पीरियड्स, लड़कियों और महिलाओं के जीवन की एक सामान्य प्रक्रिया है। इस दौरान पेट और कमर के निचले हिस्से में दर्द होना सामान्य सी बात है। लेकिन पीरियड्स या मासिक धर्म के दौरान सभी को एक समान दर्द नहीं होता, बल्कि किसी को बहुत ज्यादा दर्द होता है तो किसी को सामान्य या कम। जिन महिलाओं को पीरियड्स के दौरान हद से ज्यादा दर्द महसूस होता है, उनके लिए माहवारी के ये दिन काफी मुश्किल भरे हो जाते हैं। ज्यादातर महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान कुछ असुविधा का अनुभव होता है, खासकर पहले दिन । लेकिन 5% से 10% महिलाओं को होने वाला दर्द गंभीर होता है जो उनके जीवन को बाधित करता है । Periods के दर्द को कम करने के घरेलु उपाय।
अगर मां को पीरियड पेन हुआ है, तो संतान को भी पेन होने की संभावना है । 40% महिलाओं में पीरियड के दर्द के साथ मासिक धर्म के पहले लक्षण होते हैं, जैसे कि सूजन, कोमल स्तन, पेट में सूजन, एकाग्रता में कमी, मूड में बदलाव,चीड़-चिड़ापन, अकड़न और थकान इत्यादि।
पीरियड्स में दर्द के प्रकार
पीरियड्स में दर्द के मुख्यतः दो प्रकार के होते है। जैसे की- 1 प्राथमिक दर्द 2 मध्यम दर्द
1. प्राथमिक दर्द:- यह दर्द आमतौर पर किशोर लड़कियों और युवा महिलाओं को होता है क्योंकि यह मासिक धर्म की शुरुआत का संकेत है । ऐंठन गर्भाशय के सिकुड़ने के कारण होती है । गर्भाशय में खून की कमी के कारण भी दर्द हो सकता है । दर्द मुख्य रूप से पेट के निचले हिस्से में होता है लेकिन जांघों के पीछे और नीचे भी जा सकता है । कुछ महिलाओं को चिड़चिड़ापन महसूस होता है । यह एक प्राकृतिक स्थिति है और कई महिलाओं के लिए बस मामूली मासिक परेशानी है । प्राथमिक दर्द को गर्भनिरोधक गोली के साथ-साथ कुछ विश्राम तकनीकों से भी कम किया जा सकता है ।
2. मध्यम दर्द :- यह आपके मध्य बिसवां दशा या बाद में शुरू नहीं हो सकता है । यह दर्द तब तक शुरू नहीं हो सकता, जब तक कि किसी महिला की उम्र 20 साल न हो जाए । यह दर्द सिर्फ पीरियड्स के महीने तक ही सीमित नहीं है बल्कि पूरी पीरियड साइकल में हो सकता है । पीरियड्स हैवी और अधिक लंबे हो सकते हैं और सैक्स दर्दनाक हो सकता है । मध्यम दर्द संक्रमण सहित अन्य स्थितियों का संकेत हो सकता है, जिस पर फौरन ध्यान देने की ज़रुरत है । अगर आप 18 वर्ष से अधिक उम्र की हैं और पीरियड्स दर्द का अनुभव कर रही हैं, तो आपको गायनाकॉलजिस्ट से परामर्श करने में संकोच नहीं करना चाहिए ।
पीरियड्स में दर्द का कारण (Cause of Pain in Periods):-
महिलाओं के शरीर में बनने वाला प्रोस्टाग्लैंडीन रसायन मासिक धर्म में होने वाली समस्याओं का कारण है।प्रोस्टाग्लैंडीन गर्भाशय की मांसपेशियों में संकुचन को बढ़ाता है। जिन महिलाओं में प्रोस्टाग्लैंडीन अधिक होता है।उनमें संकुचन अधिक होने के कारण पीरियड्स के दौरान दर्द भी अधिक होता है। इसके अलावा भी कई कारण हैं, जिनकी वजह से महिलाओं को पीरियड्स के दौरान अधिक दर्द महसूस होता है। जैसे:-
1. एंड्रोमेट्रिओसिस – गर्भाशय के बाहर गर्भाशय का ऊत्तक उपस्थित होना ।
2. फाइब्रॉयड्स और एडिनोमायोसिस – गर्भाशय में ऐसे कारकों का उत्पन्न होना जो कैंसरजनक नहीं हैं ।
3. प्रजनन अंगों में संक्रमण ।
4. एक्टोपिक प्रेगनेंसी – इसमें गर्भाशय की जगह बच्चा फैलोपियन ट्यूब में आ जाता है ।
5. आईयूडी – यह गर्भनिरोधक उपकरण है ।
6. अंडाशय में सिस्ट या गांठ ।
7. संकुचित गर्भाशय ग्रीवा (Uterine Cervix)
Periods के दर्द को कम करने के घरेलु उपाय
तुलसी (Basil):–
तुलसी एक अच्छा विकल्प हैं अपने पीरियड्स क्रैम्स से छुटकारा पाने का। क्योंकि इसमें पाए जाने वाले हर्बस और कैफीक एसिड (Caffeic Acid) में एनाल्जेसिक यानि दर्द को खत्म करने के गुण होते हैं। इसे बनाने के लिए एक कप पानी में तुलसी की पत्तियां डाल लें। इसके बाद पानी को उबाल लें और ठंडा होने पर पी लें। इसका दिन में दो-तीन बार सेवन करने से पेट दर्द और पीरियड्स क्रैम्स कि समस्या से छुटकारा मिलता है।
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अलसी के बीज (Flaxseed Seeds):-
अलसी के बीज के बारे में बहुत कम ही लोगों ने सुना हैं, लेकिन इसके फायदे बड़े ही निराले हैं। अलसी के बीज में फैटी एसिड पाया जाता है। जो आपके पीरियड्स क्रैम्स में होने वाले दर्द को कम करने में मदद करता है। इसके अलावा ये गर्भाश्य से संबंधित समस्याओं को दूर करता है। इसका इस्तेमाल करने के लिए रोजाना 2-3 चम्मच अलसी के बीजों को सेवन योगर्ट, सलाद आदि में मिलाकर करें।
सौंफ का सेवन (Intake of Fennel):-
सौंफ एक अच्छा इलाज है। पेट दर्द कि समस्या का इसमें एंटी-स्पेसमोडिक और एंटी-इंफ्लेमेट्री गुण मौजूद होते हैं, जो आपकी गर्भाश्य की मसल्स को रिलैक्स करने में मदद करते हैं। जिससे पीरियड्स का दर्द कम हो जाता है। इसका सेवन करने के लिए एक कप पानी में सौंफ को उबाल कर इसे 5 मिनट ठंडा करें और शहद के साथ मिलाकर दिन में दो बार पीने से फायदा मिलता है।
अदरक (Ginger):-
हर घर में मिलने वाले अदरक को लोग चाय में ज्यादातर इस्तेमाल करते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि अदरक का सेवन करने से आपके पीरियड्स क्रैम्स की समस्या दूर हो जाती है। अदरक पीरियड्स में थकान को कम करने में मदद करता है साथ ही इससे पीरियड्स भी रेगुलर रहते हैं, और पेंट दर्द कि समस्या से भी महिलाएं बची रहती हैं। इसका इस्तेमाल करने के लिए अदरक के टुकड़ों को काटकर पानी में उबाल लें और फिर पानी को छानकर उसमें शहद और नींबू का रस मिलकर पी लें। दिन में 2-3 बार यह चाय पीने से पीरियड्स का दर्द तेजी से कम करने में मदद मिलती है।
मेथी दाना (Fenugreek Seeds):-
पीरियड्स के दर्द दौरान होने वाली ऐंठन को कम करने के लिए मेथीदाने का इस्तेमाल करना अच्छा रहता है। इसके सेवन के लिए आप मेथीदाने को रातभर भिगो दें। अगली सुबह पानी सहित इसका सेवन करें। आप चाहें तो मेथी पाउडर का भी इस्तेमाल कर सकती हैं। आप पीरियड्स शुरू होने से एक सप्ताह पहले इसका सेवन शुरू कर दें। इससे आपको पीरियड्स में परेशानी का सामना बहुत अधिक नहीं करना पड़ेगा।
पपीते (Papayas):-
पीरियड्स के दर्द दौरान एक समस्या जो अधिकतर महिलाओं को होती है, वह है ब्लड का फलो सही ना होना। ऐसे में पपीते का सेवन जरूर करें। यह ब्लड फलो को ठीक करने के साथ−साथ पाचन को भी बेहतर बनाता हैं। इसलिए आप पीरियड्स में पका पपीता खाएं।
सौंफ (Anise):-
सौंफ में एंटीस्पास्मोडिक तत्व पाये जाते हैं जो पीरियड्स को नियमित रखने में सहायक होते हैं। इसके साथ ही यह फीमेल सेक्स हार्मोन्स को भी नियंत्रित रखती हैं। यह गर्भाशय में संकुचन पैदा कर पीरियड को सही समय पर होने के लिए प्रेरित करता है। इसके अलावा यह पीरियड में होने वाले दर्द को भी कम कर सकता है।
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चुकंदर (Sugar Beets):-
चकुंदर में कई जरूरी पोषक तत्व और आयरन, फॉलिक एसिड आदि पाए जाते हैं, जो अनियमित मासिक धर्म को नियमित करने में कारगर साबित होते हैं। यह हार्मोन्स के संतुलन को सही करने में मदद करते हैं, इसलिए कोशिश करें की नियमित रूप से चकुंदर आपकी डाइट में शामिल हो सके। चकुंदर सेहत और पीरियड्स दोनों के लिए बेस्ट माना जाता है। आप इसे कई तरीकों से अपने रुटीन में शामिल कर सकते हैं।
इमली (Tamarind):-
इमली में फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट्स हेाते हैं, जो खून को जमा देते हैं और ज्यादा ब्लीडिंग होने से रोकते हैं। अगर आपको लगे कि बहुत ज्यादा ब्लीडिंग हो रही है, तो एक इमली का टुकड़ा जरूर खा लें। मासिक धर्म को नियमित रखने के लिए इमली जैसे खट्टे खाद्य पदार्थ अपनी डाइट में शामिल किए जा सकते हैं।
एलोवेरा (Aloe vera):-
एलोवेरा के रस या जेल का नियमित सेवन भी पीरियड की अनियमितता को ठीक करने का एक अचूक उपाय है। लेकिन एलोवेरा पीरियड आने से पहले खा सकते हैं लेकिन पीरियड आने के दौरान इसका सेवन ना करें क्योंकि इसकी तासीर काफी गर्म होती है और इससे ज्यादा ब्लीडिंग हो सकती है। एलोवेरा के और भी कई फायदे हैं।
Note:- पीरियड्स के दौरान स्वस्थ व संतुलित आहार का सेवन करें, अल्कोहल व कैफीन का सेवन कम करें, नमक का सेवन कम करें, नियमित रूप से एक्सरसाइज करें, तनाव से दूर रहें, धूम्रपान न करें, नियमित रूप से योग करें, अधिक मात्रा में पानी व जूस का सेवन करें।