स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग पर। दोस्तो, आपको याद होगा कि देसी हैल्थ क्लब ने आपको बवासीर के ऊपर जानकारी दी थी कि बवासीर क्या है, इसके कारण, लक्षण, इसका देसी उपचार आदि। आज हम आपको बवासीर के एक और प्रकार के बारे में जानकारी देंगे जिसे खूनी बवासीर कहा जाता है। खूनी बवासीर में मल त्याग करते समय खून आने लगता है। यद्यपि मल त्याग करते समय दर्द अक्सर नहीं होता मगर कभी-कभी हो सकता है परन्तु अक्सर चलने-फिरने में या बैठने में बहुत तकलीफ होती है। दोस्तो, यही है हमारा आज का टॉपिक “खूनी बवासीर के घरेलू उपाय”।
देसी हैल्थ क्लब इस आर्टिकल के माध्यम से आज आपको खूनी बवासीर के बारे में विस्तार से जानकारी देगा और यह भी बताएगा इससे राहत पाने के घरेलू उपाय क्या हैं। तो, सबसे पहले जानते हैं कि खूनी बवासीर क्या है और इसके क्या कारण होते हैं? फिर इसके बाद बाकी बिंदुओं पर जानकारी देंगे। बवासीर पर विस्तार से जानकारी के लिए हमारा पिछला आर्टिकल “बवासीर का देसी इलाज” पढ़ें।
खूनी बवासीर क्या है? – What are Bloody Piles?
खूनी बवासीर वस्तुतः बवासीर का बिगड़ा हुआ रूप है। आंतरिक बवासीर में सूजन आ जाने पर खून, नसों के समूह में जमने लगता है। खून जमने की इस स्थिति को थ्रोम्बस (Thrombus) कहा जाता है। इसी लिए खूनी बवासीर को थ्रोम्बोस्ड हेमोराइड (Thrombosed hemorrhoid) कहा जाता है। इससे गुदा के ऊतकों में गांठ बन जाती हैं।
गुदा के अंदर बवासीर के मस्सों का आकार बढ़ जाता है। रक्त का दबाव बढ़ने पर ये फूट जाते हैं और खून आने लगता है। सरल शब्दों में कहा जाए तो समझिए कि जब मल त्याग करते समय गुदा से खून आने लगे तो इस स्थिति को खूनी बवासीर कहा जाता है। यह खून चमकीला लाल होता है।
खूनी बवासीर के कारण – Cause of Bloody Piles
खूनी बवासीर के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं –
- बवासीर का मुख्य कारण कब्ज़ को माना जाता है। खूनी बवासीर, बवासीर का बिगड़ा हुआ रूप है।मस्सों का आकार बड़ा हो जाना।
- बवासीर का बहुत अधिक तनाव।
- मल त्याग के समय दबाव।
- खून के जमा होते रहने के दबाव की वजह से थ्रोम्बोस्ड फट जाना।
खूनी बवासीर के लक्षण – Symptoms of Bloody Piles
खूनी बवासीर के लक्षण के निम्नलिखित लक्षण होते हैं –
मल त्याग करते समय गुदा से खून बहना मुख्य लक्षण होता है।
- गुदा में सूजन।
- मल त्याग करते समय दर्द नहीं होता।
- मल के रंग में परिवर्तन।
- मल त्याग के बाद मस्सों का अंदर चले जाना।
- वजन कम होना।
- पेट में दर्द हो सकता है।
- जी मिचलाना, उल्टी हो सकती है।
खूनी बवासीर का चिकित्सकीय उपचार – Medical Treatment of Bloody Piles
खूनी बवासीर का चिकित्सीय उपचार ही सही उपचार माना जाता है इसके लिये डॉक्टर निम्न प्रकार की सर्जरी की सलाह दे सकते हैं। इनमें जनरल एनेस्थीसिया देने की जरूरत नहीं होती –
1. रबर बैंड लिगेशन (Rubber Band Ligation) – उपचार की इस विधि में खूनी बवासीर के आधार में एक छोटे रबर बैंड को लगा दिया जाता है इस बैंड की मदद से खून का बहाव रुक जाता है और बवासीर सूख कर गिर जाती है।
2. स्क्लेरोथेरेपी (Sclerotherapy)- इस विधि में दवाओं के एक घोल को इंजेक्शन द्वारा बवासीर में डाला जाता है ताकि बवासीर सूख कर गिर जाए।
3. बाइपोलर, लेजर या इन्फ्रारेड कोएग्युलेशन (Bipolar, Laser, or Infrared Coagulation)– इस प्रक्रिया के द्वारा बवासीर में खून की सप्लाई बंद कर देते हैं।
4. इलेक्ट्रोकोएग्यूलेशन (Electrocoagulation) – इस विधि में बिजली के करंट के माध्यम से बवासीर को सूखा दिया जाता है फिर बाद में वह गिर जाती है।
5. एडवांस ट्रीटमेंट (Advance Treatment)- खूनी बवासीर की स्थिति गंभीर हो जाने पर या मस्सों का आकार बहुत बड़ा हो जाने पर एडवांस ट्रीटमेंट की प्रक्रिया अपनाई जाती है जिसमें मरीज के प्रभावित क्षेत्र के सुन्न किया जाता है या मरीज को बेहोश किया जा सकता है। वैसे अधिकतर लेजर के द्वारा सर्जरी की जाती है। इस प्रक्रिया के दौरान गुदा से खून नहीं बहता। मरीज दो दिन बाद अपने कार्यस्थल पर जा सकता है।
खूनी बवासीर में क्या खाना चाहिए – What to Eat in Bloody Piles
खूनी बवासीर में निम्नलिखित खाद्य/पेय पदार्थों का सेवन करने की सलाह दी जाती है –
- दही चावल
- दलिया
- मूंग की दाल की खिचड़ी
- पालक
- गाजर
- जिमिकंद
- मूली
- तोरई
- घीया
- चुकंदर
- आँवला
- केला, पपीता, अनार, अंजीर।
- नारियल गिरि
- पानी, नारियल पानी।
- लस्सी, छाछ।
- करेले का रस
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खूनी बवासीर में क्या नहीं खाना चाहिए – What not to Eat in Bloody Piles
खूनी बवासीर की समस्या होने पर निम्नलिखित खाद्य/पेय पदार्थों का परहेज करना चाहिए –
- तीखे तेज मिर्च मसाले वाले, तले, भुने खाद्य पदार्थ।
- होटल, रेस्टोरेंट का खाना, स्ट्रीट फूड, डिब्बा बंद आहार, जंक फूड।
- मैदा से बने खाद्य पदार्थ।
- मांस, मछली।
- उड़द की दाल
- खटाई, सॉस, चटनी, अचार
- शराब, नशीले पदार्थ, ड्रग्स, धूम्रपान, तंबाकू
- चाय कॉफी का कम सेवन करें।
- नमकीन खाद्य पदार्थों का कम सेवन करें।
- कच्चे फल, बासी भोजन बिल्कुल ना खाएं।
खूनी बवासीर के घरेलू उपाय – Home Remedies for Bloody Piles
दोस्तो, अब बताते हैं आपको कुछ निम्नलिखित घरेलू उपाय जिनको अपना कर खूनी बवासीर से राहत पा सकते हैं। यहां हम स्पष्ट कर दें कि देसी उपाय काफी हद तक खूनी बवासीर की पीड़ा से राहत दे सकते हैं, खून को कंट्रोल किया जा सकता है परन्तु हमेशा के लिये छुटकारा नहीं दिला सकते।
1. अंजीर (Fig)- अंजीर को बवासीर के उपचार में एक अच्छा उपाय माना जाता है। इसके लिए सुबह और शाम दोनों समय अंजीर खाने होंगे। दो सूखे अंजीर सुबह पानी में भिगो दें और शाम को खाएं इसी प्रकार दो सूखे अंजीर शाम को पानी में भिगो दें। इनको सुबह खाली पेट खाएं। दोनों समय अंजीर खाने के बाद एक घंटे तक कुछ ना खाएं।
2. छाछ (Chhachh)- छाछ की तासीर ठंडी होती है। इसका सेवन करने से खूनी बवासीर में राहत मिलती है। रोजाना दोपहर को खाना खाने के बाद छाछ पीएं। छाछ में थोड़ा सा लगभग एक ग्राम सेंधा नमक मिलाकर और 1-2 ग्राम अजवाइन पीस कर मिला लें। इससे एक फायदा यह भी होगा कि बवासीर के खत्म हुए मस्से दुबारा नहीं होंगे। इस बात का ध्यान रखें कि छाछ खट्टी ना हो।
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3. दही की मलाई (Curd Cream)- दही की तासीर भी ठंडी होती है। भोजन के साथ इसके सेवन से पाचन तंत्र ठीक रहता है। इससे कब्ज़ नहीं होती जो कि बवासीर की मुख्य वजह होती है। साधारण बवासीर में दही के सेवन से बहुत फायदा होता है। खूनी बवासीर के लिये केवल दही की मलाई का सेवन करें बाकी अन्य वस्तुओं का सेवन ना करें। खून आने की समस्या बहुत जल्दी ठीक हो जाएगी।
4. नारियल की जटा की भस्म (Coconut Coir Ashes)- नारियल की जटा की भस्म को खूनी बवासीर के उपचार में रामबाण उपाय माना जाता है। यह ना केवल खूनी बवासीर के उपचार में काम आती है बल्कि श्वेत प्रदर, मासिक धर्म में अधिक रक्त जाना, हैजा, हिचकी में भी लाभ पहुंचाती है। खूनी बवासीर के उपचार के लिये नारियल की जटा को जलाकर इसकी भस्म को ठंडा होने पर कपड़े में छान लें।
यह एकदम बारीक हो जाएगी। इस भस्म को तीन ग्राम की मात्रा में लेकर ताजा दही या छाछ में मिलाकर खाली पेट, दिन में तीन बार खानी है। इसे लेने से पहले और लेने के बाद एक घंटे तक कुछ ना खाएं। हम बता दें कि इसका सेवन केवल एक दिन ही करना है। ध्यान रहे दही या छाछ खट्टी ना हो।
5. नागकेसर, निंबौली और मुनक्के (Nagkesar, Nimboli and Munakka)- 12 ग्राम की मात्रा में नागकेसर, नीम की निंबौली और 6 ग्राम भीमसेनी कपूर लेकर इनको पीसकर एकदम बारीक पाउडर बनाकर इसमें बिना बीज वाले 12 ग्राम रसवत मुनक्के मिलाकर खूब अच्छी तरह मिक्स कर लें।
इस मिश्रण की छोटी-छोटी गोलियां बना लें। एक गोली सुबह और एक गोली शाम को पानी के साथ लें। इस उपाय को खूनी बवासीर में रामबाण उपाय माना जाता है।
6. नीम की निंबौली (Neem Nimboli)- खूनी बवासीर से राहत पाने के लिए नीम की निंबौलियों को सुखाकर इनको पीसकर बारीक पाउडर बना लें। इस पाउडर की दस ग्राम मात्रा लेकर प्रतिदिन सुबह खाली पेट पानी के साथ सेवन करें। इसके साथ यह भी जरूरी है जब तक यह पाउडर आप लेते हैं उतने दिन अपने भोजन में एक चम्मच देसी घी का सेवन भी करें।
7. तिल का तेल (Sesame Oil)- खूनी बवासीर से राहत पाने तथा खून को तुरंत रोकने के लिए तिल का तेल और हल्दी पाउडर का इस्तेमाल करें। इसके लिए तिल के तेल में हल्दी मिक्स करके पेस्ट बना लें। इस पेस्ट को मस्सों पर लगाने से खून बहना फौरन रुक जाएगा।
8. एप्सम नमक और ग्लिसरीन (Epsom Salt and Glycerin)- मस्सों से खून को बहने से रोकने के लिए एप्सम नमक और ग्लिसरीन का भी उपयोग किया जा सकता है। इन दोनों की बराबर मात्रा लेकर इनको अच्छी तरह मिक्स कर लें। इस पेस्ट को मस्सों पर लगाकर 20 मिनट के लिए छोड़ दें। इससे खून रुक जाएगा।
9. हल्दी (Turmeric)- बवासीर की रोकथाम के लिये हल्दी को बहुत ही कारगर उपाय माना जाता है। खूनी बवासीर से राहत पाने के लिये हल्दी पाउडर और एलोवेरा जेल को मिक्स करके पेस्ट बना लें। इस पेस्ट को मस्सों पर लगाएं। आराम लग जाएगा। या हल्दी पाउडर में थोड़ा सा नारियल तेल, एक चम्मच देसी घी और पेट्रोलियम जेली मिलाकर इस पेस्ट को मस्सों पर लगाएं।
10. सेब का सिरका (Apple Vinegar)- सेब का सिरका अनेक रोगों के उपचार में काम आता है। खूनी बवासीर से राहत पाने के लिए भी इसके फायदे देखे जा सकते हैं। इसमें पाए जाने वाला एसेटिक एसिड त्वचा के संकुचन और रक्तस्राव रोकने का काम करता है। इसके एंटीबैक्टीरियल गुण गुदा में संक्रमण को रोकने में मदद करते हैं। रुई को सेब के सिरके में डुबोकर इसे मस्सों पर लगाएं। इससे आराम लगेगा।
11. काले तिल (Black Sesame)- धुले हुए काले तिल 10-12 ग्राम लेकर ताजा मक्खन के साथ खाएं। इससे खूनी बवासीर में राहत मिलेगी और खून आना बंद हो जाएगा।
12. जिमीकंद (Jimi Potato)- जिमीकंद एक ऐसा कंद है जिसका उपयोग सब्जी बनाने के लिए किया जाता है। खूनी बवासीर से राहत पाने के लिए भी इसका उपयोग किया जा सकता है। इसके लिए बिना मसाले का देसी घी में जिमीकंद का भुर्ता बनाकर सेवन करें।
Conclusion –
दोस्तो, आज के आर्टिकल में हमने आपको खूनी बवासीर के घरेलू उपाय के बारे में विस्तार से जानकारी दी। खूनी बवासीर क्या है?, खूनी बवासीर के कारण, खूनी बवासीर के लक्षण, खूनी बवासीर का चिकित्सीय उपचार, खूनी बवासीर में क्या खाना चाहिये और खूनी बवासीर में क्या नहीं खाना चाहिये, इन सब के बारे में भी विस्तार पूर्वक बताया। देसी हैल्थ क्लब ने इस आर्टिकल के माध्यम से खूनी बवासीर के बहुत सारे घरेलू उपाय भी बताए। आशा है आपको ये आर्टिकल अवश्य पसन्द आयेगा।
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