दोस्तो, स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग पर। दोस्तो, त्वचा रोग अक्सर त्वचा के ऊपर होते हैं और दिखाई देते हैं जैसे दाद, खुजली, एक्जीमा, कील, मुंहासे आदि। इनमें तकलीफ़ भी बहुत होती है। इनका उपचार सामान्यतः दवाओं से हो जाता है परन्तु एक त्वचा रोग ऐसा है जो त्वचा के ऊपर की नहीं बल्कि त्वचा के ठीक नीचे होता है। इसमें सामान्यतः कोई दुख, दर्द, तकलीफ़ नहीं होती। इसके समुचित उपचार के लिये सर्जरी करनी पड़ती है। जी हां, हम बात कर रहे हैं त्वचा के नीचे बनने वाली गांठों की। आखिर ये गांठें हैं क्या?। इन गांठों को मेडिकल भाषा में लिपोमा कहा जाता है। दोस्तो, यही है हमारा आज का टॉपिक “लिपोमा क्या है?”। देसी हैल्थ क्लब इस लेख के माध्यम से आज आपको लिपोमा के बारे में विस्तार से जानकारी देगा और यह भी बतायेगा कि इसका उपचार कैसे किया जाता है। तो सबसे पहले जानते हैं कि लिपोमा क्या है और यह कितने प्रकार का होता है। फिर इसके बाद बाकी बिंदुओं पर जानकारी देंगे।
लिपोमा क्या है? – What is Lipoma
लिपोमा एक त्वचा रोग है। वस्तुतः त्वचा के ठीक नीचे अतिरिक्त वसा जमा होने से सौम्य गांठ बन जाती हैं। इन्हीं वसायुक्त गांठों को लिपोमा कहा जाता है। लिपोमा त्वचा के नीचे होने वाला रोग है जो हजार में से किसी एक व्यक्ति होता है। वैसे तो ये गांठें शरीर पर कहीं भी हो सकती हैं लेकिन सामान्यतः ये गर्दन, कंधे, हाथ, पीठ और धड़ पर होती हैं। इन गांठों का आकार 1.2 इंच से अधिक नहीं होता। इन गांठों में दर्द नहीं होता और ना ही ये किसी अन्य बीमारी का कारण बनती हैं। छूने पर ये रबड़ की गेंद जैसी लगती हैं। ये गांठें घातक नहीं होतीं और ना ही ये कैंसर का कारण बनती हैं यानी ये कैंसर रहित होती हैं। परन्तु बहुत ही दुर्लभ मामलों में लिपोमा एक फैट सेल कैंसर बन सकता है। ऐसे मामले केवल एक प्रतिशत या इससे भी कम होते हैं। यद्यपि लिपोमा किसी भी आयु में हो सकता है परन्तु अधिकतर 40 से 60 वर्ष की आयु के बीच वाले व्यक्तियों को होता है।
लिपोमा के प्रकार – Types of Lipoma
लिपोमा के प्रकार निम्नलिखित हैं –
1. पारंपरिक (Traditional)- यह सबसे आम प्रकार का लिपोमा होता है जिसमें सफेद वसा कोशिकाएं होती हैं और ये सफेद वसा कोशिकाएं ऊर्जा का भंडारण करती हैं।
2. एंजियोलिपोमा (Angiolipoma)- यह लिपोमा वसा और बहुत सारी छोटी रक्त वाहिकाओं से बनाता है। इस प्रकार के लिपोमा में प्रभावित क्षेत्र में दर्द होता है। कुछ रक्त वाहिकाओं में रक्त के थक्के शामिल होते हैं।
3. फाइब्रोलिपोमा (Fibrolipoma)- यह लिपोमा वसा और रेशेदार ऊतकों से उत्पन्न होता है।
4. मायलोलिपोमा (Myelolipoma)- यह लिपोमा वसा और रक्त कोशिकाओं का निर्माण करने वाले ऊतकों से पैदा होता है।
5. इंट्रामस्क्युलर लिपोमा (Intramuscular Lipoma)- यह लिपोमा मांसपेशियों के अंदर विकसित होता है। इस प्रकार के लिपोमा में कैप्सूल नहीं होता है और आपके सर्जन के लिये इसे निकालना बहुत बड़ी चुनौतीपूर्ण होती है।
6. हाइबरनोमा (Hibernoma)- यह लिपोमा भूरे रंग के वसा से बनता है। भूरे रंग की वसा कोशिकाएं गर्मी पैदा करती हैं और शरीर के तापमान को नियंत्रित करने के काम में मदद करती हैं।
7. स्पिंडल सेल/प्लेमॉर्फिक लिपोमा (Spindle cell/Pleomorphic Lipoma)- ये दोनों प्रकार के लिपोमा वैसे तो कहीं भी हो सकते हैं लेकिन अधिकतर ऊपरी पीठ और गर्दन के आसपास होते हैं। ये दोनों ही गैर कैंसर वाले लिपोमा हैं। स्पिंडल सेल वसा कोशिकाओं से बनता है जो सामान्य से अधिक लंबी होती हैं। प्लेमॉर्फिक लिपोमा में विभिन्न आकार और विभिन्न आकार की वसा कोशिकाएं होती हैं।
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लिपोमा के कारण – Cause of Lipoma
दोस्तो, लिपोमा के सटीक और प्रमाणिक कारण अज्ञात हैं। इसे पारिवारिक इतिहास से जोड़कर देखा जाता है अर्थात् इसे विरासत में मिली स्थिति माना जाता है। परन्तु देसी हैल्थ क्लब इस बात से इत्तफाक नहीं रखता (Desi Health Club does not agree to this) क्योंकि यदि ऐसा होता तो लिपोमा के मामले हजार में एक नहीं बल्कि सैकड़ों की संख्या में होते। हां, पारिवारिक इतिहास की भी थोड़ी सी भूमिका हो सकती है। बहरहाल (However), अनुमान के आधार पर लिपोमा के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं –
1. डायबिटीज
2. कोलेस्ट्रॉल स्तर में असंतुलन अर्थात् खराब कोलेस्ट्रॉल एलडीएल का बढ़ना और अच्छे वाले कोलेस्ट्रॉल एचडीएल का कम होना।
3. मेटाबॉलिक सिस्टम में गड़बड़ी।
4. शारीरिक गतिविधि कम होना या नहीं के बराबर होना।
5. व्यायाम ना करना।
लिपोमा के लक्षण – Symptoms of Lipoma
1. गांठें त्वचा के नीचे गर्दन, चेहरा, पीठ, कंधे, पेट, हाथ और जांघ में देखी जा सकती हैं।
2. गांठें छूने पर हिलती हैं, चलती हुई महसूस होती हैं।
3. गांठों के आकार और स्थान के आधार पर असुविधा हो सकती है और दर्द भी।
4. गांठों के आकार गोल के साथ-साथ अंडाकार भी हो सकता है।
5. गांठों का रंग पीला या रंगहीन हो सकता है।
6. गांठों का विस्तार धीरे-धीरे होता है।
डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए? – When Should I see a Doctor?
1. यदि आयु 40 साल से अधिक है और शरीर पर गांठें नजर आ रही हैं या सूजन दिखाई देती है।
2. गांठों का लगातार बढ़ना।
3. गांठों का आकार 1.2 इंच से बड़ा होना।
4. गांठों का बहुत सख्त होना।
5. दुर्लभ मामलों में लिपोसरकोमा की स्थिति हो सकती है जिसे कैंसर कहा जाता है।
लिपोमा का परीक्षण – Lipoma Test
दोस्तो, लिपोमा को डायग्नोज़ करने के लिये निम्नलिखित विधियां अपनाई जाती हैं –
1. शारीरिक परीक्षण (Physical Test)- सबसे पहले डॉक्टर अक्सर गांठों को छूकर चैक करते हैं। ये नर्म है या नहीं। थोड़ा दबाकर मरीज से पूछते हैं कि दर्द होता है या नहीं। इनके आकार का भी अनुमान लगा लिया जाता है। मरीज से चिकित्सा इतिहास और पारिवारिक इतिहास की भी जानकारी ली जाती है।
2. बायोप्सी (Biopsy)- बायोप्सी के लिये टिश्यू के छोटे भाग का सैंपल निकालकर प्रयोगशाला में टैस्ट के लिये भेज दिया जाता है। इस जांच से यह पता चलता है कि गांठें कैंसरस हैं या नहीं अर्थात् यह लिपोसारकोमा तो नहीं है। ऐसी स्थिति दुर्लभ मामलों में ही होती है।
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3. एक्स-रे (X-ray)- एक्स-रे द्वारा भी गांठों को समझने की कोशिश की जाती है।
4. कंप्यूटेड टोमोग्राफी स्कैन (CT) – एक्स-रे की तुलना में सीटी स्केन इमेज को अधिक विस्तृत से दिखाता है। शरीर में लिपोमा की स्थिति में फैटी द्रव्यमान दिखाई देता है।
5. मैग्नेटिक रेसोनेंस इमेजिंग स्कैन (MRI) – एमआरआई के द्वारा लिपोमा पर सबसे अच्छी और सटीक जानकारी जुटाई जा सकती है। फैटी द्रव्यमान की सभी दृष्टिकोण से इमेज दिखाई देती हैं और गांठों की भी बेहतरीन इमेज देखने को मिलती है। अक्सर एमआरआई जांच के आधार पर बायोप्सी कराने की जरूरत नहीं पड़ती।
लिपोमा का उपचार – Treatment of Lipoma
लिपोमा के उपचार के लिये निम्नलिखित विधियां अपनाई जाती हैं –
1. लिपोसक्शन (Liposuction)- उपचार की इस प्रक्रिया में एक बड़ी सिरिंज और एक सुई का उपयोग किया जाता है। सिरिंज में सुई अटैच होती है। इससे पहले प्रभावित क्षेत्र को सुन्न कर दिया जाता है। फिर डॉक्टर सुई की मदद से वसायुक्त गांठों को हटाते हैं।
2. स्टेरॉयड इंजेक्शन (Steroid Injections)- स्टेरॉयड इंजेक्शन देकर भी लिपोमा का उपचार किया जाता है। ये इंजेक्शन गांठों को सिकोड़ने में मदद करते हैं। परन्तु इस विधि द्वारा गांठों को पूरी तरह हटाया नहीं जा सकता।
3. सर्जरी (Surgery)- लिपोमा के उपचार में सर्जरी ही एकमात्र विकल्प है जिसके द्वारा वसा की गांठों को पूरी तरह हटाया जा सकता है। इस प्रक्रिया में, यदि छोटी गांठें हैं तो गांठों के प्रभावित क्षेत्र को लोकल एनेस्थीसिया देकर सुन्न कर दिया जाता है फिर छोटा कट लगा कर इन्हें काट कर हटा दिया जाता है। यदि गांठों का आकार बड़ा है तो मरीज को जनरल एनेस्थीसिया देकर बेहोश किया जाता है। इसमें बड़ा कट लगाना पड़ता है फिर गांठों को हटा दिया जाता है। सर्जिकल प्रक्रिया में आये टांकों को कुछ हफ्ते में काट दिया जाता है। इस प्रक्रिया में हटाई गईं गांठों की दुबारा विकसित होने की संभावना नहीं होती।
लिपोमा में क्या खाना चाहिये?- What to eat in Lipoma?
1. अनाज – गेहूं, मक्का,जौ, बाजरा, पुराना चावल।
2. दालें – मूंग, मसूर, अरहर
3. सब्जियां – लौकी, करेला, सहजन, परवल, कद्दू, गाजर, मूली, ब्रोकली, फूलगोभी, शलजम।
लिपोमा से बचाव के उपाय – How to Prevent Lipoma
दोस्तो, यदि हम अपनी जीवन शैली में कुछ बदलाव करें तो लिपोमा से काफी हद तक बचाव कर सकते हैं। इसके लिये निम्नलिखित उपाय अपनाये जा सकते हैं –
1. नियमित रूप से प्रातः व्यायाम करें।
2. धूम्रपान बिल्कुल ना करें। तम्बाकू का सेवन किसी भी रूप में ना करें।
3. ड्रग्स व अन्य नशीली वस्तुओं का सेवन ना करें।
4. शराब का सेवन बहुत ही कम करें।
5. अपने वजन को नियंत्रित करें।
6. बल्ड शुगर लैवल को नियंत्रित करें।
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7. बल्ड प्रैशर लैवल को नियंत्रित करें।
8. कोलेस्ट्रॉल लैवल को नियंत्रित करें। इसके लिये ऐसे खाद्य पदार्थों को भोजन में शामिल करें जिनमें वसा कम हो और अन्य खनिज व विटामिन युक्त पोषक तत्व हों।
भारत में लिपोमा के इलाज का खर्च – Lipoma Treatment Cost in India
लिपोमा के इलाज पर आने वाला खर्च निर्भर करता है शहर, अस्पताल और विशेषज्ञ डॉक्टर के आधार पर। वैसे लगभग 25,000/- से 40,000/- रुपये का खर्च आ सकता है। विदेशों से आने वालों के लिये बढ़ जाता है क्योंकि उनके आवास और भोजन का खर्च अतिरिक्त होता है। ये कुल खर्च 33,000/- से 75,000/- रुपये तक हो सकता है।
Conclusion –
दोस्तो, आज के लेख में हमने आपको लिपोमा के बारे में विस्तार से जानकारी दी। लिपोमा क्या है? लिपोमा के प्रकार, लिपोमा के कारण, लिपोमा के लक्षण, डॉक्टर को कब दिखाना चाहिये, लिपोमा का परीक्षण, लिपोमा का उपचार और लिपोमा में क्या खाना चाहिये, इन सब के बारे में भी विस्तार पूर्वक बताया। देसी हैल्थ क्लब ने इस लेख के माध्यम से लिपोमा से बचाव के उपाय बताये और भारत में लिपोमा के इलाज का खर्च के बारे में भी बताया। आशा है आपको ये लेख अवश्य पसन्द आयेगा।
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Disclaimer – यह लेख केवल जानकारी मात्र है। किसी भी प्रकार की हानि के लिये ब्लॉगर/लेखक उत्तरदायी नहीं है। कृपया डॉक्टर/विशेषज्ञ से सलाह ले लें।
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