दोस्तो, स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग पर। दोस्तो, आपने देखा होगा कि कोई दौड़ते हुऐ अचानक से गिर जाता है और अपनी जांघ को पकड़ कर बैठ जाता है, चलने की कोशिश करता है तो चल नहीं पाता, कोई खिलाड़ी किसी दूसरे खिलाड़ी से टकराता है और उसे चोट लग जाती है। जिम में भी वर्कआउट करते समय चोट लगती रहती हैं, खिलाड़ियों की बात ना भी करें तो सामान्य व्यक्तियों को भी चोट लगती रहती हैं, गिरते पड़ते रहते हैं। कुछ चोटें टांग को प्रभावित करती हैं यानी कूल्हे से लेकर नीचे तक। चोटों के कई गंभीर मामलों में सर्जरी कराने की नौबत आ जाती है। दोस्तो, सन् 2017 में लंदन में हुऐ वर्ल्ड एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में 4×100 मीटर दौड़ में ओलिम्पिक के गोल्ड मेडलिस्ट उसैन बोल्ट गिर पड़े थे। उनकी जांघों के पीछे वाली मांसपेशियां क्षतिग्रस्त हो गईं थीं। यह रेस उनके करियर की आखिरी रेस साबित हुई क्योंकि इसके बाद उनको एक व्हीलचेयर पर घर जाना पड़ा। अब प्रश्न उठता है कि आखिर ये चोट क्या है जो इतनी घातक होती हैं?। दोस्तो, ऐसी चोटों को हैमस्ट्रिंग चोट कहा जाता है और यही है हमारा आज का टॉपिक “हैमस्ट्रिंग चोट क्या है?”। देसी हैल्थ क्लब इस लेख के माध्यम से आज आपको हैमस्ट्रिंग चोट के बारे में विस्तार से जानकारी देगा और यह भी बतायेगा कि इसका उपचार क्या है और क्या सावधानियां अपनानी चाहियें ताकि इनसे बचाव हो सके। दोस्तो, हैमस्ट्रिंग चोट को समझने से पहले हमें यह समझना होगा कि हैमस्ट्रिंग क्या है। तो सबसे पहले जानते हैं कि हैमस्ट्रिंग क्या है,तीन मांसपेशियां क्या हैं, हैमस्ट्रिंग चोट क्या है और ये कितने प्रकार की होती हैं। फिर इसके बाद बाकी बिंदुओं पर जानकारी देंगे।
हैमस्ट्रिंग क्या है? – What is a Hamstring
दोस्तो, हैमस्ट्रिंग एक मांसपेशी है जो तीन मांसपेशियों का समूह है। तीन मांसपेशियों का जिक्र हम आगे करेंगे। ये मांसपेशियां कूल्हों से लेकर घुटने के नीचे तक स्थित होती हैं। यह दौड़ने और छलांग लगाने के लिये ताकत देती हैं। हैमस्ट्रिंग घुटनों और जांघ को मोड़ने और घुमाने में मदद करती है और इसकी नसें, जांघ मांसपेशी को हड्डी से जोड़ती हैं। यद्यपि खड़े रहने या चलने में हैमस्ट्रिंग की कोई भूमिका नहीं होती परन्तु घुटनों को मोड़ने और टांगों पर बल डालने में हैमस्ट्रिंग स्वतः ही अपना काम करने लगती है।
हैमस्ट्रिंग की तीन मांसपेशियां – Three Hamstring Muscles
हैमस्ट्रिंग की तीन मांसपेशियों का विवरण निम्न प्रकार है –
1. बाइसेप्स फेमोरिस (Biceps Femoris)- ये जांघ के पीछे भाग में स्थित होती है जो कूल्हे के बढ़ने, घुटने को मोड़ने और घुमाने में अपनी भूमिका निभाती है।
2. सेमी मेटामॉरफोसिस (Semi Metamorphosis)- यह श्रोणि (पेल्विक) से लेकर पिंडली की हड्डी के पीछे तक होती है। यह जांघ को बढ़ने और घुटने को लचकदार बनाने और पिंडली की हड्डी को घूमने में सहायता करती है।
3. सेमी टेंडिनस (Semi Tendinous)- यह सबसे लंबी मांसपेशी होती है जो कूल्हे से नीचे टांग की पिंडली तक जाती है। यह जांघ, घुटने और पिंडली की हड्डी को मुड़ने, घूमने बढ़ने में सहायता करती है।
हैमस्ट्रिंग चोट क्या है? – What is a Hamstring Injury
जैसा कि हमने ऊपर बताया है कि हैमस्ट्रिंग मांसपेशी तीन मांसपेशियों का समूह है जो दौड़ने, घुटनों और जांघ को मोड़ने और घुमाने में मदद करती हैं। इन मांसपेशियों में लगने वाली चोट को हैमस्ट्रिंग चोट (Hamstring Injury) कहा जाता है जो हल्की-फुल्की या गंभीर हो सकती हैं। खेलों में, हैमस्ट्रिंग मांसपेशियों में चोट लगना आम बात है लेकिन सबसे ज्यादा चोट फुटबॉल खिलाड़ियों को लगती हैं। लगभग 35 से 40 प्रतिशत चोटें हैमस्ट्रिंग मांसपेशी में ही लगती हैं। फुटबॉल के अतिरिक्त रनिंग, हॉकी, टेनिस, जिमनास्टिक, बैडमिंटन, पोलो, कुश्ती, कबड्डी जैसे खेलों में हैमस्ट्रिंग में चोट लगती रहती हैं। यह जरूरी नहीं कि सिर्फ़ खिलाड़ियों या जिम जाने वालों को ही हैमस्ट्रिंग में चोट लगे, ये किसी भी सामान्य व्यक्ति और बच्चों को भी लग सकती है।
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हैमस्ट्रिंग चोट के प्रकार – Types of Hamstring Injury
दोस्तो, हैमस्ट्रिंग में लगी चोट को निम्नलिखित भागों में बांटा जा सकता है –
1. हैमस्ट्रिंग में खिंचाव (Hamstring Strain)- किसी गतिविधि के चलते मोच आ जाना या टांग में खिंचाव आ जाने से हल्का दर्द महसूस होना। इसे प्रथम श्रेणी की चोट कहा जाता है।
2. मांसपेशी का फटना (Torn Muscle)- तीनों मांसपेशियों में से किसी एक मांसपेशी का फटने से जांघ के पिछले हिस्से में दर्द और सूजन होना। यह दूसरी श्रेणी की चोट है।
3. मांसपेशी क्षतिग्रस्त हो जाना (Muscle Damage)- जब मांसपेशी पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो जाती है तो दर्द की सघनता और तीव्रता इतनी अधिक होती है कि व्यक्ति का चल पाने में असमर्थ होता है। इसे तीसरी श्रेणी की चोट कहते हैं।
हैमस्ट्रिंग चोट के कारण – Cause of Hamstring Injury
मांसपेशियों पर जब अधिक दबाव पड़ता है तो खिंचाव आने और चोट लगने की संभावना रहती है। हैमस्ट्रिंग चोट के अन्य कारण निम्न प्रकार हैं –
1. वर्कआउट करने या खिलाड़ियों द्वारा खेलने से पहले वार्मअप या स्ट्रेचिंग ना करना।
2. जांघ के आगे की मांसपेशियों का ज्यादा सख्त होना।
3. खराब जगह पर खेलना, दौड़ना।
4. सही तरीके से परफोर्मेन्स ना करना या पूरी तरह एकाग्रचित ना होना। ध्यान भटकना।
5. कूल्हों की मांसपेशियों, ग्लूटस में भरपूर ताकत न होना। ग्लूटस और हैमस्ट्रिंग, तीव्र शरीरिक गतिविधियों में एक साथ काम करते हैं।
हैमस्ट्रिंग चोट के जोखिम – Hamstring Injury Risks
निम्नलिखित कारक हैमस्ट्रिंग चोट की संभावना को बढ़ा सकते हैं। –
1. पहले से ही कभी हैमस्ट्रिंग चोट लगी हो तो दुबारा परफोर्मेन्स के समय चोट लगने की संभावना रहती है।
2. कुछ ऐसे खेल होते हैं जिनमें स्प्रिन्टिंग या अचानक रुकने जैसी गतिविधियां होती हैं, इनके परफोर्मेन्स के समय चोट लगने की संभावना रहती है।
3. तेज दौड़ने वाले खेल, एकदम से मुड़ने, झुकने वाले खेल जैसे टेनिस, हैमरथ्रो, बैडमिंटन या लात चलाने वाले खेल जैसे कबड्डी आदि, में हैमस्ट्रिंग चोट का जोखिम बना रहता है।
4. ऐसे खेल जिनमें अचानक से रुकने जैसी गतिविधियां हों, से भी चोट का जोखिम रहता है।
5. मांसपेशियों में थकान होना।
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6. मांसपेशियों का कमजोर होना।
7. मांसपेशियों में लचीलापन ना होना।
8. ऐसे खेल जिनमें एक दूसरे से टकराने पड़ता है जैसे फुटबॉल, हॉकी, पोलो, कुश्ती, कबड्डी आदि, मांसपेशियों में चोट लगने का खतरा रहता है।
9. ऐसे खेल जिनमें संतुलन बिगड़ने पर गिरने से चोट लगने का खतरा अधिक होता है जैसे जिमनास्टिक, टेनिस, बैडमिंटन, रनिंग, डांसिंग, बास्केटबॉल, फुटबॉल, हॉकी, पोलो, आदि।
10. स्वयं का परफोर्मेन्स के लिये शारीरिक और मानसिक रूप से तैयार ना होने पर मजबूरी में या जबरदस्ती मैदान में उतरना।
हैमस्ट्रिंग चोट के लक्षण – Symptoms of Hamstring Injury
हैमस्ट्रिंग में चोट लगने पर निम्नलिखित लक्षण प्रकट होते हैं –
1. जांघ के पीछे तेज दर्द होना।
2. कूल्हों और जांघ के पीछे टांगों का वजन न उठा पाने की वजह से चलते हुऐ दर्द होना।
3. जांघ के पीछे चोट की जगह पर सूजन और कोमलता दिखाई देना।
4. तेज दर्द के साथ पॉपिंग या सनसनाहट महसूस करना।
5. चोट वाली जगह पर नील पड़ जाना या त्वचा का रंग बदल जाना।
6. घुटने के पीछे का हिस्सा अकड़ जाना।
7. कभी-कभी गंभीर और असहनीय दर्द होना।
हैमस्ट्रिंग चोट की जांच – Hamstring Injury Test
डॉक्टर चोट लगने पर तुरंत या तीन दिन के अंदर जांच कराने की सलाह देते हैं जिनमें निम्नलिखित जांच हो सकती हैं –
1. शारीरिक परीक्षण (Physical Test)- चोट वाली जगह और घाव को समझने के लिये शरीर की जांच करते हैं। किसी दुर्घटना, टक्कर या गिरने के कारण लगी चोट उसके आकार को पहचानने के लिये कुछ इमेजिंग टैस्ट की सलाह देते हैं।
2. एक्स-रे (X-ray)- चोट वाली जगह का एक्स-रे कराने से यह पता चलता है कि हड्डी में कोई फ्रैक्चर तो नहीं है।
3. अल्ट्रासाउंड (Ultrasound)- इससे क्षतिग्रस्त मांसपेशियों का पता चल जाता है।
4. मैग्नेटिक रेसोनेंस इमेजिंग स्कैन (MRI) – क्षतिग्रस्त मांसपेशियों के ऊतकों को स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।
हैमस्ट्रिंग चोट का उपचार – Hamstring Injury Treatment
दोस्तो, हैमस्ट्रिंग चोट का उपचार राइस (RICE) थेरेपी, दवाओं, सर्जरी और फिजियोथेरेपी के माध्यम से किया जाता है। विवरण निम्न प्रकार है –
1. RICE थेरेपी (Therapy)- हैमस्ट्रिंग मांसपेशियों में लगी हल्की-फुल्की चोट, सूजन या मांसपेशी का आंशिक रूप से हुई क्षति आदि का उपचार Rest, Ice, Compression & Elevation (RICE) थेरेपी यानी आराम, बर्फ़ की सिंकाई, गर्म पट्टी और कुछ ओवर-द-काउंटर (Over-the-counter – OTC) दवाओं के माध्यम से किया जाता है। इसमें आराम की सबसे ज्यादा जरूरत होती है।
2. सर्जरी (Surgery)- गंभीर मामलों जैसे मांसपेशियों का हड्डी से अलग हो जाना, मांसपेशियों का बहुत ज्यादा क्षतिग्रस्त हो जाना जैसे कुचल जाना, या हड्डी में फ्रेक्चर आदि, में सर्जरी की आवश्यकता होती है। उपचार के इस माध्यम से पूरी तरह ठीक होने में कई महीने लग जाते हैं क्योंकि सर्जरी के बाद अधिकतर फिजियोथेरेपी की जरूरत होती है। चोट के कई गंभीर मामलों में, ठीक होते-होते कई खिलाड़ियों का करियर समाप्त हो चुका होता है या समाप्त हो जाता है क्योंकि कई लोग अपंग हो चुके होते हैं।
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3. फिजियोथेरेपी (Physiotherapy)- हैमस्ट्रिंग मांसपेशियों के कटने, फटने, सर्जरी आदि के उपचार के बाद मांसपेशियों के सामान्य रूप से काम करने में समय लगता है। मांसपेशियों की मजबूती और गतिविधि की क्षमता को वापस लाने के लिये फिजियोथेरेपी की जरूरत पड़ती है ताकि प्रभावित अंग का सुचारू रूप से संचालन किया जा सके। अन्यथा, दुबारा से चोट लगने के संभावना अधिक बनी रहती है।
रिकवरी – Recovery
हैमस्ट्रिंग चोट से पूरी तरह उभरने में कितना समय लगता है यह बात, चोट की गंभीरता, प्रकार, घाव का आकार, दर्द की तीव्रता आदि पर निर्भर करती है। सामान्य रूप से खिलाड़ी को अपने फुल फोर्म में आने में दो सप्ताह से छः महीने तक का समय लग जाता है।
कुछ सावधानियां – Some Precautions
दोस्तो, यदि कुछ निम्नलिखित सावधानियां अपनाई जायें तो हैमस्ट्रिंग चोट से काफी हद तक बचाव किया जा सकता है –
1. यदि आप जिम जाते हैं या खिलाड़ी हैं तो वर्कआउट या खेल परफोर्मे करने से पहले वार्मअप जरूर करें, इससे शरीर का तापमान बढ़ेगा जिससे हल्की-फुल्की चोट को शरीर आसानी से सहन कर लेगा।
2. वर्कआउट या खेल परफोर्मे करने के बाद स्ट्रेचिंग जरूर कीजिये।
3. हैमस्ट्रिंग को ताकतवर बनाने वाले व्यायाम कीजिये।
4. व्यायाम की गति को धीरे-धीरे बढ़ाते रहें।
5. यदि आपको कहीं हल्की सी भी चोट लगती है विशेषकर घुटने के पीछे की तरफ तो, तुरन्त खेल या एक्सरसाइज रोक कर इसका उपचार करें।
Conclusion –
दोस्तो, आज के लेख में हमने आपको हैमस्ट्रिंग चोट के बारे में विस्तार से जानकारी दी। हैमस्ट्रिंग क्या है?, हैमस्ट्रिंग की तीन मांसपेशियां, हैमस्ट्रिंग चोट क्या है?, हैमस्ट्रिंग चोट के प्रकार, हैमस्ट्रिंग चोट के कारण, हैमस्ट्रिंग चोट के जोखिम, हैमस्ट्रिंग चोट के लक्षण और हैमस्ट्रिंग चोट की जांच, इन सब के बारे में भी विस्तार पूर्वक बताया। देसी हैल्थ क्लब ने इस लेख के माध्यम से हैमस्ट्रिंग चोट के उपचार और रिकवरी के बारे में बताया और कुछ सावधानियां भी बताईं ताकि हैमस्ट्रिंग चोट से बचाव हो सके। आशा है आपको ये लेख अवश्य पसन्द आयेगा।
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