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खुजली का देसी इलाज – Home Remedies for itching in Hindi

दोस्तो, स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग पर। हमारा आज का टॉपिक है खुजली का देसी इलाज  । खुजली का नाम आते ही मन में घृणा जैसा भाव आ जाता है। हम बुरा सा मुंह बना लेते हैं। खुजली शरीर के किसी भी अंग पर हो सकती है। खुजली समय असमय नहीं देखती जब ये उठती है खुजाना ही पड़ता है। चाहे आप सफर  कर रहे हों, कार्य स्थल पर हों, पिकनिक, पार्टी, कोई फंकशन हो या समाज में कहीं बैठे हों। ऊहापोह की स्थिती उस समय हो जाती है जब खुजली जांघों पर, जांघों के मध्य भाग पर कमर के नीचे पृष्ठभाग पर होती है। लज्जा भी बहुत आती है चाहे आप स्त्री हैं या पुरुष, इससे कोई फ़र्क नहीं पड़ता। दोस्तो, क्या होती है ये खुजली, इसको समझना होगा।

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खुजली का देसी इलाज
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खुजली क्या है – What is itching?

खुजली लक्षण है दाद, एक्जिमा, जैसे त्वचा रोगों का ना कि अपने आप में कोई त्वचा रोग।  एक अनचाही और अप्रिय संवेदना जिसमें त्वचा को बार बार खुजाने का मन करता है। सामान्यतः यह कुछ पल की या बहुत कम समय की होती है और अपने आप या हल्का सा हाथ फेरने से बन्द हो जाती है। जैसे नाक, कान, माथे पर, चेहरे पर आदि। परन्तु कई बार शरीर के अन्य अंगों में मीठी मीठी या बहुत तेज खुजली लगती है। खुजली, दाने वाली या बिना दाने वाली हो सकती है। खुजली की गतिविधियां बदलती रहती हैं जैसे नहाने से कम हो जायेगी या सेंकने से कम हो जायेगी तो रात को बढ़ जायेगी या जगह बदलती रहेगी। 

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खुजली के लक्षण – Symptoms of itching

चूंकी खुजली अपने आप में कोई त्वचा रोग नहीं है इसलिये इसके कोई विशेष लक्षण नहीं है। ये स्वयं किसी अन्य त्वचा रोग जैसे दाद, एक्जिमा आदि का लक्षण हो सकती है। फिर भी सामान्यतः निम्न लक्षण अनुभव किये जाते हैं –

1. त्वचा में एक अजीब सी, अनचाही सी सनसनी महसूस करना जिससे खुजाने को जी करे। 

2. त्वचा पर घाव, चकत्ते, फफोले, सूजन, लालिमा आदि पहले से ही हों तो उनमें खुजली महसूस करना।

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3. त्वचा का शुष्क होना, फटी हुई होना। विशेषकर सर्दी के मौसम में अपने आप खुजली लगती है। 

4. अलग अलग तरह पकी ‎स्थितियों जैसे कीड़े के काटना, ‎गुर्दे की बीमारियां, फंगल संक्रमण, चिकन पॉक्स, त्वचा कैंसर, पित्ती, वायरल चकत्ते, यौन संचारित रोग, बवासीर, और यकृत रोग खुजली की वजह हो सकती हैं। 

खुजली के कारण – Causes of itching

1. दाद, एक्जिमा या अन्य त्वचा रोग के कारण खुजली हो सकती है।

2. खराब लिवर – जिन लोगों का लिवर है उनको खुजली हो सकती है क्योंकि खराब लिवर प्रभाव शरीर की डिटॉक्सीफिकेशन प्रॉसेस पर पड़ता है।

3. धूल-मिट्टी का सम्पर्क अथवा वायु प्रदूषण खुजली का कारण खुजली हो सकते हैं।

4. शुष्क त्वचा- सर्दी के मौसम में त्वचा की नमी सूख  जाती है ये भी खुजली का कारण हो सकता है।

5. किडनी की समस्या- किडनी खराब हो जाने  पर शरीर से टॉक्सिन्स बाहर नहीं निकल पाते हैं। जिससे कि खुजली होने लगती है।

6. डायबिटीज- खून में शुगर स्तर बढ़ जाने के कारण खुजली होने लगती है क्योंकि खून त्वचा तक सही तरीके से नहीं पहुंच पाता है।

7. एनीमिया- शरीर में आयरन की कमी से हो जाती रेड ब्लड सेल्स कम होने लगते हैं। जिससे कि त्वचा शुष्क हो जाती है। 

8. परजीवी- पेट में कीड़े और सिर में जूं जुएं खून चूसते हैं। इस वजह से त्वचा में रिएक्शन होता है और खुजली होने लगती है।

9. डिहाइड्रेशन (Dehydration)- पानी की कमी के कारण त्वचा शुष्क हो जाती है। इससे भी खुजली होने लगती है।

10. संक्रमण (Infection)- फंगल या बैक्टीरियल इंफेक्शन, पसीना आदि भी खुजली का कारण हैं। 

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11. जलन और एलर्जी (Irritation and Allergies)- कुछ वस्तुओं से जलन या  एलर्जी भी खुजली का कारण बन सकते हैं जैसे ऊन, रसायन, साबुन, सौंदर्य प्रसाधन।  कुछ खाद्य पदार्थों से होने वाली एलर्जी भी त्वचा की खुजली की वजह बन सकती है।

12. गर्भावस्था (Pregnancy)– गर्भावस्था में महिलाओं के पेट और जांघों पर खुजली होती है।  

13. हार्मोनस् में बदलाव चेंज (Hormone changes)- हार्मोन में परिवर्तन के कारण त्वचा सूख जाती है और खुजली होने लगती है।

14. किसी विशेष दवा के साइड इफेक्ट से खुजली हो सकती है।

15. एंटीबायोटिक, एंटी फंगल दवाओं या नारकोटिक दर्द की दवाओं के होने वाले साइड इफेक्ट से।

16.  केमिकल युक्त हेयर डाई या हेयर कलर का इस्तेमाल करने से भी खुजली होती है।

17. मौसम में परिवर्तन के कारण खुजली होना।

18. किसी कीड़े या मक्खी, मच्छर आदि के काट लेने से।

19. ज्यादा गर्म पानी से स्नान करने से अत्यधिक गर्म और मोटे कपड़े से भी खुजली हो सकती है।

20. भोजन में वसा की उचित मात्रा का ना होना। 

21. धूम्रपान करने से। निकोटीन शरीर को हानि पहुँचाता है।

22. सर्दियों में कमरे में हीटर या अन्य कमरे को गर्म करने वाले उपकरण से। इससे नमी खत्म हो जाती है और त्वचा सूख जाती है। 

23. परफ्यूम का त्वचा पर अधिक प्रयोग करने से भी खुजली हो सकती है।

24.  कठोर डिटर्जेंट युक्त साबुन का प्रयोग।

दोस्तो, अब बताते हैं आपको खुजली से छुटकारा पाने के कुछ देसी उपाय।

खुजली के देसी उपाय – Home Remedies for itching

1. नीम (Azadirachta indica)- नीम औषधीय वृक्ष है। इसमें अनेक गुण होते हैं। एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल, एंटीवायरल, एंटीइन्फ्लामेट्री आदि गुण होते हैं इसमें। ये खुजली, सूजन वायरस आदि को दूर करते हैं। नीम के पत्तियों को पीसकर खुजली वाले स्थान पर लगायें। नीम के पत्तियों को उबाल कर और पानी को ठंडा करके नहाने से भी लाभ मिलेगा।

2. नींबू (Lemon)- नींबू में विटामिन सी की भरपूर मात्रा होती है। नींबू काट के रस को खुजली वाली जगह पर लगायें या अच्छी तरह मल लें। बाद में पानी से धो दें। नींबू त्वचा रोग का एक उत्तम उपाय माना जाता है। इसमें मौजूद वाष्पशील तेल में उत्तेजना को सुन्न करने की ताकत होती है। यह जलन और सूजन को दूर करता है।

3. तुलसी (Basil)- तुलसी में भी एंटीमाइक्रोबियल एंटीइंफ्लेमेटरी गुण मौजूद होते हैं जो संक्रमण फैलाने वाले कीटाणुओं को खत्म करते हैं।  सूजन में भी आराम मिलता है। तुलसी के पत्ते थीमोल और कपूर होने के कारण जलन भी कम होती है।  तुलसी की पत्तियों को पानी में उबाल लें और पानी को ठंडा करके नहालें। तुलसी की पत्तियों का पेस्ट बनाकर खुजली वाली जगह पर लगाने से लाभ मिलेगा। तुलसी के पत्तों को पीसकर नारियल तेल में मिलाकर खुजली वाली जगह पर लगाने से भी लाभ मिलेगा। 

4. नारियल (Coconut)- नारियल तेल बहुमुखी प्रतिभा का धनी है। यह एंटी-फंगल होता है यह फंगस, जीवाणु आदि को बढ़ने से रोकता है। शुष्क त्वचा या मच्छर के काटने पर होने वाली खुजली के लिए नारियल को तेल बहुत बेहतरीन काम करता है। गुनगुने पानी से नहा कर शरीर को अच्छी तरह सूखा लें और नारियल का तेल की मालिश करें। खुजली वाली जगह पर थोड़ा तेल लगा कर अच्छे से मालिश करें। नारियल तेल शुष्क त्वचा को नम बनाये रखता है। 

5. एलोवेरा (Aloe vera)- एलोवेरा में मॉइस्चराइजिंग गुणों के अतिरिक्त एंटीएजिंग गुण भी होते हैं, जो बढ़ती उम्र की वजह से होने वाली खुजली में लाभदायक है। एलोवेरा के जैल को खुजली पर रगड़ने से जलन कम हो जायेगी। इसके जैल को खुजली वाली जगह पर लगायें और थोड़ी देर बाद, लगभग 15-20 मिनट बाद गरम पानी से धो दें। सुबह खाली पेट 20-25 मि।ली। एलोवेरा जूस पीने से त्वचा विकार और खुजली से छुटकारा मिलता है। 

6. शहद (Honey)- शहद में मौजूद एंटीमाइक्रोबियल और एंटीइन्फ्लामेट्री गुण त्वचा विकार व त्वचा रोग के लिए फायदेमंद हो सकते हैं।  ये सूजन को कम कर सकते हैं। एंटीमाइक्रोबियल गुण इन्हें बैक्टीरियल प्रभाव से बचाने में मदद कर सकते हैं। शहद को खुजली वाले स्थान पर लगायें और 20-25 मिनट बाद साफ पानी से शहद को धीरे से पोंछ दें।

7. सेब का सिरका(Apple vinegar) – सेब के सिरके को दाद खुजली की आयुर्वेदिक दवा कहा जाता है।  इसमें एंटी-फंगल गुण मौजूद होते हैं। इसकी कुछ बूंदें रूई की सहायता से खुजली पर लगायें। दिन में 4-5 बार। या फिर एक बाल्टी पानी में एक कप सेब का सिरका मिलाकर लगभग 15 मिनट तक इसमें शरीर को डुबोकर रखें। बाद में साफ पानी से नहा लें। फायदा होगा।

8. लहसुन और जैतून का तेल (Garlic and olive oil)- लहसुन में एंटीएलर्जिक और एंटीइन्फ्लामेट्री गुण पाये जाते हैं जोकि खुजली से बचाव के साथ साथ त्वचा की एलर्जी और सूजन को कम करने में सहायक होते हैं। लहसुन की कलियों को छोटा-छोटा काट कर जैतून के तेल में डालकर गर्म कर रात भर के लिये रख दें। अगले दिन इस तेल को खुजली पर लगायें और आधा घंटे बाद साफ कर लें।

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9. लहसुन और सरसों का तेल (Garlic and Mustard Oil)- लहसुन की कलियों को छोटा-छोटा काट कर और सरसों के तेल में डालकर तब तक पकायें जब तक लहसुन काला ना पड़ जाये। इसको छान कर ठंडा करलें। इस तेल से शरीर की मालिश करें। 

10. मेथी के बीज (Fenugreek seeds)- मेथी के बीज के मेथनॉलिक अर्क में एंटीइन्फ्लामेट्री गुण पाए जाते हैं जो इंफ्लेमेटरी रोग जैसे एक्जिमा, दाद, के कारण होने वाली सूजन को कम कर  सकते हैं। मेथी के बीजों को एक घंटा पानी में बाद पीस कर पेस्ट बना लें। इस पेस्ट को खुजली पर लगायें। सूख जाने पर धो दें।

11. पेपरमिंट ऑयल (Peppermint Oil)- पेपरमिंट ऑयल  हाइब्रिड पुदीने से बना एसेंशियल ऑयल होता है। आधा कप पानी में दो-तीन बूंद पेपरमिंट ऑयल डाल कर रूई से खुजली वाले स्थान पर लगायें। 

12. गिलोय का जूस सुबह शाम पीने से खुजली और त्वचा विकारों में आराम मिल सकता है। 

13. सरसों के तेल में, तीन ग्राम जीरा और 15 ग्राम सिंदूर को पीसकर पकाएं। इस लेप को खुजली पर लगा लें।

14. चन्दन का तेल खुजली वाले स्थान पर लगायें। आराम मिलेगा। 

15. आक के पत्तों का रस और हल्दी की लुगदी सरसों के तेल में डाल कर गर्म करलें।  ठंडा होने पर खुजली वाली जगह पर  लगायें।

16. पंवार के बीज, सरसों, पिप्पली और सेंधा नमक को कांजी में बारीक पीस लें। इसका लेप खुजली पर लगायें।

Conclusion

दोस्तो, आज के लेख में हमने आपको खुजली का देसी इलाज के बारे में बताया हैं। इसके लक्षण, कारण और निवारण के बारे भी बताया हैं।  आशा है आपको ये पसन्द आयेगा। दोस्तो हमारा आज का यह लेख आपको कैसा लगा।  कृपया अपनी टिप्पणियां (Comments), सुझाव, राय अवश्य भेजिये ताकि हमारा मनोबल बढ़ सके। और हम आपके लिए ऐसे ही Health- Related Topic लाते रहें। धन्यवाद।

Disclaimer- यह लेख केवल जानकारी मात्र है। किसी भी प्रकार की हानि के लिये ब्लॉगर उत्तरदायी नहीं है।  कृपया डॉक्टर/विशेषज्ञ से सलाह ले लें।

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दोस्तो, आज के लेख में हमने आपको खुजली का देसी इलाज के बारे में बताया हैं। इसके लक्षण, कारण और निवारण के बारे भी बताया हैं।
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