स्वागत है हमारे ब्लॉग में। दोस्तो, यौन संचारित रोगों की दुनियां ही अलग होती है। अपने-आप में ये 30 से अधिक रोग होते हैं। इनमें से कुछ का समुचित उपचार उपलब्ध है और कुछ का उपचार उपलब्ध नहीं होता। ऐसे रोगों को दवाओं और खानपान के जरिए कंट्रोल किया जाता है। ऐसे रोगों का मुख्य कारण असुरक्षित और अप्राकृतिक सेक्स संबंधों के जरिए बैक्टीरियल इंफेक्शन होता है। यौन संचारित रोगों में से गोनोरिया नामक यौन रोग भी है जिसे सुजाक या प्रमेह भी कहा जाता है और यह नेइसेरिया गोनोरिया जीवाणु से फैलता है।
इसका शिकार स्त्री, पुरुष और प्रसवोत्तर शिशु (जिसकी मां इस रोग से ग्रस्त हो) कोई भी हो सकता है। कई बार पता ही नहीं चलता कि व्यक्ति गोनोरिया से संक्रमित है क्यों कि इसके लक्षण बहुत हल्के भी हो सकते हैं। इसीलिए इसके निदान में भी दिक्कत आती है। इस रोग के जल्दी पता लग जाने पर इलाज हो जाता है परन्तु अधिक समय बीतने पर इसके इलाज में दिक्कत आती है। आखिर यह गोनोरिया है क्या? दोस्तो, यही है हमारा आज का टॉपिक “गोनोरिया क्या है?”।
देसी हैल्थ क्लब इस आर्टिकल के माध्यम से आपको गोनोरिया के बारे में विस्तार से जानकारी देगा और इसके उपचार के बारे में भी बताएगा। तो, सबसे पहले जानते हैं कि गोनोरिया क्या है और इसके कारण। फिर, इसके बाद बाकी बिंदुओं पर जानकारी देंगे।
गोनोरिया क्या है?- What is Gonorrhea?
दोस्तो, गोनोरिया (Gonorrhea) एक यौन रोग है जो नेइसेरिया गोनोरिया’ (Neisseria Gonorrhoeae) जीवाणु (bacteria) के कारण होता है। यह संक्रमण रोग यौन संचारित रोग (Sexually Transmitted Diseases – STD) की श्रेणी में आने वाला सबसे आम रोग है। यहां हम बता दें कि यौन संचारित रोगों में सिफलिस, क्लैमाडिया, ट्राइकोमोनेसिस, ह्युमन पेपिलोमावायरस, इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस, हर्पीज सिम्पलेक्स वायरस जैसे 30 से ज्यादा यौन रोग शामिल होते हैं।
इनमें से गोनोरिया भी एक यौन रोग है जो स्त्री पुरुष किसी को भी हो सकता है। यहां तक कि यदि स्त्री गर्भावस्था में गोनोरिया से पीड़ित है तो उसके बच्चे को भी यह रोग होने की संभावना रहती है। यह बच्चे में सबसे अधिक आंखों को प्रभावित करता है। वैसे यह रोग ज्यादातर किशोरों और 20 वर्ष से अधिक आयु वाले लोगों को होता है। गोनोरिया रोग योनि, गुदा, मुख मैथुन, समलिंगी मैथुन और ग्रुप सेक्स से फैलता है। यह संक्रमण लिंग, योनि, महिलाओं में गर्भाशय ग्रीवा, गुदा, गला, मूत्रमार्ग और आंखों को प्रभावित कर सकता है।
कई यौन संचारित रोगों को इलाज हो जाता है और कईयों का इलाज उपलब्ध नहीं है। इनको दवाओं और खानपान के जरिए कंट्रोल किया जा सकता है। गोनोरिया के जल्दी पता चलने पर इसका इलाज हो जाता है। गोनोरिया को हिन्दी में सुजाक और प्रमेह कहा जाता है। गोनोरिया को क्लैप या ड्रिप भी कहा जाता है। एसटीडी पर विस्तार से जानकारी के लिए हमारा पिछला आर्टिकल “एसटीडी क्या हैं?” पढ़ें।
गोनोरिया के कारण – Cause of Gonorrhea?
1. गोनोरिया रोग होने का मुख्य कारण नेइसेरिया गोनोरिया जीवाणु है। स्त्री, पुरुष के जननांगों, मलाशय, मुंह और गला तथा शरीर के किसी भी भाग की श्लेष्म झिल्ली में यह विकसित हो सकता है।
2. गर्भवती महिला का गोनोरिया से ग्रस्त होना। इससे उसके शिशु को भी यह रोग हो सकता है।
गोनोरिया के जोखिम के कारक – Risk Factors for Gonorrhea
गोनोरिया के जोखिम के कारक निम्नलिखित हैं –
- असुरक्षित संभोग
- एनल सेक्स
- ओरल सेक्स
- ग्रुप सेक्स
- गे सेक्स
- एचआईवी से संक्रमित होना
- सेक्स वर्कर
- पहले कभी कोई यौन संचारित रोग रहा हो।
गोनोरिया के लक्षण – Symptoms of Gonorrhea
गोनोरिया के लक्षण अमूमन एक सप्ताह में नजर आ जाते हैं परन्तु कई बार ये इतने हल्के होते हैं कि इनका पता ही नहीं चलता। इसके लक्षण निम्न प्रकार हो सकते हैं –
A. महिलाओं में – Women’s
योनि से सफेद, बदबूदार, गाढ़ा पानी बहना। यह लिकोरिया के समान होता है।
- मूत्र विसर्जन की बार-बार जरूरत महसूस होना।
- मूत्र विसर्जन के समय दर्द और जलन महसूस होना।
- योनि से बिना मासिक धर्म के रक्त स्राव होना।
- मासिक धर्म के समय अधिक रक्त स्राव होना।
- गले में दर्द और खराश।
- सेक्स के समय दर्द होना।
- बिना सेक्स के भी पेल्विस में दर्द होना।
- गुदा में दर्द होना, पानी निकलना।
- आंखों में संक्रमण होना।
B. पुरुषों में – Man’s
- लिंग से सफेद, पीला, मटमैला या हरे रंग का द्रव निकलना।
- बार-बार मूत्र विसर्जन को जाना।
- मूत्र विसर्जन के समय जलन या चुभन महसूस होना।
- लिंग के छिद्र में सूजन या इसका लाल हो जाना।
- गले में खराश और दर्द।
- अंडकोष में सूजन और दर्द।
- गुदा में दर्द होना, पानी निकलना।
- आंखों में संक्रमण होना।
गोनोरिया की जटिलताएं – Complications of Gonorrhea
गोनोरिया होने से निम्नलिखित जटिलताएं हो सकती हैं –
- पुरुषों में बांझपन
- स्त्रियों में बांझपन
- श्रोणि में सूजन (Pelvic Inflammatory Disease – PID)
- ट्यूबो-डिम्बग्रंथि फोड़ा (Tubo-ovarian abscess)।
- त्वचा पर दाने उभर आना, घाव हो जाना
- जोड़ों दर्द, सूजन और जकड़न
- एचआईवी/एड्स की संभावना
- शिशुओं में संक्रमण से सिर की त्वचा में घाव, आंखों में परेशानी।
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गोनोरिया का निदान – Diagnosis of Gonorrhea
गोनोरिया के निदान के लिए निम्नलिखित टेस्ट किये जा सकते हैं –
1. बातचीत (Conversation)- मरीज को डायग्नोज करने के लिए डॉक्टर मरीज से बातचीत करके उसके लक्षणों, पिछली मेडिकल हिस्ट्री और ली गई दवाओं के बारे में जानकारी लेते हैं।
2. मूत्र परीक्षण (Urine Test)- मूत्र परीक्षण के जरिए मूत्रमार्ग में जीवाणुओं की मौजूदगी का पता लगाया जाता है।
3. ‘स्वाब’ सेंपल (Swab Sample)- प्रभावित क्षेत्र जैसे कि मूत्रमार्ग, योनि, लिंग, गुदा, गला, पलक के बैक्टीरिया का सेंपल लेकर जांच के लिए लैब भेज दिया जाता है।
4. अन्य परीक्षण (Other Tests)- डॉक्टर, अन्य यौन संचारित संक्रमणों की जांच के लिए भी कह सकते हैं जैसे कि क्लैमाइडिया, एचआईवी/एड्स आदि।
गोनोरिया से बचाव – Prevention of Gonorrhea
निम्नलिखित उपायों को अपनाकर गोनोरिया से बचाव किया जा सकता है –
1. किसी भी प्रकार कि सेक्स करना है तो उसके लिए कंडोम का उपयोग करें।
2. अपने साथी या अन्य किसी व्यक्ति को यदि गोनोरिया के लक्षण नजर आते हैं तो उसके साथ सेक्स ना करें।
3. अपने साथी से गोनोरिया के लक्षणों का पता करें। यदि कुछ भी संदेहास्पद लगे तो उसे एसटीडी संक्रमणों की जांच कराने के लिए कहें।
4. 25 वर्ष से अधिक के पुरुषों और महिलाओं को एसटीडी संक्रमणों की जांच के लिए वार्षिक स्क्रीनिंग कराएं,
गोनोरिया में क्या खाना चाहिए? – What to Eat in Gonorrhea?
गोनोरिया में निम्नलिखित खाद्य पदार्थों को शामिल करना चाहिए –
1. ज़िंक युक्त खाद्य पदार्थ (Zinc Rich Foods)- इसमें अनाज, शतावरी, मसूर की दाल, मूली, आलू, बैंगन, शकरकंद, सूरजमुखी, अजमोद, अंजीर, मूंगफली, आड़ू, नाशपाती, पपीता, बादाम, काजू, प्याज, राजमा आदि शामिल हैं।
2. प्रोबायोटिक्स (Probiotics)- प्रोबायोटिक्स में दही और छाछ उत्तम हैं।
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3. विटामिन-ए खाद्य पदार्थ (Vitamin A Foods)- इसमें लहसुन, धनिया, ओट्स, पालक, सलाद पत्ता, अजमोद, फूलगोभी, कद्दू,मटर, सोयाबीन, सेम, मसूर, जौ, अजमोद, पपीता, केला, खीरा, एवोकाडो, आड़ू, अनानास, खजूर, नाशपाती, पिस्ता आदि शामिल हैं।
4. विटामिन-सी वाले खाद्य पदार्थ (Vitamin C foods)- विटामिन-सी वाले खाद्य पदार्थों में स्ट्रॉबेरी, नींबू, खरबूज, तरबूज, आम, आड़ू, सेब, आलूबुखारा, अंजीर, पपीता, गाजर, आलू, बैंगन, सोयाबीन, मक्का, जौ, मूली, सेम आदि शामिल हैं।
5. इनके अतिरिक्त दूध, किशमिश, गन्ने का रस, ब्लूबेरी, क्रैनबेरी, अनानास आदि का सेवन कर सकते हैं।
गोनोरिया में क्या नहीं खाना चाहिए? – What Should not be Eaten in Gonorrhea?
गोनोरिया में निम्नलिखित खाद्य पदार्थों को अवॉइड करना चाहिए –
- चाय, कॉफी, तम्बाकू, शराब।
- तीखे मिर्च मसाले वाला भोजन।
- जंक फूड
- समुद्री भोजन जैसे कि हिलसा, सार्डिन, झींगा मछली, झींगा, केकड़ा आदि।
- कृत्रिम मिठास युक्त खाद्य और पेय पदार्थ।
गोनोरिया का उपचार – Treatment of Gonorrhea
दोस्तो, यहां हम बताना चाहेंगे कि यदि गोनोरिया का पता शुरुआत में ही चल जाता है तो इसका इलाज हो जाता है। देर होने पर स्थिति गंभीर हो सकती है। इसके इलाज के लिए निम्नलिखित विधि अपनाई जाती हैं –
1. दवाएं – दवाओं में एंटीबायोटिक दवाएं दी जा सकती हैं जिसमें सेफ्ट्रियाक्सनए (Ceftriaxone) इंजेक्शन तथा एजिथ्रोमाइसिन (Azithromycin) टेबलेट शामिल हो सकते हैं।
2. शिशु की आँखों के संक्रमण को रोकने के लिए 1 प्रतिशत सिल्वर नाइट्रेट घोल का उपयोग किया जा सकता है।
3. गोनोरिया के इलाज में डॉक्टर यह सलाह देते हैं कि जब तक इलाज चले तब तक सेक्स को अवॉइड किया जाए।
Conclusion –
दोस्तो, आज के आर्टिकल में हमने आपको गोनोरिया के बारे में विस्तार से जानकारी दी। गोनोरिया क्या है?, गोनोरिया के कारण, गोनोरिया के जोखिम के कारक, गोनोरिया के लक्षण, गोनोरिया की जटिलताएं, गोनोरिया का निदान, गोनोरिया से बचाव, गोनोरिया में क्या खाना चाहिए और गोनोरिया में क्या नहीं खाना चाहिए, इन सब के बारे में भी विस्तार पूर्वक बताया। देसी हैल्थ क्लब ने इस आर्टिकल के माध्यम से गोनोरिया के उपचार भी बताए। आशा है आपको ये आर्टिकल अवश्य पसन्द आयेगा।
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