दोस्तो, स्वागत है आपका हमारे ब्लॉक पर। दोस्तो, प्राचीन काल में आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्यति में रोगी के लक्षण और उसकी नब्ज देखकर रोग का पता चल जाता था और फिर उसी के अनुसार उसका उपचार किया जाता था। आज भी ऐसा ही होता है। परन्तु आज की ऐलोपेथी चिकित्सा पद्यति लगभग पूरी तरह, पूरी तरह नहीं तो 90 प्रतिशत जांच (Test) पर आधारित है। यानी यदि मामूली सा बुखार भी आ जाता है तो डॉक्टर इसकी भी जांच करवाते हैं। बड़ी बीमारियों का तो कहना ही क्या?, उनमें डॉक्टर्स के अनुसार अनेक प्रकार के टेस्ट करवाना जरूरी होता है, तभी आपको समुचित उपचार मिल पाता है। दोस्तो, आपको याद होगा कि हमने अपने पिछले आर्टिकल “फैटी लिवर को ठीक करने के देसी उपाय“ में लिवर और फैटी लिवर के बारे में विस्तृत जानकारी दी थी। और यह भी बताया था कि लिवर 300 से अधिक कार्य करता है जिनमें भोजन को पचाना, शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालना, कार्बोहाइड्रेट्स के ब्रेकडाउन और ग्लूकोज को बनाने का काम करना, शरीर को संक्रमण से बचाना, ब्लड शुगर को नियंत्रित रखना, फैट को कम करना आदि प्रमुख हैं। दोस्तो, हमारा आज का टॉपिक लिवर नहीं है और ना ही इससे जुड़ी किसी बीमारी का उपाय बल्कि आज हमें यह जानना है कि यदि शरीर के इस महत्वपूर्ण अंग लिवर में कुछ समस्या आती है तो इसका पता कैसे चलेगा। जी हां, इसका पता हमें लिवर फंक्शन टेस्ट के द्वारा चलता है। इसके लिये दो प्रमुख टेस्ट करवाये जाते हैं – एसजीओटी (SGOT)और एसजीपीटी (SGPT)। दोस्तो, यही है हमारा आज का टॉपिक “SGOT और SGPT क्या है?”। देसी हैल्थ क्लब आज के इस लेख के माध्यम से आपको एसजीओटी और एसजीपीटी के बारे में विस्तार से जानकारी देगा और यह भी बतायेगा कि ये टेस्ट करवाने की जरूरत क्यों पड़ती है। एसजीओटी टेस्ट क्यों किया जाता है। फिर इसके बाद बाकी बिन्दुओं पर जानकारी देंगे।
SGOT क्या है? – What is SGOT
एसजीओटी से पूरा बनता है सीरम ग्लूटामिक ऑक्सालोएसेटिक ट्रांसएमिनेस (Serum Glutamic Oxaloacetic Transaminase – SGOT)। इसे एस्पार्टेट ट्रांसएमिनेस (Aspartate Transaminase AST) भी कहा जाता है। यह एक एंजाइम (Enzyme) है जो लिवर में पाया जाता है। लिवर को जब भी कोई चोट पहुंचती है तो यह एंजाइम रक्त में पहुंच जाता है। इसीलिये, लिवर से जुड़ी बीमारियों में यह एसजीओटी एंजाइम पाया जाता है।
SGOT कितनी होनी चाहिये? – What should be the SGOT?
एसजीओटी की नॉर्मल रेंज निम्न प्रकार है –
1. पुरुष : 8 से 40 यूनिट प्रति लीटर (U/L)
2. महिला : 6 से 32 यूनिट प्रति लीटर (U/L)
यहां देसी हैल्थ क्लब यह स्पष्ट करना चाहता है कि अलग-अलग प्रयोगशालाओं में यह वेल्यू थोड़े बहुत काम ज्यादा हो सकते है।
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SGOT की वैल्यू (Level) कब बढ़ती है? – When does the value of SGOT Increase?
निम्नलिखित मामलों में एसजीओटी की वैल्यू बढ़ जाती है। लेकिन यह वैल्यू लिवर रोग की तुलना में, इन केसों में ज्यादा नहीं बढ़ती –
1. एसजीओटी की वैल्यू हेपेटाइटिस अर्थात् अक्यूट हेपेटाइटिस (Acute Hepatitis) में जैसे की वायरल हेपेटाइटिस बी सी ए में बढ़ती है।
2. बैक्टीरियल हेपेटाइटिस, मलेरिया हेपेटाइटिस (Malarial Hepatitis) या क्रोनिक हेपेटाइटिस में बढ़ जाती है।
3. लिवर सिरोसिस (Liver Cirrhosis) या लिवर का कैंसर होने पर लिवर में रक्त की आपूर्ति न होने पर यह वैल्यू बढ़ जाती है।
4. हेपेटोटॉक्सिक ड्रग्स जैसे दर्द की दवाईयां नॉन स्टेरिओडल एंटीइंफ्लेमेट्री ड्रग्स (NSAID), हेपेटोटॉक्सिक ड्रग्स जैसे एच आई वी की दवा, टी बी की दवाऐं, कीमोथेरपी की दवा आदि के प्रभाव से यह वैव्यू बढ़ती है।
5. स्टेरॉयड लेने और कोलेस्ट्रॉल कम करने वाले ड्रग्स लेनेपर एसजीओटी की मात्रा को बढ़ जाती है।
6. हृदय, गुर्दे और दिमाग से जुड़ी बीमारियों में भी इसकी मात्रा बढ़ जाती है क्योंकि, इन अंगों में भी एसजीओटी एंजाइम कुछ मात्रा में पहुंच जाते हैं।
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7. मांसपेशियों के चोटिल हो जाने पर इसकी वैल्यू बढ़ जाती है।
8. हृद्पेशीय रोधगलन (Myocardial Infarction) होने पर इसकी वैल्यू बढ़ जाती है।
9. गर्भावस्था में इसकी वैल्यू अपने आप बढ़ जाती है।
10. ज्यादा जल जाने पर भी इसकी मात्रा बढ़ जाती है।
SGOT टेस्ट क्यों किया जाता है? – Why is the SGOT Test Done?
एसजीओटी टेस्ट लिवर फंक्शन टेस्ट (LFT) का ही एक प्रकार है। एसजीओटी एंजाइम रक्त के माध्यम से कुछ मात्रा में, लिवर के अतिरिक्त भी हृदय, कंकाल की मांसपेशियों, दिमाग में भी पहुंच जाते हैं, इसलिये एसजीओटी टेस्ट लिवर फंक्शन टेस्ट के साथ कराने की सलाह दी जाती है। लिवर को यदि किसी प्रकार की हानि होती है या चोट पहुंचती है या कोई बीमारी होती है तो रक्त में एसजीओटी एंजाइम की वैल्यू बढ़ जाती है जो लिवर की बीमारी होने का संकेत देती है। इस टेस्ट के द्वारा लिवर की बीमारियों का पता लगाया जाता है। बीमारियां किस प्रकार की हैं और उनमें अंतर क्या है और लिवर कितना खराब हुआ है, यह सब जानने के लिये यह टेस्ट किया जाता है।
SGOT टेस्ट किन परिस्थितियों में किया जाता है? – Under what Circumstances is the SGOT Test Done?
एसजीओटी टेस्ट निम्नलिखित परिस्थितियों में किया जाता है –
1. पीलिया के लक्षण प्रकट होने पर जैसे त्वचा और आंखों का रंग पीला पड़ जाना, पेशाब में अधिक पीलापन आ जाना आदि।
2. पेट में लंबे समय से दर्द की शिकायत। जी मिचलना, उलटी होना।
3. पेट में सूजन।
4. अनीमिया अर्थात् शरीर में रक्त की कमी।
5. हेपेटोटॉक्सिक की दवाई के चलते कोई लिवर की समस्या/हानि।
6. मोटापा।
7. डायबिटीज के केस में।
8. अधिक शराब पीने के कारण लिवर की समस्या।
और कितने टेस्ट? – And how many tests?
1. यदि टेस्ट में एसजीओटी एंजाइम की वैल्यू बढ़ी हुई आती है तो सोनोग्राफी की जाती है और जमावट परीक्षण (Coagulation Study) भी किया जा सकता है। जमावट परीक्षण रक्त के थक्के बनने की क्षमता को मापते हैं, और थक्का बनने में कितना समय लगता है, यह भी पता चल जाता है।
2. लिवर की बीमारी को कन्फ़र्म करने के लिये एसजीओटी टेस्ट के साथ एसजीपीटी (SGPT) टेस्ट कराने को कहा जाता है। सीरम बिलीरुबिन (Serum Bilirubin), टोटल प्रोटीन और अल्कालिन फॉस्फेट (Alkaline Phosphatase) टेस्ट कराने की सलाह दी जाती है।
SGPT क्या है? – What is SGPT?
दोस्तो, एसजीपीटी भी एक प्रकार का एंजाइम है जिसे सीरम ग्लूटामेट पाइरूवेट ट्रांसएमिनेस Glutamate Pyruvate Transaminase) के नाम से जाना जाता है। इसे एलानिन ट्रांसएमिनेस (Alanine Transaminase – ALT) भी कहा जाता है। यह एंजाइम लिवर और हृदय में अधिक मात्रा में और शरीर अन्य ऊतकों में बहुत ही कम मात्रा में पाया जाता है। जिन कोशिकाओं में यह एंजाइम होता है यदि वे क्षतिग्रस्त हो जायें तो यह रक्त में मिल जाता है।
SGPT कितना होना चाहिए? – What should be the SGPT?:
दोस्तो, एसजीपीटी की नॉर्मल रेंज 7 से 56 यूनिट प्रति लीटर मानी जाती है।
SGPT टेस्ट क्यों किया जाता है? – Why is the SGPT Test Done?
1. दोस्तो, एसजीपीटी टेस्ट भी लिवर फंक्शन टेस्ट का ही एक प्रकार होता है। एसजीओटी के साथ ही एसजीपीटी टेस्ट करवाने की सलाह इसलिये दी जाती है ताकि लिवर से संबंधित बीमारी कंफ़र्म हो सके, यह हमने ऊपर भी बताया है। अंदरूनी अंगों और ऊतकों संबंधी समस्याओं की जांच करने के लिये भी यह टेस्ट किया जाता है। एसजीपीटी टेस्ट के द्वारा यह पता लगाया जाता है कि रक्त में ग्लूटामेट पाइरूवेट ट्रांसएमिनेस (GPT) का स्तर सामान्य है, सामान्य से कम है या सामान्य से अधिक है।
2. एसजीपीटी टेस्ट सिरोसिस और हेपेटाइटिस जैसी बीमारियों के लिये किया जाता है जो की शराब, ड्रग्स के सेवन करने से और वायरस के कारण होते हैं जोकि लिवर की बीमारियों के विशेष कारक होते हैं।
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3. लिवर में हुई क्षति की जांच के लिये, यह टेस्ट जरूरी होता है।
4. यह भी पता लगाया जाता है कि कोलेस्ट्रॉल कम करने वाली दवाईयों या अन्य प्रकार की दवाईयों से लिवर को कितनी और किस प्रकार की क्षति हुई है।
SGPT टेस्ट किन परिस्थितियों में किया जाता है? – Under what Circumstances is the SGPT Test Done?
1. यह हम पहले ही बता चुके हैं कि एसजीओटी टेस्ट के साथ ही लिवर की बीमारी को कंफ़र्म करने के लिये यह टेस्ट रिक्मंड किया जाता है।
2. जिन लोगों को लिवर से जुड़ी कोई बीमारी हो चुकी है उनका तो यह टेस्ट होगा ही, इसके अतिरिक्त जिन लोगों में लिवर की बीमारी होने की संभावना है उनका टेस्ट जरूरी हो जाता है। जैसे कि शराब अधिक पीने के कारण पेट में “कुछ” तकलीफ़ होती है तो इस “कुछ” को खंगालने के लिये यह टेस्ट किया जाता है।
3. लिवर का आकार बढ़ने पर यह टेस्ट जरूरी है।
4. भूख में कमी होने पर।
5. शरीर में कमजोरी महसूस होना।
6. बाकी वही परिस्थितियां जिनके लिये एसजीओटी टेस्ट किया जाता है जैसे कि –
(i) पेट में लंबे समय से दर्द की शिकायत।
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(ii) जी मिचलना, उलटी होना।
(iii) पेट में सूजन।
(iv) त्वचा और आंखों का पीलापन।
(v) पेशाब का रंग अधिक पीला हो जाना।
(vi) मोटापा।
(vii) डायबिटीज के केस में।
Conclusion –
दोस्तो, आज के लेख में हमने आपको SGOT और SGPT क्या है? के बारे में अलग-अलग विस्तार से जानकारी दी। एसजीओटी क्या है, एसजीओटी कितनी होनी चाहिये, एसजीओटी की वैल्यू (Level) कब बढ़ जाती है, एसजीओटी टेस्ट क्यों किया जाता है, एसजीओटी टेस्ट किन परिस्थितियों में किया जाता है, और कितने टेस्ट होते हैं, इन सब के बारे में भी विस्तार पूर्वक बताया। देसी हैल्थ क्लब ने इस लेख के माध्यम से यह भी बताया कि एसजीपीटी क्या है, एसजीपीटी कितना होना चाहिये, एसजीपीटी टेस्ट क्यों किया जाता है और एसजीपीटी टेस्ट किन परिस्थितियों में किया जाता है। आशा है आपको ये लेख अवश्य पसन्द आयेगा।
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Disclaimer – यह लेख केवल जानकारी मात्र है। किसी भी प्रकार की हानि के लिये ब्लॉगर/लेखक उत्तरदायी नहीं है। कृपया डॉक्टर/विशेषज्ञ से सलाह ले लें।
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sir ,
meri sgpt, reports 56.3, & sgot 62.7 h please bataye inko kam karne k liye kyakarna chahiye ,,