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गुलकंद खाने के फायदे – Benefits of Eating Gulkand in Hindi

गुलकंद खाने के फायदे

आज हम बताएंगे आपको एक ऐसी मीठी डिश के बारे में जो अक्सर अकेली नहीं खाई जाती। यह किसी अन्य खाद्य वस्तु के साथ खाई जाती है जैसे कि ब्रैड पर लगाकर, हलुआ, खीर के साथ, किसी अन्य मिठाई के साथ या दूध/पानी में मिलाकर और सबसे अधिक खाई जाती है पान में मिलाकर। जी हां, हम बात कर रहे हैं गुलकंद की। गुलकंद एक ऐसा व्यंजन है जो गुलाब की पंखुड़ियों और चीनी के संयोजन से धूप में पकाकर बनाई जाती है। गुलकंद को अवध का व्यंजन माना जाता है। इसे अवध की जान तो मुगल बादशाहों सहित लखनऊ के नवाबों की शान और दिल्ली की ज़ीनत (रौनक) कहा जाता है। 

गुलकंद, दिल्ली वालों के मीठा पान खाने की आदत में बस चुका है। इसे गुलाब का मुरब्बा या गुलाब का हलुआ या गुलाब की मिठाई कहा जाता है। मीठा पान बनाने के लिए पान में गुलकंद ही डाला जाता है। गुलकंद के बिना पान अधूरा है। गुलकंद। वस्तुतः गुलकंद केवल मुंह का स्वाद ही नहीं अपितु शारीरिक और मानसिक स्वास्थ के लिए भी अत्यंत लाभदायक होता है। इतना ही नहीं गुलकंद का उपयोग आयुर्वेदिक, यूनानी और फ़ारसी चिकित्सा में भी प्राचीन काल से किया जाता रहा है। आखिर ऐसा क्या है इस गुलकंद में। दोस्तो, यही है हमारा आज का टॉपिक “गुलकंद खाने के फायदे”। 

देसी हैल्थ क्लब इस आर्टिकल के माध्यम से आपको गुलकंद के बारे में विस्तार से जानकारी देगा और यह भी बताएगा कि इसके गुलकंद क्या हैं। तो, सबसे पहले जानते हैं कि गुलकंद क्या है और गुलकंद बनाने की प्रक्रिया। फिर, इसके बाद बाकी बिंदुओं पर जानकारी देंगे।

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गुलकंद क्या है? – What is Gulkand?

गुलकंद एक स्वादिष्ट मीठा व्यंजन है जिसे गुलाब की पंखुड़ियों और मिश्री/चीनी के द्वारा धूप में रखकर तैयार किया जाता है। गुलकंद की उत्पत्ति वस्तुतः ईसा से लगभग 900 वर्ष पूर्व प्राचीन इंडो-फारस में हुई। इसे दमिश्क गुलाब की पंखुड़ियों और चीनी से धूप में पकाकर, एक तीव्र स्वाद के साथ शीतलक (Coolant) पदार्थ के रूप में उपचार के लिए बनाया गया था। 900 वर्ष ईसा पूर्व के आयुर्वेदिक ग्रंथों में गुलकंद को “रसायन” की श्रेणी में रखे जाने का उल्लेख मिलता है। 

गुलकंद का उपयोग आयुर्वेदिक, यूनानी और फ़ारसी चिकित्सा में भी प्राचीन काल से किया जाता रहा है। “रसायन” शब्द संस्कृत में आज के अंग्रेजी शब्द “टॉनिक” के लिए इस्तेमाल किया जाता है। फ़ारसी और उर्दू में ‘गुल’ का अर्थ होता है फूल और अरबी में ‘कंद’ का मतलब होता है ‘मिठास’ यानि फूल की मिठास अर्थात् “गुलकंद”। गुलकंद अपने विशिष्ट स्वाद, सुगंध और शीतलता तथा शांति देने वाले गुणों के कारण मुगल साम्राज्य पर छा गया।

यह अभिजात वर्ग की पहली बन गया और इसे “सार्वभौमिक अमृत” माना गया। यदि इसके स्वास्थ लाभ की दृष्टि से बात की जाए तो इसका दायरा बहुत बड़ा है। अपच, एसिडिटी, कमजोरी व थकान, सन-स्ट्रोक, आंखों की सूजन, अत्यधिक पसीना, शरीर की दुर्गंध की समस्याओं के उपचार के लिए उपयोग किए जाने वाले, गर्मी में शीतलता प्रदान करने वाले, त्वचा विकार दूर करने वाले, रक्त का शुद्धिकरण करने वाले, तंत्रिका तंत्र पर शांत प्रभाव डालने वाले और एक शक्तिशाली कामोत्तजक के रूप में तथा पान के सहयोगी के रूप में गुलकंद ने अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है। 

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इसे प्रेम, रोमांस और रोमांच का प्रतीक माना जाता है। इसी कारण गुलकंद, विश्व प्रसिद्ध कश्मीरी केसर के बाद भारतीय उपमहाद्वीप में सबसे अधिक बिकने वाला खाद्य पदार्थ है। यह भारत के अलावा पाकिस्तान और बंग्लादेश में भी मिलता है। 

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गुलकंद कैसे बनाया जाता है? – How is Gulkand Made?

1. दोस्तो, गुलकंद बनाने की प्रक्रिया वैसे तो बहुत छोटी है परन्तु अत्याधिक मेहनत और लंबे समय तक इंतजार कराने वाली होती है। गुलकंद बनाने के लिये सबसे पहले एक कांच के चौड़े मुंह वाले एयरटाइट जार की जरूरत पड़ती है। इस एयरटाइट जार में गुलाब की पंखुड़ियां, पिसी हुई मिश्री या चीनी, पिसी हुई छोटी इलायची और पिसी हुई सौंफ़ डालकर थोड़ा मिक्स करके जार को अच्छी तरह बंद कर दिया जाता है। 

2. इसके बाद रोजाना इस जार को कम से कम 6 घंटे तक धूप में रखा जाता है और एक दिन छोड़कर दूसरे दिन लकड़ी की छड़ी से इस सामग्री को हिलाया जाता है। यह प्रक्रिया तब तक चलती है जब तक कि गुलाब की पंखुड़ियां पिघलकर इस मिश्रण में समाहित ना हो जायें। ऐसा होने का अर्थ है कि गुलकंद तैयार हो चुका है। जार को धूप में रखने और हिलाने की प्रक्रिया में 3-4 सप्ताह लग जाते हैं।   

गुलकंद के गुण – Properties of Gulkand

  • गुलकंद की तासीर ठंडी होती है। 
  • गुलकंद का स्वाद मीठा, मनमोहक अच्छी सुगंध वाला होता है।
  • गुलकंद में एंटीऑक्सिडेंट, एंटीइंफ्लामेटरी, एंटीबैक्टीरियल आदि गुण उपस्थित होते हैं।  
  • गुलकंद में विटामिन-ए, सी, ई और बी6 तथा फाइबर, कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम जैसे खनिज मौजूद होते हैं। 

गुलकंद के पोषक तत्व (मात्रा प्रति 100  ग्राम ) – Nutrients of Gulkand (amount per 100 grams)

  • पानी :  84.5 प्रतिशत
  • एनर्जी : 303 Kcal
  • फैट : 0.2 ग्राम
  • कोलेस्ट्रॉल : 0.00 ग्राम
  • चीनी : 55.69 ग्राम
  • प्रोटीन : 1.34 ग्राम
  • कार्बोहाइड्रेट : 72.51 ग्राम
  • फाइबर : 1.2 ग्राम 
  • कैल्शियम : 120 मिलीग्राम
  • सोडियम : 30.12 मिलीग्राम
  • आयरन : 3.7 मिलीग्राम 

गुलकंद के उपयोग – Uses of Gulkand

गुलकंद के निम्न प्रकार से उपयोग किए जाते   हैं –

  1. मुख्य रूप से पान को मीठा बनाने के लिए देसी पान में गुलकंद डाला जाता है। यह माउथ फ्रेशनर के रूप में काम करता है। 
  2. गुलकंद को खीर या हलुआ में मिलाकर खाया जा सकता है।
  3. गुलकंद को ब्रेड या रोटी पर जैम की तरह लगाकर खाया जा सकता है। 
  4. भोजन के बाद एक चम्मच गुलकंद ऐसे ही खा सकते हैं। 
  5. मिठाइयों और केक के साथ भी गुलकंद का सेवन किया जा सकता है।
  6. गुलकंद का उपयोग आइसक्रीम बनाने के लिए किया जा सकता है।
  7. मिल्कशेक बनाते समय मिल्कशेक में गुलकंद डाला जा सकता है।
  8. गुलकंद को गर्म दूध या शरबत में मिलाया जा सकता है। 

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गुलकंद कब खाना चाहिए? – When Should Gulkand be Eaten?

1. गुलकंद को सुबह और शाम के समय नाश्ते में खाना चाहिए। 

2. कब्ज की समस्या वाले लोगों को गुलकंद रात में सोने से पहले खाना चाहिए।

गुलकंद कितना खाना चाहिए? – How Much Gulkand Should One Eat?

गुलकंद एक दिन में से दो चम्मच, दिन में दो बार खा सकते हैं परन्तु डायबिटीज के मरीजों को गुलकंद का सेवन नहीं करना चाहिए। 

गुलकंद खाने के फायदे – Benefits of Eating Gulkand

गुलकंद खाने के फायदे निम्नलिखित हैं –

1. ऊर्जा प्रदान करे (Provide Energy)- गुलकंद खाने का फायदा यह है कि इसमें मौजूद कार्ब्स और चीनी की उच्च मात्रा शरीर की थकान को दूर करती है, कमजोरी को दूर करती है और शरीर में ऊर्जा का संचार कर इसे ऊर्जावान बनाती है। गुलकंद तंत्रिका तंत्र को शांत करता है जिससे तनाव, डिप्रेशन जैसी मानसिक समस्याओं से राहत मिलती है।

2. गर्मी से राहत दिलाए (Provide Relief from Heat)- गुलकंद की तासीर ठंडी होती है और इसका निर्माण भी शीतलक (Coolant) पदार्थ के रूप में हुआ था। गुलकंद प्राकृतिक तौर पर शरीर और मस्तिष्क पर ठंडा प्रभाव छोड़ता है। गर्मियों में यह शीतलता प्रदान करके गर्मी से राहत दिलाता है। गर्मी में लू से राहत दिलाता है। इतना ही नहीं नकसीर छूटने पर नाक से रक्तस्राव को रोकने का काम करता है। गर्मियों में गुलकंद का सेवन शरबत, शिकन्जी में मिलाकर किया जा सकता है।

3. पेट की समस्याओं से राहत दिलाए (Provide Relief from Stomach Problems)- गुलकंद की शीतल प्रकृति, पेट की ज्वाला (जलन) को भी शांत करती है। पेट में गैस बनने से, अपच से पेट में दर्द और जलन होना स्वाभाविक है। पेट की गैस से सीने और गले में भी जलन हो जाती है। गुलकंद की शीतल प्रकृति और विटामिन-सी जैसे शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट इस सभी समस्याओं से छुटकारा दिलाकर पेट की जलन को खत्म करते हैं।

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4. कब्ज से राहत दिलाए (Provide Relief from Constipation)- गुलकंद खाने का यह एक महत्वपूर्ण फायदा है कि इसके नियमित रूप से सेवन करने से कब्ज की समस्या खत्म हो जाती है। वजह साफ है कि इसमें पर्याप्त मात्रा में फाइबर होता है। फाइबर पाचन तंत्र में मदद करता है। यह भोजन को रसादार बनाता है जिससे वह जल्दी और आसानी से पच जाता है। इसके साथ ही फाइबर मल को नरम और ढीला करता है जिससे मल त्याग आसानी से हो जाता है और पेट प्राकृतिक रूप से साफ़ हो जाता है। इस तरह रोजाना गुलकंद के सेवन करने मल त्याग की कोई समस्या नहीं रहेगी और आपको कब्ज से मुक्ति मिल जाती है।

5. मुंह के छालों को दूर करे (Remove Mouth Ulcers)- गुलकंद का एक अच्छा फायदा यह भी है कि यह मुंह के छालों से छुटकारा दिलाता है। गर्मी के दिनों में अक्सर मुंह में छालों की समस्या देखने को मिलती है। छाले होने पर कुछ भी नहीं खाया जाता। सादा पानी भी छालों में चुभता है। कई बार छालों से मुंह में सूजन और जलन भी हो जाती है। ऐसे में गुलकंद बहुत राहत पहुंचाता है। इसे साद पान में (बिना चूने वाला) रखकर खा सकते हैं या एक ब्रेड के साथ खा सकते हैं। छालों में आराम लग जाएगा।

6. आंखों के लिए फायदा (Benefits for Eyes)- गुलकंद के फायदे आंखों के लिए भी देखे जा सकते हैं। चूंकि गुलाब आंखों के स्वास्थ के लिए लाभदायक होता है इसलिए गुलकंद में भी गुलाब के गुण काम करते हैं। गुलकंद के सेवन से आंखों की दृष्टि बढ़ती है और यह कंजंक्टिवाइटिस में भी आराम पहुंचाता है। गुलकंद आंखों की जलन और सूजन से भी राहत दिलाता है।

7. अच्छी नींद आए (Sleep Well)- जिन लोगों को तनाव, डिप्रेशन, चिंता की वजह से नींद ना आने या कम आने या बीच-बीच में आंख खुलने की समस्या रहती है उनको रात को सोने से पहले एक चम्मच गुलकंद खा लेना चाहिए। गुलकंद के एंटीऑक्सीडेंट गुण तन्त्रिका तंत्र को प्रभावित करके मानसिक तनाव, डिप्रेशन, चिंता आदि को दूर मानसिक शांति पहुंचाते हैं। इससे मन शांत रहेगा और नींद भी अच्छी आएगी। गुलकंद के नियमित सेवन से नींद की गुणवत्ता में सुधार हो जाएगा। 

8. दर्द और सूजन से आराम दिलाए (Provide Relief from Pain and Swelling)- गुलकंद खाने से जोड़ों के दर्द और सूजन से राहत मिल सकती है। दरअसल गुलाब की पंखुड़ियों का अर्क एंटीइंफ्लामेटरी गुण प्रदर्शित करता है और यह जोड़ों के दर्द और मांसपेशियों की सूजन को कम करने में सक्रिय भूमिका निभाता है। गुलकंद के सेवन से गठिया के लक्षणों से राहत पाई जा सकती है। 

9. मासिक धर्म की समस्याओं से राहत (Relief from Menstrual Problems)- मासिक धर्म में सबसे बड़ी समस्या धर्म चक्र की अनियमितता की आती है। पीरियड के दौरान अत्याधिक रक्तस्राव, पेट में असहनीय दर्द और ऐंठन की समस्या रहती है। गुलकंद मासिक धर्म की अनियमितता से राहत दिलाकर इसे नियमित करने में मदद करता है और अत्याधिक रक्तस्राव को सामान्य करता है। दर्द और ऐंठन प्राकृतिक रूप से स्वाभाविक हैं। इनको खत्म नहीं किया जा सकता परन्तु गुलकंद इनके प्रभाव को कुछ कम करके सहनीय और आरामदायक बनाने का काम करता है।

10. हृदय के लिए लाभकारी (Beneficial for the Heart)- गुलकंद कोलेस्ट्रॉल मुक्त होता है और खराब कोलेस्ट्रॉल LDL को कम करने में मदद करता है। इस प्रकार रक्त वाहिकाओं में प्लाक जमने की संभावना नहीं रहती। परिणामस्वरूप ब्लड सर्कुलेशन और ब्लड फ्लो सही बना रहता है और हृदय को पंप करने के लिए ब्लड की सप्लाई सही से होती रहती है।

इसके अलावा, गुलकंद के सेवन से ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर का लेवल भी सामान्य बना रहता है। इस काम में गुलकंद में मौजूद मैग्नीशियम मदद करता है। गुलकंद में फैट भी नहीं के बराबर होता है जिससे वजन बढ़ने का जोखिम भी नहीं रहता।

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गुलकंद खाने के नुकसान – Disadvantages of Eating Gulkand

गुलकंद खाने के नुकसान हो सकते हैं निम्नलिखित नुकसान – 

1. डायबिटीज के मरीजों को गुलकंद खाने की सलाह नहीं दी जाती क्योंकि इसमें मौजूद चीनी की उच्च मात्रा, उनमें ग्लुकोज के स्तर को बढ़ा सकता है। इसके अतिरिक्त गुलकंद में मौजूद सामग्री उनमें एलर्जी की वजह बन सकती है। 

2. गुलकंद के अधिक खाने से पेट से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं जैसे कि गैस बनना, पेट में दर्द, दस्त लगना आदि।

3. सिर के बाल जल्दी सफेद होने की संभावना हो सकती है। 

4. सिर में दर्द बन सकता है। 

Conclusion – 

दोस्तो, आज के आर्टिकल में हमने आपको गुलकंद के बारे में विस्तार से जानकारी दी। गुलकंद क्या है?, गुलकंद कैसे बनाया जाता है, गुलकंद के गुण, गुलकंद के पोषक तत्व, गुलकंद के उपयोग, गुलकंद कब खाना चाहिए और गुलकंद कितना खाना चाहिए, इन सब के बारे में भी विस्तार पूर्वक बताया। देसी हैल्थ क्लब ने इस आर्टिकल के माध्यम से गुलकंद खाने के बहुत सारे फायदे बताए और गुलकंद खाने कुछ नुकसान भी बताए। आशा है आपको ये आर्टिकल अवश्य पसन्द आयेगा।

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Disclaimer – यह आर्टिकल केवल जानकारी मात्र है। किसी भी प्रकार की हानि के लिये ब्लॉगर/लेखक उत्तरदायी नहीं है। कृपया डॉक्टर/विशेषज्ञ से सलाह ले लें।

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