)- माइग्रेन का मुख्य कारण है लोगों द्वारा अपनायी जाने वाली जीवनशैली और आहार। लोग अपनी जीवनशैली को बदल रहे हैं अपने कामकाज के अनुसार, पैसा कमाने के लिये, बड़ा बनने के लिये, नाम कमाने के लिये ना कि अपने स्वास्थ की दृष्टि से अपनी जीवनशैली को को बदलना चाहते हैं। काम की व्यस्तता में ना खाने पीने की परवाह, ना आराम की, ना अच्छी नींद की और ना तसल्ली में बैठकर पौष्टिक भोजन खाने की।  फास्ट फूड जैसा जो मिला, जल्दी-जल्दी खा लिया। नतीजा बल्ड प्रेशर बढ़ जाना, कोलेस्ट्रोल बढ़ जाना, मोटापा बढ़ जाना, नींद पूरी ना होना, तनाव ग्रस्त हो जाना, सिर में दर्द रहने लगना। परिणाम स्वरूप माइग्रेन बन जाता है।

3. हार्मोन (Hormones)- हार्मोन में असंतुलन या बदलाव के कारण भी माइग्रेन बनता है। विशेषकर महिलाओं में एस्ट्रोजेन हार्मोन का स्तर कम हो जाने पर सिरदर्द होता है जोकि बाद में माइग्रेन का रूप धारण कर लेता है। महिलाओं में मासिक धर्म शुरू होने से पहले या मासिक धर्म के समय सिरदर्द हो जाता है। इसकी कमी से महिलाओं में अनियमित पीरियड्स , इनफर्टिल‍िटी और तनाव जैसी कई समस्याऐं भी हो जाती हैं। 

4. कुछ विशेष पदार्थों के अधिक सेवन से (Excessive Consumption of Certain Substances)- कोई भी खाद्य या पेय पदार्थ जब हद से ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है तब वह अपना कुप्रभाव छोड़ता है जैसे चॉकलेट, पनीर, बीयर, रेड वाइन, कैफीन आदि। इनके अधिक सेवन से माइग्रेन बनने की संभावना रहती है।

5. एस्पार्टेम (Aspartame) – यह एक सफेद, गंधहीन पाउडर, चीनी से लगभग 200 गुना मीठा होता है और इसका उपयोग जो दुनिया भर में कई खाद्य पदार्थों में किया जाता है। इसका अधिक सेवन माइग्रेन की वजह बन सकता है। 

6. मोनोसोडियम ग्लूटामेट (Monosodium Glutamate)- इसे सोडियम ग्लूटामेट या एमएसजी के नाम से भी जाना जाता है। यह ग्लूटामिक अम्ल का सोडियम लवण है। यह अम्ल प्राकृतिक रूप से मिलनेवाला सबसे सुलभ और अनावश्यक अमीनो अम्ल है। यह सोडियम एक ऐसा पदार्थ है जिसे पैक्‍ड फूड के साथ ही रेस्‍टोरेंट और स्‍टॉल वाले भोजन में खूब उपयोग करते हैं। दिखने में यह सफेद रंग के क्रिस्‍टल की तरह  नमक और चीनी की तरह होता है। यह ग्‍लूटामेट दिमाग की कोशिकाओं को ड्रग्‍स की समान ही नुकसान पहुंचाता है। 

7. वातावरण (Environment)- तेज धूप में, धूप के कारण आंखों का चुंधिया जाना, शोर शराबा, तेज आवाज, परफ्यूम, बदबू, खुश्बू, धुआं, पेंट, थिनर, आदि माइग्रेन को ट्रिगर करते हैं।

8. असमय सोना, जागना (Waking up Early)- सोने जागने का जब कोई सिस्टम ना हो, कोई निश्चित समय ना हो, ना सोने का और ना उठने का तब नींद पूरी नहीं होती जिससे सिर में दर्द रहने लगता है, फिर माइग्रेन बनने का कारण बन जाता  है। 

9. अत्यधिक परिश्रम (Hard Work)- कई लोगों को बहुत अधिक शारीरिक मेहनत करनी पड़ती है जिससे उनके शरीर में थकावट, शरीर की कमजोरी माइग्रेन बन जाती है।

10. मौसम (Weather)- बहुत ज्यादा गर्मी या बहुत ज्यादा सर्दी से भी माइग्रेन का दर्द पैदा होता है। लोगों को अक्सर यह कहते सुना होगा कि आज मेरे सिर में सर्दी की वजह से या गर्मी की वजह से सिर में दर्द है। यह माइग्रेन ही होता है। ऐसे मामलों में मौसम माइग्रेन को ट्रिगर करता है।

माइग्रेन के लक्षण – Symptoms of Migraine

1. मरीज को रह-रहकर आड़ी-टेढ़ी रेखाएं, रोशनी की चमकदार लाइनें और आंखों के सामने काले-काले धब्बे दिखाई देते हैं, ये इसे लक्षण रोशनी से संबंधित हैं। इसे ऑरा कहा जाता है। इसी ऑरा से माइग्रेन की पहचान की  जाती है।

2. तेज रोशनी, गंध, आवाज के प्रति अत्यधिक संवेदनशीलता यानी तेज आवाज और रोशनी से परेशान हो जाना और घबराहट महसूस करना। इसी तरह किसी विशेष गंध (सुगंध या दुर्गंध) को सहन ना कर पाना।

3. पूरे या आधे सिर में तेज दर्द होना।

4. मिचली, उल्टी 

5. भूख कम लगना।

6. ज्यादा पसीना आना।

7. आंखों में दर्द महसूस करना।

8. धुंधला दिखाई देना।

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9. बार-बार मूत्र विसर्जन की इच्छा होना।

10. थकावट और कमजोरी महसूस करना।

11. उदासी महसूस करना।

12. किसी से बात करने का मन ना करना, गुस्सा और चिड़चिड़ापन बढ़ जाना। 

माइग्रेन का घरेलू इलाज – Home Remedies for Migraine

1. अदरक (Ginger)- माइग्रेन के अटैक में राहत पहुंचाती है। सिर दर्द के दौरान मिचली, उल्टी में आराम दिलाती है और सिर दर्द को भी कम करती है। इसका उपयोग इस प्रकार कर सकते हैं –

(i)  अदरक का एक छोटा टुकड़ा दांतों में दबा कर चूसें। इससे थोड़ी देर बाद दर्द में आराम लग जायेगा।

(ii)  अदरक के रस में थोड़ा शहद मिलाकर पीयें।

(iii) अदरक वाली चाय पीयें।

(iv) अदरक को छीलकर कूटकर पानी में डालकर उबाल लें। जब यह पानी ठंडा हो जाये तो इसमें थोड़ा शहद और नींबू का रस मिलाकर पीयें। 

2. दालचीनी (Cinnamon)- माइग्रेन के अटैक होने पर दालचीनी को पीसकर, पेस्ट बनाकर माथे पर लगायें जैसे चंदन का लेप लगाते हैं। इसे आधा घंटा लगा रहने दें। माइग्रेन के दर्द में आराम लगेगा।

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3. लौंग (Cloves)- लौंग के पाउडर में हल्का सा नमक मिलाकर  दूध के साथ पीने से भी दर्द में आराम मिलेगा।

4. लहसुन (Garlic)- लहसुन दर्द में दर्द निवारक दवा के रूप में काम करता है। जब भी माइग्रेन का दर्द हो, लहसुन की 5-7 कलियां छीलकर इनका रस निकाल कर पीयें। दर्द में आराम आ जायेगा।

5. पिपरमिंट (Peppermint)- पिपरमिंट में एंटी-इंम्फ्लामेटरी गुण होते हैं जो सूजन को कम करते हैं साथ ही इसमें मन को शांत और स्थिरता करने का गुण होता है। माइग्रेन के दर्द से राहत पाने के लिये पिपरमिंट का उपयोग इस प्रकार करें –

(i)  पिपरमिंट की चाय बनाकर पी सकते हैं।

(ii)  आधा गिलास पानी में पिपरमिंट ऑयल की कुछ बूंदे और एक चम्मच शहद मिलाकर पीयें।

(iii) पिपरमिंट ऑयल को सिर और माथे पर लगाकर 20-25 मिनट मालिश करें।

6. केसर (Saffron)- एक चम्मच शुद्ध घी में एक चुटकी केसर पाउडर को मिलाकर एक-एक बूँद दोनों नाक में डालें।  20 मिनट  बाद धो लें। ऐसा दिन में दो बार कर सकते हैं। माइग्रेन के दर्द में आराम आ जायेगा।

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7. गुड़ और दूध (Jaggery and Milk)- गुड़ और दूध का सेवन माइग्रेन के दर्द के उपचार में सटीक उपाय माना जाता है। रोजाना सुबह खाली पेट गुड़ का एक छोटा टुकड़ा मुंह में रखें और ठंडा दूध पीयें। इससे दर्द में काफी आराम मिलेगा। 

8. सेब का सिरका (Apple vinegar)- सेब का सिरका भी माइग्रेन के दर्द में राहत दिलाने में मदद करता है। एक गिलास पानी में एक छोटा चम्मच सेब का सिरका और एक चम्मच शहद मिलाकर लगभग 30 दिन लगातार पीयें। जब आपको लगे कि माइग्रेन का अटैक होने वाला है तो इसके 2-3 चम्मच पी लें। खाली सेब का सेवन भी कर सकते हैं, इससे भी आराम लगेगा।

9. कॉफी (Coffee)- कॉफी में पाये जाने वाला कैफीन माइग्रेन में एडेनोसाइन के प्रभाव को कम करता है। इसीलिये एक कप कॉफी माइग्रेन के दर्द से राहत दिलाने में मदद करता है। जब भी माइग्रेन का अटैक हो, एक कप कॉफी पीयें, आपको तुरंत आराम लगेगा।  

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10. सिर की मालिश (Head Massage)-  माइग्रेन से राहत पाने के लिये सिर के पिछले भाग की मालिश करवायें, साथ ही गर्दन, कंधे और हाथ, पैरों की मालिश भी करवायें। इससे शरीर में रक्त संचार बढ़ेगा और दर्द में राहत मिलेगी। मालिश के लिये हल्के गर्म तेल का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।

11. बर्फ़ की सिंकाई (Ice Floe)- बर्फ़ को सारे दर्द की दवा माना जाता है। माइग्रेन के दर्द से राहत पाने के लिये भी बर्फ़ की सिंकाई का इस्तेमाल किया जा सकता है, इससे आराम लगेगा। एक तौलिया या बड़े रुमाल में बर्फ़ के कुछ ठुकड़े रखकर सिर पर 10 मिनट के लिये रखें, फिर माथे और गर्दन के पीछे सिंकाई करें। बेहतर होगा यदि बर्फ़ के ठुकड़ों पर पिपरमिंट ऑयल की कुछ बूंदे डाल दी जायें इससे माइग्रेन के दर्द में जल्दी राहत मिलेगी।

12. लैवेंडर का तेल (Lavender Oil)- लैवेंडर की खुश्बू को माइग्रेन के उपचार में बहुत प्रभावशाली माना जाता है। सामान्य सिर दर्द या माइग्रेन के दर्द दोनों के लिये ही अच्छा विकल्प है। माइग्रेन के दर्द का अटैक होने पर गर्म पानी में लैवेंडर तेल की कुछ बूंद डालकर सूंघें। इससे बहुत आराम मिलेगा।

13. नींद (Sleep)- माइग्रेन के दर्द से राहत पाने के लिये यह बहुत जरूरी है कि रोजाना आपकी नींद पूरी हो, बिना किसी बाधा के। आपके कमरे में कोई शोर शराबा ना हो, कोई डिस्टर्बेन्स ना हो या बाहर की आवाज भी ना आये। एकदम शांत कमरा होना चाहिये। इससे माइग्रेन का बार-बार अटैक पड़ने में कमी आयेगी।

14. तेज रोशनी से बचें (Avoid Bright Light)- आपके माइग्रेन को यदि रोशनी ट्रिगर करती है तो जरूरी हो जाता है कि आप इससे बचें। तेज रोशनी की वजह से माइग्रेन का अटैक की संभावना निश्चित हो जाती है।  

15. आहार (Diet)- माइग्रेन के दर्द को कम करने के लिये अपने आहार का विशेष ध्यान रखें। विटामिन-सी युक्त फल खायें। विटामिन-सी खुद अपने आप में शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट होता है। साधारण मक्खन के बजाये मूंगफली से बने मक्खन का उपयोग करें।

16. योग, ध्यान (Meditation) और प्राणायाम – अनेकों बीमारियां योग, ध्यान और प्राणायाम के माध्यम से ठीक की जा सकती हैं। ये शारीरिक और मानसिक विकारों को भी दूर करने में मदद करते हैं। चूंकि माइग्रेन एक मस्तिष्क से संबंधी विकार है इसलिये योग, ध्यान और प्राणायाम के द्वारा इससे निपटने में मदद मिलेगी। योग से माइग्रेन अटैक की संख्या और सघनता (Number and Density) में कमी आयेगी।  सुबह के समय ध्यान लगाने से मस्तिष्क शांत रहता है। सांयकाल में ध्यान करने से मानसिक थकावट दूर होती है और मस्तिष्क रिलैक्स फील करता है और शांत रहेगा। प्राणायाम में अनुलोम-विलोम, कपालभाति, भ्रामरी और योग निद्रा से लाभ होगा और योग में शीर्षासन, हस्त-पादासन, सेतुबन्धासन, शिशु-आसन, मर्जरासन, पश्चिमोतानासन, अधोमुखश्वानासन, पद्मासन, और शवासन माइग्रेनके दर्द से राहत दिलाने में मदद करेंगे।

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Conclusion – 

दोस्तो, आज के लेख में हमने आपको माइग्रेन का घरेलू इलाज के बारे में विस्तार से जानकारी दी। देसी हैल्थ क्लब ने इस लेख के माध्यम से आपको विस्तारपूर्वक बताया कि माइग्रेन क्या होता है, इसके कितने प्रकार के होते हैं, माइग्रेन होने के क्या कारण होते हैं और इसके क्या लक्षण होते हैं। देसी हैल्थ क्लब ने आपको माइग्रेन से राहत पाने के बहुत सारे देसी उपाय भी बताये। आशा है आपको ये लेख अवश्य पसन्द आयेगा। 

दोस्तो, इस लेख से संबंधित यदि आपके मन में कोई शंका है, कोई प्रश्न है तो लेख के अंत में, Comment box में, comment करके अवश्य बताइये ताकि हम आपकी शंका का समाधान कर सकें और आपके प्रश्न का उत्तर दे सकें। और यह भी बताइये कि यह लेख आपको कैसा लगा। आप इस पोस्ट को अपने दोस्तों और  सगे – सम्बन्धियों के साथ भी शेयर कीजिये ताकि सभी इसका लाभ उठा सकें। दोस्तो, आप अपनी टिप्पणियां (Comments), सुझाव, राय कृपया अवश्य भेजिये ताकि हमारा मनोबल बढ़ सके। और हम आपके लिए ऐसे ही Health- Related Topic लाते रहें। धन्यवाद।

Disclaimer – यह लेख केवल जानकारी मात्र है। किसी भी प्रकार की हानि के लिये ब्लॉगर/लेखक उत्तरदायी नहीं है।  कृपया डॉक्टर/विशेषज्ञ से सलाह ले लें।

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