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फैटी लीवर को ठीक करने के घरेलू उपाय – Home Remedies to Fatty Liver in Hindi

दोस्तो, आपका स्वागत है हमारे ब्लॉग पर।हमारा आज का टॉपिक है फैटी लिवर।आज के लेख में हम आपको फैटी लिवर के विषय में जानकारी देंगे।लिवर और फैटी लिवर क्या होता है।लिवर का काम क्या होता है, फैटी लिवर के क्या लक्षण होते हैं और फैटी लीवर को ठीक करने के घरेलू उपाय क्या हैं? इन सभी बातों पर प्रकाश डालेंगे।

सबसे पहले समझते हैं कि लिवर क्या होता है?

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फैटी लीवर को ठीक करने के घरेलू
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लिवर क्या है? – What is Liver

दोस्तो, हमारे शरीर के बड़े और महत्वपूर्ण अंगों में से लिवर भी बहुत महत्वपूर्ण अंग है।यह पेट के दाहिने तरफ, ऊपरी भाग में, मध्यपट यानि डायाफ्राम (diaphragm) के नीचे होता है।यह 2.5 से 3 पाउण्ड के वजन का हो सकता है।

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लिवर के कार्य – Liver Function

दोस्तो, हमारे शरीर में लिवर मुख्य रूप से भोजन को पचाने के अतिरिक्त, लगभग 300 प्रकार के कार्य करता है।जानते हैं इसके मुख्य कार्यों को जो इस प्रकार हैं –

1. भोजन को पचाना.

2. शरीर को डिटॉक्सिफाई करने का काम करता है।अर्थात् शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालना.

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3. कार्बोहाइड्रेट्स के ब्रेकडाउन और ग्लूकोज को बनाने का काम करता है.

4. शरीर को संक्रमण से बचाना.

5. ब्लड शुगर को नियंत्रित रखना.

6. फैट को कम करना.

7. प्रोटीन बनाना – लिवर प्रोटीन को बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। चूंकि भोजन से शरीर में पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन की जरूरत पूरी नहीं होती इसलिये लिवर प्रोटीन बनाता है.

8. लिवर, एंजाइमों और रसायनों को रक्त के थक्के बनाने में सहायता करता है, जो कि रक्तस्राव को रोकने के लिए आवश्यक होते हैं।वर्ना लिवर के अस्वस्थ होने पर रक्तस्राव आसानी से हो सकता है.

9. लिवर की हार्मोन के टूटने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका होती है।यह एस्ट्रोजेन को तोड़कर पित्त (bile) को बनाता है जो आंतों में उत्सर्जन के लिए प्रवेश करती है।यदि लिवर अधिक काम करता है तब यह एस्ट्रोजेन ठीक से स्रावित नहीं करेगा जिसकी वजह से मासिक धर्म में ऐंठन आदि की समस्या हो सकती है।और यदि लिवर एण्ड्रोजन हॉर्मोन को सही नहीं तोड़ता तो है पुरुषों में बालों का झड़ना, गंजापन जैसे विकार हो सकते हैं.

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10. लिवर, प्लाज्मा ग्लूकोज और अमोनिया के स्तर को नियंत्रित करता है।वर्ना hepatic encephalopathy नामक बीमारी होने की आशंका हो सकती है जिसमें व्यक्ति के कोमा में जाने का खतरा होता है।

फैटी लिवर क्या है? – What is Fatty Liver

दोस्तो अब जानते हैं फैटी लिवर के बारे में कि फैटी लिवर क्या होता है।लिवर की कोशिकाओं में कुछ मात्रा में वसा यानि फैट (Fat) होती है जोकि सामान्य बात है।परन्तु, यदि वसा की मात्रा लिवर के भार से 10% ज्यादा हो जाये तो यह फैटी लिवर कहलाता है।यह स्थिति 40 से 60 वर्ष की आयु के बीच होती है।आज के दौर में असमान्य जीवन शैली और अनियमित व असमय खानपान के कारण “फैटी लिवर” आम समस्या बन चुका है।इसका समय रहते पता चलने पर इलाज करा लेना चाहिये वर्ना भविष्य में लिवर खराब हो सकता है जो बेहद गंभीर समस्या है.

फैटी लिवर के प्रकार – Types of Fatty Liver

फैटी लिवर दो प्रकार का होता है –

1. एल्कोहलिक फैटी लिवर (Alcoholic fatty liver) – शराब का निरन्तर और अत्यधिक सेवन करने से लिवर पर फैट जमा होने लगता है और सूजन आ जाती है।इसे एल्कोहलिक फैटी लिवर का साधारण प्रकार माना जाता है।यह शराब के सेवन की आरम्भिक स्थिति में उत्पन्न होता है.

2. नॉन एल्कोहलिक फैटी लिवर (Non-Alcoholic fatty liver ) – यह फैटी लिवर का अन्य प्रकार माना जाता है जोकि सूजन के कारण बनता है।जो शराब का सेवन नहीं करते लेकिन उच्च वसायुक्त भोजन करते हैं और अनुचित/असमान्य जीवनशैली व्यतीत करते हैं उनको यह फैटी लिवर होने की पूरी संभावना होती है।इसके मधुमेह, उच्च रक्तचाप।मोटापा, आदि कारण भी होते हैं।

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दोस्तो, नॉन एल्कोहलिक फैटी लिवर के चार चरण (Stages) होते हैं जो इस प्रकार हैं –

       (i)   सामान्य फैटी लिवर/ स्टियाटोसिस (Normal fatty liver and steatosis)- इस चरण में लिवर के आसपास वसा जमा होती चली जाता है परन्तु किसी प्रकार सूजन नहीं होती।और ना ही इसके कोई लक्षण नजर आते हैं।इसकी पहचान केवल मेडिकल टेस्ट के माध्यम से ही जा सकती है।इसको Simple Fatty Liver भी कहा जाता है।यह आरंभिक चरण होता है जिसे उचित खानपान के माध्यम से ठीक किया जाता है.

       (ii) नॉन-एल्कोहलिक स्टियाटोहेपेटाइटिस (Non-alcoholic steatohepatitis) – इस चरण में  लिवर में वसा जमे होने के साथ-साथ सूजन भी आती है।इस अवस्था में मेडिकल सहायता की आवश्यकता पड़ती है। सूजन आने पर लिवर क्षतिग्रस्त ऊतकों Tissues  को ठीक करने की कोशिश करता है, Tissues की संख्या को देखते हुए अपनी गति के अनुसार।अर्थात् जितने ज्यादा खराब Tissues होंगे उतनी तेजी से लिवर ठीक करेगा।इस प्रक्रिया में सूजन वाले Tissues में घाव हो जाता है।और जब वे विकसित होने लगते है तब फिब्रोसिस यानि तीसरे चरण की स्थिति आती है। 

       (iii) फिबरोसिस (Fibrosis) – इस अवस्था में, लिवर में सूजन और उसके आस-पास के ब्लड सेल्स या रक्तवाहिकाओं में स्थायी रूप से घाव वाले Tissues जमा हो जाते हैं लेकिन फिर भी लिवर कुछ हद तक सामान्य रूप से काम करता रहता है।इस स्थिति में इलाज के जरिये भविष्य में होने वाली लिवर की क्षति होने से रोका जा सकता है और जो क्षति हो चुकी होती है, वह सामान्य अवस्था प्राप्त कर सकती है।इस प्रक्रिया में समय लग जाता है जिससे लिवर की कार्य प्रणाली प्रभावित होती है और फिर आरम्भ होता है अंतिम चरण यानि सिरोसिस।

       (iv) सिरोसिस (Cirrhosis) – यह फैटी लिवर का अंतिम और सबसे खतरनाक चरण होता है।इस अवस्था में तक पहुँचने तक 3-4 वर्ष लग जाते हैं।तो बेहतर है कि लिवर की पहली या दूसरी stage पर ही इलाज करा लिया जाये।इस अवस्था में लिवर के जिन Tissues में घाव हो जाता है उनको हटाना मुश्किल होता है।लिवर सिकुड़ जाता है और सामान्य रूप से काम करना बंद कर देता है।वह खराब हो जाता है। त्वचा में और आंखों में पीलापन दिखने लगता है।इस स्थिति में केवल लिवर ट्रांसप्लांट ही विकल्प रह जाता है।

फैटी लीवर के लक्षण – Symptoms of Fatty Liver

1. वजन का घटना (Weight Loss)- लिवर में ज्यादा वसा जमा हो जाने पर पाचन प्रक्रिया प्रभावित होती है। लिवर भोजन को सही से पचा नहीं पाता।और भोजन से मिलने वाले पोषक तत्वों की कमी हो जाती है।परिणाम स्वरूप वजन तेजी से कम होने लगता है।यह  फैटी लिवर का बहुत बड़ा लक्षण होता है। 

2. थकावट/कमजोरी महसूस होना/चक्कर आना (Feeling of weakness)- शरीर में थकावट रहना, कमजोरी महसूस करना और कभी चक्कर आ जाना भी फैटी लिवर की ओर संकेत करते हैं।शुरु शुरु में तो यह सामान्य लग सकता है परन्तु यदि चक्कर आने का सिलसिला लगातार चले तो टैस्ट करवाना चाहिये।ये फैटी लिवर के लक्षण हो सकते हैं.

3. भूख न लगना (Loss of appetite)- अचानक यदि भूख कम हो जाये या ना लगने की शिकायत रहती हो तो डॉक्टर से परामर्श करना चाहिये।क्योंकि इससे शरीर की ऊर्जा कम होने लगती है।यह साफ तौर पर फैटी लिवर का लक्षण हो सकता है। 

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4. पेट में दर्द रहना (Stomach Ache)- यदि पेट के दायीं ओर थोड़ा बीच में दर्द रहता है तो यह फैटी लीवर का लक्षण हो सकता है।डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिये।

5. पेट की समस्या (Stomach Problems)- चूंकि फैटी लिवर पाचन प्रक्रिया को प्रभावित करता है।इसलिये यदि पेट दर्द के अलावा पेट से जुड़ी अन्य समस्यायें महसूस की जा रही हों तो ये फैटी लिवर के लक्षण हो सकते हैं.

6.आंखों/त्वचा का पीला होना (Yellowing of skin)- फैटी लिवर का यह प्रमुख लक्षण है। आंखों में पीलापन उतर आना या त्वचा का पीला पड़ना फैटी लिवर का संकेत हो सकता है।इसे पीलिया समझकर हल्के में नहीं लेना चाहिये।डॉक्टर की सलाह पर टैस्ट करवाना चाहिये.

7.उल्टी होना (Vomit)- उल्टी होने की शिकायत को भी हल्के में लेकर लापरवाही नहीं बरतनी चाहिये।डॉक्टर से सलाह ले लेनी चाहिये।ताकि, यदि यह फैटी लिवर का लक्षण है तो समय रहते इसका उपचार किया जा सके।

फैटी लिवर के कारण – Cause of Fatty Liver

दोस्तो, फैटी लिवर के लक्षण जानने के बाद अब नजर डालते हैं फैटी लिवर के कारणों पर जो निम्न प्रकार हैं –

1. मोटापा (Obesity)-  विशेषज्ञों के अनुसार मोटापा फैटी लिवर होने की संभावना को बढ़ा कर इस समस्या को और ज्यादा गंभीर बना सकता है.

2.हाई ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure)- हाई ब्लड प्रेशर फैटी लिवर की वजह बन सकता है।

3. हाई कोलेस्ट्रॉल(High Cholesterol)– हाई कोलेस्ट्रॉल को नियन्त्रित किया जाना चाहिये।यह फैटी लिवर की समस्या को गंभीर बना सकता है।

4. डायबिटीज (Diabetes)- डायबिटीज भी फैटी लिवर की संभावना को बढ़ा सकती है।कई मामलों में फैटी लिवर ही खून में शुगर की मात्रा को अधिक बनाने का कारण बन जाता है.

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5. वजन कम करना (Reduce Weight)- कई लोग तेजी से वजन कम करने के चक्कर में पोषक और संतुलित भोजन त्याग देते हैं।इस कारण पाचन प्रक्रिया प्रभावित होकर लिवर पर बहुत बुरा असर डालती है।जिससे फैटी लिवर के शिकार होने की संभावना बढ़ जाती है।

6. खून में वसा अधिक होना (Excess of Blood Fat)- खून में वसा की मात्रा बढ़ने से फैटी लिवर होने की संभावना बन जाती है।

7. गैस्ट्रिक बाईपास सर्जरी (Gastric Bypass Surgery)-  विशेषज्ञों के अनुसार गैस्ट्रिक बाईपास सर्जरी के बाद कई मरीज़ों में फैटी लिवर की समस्या को नोटिस किया गया है.

8. ज्यादा कैलोरी/वसा लेने से (More Calories)- ज्यादा वसा या ज्यादा कैलोरी वाले भोजन से लिवर में ज्यादा वसा का भंडारण (Storage) होता है जिससे लिवर के फैटी लिवर बनने की संभावना  बन जाती है.

9. शराब का सेवन (Alcohol abuse)- शराब का निरन्तर और अधिक मात्रा में सेवन करने के कारण भी लिवर फैटी हो जाता है।कई लोगों का लिवर शराब के कारण पूरी तरह डैमेज़ होते देखा गया है।

10. दवाओं का असर(Effect of Drugs)- कुछ विशेष दवाएं जैसे कि कैल्शियम चैनल ब्लॉकर्स, कैंसर ड्रग्स आदि की वजह से लिवर के फैटी होने की संभावना  बन जाती है.

फैटी लीवर को ठीक करने के घरेलू उपाय – Home Remedies to Fatty Liver 

दोस्तो, फैटी लिवर के लक्षण और कारण जानने के बाद अब आपको बताते हैं कुछ देसी उपाय जिनसे लिवर को ठीक किया जा सकता है, जो इस प्रकार हैं –

1. कॉफी (Coffee)- दोस्तो, कॉफी लिवर में इकट्ठा हुऐ फैट को खत्म करती है।यह क्रॉनिक लिवर रोग और कैंसर के खतरे को कम करने मददगार होती है।अतः फैटी लिवर से पीड़ित व्यक्तियों के लिये कॉफी का सेवन बहुत लाभकारी है।हो सके तो ब्लैक कॉफी पायें.

2. ग्रीन-टी फैटी (Green tea)- ग्रीन टी में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होते हैं।इसके अतिरिक्त इसमें पॉलीफिनोल्स (ऑर्गेनिक केमिकल्स) भी होते हैं जो, विशेषज्ञों के अनुसार, लिवर संबंधित खतरे को कम करने में मदद करते हैं।अतः ग्रीन टी को अच्छी तरह उबाल कर दिन में 2 से 3 बार पीयें।चाहें तो इसमें शहद भी मिला सकते हैं।

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3. आंवला (Gooseberry)- आंवला के गुणों को कौन नहीं जानता।इसके एंटी-ऑक्सीडेंट्स गुण और विटामिन-सी लिवर की कार्य प्रणाली को तेज करते हैं।स्वास्थ विशेषज्ञों के अनुसार 3-4 कच्चे आंवला प्रतिदिन खाने चाहियें।आंवला का मुरब्बा भी खा सकते हैं।आंवला का जूस या चटनी का सेवन भी फैटी लिवर वालों को फायदा पहुंचायेंगे।आंवला के जूस में एक चम्मच शहद भी मिला सकते हैं।आंवला का पाउडर (चूर्ण) दिन में तीन बार लें।बहुत जल्दी लिवर के रोगों में आराम मिलेगा.

4. दलिया (Oatmeal)- फैटी लिवर से पीड़ित व्यक्तियों के लिये दलिया बहुत फायदेमंद है।यह पचने में बहुत आसान होता है।यह पेट से सम्बंधित समस्यायों में फायदा पहुंचाता है और पाचन क्रिया को मजबूत करता है।

5. हल्दी वाला दूध (Turmeric milk)- हल्दी केवल मसाला ही नहीं अपितु औषधी भी है।इसके औषधीय गुण लिवर से सम्बंधित रोगों में रामबाण की तरह काम करते हैं। इसमें एंटी-इन्फ्लामेट्री, एंटी-ऑक्सीडेंट्स, एंटी-फंगल, एंटी-वायरल, एंटी-बैक्टीरियल आदि अनेक गुण होते हैं जो स्वास्थ के लिये फायदेमंद होते हैं।दूध में थोड़ी सी हल्दी मिलाकर पीयें।

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6. गिलोय (Giloy)- गिलोय आयुर्वेदिक जड़ी बूटी होती है जिसमें अद्भुत औषधीय गुण होते हैं।यह लिवर से जुड़ी समस्याओं में बहुत लाभकारी होती है। फैटी लिवर से पीड़ित व्यक्तियों के लिये तो बेहद फायदेमंद है।यह लिवर से विषाक्तता को बाहर निकालती है और पाचन प्रक्रिया को मजबूत करती है।

7. सेब का सिरका (Apple Vinegar)-  सेब का सिरका अनेक रोगों के उपचार में काम आता है।फैटी लिवर के उपचार में तो यह उत्तम उपाय माना जाता है।यह एसिटिक एसिड से भरपूर होता है जो उपापचय (Metabolism) की क्रिया को तेज करके अतिरिक्त फैट को गला देता है।इसके एंटीटॉक्सिन गुण लिवर के विषैले पदार्थों को दूर करते हैं।रोजाना दिन में दो बार एक गिलास गर्म पानी में एक चम्मच सेब का सिरका और एक चम्मच शहद मिलाकर पीयें। 

8. नींबू (Lemon)- दिन में दो बार एक गिलास गर्म पानी में नींबू निचोड़ कर पीयें।नींबू को सलाद में मिलाकर भी सेवन करें।इसमें पाये जाने वाला सिट्रिक एसिड एंटीऑक्सीडेंट के रूप में काम करता है जो फैटी लिवर के समय होने वाली ऑक्सीडेशन प्रक्रिया को रोकने में मदद करता है.

9. संतरा (Orange)- नींबू  की भांति संतरा भी विटामिन-सी से भरपूर होता है।फैटी लिवर के उपचार के लिये इसे अपने भोजन में सम्मलित करें।सन्तरे का जूस पीयें।

10. करेला (Bitter Gourd)- स्वास्थ विशेषज्ञों के अनुसार करेला में इन्फ्लामेशन और ऑक्सीडेटिव तनाव को रोकने के अद्भुत गुण होते हैं और इसमें फैटी लिवर को बढ़ाने वाले लिपिड को नियंत्रित करने की क्षमता होती है।अतः करेले का उपयोग फैटी लिवर के उपचार में बहुत लाभकारी माना जाता है।चाहे करेले की सब्जी खायें या करेले का जूस पीयें।करेले के जूस में नींबू का रस और नमक भी मिला सकते हैं। 

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11. छाछ (Buttermilk)- छाछ में नमक, जीरा, काली मिर्च, और हींग मिलाकर भोजन के साथ सेवन करें.

12. जामुन (Java Plum)- जामुन भी फैटी लिवर के उपचार में बहुत फायदेमंद होती है। सुबह खाली पेट लगभग 200 ग्राम जामुन खायें। 

13. टमाटर (Tomatoes)- कच्चे टमाटर फैटी लिवर को ठीक करने में बहुत मददगार होते हैं।टमाटर  कच्चे, पक्के जैसे भी मिलें, किसी भी रूप में खाइये।ये फैटी लिवर में फायदा ही करेंगे।विशेषतौर पर इसमें पाये जाने वाला लाइकोपीन (lycopene) नामक तत्व शराब से होने वाली सूजन और लिवर की हो चुकी खराबी को ठीक करने में मददगार होता है।

14. अदरक (Ginger)- अदरक में फैटी लिवर में वसा को तोड़ने वाले एंटीऑक्सीडेंट और हाइपोलिपिडेमिक प्रभाव पाये जाते हैं।इसलिये अदरक का उपयोग फैटी लिवर में फायदेमंद माना जाता है।अदरक के एक टुकड़े को एक कप गर्म पानी में दस मिनट के लिये छोड़ दें।फिर इसमें थोड़ा सा शहद मिलाकर पीयें।दिन में 3-4 बार पी सकते हैं।फायदा होगा।

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15. व्हीट ग्रास (Wheatgrass)- स्वास्थ विशेषज्ञों की एक शोध के अनुसार फैटी लिवर से पीड़ित व्यक्तियों के लिये व्हीट ग्रास का सेवन बहुत लाभदायक है।इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण शराब के कारण उत्पन्न फैटी लिवर की समस्या को दूर करने में मददगार होते हैं।व्हीट ग्रास और एक गिलास पानी को ग्राइंडर में डालकर  ग्राइंड करके इसमें बिना कुछ मिलाये पीयें ।दिन में दो या तीन बार पी सकते हैं।

16. प्याज (Onion) – स्वास्थ विशेषज्ञों की शोध के अनुसार प्याज में कुछ ऐसे विशेष तत्व होते हैं जो फैटी लिवर के खतरे को कम करते हैं। प्याज का सेवन फैटी लिवर के उपचार में लाभदायक हो सकता है।अतः अपने भोजन में प्याज का सेवन करें।वैसे भी प्याज औषधीय गुणों से सम्पन्न होती है.

17. अलसी के बीज (Flaxseed seeds)- अलसी के बीजों में मौजूद विशेष तत्व फैटी लिवर को ठीक करने में सहायता करते हैं।अलसी के बीजों के पाउडर को एक गिलास गर्म पानी में डालकर, थोड़ा नींबू का रस और शहद मिलाकर पीयें।दिन में दो या तीन बार पी सकते हैं.

18. पपीता (Papaya)- पपीता में पाये जाने वाले एंटी-ऑक्सीडेंट गुण फैटी लिवर पर लाभदायक प्रभाव डालते हैं जिससे इस समस्या से छुटकारा मिल सकता है।अतः पपीता को ऐसे ही खा सकते हैं या इसका दूध के साथ शेक बनाकर  पी सकते हैं। 

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19. मिल्क थिसल टी (Milk Thistle Tea)- दोस्तो, पहले हम आपको मिल्क थिसल के बारे में बता दें।Silybum Marianum नामक एक पौधा होता है। इसके Purple Colour के फूलों और फूलों के बीच में मिलने वाले बीजों से Milk Thistle Supplement बनाया जाता है।इसके फूलों में कुछ ऐसे गुण होते हैं जो  लिवर और किडनी के लिए बहुत लाभकारी होते हैं।इस Supplement के कैप्सूल भी मिलते हैं।

स्वास्थ विशेषज्ञों के अनुसार मिल्क थिसल में सिलीमरीन नामक  तत्व होता है जो सिरोसिस (नॉन एल्कोहलिक फैटी लिवर का अंतिम और सबसे खतरनाक चौथा चरण होता है) के खतरे को कम करने में सहायता करता है।आधा कप गर्म पानी में 1-2 चम्मच मिल्क थिसल टी डालकर थोड़ी (लगभग 5-7 मिनट) रख दें।फिर इसमें थोड़ा सा शहद मिला कर पीयें।दिन में दो, तीन बार पीयें।

20. मुलेठी (Muleti)- मुलेठी में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-ऑक्सीडेंट गुण फैटी लिवर की समस्या से छुटकारा दिलाने में उपयोगी माने जाते हैं।आधा चम्मच मुलेठी के बीज के पाउडर को आधा कप गर्म पानी में डालकर थोड़ी देर बाद छान कर पीयें।एक सप्ताह सेवन करने के बाद छोड़ दें।कुछ सप्ताह बाद फिर शुरु करें।

21. एलोवेरा (Aloe vera)- एलोवेरा के औषधीय गुणों से सभी परिचित हैं।एलोवेरा में हाइपोग्लाइसेमिक और एंटी-ओबेसिटी गुण होते हैं जो ब्लड शुगर और मोटापे को कम करते हैं। इन्हीं गुणों के कारण एलोवेरा का नियमित सेवन फैटी लिवर से छुटकारा दिला सकता है।एलोवेरा की पत्तियों से गूदे वाले भाग को अलग करके गूदे को आधा गिलास पानी में मिलाकर ग्राइंड कर लें।इच्छानुसार नमक मिला कर प्रतिदिन पीयें।

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Conclusion

दोस्तो, आज के लेख में हमने आपको लिवर, विशेषतौर पर फैटी लीवर को ठीक करने के घरेलू उपाय  के बारे में जानकारी दी। फैटी लिवर के प्रकार, लक्षण और इसके होने के कारण बताये।फैटी लिवर से छुटकारा पाने के लिये इसके उपचार के बहुत सारे देसी उपचार भी बताये।आशा है आपको ये लेख अवश्य पसन्द आयेगा।आप इस पोस्ट को अपने दोस्तों और सगे – सम्बन्धियों के साथ भी शेयर करें।ताकि सभी इसका लाभ उठा सकें।दोस्तो, हमारा आज का यह लेख आपको कैसा लगा, इस बारे में कृपया अपनी टिप्पणियां (Comments), सुझाव, राय अवश्य भेजिये ताकि हमारा मनोबल बढ़ सके।और हम आपके लिए ऐसे ही Health- Related Topic लाते रहें।धन्यवाद।

Disclaimer- यह लेख केवल जानकारी मात्र है।किसी भी प्रकार की हानि के लिये ब्लॉगर उत्तरदायी नहीं है। कृपया डॉक्टर/विशेषज्ञ से सलाह ले लें।

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