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आंख फड़कना क्या है? – What is Eye Twitching in Hindi

आंख फड़कना क्या है?

स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग पर। दोस्तो, अंधविश्वास हर देश में होते हैं, हमारे देश भारत में भी हैं। उनमें से एक है “आंख फड़कना” जिसे शकुन अपशकुन से जोड़ कर देखा जाता है। महिलाओं की बाईं आंख और पुरुषों की दाईं आंख का फड़कना शुभ माना जाता है तथा इसके विपरीत महिलाओं की दाईं आंख और पुरुषों की बाईं आंख का फड़कना अशुभ। परन्तु विज्ञान इसे नहीं मानता। विज्ञान के अनुसार आंख फड़कना एक प्रकार से आंख का विकार है जो बीमारी नहीं है, केवल एक समस्या है। वास्तव में आंख फड़कना क्या है? दोस्तो, यही है हमारा आज का टॉपिक “आंख फड़कना क्या है?”

देसी हैल्थ क्लब इस आर्टिकल के माध्यम से आपको आंख फड़कने के बारे में विस्तार से जानकारी देगा और इससे राहत पाने के घरेलू उपाय भी बताएगा। तो, सबसे पहले जानते हैं कि आंख फड़कना क्या है और नेत्र संकुचन के प्रकार। फिर इसके बाद बाकी बिंदुओं पर जानकारी देंगे।

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आंख फड़कना क्या है?
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आंख फड़कना क्या है? – What is Eye Twitching

दोस्तो, आंख फड़कना (Eyelid Twitches) वास्तव में आंख का संकुचन है या यह कह सकते हैं कि यह आंख की ऐंठन जिसे पलकों की ऐंठन भी कहा जाता है या आंख की मांसपेशियों का फड़कना है जो थोड़े समय तक ज्यादा से ज्यादा दो या तीन तक रह सकता है। इसके बाद सामान्य स्थिति हो जाती है। परन्तु कई बार यह समस्या सप्ताह या महीनों तक रह सकती है। मेडिकल भाषा में आंख के बार-बार फड़कने को मायोकेमिया (Myokymia) कहा जाता है। 

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जब आंख फड़कती है तब आंख की निचली पलक तेजी से फड़कती है और इसी वजह से आंख का ऊपरी हिस्सा भी फड़कने लगता है। यह एक सामान्य और आम समस्या है कोई गंभीर समस्या नहीं और ना ही इसका संबंध न्यूरोलॉजिकल स्थितियों से है। बहुत ही दुर्लभ मामलों में नेत्र संकुचन की स्थिति गंभीर हो सकती है। आंख फड़कने की स्थिति में कोई हानि नहीं होती परन्तु यदि आंख फड़कने के दौरान दर्द, जलन या चुभन का अनुभव होता है तो डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। 

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नेत्र संकुचन के प्रकार – Types of Eye Contractions

दोस्तो, हमने बताया कि आंख फड़कना आंख का संकुचन है, तो हम बता दें कि यह यानि नेत्र संकुचन निम्नलिखित तीन प्रकार का होता है –

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1. मायोकेमिया (Myokymia) – यह सबसे आम प्रकार का संकुचन है। इसमें एक दोनों पलकों में ऐंठन होती है जो कि कुछ ही दिनों में आप ही ठीक हो जाती है। 

2. ब्लेफरोस्पासम (Blepharospasm) – अनैच्छिक गति का यह असामान्य रूप है जिसमें दोनों आंखें प्रभावित होती हैं। ऐंठन के समय कभी-कभी पलकें पूरी तरह बंद हो जाती हैं। इसमें आंखों के आसपास की मांसपेशियां भी सिकुड़ जाती हैं। यह ऐंठन कुछ मामलों में मुंह और गर्दन की मांसपेशियों में फैल जाती है। 

3. हेमिफेशियलस्पासम (Hemifacial spasm) – इसमें ऐंठन अपने चरम पर होती है। इसका संबंध तंत्रिका तंत्र (Nervous system) से होता है। चेहरे की तंत्रिका को छूने वाली रक्त वाहिका द्वारा रगड़े जाने के फलस्वरूप यह स्थिति बनती है। यह दुर्लभ स्थिति है जिसमें चेहरे के एक तरफ की सभी मांसपेशियां अनैच्छिक रूप से सिकुड़ जाती हैं। कुछ रोगियों को इसके उपचार के लिये माइक्रोवैस्कुलर डीकंप्रेसन (न्यूरोसर्जिकल प्रक्रिया) की जरूरत पड़ती है। 

आंख फड़कने के कारण – Cause of Blinking

आंख फड़कने के उपरोक्त तीन कारणों मायोकेमिया, ब्लेफरोस्पासम और हेमिफेशियलस्पासम के अतिरिक्त निम्नलिखित कारण भी हो सकते हैं –

1. नींद पूरी ना होना (Lack of Sleep)- हर व्यक्ति को 7 से 8 घंटे की नींद लेना स्वास्थ के लिये बहुत जरूरी होता है। किसी भ. वजह से जब नींद पूरी नहीं होती तो यह आंख फड़कने का कारण बन सकती है।

2. स्क्रीन के संपर्क में अधिक रहना (Increased Exposure to Screens)- कंप्यूटर, लैपटॉप, टीवी, मोबाइल फोन पर अधिक समय बिताने से इनकी स्क्रीन की चमक आंखों को प्रभावित करती है और रात के समय नींद ना आने का भी कारण बनती है। ये कारण काफी हैं आंख फड़कने के। 

3. आंखों की अन्य समस्याएं (Other eye Problems)- आंखों के रोग या अन्य समस्याएं, आंख के फड़कने का कारण बन सकते हैं जैसे आंखों में खुजली, आंखों से पानी आना, आंखों में सूजन, जलन, कंजंक्टिवाइटिस आदि या आंखों को मसलना। 

4. बेल्स पाल्सी (Bell’s palsy) – आधे चेहरे की मांसपेशियों का अस्थाई रूप से कमजोर पड़ जाना या लकवा ग्रस्त हो जाना बेल्स पाल्सी कहलाता है। चेहरे को नियंत्रित करने वाली रक्तवाहिका के दबने या सूजन आने के कारण से आंख फड़कने की समस्या हो सकती है।

5. कैफीन का अधिक सेवन (High Intake of Caffeine)- अधिक मात्रा में कैफीन का सेवन भी आंख को उत्तेजित कर सकता है। चाय, कॉफी, चॉकलेट आदि कैफीन युक्त खाद्य पदार्थों का कम सेवन करना चाहिये। 

6. एल्कोहॉल और नशीले पदार्थ (Alcohol and Drugs)- अधिक मात्रा में शराब या अन्य एल्कोहॉल युक्त पदार्थों तथा किसी भी प्रकार के नशीले पदार्थों का सेवन आंख फड़कने का कारण बन सकते हैं। 

7. पोषक तत्वों की कमी (Nutritional Deficiencies)- भोजन में पोषक तत्वों की कमी यानि विटामिन, खनिजों की कमी, विशेषकर मैग्नीशियम की कमी आंख फड़कने का कारण बन सकती है। 

8. दवाओं का सेवन (Prescription Drugs)-  एंटीएपीलेप्टिक (Antiepileptic) या एंटीसाइकोटिक (Antipsychotic) दवाओं की अतिरिक्त खराक लेना, आंख फड़कने का कारण हो सकता है। 

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आंख फड़कने के लक्षण – Eye Twitching Symptoms

आंख फड़कने के निम्नलिखित लक्षण प्रकट हो सकते हैं –

1. एक आंख की नीचे की पलक का फड़कना, या दोनों पलकों का फड़कना।

2. पलक झपकने की गति में तेजी।

3. चेहरे पर कठोरता (ऐंठन)।

4. आंखों में जलन या खुजली महसूस होना।

5. आंखों में सूखापन।

6. आंखों में सूजन भी हो सकती है।

7. प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता अर्थात् बाहर निकलने पर आंखों में सूरज की रोशनी का चुभना। 

आंख फड़कने का उपचार – Twitching Eyes Treatment

वैसे तो आंख फड़कना कुछ ही दिनों में ठीक हो जाता है परन्तु यदि यह एक सप्ताह से अधिक चले तो डॉक्टर निम्नलिखित उपचार विधि अपना सकते हैं –

1. बोटॉक्स इंजेक्शन (Botox Injections)- गंभीर स्थिति में बोटॉक्स इंजेक्शन दिया जा सकता है। यह इंजेक्शन मरोड़ वाली मांसपेशियों को कमजोर करता है ताकि उन्हें आराम मिल सके। इसका प्रभाव तीन महीने तक रहता है। ऐंठन बने रहने की स्थिति में उपचार जारी रखा जा सकता है। 

2. मौखिक दवाएं (Oral Medications)- ये दवाएं पूरे शरीर की मांसपेशियों को रिलेक्स करती हैं और आंखों की ऐंठन को कम करने में मदद करती हैं।

3. मायेक्टोमी (Myectomy)- इस उपचार के द्वारा पलकों के क्षेत्र से मांसपेशियों या नसों का एक हिस्सा हटा दिया जाता है। इससे आंख का फड़कना बंद हो जाता है। 

4. एक्यूपंक्चर तकनीक (Acupuncture Techniques)- आंख फड़कने के उपचार में एक्यूपंक्चर तकनीक की मदद ली जा सकती है।

5. कायरोप्रैक्टिक थेरेपी (Chiropractic Therapy)- काइरोप्रैक्टिक एक अनूठी चिकित्सा पद्धति है। इसमें काइरोप्रैक्टर थेरेपिस्ट अपने हाथों का उपयोग करके, बिना ऑपरेशन के, शरीर के तंत्रिका तंत्र और हड्डियों के तंत्र की समस्याओं/विकारों से  छुटकारा दिलाता है। 

6. पोषण चिकित्सा (Nutrition Therapy)- भोजन अनेक प्रकार के रोगों को नियंत्रित करने और उनसे छुटकारा दिलाने में महत्वपूर्ण और सार्थक भूमिका निभाता है। पोषक तत्व और खाद्य घटक शरीर के कार्यप्रणाली को प्रभावित करते हैं। पोषण चिकित्सक आमतौर पर मरीज की पूर्व मेडिकल हिस्ट्री और वर्तमान स्वास्थ्य स्थिति का आकलन करके मरीज के लिये एक व्यक्तिगत पोषण योजना बनाते हैं और उसी के अनुसार मरीज को सलाह देते हैं। आंख फड़कने के मामले में भी पोषण चिकित्सक विशेष आधार का चार्ट बनाकर उस पर अमल करने को कह सकते हैं।

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डॉक्टर के पास कब जाएं? – When to go to the Doctor?

निम्नलिखित स्थिति में डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए –

1. यदि आंख फड़कना एक सप्ताह के बाद भी जारी रहे।

2. आंखों से पानी आना।

3. आंखों में लालिमा छाने पर।

4. आंखों के आकार में बदलाव महसूस होने पर।

5. पलकों के नीचे लटकने पर। 

6. चेहरे की मांसपेशियों के लटकने पर या चेहरे में ऐंठन महसूस होने पर। 

आंख फड़कने के घरेलू उपाय – Home Remedies for Twitching eyes

दोस्तो, अब बताते हैं आपको कुछ निम्नलिखित घरेलू उपाय जो आंख फड़कने की समस्या से राहत दिलाने में मदद करेंगे –

1.  तनाव से बचें (Avoid Stress)- तनाव रहने पर ना केवल सिर में दर्द होता है बल्कि आंखों पर भी इसका प्रभाव पड़ता है। इससे आंखों में भी दर्द बन जाता है। इसलिये अपनी पसंद का काम कीजिये, अपनी पसंद की गतिविधियां कीजिये, अपनी पसंद का म्यूजिक सुनिये, अपनी पसंद की पुस्तक पढ़िये, अपने को खुश रखिये। परिणामस्वरूप आंख फड़कने जैसी समस्या होगी ही नहीं और यदि होगी भी ज्यादा देर नहीं रुकेगी।

2. संतुलित आहार (Balanced Diet)- नियमित रूप से संतुलित आहार और पौष्टिक आहार लीजिये। उदहारण के तौर पर सुबह के नाश्ते में दूध, अंडा, ओट्स, दलिया, मक्खन ब्रैड और फल ले सकते हैं। दोपहर के भोजन में हरी सब्जी, दाल, रोटी, चावल, दही और सलाद का सेवन करें। शाम को हेल्दी स्नैक्स जैसे फ्रूट सैंडविच या उबले अंडे ले सकते हैं और रात के भोजन में रोटी, हरी सब्जी, दाल और सलाद खाएं।  

3. केला (Banana)-  केला आंखों के लिये बहुत फायदेमंद होता है। पोटेशियम और मैग्नीशियम की कमी की वजह से आंखों के फड़कने की समस्या होती है। केले में पर्याप्त मात्रा में ये दोनों खनिज उपलब्ध होते हैं। अतः केले के सेवन से आंखों के फड़कने में आराम लग जाएगा। 

4. गर्म सिंकाई (Hot Learning)- पलकों पर एक गर्म सेक देने से तुरन्त आराम लग जाएगा। यह एक सरल उपाय है। परन्तु ध्यान रहे सिंकाई करने वाला कपड़ा अधिक गर्म ना होने पाये, सहन करने लायक ही गर्म रहे। 

5. गुनगुने पानी के छींटे (Splash of Warm Water)- यदि गर्म सिंकाई करने में कोई दिक्कत है तो विकल्प के तौर पर आंखों में गुनगुने पानी के छींटे मारते रहें। यह अत्यंत प्रभावकारी उपाय है। इस प्रक्रिया को दिन में कई बार दोहरा सकते हैं।

6. गुलाब जल (Rose Water)- आंखों के संकुचन को दूर करने के लिये गुलाब जल अत्यंत प्रभावशाली क्लींजर है। आंख फड़कने की समस्या से छुटकारा पाने के लिये गुलाब जल को थोड़ी देर फ्रिज में रख दें ताकि यह ठंडा हो जाये। फिर इसे फ्रिज से निकालकर रूई को इस ठंडे गुलाब जल में डुबोएं और आंखों पर लगाकर हल्का-हल्का दबाव डालें। निश्चित रूप से आराम लग जाएगा।  

7. आलू (Potato)-  आलू अपना शीतल प्रभाव छोड़ता है। आलू के पतले स्लाइस काट कर आंखों पर रखकर छोड़ दें। हर 5 मिनट के अंतराल पर आलू के स्लाइस बदलते रहें। यह प्रक्रिया आधा घंटे तक करें। इससे आंख की मांसपेशियों को आराम मिलेगा। 

8. खीरा (Cucumber)- एंटीऑक्सीडेंट और हाइड्रेटिंग गुण से सम्पन्न खीरा में लगभग 97 प्रतिशत पानी होता है। यह आंखों की नमी को बनाए रखता है। यह आंखों पर शीतल प्रभाव छोड़ता है। आंखों की जलन, खुजली, संक्रमण आदि से राहत दिलाने में मदद करता है। आंखों के फड़कने की स्थिति में भी इसका उपयोग करना चाहिये। चाहे तो इसके स्लाइस काट कर आंखों पर लगभग 20 मिनट तक रखते जाएं या खीरा का जूस निकालकर इसमें रुई डुबोकर आंखों पर रखें। इससे आराम लग जाएगा।  

आंखों के फड़कने से बचाव – Eye twitching

निम्नलिखित उपाय अपनाकर आंखों के फड़कने से काफी हद तक बचाव किया जा सकता है –

1. रात को जल्दी सोयें ताकि 7-8 घंटों की नींद मिल सके और दिन में नींद ना सताए।

2. दिन में कम से कम 2 लीटर पानी पीएं ताकि शरीर में पानी की कमी ना हो और आंखों में सूखापन ना आए।

3. चाय, कॉफी आदि कैफीन युक्त पदार्थों का कम सेवन करें।

4. शराब का सेवन कम करें।

5. धूम्रपान ना करें। 

6. तनाव मुक्त रहें।

7. बाहर निकलते समय आंखों पर धूप का चश्मा लगाएं, विशेषकर गर्मी के मौसम में। 

8. स्क्रीन के संपर्क में बहुत कम समय बिताएं।

9. पोषक तत्वों युक्त भोजन करें।

10. नियमित रूप से व्यायाम करें। 

Conclusion – 

दोस्तो, आज के आर्टिकल में हमने आपको आंख फड़कने के बारे में विस्तार से जानकारी दी। आंख फड़कना क्या है?, नेत्र संकुचन के प्रकार, आंख फड़कने के कारण, आंख फड़कने के लक्षण, आंख फड़कने का उपचार और डॉक्टर के पास कब जाएं, इन सब के बारे में भी विस्तार पूर्वक बताया। देसी हैल्थ क्लब ने इस आर्टिकल के माध्यम से आंख फड़कने के घरेलू उपाय बताये तथा आंखों के फड़कने से बचाव के उपाय भी बताए। आशा है आपको ये आर्टिकल अवश्य पसन्द आयेगा। 

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Disclaimer – यह आर्टिकल केवल जानकारी मात्र है। किसी भी प्रकार की हानि के लिये ब्लॉगर/लेखक उत्तरदायी नहीं है। कृपया डॉक्टर/विशेषज्ञ से सलाह ले लें।

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