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प्लाज्मा थेरेपी क्या है? पूरी जानकारी – What is Plasma Therapy in Hindi

प्लाज्मा थेरेपी क्या है?

दोस्तो, स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग पर। दोस्तो, कोविड-19 महामारी के प्रकोप को सारी दुनिया जान चुकी है। प्रत्येक देश अपने नागरिकों को बचाने में लगा हुआ है। बहुत देशों ने वैक्सीन भी बना ली है। और कुछ प्लाज्मा थेरेपी के द्वारा कोविड के मरीजों का इलाज कर रहे हैं। अब ये प्लाज्मा थेरेपी क्या होती है? दोस्तो, यही है हमारा आज का टॉपिक “प्लाज्मा थेरेपी क्या है?”। इस लेख के माध्यम से देसी हेल्थ क्लब आपको प्लाज्मा थेरेपी से संबंधित जानकारी विस्तार से देगा और यह भी बतायेगा कि प्लाज्मा थेरेपी से कोरोना का इलाज कैसे होता है?

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प्लाज्मा थेरेपी क्या है?
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दोस्तो, आपको याद होगा कि अप्रैल 2020 में हमारे देश भारत की राजधानी, दिल्ली के एक प्राइवेट अस्पताल में कोविड से गंभीर रूप से संक्रमित 49 वर्षीय व्यक्ति का प्लाज्मा थेरेपी से उपचार किया गया। मीडिया में यह खबर आने के बाद, इस थेरेपी को कोविड के उपचार के लिये सकारात्मक विकल्प के रूप में देखा गया। कई राज्यों के अनुरोध पर इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने राज्यों को प्लाज्मा थेरेपी के क्लिनिकल ट्रायल शुरू करने की अनुमति दे दी। कोविड के मरीजों के उपचार के लिये केरल, गुजरात और पंजाब जैसे राज्यों ने प्लाज्मा थेरेपी शुरू की।  यद्यपि यह थेरेपी कोई नई नहीं है, सार्स-सीओवी (SARS-CoV), एच1एन1(H1N1) और मर्स-सीओवी (MERS-CoV) जैसे खतरनाक वायरस के उपचार में भी इस थेरेपी का उपयोग किया गया था। इस थेरेपी के सफल परिणाम स्वरूप भारत में प्लाज्मा बैंक खोलने पर विचार विमर्श हुआ। दोस्तो, प्लाज्मा थेरेपी के बारे में जानने से पहले जानते हैं कि प्लाज्मा क्या होता है?

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प्लाज्मा क्या होता है? – What is Plasma?

दोस्तो, प्लाज्मा रक्त का ही तरल रूप होता है जो रक्त में ही विद्यमान होता है। हमारे शरीर में जैसे रेड ब्लड सेल, वाइट ब्लड सेल और ब्लड प्लेटलेट्स होती हैं उसी प्रकार रक्त में प्लाज्मा भी होता है। शरीर में रेड ब्लड सेल्स 38 से 48 प्रतिशत तक होते हैं तो प्लाज्मा 52 से 62 प्रतिशत तक हो सकता है। रक्त से प्लाज्मा को अलग करने पर इसका रंग पीला हो जाता है। हिमोग्लोबिन और आयरन के कारण रक्त का रंग लाल होता है।  प्लाज्मा में पानी के अतिरिक्त हार्मोन , प्रोटीन, कार्बन-डाइऑक्साइड, ग्लूकोज और मिनरल होते हैं। प्लाज्मा ही शरीर में किसी संक्रमण को प्रभावहीन करने के लिए एंटीबॉडी विकसित करने में सहायता करता है।  

प्लाज्मा थेरेपी क्या है? – What is Plasma Therapy

दोस्तो, कोविड-19 के वायरस से पीड़ित मरीजों के उपचार के लिये किये जाने वाली प्रयोगात्मक प्रक्रिया है। जिसे प्लाज्मा थेरेपी या कॉनवेल्सेंट प्लाज्मा थेरेपी (Convalescent Plasma Therapy – या Treatment – CPT) कहा जाता है। इस थेरेपी की संकल्पना (Concept) यह है कि कोविड-19 से ठीक हो चुके व्यक्ति में कोविड के वायरस का असर खत्म करने वाले एंटीबॉडी बन चुके हैं तो उसके प्लाज्मा को कोविड-19 के मरीज को चढ़ाया जाये ताकि उसमें भी  एंटीबॉडीज़ विकसित हो जायें और उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता (Immunity power) बढ़ जाये।

प्लाज्मा थेरेपी कैसे काम करती है? – How Plasma Therapy Works

जैसे कि हमने ऊपर बताया कि प्लाज्मा ही शरीर में किसी संक्रमण को प्रभावहीन करने के लिए एंटीबॉडी विकसित करने में सहायता करता है। जब किसी के शरीर में कोविड का वायरस पहुंच जाता है, तो उसका शरीर इस वायरस से लड़ने के लिये रक्त में मौजूद प्लाज्मा  एंटीबॉडी विकसित करता है। शरीर में पर्याप्त मात्रा में एंटीबॉडी बनने पर ये वायरस को नष्ट कर देती हैं और वह ठीक हो जाता है। यदि ऐसा व्यक्ति अपना प्लाज्मा डोनेट करता है तो वह अन्य मरीज को चढ़ाया जाता है। ये एंटीबॉडीज़ उस मरीज शरीर में पहुंच कर अपना काम करना शुरु कर देते हैं, उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता (Immunity power) को बढ़ाते हैं, जिससे मरीज जल्दी ठीक हो जाता है।  

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प्लाज्मा कैसे लिया जाता है? – How is plasma taken

रक्त से प्लाज्मा लेने के लिये प्लाज्मा डोनर को मशीन के साथ जोड़ दिया जाता है जो प्लाज्मा को अलग कर देती है और रेड ब्लड सेल्स को वापिस डोनर के शरीर में भेज देती है। यदि प्लाज्मा सेंट्रीफ्यूज तकनीक (Centrifuge technique) से लिया जा रहा है तो 180 से 220 मिली लीटर तक प्लाज्मा मिल जाता है और यदि एफरेसिस मशीन / सेल सेपरेटर मशीन का उपयोग किया गया तो एक बार में 600 मिलीलीटर प्लाज्मा मिल जाता है। 

एक प्लाज्मा से कितनों का इलाज हो सकता है – How many can be treated with one plasma?

एक व्यक्ति के रक्त से निकाले गये प्लाज्मा से दो व्यक्तियों  का इलाज किया जा सकता है।

प्लाज्मा कौन डोनेट कर सकता है? – Who can donate plasma

1. https://www.bbc.com/ वेबसाइट के अनुसार “कोविड-19 में  इलाज से ठीक हुए लोग ही इस थेरेपी में डोनर बन सकते हैं”। 

2. मैक्स अस्पताल के ग्रुप मेडिकल डायरेक्टर डॉ। संदीप के अनुसार, “डोनर वही बन सकता है, जिसको कोई दूसरी बीमारी ना हो। कोविड से ठीक हुए दो हफ्ते गुजर चुके हो। और किसी और तरह की दवाई का सेवन नहीं कर रहे हों”। 

3.आयु 18 से 60 वर्ष के बीच होनी चाहिये। 

4. प्लाज्मा डोनेट के लिये होने वाले सभी टेस्ट में फिट पाया जाना चाहिए। 

प्लाज्मा कौन डोनेट नहीं कर सकते?

1. जिनका व्यक्तियों का वजन 50 किलो से कम है। 

2. डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, कैंसर, किडनी, लीवर, फेफड़े और क्रॉनिक हार्ट डिजीज के मरीज।

3. हाई ब्लड प्रेशर के मरीज ठीक होने के 14 दिन बाद भी प्लाज्मा दान नहीं कर सकते है।

4. https://www.drishtiias.com/ वेबसाइट के अनुसार “वे महिलाएँ जो अपने संपूर्ण जीवनकाल में कभी भी गर्भवती हुई हो वो भी अपना प्लाज़्मा दान नहीं कर सकती हैं”।

प्लाज्मा थेरेपी के लिये जारी दिशा-निर्देश – Guidelines Issued for Plasma Therapy

कोविड के मरीज के उपचार के लिये प्लाज्मा थेरेपी का इस्तेमाल करने के लिए, जारी दिशा-निर्देश एकदम स्पष्ट हैं। दिशा-निर्देश के अनुसार, “किसी मरीज के शरीर से एंटीबॉडी, उसके ठीक होने के दो सप्ताह बाद ही लिये जा सकते हैं और उस रोगी का कोविड-19 का एक बार नहीं बल्कि दो बार टेस्ट किया जाना चाहिए।”

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प्लाज्मा कब डोनेट किया जा सकता है? – When Can Plasma be Donated

वह व्यक्ति जो कोरोना से ठीक हुआ है, ठीक होने के दो सप्ताह अर्थात 14 दिन बाद अपना प्लाज्मा डोनेट कर सकता है। इसके लिए पहले उसकी राष्ट्रीय मानकों के अंतर्गत उसके रक्त की शुद्धता की जांच की जानी आवश्यक है।

प्लाज्मा डोनेट करने के लिये डोनर के टेस्ट – Donor Tests for Donating Plasma

1. ठीक हो चुके कोविड के मरीज का एलिज़ा (Enzyme-Linked Immunosorbent Assay) टेस्ट किया जाता है ताकि उसके शरीर में एंटीबॉडी की मात्रा का पता चल सके। 

2. हेपाटाइटिस बी, सी और एचआईवी के लिये रक्त की जांच की जाती है। 

3. कोविड की दोबारा से जांच की जाती है। 

इन सब की रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद – After all these Reports Come Negative

4. डोनर की नसों (Veins) की जांच की जाती हैं। क्योंकि यदि डोनर की नसें बहुत पतली हुई तो प्लाज्मा प्रक्रिया (Processing) सफल नहीं हो सकती।

प्लाज्मा निकालने में कितना समय लगता है? – How long does it take to remove plasma

1. प्लाज्मा निकालने से पहले डोनर की अच्छी तरह से जांच की जाती है जिसमें लगभग 7 से 8 घंटे का समय लग जाता है। डोनर के फिट पाये जाने के बाद ही उसके रक्त से प्लाज्मा निकाला जाता है। 

2. डोनर के रक्त से प्लाज्मा निकालने में 2 घंटे का समय लग जाता है। डोनर को तभी छुट्टी दे दी जाती है अर्थात वह उसी दिन घर जा सकता है।

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कोई साइड इफेक्ट ? – No Side Effects

डोनर द्वारा प्लाज्मा डोनेट करने के बाद डोनर पर या जिस मरीज को प्लाज्मा चढ़ाया जाता है, दोनों पर ही कोई साइड इफेक्ट नहीं पड़ता। अभी तक साइड इफेक्ट का कोई मामला नहीं देखा गया।

प्लाज्मा का भंडारण (Storage) :-

डोनर के रक्त से प्लाज्मा निकालने उसे -60° सेल्सियस (minus 60 degree celsius) के तापमान पर रखा जाता है और लगभग एक वर्ष तक इसे स्टोर किया जा सकता है।

प्लाज्मा बैंक – Plasma Bank

दोस्तो, प्लाज्मा थेरेपी से हुए कोरोना के उपचार की सफलता को देखते हुए प्लाज्मा बैंक स्थापित करने की आवश्यकता महसूस की गई और दिल्ली के मुख्यमंत्री के प्रयासों के परिणाम स्वरूप दिल्ली में पहला प्लाज्मा बैंक ‘यकृत एवं पित्त विज्ञान संस्थान’ (The Institute of Liver and Biliary Sciences- ILBS) में शुरू हुआ, फिर दूसरा बना और अब देश के अन्य राज्यों में प्लाज्मा बैंक स्थापित किये जाने का प्रयास किया जा रहा है। दिल्ली में प्लाज्मा बैंक्स का विवरण निम्न प्रकार है जहां कोरोना मरीज के लिये मुफ्त में प्लाज्मा लिया जा सकता है और कोरोना मरीज ठीक होने के 14 दिन बाद अपना प्लाज्मा दान कर सकता है – 

1. यकृत एवं पित्त विज्ञान संस्थान’ (The Institute of Liver and Biliary Sciences- ILBS).

पता : डी-1, आई.एल.बी.एस, वसंत कुंज, नई दिल्ली पिन-110070.

D-1, ILBS Hospital, Vasant Kunj, New Delhi, Delhi 110070.

2. लोक नारायण जय प्रकाश (LNJP) प्लाज्मा बैंक

पता : जवाहरलाल नेहरू मार्ग, नजदीक दिल्ली गेट, एल.एन.जे.पी. कालोनी, नई दिल्ली – 110002.

फोन : 011 2323 6000.

Jawaharlal Nehru Marg, Near Delhi Gate, LNJP Colony, New Delhi, Delhi 110002

Phone : 011 2323 6000

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प्लाज्मा लेने/देने के लिये कैसे सम्पर्क करें – How to contact for taking / giving plasma

1. प्लाज्मा दान करने के लिये – फोन नम्बर.1031 और संदेश Message भेजने के लिये Whatsapp नम्बर 8800007722. 

2. प्लाज्मा लेने के लिये – दोनों प्लाज्मा बैंकों से मुफ्त में प्लाज्मा लेने के लिये टोल-फ्री नंबर 1800-111-747 पर सम्पर्क कर सकते हैं। 

देसी हेल्थ क्लब की अपील  – Desi Health Club’s appeal

दोस्तो, देसी हैल्थ क्लब, उन व्यक्तियों से जो कोरोना बीमारी से ठीक हो चुके हैं, अपील करता है कि वे अपना प्लाज्मा दान करें ताकि अन्य कोरोना के मरीज ठीक हो सकें, यह देश के नागरिकों के हित में आपका सबसे बड़ा योगदान होगा।

Conclusion

दोस्तो, आज के लेख में हमने आपको प्लाज्मा थेरेपी के विषय में विस्तृत जानकारी दी। प्लाज्मा क्या होता है, प्लाज्मा थेरेपी क्या है, प्लाज्मा कैसे लिया जाता है, प्लाज्मा कौन डोनेट कर सकता है, कौन डोनेट नहीं कर सकता, प्लाज्मा थेरेपी के लिये जारी दिशा-निर्देश, प्लाज्मा डोनेट करने के लिये डोनर के टेस्ट आदि के बारे में विस्तार पूर्वक बताया। इस लेख के माध्यम से कोरोना के उपचार में प्लाज्मा थेरेपी कैसे काम करती है यह भी बताया। इसके अतिरिक्त, प्लाज्मा के साइड इफेक्ट, प्लाज्मा का भंडारण और प्लाज्मा बैंक के विषय में विस्तृत जानकारी दी। और अंत में देसी हैल्थ क्लब की तरफ से प्लाज्मा डोनेट करने की अपील भी की गई है। आशा है आपको ये लेख अवश्य पसन्द आयेगा। आप इस पोस्ट को अपने दोस्तों और  सगे – सम्बन्धियों के साथ भी शेयर करें। ताकि सभी इसका लाभ उठा सकें। दोस्तो, हमारा आज का यह लेख आपको कैसा लगा, इस बारे में कृपया अपनी टिप्पणियां (Comments), सुझाव, राय अवश्य भेजिये ताकि हमारा मनोबल बढ़ सके। और हम आपके लिए ऐसे ही Health- Related Topic लाते रहें। धन्यवाद।

Disclaimer – यह लेख केवल जानकारी मात्र है। किसी भी प्रकार की हानि के लिये ब्लॉगर उत्तरदायी नहीं है।  कृपया डॉक्टर/विशेषज्ञ से सलाह ले लें।

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आज के लेख में हमने आपको प्लाज्मा थेरेपी क्या है? के विषय में विस्तृत जानकारी दी। प्लाज्मा कैसे लिया जाता है, प्लाज्मा कौन डोनेट कर सकता है।
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