दोस्तो, फूल सभी को प्यारे लगते हैं। इनका रंग-रूप, सुगन्ध सबका मन मोह लेते हैं। मगर इनका यही काम नहीं है कि वे हर किसी को अपनी ओर आकर्षित करें बल्कि अपने औषधीय गुणों से लोगों की बीमारी दूर करना भी इनका काम है। उदाहरण के लिए पलास के फूल, गुलाब के फूल, हरसिंगार के फूल आदि। इसी कड़ी में एक और नाम जुड़ता है मधुमालती के फूल। मधुमालती के फूल वस्तुतः जंगली फूल होते हैं इनकी व्यवसाय की दृष्टि से परंपरागत रूप से खेती नहीं की जाती। मधुमालती के फूलों को दवाईयों की फैक्ट्री कहा जाता है। इसके औषधीय गुण प्रमेह, प्रदर, सर्दी, जुकाम, मासिक धर्म, पेट दर्द, डायबिटीज आदि की समस्या से छुटकारा दिलाते हैं। आखिर ऐसा क्या है इन मधुमालती के फूलों में और कैसे यह लाभकारी होते हैं। दोस्तो, यही है हमारा आज का टॉपिक “मधुमालती के फूलों के फायदे”।
देसी हैल्थ क्लब इस आर्टिकल के माध्यम से आपको मधुमालती के बारे में विस्तार से जानकारी देगा और यह भी बताएगा कि मधुमालती के फूलों के क्या फायदे होते हैं। तो, सबसे पहले जानते हैं कि मधुमालती क्या है और इसकी खेती कहां होती है? फिर, इसके बाद बाकी बिंदुओं पर जानकारी देंगे।
मधुमालती क्या है? – What is Madhumalati?
मधुमालती औषधिय गुणों से सम्पन्न एक पौधा है जो लता के रूप में बढ़ता है। मधुमालती का मूल निवास स्थान दक्षिण पूर्व एशिया है और उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में पाया जाता है। आयुर्वेद चिकित्सा में मधुमालती के सभी भागों का उपयोग किया जाता है अर्थात् जड़, पत्ते, फूल और फल। मधुमालती के फूलों से मधु बनाया जा सकता है। संभवतः इसीलिए इस पौधे का नाम मधुमालती रखा है। इसके फूल गुच्छों में होते हैं और बहुत सुन्दर होते हैं। ये फूल प्रतीक हैं परिवार में एकता बनाए रखने के।
छोटे आकार के इन फूलों का सुगंध अत्यंत मनभावन होती है। ये फूल सूर्योदय के समय सफेद रंग के, अगले दिन गुलाबी रंग के और फिर तीसरे दिन गहरे लाल रंग के हो जाते हैं। ये फूल परागणकों जैसे पतंगे, मधुमक्खियों, पक्षियों, तितलियों आदि को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। जहां तक इसके पौधे की बात है तो यह लता के रूप में बढ़ता है और यह 8 मीटर तक ऊंचा हो जाता है। इसे कम से कम पांच घंटे की धूप की आवश्यकता होती है। गर्मियों में इसके फूल खिलते हैं।
मधुमालती की लगभग 180 प्रजातियों के बारे में पता है जिनमें लगभग 100 प्रजातियां चीन में, 20 भारत में, 20 यूरोप में तथा 20 उत्तरी अमेरिका में पायी जाती हैं। मधुमालती को वेल, लाल चमेली, आकार दानी, मधुमंजरी, राधामनोहरम और झुमका बेल के नाम से जाना जाता है। कैप्रिफ़ोलिएसी (Caprifoliaceae) कुल से संबंध रखने वाली मधुमालती का वानस्पतिक नाम कॉम्ब्रेटम इंडिकम (Combretum Indicum) है तथा इसे अंग्रेजी में रंगून क्रीपर या चायनीज हनीसकल (Rangoon Creeper or Chinese Honeysuckle) कहते हैं। मधुमालती को जीनस, कॉम्ब्रेटम के नाम से भी जाना जाता है।
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मधुमालती की खेती कहां होती है? – Where is Madhumalati Cultivated?
सामान्य रूप मधुमालती की खेती नहीं की जाती। इसके पौधे भारत, फिलीपींस और मलेशिया में पाए जाते हैं। वनों, उपवनों में, बाग-बगीचों में, सड़क के किनारे और घरों में मधुमालती के पौधे देखे जा सकते हैं।
मधुमालती के गुण – Properties of Madhumalati
1. मधुमालती के फूलों का स्वाद कसैला होता है।
2. मधुमालती के फूल रंग बदलते हैं। पहले दिन सूर्योदय के समय ये सफेद होते हैं, दूसरे दिन गुलाबी रंग के और तीसरे दिन ये लाल रंग के हो जाते हैं।
3. एंटीऑक्सीडेंट, एंटीइंफ्लामेटरी, ब्रोंकोडाईलेटर, एंटीमाइक्रोबियल, एंटीकैंसर, एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल और एंटीडायबिटिक गुण मौजूद होते हैं।
मधुमालती के उपयोग – Uses of Madhumalati
मधुमालती के उपयोग निम्न प्रकार से किए जा सकते हैं –
- मधुमालती के फूलों से खाद्य मधु निकाला जा सकता है।
- आयुर्वेदिक चिकित्सा में मधुमालती के फल, फूल, पत्ते और जड़ का इस्तेमाल किया जाता है।
- मधुमालती के फूलों से “वसंतकुसुमाकर” रस नामक दवा बनाई जाती है। यह दवा कमजोरी दूर करने, प्रमेह, प्रदर, सर्दी, जुकाम, मासिक धर्म, पेट दर्द, डायबिटीज आदि की समस्या में काम आती है। डॉक्टर, रोग के अनुसार इस दवा की मात्रा निर्धारित करता है।
- मधुमालती के फूल, घरों में, समारोहों में सजावट के काम आते हैं।
- मधुमालती के पौधे से छांव मिलती है।
- मधुमालती के पौधे से हरियाली मिलती है।
- मधुमालती के पौधे और फूलों को देखना आंखों को अच्छा लगता है और मन शांत होता है।
मधुमालती के फूलों के फायदे – Benefits of Madhumalati Flowers
दोस्तो, अब बताते हैं आपको मधुमालती के फूलों के फयदे जो निम्नलिखित हैं –
1. सर्दी में लाभकारी (Beneficial in Winter)- सर्दी के मौसम में अक्सर खांसी, जुकाम हो जाया करते हैं। यह एक आम और सामान्य समस्या है। मधुमालती के फूल इस समस्या से छुटकारा दिला सकते हैं। बस आपको यह करना है कि मधुमालती के कुछ फूलों का काढ़ा बनाकर पीना है।
मधुमालती के कुछ फूलों का काढ़ा बनाते समय इसमें कुछ तुलसी के पत्ते, दो लौंग डालकर अच्छे से उबालना है। यह काढ़ा दिन में दो, तीन बार पी सकते हैं। मधुमालती में एल्कलॉइड उपस्थित होते हैं जिनमें मौजूद ब्रोंकोडाईलेटर गुण वायुमार्ग को आराम देने और अस्थमा और खांसी के लक्षणों से राहत दिलाने का काम करते हैं।
2. बुखार में फायदा (Beneficial in Fever)- मधुमालती के फायदे बुखार में भी देखे जा सकते हैं। बुखार आने पर मधुमालती के पत्तों को और तुलसी की कुछ पत्तियों को पानी में उबाल कर पीएं। बुखार उतर जाएगा और बदन में दर्द से भी राहत मिलेगी।
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3. डायबिटीज में फायदेमंद (Beneficial in Diabetes)- डायबिटीज के मरीजों को भी मधुमालती का फायदा होता है। इसके लिए मधुमालती के फूलों का रस निकालकर 4 मिली लीटर की मात्रा में दिन में दो बार पीएं। इससे ब्लड शुगर का स्तर सामान्य रहने में मदद मिलेगी। फूलों का रस ना पीना चाहें तो वे इसके पत्तों का रस निकालकर 4 मिली लीटर की मात्रा में दिन में दो बार पी सकते हैं। मधुमालती में मौजूद एंटीडायबिटिक गुण ब्लड में ग्लुकोज लेवल को कम करते हैं।
4. ल्यूकोरिया में फायदेमंद (Beneficial in Leucorrhoea)- जिन माता, बहनों को ल्यूकोरिया की समस्या है यानि जननांग से सफेद पानी जाता है, वे मधुमालती की पत्तों और फूल का रस निकाल कर पीयें। इससे फायदा होगा।
5. किडनी के लिए फायदेमंद (Beneficial for Kidneys)- मधुमालती के फूलों में एंटीइंफ्लामेटरी गुण उपस्थित होते हैं। किडनी की सूजन और जलन की समस्या होने पर मधुमालती की पत्तियों और फलों का रस पीने से किडनी की सूजन और जलन से राहत मिलती है।
6. दांत के दर्द में फायदा (Benefit in Toothache)- मधुमालती के फलों का काढ़ा बनाकर पीने से दांत के दर्द से राहत मिलती है। इसके एंटीइंफ्लामेटरी गुण मसूड़ों की सूजन से भी राहत दिलाते हैं।
7. गठिया में फायदा (Beneficial in Arthritis)- गठिया रोग में जोड़ों में दर्द रहता है और सूजन रहती है। मधुमालती में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और एंटीइंफ्लामेटरी गुण दर्द और सूजन से राहत दिलाने में मदद करते हैं। इस समस्या में मधुमालती की जड़ का काढ़ा बनाकर पीएं। आराम लग जाएगा।
8. गैस से राहत दिलाए (Provide Relief from Gas)- पेट में गैस बनने पर पेट भरा-भरा और फूला हुआ लगता है। इस समस्या से राहत पाने के लिए मधुमालती की पत्तों को उबालकर इसका पानी पीएं। आराम लग जाएगा।
9. पाचन को स्वस्थ रखे (Keep Digestion Healthy)- मधुमालती पाचन को भी सही रखती है। इसमें मौजूद टैनिन तथा अन्य यौगिक मल त्याग को बढ़ावा देते हैं जिससे कब्ज की समस्या खत्म होती है। दस्त और पेचिस की समस्या से राहत पाने के लिए मधुमालती की जड़ का काढ़ा बनाकर पीएं। मधुमालती में मौजूद एंटीबैक्टीरियल और एंटीमाइक्रोबियल गुण पेट के कीड़ों को भी बाहर निकालते हैं।
10. त्वचा रोगों में फायदेमंद (Beneficial in Skin Diseases)- मधुमालती त्वचा रोगों, संक्रमण आदि के निवारण में बेहद फायदेमंद है। दाद, खुजली, एक्जिमा आदि की समस्या में मधुमालती की जड़ को पानी में घिसकर प्रभावित त्वचा पर लगाएं। मधुमालती सोरायसिस की समस्या से भी छुटकारा दिला सकती है। इसके एंटीइंफ्लेमेटरी और एंटीमाइक्रोबियल गुण त्वचा के संक्रमण को दूर कर सूजन को भी खत्म करते हैं।
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मधुमालती के नुकसान – Disadvantages of Madhumalati
मधुमालती एक सौम्य (Gentle) प्रकृति की बेल है। इसके कोई नुकसान नहीं हैं ना इसके फूलों से, ना फल से, ना पत्तों से, ना जड़ से और ना ही इसकी सुगंध से।
Conclusion –
दोस्तो, आज के आर्टिकल में हमने आपको मधुमालती के फूलों के फायदे के बारे में विस्तार से जानकारी दी। मधुमालती क्या है?, मधुमालती की खेती कहां होती है, मधुमालती के गुण, मधुमालती के उपयोग, इन सब के बारे में भी विस्तार पूर्वक बताया। देसी हैल्थ क्लब ने इस आर्टिकल के माध्यम से मधुमालती के फूलों के बहुत सारे फायदे बताए और मधुमालती के नुकसान के बारे में भी बताया। आशा है आपको ये आर्टिकल अवश्य पसन्द आयेगा।
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