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सहजन खाने के फायदे – Benefits of Eating Drumstick in Hindi

सहजन खाने के फायदे

स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग पर। दोस्तो, आपने सब्जी मंडी में लगभग एक, डेढ़ फीट लंबी, हरे रंग की उंगली जितनी मोटी-मोटी फलियां देखी होंगी। ऐसा लगता है कि जैसे इनके सहारे किसी ड्रम को बजा डालो। जी हैं ये ड्रम स्टिक्स (Drumsticks) ही हैं जिनको हिंदी में सहजन कहा जाता है। ये सहजन की फली ना केवल भोजन के रूप में काम आती है बल्कि औषधीय गुणों का खजाना होने के नाते 300 से अधिक रोगों के उपचार में काम आती है। दक्षिण भारत के भोजन की तो यह जान है विशेषकर सांबर की। इसके बिना तो सांबर अधूरा है और सेहत के लिए इतनी फायदेमंद कि इम्युनिटी को बूस्ट कर दे। आखिर ऐसा है क्या इसमें जो सेहत के लिए लाभदायक है। दोस्तो, यही है हमारा आज का टॉपिक “सहजन खाने के फायदे”। 

देसी हैल्थ क्लब इस आर्टिकल के माध्यम से आज आपको सहजन खाने के फायदे के बारे में जानकारी देगा और यह भी बताएगा इसके क्या फायदे होते हैं। तो, सबसे पहले जानते हैं कि सहजन क्या है? और इसका उत्पादन कहां होता है? फिर इसके बाद बाकी बिंदुओं पर जानकारी देंगे।

सहजन क्या है? – What is a Drumstick?

सहजन भारतीय मूल का पौधा है जो मोरिन्गासाए परिवार से संबंध रखता है। सहजन का वानस्पतिक नाम और मोरिंगा ओलिफेरा” (Moringa oleifera) है और इसे अंग्रेजी में ड्रम स्टिक (Drum stick) कहा जाता है। सहजन को सहजना, सैजन, मुनगा आदि नामों से भी जाना जाता है। 

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सहजन का पौधा मध्यम आकार का लगभग दस मीटर ऊंचा हो जाता है परन्तु इसकी फलियां तोड़ने में आसानी रहे इसलिये इसको डेढ़-दो मीटर की ऊंचाई से अधिक नहीं बढ़ने दिया जाता, इसकी प्रतिवर्ष कटाई करनी पड़ती है। वैसे तो औषधीय दृष्टिकोण से इसके पत्ते, फूल, फलियां, छाल, जड़ सभी उपयोग में लाए जाते हैं परन्तु भोजन के लिये सबसे अधिक इसकी हरी फलियां बिकती हैं। फूलों के रंग भेद के आधार पर सफेद फूलों की जाति के फल का स्वाद कड़वा तथा लाल वर्ण के फूलों की जाति के फल का स्वाद मीठा होता है। 

मीठे स्वाद वाला सहजन बहुत ही कम मिलता है। सहजन को पूरे विश्व में सुपरफूड कहा जाता है। क्योंकि एक्सपर्ट्स के अनुसार, सहजन में  92 प्रकार के मल्टीविटामिन, 46 प्रकार के एंटीआक्सीडेंट्स, 36 प्रकार के दर्द निवारक गुण तथा 18 तरह के एमिनो एसिड उपस्थित होते हैं। सहजन की विशेषता है कि यह बंजर भूमि में भी उग जाता है और इसको अधिक पानी की आवश्यकता भी नहीं होती। 

सहजन का उत्पादन – Drumstick Production

1. सहजन की जन्मस्थली भारत को माना जाता है और सहजन का विश्व में सबसे अधिक उत्पादन भारत में ही होता है।

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2. सहजन की खेती फिलीपिंस, श्रीलंका, मलेशिया, मैक्सिको, पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में होती है। 

3. भारत में सहजन का सबसे अधिक उत्पादन आंध्र प्रदेश में होता है। इसके अतिरिक्त गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, कर्नाटक और तमिलनाडु में भी सहजन की खेती की जाती है। 

सहजन के गुण – Property of Drumstick

  1. सहजन की तासीर गर्म होती है।
  2. सहजन की कच्ची फली का स्वाद मेथी के समान कड़वा होता है। परन्तु उबाल कर खाई जाए तो यह फीकी लगती है। मीठे स्वाद वाली सहजन बहुत कम मिलती है। 
  3. सहजन में एंटीऑक्सीडेंट, एंटीइंफ्लेमेटरी, एंटीओबेसिटी, एंटीअल्सर, एंटीकैंसर, एंटीट्यूमर, एंटीडायबिटिक, एंटीबैक्टीरियल, एंटीवायरल, एंटीफंगल आदि गुण मौजूद होते हैं। 
  4. सहजन में कई विटामिन, कार्बोहाइड्रेट, फास्फोरस, मैग्नीशियम, पोटेशियम, फाइबर, आयरन, ज़िंक, कॉपर आदि अनेक खनिज मौजूद होते हैं। 
  5. माना जाता है कि सौ ग्राम सहजन की पत्तियों में दूध से लगभग 17 गुणा अधिक कैल्शियम, पालक से 25 गुणा अधिक आयरन, केले से 15 गुणा अधिक पोटेशियम उपस्थित होता है। 

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सहजन के पोषक तत्व (मात्रा प्रति 100 ग्राम) – Nutrients of Drumstick (Quantity per 100 grams)

  • जल : 88.2 ग्राम
  • एनर्जी : 37 केसीएल
  • प्रोटीन : 2.1 ग्राम
  • फैट : 0.2 ग्राम
  • फाइबर, टोटल डाइटरी : 3.2 ग्राम
  • कार्बोहाइड्रेट : 8.53 ग्राम
  • आयरन : 0.36 मिलीग्राम
  • कैल्शियम : 30 मिलीग्राम
  • फास्फोरस : 50 मिलीग्राम
  • मैग्नीशियम : 45 मिलीग्राम
  • पोटेशियम : 461 मिलीग्राम
  • सोडियम : 42 मिलीग्राम
  • ज़िंक : 0.45 मिलीग्राम
  • कॉपर : 0.084 मिलीग्राम
  • मैंगनीज : 0.259 मिलीग्राम
  • विटामिन-सी, 
  • टोटल एस्कॉर्बिक एसिड : 141 मिलीग्राम
  • थायमिन : 0.053 मिलीग्राम
  • राइबोफ्लेविन : 0.074 मिलीग्राम
  • नियासिन : 0.62 मिलीग्राम
  • विटामिन-बी6 : 0.12 मिलीग्राम
  • फोलेट, टोटल : 44 माइक्रोग्राम
  • फोलेट, फूड : 44 माइक्रोग्राम
  • विटामिन-ए, आईयू : 74 आईयू(IU)
  • फैटी एसिड,
  •  टोटल सैचुरेटेड : 0.033 ग्राम
  • फैटी एसिड, 
  • टोटल मोनोअनसैचुरेटेड : 0.102 ग्राम
  • फैटी एसिड, 
  • टोटल पॉलीअनसैचुरेटेड : 0.003 ग्राम

सहजन के उपयोग – Uses of Drumstick

सहजन का उपयोग निम्न प्रकार से किया जा सकता है –

  1. सहजन के फूल, फली, जड़, छाल, पत्तों का उपयोग औषधि के रूप में किया जाता है। 
  2. सहजन की पत्तियों, छाल और जड़ का पाउडर बनाया जाता है।
  3. सहजन का तेल भी बनाया जाता है।
  4. सहजन की फलियों को सांबर में डाला जाता है। 
  5. सहजन की फलियों को दाल में डाला जाता है।
  6. सहजन की फलियों और पत्तों की सब्जी बनाई जाती है।
  7. सहजन की फलियों को उबालकर ऐसे ही खाया जा सकता है।
  8. सहजन की पत्तियों को उबालकर, पीसकर आटे के साथ गूंथ कर परांठे बनाऐ जाते हैं।
  9. सहजन का सूप बनाया जा सकता है।
  10. सहजन के फूलों की चाय बनाई जा सकती है।

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सहजन खाने के फायदे – Benefits of Eating Drumstick

और अब बताते हैं आपको सहजन के फायदे जो निम्न प्रकार हैं –

1. इम्युनिटी बूस्ट करे (Boost Immunity)- सहजन का यह बहुत बड़ा फायदा है कि इसके सेवन से इम्युनिटी बूस्ट होती है। बदलते मौसम की वजह से होने वाली बीमारियों, जैसे फ्लू, जुकाम, सर्दी, खांसी, बुखार आदि, से रक्षा होती है। 

सहजन में विटामिन-सी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध होता है जो अपने आप में एक ताकतवर एंटीऑक्सीडेंट है जो इम्युनिटी बूस्ट करने में मदद करता है। इसके अतिरिक्त सहजन में कॉपर, ज़िंक, पोटेशियम, फास्फोरस आदि भी इम्युनिटी बूस्ट करने का काम करते हैं। 

2. पेट की समस्याओं को दूर करे (Cure Stomach Problems)- सहजन में एंटीबैक्टीरियल, एंटीवायरल, एंटीफंगल गुण मौजूद होते हैं जो वायरस और संक्रमण से होने वाली बीमारियों से बचाते हैं। असंतुलित भोजन करने से भी पेट खराब हो जाता है जैसे पेट में दर्द होना, पेट में गैस बनना, आंतों में सूजन, पाचन तंत्र में समस्या, कब्ज आदि। 

सहजन की पत्तियों की चाय इन सबसे छुटकारा दिलाती है। सहजन की पत्तियों की चाय बनाने के लिए बस पानी में इन पत्तियों को उबालना है, चाहें तो इसमें आधा चम्मच शहद मिला कर, छानकर चाय की तरह पीएं।

3. पेट के कीड़े खत्म करे (Eliminate Intestinal Worms)- अक्सर बच्चों के पेट में कीड़े हो जाते हैं, बड़ों के पेट में भी हो जाते हैं। इनसे राहत पाने के लिए सहजन की चटनी का सेवन किया जा सकता है। इसके लिये सहजन की पत्तियों को पीसकर, अपने स्वाद के हिसाब से नमक मिर्च मिलाकर, कड़ाही या तवे में हल्का सा तेल डालकर कुछ देर भून लें। बस हो गई सहजन की चटनी तैयार। इस चटनी हफ्ते में दो बार खाएं। पेट के कीड़े खत्म हो जाएंगे।

4. डायबिटीज़ में फायदेमंद (Beneficial in Diabetes)- डायबिटीज़ के मरीजों के लिए सहजन राहत दिलाने का काम करती है। इसकी फलियों, पत्तियों, छाल आदि में एंटीडायबिटिक गुण पाए जाते हैं। सहजन का सेवन किसी भी रूप में किया जाए, फायदा ही होगा। वैसे सहजन की पत्तियों का रस निकाल कर सुबह खाली पेट पीने से अधिक फायदा होगा। 

इसके सेवन से इंसुलिन के स्‍तर और संवेदनशीलता में बढ़ोत्तरी होती है जिससे ग्लुकोज़ लेवल कंट्रोल में रहता है। सहजन में मौजूद प्रोटीन, अमीनो एसिड, बीटा केरोटीन तथा अनेक फीनॉलिक डायबिटीज़ के मरीज को राहत पहुंचाते हैं। सहजन के विकल्प स्वरूप सहजन की पत्तियों की गोलियां भी बाजार में मिलती हैं, इनका सेवन किया जा सकता है। 

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5. हाई ब्लड प्रेशर को कम करे (Reduce High Blood Pressure)- जिन लोगों को हाई ब्लड प्रेशर की समस्या रहती है उनको नियमित रूप से सहजन का सेवन करना चाहिए विशेष रूप से इसकी पत्तियों के जूस का। क्योंकि इसकी पत्तियों में पोटेशियम की पर्याप्त मात्रा होती है जो कि वैसोप्रेसिन हार्मोन को कंट्रोल करने का काम करता है। वैसोप्रेसिन रक्त वाहिकाओं के कार्य पर अपना प्रभाव डालता है। 

सहजन की पत्तियों का रस निकाल कर सुबह खाली पेट पीने से ग्लुकोज़ लेवल भी कंट्रोल में रहेगा और ब्लड प्रेशर भी। जिन लोगों का ब्लड प्रेशर लो में रहता है वे सहजन के अधिक उपयोग को अवॉइड करें क्यों कि यह उनका ब्लड प्रेशर और कम करके मुसीबत खड़ी कर सकता है। 

6. लिवर को स्वस्थ रखे (Keep Liver Healthy)- असंतुलित आहार तथा खराब जीवन शैली से लिवर की कार्य प्रणाली प्रभावित होती है जिससे लिवर की क्षति होने की संभावना रहती है। इसलिये जरूरी है संतुलित, सुपाच्य और पौष्टिक तत्वों से भरपूर भोजन किया जाए जिससे लिवर अपना काम सामान्य रूप से करता रहे इस पर किसी भी प्रकार का आक्रमण ना हो। 

ऐसे ही खाद्य पदार्थ में सहजन को शामिल किया जा सकता है क्योंकि इसमें पाए जाने वाले क्वारसेटिन नामक फ्लैवनॉल हेपाटोप्रोटेक्टिव के रूप में काम करते हैं। तात्पर्य यह है कि ये फ्लैवनॉल लिवर को किसी भी रोग से बचाने और किसी भी प्रकार की क्षति से बचाने में मदद करते हैं। इसके लिये सहजन को आप किसी भी रूप में सेवन कर सकते हैं।

7. हड्डियों को मजबूती दे (Strengthen Bones)- हड्डियों के विकास और मजबूती के लिए अस्थि खनिज घनत्व (Bone Mineral Density) के स्तर पर निर्भर करता है। कैल्शियम, पोटेशियम, फास्फोरस, ज़िंक, मैग्नीशियम, मैंगनीज, कॉपर जैसे खनिज अस्थि खनिज घनत्व के स्तर में बढ़ोत्तरी करते हैं जिससे ऑस्टियोपोरोसिस जैसे अस्थि रोग की संभावना नहीं रहती। 

सहजन में ये सभी गुण पर्याप्त मात्रा में उपस्थित होते हैं जो अस्थि खनिज घनत्व के स्तर को बनाए रखते हैं। इनके अतिरिक्त सहजन में एंटीऑस्टियोपोरोटिक मौजूद होते हैं जो ऑस्टियोपोरोसिस रोग की संभावना को खत्म करते हैं। अतः हड्डियों के स्वास्थ के लिए सहजन को अपने आहार में शामिल करें। 

8. जोड़ों के दर्द में फायदा (Benefits of Joint Pain)- सहजन में दर्द निवारक और एंटीइंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं जोड़ों के दर्द को कम करके सूजन से भी राहत दिलाते हैं। इसके लिये सहजन की गोंद का लेप जोड़ों पर कर सकते हैं या सहजन के पत्तों को तेल के साथ पीसकर, थोड़ा गुनगुना करके लेप लगा सकते हैं या सहजन की बीजों के तेल की मालिश कर सकते हैं। 

9. एनीमिया से राहत दिलाए (Relieve Anemia)- एनीमिया का सीधा संबंध आयरन से होता है। सहजन में आयरन की पर्याप्त मात्रा मात्रा होती है। इससे हीमोग्लोबिन में वृद्धि होती है। इसके अतिरिक्त सहजन की पत्तियों के एथनोलिक एक्सट्रेक्ट में एंटीएनीमिया गुण पाए जाते हैं जो हीमोग्लोबिन के स्तर में सुधार करने का काम करते हैं। अतः सहजन की पत्तियों का सूप बना कर पी सकते हैं या किसी और रूप में जैसे परांठे आदि बनाकर सेवन कर सकते हैं। 

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10. बंद नाक खोले (Open Clogged Nose)- सर्दी के मौसम में अक्सर जुकाम हो जाता है, खांसी, सीने में जकड़न आदि की भी शिकायत रहती है। ऐसे में सहजन की पत्तियों को और फलियों को काटकर पानी में डालकर उबालकर भाप लें। इससे बंद नाक खुल जाएगी और सीने में जमा बलगम से भी राहत मिल जाएगी। 

आप सहजन की पत्तियों की चाय बनाकर भी पी सकते हैं। इसके अतिरिक्त टीबी, ब्रोंकाइटिस या अस्थमा की समस्या में सहजन की पत्तियों के साथ, काली मिर्च, नींबू और सेंधा नमक मिलाकर सूप बनाकर पीएं। इससे राहत मिलेगी। 

11. यौन रोगों में फायदेमंद (Beneficial in Sexual Diseases)- सहजन के लाभ यौन रोगों/यौन विकारों के निवारण में भी देखे जा सकते हैं। सहजन की पत्तियों के सेवन से शुक्राणुओं की संख्या में वृद्धि होती है, गुणवत्ता में सुधार होता है, कामशक्ति और काम क्षमता बढ़ती है तथा वीर्य गाढ़ा होता है। 

इसके लिये सहजन की पत्तियों के अर्क का सेवन करें।  सहजन की छाल के पाउडर का सेवन करने से शीघ्रपतन और नपुंसकता की समस्या दूर होती है। इसके लिए सहजन की छाल का पाउडर, शहद और पानी के साथ सेवन करें। 

12. गर्भावस्था में लाभकारी (Beneficial in Pregnancy)- गर्भावस्था में महिला को भोजन में अतिरिक्त विटामिन और खनिज की आवश्यकता होती है, विशेषकर आयरन की। सहजन में आयरन, कैल्शियम, कैरोटीन, फॉस्फोरस, ज़िंक आदि कई खनिज होते हैं जो गर्भवती महिला तथा गर्भस्थ शिशु के स्वास्थ की आवश्यकता को पूरा करते हैं। 

विटामिन-सी प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाने में मदद करता है। गर्भवती महिला, सहजन की छाल को छोड़कर, सहजन को किसी और रूप में सेवन कर सकती है। सहजन की पत्तियों का अर्क विशेष फायदा करता है। इससे प्रसव में संभावित समस्या नहीं होती और  डिलवरी के बाद होने दर्द से राहत मिलती है।

सहजन के नुकसान – Side Effects of Eating Drumstick

सहजन के कम सेवन से नुकसान की संभावना नहीं होती परन्तु इसके अधिक खाने से हो सकते हैं निम्न लिखित नुकसान –

1. सहजन हाई ब्लड प्रेशर को कम करने का काम करता है परन्तु जिन लोगों का ब्लड प्रेशर लो में रहता है उनको इसके अधिक सेवन से बचना चाहिए क्यों कि इससे और अधिक ब्लड प्रेशर कम हो सकता है। ऐसा होने पर समस्या बढ़ जाएगी।

2. बल्ड प्रेशर कम करने की भांति सहजन का अधिक सेवन ब्लड में ग्लुकोज़ लेवल को बहुत कम कर सकता है। इसलिए डायबिटीज के मरीज इसका सेवन बहुत अधिक मात्रा में ना करें। 

3. सहजन के पोषक तत्वों को ध्यान में रखते हुए, गर्भवती महिला को सहजन का सेवन करने की सलाह दी जाती है परन्तु इसकी छाल का किसी भी रूप में सेवन को मना किया जाता है। क्योंकि सहजन की छाल गर्भपात का कारण बन सकती है। 

Conclusion –

दोस्तो, आज के आर्टिकल में हमने आपको सहजन खाने के फायदे के बारे में विस्तार से जानकारी दी। सहजन क्या है, सहजन का उत्पादन, सहजन के गुण, सहजन के पोषक तत्व और सहजन के उपयोग, इन सब के बारे में भी विस्तार पूर्वक बताया। देसी हैल्थ क्लब ने इस आर्टिकल के माध्यम से सहजन के बहुत सारे फायदे बताए और कुछ नुकसान भी बताए। आशा है आपको ये आर्टिकल अवश्य पसन्द आयेगा।

दोस्तो, इस आर्टिकल से संबंधित यदि आपके मन में कोई शंका है, कोई प्रश्न है तो आर्टिकल के अंत में, Comment box में, comment करके अवश्य बताइये ताकि हम आपकी शंका का समाधान कर सकें और आपके प्रश्न का उत्तर दे सकें। और यह भी बताइये कि यह आर्टिकल आपको कैसा लगा। आप इस पोस्ट को अपने दोस्तों और सगे – सम्बन्धियों के साथ भी शेयर कीजिये ताकि सभी इसका लाभ उठा सकें। दोस्तो, आप अपनी टिप्पणियां (Comments), सुझाव, राय कृपया अवश्य भेजिये ताकि हमारा मनोबल बढ़ सके। और हम आपके लिए ऐसे ही Health-Related Topic लाते रहें। धन्यवाद।

Disclaimer – यह आर्टिकल केवल जानकारी मात्र है। किसी भी प्रकार की हानि के लिये ब्लॉगर/लेखक उत्तरदायी नहीं है। कृपया डॉक्टर/विशेषज्ञ से सलाह ले लें।

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सहजन खाने के फायदे
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दोस्तो, आज के आर्टिकल में हमने आपको सहजन खाने के फायदे के बारे में विस्तार से जानकारी दी। सहजन क्या है, सहजन का उत्पादन, सहजन के गुण, सहजन के पोषक तत्व और सहजन के उपयोग, इन सब के बारे में भी विस्तार पूर्वक बताया।
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