दोस्तो, स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग पर। हमारे शरीर में कई तरल पदार्थ होते हैं जो शरीर की जैविक क्रियाओं के लिये जरूरी हैं। इनमें से कुछ ऐसे होते हैं जिनके बिना जीना संभव ही नहीं है जैसे पानी। पानी तो भौतिक शरीर का एक तत्व है। पानी के ही तरह एक और द्रव है जो शरीर की कार्य प्रणाली में मदद करता है। इस द्रव का नाम है रक्त। शरीर में रक्त की कमी होने का अर्थ है शरीर में ऑक्सीजन की कमी, कमजोरी, थकान तथा अन्य बीमारियां। रक्त की कमी को मेडिकल भाषा में “एनीमिया” कहा जाता है और रक्त की इस कमी को आखिर दूर कैसे किया जाये। दोस्तो, यही है हमारा आज का टॉपिक “एनीमिया को दूर करने के घरेलू उपाय”। देसी हैल्थ क्लब इस लेख के माध्यम से आज आपको एनीमिया के बारे में विस्तार से जानकारी देगा और यह भी बतायेगा कि एनीमिया की कमी को दूर करने के क्या उपाय हैं। सबसे पहले जानते हैं कि एनीमिया क्या है और लाल रक्त कोशिकाऐं क्या होती हैं। इसके बाद फिर बाकी बिन्दुओं पर जानकारी देंगे।
एनीमिया क्या है? – What is Anemia?
दोस्तो, हमारे शरीर में रक्त कोशिकाऐं तीन प्रकार के होती हैं – सफेद रक्त कोशिकाऐं (White Blood Cells – WBC), लाल कोशिकाऐं (Red Blood Cells – RBC) और प्लेटलैट्स (Platelets)। इन रक्त कोशिकाओं का निर्माण हड्डियों के अंदर अस्थि मज्जा (Bone Marrow) में होता है। रेड ब्लड सेल्स (Red Blood Cells) शरीर में मौजूद सभी ऊतकों (Tissues) तक ऑक्सीजन ले जाने का काम करते हैं। शरीर में रेड ब्लड सेल्स की कमी से ऑक्सीजन भी घटने लगता है और नया खून बनने में बाधा आने लगती है। इसी समस्या को खून की कमी या रेड ब्लड सेल्स की कमी या एनीमिया यानी रक्ताल्पता कहा जाता है। एनीमिया का प्रमुख कारण होता है भोजन से पर्याप्त मात्रा में आयरन का ना मिल पाना, अर्थात् आयरन की कमी, खून की कमी। इसके और भी कारण हो सकते हैं जिनका जिक्र हम बाद में करेंगे। एनीमिया की समस्या अधिकतर महिलाओं विशेषकर गर्भवती महिलाओं को होती है। मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज के डॉ. जुगल किशोर के अनुसार, “एनीमिया का मतलब है शरीर में रेड ब्लड सेल्स कम होना। इसके कई कारण हो सकते हैं, महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान या पीरियड्स में अत्यधिक रक्त स्राव होने के कारण एनीमिया हो सकता है”। वजन कम करने के लिये डाइटिंग कर रही महिलाओं को भी एनीमिया होने की संभावना रहती है। बच्चे को स्तनपान कराने वाली महिलाओं को भी एनीमिया होने की संभावना रहती है। डॉ. जुगल किशोर के अनुसार “पाइल्स या अल्सर के कारण भी एनीमिया हो सकता है”।
लाल रक्त कोशिकाएं क्या होती हैं? – What are Red Blood Cells?
लाल रक्त कोशिकाऐं प्लेट के समान गोलाकार होती हैं। ये किनारे से मोटी और बीच में से पतली, दबी हुई होती हैं। इन्हीं लाल रक्त कोशिकाओं में हीमोग्लोबिन होता है। इस विषय पर विस्तृत जानकारी के लिये हमारे पिछले आर्टिकल “हीमोग्लोबिन की कमी दूर करने के उपाय” पढ़ें। आमतौर पर इनकी संख्या क्यूबिक मिली लीटर रक्त में लगभग 50 लाख होती है लेकिन व्यक्ति की उम्र के हिसाब से ये कम/ज्यादा हो सकती हैं। मगर सामान्य से कम होना या ज्यादा होना किसी भी समस्या को जन्म दे सकता है। ये लगभग 120 दिन तक सक्रिय रहती हैं, फिर नष्ट हो जाती हैं और नई-नई कोशिकाऐं बनती रहती हैं। ये ऑक्सीजन को शरीर में पहुंचाने और कार्बन-डाई-ऑक्साइड को शरीर से बाहर निकालने का काम करती हैं। इसके अतिरिक्त और भी काम लाल रक्त कोशिकाओं को करने पड़ते हैं।
शरीर में आयरन का काम – Function of Iron in the Body
जैसा कि हमने ऊपर बताया कि लाल रक्त कोशिकाओं में हीमोग्लोबिन होता है जिसे बनाने का काम आयरन करता है। हीमोग्लोबिन लाल रक्त कोशिकाओं में प्रोटीन को सारे शरीर में ले जाने का काम करता है। शरीर में पर्याप्त मात्रा में हिमोग्लोबिन ना होने से शरीर की मांसपेशियों और ऊतकों को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पायेगी जिससे रक्त की कमी अर्थात् एनीमिया की समस्या हो जायेगी। निष्कर्षतः बात घूम फिर कर आयरन पर ही आती है जो लाल रक्त कोशिकाओं और उनमें व्याप्त हीमोग्लोबिन का आधार स्तम्भ है। क्योंकि 25 प्रतिशत भाग अस्थि मज्जा व अन्य हिस्सों में होता है और अस्थि मज्जा लाल रक्त कोशिकाओं का निर्माण करती हैं, यह बात हम ऊपर भी बता चुके हैं। अब प्रश्न उठता है कि शरीर में आयरन की मात्रा कितनी होती है, तो जानते हैं इस बारे में।
शरीर में आयरन की मात्रा – Iron Content in the Body
हमारे शरीर के कुल वजन का 0.004 प्रतिशत भाग आयरन होता है और इसकी कुल मात्रा शरीर के वजन के अनुसार 3 से 5 ग्राम होती है। आयरन का 70 प्रतिशत हिस्सा हीमोग्लोबिन में, 4 प्रतिशत मांसपेशियों के प्रोटीन मायोग्लोबिन में, 25 प्रतिशत भाग लिवर, अस्थि मज्जा, प्लीहा व गुर्दे में भंडारण के रूप में और बाकी 1 प्रतिशत भाग प्लाज्मा के द्रव्य अंश में तथा कोशिकाओं के एंजाइम्स में होता है।
एनीमिया के प्रकार और उनके कारण – Types of Anemia and Their Causes
एनीमिया के सात प्रकार होते हैं विवरण निम्नलिखित है –
1. आयरन डेफिशियेंसी एनीमिया (Iron Deficiency Anemia)- यह एनीमिया का सबसे सामान्य प्रकार है जिसमें आयरन की कमी के से रक्त की कमी हो जाती है। मासिक धर्म में अत्यधिक रक्त श्राव के कारण और गर्भावस्था में भ्रूण के विकास लिये, बचपन और किशोरावस्था में बच्चों के विकास के लिये पर्याप्त आयरन ना मिल पाने के कारण यह एनीमिया हो सकता है।
2. अप्लास्टिक एनीमिया (Aplastic Anemia)- इस प्रकार के एनीमिया होने का कारण होता है अस्थि मज्जा (Bone Marrow) के द्वारा नई लाल रक्त कोशिकाओं का निर्माण करने में सक्षम ना होना। जब अस्थि मज्जा नई लाल रक्त कोशिकाओं का निर्माण नहीं कर पाती तो एरिथमिया (असामान्य दिल की धड़कन), हृदय के आकार बढ़ जाना, हार्ट फेल होना, संक्रमण और रक्तश्राव आदि होने की संभावना हो जाती है।
3. हीमोलिटिक एनीमिया (Hemolytic Anemia)- इस प्रकार के एनीमिया में लाल रक्त कोशिकाऐं नष्ट होने के कारण, इनकी संख्या में कमी आ जाती है। यह स्थिति अनेक बीमारियों, स्थितियों और कारकों के कारण होती है जैसे कि प्लीहा द्वारा लाल रक्त कोशिकाओं को पकड़ कर नष्ट करना। या एंटीबॉडी लाल रक्त कोशिकाओं को पहचान कर उनसे चिपक जाता है और प्रतिरक्षा कोशिकाऐं एंटीबॉडी से ढकी इन लाल रक्त कोशिकाओं पर हमला कर नष्ट करने लगती हैं।
4. थैलेसीमिया (Thalassemia) – यह एक अनुवांशिक रक्त विकार है। हीमोग्लोबिन के डीएनए में गड़बड़ हो जाने के कारण रक्त की कमी हो जाती है। इस प्रकार के एनीमिया में शरीर लाल रक्त कोशिकाऐं और हीमोग्लोबिन कम बनाता है।
5. सिकल सेल एनीमिया (Sickle Cell Anaemia)- यह गंभीर प्रकार का एनीमिया है जिसमें लाल रक्त कोशिकाओं का आकार बिगड़ने लगता है यानी गोलाकार ना रह कर ये दरांती के आकृति जैसी हो जाती हैं।
6. पर्निशियस एनीमिया (Pernicious Anemia)- इस एनीमिया के लिये आंतरिक कारक जिम्मेदार होते हैं। आंतरिक कारक की कमी सामान्यतः पेट में इसे बनाने वाली कोशिकाओं पर एक ऑटोइम्यून हमले की वजह से होती है। यह पेट के हिस्से को सर्जरी द्वारा हटाने या अनुवांशिक बीमारी के बाद भी हो सकती है। पर्निशियस एनीमिया, मुख्य रूप से विटामिन-बी12 की कमी के कारण होती है क्योंकि इसकी कमी से लाल रक्त कोशिकाऐं नहीं बन पातीं। इस प्रकार के एनीमिया का उपचार विटामिन-बी12 के इंजेक्शन द्वारा किया जाता है।
7. फेंकोनाइ एनीमिया (Fanconi Anemia)- इसे अनुवांशिक रक्त विकार कहा जाता है। इसे हड्डियों की मज्जा की विफलता माना जाता है। यह वस्तुतः अप्लास्टिक एनीमिया का ही एक प्रकार है जो अस्थि मज्जा को नई रक्त कोशिकाऐं नहीं बनाने देता। फेंकोनाइ एनीमिया की वजह से अस्थि मज्जा कई असामान्य रक्त कोशिकाऐं बनाता है जो ल्यूकेमिया जैसी और अन्य गंभीर बीमारियों का कारक हो सकती हैं।
एनीमिया के कारण – Cause of Anemia
एनीमिया के प्रकार के अनुसार इनके कारण हम ऊपर बता चुके हैं जिनमें सबसे प्रमुख है आयरन की कमी जो अस्थि मज्जा को लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण के लिये उत्तेजित करता है। यही आयरन रक्त कोशिकाओं के हीमोग्लोबीन में होता है। अन्य सामान्य कारण निम्न प्रकार हैं –
1. शरीर में रक्त की कमी होने से लाल रक्त कोशिकाओं का पर्याप्त मात्रा में ना होना।
2. लाल रक्त कोशिकाओं का ना बन पाना।
3. बहुत ज्यादा रक्त श्राव हो जाना।
4. प्रतिरक्षा प्रणाली द्वारा लाल रक्त कोशिकाओं को नष्ट करना।
ये भी पढ़े- TLC और DLC क्या होता है?
एनीमिया के लक्षण – Symptoms of Anemia
यद्यपि प्रत्येक व्यक्ति में एनीमिया के लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं पर सामान्य लक्षण निम्न प्रकार हैं –
सांस लेने में दिक्कत होना
1. थकावट
2. कमजोरी
3. सिरदर्द
4. चक्कर आना
5. हृदय की अनियमित धड़कन
6. हड्डी, छाती, जोड़ों और पेट में दर्द।
7. हाथ-पैर ठंडे पड़ जाना
8. त्वचा में पीलापन
एनीमिया के टेस्ट – Test for Anemia
1. एनीमिया की जांच के लिये डॉक्टर कंप्लीट ब्लड काउंट (CBC) टैस्ट करवा सकते हैं जिसमें निम्नलिखित घटकों को मापा जाता है – रेड ब्लड सेल्स, व्हाइट ब्लड सेल्स और प्लेटलेट्स की संख्या देखी जाती है।
(a) लाल रक्त कोशिकाऐं – लाल रक्त कोशिकाओं की गिनती के अलावा इन दो घटकों को मापता है –
(i) हीमोग्लोबिन – सामान्य स्तर इस प्रकार है –
पुरुष – Male
12 वर्ष से 18 वर्ष – 13.0 से 16.0 ग्रा।/डे.ली.
18 वर्ष से अधिक – 13.5 से 17.5 ग्रा।/डे.ली.
महिला – Female
12 वर्ष से 18 वर्ष – 12.0 से 16.0 ग्रा।/डे.ली.
18 वर्ष से अधिक – 12.0 से 15.5 ग्रा।/डे.ली.
(ii) हेमटोक्रिट – यह रक्त में लाल रक्त कोशिकाओं का प्रतिशत होता है जो इस प्रकार होना चाहिये –
पुरुषों में – 40-52 प्रतिशत
महिलाओं में – 35-47 प्रतिशत
हीमोग्लोबिन और हेमटोक्रिट कम होना एनीमिया की ओर इशारा करता है।
(b) श्वेत रक्त कोशिकाऐं – यह टैस्ट श्वेत रक्त कोशिकाओं की संख्या और प्रकार के प्रतिशत को मापता है।
(c) प्लेटलेट्स – इस टैस्ट के जरिये इनकी संख्या का पता लग जाता है।
2. कंप्लीट ब्लड काउंट के अतिरिक्त लाल रक्त कोशिकाओं के आकार और रंग की जांच करवाई जा सकती है।
3. कुछ केसों में अस्थि मज्जा का भी टैस्ट भी करवा जा सकता है।
एनीमिया को दूर करने के घरेलू उपाय – Home Remedies for Anemia
दोस्तो, आयरन की कमी से होने वाले एनीमिया को दूर करने के उपाय हम बाद में बतायेंगे उससे पहले बताते अन्य प्रकार के एनीमिया के उपचार के बारे में बता देते हैं। विवरण निम्न प्रकार है –
1. विटामिन-बी12 या फोलेट की कमी के कारण होने वाले एनीमिया जैसे पर्निशियस एनीमिया के उपचार के लिये डॉक्टर फोलेट और विटामिन-बी12 सप्लीमेंट्स देते हैं और हरी पत्तेदार सब्जियां, हरी मटर, सोया उत्पाद, राजमा, मूंगफली, चावल, मीट, खाने की सलाह देते हैं जो इससे बचाव कर सकते हैं। यदि विटामिन-बी12 का अवशोषण करने में पाचन तंत्र को दिक्कत होती है तो ऐसी स्थिति में विटामिन-बी12 के इंजेक्शन लगाये जाते हैं जो एक महीना या जीवन पर्यन्त (Lifetime) लगवाने पड़ सकते हैं।
2. अप्लास्टिक एनीमिया के मामले में लाल रक्त कोशिकाओं के स्तर को बढ़ाने के लिये ब्लड ट्रांस्फ्यूजन की जरूरत पड़ सकती है। अस्थि विकार जिसमें स्वस्थ रक्त कोशिकाऐं नहीं बन पा रही हों तो, बोन मैरो ट्रांसप्लांट की भी जरूरत हो सकती है।
3. सिकल सेल्स एनीमिया में डॉक्टर रक्त-आधार, एंटीबायोटिक और फोलिक एसिड युक्त भोजन लेने की सलाह देते हैं। ऑक्सीजन, दर्द निवारक दवाईयां जिसमें कैंसर की कुछ दवाईयां भी हो सकती हैं, मौखिक और नसों के माध्यम से दी जा सकती हैं।
4. थैलेसीमिया (Thalassemia)- इसमें रक्त आधार दवाईयां दी जा सकती हैं और फोलिक एसिड में युक्त भोजन लेने की सलाह दी जाती है। कुछ मामलों में प्लीहा निकाल दिया जाता है और बोन मैरो ट्रांसप्लांट की भी जरूरत पड़ सकती है।
अब आपको बताते हैं आयरन की कमी से होने वाले एनीमिया को दूर करने के उपाय। इसके उपचार के लिये डॉक्टर आयरन सप्लीमेंट्स देते हैं और आयरन युक्त खाद्य पदार्थ और ड्राई फ्रूट्स खाने की सलाह देते हैं। हम आपको बता रहे हैं कुछ ऐसे निम्नलिखित खाद्य पदार्थ जिनमें आयरन की भरपूर मात्रा होती है। इन खाद्य पदार्थों के सेवन से एनीमिया की समस्या खत्म हो जायेगी।
ये भी पढ़े- SGOT और SGPT क्या होता है?
1. सोयाबीन, मटर और राजमा (Soybeans, Peas and Beans)- फलियों के सेवन से शरीर में आयरन की कमी नहीं होती। रक्त में हीमोग्लोबिन स्तर को भी बढ़ाने में मदद करती हैं। प्रति 100 ग्राम सोयाबीन में लगभग 15.7 मि।ग्रा।, राजमा में 6.69 मि।ग्रा और मटर में 1.54 मि।ग्रा आयरन होता है। इनमें फोलेट और विटामिन-सी की भी उच्च मात्रा होती है। इनको अन्य सब्जियों के साथ मिलाकर खा सकते हैं और अलग-अलग बनाकर भी।
2. मसूर की दाल (Masoor ki Dal)- जिन को मटर, राजमा और सोयाबीन अच्छे नहीं लगते उनके लिये मसूर की दाल बेहतरीन विकल्प है। मसूर की दाल में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, पोटेशियम के अतिरिक्त 6 मि।ग्रा। आयरन और 5.3 मि.ग्रा. विटामिन-सी की मात्रा होती है (प्रति 100 ग्राम मसूर की दाल)।
3. पालक (Spinach)- हरे पत्तेदार सब्जियां विटामिन-सी के साथ-साथ आयरन से भरपूर होती हैं जैसे पत्ता गोभी, मेथी आदि। इनके खाने से कभी आयरन की कमी नहीं होती और खून की कमी पूरी होती रहती है। डॉक्टर भी सबसे ज्यादा इन्हीं को खाने की सलाह देते हैं विशेषकर पालक को 100 ग्राम पालक में लगभग 4 मि.ग्रा. आयरन होता है। आयरन के अतिरिक्त पालक में प्रोटीन, कैल्शियम, सोडियम, क्लोरीन, फास्फोरस, खनिज और आदि तत्व होते हैं।
4. टमाटर (Tomato)- आयरन का एक अच्छा श्रोत है। टमाटर को आप सलाद के रूप में भी खा सकते हैं। 100 ग्रा. टमाटर से 0.27 मि.ग्रा. आयरन और 13.7 मि.ग्रा. विटामिन-सी मिल जाता है।
5. चुकंदर (Beetroot)- चुकंदर को खून की कमी पूरा करने के लिये रामबाण उपाय माना जाता है। यह शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं की संख्या को बढ़ाने का काम करता है। 100 ग्राम कच्चे चुकंदर में 0.8 मि.ग्रा. और पके चुकंदर में 0.79 मि.ग्रा. आयरन होता है। इसको आप सलाद, जूस के रूप में सेवन कर सकते हैं। एनीमिया के मरीजों के लिये यह प्रकृति का उपहार है इसे सेवन करने से खून की कमी नहीं होती।
ये भी पढ़े- चुकंदर के फायदे और नुकसान
6. अनार (Pomegranate)- कैल्शियम, प्रोटीन, फाइबर और कार्बोहाइड्रेट से समृद्ध, 100 ग्राम अनार के दानों से 0.3 मि.ग्रा. आयरन मिल जाता है। डॉक्टर भी खून की कमी होने पर आनार खाने, जूस पीने की सलाह देते हैं। इससे एनीमिया से जल्द ही राहत मिल जाती है।
7. अमरूद (Guava)- अमरूद में मौजूद विटामिन-सी, रोग प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाने के साथ-साथ शरीर में खून की अधिक मात्रा बनाने में मदद करता है जिससे एनीमिया की समस्या से जल्द ही छुटकारा मिल जाता है। अमरूद के बारे में कहा जाता है कि यह जितना पका होगा उतना ही अधिक पौष्टिक और आयरन से भरपूर होगा। प्रति 100 ग्राम अमरूद से 0.26 मि.ग्रा.आयरन होता है।
8. शहतूत (Mulberry)- इस मधुर फल में एंटी-हीमोलिटिक अर्थात् हीमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाने वाला गुण पाया जाता है। यह खून की कमी को पूरा करके एनीमिया से मुक्ति दिलाता है। शहतूत विटामिन-सी, डी, बी6, बी12, ई, के, मैग्नेशियम, कैल्सियम और आयरन से भरपूर होता है। प्रति 100 ग्राम शहतूत से 1.9 मि.ग्रा. आयरन मिल जाता है।
9. आँवला और जामुन (Amla and Jamun)- आँवला और जामुन दोनों ही विटामिन-सी और आयरन से भरपूर होते हैं जो रक्त निर्माण में मदद कर रक्त की कमी को पूरा करते हैं। प्रति 100 ग्राम आँवला के जूस से 1.2 मि.ग्रा. आयरन और 100 ग्राम जामुन से 1 से 2 मि.ग्रा. आयरन होता है। इन दोनों के जूस को मिक्स करके पीने से हीमोग्लोबिन की कमी निश्चित रूप से जल्दी ही दूर हो जाती है। आँवला लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण में अपनी सक्रिय भूमिका निभाता है।
10. गुड़ (Jaggery)- अच्छे स्वास्थ के लिये, रक्त की कमी पूरी करने के लिये और हीमोग्लोबिन बढ़ाने के लिये हेल्थ एक्सपर्ट्स चीनी की बजाय गुड़ खाने की सलाह देते हैं। गुड़ कार्बोहाइड्रेट, कैल्शियम, पोटैशियम, सोडियम और आयरन से होता है। 100 ग्राम गुड़ से 10 मि.ग्रा. आयरन मिल जाता है।
11. पीनट बटर (Peanut Butter)- आयरन का एक बेहतरीन और स्वादिष्ट श्रोत है मूंगफली से बनाया हुआ पीनट बटर। सुबह के भोजन में ब्रेड पर पीनट बटर लगाकर खाया जा सकता है। या भोजन में किसी और रूप में इसका किया जा सकता है। 100 ग्राम पीनट बटर में 1.9 मि.ग्रा. आयरन होता है।
12. डार्क चॉकलेट (Dark Chocolate)- चॉकलेट बनाने के लिये कोको का उपयोग किया जाता है और कोको में आयरन की भरपूर मात्रा होती है। 100 ग्राम डार्क चॉकलेट से 11.9 मि.ग्रा. आयरन मिल जाता है। इसके अलावा डार्क चॉकलेट में विटामिन-बी6, 0.038 मि.ग्रा. और विटामिन-बी12 0.28 माइक्रोग्राम होता है। इसके सेवन से हीमोग्लोबिन का स्तर में वृद्धि होगी और खून की कमी भी पूरी होगी।
13. ड्राई फ्रूट्स (Dry Fruits)- दोस्तो, खाद्य पदार्थों में ड्राई फ्रूट्स सामान्य खाद्य पदार्थों की तुलना में शारीरिक और मानसिक स्वास्थ को बहुत तेजी से फायदा देते हैं। किशमिश, काजू, पिस्ता, बादाम, खुबानी, अखरोट आदि पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं। इनमें मौजूद आयरन रक्त के निर्माण में मदद कर के, रक्त की कमी को पूरा करते हैं और हीमोग्लोबिन के स्तर में सुधार करते हैं। किसमें कितना आयरन है, इसका विवरण इस प्रकार है –
(i) किशमिश – किशमिश को एनीमिया से बचाव का उत्तम उपाय माना जाता है। 100 ग्राम किशमिश में 1.88 मि.ग्रा. आयरन होता है। इसके अतिरिक्त इसमें विटामिन बी6 और कॉपर भी होता है। ये सभी लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण में मदद करते हैं और शरीर में रक्त की कमी को पूरा करते हैं।
(ii) पिस्ता – विटामिन-बी6, ब्लड वैसल्स को ऑक्सीजन ले जाने में मदद करता है और रक्त संचार में सुधार करता है। पिस्ता में विटामिन बी-6 और आयरन की पर्याप्त मात्रा होती है। 100 ग्राम पिस्ता में विटामिन-बी6, 1.7 मि.ग्रा. और आयरन 3.93 मि.ग्रा. होता है। पिस्ता खाने से शरीर को अधिक मात्रा में आयरन मिल जाता है।
ये भी पढ़े- पिस्ता खाने के फायदे
(iii) काजू – विटामिन-बी, सी, फोलेट, पोटेशियम, मेग्निशियम और फास्फोरस से भरपूर काजू में आयरन की प्रचुर मात्रा होती है। 100 ग्राम काजू से 6.68 मि.ग्रा. आयरन मिल जाता है।
(iv) अखरोट – काजू के ही समान अखरोट भी डाइटरी फाइबर, प्रोटीन, कार्बोहाड्रेट, कैल्शियम, फास्फोरस और आयरन से भरपूर होता है जो शरीर में रक्त निर्माण में अपनी सक्रिय भूमिका निभाता है। 100 ग्राम अखरोट में 6.68 मि.ग्रा. आयरन होता है।
(v) बादाम – 10 ग्राम ड्राई रोस्टेड बादाम के सेवन से 0.5 मि.ग्रा. आयरन मिल जाता है। कैल्शियम, मैग्नीशियम, आयरन, विटामिन से भरपूर बादाम रक्त की कमी दूर करने में मदद करता है।
(vi) खुबानी – खुबानी, लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण करने में सहायता करती है। इसमें आयरन के साथ-साथ फोलेट और कॉपर की भी पर्याप्त मात्रा होती है जो हीमोग्लोबिन की मात्रा बढ़ाते हैं। 100 ग्राम खुबानी में 0.39 मि.ग्रा. आयरन होता है।
14. अंडा और लाल मांस (Egg and Red Meat)- मांसाहारियों के लिये हीमोग्लोबिन बढ़ाने और रक्त की कमी पूरा करने के लिये अंडा और लाल मांस उत्तम विकल्प हैं। अंडा, विटामिन, मिनरल्स, आयरन और कैल्शियम से भरपूर होता है। इसे सुबह के नाश्ते में शामिल करें। लाल मांस, विटामिन-ए और डी, जिंक, आयरन तथा पोटैशियम से भरपूर होता है। जो हीमोग्लोबिन को बढ़ाने के साथ-साथ इम्युनिटी को भी बूस्ट करता है।
Conclusion –
दोस्तो, आज के लेख में हमने आपको एनीमिया को दूर करने के घरेलू उपाय के बारे में विस्तार से जानकारी दी। एनीमिया क्या है, लाल रक्त कोशिकाऐं क्या होती हैं, शरीर में आयरन का काम, शरीर में आयरन की मात्रा, एनीमिया के प्रकार और उनके कारण, एनीमिया के कारण, एनीमिया के लक्षण और एनीमिया के टैस्ट, इन सब के बारे में भी विस्तार पूर्वक बताया। देसी हैल्थ क्लब ने इस लेख के माध्यम से एनीमिया को दूर करने के बहुत सारे घरेलू उपाय भी बताये। आशा है आपको ये लेख अवश्य पसन्द आयेगा।
दोस्तो, इस लेख से संबंधित यदि आपके मन में कोई शंका है, कोई प्रश्न है तो लेख के अंत में, Comment box में, comment करके अवश्य बताइये ताकि हम आपकी शंका का समाधान कर सकें और आपके प्रश्न का उत्तर दे सकें। और यह भी बताइये कि यह लेख आपको कैसा लगा। आप इस पोस्ट को अपने दोस्तों और सगे – सम्बन्धियों के साथ भी शेयर कीजिये ताकि सभी इसका लाभ उठा सकें। दोस्तो, आप अपनी टिप्पणियां (Comments), सुझाव, राय कृपया अवश्य भेजिये ताकि हमारा मनोबल बढ़ सके। और हम आपके लिए ऐसे ही Health-Related Topic लाते रहें। धन्यवाद।
Disclaimer – यह लेख केवल जानकारी मात्र है। किसी भी प्रकार की हानि के लिये ब्लॉगर/लेखक उत्तरदायी नहीं है। कृपया डॉक्टर/विशेषज्ञ से सलाह ले लें।
Perfect. Complete information on Anemia.