दोस्तो, स्वागत है आपका हमारे ब्लॉक पर। कभी-कभी ऐसा होता है कि हम धूल, मिट्टी, धूंआ या बदबूदार हवा के वातावरण से गुजरे और हल्की-हल्की सी खांसी आने लगी परन्तु पूरी तरह खांसी नहीं आ रही है। बार बार खांसी का धस्का उठ रहा है। या फिर बरसात या सर्दी के शुरुआत में अचानक गले में कुछ-कुछ होने लगता है। कुछ घंटों के बाद यही “कुछ-कुछ” बहुत ज्यादा बढ़ जाता है, खाने पीने में दिक्कत होने लगती है, आवाज में भी बदलाव आ जाता है। यह संक्रमण का रूप ले चुका होता है और फिर शुरु होती है गले में दर्द और खराश की यात्रा। डॉक्टर के पास जाते हैं तो बोलेगा “मुंह खोलो, आ।।। करो, क्या हाल बना रखा है गले का, पूरा खराब हो रखा है, क्या खाया था” आदि-आदि। दवाई देने पर फिर उसकी हिदायतों का भाषण शुरु हो जायेगा। इन सब से निपटने के लिये आखिर क्या करें। दोस्तो, यही है हमारा आज का टॉपिक “गले में खराश को दूर करने के घरेलू उपाय”। देसी हैल्थ क्लब इस लेख के माध्यम से आज आपको गले में दर्द और खराश के बारे में जानकारी देगा और यह भी बतायेगा कि गले में दर्द और खराश को दूर करने के क्या उपाय हैं। तो सबसे पहले जानते हैं कि गले में खराश क्या है और इसके क्या कारण हैं। फिर इसके बाद बाकी बिन्दुओं पर जानकारी देंगे।
गले में खराश क्या है? – What is a sore throat?
दोस्तो, गले में खराश एक श्वसन मार्ग में का संक्रमण है जो श्वसन तंत्र की झिल्ली के किसी भी हिस्से को प्रभावित कर सकता है। ग्रसनीशोथ, टॉन्सिल, सामान्य सर्दी, साइनोसाइटिस, ओटिटिस मीडिया (कान की सूजन) या ब्रोंकाइटिस आदि इसके रूप हो सकते हैं। ग्रासनली में सूजन होना, गले में खुरदुरापन, खांसी पूरी तरह ना आना, गले मे दर्द आदि की स्थिति, संक्रमण के लक्षण हैं। मेडिकल भाषा में फैरिनजाइटिस यानी फैरिंक्स का इंफेक्शन कहा जाता है। फैरिंक्स में दो प्रकार के इंफेक्शन होते हैं – एक है वायरल, जो अधिकतर मानसून में होता है और 4 से 10 दिन में अपने आप ही ठीक हो जाता है और दूसरा है बैक्टीरियल। बैक्टीरियल में गले के अंदर सफेद दाग (Spots) दीखते हैं। इसके डॉक्टर एंटीबायोटिक्स देते हैं। जैसे-जैसे इस इंफेक्शन की सघनता बढ़ने लगती है, गले में दर्द की शुरुआत हो जाती है। इसे कहते हैं गले में दर्द और खराश का संगम। इस स्थिति में कुछ भी निगलने यहां तक कि पानी पीने में भी गले में दर्द होता है।
गले में खराश के कारण – Causes of Sore Throat
गले में खराश के होते हैं निम्नलिखित कारण जोकि बाद में गले में दर्द की वजह बनते हैं –
1. बैक्टीरियल/वायरल इंफेक्शन
2. वायरस
3. बदलता मौसम
4. सामान्य सर्दी
5. जुकाम/इन्फ्लूएंजा
6. धूल, मिट्टी, धूंआ।
7. वायु प्रदूषण
8. एकदम ठंडा खाद्य/पेय पदार्थ
9. अत्यधिक शराब का सेवन
10. एलर्जी
11. धूम्रपान
12. सेकेंड-हैंड स्मोक (इस स्थिति में व्यक्ति स्वयं धूम्रपान नहीं करता बल्कि उसके आसपास कोई और व्यक्ति धूम्रपान कर रहा होता है जिसका धूंआ धूम्रपान ना करने वाले व्यक्ति को प्रभावित करता है)।
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गले में खराश के लक्षण – Symptoms of Sore Throat Symptoms
गले में खराश के लक्षण के निम्नलिखित लक्षण प्रकट होते हैं –
1. गले में खराश के बाद गले में दर्द बनता है।
2. भोजन/पानी निगलने में, गले में दर्द होता है।
3. गले में कांटे जैसी चुभन होती है।
4. गले में खुरदरापन महसूस होता है।
5. गर्दन की ग्रंथियों में सूजन आ जाना।
6. आवाज में बदलाव
7. बोलने में भी दिक्कत होना।
8. खुलकर खांसी ना आना।
9. बुखार बध जाना।
10. सिर में दर्द
11. जुकाम/सर्दी
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12. जोड़ों में दर्द
13. मांसपेशियों में दर्द
14. त्वचा पर रैशेस पड़ जाना।
गले में खराश को दूर करने के घरेलू उपाय – Home Remedies for Sore Throat
अब बताते हैं आपको गले में दर्द और खराश से राहत पाने के घरेलू उपाय जो निम्न प्रकार हैं –
1. गुनगुना पानी और नमक (Lukewarm Water and Salt)- गला खराब होने में गुनगुना पानी और नमक बहुत लाभकारी होता है जोकि सबसे सरल घरेलू उपाय है और हर समय उपलब्ध होते हैं। पानी गुनगुना करके इसमें लगभग आधा चम्मच नमक मिलाकर दिन में तीन बार गरारे करें और रात को सोने से पहले भी गरारे करें। ऐसा करने से केवल दो दिन में आराम आ जायेगा। नमक में मौजूद एंटीबैक्टीरियल गुण गले का दर्द और खराश से राहत दिलाने में मदद करते हैं।
2. गुनगुना पानी और नींबू (Warm Water and Lemon)- नींबू में विटामिन-सी की प्रचुर मात्रा होती है जो अपने आप में एंटीऑक्सीडेंट है। इसके अतिरिक्त नींबू एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-माइक्रोबियल, एंटीबैक्टीरियल गुणों से भी समृद्ध होता है। नींबू के ये गुण सूजन को कम करते हैं और बैक्टीरिया से लड़कर श्वसन तंत्र के संक्रमण से छुटकारा दिलाते हैं। नींबू प्रतिरक्षा प्रणाली को भी बढ़ाने में मदद करता है। गले में दर्द और खराश की स्थिति में रोजाना गुनगुने पानी में नींबू निचोड़कर और चुटकी भर नमक मिलाकर दिन में दो या तीन बार पीयें।
3. हल्दी और दूध (Turmeric and Milk)- हल्दी एक आयुर्वेदिक औषधी है। यह एंटीबायोटिक और एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होती है। हल्दी को ‘प्राकृतिक एस्पिरिन’ कहा जाता है। इसके अतिरिक्त इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो सूजन को खत्म करते हैं। रात को गुनगुने दूध में आधा चम्मच हल्दी पाउडर मिलाकर पीयें। इसमें एक चौथाई चम्मच सोंठ का चूर्ण भी मिला सकते हैं। हल्दी गले के दर्द को खींच कर रख देगी और सूजन को भी खत्म हो जायेगी। गले की खराश में भी आराम आ जायेगा।
4. हल्दी और पानी (Turmeric and Water)- जो लोग किसी वजह से दूध में हल्दी डालकर नहीं पी सकते उनके लिये दूध के स्थान पर गुनगुना पानी उत्तम विकल्प है। दिन में दो बार गुनगुने पानी में आधा चम्मच हल्दी पाउडर मिलाकर पीयें, निश्चित रूप से आराम आ जायेगा। हल्दी के गुण हम ऊपर बता ही चुके हैं।
5. हल्दी, पानी और सेंधा नमक (Turmeric, Water and Rock Salt)- दो गिलास पानी में आधा चम्मच हल्दी और आधा चम्मच सेंधा डालकर अच्छी तरह उबालें। फिर इसे छानकर थोड़ा ठंडा होने दें लेकिन गुनगुना रहना चाहिये। सुबह और रात को गरारे करें। गले की खराश, सूजन और दर्द सब ठीक हो जायेंगे।
6. सेब का सिरका (Apple vinegar)- सेब का सिरका भी गले के संक्रमण से छुटकारा दिलाता है। गुनगुने पानी में एक चम्मच सेब का सिरका डालकर गरारे करने से आराम आयेगा। हर्बल चाय में भी एक चम्मच सेब का सिरका डालकर पी सकते हैं। यह गले के बैक्टीरिया को खत्म कर देगा।
7. अदरक (Garlic)- चाय में तो अदरक का उपयोग होता ही है। इसके अतिरिक्त यदि पानी में अदरक को उबालकर पीयें तो गले की सूजन, दर्द खराश वगैरा सब खत्म हो जायेंगे। अदरक के टुकड़े को ऐसे ही चूस सकते हैं।
8. मुलेठी और दालचीनी (Liquorice and Cinnamon)- मुलहठी श्वसन तंत्र के संक्रमण का उपचार करती है। गले के लिये यह उत्तय औषधी है। मुलहठी में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, जो गले और मुंह के बैक्टीरिया को खत्म करने में मदद करते हैं। पान में भी मुलहठी डाली जाती है। बाजार में मुलहठी चूसने वाली गोलियां भी मिलती हैं। दालचीनी में भी एंटीऑक्सीडेंट और एंटीइंफ्लामेटरी गुण होते हैं। मुलहठी और दालचीनी के चूसने से गले की समस्या खत्म हो जायेगी। इनको चाय या गर्म पानी में मिलाकर पीने से गले में आराम आ जायेगा।
9. अजवाइन (Celery)- अजवाइन में एंटीऑक्सीडेंट, एंटीइंफ्लेमेटरी, एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण मौजूद होते हैं जो संक्रमण, सूजन, फंगल आदि को खत्म करने में मदद करते हैं। गले के संक्रमण के लिये यह बहुत बेहतरीन उपाय है। दो गिलास पानी में दो चम्मच अजवाइन डालकर अच्छी तरह उबालें। इसे छान लें और थोड़ा नमक मिला लें। इस गुनगुने पानी से सुबह और रात को गरारे करें। इससे गले में दर्द और सूजन में तुरंत आराम आ जायेगा।
10. कालीमिर्च और तुलसी (Pepper and Basil)- एक गिलास पानी में चार, पांच कालीमिर्च और पांच पत्तियां तुलसी की डालकर अच्छी तरह उबालें। इसे छानकर लें और यह गुनगुना पानी सुबह और रात को पीयें। गले के बैक्टीरिया मर जायेगा। कालीमिर्च में एंटीमाइक्रोबियल, एंटीबैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो गले के संक्रमण को खत्म करने में मदद करते हैं। तुलसी भी एंटीबैक्टीरियल गुणों से सम्पन्न होती है।
11. मेथी दाना (Fenugreek seeds)- मेथी के दाने एंटीबैक्टीरियल और एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होते हैं जो संक्रमण को दूर करने में मदद करते हैं। ये खांसी, जुकाम, निमोनिया, गले की खराश और श्वसन वाहिकाओं की समस्या से छुटकारा दिलाने में मदद करते हैं। मेथी फेफड़ों से बलगम को भी साफ करती है। दो गिलास पानी में एक चम्मच मेथी दाना डालकर अच्छे से उबाल लें। इसे छानकर थोड़ा ठंडा होने दें। गुनगुना रहने पर इस मेथी के पानी से गरारे करें दिन में तीन, चार बार करें और रात को सोने से पहले भी गरारे कर लें, जल्दी आराम मिलेगा।
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12. हर्बल टी (Herbal Tea)- हर्बल टी यानी जड़ी-बूटियों से बनी आयुर्वेदिक चाय, औषधी के रूप में काम करती है। बिना किसी बीमारी के भी इसे पीया जाये तब भी यह स्वास्थ को ठीक रखती है। बाजार में यह सब जगह उपलब्ध है। इसे घर पर भी सरलता से बना सकते हैं। दालचीनी, तुलसी के पत्ते और अदरक चाहें तो दो लौंग और कालीमिर्च भी मिला सकते हैं, इन सब को पानी में डालकर अच्छी तरह उबाल कर, छान कर पीयें। गले में सूजन, दर्द, खारिश सब खत्म हो जायेंगे। दिन में तीन बार पी सकते हैं।
13. फिटकरी (Alum)- गले की सूजन, खराश, दर्द आदि से राहत पाने के लिये फिटकरी भी एक अच्छा उपाय है। तवे पर फिटकरी को गर्म कर लें, फिर इसे पीस लें। एक गिलास गुनगुने पानी में आधा चम्मच पिसी हुई फिटकरी मिलाकर गरारे करें। दिन में तीन, चार बार और रात को सोने से पहले भी गरारे कर लें।
14. शहद और नींबू (Honey and Lemon)- शहद एंटीमाइक्रोबियल, एंटीबैक्टीरियल, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुणों से सम्पन्न होता है। एक गिलास गर्म पानी में एक चम्मच शहद और एक नींबू का रस मिलाकर पीयें। गले में दर्द और खराश में आराम मिलेगा। दिन में दो बार पी सकते हैं।
कुछ सावधानियां – Some Precautions
गले में संक्रमण होने की स्थिति में निम्नलिखित सावधानियां बरतें –
1. ऑयली और फैट वाले खाद्य पदार्थों का सेवन ना करें।
2. तीखे, तेज मिर्च मसाले वाले खाद्य पदार्थों का सेवन ना करें।
3. ठंडे खाद्य/पेय पदार्थों का सेवन ना करें जैसे दही, छाछ, आइसक्रीम, कोल्ड ड्रिंक्स, ठंडा पानी आदि।
4. गुनगुना पानी पीयें।
5. समय-समय पर गुनगुने पानी में नमक डालकर गरारे करते रहें।
6. धूम्रपान ना करें।
7. शराब का सेवन न करें।
8. प्रदूषण युक्त वातावरण में जाने से बचें। जाना ही हो तो मास्क लगाकर जायें।
Conclusion –
दोस्तो, आज के लेख में हमने आपको गले में खराश को दूर करने के घरेलू उपाय के बारे में जानकारी दी। गले में खराश क्या है, गले में खराश के कारण क्या होते हैं, इसके लक्षण क्या होते हैं, इन सब के बारे में भी विस्तार पूर्वक बताया। देसी हैल्थ क्लब ने इस लेख के माध्यम से गले में दर्द और खराश से राहत पाने के बहुत सारे घरेलू बताये और कुछ सावधानियां भी बताईं। आशा है आपको ये लेख अवश्य पसन्द आयेगा।
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