स्वागत है हमारे ब्लॉग में। दोस्तो, लगभग हर किसी को कभी ना कभी ऐसा हुआ होता है कि खाना खाने के बाद या कुछ पीने के बाद पेट में दर्द हो जाता है या पेट में जलन महसूस होती है, या पेट में गैस बनती है, बेचैनी महसूस होती है, जी मिचलाता है और बहुत असुविधाजनक स्थिति में अपने आप को महसूस करते हैं। इसका मतलब साफ़ है कि पाचन तंत्र ठीक से काम नहीं कर रहा है। जो कुछ भी खाया पीया है वह पच ही नहीं रहा। इसे मेडिकल भाषा में डिस्पेप्सिया (Dyspepsia) यानि अपच कहा जाता है। ऐसी असुविधाजनक स्थिति तब भी बनती है जब आपने बहुत कम खाया होता है तो पेट भरा-भरा महसूस होता है या कुछ दवाओं का दुष्प्रभाव हो जाए। यह कोई समस्या नहीं है क्योंकि यह कभी-कभी होता है रोजाना नहीं। हां, यदि किसी को रोजाना ऐसी स्थिति से गुजरना पड़ता है तो यह स्थिति गंभीर हो सकती है और निश्चित रूप से जीवन गुणवत्ता को प्रभावित कर देगी। डिस्पेप्सिया एक आम समस्या है जिसका निवारण किया जा सकता है। आखिर क्या है ये डिस्पेप्सिया है क्या?। दोस्तो, यही है हमारा आज का टॉपिक “डिस्पेप्सिया क्या है”?
देसी हैल्थ क्लब इस आर्टिकल के माध्यम से आपको डिस्पेप्सिया के बारे में विस्तार से जानकारी देगा और यह भी बताएगा कि इसका उपचार क्या है। वस्तुतः यह कोई रोग नहीं बल्कि गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स रोग और अन्य स्थितियों का लक्षण है। अब, सबसे पहले जानते हैं कि डिस्पेप्सिया क्या है और एक्यूट एब्डोमिनल डिस्पेप्सिया क्या है। फिर, इसके बाद बाकी बिंदुओं पर जानकारी देंगे।
डिस्पेप्सिया क्या है? – What is Dyspepsia
सबसे पहले हम स्पष्ट कर दें कि डिस्पेप्सिया (Dyspepsia) जिसे हिंदी में अपच कहा जाता है, कोई रोग नहीं है, अपितु यह गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स रोग (Gastroesophageal Reflux Disease – GERD) (जीईआरडी) तथा अन्य स्थितियों का मिला-जुला लक्षण है। डिस्पेप्सिया, भोजन करने या कुछ पेय पदार्थ पीने के उपरांत पेट के ऊपरी भाग में असुविधा या दर्द को संदर्भित करता है। इसका तात्पर्य यह है कुछ भी खाने, पीने के बाद अपने को असुविधाजनक महसूस करता है जैसे कि पेट में दर्द होना, जलन होना, गैस बनना, थोड़ा खाने पर भी पेट भरा हुआ महसूस होना, तो इस स्थिति को डिस्पेप्सिया कहा जाता है।
इससे यह स्पष्ट हो जाता है कि व्यक्ति पाचन तंत्र ठीक से काम नहीं कर रहा है। ऐसी स्थिति कभी-कभी होती है, हमेशा के लिए नहीं होती। यह स्थिति केवल खाने पीने के कारण के अतिरिक्त कुछ अन्य कारणों से भी हो सकती है जैसे कि कुछ दवाओं का दुष्प्रभाव। डिस्पेप्सिया यानि अपच एक आम समस्या है जिससे लगभग 20 प्रतिशत लोग प्रभावित हैं।
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एक्यूट एब्डोमिनल डिस्पेप्सिया क्या है? – What is Acute Abdominal Dyspepsia?
दोस्तो, वैसे तो पेट में दर्द आमतौर पर हल्का और बहुत थोड़े समय के लिए ही होता है लेकिन पेट में तेज दर्द होना एक महत्वपूर्ण समस्या की ओर संकेत करता है। यह समस्या डिस्पेप्सिया की हो सकती है और यह दर्द एक्यूट एब्डोमिनल डिस्पेप्सिया (Acute Abdominal Dyspepsia) यानि तीव्र उदर अपच कहलाता है। इस दर्द में पेट के ऊपर के भाग में बेचैनी रहती है और दर्द होता है यह दर्द तेज भी हो सकता है।
इस दर्द में व्यक्ति को पेट भरा-भरा होने का आभास होता है वह ऐसा महसूस करता है जैसे कि पेट में गैस बन रही है, वह बेचैन रहता है और पेट में जलन महसूस करता है। वह थोड़ा भोजन करने पर अत्याधिक भरा हुआ महसूस करते हैं और तृप्ति का अहसास होता है। इसी स्थिति को एक्यूट एब्डोमिनल डिस्पेप्सिया कहा जाता है।
डिस्पेप्सिया के प्रकार – Types of Dyspepsia
डिस्पेप्सिया को दो श्रेणियों में बांटा गया है जैविक (Biological) और कार्यात्मक (Functional)। विवरण निम्न प्रकार है –
1. जैविक डिस्पेप्सिया (Organic Dyspepsia)- किसी अंतर्निहित रोग (underlying disease) के फलस्वरूप जैविक डिस्पेप्सिया उत्पन्न होता है जैसे कि गैस्ट्रिटिस , पेप्टिक अल्सर अथवा कैंसर। यह अल्पकालीन रहता है। कुछ घंटों में बिना दवाई के भी ठीक हो जाता है। पेप्टिक अल्सर, कैंसर, गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स रोग आदि इसके कारण होते हैं।
2. कार्यात्मक डिस्पेप्सिया (Functional Dyspepsia)- लंबे समय से चली आ रही डिस्पेप्सिया यानि पुरानी अपच को कार्यात्मक (Functional) डिस्पेप्सिया कहा जाता है। यह दीर्घकालीन रहता है। यह बिना अंतर्निहित बीमारी के हो सकता है। इसके लक्षण पेप्टिक अल्सर रोग के समान होते हैं।
इसमें भोजन करते समय और बाद में पेट में दर्द होना, अधिक पेट भरा होना, सूजन, अत्यधिक डकार आना, सीने में जलन तथा एसिड रिफ्लक्स की शिकायत रहती है। यह कुछ समय के लिये गायब होकर फिर से वापिस आ सकता है बिना किसी कारण के।
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डिस्पेप्सिया की अवधि – Duration of Dyspepsia
डिस्पेप्सिया कितने समय तक रह सकता है इस बारे में कोई निश्चित समय निर्धारित नहीं है। पाचन तंत्र को भोजन को पचाने में लगभग 3-5 घंटे लग जाते हैं। पाचन भोजन पर भी निर्भर करता है, फाइबर युक्त भोजन को पचाने में पाचन तंत्र को अधिक मेहनत नहीं करनी पड़ती यह जल्दी पच जाता है और पाचन तंत्र का समय भी बचता है।
इस दौरान डिस्पेप्सिया के लक्षण भोजन करते समय या भोजन करने के कुछ मिनट या घंटों बाद प्रकट हो सकते हैं जो बिना दवा के कुछ घंटों में खत्म हो सकते हैं जैसे कि डकार आना, पेट में हल्का-फुल्का दर्द, गैस बनना आदि। यह अनिश्चितता की स्थिति होती है। इसके लक्षण कुछ देर बाद फिर लौट कर आ सकते हैं।
डिस्पेप्सिया के कारण – Causes of Dyspepsia
वस्तुतः डिस्पेप्सिया के कारण व्यक्ति के खानपान, पाचन तंत्र के स्वास्थ, संक्रमण, रोग, दवाओं की प्रतिक्रिया पर निर्भर करते हैं। डिस्पेप्सिया के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं –
1. पेट में एसिड (Stomach Acid)- पेट में मजबूत परत जो कि एसिड से बचाती है, के खराब हो जाने पर के कारण इसमें सूजन आ जाती है और जलन होने लगती है।
2. गैस्ट्रिक रस का छोटी आंत (Duodenum)- में चले जाना वहां पहुंचकर यह हानि पहुंचाती है। फिर यह अन्नप्रणाली (esophagus) के निचले हिस्से में भी पहुंचकर नुकसान करता है। इसे एसिड रिफ्लक्स कहा जाता है। परिणामस्वरूप डकार आना, उल्टी, सीने में जलन जैसे लक्षण प्रकट होते हैं। यह एसिड पेट की परत को खत्म करने लगता है, तो पेप्टिक अल्सर रोग पैदा हो जाता है।
3. पेप्टिक अल्सर रोग इसके शुरुआती लक्षण प्रारंभिक तृप्ति, मितली और सूजन हो सकते हैं।
4. पेट या इसोफ़ेगस का कैंसर
5. अधिक समय तक पेट का खाली रहना
6. गैस्ट्रोइसोफ़ेजियल रिफ्लक्स रोग
7. हैलिकोबैक्टर पायलोरी संक्रमण
8. पाचन तंत्र के रोग
9. लैक्टोज असहिष्णुता
10. पित्ताशय की सूजन
11. अधिक या कम भोजन करना
12. कुछ दवाएं जैसे कि एंटीबायोटिक्स दवाएं जो बैक्टीरिया को खत्म करती हैं नॉन स्टेरिओडल एंटीइंफ्लामेटरी ड्रग्स आदि।
डिस्पेप्सिया के जोखिम कारक – Risk Factors for Dyspepsia
निम्नलिखित कारक डिस्पेप्सिया को ट्रिगर कर सकते हैं –
- शराब व अन्य नशीले पदार्थों का सेवन
- चाय, कॉफ़ी या बहुत अधिक कैफीन युक्त पेय/खाद्य पदार्थों का अधिक मात्रा में सेवन करना।
- कार्बोनेटेड या फ़िज़ी पेय का अधिक सेवन
- भोजन बहुत जल्दी-जल्दी करना
- बहुत अधिक तीखे तेज मिर्च, मसालेदार, वसायुक्त और ऑयली भोजन करना
- बहुत अधिक एसिड युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन जैसे टमाटर, संतरा आदि।
- धूम्रपान करना
- मोटापा
डिस्पेप्सिया के लक्षण – Symptoms of Dyspepsia
डिस्पेप्सिया के सामान्यतः निम्नलिखित लक्षण प्रकट हो सकते हैं –
- पेट के ऊपरी भाग में पेट में दर्द होना, जलन और बेचैनी महसूस करना।
- सूजन
- पेट में गैस बनना
- पेट में गुड़गुड़ होना
- कम खाने पर भी पेट भरा हुआ महसूस करना
- लगातार डकार आना
- जी मिचलाना
- भूख कम लगना
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डिस्पेप्सिया का परीक्षण – Dyspepsia Test
डिस्पेप्सिया का परीक्षण, लक्षणों के आधार पर होता है। लक्षणों को देखते, समझते हुए निम्न प्रकार के टेस्ट कराने की सलाह दी जा सकती है –
- हृदय की मांसपेशियों की कोशिकाओं की हुई क्षति का आकलन करने के लिए इलेक्ट्रोकार्डियोग्राफ़ी (ECG) की जा सकती है और ब्लड टेस्ट किए जा सकते हैं।
- क्रोनिक और गैर-विशिष्ट लक्षणों वाले मरीजों के मामले में ब्लड टेस्ट किए जा सकते हैं।
- ब्लड टेस्ट की असामान्य रिपोर्ट आने पर कुछ इमेजिंग टेस्ट किए जा सकते हैं।
- कुछ मामलों में श्वास परीक्षण और मल परीक्षण किए जा सकते हैं।
- कुछ मरीजों की ऊपरी एंडोस्कोपी की जा सकती है।
डिस्पेप्सिया का उपचार – Treatment of Dyspepsia
हम यहां स्पष्ट कर दें कि डिस्पेप्सिया का इलाज, इसके लक्षणों के आधार पर किया जाता है ताकि मूल समस्या का खात्मा हो जाए। इसके लिए निम्न प्रकार से इलाज किया जा सकता है –
एसिड-ब्लॉकिंग दवाएं दी जा सकती हैं जैसे कि प्रोटोन पंप इन्हिबिटर या हिस्टामाइन-2 [H2] ब्लॉकर्स।
2. साइटोप्रोटेक्टिव एजेंट (Cytoprotective Agents)- ऐसी दवाएं जो पेट में म्युकस की मात्रा बढ़ाकर अल्सर के विरुद्ध लड़ती हैं।
3. प्रोकाइनेटिक दवाएं (Prokinetic Drugs)- जैसे कि मेटोक्लोप्रमाइड और एरिथ्रोमाइसिन। ये पाचन तंत्र की मांसपेशियों की हलचल को उत्तेजित कर सकती हैं।
4. लक्षणों को देखते हुए एंटीडिप्रेसेंट दवाएं दी जा सकती हैं।
Conclusion –
दोस्तो, आज के आर्टिकल में हमने आपको डिस्पेप्सिया के बारे में विस्तार से जानकारी दी। डिस्पेप्सिया क्या है?, एक्यूट एब्डोमिनल डिस्पेप्सिया क्या है, डिस्पेप्सिया के प्रकार, डिस्पेप्सिया की अवधि, डिस्पेप्सिया के कारण, डिस्पेप्सिया के जोखिम कारक, डिस्पेप्सिया के लक्षण और डिस्पेप्सिया का परीक्षण, इन सब के बारे में भी विस्तार पूर्वक बताया। देसी हैल्थ क्लब ने इस आर्टिकल के माध्यम से डिस्पेप्सिया का उपचार भी बताया। आशा है आपको ये आर्टिकल अवश्य पसन्द आयेगा।
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