दोस्तो, स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग पर। दोस्तो, आज हम आपको एक ऐसे फल के बारे में बतायेंगे जो बहुत कठोर होता है, दबाने से दबता नहीं है और कटता भी बहुत सख्त है। इसे काटना भी बहुत सावधानी से पड़ता है कि कहीं चाकू फिसल कर हाथ में ना लग जाये। भारत में यह शरीर के एक अंग विशेष के नाम से भी जाना जाता है। खट्टे-मीठे स्वाद वाले इस फल में रस ही रस भरा होता है। दिखने में छोटे अमरूद की तरह हरे रंग के इस फल का नाम है “नाशपाती”। कई विटामिनों और खनिज तत्वों से समृद्ध इस फल के अनेक औषधीय फायदे होते हैं। इसका सेवन स्वास्थ के लिये बहुत फायदेमंद होता है। दोस्तो, यही है हमारा आज का टॉपिक “नाशपाती खाने के फायदे”।
देसी हैल्थ क्लब इस आर्टिकल के माध्यम से आज आपको नाशपाती के बारे में विस्तार से जानकारी देगा और यह भी बतायेगा कि नाशपाती खाने के क्या फायदे होते हैं। तो, सबसे पहले जानते हैं कि नाशपाती क्या है?, नाशपाती की खेती कहां होती है और नाशपाती और बाबूगोशा में अंतर। फिर इसके बाद बाकी बिन्दुओं पर जानकारी देंगे।
नाशपाती क्या है? – What is Pear?
दोस्तो, नाशपाती सेब से संबंधित फल है जिसमें मिठास ज्यादा और अम्ल (Acid) कम होता है, इसीलिये इसे उप-अम्लीय (Sub-acidic) फल कहा जाता है। इसकी खेती तटीय और हल्के समशीतोष्ण क्षेत्रों में की जाती है। इसका पेड़ 10-17 मीटर (33-56 फीट) तक मध्यम ऊंचाई का होता है। इसकी पत्तियां सीधी 2-12 सेंटीमीटर लंबी हरी और कुछ होती हैं। इसके फूल सफेद रंग के होते हैं। विश्व में नाशपाती की लगभग 3000 किस्में हैं जिनमें 20 से अधिक किस्मों का उत्पादन भारत में होता है।
नाशपाती का जन्म स्थान क्या है? इस बारे में कोई प्रमाणिक जानकारी नहीं है परन्तु माना जाता है कि इसका संबंध मूलतः उत्तरी अफ्रीका, पश्चिमी यूरोप से है। नाशपाती रोजेसी (Rosaceae) परिवार से है और इसका वानस्पतिक नाम पायरस (Pyrus) है। इसे अंग्रेजी में पीयर (Pear) कहा जाता है। भारत में नाशपाती को नाक भी कहा जाता है। इसका आकार छोटे अमरूद की तरह होता है। यह फल बाहर से यह हरे या हरे पीले रंग का होता है। इसका छिलका मोटा तथा गूदा सख्त होता है, खाने में खट्टा-मीठा और दानेदार होता है।
नाशपाती की खेती – Pear Cultivation
1. विश्व में नाशपाती का सबसे अधिक उत्पादन चीन में होता है। चीन के अतिरिक्त नाशपाती की खेती इटली, स्पेन, संयुक्त राज्य अमेरिका, अर्जेंटीना, दक्षिण कोरिया, टर्की, जापान, दक्षिण अफ्रीका, नीदरलैंड आदि देशों में होती है।
2. भारत हिमाचल प्रदेश, जम्मू-काश्मीर, पंजाब, उत्तराखण्ड, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश राज्यों में नाशपाती की खेती की जाती है।
नाशपाती और बाबूगोशा (बाबूगोशा) में अंतर – Difference between Pear and Babugosha (Babugosha)
नाशपाती और बाबूगोशा के बीच निम्नलिखित अंतर स्पष्ट है –
नाशपाती –
1. इसे एशियाई नाशपाती कहा जाता है, यह पाइरस पाइरिफोलिया (pyrus pyrifolia) वृक्ष का फल है।
2. यह आकार छोटे अमरूद के समान गोल होता है और दबाये जाने पर इस फल के कठोर होने का आभास होता है।
3. इसका छिलका मोटा, सख्त और खुरदुरा होता है जिसे खाने से पहले हटा दिया जाता है। बिना छिलका हटाये खाने से पाचन में अधिक समय लगता है अथवा पाचन संबंधी दिक्कत हो सकती है।
4. इसका छिलका हरा या हरा पीला होता है।
5. इसका गूदा सख्त, कुरकुरा होता है। खाने में यह दानेदार लगता है।
6. इसका स्वाद खट्टा-मीठा होता है।
7. इसके बीज बाबूगोशा की तुलना में बड़े होते हैं।
8. यह बाबूगोशा से सस्ता होता है।
ये भी पढ़ें- विटामिन ए के फायदे
बाबूगोशा –
1. इसे यूरोपियन नाशपाती कहा जाता है, यह पाइरस कम्युनिस (pyrus communis) वृक्ष का फल है।
2. यह आकार में ऊपर सुराई या बोतल की जैसी गर्दन लिये होता है और दबाये जाने पर इस फल के नरम होने का आभास होता है।
3. इसका छिलका बहुत पतला और चिकना होता है जिसे खाने से पहले हटाने की जरूरत नहीं पड़ती। पच भी आसानी से जाता है।
4. इसका छिलका हरा, पीला, या पीला-लाल रंग का होता है।
5. इसका गूदा नरम और रसदार होता है खाने पर मक्खन जैसा लगता है।
6. इसका स्वाद मीठा होता है, इसमें खटास नहीं होती।
7. इसके बीज बहुत छोटे होते हैं।
8. यह नाशपाती से मंहगा होता है।
नाशपाती के गुण – Properties of Pears
1. नाशपाती की तासीर ठंडी होती है।
2. नाशपाती का स्वाद खट्टा-मीठा होता है।
3. नाशपाती एंटीऑक्सीडेंट, एंटीइंफ्लेमेटरी और एंटीकैंसर, एंटीडायबिटिक, एंटीपायरेटिक आदि गुणों से समृद्ध होती है।
4. नाशपाती में कई विटामिन तथा प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, कैल्शियम, आयरन, ज़िंक आदि जैसे कई खनिज मौजूद होते हैं।
नाशपाती के पोषक तत्व (प्रति 100 ग्राम) – Nutrients of Pears (per 100g)
पानी 83.96 ग्राम
एनर्जी 57 कैलोरी
प्रोटीन 0.36 ग्राम
कोलेस्ट्रॉल 0 मिलीग्राम
टोटल लिपिड (फैट) 0.14 ग्राम
कार्बोहाइड्रेट 15.23 ग्राम
फाइबर, टोटल डाइटरी 3.1 ग्राम
शुगर, टोटल 9.75 ग्राम
आयरन 0.18 मिलीग्राम
कैल्शियम 9 मिलीग्राम
फास्फोरस 12 मिलीग्राम
पोटैशियम 116 मिलीग्राम
सोडियम 1 मिलीग्राम
मैग्नीशियम 7 मिलीग्राम
जिंक 0.10 मिलीग्राम
कॉपर 0.082 मिलीग्राम
विटामिन-ए, आरएई 1 माइक्रोग्राम
विटामि-ए IU 25 आईयू
विटामिन-ई
(अल्फा-टोकोफेरोल) 0.12 मिलीग्राम
विटामिन-सी,
टोटल एस्कॉर्बिक एसिड 4.3 मिलीग्राम
थियामिन 0.012 मिलीग्राम
राइबोफ्लेविन 0.026 मिलीग्राम
नियासिन 0.161 मिलीग्राम
विटामिन-बी6 0.029 मिलीग्राम
फोलेट, डीएफई 7 माइक्रोग्राम
विटामिन-के
(फिलोक्यूनोन) 4.4 माइक्रोग्राम
फैटी एसिड,
टोटल सैचुरेटेड 0.022 ग्राम
फैटी एसिड,
टोटल मोनोअनसैचुरेटेड 0.084 ग्राम
फैटी एसिड,
टोटल पोलीअनसैचुरेटेड 0.094 ग्राम
नाशपाती का उपयोग – Uses of Pears
नाशपाती का निम्न प्रकार से उपयोग किया जा सकता है-
1. इसे काट कर ऐसे ही खाया जा सकता है।
2. इसका जूस निकाल कर भी सेवन किया जा सकता है।
3. फ्रूट सलाद के रूप में भी इसका उपयोग किया जा सकता है।
4. नाशपाती को सूप के रूप में भी सेवन किया जा सकता है।
5. नाशपाती का मुरब्बा और अचार भी बनाया जाता है।
6. चेहरे के लिये फेसपैक और बालों के लिये हेयर पैक के रूप में इसका इस्तेमाल पड़ता है।
7. नाशपाती से शराब भी बनाई जाती है जोकि सेब की शराब की तुलना में कम गुणवत्ता वाली होती है।
8. नाशपाती की लकड़ी से कुछ प्रकार के फर्नीचर बनाये जाते हैं।
9. नाशपाती की लकड़ी से लकड़ी की मूर्तियां, सजावट का सामान और रसोई में काम आने वाले बर्तन बनाये जाते हैं।
10. नाशपाती की लकड़ी का उपयोग संगीत वाद्ययंत्र बनाने में किया जाता है।
नाशपाती खाने का सही समय – Right Time to Eat Pears
नाशपाती खाने का कोई विशेष समय नहीं है, इसे कभी भी खाया जा सकता है। हां, इसे सुबह के नाश्ते में खाना या खाली पेट खाना ज्यादा बेहतर माना जाता है।
ये भी पढ़ें- छुहारे खाने के फायदे
नाशपाती कितनी खानी चाहिए? – How much Pear Should be Eaten?
यद्यपि नाशपाती खाने की कोई प्रमाणिक मात्रा तय नहीं है परन्तु केवल एक नाशपाती खाने ही शरीर को जरूरी पोषक तत्व मिल जाते हैं। एक से अधिक खाने पर पाचन की और पेट की समस्या हो सकती है।
नाशपाती खाने के फायदे – Benefits of Pear
दोस्तो, अब बताते हैं आपको नाशपाती खाने के फायदे जो निम्नलिखित हैं –
1. गर्भावस्था में फायदा (Advantage in Pregnancy)- गर्भवती महिलाओं को नाशपाती खाने के विशेष फायदे होते हैं। गर्भावस्था में महिला को अतिरिक्त पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है जिससे महिला और गर्भस्थ शिशु का स्वास्थ सही रहे। नाशपाती खाने से विशेष रूप से महिला में आयरन की कमी नहीं होती।
महिला को सबसे ज्यादा जरूरत फोलेट की होती है जोकि नाशपाती खाने से मिल जाता है, ताकि न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट (Neural Tube Defects) जैसे जन्मदोष से बचाव हो सके। इससे महिला और गर्भस्थ शिशु के स्वास्थ की भी रक्षा होती है।
ये भी पढ़ें- डिलीवरी के बाद वजन कम करने के उपाय
2. एनर्जी मिले (Get Energy)- नाशपाती एक एनर्जिक फल है, चाहे इसे काट कर ऐसे ही खाओ या इसका जूस निकाल कर पिओ। इसका जूस एनर्जिक ड्रिंक के रूप में जाना जाता है। इसके पोषक तत्व शरीर में तुरन्त ऊर्जा का संचार करते हैं। किसी बीमारी की वजह से या कोई अधिक काम करने के कारण शरीर में थकावट तथा कमजोरी महसूस हो रही है तो नाशपाती खाने से आपके शरीर में जान आ जायेगी। यदि एक्सरसाइज करने के बाद इसका सेवन किया जाये थकावट का पता ही नहीं चलेगा। आपका शरीर ऊर्जावान रहेगा।
3. इम्युनिटी बढ़ाए (Boost Immunity)- विटामिन-सी इम्युनिटी सिस्टम के लिये सबसे महत्वपूर्ण तत्व माना जाता है जो रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी हमारे शरीर की इम्युनिटी को मजबूत करने का काम करता है। विटामिन-सी को वैसे भी एक शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट माना गया है। नाशपाती में विटामिन-सी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध होता है।
वैसे भी सर्दी, फ्लू जैसी छोटी-मोटी बीमारियों में नाशपाती जैसे विटामिन-सी युक्त फल खाने की सलाह दी जाती है ताकि इम्युनिटी बरकरार रहे। अतः अपने आहार में नाशपाती को सम्मलित करें और अपनी इम्युनिटी को बढ़ाएं।
4. पाचन तंत्र को स्वस्थ रखें (Keep the Digestive System Healthy)- नाशपाती पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करती है। नाशपाती के सेवन से दैनिक जरूरत का 18 प्रतिशत फाइबर मिल जाता है जो यह गैस्ट्रिक और पाचन के रस के स्राव को उत्तेजित करने में मदद करता है ताकि खाद्य पदार्थ अधिक चिकना होकर जल्दी पच जाये। इसके सेवन से कब्ज़ की समस्या नहीं होती।
नाशपाती आँतों के कार्यों को कंट्रोल करती है। इर्रिटेबल बॉउल सिंड्रोम(Irritable Bowel Syndrome) की समस्या वाले लोगों को डाक्टर की सलाह पर नाशपाती का सेवन करना चाहिये क्योंकि इनको पेट दर्द या पेट में गैस जैसी समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
ये भी पढ़ें- पाचन तंत्र को मजबूत करने के उपाय
5. वजन को कंट्रोल करे (Control Weight)- नाशपाती खाने से आपका वजन कंट्रोल में रहता है। इसमें मौजूद फाइबर लंबे समय तक भूख नहीं लगने देता। जो लोग अपना वजन कम करना चाहते हैं उनके लिये यह एक अच्छा विकल्प है। खाली पेट नाशपाती का सेवन करें या नाशपाती का जूस पीयें, इससे आपको लंबे समय तक भूख नहीं लगेगी, इसमें कैलोरी भी कम होती है। हां, यह ध्यान रखना होगा कि वजन कम करने के लिये खाने पीने के अलावा एक्सरसाइज करना भी जरूरी है।
6. हड्डियों को मजबूत बनाये (Strengthen Bones)- हड्डियों में मजबूती अस्थि खनिज घनत्व (Bone Mineral Density) के सही रहने पर आती है। अस्थि खनिज घनत्व के लिये कैल्शियम, पोटेशियम, मैग्नीशियम, फास्फोरस, आयरन और ज़िंक जैसे खनिज और विटामिन-डी, जरूरी हैं। नाशपाती में ये सभी तत्व मौजूद होते हैं। हड्डियों के मजबूत होने पर ऑस्टियोपोरोसिस नामक अस्थि रोग की संभावना नहीं रहती। नाशपाती में मौजूद बोरोन (एक प्रकार का केमिकल) शरीर में कैल्शियम के निर्माण में मदद करता है।
7. एनीमिया को दूर करें (Cure Anemia)- नाशपाती में पर्याप्त मात्रा में आयरन होता है जो हीमोग्लोबिन के निर्माण में अपनी सक्रिय भूमिका निभाता है। आयरन लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण में भी मदद करता है। लाल रक्त कोशिकाओं की कमी से शरीर में खून की कमी हो जाती है जिसे एनीमिया कहा जाता है। एनीमिया की समस्या अधिकतर महिलाओं को होती है। नाशपाती एक प्रकार से महिलाओं के लिये वरदान है, इसके नियमित सेवन से एनीमिया से छुटकारा पाया जा सकता है।
8. कैंसर के जोखिम को दूर करे (Reduce the Risk of Cancer)- नाशपाती के एंटीकैंसरोजेनिक गुण कैंसर जैसी घातक बीमारी के खतरे को दूर करने में मदद करते हैं। कोलन, मलाशय, स्तन, प्रोस्टेट और फेफड़े के कैंसर, भोजन-नलिका, मूत्राशय आदि के कैंसर से बचाव करते हैं। इस काम में नाशपाती में पाये जाने वाला यूरोसोलिक एसिड भी मदद करता है।
नाशपाती में मौजूद हाइड्रोऑक्सीनॉमिक एसिड और फाइबर पेट के कैंसर से बचाव करने में मदद करते हैं। रजोनिवृत्ति के समय नाशपाती का सेवन महिलाओं में कैंसर के जोखिम को कम कर सकता है।
9. दर्द और सूजन से राहत दिलाये (Relieve Pain and Swelling)- नाशपाती में पाये जाने वाला एनाल्जेसिक (Analgesic) गुण, रूमेटिक कंडीशन, गाउट आदि के दर्द का निवारण कर, दर्द से राहत दिलाता है। साथ ही नाशपाती में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट तथा फ्लैवोनॉइड घटक एंटी-इंफ्लेमेटरी प्रभाव छोड़ते हैं और रूमेटिक कंडीशन, गाउट आदि से होने वाली सूजन से आराम दिलाते हैं। नाशपाती में पाये जाने वाले कैरोटीन और जियाजैंथिन भी सूजन की समस्या को कम करने में मदद करते हैं।
10. बुखार में फायदेमंद (Beneficial in Fever)- बुखार आने पर कमजोरी आना आम समस्या है। ऐसे में नाशपाती का सेवन कमजोरी में बहुत आराम देता है, इससे शरीर को पोषक तत्वों के अतिरिक्त ऊर्जा भी मिलती है। नाशपाती में पाये जाने वाला एंटीपायरेटिक (Antipyretic) गुण शरीर को शीतलता प्रदान कर बुखार में आराम देता है।
11. त्वचा स्वास्थ के लिए (Skin Health)- शारीरिक स्वास्थ के अतिरिक्त, त्वचा स्वास्थ के लिए भी नाशपाती के अनेक फायदे हैं। यह प्राकृतिक मॉइस्चराइज के रूप में कार्य करते हुए त्वचा को हाइड्रेट करती है, त्वचा में नमी बनाये रखती है जिससे त्वचा कोमल और मुलायम बनी रहती है। नाशपाती खाने से या इसका जूस पीने से त्वचा को जरूरी पोषक तत्व मिलते रहते हैं। यह एंटीएज़िंग है, यह उम्र से पहले बुढ़ापे के लक्षणों की गति पर रोक लगाती है, चेहरे पर पड़ने वाली झुर्रियों और फाइनलाइंस जैसे लक्षणों को कम करती है।
ऑयली स्किन की समस्या त्वचा से निकलने वाले अधिक तेल से छुटकारा दिलाने में मदद करती है। इसका सेवन कील-मुंहासों में भी आराम दिलाता है। नाशपाती में मौजूद आरब्यूटिन (Arbutin) नामक तत्व त्वचा की रंगत को निखारने में मदद करता है। नाशपाती का फेस पैक बनाकर चेहरे पर लगाने से चेहरे पर ग्लो आता है। अतः नाशपाती को डाइट में शामिल करना त्वचा स्वास्थ के लिये अच्छा विकल्प है।
ये भी पढ़ें- गोरा होने के घरेलू उपाय
12. बालों के लिये (Hair Health)- जिस प्रकार नाशपाती त्वचा की रक्षा करती है, उसी प्रकार यह बालों के स्वास्थ के लिये भी फायदेमंद होती है। खाने, जूस पीने के अतिरिक्त नाशपाती का हेयर पैक के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। यह बालों के झड़ने, दो मुंहे बाल, रूखापन जैसी समस्याओं से छुटकारा दिलाकर बालों की जड़ों को मजबूत करती है। यह बालों को पोषण प्रदान कर ग्रोथ में मदद करती है। बालों को प्राकृतिक रूप से मॉइस्चराइज कर बालों को घने, काले लंबे करने में मदद करती है और प्राकृतिक चमक बनाये रखती है।
नाशपाती के नुकसान – Side Effects of of Pears
नाशपाती खाने या ज्यादा खाने के हो सकते हैं निम्नलिखित नुकसान –
1. नाशपाती का छिलका उतार कर खाने की सलाह दी जाती है क्योंकि इसका छिलका सख्त होता हो जो पाचन में समस्या कर सकता है या पेट फूलना, दर्द आदि की समस्या पैदा कर सकता है।
2. नाशपाती अधिक खाने से भी पेट से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं।
3. नाशपाती के अधिक सेवन से कैलोरी जमा होते रहने पर वजन बढ़ने की संभावना बन सकती है।
4. नाशपाती खाने से किसी किसी को एलर्जी हो सकती है। ऐसा होने पर तुरन्त डॉक्टर से संपर्क करना चाहिये।
5. बुखार, दस्त आदि की समस्या में या सर्दी में गला खराब होने की स्थिति में नाशपाती का सेवन नहीं करना चाहिये क्योंकि इससे समस्या और बढ़ सकती है।
Conclusion –
दोस्तो, आज के आर्टिकल में हमने आपको नाशपाती खाने के फायदे के बारे में विस्तार से जानकारी दी। नाशपाती क्या है, नाशपाती की खेती, नाशपाती और बाबूगोशा में अंतर, नाशपाती के गुण, नाशपाती के पोषक तत्व, नाशपाती का उपयोग, नाशपाती खाने का सही समय और नाशपाती कितनी खानी चाहिए, इन सब के बारे में भी विस्तार पूर्वक बताया। देसी हैल्थ क्लब ने इस आर्टिकल के माध्यम से नाशपाती खाने के बहुत सारे फायदे बताये और कुछ नुकसान भी बताये। आशा है आपको ये आर्टिकल अवश्य पसन्द आयेगा।
दोस्तो, इस आर्टिकल से संबंधित यदि आपके मन में कोई शंका है, कोई प्रश्न है तो आर्टिकल के अंत में, Comment box में, comment करके अवश्य बताइये ताकि हम आपकी शंका का समाधान कर सकें और आपके प्रश्न का उत्तर दे सकें। और यह भी बताइये कि यह आर्टिकल आपको कैसा लगा। आप इस पोस्ट को अपने दोस्तों और सगे – सम्बन्धियों के साथ भी शेयर कीजिये ताकि सभी इसका लाभ उठा सकें। दोस्तो, आप अपनी टिप्पणियां (Comments), सुझाव, राय कृपया अवश्य भेजिये ताकि हमारा मनोबल बढ़ सके। और हम आपके लिए ऐसे ही Health-Related Topic लाते रहें। धन्यवाद।
Wow! So sweet and Healthy Article