स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग में। दोस्तो, उत्तर भारत में नाश्ते का पहले अधिकतर एक ही प्रकार प्रकार का नाश्ता बनता था, परांठा। कभी दलिया बना लिया, कभी छोले पूड़ी, छोले भटूरे, छोले कुल्चे आदि। फिर इडली, दोसा, बड़ा, बड़ा पाव, पावभाजी, अंडे, टोस्ट जैसे व्यंजन नाश्ते में शामिल हुए। फिर से नाश्ते में बदलाव आया और इसमें मैक्रोनी, पाश्ता, नूडल्स आदि सम्मलित हुए। इनके साथ एक वस्तु और शामिल हुई और इसने धमाल मचा दिया। और यह वस्तु शुरु से ही बिहार की जान रही है, बिहार की सेहत का राज है।
जी हां, हम बात कर रहे हैं पोहा की जिसे चिवड़ा के नाम से जाता है। इसके और भी कई नाम हैं। यह चावल का चपटा रूप है जो चावल को प्रोसेस करके बनाया जाता है। पोहा में कई विटामिन और खनिज विद्यमान होते हैं इसलिए इसे एक हैल्दी खाना कहा जाता है। इसे नाश्ते में खाया जाए तो यह एक हैल्दी नाश्ता कहलाता है और इसके स्वास्थ के लिए बहुत फायदे होते हैं। आखिर यह पोहा है क्या?। दोस्तो, यही है हमारा आज का टॉपिक “पोहा खाने के फायदे”।
देसी हैल्थ क्लब इस आर्टिकल के माध्यम से आपको पोहा के बारे में विस्तार से जानकारी देगा और यह भी बताएगा कि इसके क्या फायदे होते हैं। तो, सबसे पहले जानते हैं कि पोहा क्या है और यह कैसे बनता है। फिर, इसके बाद बाकी बिंदुओं पर जानकारी देंगे।
पोहा क्या है? – What is Poha?
पोहा एक खाद्य पदार्थ है जो चावल को उबालकर बनाया जाता है। इसकी प्रोसेसिंग फैक्ट्रियों में मशीनों द्वारा की जाती है। अधिकतर सुबह के नाश्ते में पोहा को खाया जाता है। चावल को उबालकर, इस पर दबाव डालकर चावल को चपटा कर दिया जाता है। पोहा की मोटाई अलग-अलग हो सकती है। यह छोटे, मध्यम और बड़े आकार के होते हैं। इनकी लंबाई लगभग 2 मिलीमीटर से 5 मिलीमीटर तक हो सकती हैं। ये चपटे, खुरदुरे और रंग में सफेद होते हैं और किनारे असमतल होते हैं। सामान्य चावल की तुलना में ये लगभग चार गुना पतले होते हैं।
इनकी अपनी कोई सुगंध नहीं होती। पोहा में किसी अन्य खाद्य पदार्थ और स्वाद को अवशोषित करने की गजब की क्षमता होती है। पोहा गर्म या ठंडे पेय पदार्थ जैसे पानी, दूध आदि में एकदम से फूल जाता है। पोहा भारत ही नहीं नेपाल, बंग्लादेश व अन्य एशियन देशों में बहुत लोकप्रिय है। बहुत ही कम समय में पकने और आसानी से पचने वाला पोहा एक स्वास्थवर्धक आहार है। इसमें कई विटामिन और खनिज मौजूद होते हैं। पोहा को चिवड़ा, चिरा, पौवा, सिरा, एविल या अवलक्की तथा अन्य कई नामों से जाना जाता है।
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पोहा कैसे बनता है? – How is Poha Made?
दोस्तो, चावल से पोहा कैसे बनाया जाता है इसकी सिलसिलेवार प्रक्रिया निम्न प्रकार है –
1. फैक्ट्री में धान लाया जाता है। हम यहां बता दें कि छिलका सहित चावल को धान कहा जाता है। धान के साथ मिट्टी, छोटे-छोटे पत्थर भी आ जाते हैं। क्लीनर में डालकर इनको अलग किया जाता है और धान की धुलाई की जाती है।
2. धान की सफाई होने के बाद इसे पानी भरे टैंक में लगभग 8 घंटे के लिए डाल दिया जाता है।
3. फिर धान को टैंक से निकालकर तेज धूप में सूखने के लिए फैला दिया जाता है। इसे 16-20 घंटे तक सुखाया जाता है।
4. सूखे हुए धान को रोस्टर में डालकर उच्च तापमान पर भूना जाता है। फिर इसे मशीन में डालकर दबाया जाता है इससे धान का छिलका अलग हो जाता है और चावल बचता है।
5. फिर चावल को फ्लेकर्स मशीन में डालकर दबाया जाता है जिससे चावल पतला हो जाता है। इसी को पोहा कहा जाता है।
6. अलग-अलग मोटाई के अनुरूप पोहा बनाने के लिए अलग-अलग फ्लेकर्स का उपयोग किया जाता है।
7. पूरी प्रक्रिया में 40 प्रतिशत छिलका निकलता है और 60 प्रतिशत पोहा बनता है।
पोहा के गुण – Properties of Poha
1. पोहा की अपनी तासीर के बारे में जानकारी उपलब्ध नहीं है। पोहा में पड़ने वाले अन्य खाद्य पदार्थों जैसे ड्राईफ्रूट्स, आदि की तासीर पर इसकी तासीर निर्भर करती है।
2. खाली पोहा का स्वाद नरम, कोमल, हल्की सी मिठास लिए होता है। यदि इसके स्वाद में कड़वाहट महसूस हो, तो समझना चाहिए कि पोहा खराब हो चुका है।
3. पोहा में विटामिन-ए, सी, डी, फॉलिक एसिड तथा प्रोटीन, कार्ब्स, फैट, डाइटरी फाइबर, आयरन, कैल्शियम, पोटेशियम, मैग्नीशियम जैसे खनिज उपस्थित होते हैं।
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पोहा के पोषक तत्व (मात्रा प्रति 100 ग्राम) – Nutrients of Poha (quantity per 100 grams)
- एनर्जी : 110 Kcal
- प्रोटीन : 2.34 ग्राम
- फैट : 2.87 ग्राम
- कार्बोहाइड्रेट : 18.8 ग्राम
- शुगर : 0.5 ग्राम
- कोलेस्ट्रॉल : 0 मिलीग्राम
- डाइटरी फाइबर : 0.9 ग्राम
- कैल्शियम : 15 मिलीग्राम
- पोटैशियम : 117 मिलीग्राम
- सोडियम : 201 मिलीग्राम
- आयरन : 1.06 मिलीग्राम
- मैग्नीशियम – 32.9 mg
- जिंक : 0.1 mg
- विटामिन-ए : 6 मिलीग्राम
- विटामिन-सी : 6.4 मिलीग्राम
- फॉलिक एसिड : 1 माइक्रोग्राम
पोहा के उपयोग – Uses of Poha
पोहा के उपयोग निम्न प्रकार से किया जा सकता है –
- पोहा को तेल/घी में तलकर नमक, मिर्च, मसाले मिलाकर, मूंगफली डालकर पका कर खा सकते हैं।
- पोहा को सादा पानी में डालकर इसमें नमक या चीनी मिलाकर खा सकते हैं।
- पोहा को दूध में डालकर इसमें चीनी मिलाकर खा सकते हैं।
- पोहा में ड्राई-फ्रूट्स, इलायची तथा नमक, मिर्च-मसाले मिलाकर, तेल/घी में तलकर खा सकते हैं।
- पोहा को गर्म पानी में मिलाकर दलिया के रूप में खाया जा सकता है।
- पोहा को गुड़ के साथ ऐसे ही कच्चा खाया जा सकता है।
- पोहा के कटलेट भी बनाए जा सकते हैं।
पोहा खाने का सही समय – Right Time to Eat Poha
पोहा खाने का कोई निर्धारित समय नहीं है फिर भी सुबह का समय पोहा खाने के लिए एकदम परफैक्ट है। इसे सुबह के नाश्ते में खाएं। इसके अतिरिक्त, पोहा शाम के नाश्ते में भी खाया जा सकता है।
पोहा कितना खाना चाहिए? – How Much Poha Should One Eat?
पोहा कितना खाना चाहिए इस बारे में कोई मात्रा निर्धारित नहीं है परन्तु इसे सीमित मात्रा में ही खाना चाहिए। अपने लिए सीमित मात्रा खुद तय करें। वैसे देसी हैल्थ क्लब एक कटोरी पोहा खाने की सलाह देता है क्योंकि इसमें अन्य खाद्य पदार्थ भी पड़ते हैं। इसे यदि हफ्ते में तीन या चार दिन खाएं वह भी एक दिन छोड़कर तो और भी बेहतर होगा।
पोहा खाने के फायदे – Benefits of Eating Poha
अब बताते हैं आपको पोहा खाने के फायदे जो निम्न प्रकार हैं –
1. पाचन तंत्र को ठीक रखे (Keep the Digestive System Healthy)- पोहा स्वयं सुपाच्य भोजन है जो जल्दी पच जाता है। यह पाचन तंत्र को सही रखने में पाचन क्रिया की मदद करता है क्योंकि इसमें डाइटरी फाइबर की पर्याप्त मात्रा होती है। फाइबर भोजन को बारीक करके रसादार पदार्थ में बदल देता है। इस रसादार भोजन को पचाने के लिए पाचन क्रिया को अधिक श्रम नहीं करना पड़ता। इससे पाचन तंत्र को आराम भी मिलता है और इसका समय भी बचता है।
2. कब्ज को दूर करे (Relieve Constipation)- पोहा खाने से कब्ज भी दूर होती है। यह तो हमने ऊपर बताया है कि पोहा में मौजूद फाइबर भोजन को जल्दी पचाने का काम करता है तो इसका दूसरा पहलू यह भी है कि यह कब्ज को खत्म करता है। इसमें मौजूद फाइबर मल को ढीला और नरम करता है। परिणामस्वरूप सुबह-सुबह मल त्याग आसानी से हो जाता है और पेट प्राकृतिक रूप से साफ़ रहता है। रोजाना इस प्रक्रिया के चलते कब्ज की समस्या भी खत्म हो जाती है।
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3. इम्युनिटी बढ़ाए (Increase Immunity)- पोहा खाने से यह भी फायदा होता है कि यह इम्युनिटी बढ़ाने का काम करता है। इसमें विटामिन-सी की पर्याप्त मात्रा होती है जो एक ताकतवर एंटीऑक्सीडेंट के रूप में काम करते हुए इम्युनिटी को बूस्ट करता है। पोहा में मौजूद मैग्नीशियम, आयरन, ज़िंक जैसे पोषक तत्व भी इम्युनिटी को बढ़ाते हैं।
4. वजन कम करे (Lose Weight)- जो लोग अपना वजन कम करना चाहते हैं, उनके लिये पोहा एक अच्छा विकल्प है। इसमें फैट कम होता है, एनर्जी अधिक है और फाइबर भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। सुबह के नाश्ते में पोहा का सेवन करें मगर बहुत कम मात्रा में। कैलोरी और फाइबर बहुत लंबे समय तक आपको भूख नहीं लगने देंगे। इसके साथ व्यायाम भी करें निश्चित रूप से आपका वजन कम होने में मदद मिलेगी।
5. वजन बढ़ाए (Gain Weight)- पोहा जिस तरह वजन कम करता है तो ठीक इसके उलट यह वजन भी बढ़ा सकता है। इसे आप इसका अवगुण भी कह सकते हैं। परन्तु जो लोग अपना वजन बढ़ाना चाहते हैं उनके लिये यह वरदान है। यद्यपि इसमें फैट अधिक नहीं है परन्तु इसमें कार्बोहाइड्रेट उच्च मात्रा में होते हैं। यदि पोहा का अधिक मात्रा में सेवन किया जाए तो निश्चित रूप से आपका वजन बढ़ जाएगा।
6. ब्लड शुगर को कंट्रोल करे (Control Blood Sugar)- पोहा का सेवन डाइबिटीज के मरीज भी निश्चिंत होकर कर सकते हैं मगर सीमित मात्रा में। पोहा में शुगर की मात्रा बहुत ही कम होती है। इसमें मौजूद विटामिन-बी1 ब्लड में ग्लुकोज़ लेवल को संतुलित रखता है। परन्तु, यदि पोहा का सेवन अधिक किया जाए तो यह ब्लड शुगर लेवल को बढ़ा भी सकता है।
7. ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करे (Control Blood Pressure)- पोहा खाने का यह भी फायदा है कि यह ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करता है। इसमें पोटेशियम की उच्च मात्रा होती है जो ब्लड प्रेशर में संतुलन बनाए रखता है। जिन लोगों का ब्लड प्रेशर हाई में रहता है उन लोगों को पोहा खाने का यह फायदा है कि उनका बल्ड प्रेशर लेवल सामान्य स्तर पर रहता है। परन्तु जिन लोगों का ब्लड प्रेशर कम रहता है उनको पोहा खाने से परहेज करना चाहिए क्योंकि यह उनके ब्लड प्रेशर को और कम कर सकता है।
8. एनीमिया से बचाए (Prevent Anemia)- कभी-कभी शरीर में रक्त की कमी हो जाया करती है। इसे एनीमिया कहा जाता है। रक्त की कमी ज्यादातर महिलाओं को होती है। इसका मुख्य कारण शरीर में आयरन की कमी होना है। आयरन शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं को बढ़ाने और हीमोग्लोबिन का स्तर सुधारने में मदद करता है।
लाल रक्त कोशिकाओं की संख्या बढ़ने और हीमोग्लोबिन में बढ़ोत्तरी होने पर शरीर में रक्त की कमी नहीं होती। पोहा खाने से शरीर को दैनिक जरूरत का आयरन मिल जाता है।
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9. हड्डियां मजबूत बनें (Strengthen Bones)- पोहा में कैल्शियम और विटामिन-डी पर्याप्त मात्रा में उपस्थित होता है। इनके अतिरिक्त पोहा में पर्याप्त मात्रा में मैग्नीशियम, आयरन, ज़िंक जैसे खनिज भी मौजूद होते हैं। ये सभी पोषक तत्व अस्थि खनिज घनत्व (Bone Mineral Density – BMD) के स्तर को बढ़ाने में सक्रिय भूमिका निभाते हैं।
अस्थि खनिज घनत्व का स्तर सही रहने पर हड्डियों में मजबूती बनी रहती है। हड्डियां मजबूत रहने पर ऑस्टियोपोरोसिस जैसे अस्थि रोग की संभावना नहीं रहती।
10. हृदय सुरक्षित रहे (Keep Your Heart Safe)- हमने ऊपर बताया है कि पोहा के सेवन से वजन कम किया जा सकता है, ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहता है। इसके अतिरिक्त पोहा कोलेस्ट्रॉल फ्री होता है, शुगर और फैट की मात्रा भी बहुत कम होती है। ये सभी कारण हृदय रोग का कारण बनते हैं। पोहा खाने से इन सब से बचाव होता है और हृदय अपने आप सुरक्षित हो जाता है। परिणामस्वरूप हृदय रोगों या हार्ट अटैक की संभावना नहीं रहती।
पोहा खाने के नुकसान – Disadvantages of Eating Poha
पोहा अधिक खाने के हो सकते हैं निम्नलिखित नुकसान :-
1. पोहा अधिक खाने से पेट से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं जैसे पेट में गैस बनना, पेट में ऐंठन और दर्द, मितली, उल्टी, दस्त लगना आदि।
2. उच्च मात्रा में कार्बोहाइड्रेट होने के कारण पोहा के अधिक सेवन से वजन बढ़ सकता है।
3. पोहा का अधिक सेवन डायबिटीज के मरीजों के लिए खतरा बन सकता है। इसके अधिक सेवन से ग्लुकोज़ लेवल बढ़ सकता है।
Conclusion –
दोस्तो, आज के आर्टिकल में हमने आपको पोहा के बारे में विस्तार से जानकारी दी। पोहा क्या है?, पोहा कैसे बनता है?, पोहा के गुण, पोहा के पोषक तत्व, पोहा के उपयोग, पोहा खाने का सही समय और पोहा कितना खाना चाहिए, इन सब के बारे में भी विस्तार पूर्वक बताया। देसी हैल्थ क्लब ने इस आर्टिकल के माध्यम से पोहा खाने के बहुत सारे फायदे बताए और पोहा खाने के कुछ नुकसान भी बताए। आशा है आपको ये आर्टिकल अवश्य पसन्द आयेगा।
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