दोस्तो, आपका स्वागत है हमारे ब्लॉग पर। हमारा आज का टॉपिक है एक अद्भुत सूखा मेवा। ड्राई-फ्रूट्स की दुनियां में इसके जल्वों का जिक्र ना हो तो समझिये इसके बिना ये दुनियां ही अधूरी है। जी हां हम बात कर रहे हैं हरे रंग के सूखे मेवे पिस्ता खाने के फायदे की। सूखे मेवों की दुनियां में इसने अपनी विशेष पहचान बनाई है और लोकप्रियता हासिल की है। पिस्ता का पेड़ लगभग 10 मीटर ऊंचा होता है जो आम के पेड़ जैसा दिखता है। इसके फल के छिलके का रंग हल्का पीला सा होता है। इस छिलके को तोड़कर (मूंगफली की तरह) गिरी को निकाल कर खाया जाता है।
दोस्तो, पिस्ता की खेती के लिए पहले इसके पौधों को गड्डा खोदकर उसमें रोपित किया जाता है फिर लगभग 10-12 वर्ष के पश्चात ये पौधे फल देने लायक बनते हैं। एक पौधा 8-10 उत्पादन देता है। दुनियां में पिस्ता की पैदावार सबसे ज्यादा ईरान में होती है। ईरान के अतिरिक्त पिस्ता की खेती सयुंक्त राज्य अमेरिका, मिश्र, सीरिया, तुर्की, इटली, अफगानिस्तान और पाकिस्तान में होती है। हमारे देश भारत में केवल राजस्थान के बीकानेर में होती है।
दोस्तो, इसका स्वाद हल्का नमकीन होता है। इसका उपयोग मिठाइयों का स्वाद और सुन्दरता को बढ़ाने हेतू किया जाता है। इसके अतिरिक्त इसे खीर और हलुआ में भी डाला जाता है। पिस्ता को सलाद के साथ या ऐसे ही खाया जा सकता है।
पिस्ता के गुण – Properties of Pistachio
1. पिस्ता की तासीर गर्म होती है, इसलिए इसको सर्दी के मौसम में खाना चाहिये।
2. पिस्ता में निम्नलिखित पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में पाये जाते हैं –
पोटेशियम, फास्फोरस, मैग्नीशियम, मैगनीज़,कैल्शियम,
थियामिन, विटामिन ए, विटामिन ई,
विटामिन सी,
विटामिन बी, विटामिन के, फोलेट, प्रोटीन, कार्ब्स, अनसैचरेटेड फैट्स।
विवरण इस प्रकार है
पिस्ता (मात्रा प्रति 100 g) –
कैलोरी (kcal) 562
प्रोटीन 21।43 g
टोटल लिपिड (फैट) 46।43 g
कार्बोहाइड्रेट 28।57 g
फाइबर 10।7 g
शुगर 7।14 g
कोलेस्टेरॉल 0 mg
कैल्शियम 105 mg
आयरन 3।93 mg
मैग्नीशियम, 125 mg
फास्फोरस, 500 mg
पोटैशियम, 1036 mg
सोडियम 1 mg
कॉपर, Cu 1।429 mg
मैगनीज, 1 mg
थायमिन 1 mg
फोलेट बी 951 μg
विटामिन ए 415 IU
विटामिन सी 5।6 mg
विटामिन डी 0 IU
विटामिन ई 2।3 mg
विटामिन बी6 1।7 mg
विटामिन बी12 0 µg
विटामिन के13।2 μg
पिस्ता खाने के फायदे – Benefits of Pistachio
दोस्तो, स्वाद और सौन्दर्यकरण के अतिरिक्त पिस्ता स्वास्थ के लिये भी बहुत लाभदायक होता है। जानते हैं पिस्ता खाने के क्या फायदे होते हैं –
1. वजन कम करने में फायदेमंद (Loss Weight)- यदि पिस्ता का कम मात्रा में सेवन किया जाये तो यह वजन कम करने में सहायक हो सकता है। इसमें कैलोरी कम होती है। अधिक प्रोटीन, कम संतृप्त वसा (low saturated fat), उच्च असंतृप्त वसा (high unsaturated fats) और वजन कम करने के गुण मौजूद होते हैं। प्रोटीन और फाइबर जल्दी जल्दी लगने वाली भूख को नियन्त्रित करते हैं और आपको बार बार खाने का मन नहीं करता। एनसीबीआई की एक शोध बताती है कि 12 हफ्ते तक पिस्ता के सेवन से बॉडी मास इंडेक्स (बीएमई) में कमी आ सकती है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार, पिस्ता खाने से कैलोरी की मात्रा को नियंत्रित करके, वजन को बढ़ने से रोका जा सकता है।
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2. हीमोग्लोबिन के लिए फायदेमंद (Hemoglobin)- भोजन में पोषक तत्वों विशेषकर आयरन की कमी के कारण हीमोग्लोबिन की कमी होना स्वाभाविक है। पिस्ता के सेवन से इस कमी को पूरा किया जा सकता है। पिस्ता में विटामिन बी-6 और आयरन दोनों ही मौजूद होते हैं। विटामिन बी-6 ब्लड वैसल्स को ऑक्सीजन ले जाने में मदद करने के साथ साथ ब्लड सर्कुलेशन में भी सुधार करता है। एक अध्ययन के अनुसार हीमोग्लोबिन की कमी आयरन की कमी के कारण होती है और पिस्ता खाने से शरीर में आयरन की पर्याप्त मात्रा पहुंचती है जिससे हीमोग्लोबिन बढ़ता है।
3. कैंसर के जोखिम को कम करे (Cancer)- पिस्ता में मौजूद विटामिन-बी 6 होता है सफेद रक्त कोशिकाओं के उत्पादन में मदद करता है जोकि शरीर को संक्रमणों से लड़ने और कैंसर कोशिकाओं से बचाव करने में मदद करता है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक व रिसर्च के अनुसार पिस्ता में केमो प्रिवेंटिव (chemopreventive) गुण होते हैं जो इस प्रभाव के कैंसर सेल्स को बढ़ने से रोकने में मदद करते हैं। एक और शोध से पता चलता है कि पिस्ता में मौजूद पी-टोकोफेरोल (विटामिन-ई का एक रूप) और एंटीऑक्सीडेंट्स कैंसर के जोखिम को कम कर सकते हैं। लेकिन यदि किसी को कैंसर है तो इसका डॉक्टरी इलाज कराना चाहिये।
4. आंखों के लिये (Eyes)- पिस्ता में ल्यूटिन (lutein) और जियाजैंथिन (zeaxanthin) जैसे फाइटोकेमिकल्स मौजूद होते हैं जिनकी वजह से मैक्यूलर डिजनेरेशन होने का खतरा बेहद कम हो जाता है। मैक्यूलर डिजनेरेशन (Macular degeneration) आंखों की एक गंभीर समस्या होती है जिसमें रेटिना क्षतिग्रस्त होने लगता है और दृष्टि धीरे धीरे कम होने लगती है। इसका समस्या का चिकित्सा जगत में कोई उपचार नहीं है परन्तु विटामिन्स, लेजर थेरेपी और दवाओं के जरिये इस पर नियंत्रण पाया जा सकता है। ये फाइटोकेमिकल्स हरी सब्जियों में पाये जाते हैं जिनके कारण आंखें स्वस्थ्य रहती हैं। अतः पिस्ता का सेवन आंखों के स्वास्थ के लिये उत्तम है।
5. सिरदर्द में आराम (Headache)- पिस्ता में दर्द निवारक गुण भी मौजूद होते हैं। पिस्ता के बीज के तेल को सिर पर लगाने से या सूंघने से सिर के दर्द में आराम आ जाता है।
6. दस्त में फायदा (Diarrhea)- पिस्ता के पेड़ की छाल का काढ़ा पीने से दस्त में आराम लग जाता है।
7. कोलेस्ट्रॉल के लिए (Cholesterol)- पिस्ता के सेवन से खराब कोलेस्ट्रॉल (एलडीएल) कम होता है और अच्छा वाला कोलेस्ट्रॉल (एचडीएल) बढ़ाता है। पिस्ता में एंटीऑक्सिडेंट्स, फाइटोस्टेरॉल, और असंतृप्त फैटी एसिड यही काम करके कोलेस्ट्रॉल को नियन्त्रित करते हैं और हमारा हृदय स्वस्थ रहता है। पिस्ता में वसा सामग्री का 60% पॉलीअनसैचुरेटेड और मोनोअनसैचुरेटेड वसा होती है, जो स्वस्थ फैट माना जाता है।
8. उच्च रक्तचाप को कम करे (High BP)- पिस्ता उच्च रक्तचाप को कम करने में बहुत लाभकारी है। और रक्त वहिकाओं में कसावट बनाये रखता है उनमें ढीलापन नहीं आने देता जिससे हृदय पर दबाव कम पड़ता है। उच्च रक्तचाप पर किए गये एक अध्ययन से पता चला है कि पिस्ता के एक महीने नियमित सेवन करने से सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर (SBP यानि High Reading) में बहुत कम आई और डायस्टोलिक (Low Reading) ब्लड प्रेशर में किसी प्रकार का परिवर्तन नहीं पाया गया।
9. हृदय को स्वस्थ रखे (Heart)- जैसा कि हमने बताया कि पिस्ता के सेवन से उच्च रक्तचाप कम होता है, खराब वाला कोलेस्ट्रॉल भी कम होता है और अच्छा वाला कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है। अर्थात उच्च रक्तचाप और खराब कोलेस्ट्रॉल का हृदय पर जोखिम बना रहता है। पिस्ता इन दोनों को नियन्त्रित करके हृदय की अप्रत्यक्ष रूप में सुरक्षा करता है। लो-डेंसिटी लिपोप्रोटीन (नुकसानदायक कोलेस्ट्रॉल) के कम हो जाने पर हृदय-धमनी रोग (Coronary heart disease) और इस्केमिक हार्ट डिजीज (Ischemic heart disease) का खतरा कम हो जाता है। एक शोध के अनुसार पिस्ता में फैटी एसिड जैसे और भी फाइटोकेमिकल्स होते हैं, जो हृदय को स्वस्थ रखते हैं।
10. मस्तिष्क और तंत्रिका-तंत्र के लिये (Brain)- पिस्ता में मौजूद फेनोलिक कंपाउंड के एंटीइंफ्लेमेटरी, एंटीऑक्सीडेंट और न्यूरोप्रोटेक्टिव गुण होते हैं जो तंत्रिका-तंत्र और मस्तिष्क संबंधी कार्य प्रणाली को बेहतर करते हैं। पिस्ता में पाये जाने वाला फ्लेवोनॉएड स्मरण शक्ति और तंत्रिका संबंधी (Neurocognitive) कार्य कलाप में सुधार करता है।
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11. प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाने के लिए (Immunity)- पिस्ता खाने से इम्यूनिटी बढ़ाती है। पिस्ता में मैग्नीशियम की प्रचुर मात्रा पाई जाती है जो इम्यून सिस्टम को कमजोर करने वाले कार्य कलाप को रोकता है और पिस्ते में मौजूद टोकोफेरॉल प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाता है। पिस्ता में विटामिन-सी और फाइबर की पर्याप्त मात्रा होती है। ये सब भी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करते हैं।
12. डायबिटीज में फायदेमंद (Diabetes)- एक वैज्ञानिक रिपोर्ट के अनुसार पिस्ता, टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों में ब्लड शुगर और इंसुलिन प्रतिरोध (Resistance) पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। पिस्ता में एंटी-डायबिटिक गतिविधि होती है जो डायबिटीज को दूर रखने का काम करती है। एक कप पिस्ता से शरीर के लिए जरूरी फॉस्फोरस की 60% आवश्यकता पूरी हो जाती है जो संभावित टाइप 2 डायबिटीज से बचाती है।
13. सूजन से राहत (Swelling)- पिस्ता में मौजूद सेलेनियम तत्व विटामिन ई के साथ मिलकर और एंटी-इंफ्लेमेटरी तथा एंटीऑक्सीडेंट गुण शरीर पर चोट के कारण सूजन से राहत पहुंचाते हैं। पिस्ता में वुंड हीलिंग गतिविधि से घाव भी जल्दी भर जाते हैं।
14. एनीमिया को दूर करे (Anemia)- पिस्ता से शरीर को आयरन की पर्याप्त मात्रा मिल जाती है जो ब्लड के रेड सैल्स को बढ़ाने का काम करते हैं जिससे खून का उत्पादन जारी रहता है। और शरीर में खून की कमी नहीं होती। पिस्ता में विटामिन बी-6 भी होता है जो खून में ऑक्सीजन को भेजता है जिससे ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ जाती है और हीमोग्लोबिन भी बढ़ता है। अतः एनीमिया के उपचार में पिस्ता का सेवन लाभकारी है विशेषकर महिलाओं के लिये।
15. पाचन तंत्र को मजबूत करे (Digestive System)- पेट के स्वास्थ के लिये, पाचन तंत्र के लिये पिस्ता बहुत ही बेहतरीन है। पिस्ता में मौजूद विटामिन-बी 6, कॉपर, मैंगनीज, फास्फोरस और थियामिन जैसे आवश्यक पोषक तत्व भी होते हैं जिनकी उपस्थिति भी हमारे पाचन प्रणाली को स्वस्थ रखने में अपनी सक्रिय भूमिका निभाते हैं। पिस्ता के नियमित सेवन से आंतों में स्वस्थ जीवाणुओं के विकास को बढ़ावा मिलता है और कब्ज की समस्या भी दूर होती है।
16. मुंह की दुर्गंध दूर करे (Halitosis)- पेट में गड़बड़ी के कारण या मसूड़ों की समस्या के कारण यदि मुंह से बदबू आ रही है तो पिस्ता खाने से मुंह की बदबू दूर हो जायेगी।
17. कमजोरी में फायदेमंद (Weakness)- पिस्ता को भून कर खाने से शारीरिक और मानसिक कमजोरी में फायदा होगा। शरीर और मस्तिष्क दोनों ही स्वस्थ रहेंगे।
18. हड्डियों के स्वास्थ के लिये (Bones)- पिस्ता हड्डियों के स्वास्थ के लिये बहुत उपयोगी है। इसके सेवन से हड्डियां मजबूत होती हैं और यह हड्डियों की बीमारियों को रोकता है। पिस्ता में मौजूद कैल्शियम, पोटेशियम, मैग्नीशियम और विटामिन-के हड्डियों के स्वास्थ्य को बनाये रखते हैं। एक शोध से पता चला है कि पिस्ता में स्ट्रोन्शियम नाम का ट्रेस मिनरल होता है जिसे कैल्शियम के विकल्प माना जाता है। यह मिनरल हड्डियों के विकास और घनत्व को भी बढ़ावा देने के साथ साथ ओस्टियोब्लास्ट (हड्डियों की कोशिकाओं का निर्माण) और ओस्टियोक्लास्ट (हड्डियों का निर्माण) की भूमिका निभाता है।
19. त्वचा के लिए उपयोगी (Skin)- पिस्ता में पर्याप्त मात्रा में विटामिन-सी होता है जो आवश्यक एंटीऑक्सीडेंट है। ये एंटीऑक्सीडेंट सूरज की हानिकारक अल्ट्रावायलट किरणों और प्रदूषण से त्वचा को होने वाले नुकसान से बचाते है। पिस्ता में पाये जाने वाला विटामिन-ई त्वचा को स्वस्थ और चमकदार बनाये रखने में मदद करता है।
20. बालों के लिये फायदेमंद (Hair)- पिस्ता में विटामिन-ई होता है जो बालों की जड़ों को मजबूत बनाता है जिससे बालों का झड़ना बन्द हो जाता है। पिस्ता में पाये जाने वाला एमिनो एसिड भी यही काम करता है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक वैज्ञानिक शोध के अनुसार, पिस्ता को एमिनो एसिड का अच्छा स्रोत बताया गया है जो बालों के लिए आवश्यक होता है। पिस्ता के तेल का भी फायदा बालों को होता है।
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21. जुओं से छुटकारा (Yoke)- पिस्ता की छाल का काढ़ा बनाकर इससे सिर धोने पर जूंऐं खत्म हो जायेंगी।
22. खुजली में फायदेमंद (Ttching)- त्वचा में रूखेपन, या सामान्य रूप से, या किसी दवाई के रिऐक्सन से खुजली में पिस्ता राहत दिलाता है। पिस्ता के पेड़ की छाल और पत्तों का काढ़ा बनाकर पीने से खुजली में आराम आ जाता है।
23. गर्भावस्था और स्तनपान में फायदेमंद (Pregnancy)- पिस्ता में ओमेगा-3 फैटी एसिड की प्रचुर मात्रा होती है जो होने वाले शिशु को स्वस्थ रखता है। इसके अतिरिक्त अन्य बहुत सारे पोषक तत्व होते हैं जो गर्भवती महिला और गर्भस्थ शिशु के स्वास्थ के लिये आवश्यक होते हैं। डिलीवरी के बाद भी शिशु को स्तनपान कराने के माध्यम से शिशु में आयरन की पूर्ति होती रहती है।
24. नपुंसकता में लाभदायक (Impotence)- एक वैज्ञानिक शोध में बताया गया है कि पिस्ता में एंटीऑक्सीडेंट और आर्गिनिन (Arginine – एक तरह का एमिनो एसिड) होता है जो नपुंसकता (Erectile dysfunction) में सुधार करने में लाभदायक हो सकता है। पिस्ता के सेवन से नपुंसकता में बहुत तेजी से बदलाव आ सकता है जिससे यौन सम्बंध बेहतर होकर दामपत्य जीवन खुशहाल हो सकता है।
पिस्ता कितना खाना चाहिये – How much Should Pistachio Eat
रोजाना 35 से 45 ग्राम पिस्ता का सेवन किया जा सकता है। इससे शरीर को आवश्यक पोषण तत्व मिल जाते हैं।
पिस्ता खाने के नुकसान – Side Effects of Pistachio
ज्यादा पिस्ता खाने के हो सकते हैं ये नुकसान –
1. फाइबर पाचन तंत्र के लिये अच्छा होता है लेकिन इसकी अधिकता से पाचन तंत्र प्रणाली प्रभावित हो सकती है। जिससे, पेट फूलना, पेट में दर्द, दस्त, खट्टी डकार आदि की समस्या बन सकती है। पिस्ता में फाइबर अधिक मात्रा में होता है इसलिये इसका सेवन लिमिट में करना चाहिये।
2. पिस्ता में सोडियम भी होता है। 28 ग्राम पिस्ता में 121 ग्राम सोडियम। अधिक खाने से उच्च रक्तचाप की शिकायत भी हो सकती है।
3. पिस्ता डायबटीज के उपचार में मदद तो करता है, परन्तु इसकी अधिक मात्रा से ब्लड शुगर निम्र स्तर (Low Blood Sugar level ) पर आ सकता है।
4. यदि नट्स से एलर्जी हैं तो आपको खाँसी, छींक, चकत्ते और चेहरे की सूजन आदि की समस्या हो सकती है।
5. बच्चों को पिस्ता खाने से एलर्जी हो सकती है।
6. छोटे बच्चे के गले में पिस्ता दाना फंस सकता है इसलिये उनको बहुत ही छोटे छोटे टुकड़े कर के देना चाहिये।
7. पिस्ता रात को नहीं खाना चाहिये। यह अनिद्रा का कारण बन सकता है।
8. पिस्ता को चॉकलेट के साथ या तेल में भूनकर ना खायें। शरीर के लिये नुकसानदायक हो सकता है।
Conclusion
दोस्तो, आज के लेख में हमने आपको पिस्ता खाने के फायदे के बारे में जानकारी दी। पिस्ता के गुण, इसके सेवन के फायदे और अधिक मात्रा में सेवन के नुकसान भी बताएं। आशा है आपको ये लेख अवश्य पसन्द आयेगा। आप इस पोस्ट को अपने दोस्तों और सगे – सम्बन्धियों के साथ भी शेयर करें। ताकि सभी इसका लाभ उठा सकें। दोस्तो, हमारा आज का यह लेख आपको कैसा लगा, इस बारे में कृपया अपनी टिप्पणियां (Comments), सुझाव, राय अवश्य भेजिये ताकि हमारा मनोबल बढ़ सके। और हम आपके लिए ऐसे ही Health- Related Topic लाते रहें। धन्यवाद।
Disclaimer- यह लेख केवल जानकारी मात्र है। किसी भी प्रकार की हानि के लिये ब्लॉगर उत्तरदायी नहीं है। कृपया डॉक्टर/विशेषज्ञ से सलाह ले लें।
Perfect Article
Very useful and informative