दोस्तो, स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग पर. दोस्तो, हमारा शरीर कभी स्वस्थ रहता है तो कभी अस्वस्थ। हम अपनी गलतियों या खान-पान के कारण ज्यादा बीमार होते हैं और अन्य करने से कम। अन्य कारणों पर हमारा वश नहीं होता है और हम कुछ जानलेवा बीमारियों का शिकार हो जाते है जैसे कि उच्च रक्तचाप, मधुमेह, कोलेस्ट्रॉल का बढ़ जाना आदि. ये सब कारण हैं हृदय रोग के. कैंसर भी इसी प्रकार का एक भयंकर बीमारी है जिसके अनेक रूप होते हैं उन्हीं रूपों में एक रूप ब्लैडर कैंसर भी है. दोस्तो, यही है हमारा आज का टॉपिक “ब्लैडर कैंसर किसे कहते हैं”। देसी हैल्थ क्लब इस आर्टिकल के जरिये आज आपको ब्लैडर कैंसर के बारे में विस्तृत जानकारी देगा। अपने इस आर्टिकल में बताएँगे की ब्लैडर कैंसर के कारण, इसके लक्षण क्या होते हैं और किस तरह से इससे बचाव किया जाए। तो, सबसे पहले जानते हैं कि ब्लैडर क्या होता है, कैंसर क्या होता है और ब्लैडर कैंसर क्या होता है. इसके बाद फिर बाकी बिन्दुओं पर जानकारी देंगे।
ब्लैडर क्या होता है? – What is a Bladder?
ब्लैडर मानव शरीर में पेट के निचले हिस्से में स्थित एक खोखली थैलीनुमा अंग होता है। जो हमारे शरीर का यूरिनरी सिस्टम का ही हिस्सा होता है। इसे यूरिनरी ब्लैडर कहा जाता है. किडनी से छन कर आए यूरिन, ब्लैडर में जा कर जमा हो जाता है। फिर यही से यूरिन हमारे शरीर से बाहर निकलता है। कुछ लोग इस लिए ब्लैडर कैंसर के शिकार हो जाते हैं क्योंकि वह ज्यादा देर तक अपने यूरिन को रोक कर रखते हैं। जो उन्हें मौत के मुँह में धकेल देती है। ब्लैडर की वॉल के टिश्यूज के इंफैक्टेड होने के साथ वहां खून के थक्के जमने की वजह से ब्लैडर कैंसर की शुरुआत होती है। ब्लैडर कैंसर महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों में ज्यादा होता है। यह किसी भी उम्र में हो सकता है। हालांकि एक शोध के अनुसार, यह कैंसर ज्यादातर 60 साल से ऊपर पुरुषों में ही पाया जाया है. अब जानते हैं कि कैंसर क्या होता है और ब्लैडर कैंसर क्या होता है?.
कैंसर क्या होता है? – What is Cancer?
कैंसर एक ऐसी बीमारी है, जो बहुत ही धीरे से हमारे शरीर पर अपना कब्ज़ा कर लेता है , और धीरे धीरे हमारे शरीर को अपने चपेट में पूरी तरह से कर लेता है। कैंसर को एक बहुत बड़ी जानलेवा बीमारी माना जाता है, क्युकी ये हमारे शरीर को धीरे धीरे अंदर से खोखला कर देती है। अगर हमें शुरूआती में ही पता चल जाए तो इससे छुटकारा भी पाया जा सकता है। हमारे सामने बॉलिवुड सिलेब्रिटीज जैसे सोनाली बिंद्रा, मनीषा कोइराला से लेकर क्रिकेट के युवराज सिंह जैसे कई उदाहरण हैं। ये सब इस बीमारी से लड़ कर बहार आये है। हम मानते है कि कैंसर का इलाज बहुत ही महंगा तथा बहुत ही कम जगहों उपलब्ध है।
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ब्लैडर कैंसर किसे कहते हैं? – What is Bladder Cancer?
मूत्राशय कैंसर को अंग्रेजी में “ब्लैडर कैंसर” कहते है। ब्लैडर के अंदर एक झिल्ली नुमा सेल्स यानि कोशिकाए होती है। जो असामन्य तरीके से बढ़ जाती है तो उसे हम ब्लैडर कैंसर कहते है। ब्लैडर की बाहरी मांसपेसियों को परत को सेरोसा कहते है। जो कि फैटी एडिपोज टिश्यूज या लिम्फ नोड्स के बहुत पास होती है। ब्लैडर हमारे यूरिनरी सिस्टम का एक बहुत बड़ा हिस्सा है। इसी के जरिए ही हमारा सारा यूरिन (पेशाब) बहार को निकलता है। ब्लैडर के अंदर की दिवार नए बने यूरिन के संपर्क में आती है। जिसे हम मूत्राशय की ऊपरी परत कहते है। यह ट्रांजि़शनल सेल्स द्वारा घिरी होती है जिसे यूरोथीलियम कहते हैं।ब्लैडर पुरुषों में होने वाला सातवा सबसे आम कैंसरों में से एक हैं। मर्दों में 9.5 को और महिलाओं में 2.5 को प्रभावित करता है। इस कैंसर से मौत के बारे में बात करें तो मर्दों में 3.3 और महिलाओं में .86 है। भारत में मूत्राशय कैंसर की मौजूदा स्तिथि के बारे में कहा जाये तो हर साल 2 प्रतिशत मामले मूत्राशय कैंसर के सामने आते है।
ब्लैडर कैंसर के कारण – Cause of Bladder Cancer
ब्लैडर कैंसर के निम्नलिखित कारण हो सकते है जैसे कि –
1 . तम्बाकू का सेवन करना – जब कोई व्यक्ति तम्बाकू का अधिक सेवन करता है, तो उसे ब्लैडर कैंसर होने का ज्यादा संभावना रहती है।
2 . धूम्रपान करना – जो लोग अधिक धूम्रपान करने के आदि होते है। उनको भी मूत्राशय कैंसर का डर अधिक रहता है।
3 . अधिक उम्र होना – ब्लैडर कैंसर का खतरा 50 साल से अधिक उम्र वाले लोगो में नजर आ सकता है।
4 . केमिकल के संपर्क में आना- ब्लैडर कैंसर उन व्यक्तिओ को भी हो सकता है जो ज्यादातर केमिकल के संपर्क में या केमिकल वाली जगहों पर काम करते है। ऐसे में केमिकल युक्त काम करने पर सुरक्षा उपकरण का उपयोग करना चाहिए।
5 . जेनेटिक कारण होना – कुछ मामलो में अनुवांशिक कारण होने से परिवार के अन्य सदस्यों को भी ब्लैडर कैंसर खतरा हो सकता है।
ब्लैडर कैंसर के लक्षण – Symptoms of Bladder Cancer
ब्लैडर कैंसर के लक्षण निम्न प्रकार को हो सकते है।
1 . पेशाब करने के दौरान दर्द का आभास होना।
2 . कभी -कभी पेट के निचले हिस्से में दर्द होना।
3 . यूरिन में खून आना यह ब्लैडर कैंसर का सबसे बड़ा संकेत है। कभी कभी ऐसा होता है दर्द का आभास नहीं होता है। पर पेशाब लाल रंग का भी होता है।
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4 . शौच या पेशाब में खून आना।
5 . पीरियड्स के वक्त अधिक खून का आना।
7 . कभी-कभी यूरिन में जलन और यूरिन का रुकना।
किन लोगो को ज्यादा खतरा रहता है – Which People are Most at Risk
1 . बहुत ज्यादा धूम्रपान करने वाले लोगो को
2 . कपडे रंगने वाले तथा घर पेंट करने वाले लोगो को अधिक रिस्क रहता है।
3 . बहुत ज्यादा सैकरीन आर्टिफिशयल स्वीटनर्स का सेवन करने वाले लोग।
4 . 60 से 70 साल के लोगो को ज्यादा खतरा रहता है।
कैंसर के प्रकार – Types of Cancer
एक्सपर्ट का कहना है कि कैंसर 200 से भी ज्यादा प्रकार के होते है। तथा इस सभी के अलग-अलग प्रकार के लक्षण और कारण भी होते है। आज हम कनेर के उन प्रकार के बारे में बात करेंगे, जो ह्यूमन लाइफ को तेजी से अपना शिकार बना रही है। खास बात यह है कि इनमे से ज्यादातर कैंसर ऐसे है जो अपने ही लापरवाही के चलते अपने शरीर में जन्म लेने देते है। तो आइये जानते है कि वो कौन- कौन से कैंसर है जो किसी को भी अपनी चपेट में आसानी से ले लेते है।
1 . ब्लड कैंसर
2 . स्किन कैंसर
3 . ब्रेस्ट कैंसर
4. सर्वाइकल कैंसर
5 . ब्रेन कैंसर
6 . बोन कैंसर
7 . प्रोस्टेट कैंसर
8 . लंग कैंसर
9 . पैनक्रियाटिक कैंसर
10. ब्लैडर कैंसर
ब्लैडर कैंसर का ट्रीटमेंट – Bladder Cancer Treatment
1 . कीमोथेरपी- इस प्रक्रिया का इस्तेमाल उन ऊतकों के लिए होता है, जो मूत्राशय की दीवार तक सीमित होते हैं।
2 . सर्जरी- सर्जरी के जरिए कैंसरग्रस्त ऊतकों को हटाया जाता है।
3 . इम्यूनोथेरेपी थेरेपी- इस प्रक्रिया में कैंसर कोशिकाओं से लड़ने के लिए प्रतिरक्षा प्रणाली को उत्तेजित करते हैं।
4 . रेडिएशन थेरेपी- कैंसर की कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए इन थेरेपी का प्रयोग किया जाता है। जहां सर्जरी का विकल्प नहीं होता है , वहां इसको अक्सर प्राथमिकता दी गई है।
ब्लैडर कैंसर की जाँच – Bladder Cancer Screening
ब्लैडर कैंसर की जांच दो तरहों से की जाती है
1 . यूरिन टेस्ट
2 . उल्ट्रासाउंड
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अल्ट्रासाउंड से ब्लैडर कैंसर जल्दी ही पकड़ में आ जाती है। इससे पहले स्टेज में ही इस कैंसर का पता चल जाता है।
ब्लैडर कैंसर के प्रकार – Types of Bladder Cancer
ब्लैडर कैंसर दो तरह का होता है (1) स्लो ग्रोइंग और (2) मल्टीप्ल ग्रोइंग।
1. स्लो ग्रोइंग – इसमें ब्लैडर ट्यूमर ज्यादा अंदर नहीं जाता है , क्युकी की मददत से निकाल लिया जाता है। इस स्टेज पर ब्लैडर कैंसर का इलाज आसानी से हो जाता है। इसमें 75 % तक चांस रहता है कि ये कैंसर दोबारा नहीं हो।
2. मल्टीप्ल ग्रोइंग- इसमें ब्लैडर ट्यूमर बहुत ज्यादा हो जाता है। अगर इसमें ट्यूमर मूत्राशय के अंदर चला जाए तो बहुत खतरनाक स्थिति पैदा हो सकती है। इसके फैलने के चांस बहुत ही ज्यादा होते है। यह खून के रास्ते ग्लैंड, लीवर और शरीर के अन्य भागों तक पहुँच जाता है। इस तरह के कैंसर में 50 % तक मौत हो जाती है। इसमें सर्जरी के द्वारा पूरा यूरिनरी ब्लैडर निकाल दिया जाता है। ताकि फिर से यह कैंसर ना फैले।
Conclusion –
दोस्तों आज के लेख में हमने आपको ब्लैडर कैंसर किसे कहते हैं? ब्लैडर क्या होता है? तथा इन सब के बारे में विस्तृत जानकारी दी है तथा ब्लैडर कैंसर के लक्षण कारण और उससे बचाव के बारे में भी। हम आशा करते है की आपको हमारे द्वारा दी गई जानकारी काफी पसंद आई होगी।
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Disclaimer – यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए आपको हमेशा किसी विशेषज्ञ डॉक्टर से संपर्क करें। देसी हेल्थ क्लब इस जानकारी की प्रमाणिकता की जिम्मेदारी नहीं लेता।
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