स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग में। दोस्तो, दिनांक 10 जून 2023 को समाचार पत्रों में खबर छपी है कि चलते फिरते अचानक हुई मृत्यु के कारण (Sudden Death) ढूंड रहा है इंडियन काउंसिल ऑफ़ मेडिकल रिसर्च (ICMR) और एक साथ चार स्टडी कर रहा है। इस संदर्भ में हम बताना चाहेंगे कि ट्वीटर, सोशल मीडिया पर कुछ वीडियो वायरल हुए हैं जिनमें व्यक्ति डांस करते, गाते, स्पीच देते हुए, सड़क पर चलते-चलते, चाय पीते हुए या जिम में एक्सरसाइज करते हुए अचानक से गिर जाते हैं और उनकी मृत्यु हो जाती है।
जिम में हुई मौतों पर हम जल्द ही अलग से आर्टिकल लेकर आएंगे। लगभग 600 मौतें अचानक से हुई हैं जिनमें 18 से 45 वर्ष की आयु के व्यक्ति भी हैं। इनमें जामनगर के रहने वाले सौराष्ट्र के सुप्रसिद्ध हार्ट स्पेशलिस्ट 41 वर्षीय डॉक्टर गौरव गांधी भी हैं जिनकी 06 जून 2033 को अचानक हार्ट अटैक से मृत्यु हो गई। डॉक्टर गांधी ने 16,000 से अधिक हार्ट सर्जरी की हैं। इनकी मृत्यु ने देश को हिलाकर रख दिया। कुछ की मृत्यु का विवरण हम आगे देंगे। लोगों की अचानक से हुई मृत्यु चिंता का विषय है जिसने इंडियन काउंसिल ऑफ़ मेडिकल रिसर्च को स्टडी करने पर मजबूर कर दिया। दोस्तो, यही है हमारा आज का टॉपिक “अचानक हुई मृत्यु के कारण”।
देसी हैल्थ क्लब इस आर्टिकल के माध्यम से आपको अचानक हुई मृत्यु के कारण बताएगा और इससे बचाव के उपाय भी बताएगा। तो, सबसे पहले जानते हैं अचानक हुई मौतों के बारे में, फिर इसके बाद बाकी बिंदुओं पर जानकारी देंगे।
अचानक हुई मौतों का विवरण – Details of Sudden Deaths
दोस्तो, विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि दुनिया भर में विशेषकर युवा वर्ग में, हृदय से संबंधित बीमारियों से होने वाली 1।79 करोड़ मौतों में से 20 प्रतिशत मौतें भारत में ही हो रही है। इंडियन हार्ट एसोसिएशन के अनुसार, भारत में हार्ट अटैक से मरने वालों में 10 में से चार लोग 45 वर्ष से कम है। दोस्तो, ICMR के अनुसार लगभग 600 मौतें अचानक हुई हैं। कुछ मामले सोशल मीडिया के जरिए सामने आए हैं। इन में कुछ मौतों का विवरण निम्न प्रकार है –
1. मध्य प्रदेश, भोपाल, ऐशबाग क्षेत्र में 27 वर्ष के युवक सौरभ मीणा की संदिग्ध हालत में मृत्यु हो गई। वे प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे थे। घटना से कुछ देर पहले ही वे जिम गए थे और लगभग एक से घंटे बाद बाहर आए तो सड़क पर गिर पड़े।
उनको अस्पताल ले जाया गया जहां उनको डॉक्टर ने प्राथमिक उपचार में ही मृत घोषित कर दिया। पुलिस, शुरूआती जांच में हार्ट अटैक से मृत्यु होने की बात कह रही है।
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2. हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में 30 वर्षीय नारायण दोस्त की शादी में पांवटा साहिब गया था। वहां डीजे की धुन पर डांस कर रहा था कि अचानक से जमीन पर गिर गया और उसकी मौत हो गई।
3. हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले में एक बुजुर्ग व्यक्ति की लोकनृत्य करते समय मृत्यु हो गई।
4. उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के साहिबाबाद क्षेत्र के अंतर्गत शालीमार गार्डन में निवासी 35 वर्षिय आदिल जो कि खुद जिम ट्रेनर थे, उन्होंने अपना शालीमार गार्डन में ही प्रॉपर्टी डीलिंग का ऑफिस भी खोला था।
16 अक्टूबर की शाम को अपने ऑफिस में कुर्सी पर बैठे हुए थे कि उनको अचानक उन्हें अटैक पड़ा और कुर्सी के पीछे की तरफ लुढ़क गए। उनको नजदीक के अस्पताल ले जाया गया, डॉक्टरों ने उनको मृत घोषित कर दिया।
5. उत्तर प्रदेश के बरेली क्षेत्र के निवासी 45 वर्षीय प्रभात कुमार एक होटल में बर्थडे पार्टी में डांस कर रहे थे कि डांस करते-करते अचानक गिर गये। उनको कार्डियेक अरेस्ट आया था। अस्पताल में डॉक्टरों ने उनको मृत घोषित कर दिया। वे बैडमिंटन खिलाड़ी थे और एकदम फिट थे।
6. एक घटना उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में हुई जहां गणेश उत्सव चल रहा था। स्टेज पर 35 वर्षीय युवक रवि शर्मा हनुमान जी का रोल कर रहे थे। वे डांस करते-करते मूर्छित होकर गिर पड़े। अस्पताल में डॉक्टरों ने उनको मृत घोषित कर दिया।
7. उत्तर प्रदेश के बनारस के काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) में एक छात्रा अनुभा उपाध्याय की योग करते समय मृत्यु हो गई। वे सुबह सात बजे तक बिल्कुल ठीक और फिट थी। उनकी मौत से BHU कैंपस में हड़कंप मचा गया। उनको एंबुलेंस से अस्पताल ले जाया गया। अस्पताल में डॉक्टरों ने अनुभा को मृत घोषित कर दिया।
आईसीएमआर की स्टडी के बिंदू – Study Points of LCMR
जैसा कि हमने ऊपर बताया है कि अचानक से हो रहीं मौतों पर इंडियन काउंसिल ऑफ़ मेडिकल रिसर्च (Indian Council of Medical Research – ICMR) चार स्टडी कर रहा है, इन चार स्टडीज में से एक स्टडी एम्स में हो रही है। इंडियन काउंसिल ऑफ़ मेडिकल रिसर्च इन मौतों को कोरोना से जोड़ कर देख रहा है।
(A) ICMR ने देश के अलग-अलग राज्यों से 39 अस्पतालों में जो रजिस्टरी तैयार की थी उसके प्रमुख बिंदू निम्न प्रकार हैं –
1. वर्ष 2020 से अब तक कितने व्यक्ति अस्पतालों में भर्ती हुए।
2. कितने व्यक्ति गंभीर प्रकृति के मरीज थे और कितने ठीक होकर अपने घर चले गए।
3. जो घर चले गए उनमें से कितनों की मृत्यु घर में हुई और मृत्यु के कारण क्या थे।
4. एज फैक्टर के कारण कुछ सामान्य मौत भी हुई तो कुछ अन्य रोगों के कारण। मरने वालों और जीवित बचने वालों के रिकार्ड में अंतर क्या है।
(B) ICMR, कोरोना फैक्टर को ध्यान में रखते हुए निम्नलिखित मुद्दों पर जांच कर रही है।
1. जिन व्यक्तियों की अचानक मृत्यु हुई है क्या उनमें कोरोना के सामान्य लक्षण थे?
2. अचानक से मृत्यु होने वाले व्यक्तियों को क्या गंभीर कोरोना हुआ था?
3. अस्पताल में भर्ती होने से पहले टीका लगा था या अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद।
(C) 18 से 45 की वर्ष के लोगों में मौत – ICMR ने माना है कि लगभग 600 मौतें अचानक से हुई हैं जिनमें 18 से 45 वर्ष की आयु समूह की मौतें कम हैं। ICMR इस समूह की मौतों पर अलग से स्टडी कर रहा है जिसमें उनकी अटॉप्सी रिपोर्ट का गहराई से विस्तृत विश्लेषण किया जा रहा है अर्थात् यह जानने की कोशिश की जा रही है कि –
1. शरीर पर इसका प्रभाव क्या पड़ा था।
2. रक्त में क्या हुआ था।
(D) कोविड के उन मरीजों के डेटा का भी आकलन किया जा रहा है जिनको बचा लिया गया। एक अन्य स्टडी में हार्ट अटैक और खून का थक्का जमने के मामलों का भी विश्लेषण किया जा रहा है।
संभवतः जून के अंत तक स्टडी का काम सम्पन्न हो जाएगा।
अचानक हुई मृत्यु के कारण – Cause of Sudden Death
अचानक हुई मृत्यु के मामलों में जहां पोस्टमार्टम की रिपोर्ट उपलब्ध हैं उनसे “हार्ट अटैक” मृत्यु का कारण स्पष्ट रूप से घोषित किया जा चुका है। कुछ मामले ऐसे भी हैं जिनमें “बिसरा” फोरेंसिक लैब में भेजे जा चुके हैं और उनकी रिपोर्ट आना बाकी है।
मगर पुलिस की तहकीकात का हार्ट अटैक पर शक जाता है। आखिर हार्ट अटैक के कारण क्या हैं और इस खतरे से कैसे बचा जा सकता है, इस बारे में हम आगे जिक्र करेंगे।
डॉक्टर्स की राय – Doctors Opinion
दोस्तो, अब बताते हैं आपको Sudden Death के मामलों में निम्नलिखित कुछ डॉक्टर्स की राय कि वे क्या सोचते हैं –
1. Sudden Death के मसले पर कोलकाता के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉक्टर पल्लव कांति भट्टाचार्य इसे कोरोना से जोड़ कर देखते हैं। उनके अनुसार कोरोना महामारी के बाद कोरोना से संक्रमित लोगों में हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट के मामले 25-30 प्रतिशत तक बढ़े हैं। जो मरीज कोरोना के कारण अस्पताल में भर्ती थे या वेंटिलेटर पर थे, वे अब हृदय रोगों का सामना कर रहे हैं।
डॉक्टर भट्टाचार्य का मानना है कि कोविड दो प्रकार से हृदय को प्रभावित करता है। पहले तरीके में इससे सीधे हृदय की मांसपेशियां संक्रमित होती हैं जिससे हृदय कमजोर हो जाता है और हार्ट अटैक या कार्डियक अरेस्ट का खतरा बढ़ जाता है। दूसरे तरीके में कोरोना के बाद हल्का संक्रमण कई महीने तक शरीर में मौजूद रहता है। इस कारण धमनियों में सूजन आ जाती है और हृदय के भीतर रक्त का थक्का बनने लगता है। इसके परिणाम स्वरूप हार्ट अटैक पड़ सकता है और अन्य समस्याएं भी हो सकती हैं।
2. डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल, दिल्ली, में कार्डियोलॉजी विभाग के वरिष्ठ डॉ। तरुण कुमार का मानना है कि अचानक कार्डियक अरेस्ट कभी भी आ सकता है, परन्तु कार्डियक अरेस्ट के आने से पहले इसके कुछ न कुछ लक्षण व्यक्ति को अवश्य महसूस होते हैं जिन्हें नजरअंदाज कर दिया जाता है।
3. कार्डियक सर्जन और मुंबई के एशियन हार्ट इंस्टीट्यूट के प्रमुख डॉ। रमाकांत पांडा युवाओं में अचानक मौत को अधिक आम मानते हैं। उनका कहना है कि उन्होंने (युवाओं) अल्टरनेटिव सर्कुलेशन विकसित नहीं किया है। वृद्ध लोगों में ऐसा नहीं है। वे समय के साथ रुकावट विकसित करते हैं तथा उनके शरीर को इसके आसपास काम करने और बदलाव का अभ्यस्त होने के लिए पर्याप्त समय मिलता है।
डॉ पांडा का मानना है कि जब आप हाइड्रेट ना होते हुए भारी एक्सरसाइज करते हैं और पसीना बहाते हैं, तो रक्त गाढ़ा हो जाता है जिससे थक्का बन जाता है। यदि अपनी क्षमता से अधिक एक्सरसाइज करते हैं तो इससे तनाव होता है। इस कारण धमनी का टूटना शुरू हो सकता है, विशेषकर यदि इसमें कोलेस्ट्रॉल जमा हो गया है।
4. हिमाचल के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी के कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट के एचओडी डॉक्टर पीसी नेगी के अनुसार अचानक मौत की वजह अनुवांशिक और हृदय की असामान्य धड़कन भी हो सकती है। इस मामलों में कोई लक्षण प्रकट नहीं होते और अचानक से मौत हो जाती है।
5. क्लीवलैंड क्लिनिक की रिपोर्ट में बताया गया है कि युवाओं में हार्ट अटैक के मामले बढ़ने के कई कारण हैं जिनमें सबसे बड़ा और मुख्य कारण है अन्हेल्दी लाइफस्टाइल। कुछ कारक हार्ट अटैक की संभावना को बढ़ाते हैं जैसे कि धूम्रपान, शराब, तनाव, डिप्रेशन और चिंता, टाइप 2 डायबिटीज, अन्हेल्दी फूड्स की आदत, बढ़ता हुआ कोलेस्ट्रॉल और हाई ब्लड प्रेशर।
हार्ट अटैक के कारण – Cause of Heart Attack
दोस्तो, हार्ट अटैक पर विस्तार से जानकारी के लिये हमारा पिछला आर्टिकल “हार्ट अटैक से बचने के घरेलू उपाय” पढ़ें जिसमें हार्ट अटैक के कारण भी बताए थे। एक बार फिर से इन कारणों को दोहरा देते हैं जो निम्न प्रकार हैं –
1. हृदय धमनियों (Coronary Arteries) में, वसा (Fat) का जम जाना हार्ट अटैक का प्रमुख कारण है। फैट जम जाने से रक्त प्रवाह में रुकावट आती है यह ठीक से नहीं हो पाता।
2. हृदय के वाल्व खराब होना।
3. छाती की रेडिएशन थेरेपी।
4. हृदय की अनियमित धड़कन।
5. चिकित्सकीय स्थितियां जैसे खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) के स्तर में वृद्धि, डाइबिटीज की समस्या, हाई बल्ड प्रेशर आदि।
6. वजन बहुत अधिक होना।
7. तनाव, चिंता, अवसाद।
8. बहुत ज्यादा खुशी या सदमा।
9. खराब जीवन शैली जैसे कि धूम्रपान करना या तंबाकू का किसी अन्य रूप में सेवन करना, शराब का अधिक सेवन, ड्रग्स या नशीली वस्तुओं का सेवन, संतुलित भोजन ना करना, जंक फूड की आदत
10. शारीरिक गतिविधि ना करना, व्यायाम ना करना।
हार्ट अटैक से बचाव – Heart Attack Prevention
दोस्तो, अब बताते हैं आपको हार्ट अटैक से बचाव के उपाय जिनको अपनाकर हार्ट अटैक के खतरे को दूर कर सकते हैं –
1. संतुलित आहार (Balanced Diet)- पूरे शरीर को और हार्ट को स्वस्थ रखने के लिए संतुलित और पोषक तत्वों से भरपूर भोजन करें। वसा का कम उपयोग करें क्योंकि वसा हृदय धमनियों में जमकर रक्त प्रवाह को बाधित करती है। प्रोटीन के साथ-साथ हैल्दी फैट लें। संतुलित भोजन से तात्पर्य यह है कि भोजन में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट्स और हैल्दी फैट बराबर मात्रा में हों। विटामिन और खनिज भी आपके आहार में होने चाहिएं।
आहार विशेषज्ञ मछली, अखरोट, बादाम, खुबानी, सेब, अंगूर, अनार, अमरूद, केला, चेरी, स्ट्राबेरी, सोयाबीन, तोरई, कद्दू, लौकी, परवल, करेला, पत्तेदार गोभी, ब्रोकली, मेथी, गाजर, आलू, टमाटर, ओट्स, गेहूं, जौ, मटर, पुराने चावल, मसूर, मूंग, अरहर की दाल आदि का सेवन करने की सलाह देते हैं। आहार विशेषज्ञों का मानना है कि आइकोसा-पेंटानोइक एसिड, ओमेगा-3 तथा अल्फा-लिनोलिक एसिड का भरपूर मात्रा में सेवन करने से हार्ट अटैक का खतरा काफी कम हो जाता है।
2. शारीरिक लक्षणों पर ध्यान दें (Pay Attention to Physical Symptoms)- यदि आपको कभी भी निम्नलिखित लक्षण महसूस होने लगते हैं तो इनको नजरअंदाज (ignore) ना करें बल्कि बिना समय गंवाए तुरंत नजदीकी अस्पताल जाकर डॉक्टर से संपर्क करें –
- अचानक बहुत अधिक पसीने से तर-बतर हो जाना।
- छाती में दर्द और बेचैन।
- सांस लेने में दिक्कत होना।
- बांये कंधे, बाजू में दर्द, जबड़ा, गर्दन और पीठ में दर्द होना।
- कमजोरी और थकावट महसूस होना।
- हाथ, पैर के पंजों में, एड़ी में सूजन।
- चक्कर आना।
- हृदय की धड़कन असामान्य रूप से बढ़ जाना।
3. एस्प्रिन की गोली (Aspirin Tablet)- एस्प्रिन की गोली को हार्ट अटैक पड़ने पर जान बचाने के लिए रामबाण उपाय माना जाता है। इसे घर पर रखने की सलाह दी जाती है। यदि ऊपर दिए लक्षण महसूस हो रहे हों तो तुरंत एस्प्रिन की एक गोली खा लें। विशेषज्ञों का मानना है कि एस्प्रिन की गोली से मृत्यु का खतरा 15 प्रतिशत तक कम हो जाता है।
4. जीवन शैली में बदलाव करें (Make Lifestyle Changes)– यदि आपको ज्यादा शराब पीने की आदत है तो इसे कम करें, धूम्रपान तुरंत छोड़ें, तंबाकू का उपयोग किसी भी रूप में ना करें, ड्रग्स और नशीले पदार्थों का सेवन ना करें, टेंशन ना लें, चिंता, अवसाद से दूर रहें और घर का खाना खाएं, बाहर का खाना और जंक फूड को अवॉइड करें।
5. योग, ध्यान, प्राणायाम और व्यायाम करें(Do Yoga, Meditation, Pranayama and Exercise)- आपको यह समझना होगा कि एनर्जी के लिए, जिंदा रहने के लिए जैसे भोजन करना जरूरी है उसी प्रकार शारीरिक और मानसिक स्वास्थ के लिए योग, ध्यान, प्राणायाम और व्यायाम भी जरूरी हैं। इनके करने से शरीर में चुस्ती और स्फूर्ती बनी रहती है।
इनसे अनेक बीमारियां दूर होती हैं और हृदय भी स्वस्थ रहता है। कृपया प्रतिदिन कम से कम 45 मिनट योग, ध्यान, प्राणायाम और व्यायाम अवश्य करें इससे आपका वजन भी कंट्रोल में रहेगा और हार्ट अटैक का खतरा भी दूर रहेगा।
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6. रुटीन चेकअप कराएं (Do Routine Checkup)- यदि आपको कभी भी, किसी भी प्रकार की कोई भी समस्या हो तो तुरंत डॉक्टर से चेकअप कराएं ताकि हर प्रकार के संभावित खतरे को रोका जा सके। इसके अतिरिक्त, साल में दो बार हर छः महीने के अंतराल पर फुल बॉडी चेकअप कराएं।
Conclusion –
दोस्तो, आज के आर्टिकल में हमने आपको अचानक हुई मृत्यु के बारे में विस्तार से जानकारी दी। अचानक हुई मौतों का विवरण, आईसीएमआर की स्टडी के बिंदू, अचानक हुई मृत्यु के कारण, डॉक्टर्स की राय और हार्ट अटैक के कारण, इन सब के बारे में विस्तार पूर्वक बताया। देसी हैल्थ क्लब ने इस आर्टिकल के माध्यम से हार्ट अटैक से बचाव के उपाय भी बताए। आशा है आपको ये आर्टिकल अवश्य पसन्द आयेगा।
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Disclaimer – यह आर्टिकल केवल जानकारी मात्र है। किसी भी प्रकार की हानि के लिये ब्लॉगर/लेखक उत्तरदायी नहीं है। कृपया डॉक्टर/विशेषज्ञ से सलाह ले लें।
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