दोस्तो, स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग पर। हमारा आज का टॉपिक है कान दर्द का घरेलू उपचार। आप सभी के कान में कभी ना कभी दर्द अवश्य हुआ होगा। कान का दर्द कितना पीड़ादायक होता है ये सभी जानते हैं। ये पीड़ा उस समय और बढ़ जाती है जब ये दर्द रात के समय हो जाये। या शिशु/छोटे बच्चे के कान में दर्द उठता है। वो रात बहुत लम्बी और दर्दनाक हो जाती है। बच्चे के साथ साथ माता पिता भी भयंकर कष्ट से गुजरते हैं।
आयुर्वेदिक ग्रन्थों में कान के दर्द को कर्णशूल कहा गया है, इसमें वात, पित्त, कफ और रक्त दूषित होते हैं। ज्यादातर कान के दर्द कान के मध्य में सूजन या संक्रमण होने के कारण होता है। अधिकतर कान दर्द की समस्या छोटे बच्चों में देखी जाती है परन्तु ये किसी भी आयु वर्ग के बच्चे, स्त्री, पुरुष को कभी भी हो सकती है।
कान दर्द के अनेक कारण हो सकते हैं जो निम्न प्रकार हैं-
1. सर्दी और जुकाम का ज्यादा दिनों तक बना रहना।
2. कान में संक्रमण होना।
3. सिर या कान पर चोट लगना।
4. बहुत तेज आवाज सुनना।
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5. किसी बारीक/नुकीली चीज से कान में खुजलाने से, साफ करने से।
6. कान में फुंसी होना।
7. नहाते समय साबुन या शैम्पू का कान में रह जाना।
8. कान में कोई दाना या अन्य वस्तु का फंस जाना।
9. कान में छेद होना या कान के पर्दे फट जाना।
10. कान में मैल जमा होना।
11. जबड़े में सूजन होना।
12. कान में चींटी या कोई कीड़े का अंदर चले जाना।
13. उस पानी में तैरना या नहाना जहां पर कान संक्रमण का ज्यादा खतरा हो जैसे उस पानी में तैरना या नहाना जिसमें अधिक मात्रा में बैक्टीरिया हों।
14. दांत में दर्द के कारण भी दर्द कान में पहुंच जाता है।
15. दांत में कैविटी के कारण भी कान के हिस्सों में दर्द होने लगता है।
16. जबड़े में गठिया या सूजन होना।
17. नवजात शिशुओं और छोटे बच्चों में बोतल से दूध पिलाने से कान में संक्रमण हो जाता है।
18. बच्चों के दांत आना। ऐसी स्थिति में बच्चे के कान में दर्द पहुंचना स्वाभाविक है।
19. श्वसन संक्रमण यानि एलर्जी से नाक का बंद होना, सीधे कानों को प्रभावित करता है।
20. इयर बैरोट्राँमा ज्यादातर स्काइडाइविंग, स्कूवा डाइविंग या हवाई जहाज की उड़ानों के दौरान अनुभव होता है,जैसे जब विमान लैंडिंग के लिए उतरता है तब वायुमंडलीय दबाव और कान दबाव में अंतर मध्य कान में वैक्यूम पैदा कर कान के पर्दे पर दबाव डालता है जिसके कारण कान में दर्द होता है।
कान दर्द का घरेलू उपचार – Home Remedies for Ear Pain
1. सरसों का तेल कान के लिये रामबाण है। यह मैल को साफ करने का सबसे अच्छा उपाय है। तेल की दो-तीन बूंद एक कान में डाल कर रुई लगा दें फिर लगभग 10-15 मिनट पश्चात दूसरे कान में तेल की दो-तीन बूंद डालकर रुई लगा दें। थोड़ी देर बाद कान का मैल बाहर आ जायेगा। फिर दोनों कानों को साफ कर लें।
2. सरसों के तेल में लहसुन की कुछ कलियां डालकर तब तक गर्म करें जब तक लहसुन का रंग काला ना है जाये। फिर इसे ठंडा होने दें पर बिल्कुल ठंडा नहीं। हल्का गुनगुना रहना चाहिये, अब इस तेल की दो बूंद कान में डालें और रुई लगा दें। दर्द में आराम मिलेगा।
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3. कुछ लहसुन की कलियों को लेकर पीस लें अब इसको एक कपड़े में लपेटकर कान पर रख दें 30-35 मिनट के लिये। कान का दर्द खत्म हो जायेगा।
4. कुचली हुई लहसुन की कलियों को कपड़े में लपेटकर इसका रस कान में डालें। इससे दर्द के साथ साथ इंफेक्शन भी न ठीक हो जायेगा।
5. लहसुन की कुछ कलियों को नमक के पानी में उबालें। फिर इसे आग से उतारकर समुद्री नमक डालकर पीस लें। अब इसको कपड़े में लपेटकर कान के दर्द वाली जगह पर रख दें।
6. थोड़ा सा नमक लेकर उसे धीमी आग पर गर्म करें। फिर एक सूत की बत्ती इसमें भिगोकर कान में डालें और 10 मिनट तक रहने दें। यह कान से मैल को बाहर निकाल देगा और सूजन कम हो जायेगी।
7. तुलसी की पत्तियों का ताजा रस कान में डालने से दर्द खत्म हो जाता है।
8. एक चम्मच हल्के गुनगुने गर्म प्याज के रस की 2-3 बूंद कान में डालने से आराम मिलेगा। दिन में 2-3 बार डालें।
9. अदरक का रस निकाल कर कान में 2-3 बूंद डालें।
10. अदरक को पीस कर जैतून के तेल में मिलाकर, अब छानकर 2-3 बूंद कान में डालें।
11. जैतून के तेल को हल्का गरम करके कान में 3-4 बूंद डालें।
12. पुदीना की ताजी पत्तियों के रस की 2-3 बूंद कान में डालें।
13. प्याज का रस कान में डालने से दर्द में आराम मिलता है। प्याज में एंटीसेप्टिक और एंटीबैक्टीरियल गुण कान दर्द में आराम देते हैं।
14. आम के ताजे पत्तों को पीसकर रस निकालकर 3-4 बूंद कान में डालें।
15. केले के तने का रस निकाल कर सोने से पहले रात को कान में डालें। सुबह तक कान के दर्द में आराम आ जायेगा।
16. नीम की पत्तियों का रस निकाल कर 2-3 बूंद कान में डालने से दर्द में आराम मिलेगा और संक्रमण भी खत्म हो जायेगा।
17. नीम के तेल की कुछ बूंदे प्रभावित कान में डाल कर रूई लगा दें और कुछ देर के लिए ऐसे ही रहने दें। बाद में रूई को कान से निकाल सकते हैं। नीम के तेल में एंटी−बैक्टीरियल, एंटी वायरल और एंटी−फंगल प्रॉपर्टीज होती हैं जो कान के दर्द और इंफेक्शन को खत्म करती हैं।
18. मेथी को पीसकर गाय के दूध में मिलाकर इसकी कुछ बूंद कान में डालें।
19. अजवाइन का तेल, सरसों के तेल में मिलाकर गुनगुना करें और कान में डालें।
20. बेल के पेड़ की जड़ को नीम के तेल में डुबा कर उसे जला दें और जो तेल इसमें से रिसेगा वह कान में डालें।
21. अजवाइन का तेल सरसों के तेल में मिलाकर गुनगुना करके कान में डालें।
22. एक चम्मच सेब के सिरका में एक चम्मच गर्म पानी मिलाएं। अब एक रूई के फाहे को इसमें भिगो कर कानों में रखें और लेट जायें ताकि यह मिश्रण कान में चला जाए। अब रूई को हटाए और कान को सूखने दें।
सेब के सिरके में एंटी−माइक्रोबायल प्रॉपर्टीज पाई जाती हैं, जो कान में संक्रमण पैदा करने वाले रोगाणुओं को मारने में मदद करते हैं।
कुछ सावधानियां – यदि कुछ निम्नलिखित सावधानियां बरती जायें तो कान के दर्द से बचा जा सकता है।
1. समय समय पर अपने कानों की सफाई करते रहना चाहिये।
2. सावधान रहना चाहिये कि सिर या कान पर चोट ना लगे।
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3. किसी तेज या नुकीली वस्तु से कान की सफाई नहीं करना चाहिए।
4. बहुत तेज ध्वनी से बचना चाहिये। जैसे डी।जे। पर बजने वाले गाने अथवा कानों में ईयरफोन लीड या हैडफोन लगाकर तेज आवाज में संगीत सुनना।
5. नहाने के समय पानी या साबुन/शैम्पू आदि के कान में जाने से बचाव करना।
6. जंकफूड एवं बासी भोजन का सेवन ना करें।
7. ऐसा भोजन ना करें जिससे कफ बने।
8. सर्दी से बचाव करें। जुकाम, खांसी आदि ना हो।
9. दांतों की नियमित सफाई करें। यदि दांतों में दर्द हो तो इसका उपचार करें।
10. संक्रमित पानी में ना नहायें।
11. नियमित रुप से प्राणायाम एवं योगासन करना चाहिए।
Conclusion
दोस्तो, आज इस Article में हमने आपको कान दर्द का घरेलू उपचार के बारे में बताया। दर्द होने कारण, इनसे बचाव के बारे में जानकारी दी। आशा है आपको यह लेख अवश्य पसन्द आयेगा। कृपया अपनी टिप्पणियां (Comments), सुझाव, राय अवश्य भेजिये ताकि हमारा मनोबल बढ़ सके। और हम आपके लिए ऐसे ही Health- Related Topic लाते रहें। धन्यवाद।
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