आज के समय में व्यक्ति को किसी ना किसी चीज का तनाव रहता ही है। कुछ लोगों को ऑफिस के काम का तो कुछ लोगों को निजी जीवन में चल रहे उथल-पुथल के कारण तनाव हो जाता है। कभी-कभी इस तनाव को संभाल पाना मुश्किल हो जाता है। जब यह तनाव फिजिकल फार्म ले लेता है तो इसे पैनिक अटैक कहते हैं। Panic Attack एक कंडीशन होती है जब व्यक्ति को अचानक से बहुत ज्यादा डर लगने लगता है। इसकी वजह से इंसान को निराशा और घुटन महसूस होने लगती है। इसके संकेत हर व्यक्ति में अलग देखने को मिलते हैं। कभी-कभी यह अटैक व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा देता है। पैनिक अटैक 15 सेकंड से लेकर 1 घंटे की अवधि तक भी रहता है। कहा जाता है कि पैनिक अटैक का अनुभव, किसी व्यक्ति की जिंदगी के सबसे भयावह, कष्टप्रद और असहज अनुभवों में से एक होता है। आज हम आपको पैनिक अटैक के लक्षण और उसके उपचार बता रहे हैं।
पैनिक अटैक क्यों होता है (Why Panic Attack):-
पैनिक अटैक होने की कोई खाश वजह नहीं है , लेकिन ये एंग्जायटी से जुड़ा होता है। डायबिटीज , ब्लड प्रेशर, दिल के मरीज और अस्थमा के मरीजों के लिए इस तरह क अटैक बहुत ही खतरनाक साबित हो सकता है। ऐसी किसी भी परिस्थिति के लिए इन बीमारियों के मरीजों को हमेशा ही तैयार रहना चाहिए।
पैनिक अटैक कई वजहों से हो सकता है। की मामलो में पैनिक अटैक की वजह जैसे :- चिंता ,निराशा , उदासीनता भीं होती है। यह एक तरह का एंग्जायटी डिसऑर्डर है। कई बार किसी तरह का डर और फोबिया भी अटैक का करण बन जाता है।
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पैनिक अटैक आने की क्या वजह है?(What causes panic attacks):-
1. वैसे तो पैनिक अटैक आने की कोई खास वजह नहीं होती लेकिन कई बार यह एंग्जाइटी से जुड़ा हो सकता है।
2. कई मामलों में पैनिक डिस्ऑर्डर की वजह चिंता, निराशा, उदासीनता भी होती है।
3. पैनिक अटैक एक तरह का ‘एंग्जाइटी डिस्ऑर्डर’ है।
4. कई बार किसी तरह के डर व फोबिया की वजह से भी यह अटैक आ सकता है।
5. कई बार शुगर लेवल कम होने की वजह से और किसी दवा के रिएक्शन से भी आ सकता है।
6. हॉर्मोन डिस्ऑर्डर, अस्थमा, धूल मिट्टी से या किसी चीज से एलर्जी और सांस लेने में किसी तरह की परेशानी भी पैनिक अटैक का कारण बनती है।
7. पैनिक अटैक की जांच जरूर कराएं क्योंकि इसके और हार्ट डिजीज के लक्षण एक जैसे होते हैं। दोनों की जांच ईसीजी से की जाती है इसलिए ऐसी किसी भी स्थिति में जांच जरूरी है।
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पैनिक अटैक के कारण (Cause of Panic Attack):-
इसके सही कारण का पता तो अभी तक नहीं चल पाया है पर फिर भी ऐसे कुछ कारण जो इसको बढ़ावा देते हैं वो निम्न हैं-
1. आनुवंशिकता की वजह से पैनिक अटैक की शिकायत हो जाती है।
2. अधिक तनाव जैसे कि किसी प्रिय वस्तु का जुदा हो जाना।
3. नकारात्मक विचारों के प्रति संवेदनशील स्वभाव का होना।
4. मस्तिष्क के काम के हिस्सों में कुछ बदलाव का होना।
5. बचपन में यौन शोषण का होना।
6. एक दर्दनाक घटना की वजह से जिससे गहरा असर पड़ा हो।
7. पैनिक अटैक का पारिवार में इतिहास होना।
पैनिक अटैक के लक्षण(Symptoms of panic attack):-
जो होता है वो अचानक ही हो जाता है। इसके कोई विशेष लक्षण नहीं हैं जिनसे इनके होने के बारे में पता किया जा सके। फिर भी कुछ ऐसे लक्षण हैं जिनके होने से थोड़ा बहुत इस बीमारी के बारे में पता लगाया जा सकता है और वो लक्षण निम्न हैं-
1. खाना निगलने में परेशानी होना।
2. गले में अजीब खिंचाव सा महसूस करना।
3. जी मचलाना, चक्कर आना।
4. सिर में दर्द का होना।
5. छाती में दर्द महसूस करना।
6. पेट में ऐंठन होना।
7. ठंड लगना।
8. सांस फूलना।
पैनिक अटैक का इलाज(Treatment of panic attack):-
पैनिक अटैक के उपचार की वजह से इसके लक्षणों को कम किया जा सकता है। इलाज का मुख्य कार्य ही यही होता है कि पैनिक अटैक के लक्षणों को कम किया जाए। इसके इलाज में निम्न चीज़ें शामिल हैं-
दवाइयों द्वारा इलाज
Panic Attack के इलाज के लिए इस्तेमाल होने वाली दवाओं में एंटीडिप्रेसेंट दवाईयों का इस्तेमाल किया जाता है और उन दवाओं के नाम हैं- सेरट्रलाइन, पेरोक्सेटाइन, फ्लूएक्सेटाइन। इन उपचारो के अलावा आप अपने लक्षणों को कम करने के लिए घर में कुछ उपाय भी कर सकते है। जैसे :- नियमित शेड्यूल बनाये रखना , नियमित आधार पर व्यायाम करना ,प्राप्त नींद लेना , कैफीन जैसी उत्तेजको का उपयोग ना करना।
थेरेपी द्वारा इलाज (Treatment by therapy)
इसके जरिए व्यक्तियोंको अपने विचारों और कार्यों को बदलना सिखाया जाता है। इसकी मदद से व्यक्ति अपने पैनिक अटैक को समझ सकते हैं और अपने भय पर प्रतिबंध लगा सकते हैं।
पैनिक अटैक आने से बचने के लिए खाये
वैज्ञानिकों की माने तो पैनिक अटैक आने पर शरीर फाइट ओर फ्लाइट मोड पर चला जाता है। अब ये अटैक तब आता है जब बेचैनी और कुछ बुरा होने की शंका महसूस होने लगती है। पैनिक अटैक का असर कभी हल्का तो कभी पैनिक डिसऑर्डर या फोबिया के रूप में सामने आता है। ये अटैक 15 सेकेंड से लेकर 1 घंटे तक रहता है। इससे बचने के कुछ घरेलू उपाय आप कर सकते हैं।
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बादाम (Almonds):-
बादाम में पोटैशियम, कैल्शियम और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं जो नर्वस सिस्टम में सुधार करने में मदद करते हैं। बादाम पैनिक अटैक रोकने में भी मदद होती है और 15 बादाम को रातभर पानी में भिगोकर छोड़ दें फिर सुबह बादाम को छीलकर इसका पेस्ट बनाएं और मीठे गर्म दूध में मिलाकर पी जाएं। इससे पैनिक अटैक आने की संभावना कम हो जाती है और ये रोज सुबह औषधि की तरह पिएं।
संतरा (Orange):-
विटामिन्स से भरपूर संतरा पैनिक अटैक को कम करने में काफी मदद करता है। पैनिक अटैक के दौरान न्यूरॉन्स को शांत करने के लिए संतरे का सेवन करने के लिए डॉक्टर्स भी कहते हैं। जिससे आपको काफी फर्क नजर आएगा।
ग्रीन टी (Green Tea):-
ग्रीन टी में एंटीऑक्सीडेंट और पॉलीफिनॉल पाए जाते हैं जो तनाव कम करने में मदद करते है। ये मस्तिष्क की कोशिकाओं और ऊतकों के स्वास्थ्य रखने में मदद करते हैं। पैनिक अटैक से जुड़ा तनाव भी ग्रीन टी पीने से कम करता है। इसलिए अपने रूटीन डाइट में ग्रीन टी को शामिल करें और इसे दिन में कम से कम 2 कप जरूर पिएं।
सालमन मछली (Salmon Fish):-
सालमन मछली में सबसे ज्यादा ओमेगा-3 फैटी एसिड पाया जाता है मस्तिष्क के अलग-अलग हिस्सों में रक्त प्रवाह करने में मदद करता हैं। इसके साथ ही मस्तिष्क के कामकाज की प्रक्रिया तेज होती हैं और दिमाग को पर्याप्त ऑक्सीजन, ग्लूकोज और अन्य महत्वपूर्ण पोषक तत्व मिलते हैं।
पैनिक अटैक आने पर क्या करे
पैनिक डिसॉर्डर का मुख्य कारण तनाव होता है जिसे कंट्रोल करना काफी जरूरी होता है। अगर आप इससे बचना चाहते हैं तो तनाव को खुद पर बिल्कुल हावी नहीं होने दें। इससे बचने के लिए तुरंत खुली जगह पर आंखें बंद करके रिलैक्श महसूस करें।
गहरी सांस लें (Deep Breath):-
तनाव से बचने के लिए सबसे अच्छा तरीका गहरी सांस होती है। इसका एहसास खुली हवा में शांति के साथ बैठकर गहरी और लंबी-लंबी सांस लेना होता है। इससे शरीर और दिल की धड़कने सामान्य होती हैं और खतरा टल जाता है। इसके अलावा पैनिक अटैक जैसा महससू होने पर एक गिलास ठंडा पानी पिएं।
व्यायाम (Exercise):-
अगर पैनिक अटैक आना महसूस हो तो खुद को शांत करके एक जगह लेट जाएं और कुछ भी नहीं सोचें। कुछ मिनट के लिए हल्के से आंखों को बंद करें और अपने दिमाग से सारे ख्याल निकालकर उसे शांत रखें।
विचारों पर कट्रोल (Control of Thoughts):-
पैनिक अटैक की असल वजह दिमाग में बार-बार घूमने वाले नाकारात्मक विचार होते हैं। इनसे बचने के लिए आपको गहरी सांस लेने के साथ ही अपने विचारमंथन को धीमा करना होगा। मन और दिमाग को शांत रखना होगा जिससे नकारात्मक विचार बाहर निकल जाए।
पैनिक अटैक होने पर डॉक्टर को कब दिखाएं
Panic Attack अगर आपको पहली बार आया है, तो आप इसे लेकर डॉक्टर से संपर्क जरूर करें, ताकि इसके दोबारा आने से पहले ही इस पर नियंत्रण हासिल किया जा सके। साथ ही लेख में बताए गए इसके कारण (जैसे चिंता, तनाव और अवसाद) की स्थिति में भी डॉक्टर से संपर्क करना एक अच्छा फैसला होगा। इसके अलावा, पैनिक अटैक के लक्षण भी व्यक्ति को बुरी तरह प्रभावित कर सकते हैं, इसलिए लेख में बताए गए इसके लक्षणों के प्रभाव को कम करने के लिए भी डॉक्टर से संपर्क किया जाना चाहिए।