दोस्तो, स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग पर। दोस्तो, आज हम बात करेंगे एक ऐसी बीमारी की जो फैलती है बरसात के मौसम में या इसके तुरन्त बाद। इसका इतिहास भी प्रथम विश्व युद्ध से पहले का है। इस बीमारी का जिक्र 265 से 420 ईसा पूर्व भी मिलता है। मगर आज तक इस बीमारी की कोई विश्वसनीय वैक्सीन नहीं बन पाई जबकि आधुनिकतम बीमारी कोरोना (Corona) की वैक्सीन कई देशों ने बना ली है। हां दोस्तो, हम बात कर रहे हैं डेंगू की। हमारा आज का टॉपिक यही है “डेंगू“। देसी हैल्थ क्लब इस लेख के माध्यम से आपको डेंगू के घरेलू उपाय के बारे में विस्तार से जानकारी देगा। सबसे पहले जानते हैं कि डेंगू है क्या?
डेंगू क्या है? – What is Dengue
बहुत सरल उत्तर है कि डेंगू एक संक्रमण है जिसे डेंगू बुखार कहा जाता है और यह वायरस के कारण फैलता है एडीस इजिप्टी (Aedes egypti) प्रजाति के मच्छर के द्वारा। यदि इतिहास की बात की जाये तो डेंगू का जिक्र वर्षों पूर्व सबसे पहले लिखा गया था, “जिन” साम्राज्य (265 से 420 ईसा पूर्व) के एक चीनी, चिकित्सा विश्वकोष में एक ऐसे व्यक्ति की बात करता है जिसे संभवतः डेंगू हुआ था। तब और प्रथम विश्वयुद्ध से लेकर अब तक इसमें अनेकों आयाम जुड़े हैं। डेंगू बुखार जुलाई से अक्टूबर से बीच फैलता है क्योंकि इससे पहले के महीने अर्थात् बरसात का मौसम डेंगू मच्छरों के पनपने के लिए अनुकूल होता है।
दोस्तो, डेंगू बुखार को “हड्डी तोड़ बुखार” भी कहा जाता है क्योंकि इस बुखार में मरीज को इतना दर्द होता है कि उसे लगता है कि उस हड्डियां टूट रही हैं। उसकी मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द होता है। इसका सबसे ज्यादा असर प्लेटलेट्स पर पड़ता है जो तेज गति से कम होने लगती हैं।
उपचार का आधार – Treatment Base
बुखार की स्थिति बिगड़ने पर यह बीमारी जानलेवा हो जाती है। चूंकि इसकी ना तो कोई वैक्सीन है और ना ही कोई दवा इसलिये डॉक्टर्स भी पैरासिटामोल, एंटीबायोटिक्स और गैस की दवा ही देते हैं। सारा फोकस मरीज की प्लेटलेट्स पर करना पड़ता है और तरल पेय पदार्थों के माध्यम से प्लेटलेट्स को ऊपर उठाने की कोशिश रहती है। स्थिति बेहद खराब होने पर प्लाज़मा देकर मरीज की जान बचाई जाती है। यही इसके उपचार का आधार है। तात्पर्य यह है कि मच्छरों से बचाव और खानपान, जिससे इम्युनिटी सिस्टम बढ़े ताकि प्लेटलेट्स कम ना होने पायें, ही इस बीमारी का उपचार है।
डेंगू वायरस के प्रकार – Types of Dengue Virus
दोस्तो डेंगू वायरस चार प्रकार का होता है –
1. डीईएनवी-1
2. डीईएनवी-2
3. डीईएनवी-3
4. डीईएनवी-4
डेंगू बुखार के प्रकार – Types of Dengue Fever
डेंगूडेंगू बुखार तीन प्रकार को होता है जो निम्न प्रकार हैं –
1. साधारण डेंगू बुखार (Classic Dengue Fever)- मच्छर काटने के बाद इसके लक्षण एक हफ्ता बाद दिखाई दे सकते हैं। शुरुआत में ही इस बुखार का उपचार होना चाहिये। बाद में इसकी स्थिति गंभीर बन सकती है।
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2. डेंगू हॅमरेजिक बुखार (Dengue Hemorrhagic Fever – DHF) – इसके हल्के लक्षण होते हैं जो कुछ दिनों बाद जटिल हो सकते हैं।
3. डेंगू शॉक सिंड्रोम (Dengue Shock Syndrome) – यह डेंगू की सबसे खराब स्थिति होती है जो जानलेवा बन जाती है।
डेंगू बुखार के कारण – Cause of Dengue Fever
दोस्तो, डेंगू बुखार के कारण केवल एक कारण होता है और वह है एडीस इजिप्टी (Aedes egypti) प्रजाति का मच्छर। यह मच्छर, जब पहले से ही किसी संक्रमित व्यक्ति को काट ले तो उसका वायरस मच्छर में चला जाता है; और यही मच्छर किसी अन्य स्वस्थ व्यक्ति को काटता है तो उसमें उस वायरस को छोड़ देता है जो मच्छर ने संक्रमित व्यक्ति को काटने से उठाया है।
डेंगू बुखार के लक्षण – Symptoms of Dengue Fever
साधारण डेंगू बुखार – Simple Dengue Fever
1. मच्छर काटने के 4 या 7 दिनों बाद लक्षण दिखाई देने लगते हैं।
2. बुखार आना जो बाद में 104° तक भी जा सकता है।
3. जोड़ों, मांसपेशियों में दर्द।
4. पेट में दर्द, सिर में दर्द, चक्कर आना, कमजोरी होना।
5. रक्त चाप तेजी से कम होना।
6. हृदय गति सामान्य से कम होना।
7. आंखें लाल हो जाना, जलन, दर्द आदि।
8. भूख ना लगना।
डेंगू हॅमरेजिक बुखार – Dengue Hemorrhagic Fever
शुरुआत में साधारण डेंगू बुखार जैसे हल्के लक्षण हो सकते हैं जो बाद में गंभीर हो सकते हैं जैसे –
1. त्वचा पर गहरे नीले-काले चकत्ते पड़ जाना।
2. त्वचा का पीली ठंडी व चिपचिपी हो जाना।
3. नाक और मसूढ़ों से खून बहना।
4. खून की उल्टी होना।
5. मल में भी रक्त आना।
6. चिड़चिड़ापन।
7. सांस लेने में समस्या होना।
डेंगू शॉक सिंड्रोम – Dengue Shock Syndrome
यह सबसे ज्यादा गंभीर स्थिति होती है जो जानलेवा भी है सकती है।
1. शरीर का तापमान पहले से और कम हो जाना।
2. पूरे शरीर पर लाल दाने दिखाई देने लगना।
3. मरीज की बेचैनी बढ़ना।
4. नाड़ी की गति में असंतुलन अर्थात् कभी बहुत तेज, कभी धीमी गति से चलना।
5. तेज बुखार में भी त्वचा का ठंडा होना।
6. मरीज पर धीरे-धीरे बेहोशी छाना।
डेंगू के घरेलू उपाय – Home Remedies of Dengue
दोस्तो, सबसे पहले देसी हैल्थ क्लब यह स्पष्ट करता है कि डेंगू वायरस से बचाने के लिये अभी तक कोई वैक्सीन उपलब्ध नहीं है। इसलिये मच्छरों से बचाव ही डेंगू वायरस से बचाने का सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण उपाय है।
देसी हैल्थ क्लब यह भी स्पष्ट करता है कि निम्नलिखित उपाय डेंगू बुखार के प्रथम चरण में ही अर्थात् शुरुआत में ही करें। यदि स्थिति ज्यादा खराब हो तो मरीज को तुरंत डॉक्टर के पास ले जायें।
1. गिलोय (Giloy)- डेंगू के उपचार में गिलोय रामबाण उपाय है। इसके सेवन से गिरती हुई प्लेटलेट्स बंद होकर ऊपर उठनी शुरु हो जाती हैं और मरीज की स्थिति में सुधार होने लगता है। यह प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने के साथ-साथ मेटाबोलिज्म को भी ठीक रखती है। गिलोय के पत्तों को पीस कर या टहनी के छोटे-छोटे टुकड़े काटकर पानी में खूब उबालें। ठंडा होने पर, छानकर मरीज को सुबह, दोपहर और रात को पिलायें। चाहें तो उबालते समय इसमें कुछ तुलसी की पत्तियां भी डाल सकते हैं। गिलोय की गोलियां भी बाजार में उपलब्ध हैं, इनका भी सेवन किया जा सकता है।
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2. तुलसी (Basil)- तुलसी भी डेंगू बुखार के उपचार में बहुत सक्रिय भूमिका निभाती है। इसे प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने के लिये जाना जाता है। यह शरीर के विषाक्त तत्वों को बाहर निकाल देती है। तुलसी के कुछ पत्ते और 4-5 दाने काली मिर्च पानी में अच्छी तरह उबाल लें। ठंडा होने पर, छानकर मरीज को सुबह और रात को पिलायें। मरीज की स्थिति में सुधार होगा।
3. पपीते के पत्ते (Papaya leaves)- डेंगू बुखार के उपचार में पपीते के पत्ते गिलोय के समान कार्य करते हैं। पपीते के पत्तों को पीसकर रस निकाल लें। फिर इसे साफ कपड़े में छानकर मरीज को पिलायें। एक बात का ध्यान रखें कि मरीज को जूस कम मात्रा में दें। दिन में दो बार। इसके पोषक तत्व, कार्बनिक यौगिक और विटामिन-सी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करते हैं और प्लेटलेट्स को भी बढ़ाने में मदद करते हैं। इसके एंटीऑक्सिडेंट्स रक्त में विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालते हैं।
4. नीम (Neem)- नीम भी डेंगू के उपचार में बेहतरीन विकल्प है। अनेक प्रकार के बुखार के उपचार में नीम का प्रयोग किया जाता है। डेंगू बुखार के उपचार में भी यह कारगर है। नीम के पत्तों का रस पीने से रक्त की सारी अशुद्धियां खत्म हो जाती हैं, प्लेटलेट्स और सफेद रक्त कोशिकाओं की संख्या बढ़ती है। प्रतिरक्षा प्रणाली में भी सुधार होता है। नीम के पत्तों को पीसकर, रस निकालकर, छानकर मरीज को पिला सकते हैं। चाहें तो नीम के पत्तों को पानी में उबालकर, पानी ठंडा होने पर पिला सकते हैं।
5. मेथी (Fenugreek)- मेथी भी डेंगू बुखार में लाभदायक है। इसमें अनेक पोषक तत्व होते हैं जो दर्द को कम करते हैं, अच्छी नींद लाने में मदद करते हैं, और बुखार कम करने में अपना प्रभाव छोड़ते हैं। जिससे मरीज को आराम मिलता है। मेथी में विटामिन-सी, के और फाइबर की पर्याप्त मात्रा होती है। मेथी एंटीऑक्सिडेंट, एंटीबैक्टीरियल और एंटीइंफलामेट्री गुणों से सम्पन्न होती है। इसकी सब्जी बनाकर खा सकते हैं या कच्चे पत्ते भी खा सकते हैं। मेथी दाने का पानी भी पी सकते हैं। इसके लिये गर्म पानी में भिगोकर रख दें। एक घंटा बाद जब पानी ठंडा हो जाये तब इसे पी लें। इससे बुखार भी कम हो जायेगा और इम्युनिटी भी बढ़ेगी।
6. हल्दी (Turmeric)- हल्दी एंटीसेप्टिक, एंटीबैक्टीरियल और एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों से समृद्ध होती है। इसके सेवन से इम्युनिटी सिस्टम मजबूत होता है और मेटाबोलिज्म में भी सुधार करती है। डेंगू के मरीज को रोजाना एक गिलास दूध में एक चौथाई (1/4) चम्मच हल्दी मिलाकर पिलायें। फायदा होगा।
7. कीवी (Kiwi)- कीवी फल को डेंगू बुखार में प्रकृति का वरदान समझिये। यह मिनरल, विटामिन, आयरन और एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होता होता है। इसमें इम्यूनिटी सिस्टम और गिरती हुई प्लेटलेट्स को बढ़ाने की अद्भुत क्षमता होती है। इसके सेवन से प्लाज्मा में भी सुधार होता है। मरीज को शारीरिक ताकत भी मिलती है। कीवी को डेंगू बुखार में बहुत फायदेमंद माना जाता है।
8. संतरा (Oragne)- डेंगू बुखार के उपचार में संतरा को बहुत अच्छा उपाय माना जाता है। यह विटामिन-सी से भरपूर होता है। इसमें 75% विटामिन-सी होता है। इसके एंटीओक्सीडेंट्स वायरस को नष्ट कर इम्यूनिटी सिस्टम को मजबूत करते हैं। संतरा शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है।
9. चुकंदर (Sugar Beets)- चुकंदर में प्रचुर मात्रा में आयरन, सोडियम,फॉस्फोरस, पोटेशियम, विटामिन्स की प्रचुर मात्रा होती है। चुकंदर के जूस में एंटीऑक्सीडेंट्स पर्याप्त मात्रा में होते हैं जो शरीर की इम्यूनिटी सिस्टम को बढ़ाते हैं। चुकंदर के रस में गाजर के रस में मिलाकर पीने से प्लेटलेट्स बहुत तेजी से बढ़ते हैं।
10. अमरूद (Guava)- अमरूद के रस में अनेक प्रकार के पोषक तत्व होते हैं और विटामिन-सी की प्रचुर में पाया जाता है। विटामिन-सी में भरपूर और शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं। डेंगू बुखार के मरीज को अमरूद का जूस पिलायें या अमरूद काटकर खाने को दें।
11. जौ की घास (Barley grass)- जौ की घास में प्लेटलेट्स बढ़ाने की अद्भुत् क्षमता होती है। यह रक्त कोशिकाओं के उत्पादन को उत्तेजित करती है। परिणामस्वरूप प्लेटलेट की संख्या में बढ़ोतरी होती है। इसमें विटामिन-बी1, बी2, बी6, सी, ई और विटामिन-के और इसके अतिरिक्त बीटा कैरोटीन, फोलिक एसिड, आयरन, कॉपर, इलेक्ट्रोलयट्स (Electrolytes) सोडियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटैशियम और फॉस्फोरस आदि पाये जाते हैं। शरीर की कोशिकाओं और सभी अंगों के सुचारु तरीके से काम करने के लिए इलेक्ट्रोलयट्स का संतुलन होना चाहिये। जौ की घास का जूस पीने से शरीर से विषैले तत्व अपने आप बाहर निकल जाते हैं।
12. पानी/नारियल पानी (coconut water)- दोस्तो, आपने अस्पतालों में देखा होगा कि सबसे पहले मरीज को डिप लगाकर, ग्लूकोज़ चढ़ाई जाती है ताकि मरीज के शरीर में पानी की कमी ना हो। डॉक्टर्स भी ज्यादा पानी पीने को कहते हैं जिससे कि शरीर से दूषित और विषैले तत्व बाहर निकल सकें और शरीर भी हाइड्रेटेड रहे। तो, जितना संभव हो डेंगू बुखार के मरीज को ज्यादा से ज्यादा पानी पिलायें। पानी के अतिरिक्त नारियल पानी भी पिलायें। नारियल पानी में अनेक प्रकार के मिनरल्स और आवश्यक पोषक तत्व होते हैं जो बुखार में निश्चित रूप से लाभ पहुंचायेंगे। सिरदर्द और मांसपेशियों में अकड़न भी आराम लगेगा।
महत्वपूर्ण तथ्य – Important facts
1. जिस स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में मच्छर ने जिस प्रकार का वायरस छोड़ा है वह व्यक्ति ठीक होने पर उस विशेष प्रकार के वायरस से प्रतिरक्षित हो जाता है लेकिन अन्य तीन प्रकार के वायरस से नहीं। अर्थात् जब भी कभी आपको अन्य प्रकार का वायरस लगता है तो गंभीर डेंगू बुखार, डेंगू हॅमरेजिक बुखार भी कहा जाता है, की संभावना बन जाती है।
2. दस साल से कम आयु के बच्चों को डेंगू बुखार की संभावना अधिक होती है।
3. एडीज इजिप्टी मच्छर ज्यादा ऊंचाई तक नहीं उड़ सकता और यह विशेषकर पर सुबह के समय काटता है।
डेंगू बुखार में खाएं?- Eat Dengue Fever
दोस्तो, डेंगू बुखार में खानपान ऐसा होना चाहिये जो शरीर में ताकत बनाये रखे और इम्युनिटी सिस्टम को करे और शरीर को हाइड्रेट रखे।
1. दलिया – खाने में दलिया उत्तम है। यह फाइबर से समृद्ध होता है। पचने में आसान और शरीर को ताकत भी देगा।
2. प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ – डेयरी उत्पाद, दूध, अंडे।
3. सब्जियां – कद्दू, गाजर, पालक, टमाटर, खीरा, चुकंदर आदि।
4. फल – पपीता, कीवी, संतरा, अमरूद, आलू बुखारा, तरबूज, चुकन्दर।
5. पेय पदार्थ – सादा पानी, नारियल पानी, सूप, नींबू पानी, ग्रीन टी, हर्बल टी, हल्दी वाला दूध।
क्या ना खाएं – What not to Eat
1. जंक फूड।
2. तला, भुना, तीखा तेज मसाले वाला भोजन।
3. मांसाहार को अवाइड करें क्योंकि यह देर से पचता है।
4. कोल्ड-ड्रिंक्स, आइसक्रीम।
5. नशीले पदार्थ।
कुछ सावधानियां जरूरी – Some precautions are necessary
दोस्तो, यदि निम्नलिखित सावधानियां बरती जायें तो निश्चित तौर पर डेंगू, मलेरिया आदि से बचा जा सकता है।
1. सबसे पहले तो अपने घर की सफाई रखिये। घर के फर्श को पानी में फिनायर, डिटौल, लाईजोल आदि डालकर साफ करवायें।
2. रसोई, वाशरूम साफ होने चाहियें।
3. पीने का पानी ढंका होना चाहिये।
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4. पानी की टंकी ढंकी होनी चाहिये।
5. कूलर का पानी 2 या 3 दिन में बदलें।
6. गमलों में पानी जमा नहीं होना चाहिये।
7. घर के आसपास की सफाई का ध्यान रखें। पानी जमा ना होने दें। नगर निगम से एंटी लार्वा का छिड़काव करवायें।
8. सोने से पहले हाथ-पैर और शरीर के खुले हिस्सों पर मच्छर भगाने वाली क्रीम लगायें।
9. कपड़े इस तरह के पहनें जिनसे शरीर के अधिकांश भाग कवर हो जायें।
10. मच्छरों को भगाने के लिए घर में गुग्गुल जलायें।
Conclusion
दोस्तो, आज के लेख में हमने आपको डेंगू के घरेलू उपाय के विषय में विस्तृत जानकारी दी। डेंगू क्या होता है, इसके उपचार का आधार क्या है, डेंगू वायरस कितने प्रकार का होता है, डेंगू बुखार कितने प्रकार का होता है, इसके कारण और लक्षण क्या होते हैं, इस बारे में विस्तार से बताया। दोस्तो, इस लेख के माध्यम से डेंगू बुखार से छुटकारा पाने के देसी उपाय, क्या खाना चाहिये क्या नहीं खाना चाहिये और कुछ सावधानियों के बारे में भी विस्तारपूर्वक बताया। आशा है आपको ये लेख अवश्य पसन्द आयेगा। आप इस पोस्ट को अपने दोस्तों और सगे – सम्बन्धियों के साथ भी शेयर करें। ताकि सभी इसका लाभ उठा सकें। दोस्तो, हमारा आज का यह लेख आपको कैसा लगा, इस बारे में कृपया अपनी टिप्पणियां (Comments), सुझाव, राय अवश्य भेजिये ताकि हमारा मनोबल बढ़ सके। और हम आपके लिए ऐसे ही Health- Related Topic लाते रहें। धन्यवाद।
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