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एनपीडी क्या है? – What is NPD in Hindi

एनपीडी क्या है?

स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग पर। दोस्तो, आपके इर्द-गिर्द कुछ ऐसे लोग रहते होंगे जो अपने ही मनोभाव (Attitude) में रहते हैं। अपने को श्रेष्ठ और अन्य लोगों को तुच्छ समझते हैं। ये लोग अपने आप में एक नई दुनियां बना लेते हैं जिसमें इनको, प्रशंसा, चापलूसी करने वाले लोग पसंद आते हैं। ये लोग अपनी अहंकार की मादकता में मदमाये रहते हैं। दोस्तो, दोष इन लोगों का भी नहीं है, वास्तव में ये लोग आत्मकामी व्यक्तित्व विकार (Narcissistic Personality Disorder – NPD) से ग्रस्त होते हैं। एनपीडी मानसिक विकार है जिसमें व्यक्ति अति आत्म मुग्धता के वश में हो जाता है और अपनी सोच के दलदल से निकलना नहीं चाहता। दरअसल यह व्यक्तित्व विकार कई मानसिक स्वास्थ संबंधी विकारों का समूह है। दोस्तो, यही है हमारा आज का टॉपिक “एनपीडी क्या है?”। 

देसी हैल्थ क्लब इस आर्टिकल के माध्यम से आज आपको एनपीडी के बारे में विस्तार से जानकारी देगा और यह भी बताएगा इसका उपचार क्या है। तो, सबसे पहले जानते हैं कि एनपीडी क्या है और इसके क्या कारण होते हैं? फिर इसके बाद बाकी बिंदुओं पर जानकारी देंगे।

एनपीडी क्या है? – What is NPD

एनपीडी यानि नार्सिसिस्टिक पर्सनालिटी डिसऑर्डर (Narcissistic Personality Disorder) एक ऐसा आत्मकामी व्यक्तित्व विकार है जिसे मानसिक स्वास्थ्य विकार की स्थिति के संदर्भ में वर्णित किया जाता है। इसमें व्यक्ति की सोच, मानसिक स्वास्थ्य विकार का रूप ले लेती है जिसमें व्यक्ति अपने आप को अन्य लोगों की तुलना में श्रेष्ठ और अद्वितीय मानता है। 

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इसमें व्यक्ति का आचार, व्यवहार, आत्मसम्मान, अहंकार, आत्मविश्वास, उसके अनुभव यानि वह जो कुछ भी महसूस करता है, आंतरिक अनुभव, बोलचाल का तरीका, उसका एटीट्यूड, उसकी कल्पना, उसकी कार्य प्रणाली आदि सब शामिल हो जाते हैं। ये सब उसकी मानसिकता पर हावी हो जाते हैं और मानसिक स्वास्थ विकार की स्थिति को जन्म देते हैं। इसीलिए एनपीडी को मानसिक विकारों का समूह माना जाता है। वह हमेशा अपनी प्रशंसा सुनना चाहता है, आलोचक उसे बिल्कुल पसंद नहीं आते। 

वह यह समझने लगता है कि वह अपने आप में “कंप्लीट” है उसे कुछ समझने की जरूरत नहीं है और ना ही उसे कोई समझा सकता है। महिलाओं की तुलना में पुरुषों में यह समस्या अधिक होती है। विश्व में लगभग 5 प्रतिशत लोग एनपीडी से ग्रस्त हैं। एनपीडी का कोई तोड़ नहीं है अर्थात् कोई समुचित उपचार नहीं है, केवल मनोचिकित्सकों, मनोवैज्ञानिकों, दवाओं और थेरेपी द्वारा इसका प्रबंधन किया जाता है।

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एनपीडी के कारण – Cause of NPD

एनपीडी के सटीक और प्रमाणिक कारण अज्ञात हैं। विशेषज्ञों के मतानुमान एनपीडी के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं –

  1. बचपन में माता-पिता द्वारा मिली प्रताड़ना, आघात या बुरा बर्ताव।
  2. बचपन में माता-पिता द्वारा बात-बात पर मिली तारीफ़ या आलोचना।
  3. बचपन में शारीरिक या मानसिक आघात, यौन शोषण या दुर्व्यवहार।
  4. बचपन में शोर-शराबा, अत्याधिक तेज आवाज और प्रकाश से परेशानी इनके प्रति अति संवेदनशीलता।
  5. मित्रगणों, संबंधियों, पडोसियों के साथ संबंध।
  6. किसी विशेष क्षेत्र में महारत हासिल कर लेने पर अभिमान हो जाना।
  7. अपेक्षित आत्मसम्मान ना मिल पाना।
  8. तनाव में रहना।
  9. अनुवांशिकता।
  10. मस्तिष्क, सोच और व्यवहार के बीच समुचित तालमेल ना होना।

एनपीडी के लक्षण – Symptoms of NPD

एनपीडीसे ग्रस्त लोगों में निम्नलिखित लक्षण देखे जा सकते हैं –

  1. अतिरंजित भाव, यानि अपने को श्रेष्ठ समझना, भव्य और सर्वोत्तम समझना।
  2. अपने को सबसे सुन्दर मानना।
  3. अपने को अति बुद्धिमान मानना, सफलता की कल्पना में खोए रहना।
  4. अपने कार्यकलापों, उपलब्धियों और क्षमताओं के बारे में ढोल पीटना।
  5. अपनी प्रशंसा सुनने को आतुर रहना यानि ऐसे लोग प्रशंसा के भूखे होते हैं।
  6. आलोचकों से नफ़रत करना। इनको अपनी आलोचना सुनना कतई पसंद नहीं। ये लोग इसे अपनी “शान में गुस्ताखी” समझते हैं।
  7. ये लोग समझते हैं कि वे सब कुछ जानते हैं उनको कुछ भी समझने की जरूरत नहीं है। इसलिये वे किसी की बात सुनने को भी राजी नहीं होते।
  8. ये लोग एक ऐसी सोच पाल लेते हैं कि वे कुछ गलत नहीं कर सकते, वे जो कुछ भी करते हैं ठीक ही करते हैं।
  9. अत्याधिक क्रोध करना। कोई इनकी बात ना माने या इनके आदेश का पालन ना करे तो ये बहुत जल्दी गुस्सा हो जाते हैं।
  10. इनको सुझाव, राय, टिप्पणियां बिल्कुल पसंद नहीं होतीं।
  11. ये दूसरों के बारे में जानने के इच्छुक नहीं होते। इनमें औरों के प्रति सहानुभूति की कमी होती है।
  12. अपने लाभ के लिये ये औरों का नुकसान करने से नहीं चूकते।
  13. ये औरों पर विश्वास नहीं करते।
  14. ये एक ऐसी सोच कायम कर लेते हैं कि “लोग इनकी सफलता से जलते हैं”।

एनपीडी के मानदंड – NPD Criteria

डायग्नोस्टिक एंड स्टैटिस्टिकल मैनुअल ऑफ मेंटल डिसऑर्डर, ने पांचवें संस्करण (DSM-5) एनपीडी के निम्नलिखित नौ मानदंडों का वर्णन किया है। मेडिसिन हेल्थ के अनुसार, एनपीडी के उपचार के लिए कम से पांच लक्षण होने अनिवार्य हैं – 

  1. व्यक्ति में आत्म-महत्व का भाव होना चाहिए।
  2. व्यक्ति अपनी सुंदरता, शक्ति, प्रतिभा, असीमित सफलता, उप्लब्धियों, प्रेम की कल्पनाओं में खोया रहता हो।
  3. अपने आप को विशेष” और “अद्वितीय” मानना और यह समझना कि उनको केवल हाई क्लास वाले लोग या संस्थान ही समझ सकते हैं। या वह व्यक्ति यह समझे कि उसे केवल हाई क्लास वाले लोग या संस्थानों से ही संबंध रखना चाहिए।
  4. व्यक्ति अपनी अत्यधिक प्रशंसा की अपेक्षा रखता है कि हर व्यक्ति उसकी प्रशंसा करे।
  5. अपने को किसी के योग्य समझना यानि उसके मन में पात्रता की भावना होना और इसके लिए अनुचित अपेक्षाएं रखना।
  6. अपने लाभ के लिए दूसरों का इस्तेमाल करना या पारस्परिक रूप से उनका शोषण करना।
  7. दूसरों की भावनाओं को, जरूरतों को समझने, पहचानने का इच्छुक ना होना। दूसरों के प्रति कोई सहानुभूति ना रखना।
  8. दूसरों के प्रति ईर्ष्या रखना या यह समझना ​​कि दूसरे उससे जलते हैं।
  9. अहंकारी होना, घृणित व्यवहार करना।

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एनपीडी की जटिलताएं – Complications of NPD

नार्सिसिस्ट पर्सनैलिटी डिसऑर्डर से पीड़ित लोगों के दैनिक जीवन में कई प्रकार की समस्याएं आती हैं। विभिन्न क्षेत्रों में अनेक जटिलताएं हो सकती हैं। विवरण निम्न प्रकार   है –

  1. ऐसे लोग अंतरंग संबंधों से दूर हो जाते हैं, पारिवारिक संबंधों में कड़वाहट आ जाती है।
  2. सगे संबंधी और मित्रगण भी यह कह कर किनारा कर लेते हैं कि यह तो है ही ऐसा।
  3. कार्यलय स्थल पर अधिकारी और सहयोगी भी उसे तवज्जो नहीं देते। उसे इग्नोर करने की कोशिश करते हैं।
  4. उसका कोई विकल्प तलाश कर लिया जाता है।
  5. एक प्रकार से वे दुनियां से कट जाते हैं और अकेले पड़ जाते हैं।
  6. मुसीबत पड़ने पर कोई भी उसकी मदद को नहीं आता बल्कि उसकी हंसी उड़ाते हैं।
  7. ऐसे लोगों को कहीं से वित्तिय सहायता भी नहीं मिलती।
  8. ऐसे लोगों अपने जीवन में ज्यादातर दुखी रहते हैं।
  9. ये लोग ज्यादातर तनाव और डिप्रेशन में जीते हैं।
  10. ये लोग अपने को आधा-अधूरा महसूस करते हैं क्यों कि इनके अभिमान के चलते कोई इनके दुख में काम नहीं आता। कई बार तो इनमें आत्महत्या करने का विचार आता है।

एनपीडी का निदान – Diagnosing of NPD

दोस्तो, एनपीडी के लिए कोई विशेष टेस्ट नहीं हैं। फिर भी डॉक्टर एनपीडी के निदान के लिए निम्नलिखित विधि अपना सकते हैं –

  1. डॉक्टर, व्यक्ति से मिलकर यह सुनिश्चित करेंगे कि ऊपर बताए गए नौ मानदंडों में से कोई पांच लक्षण उस व्यक्ति में हैं या नहीं। यह सुनिश्चित करने के लिए लंबा समय लगता है, कई सप्ताह या महीने भी।
  2. डॉक्टर व्यक्ति का शारीरिक परीक्षण कर सकते हैं यह पता लगाने के लिए कि कोई शारीरिक की वजह से तो एनपीडी के लक्षण प्रकट नहीं हो रहे हैं।
  3. डॉक्टर मरीज से वार्तालाप करते हैं, उसकी पिछली मेडिकल हिस्ट्री, उसके परिवार के बारे में जानकारी लेते हैं।
  4. डॉक्टर मरीज के व्यवहार, बात करने का तरीका, भाव भंगिमा, शारीरिक भाषा (Body language), उसकी सोच, उसकी मानसिकता और लक्षणों की गंभीरता का विश्लेषण करते हैं।

एनपीडी का उपचार – Treatment of NPD

दोस्तो, एनपीडी के निवारण के लिए कोई विशेष दवा नहीं है, यद्यपि कुछ दवाएं भी दी जा सकती हैं। एनपीडी को मनोचिकित्सक या मनोवैज्ञानिक की मदद से प्रबंधित किया जाता है। विवरण निम्न प्रकार है –

1. दवाएं (Medicines)- चिंता, अवसाद और तनाव के मामले में एंटीडिप्रेसेंट, एंटीसाइकोटिक या मूड स्टेबलाइजर्स दवाएं दी जा सकती हैं।

2. साइकोडायनेमिक थेरेपी (Psychodynamic Therapy)- साइकोडायनेमिक थेरेपी – यह थेरेपी भूतकाल में घटित बुरी घटनाओं और उसके परिणाम स्वरूप होने वाला मानसिक संताप, व्यवहार में परिवर्तन और विघटनकारी सोच आदि को समझने में मदद मिलती है। फिर इसी के अनुसार इनको प्रबंधित करने का प्रयास किया जाता है।

3. कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी (Cognitive Behavioral Therapy)- व्यक्ति की नकारात्मक सोच, अन्य लोगों के प्रति अनुपयोगी तथा अनुचित व्यवहार के रवैये को पहचान कर, उसे रोकने और उसमें परिवर्तन लाने के लिए इस थेरेपी का उपयोग किया जाता है।

4. रेलेशनशिप थेरेपी (Relationship Therapy)- एनपीडी पारिवारिक तथा वैवाहिक बिखराव, टकराव और भावनात्मक संबंधों में दूरी का कारण बनता है। इसलिये इस थेरेपी के माध्यम से रिश्तों में सुधार, प्रेमपूर्ण, सकारात्मक वार्ता-संचार, तथा छोटी-बड़ी समस्याओं का निवारण करने का प्रयास किया जाता है।

Conclusion –

दोस्तो, आज के आर्टिकल में हमने आपको एनपीडी के बारे में विस्तार से जानकारी दी। एनपीडी क्या है, एनपीडी के कारण, एनपीडी के लक्षण, एनपीडी के मानदंड, एनपीडी की जटिलताएं और एनपीडी का निदान, इन सब के बारे में भी विस्तार पूर्वक बताया। देसी हैल्थ क्लब ने इस आर्टिकल के माध्यम से एनपीडी के उपचार के बारे में भी बताया। आशा है आपको ये आर्टिकल अवश्य पसन्द आयेगा।

दोस्तो, इस आर्टिकल से संबंधित यदि आपके मन में कोई शंका है, कोई प्रश्न है तो आर्टिकल के अंत में, Comment box में, comment करके अवश्य बताइये ताकि हम आपकी शंका का समाधान कर सकें और आपके प्रश्न का उत्तर दे सकें। और यह भी बताइये कि यह आर्टिकल आपको कैसा लगा। आप इस पोस्ट को अपने दोस्तों और सगे – सम्बन्धियों के साथ भी शेयर कीजिये ताकि सभी इसका लाभ उठा सकें। दोस्तो, आप अपनी टिप्पणियां (Comments), सुझाव, राय कृपया अवश्य भेजिये ताकि हमारा मनोबल बढ़ सके। और हम आपके लिए ऐसे ही Health-Related Topic लाते रहें। धन्यवाद।

Disclaimer – यह आर्टिकल केवल जानकारी मात्र है। किसी भी प्रकार की हानि के लिये ब्लॉगर/लेखक उत्तरदायी नहीं है। कृपया डॉक्टर/विशेषज्ञ से सलाह ले लें।

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दोस्तो, आज के आर्टिकल में हमने आपको एनपीडी के बारे में विस्तार से जानकारी दी। एनपीडी क्या है, एनपीडी के कारण, एनपीडी के लक्षण, एनपीडी के मानदंड, एनपीडी की जटिलताएं और एनपीडी का निदान, इन सब के बारे में भी विस्तार पूर्वक बताया।
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