स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग पर। दोस्तो, मनुष्य अपने शरीर पर जमी गंदगी तो रोजाना नहाकर साफ़ कर लेता है परन्तु क्या आप जानते हैं कि शरीर के अंदर भी गंदगी जमती है। जी हां, शरीर के अंदर भी गंदगी जमती है जिसे “विषाक्त पदार्थ” (Toxins) के नाम से जाना जाता है। यद्यपि इन विषाक्त पदार्थों की सफाई का काम लिवर और किडनी करते हैं परन्तु जब ये शरीर में अधिक मात्रा में जमा हो जाते हैं तो ये स्वास्थ को हानि पहुंचाते हैं। इसलिये इस गंदगी को शरीर से बाहर निकालना बेहद जरूरी हो जाता है। क्योंकि शरीर में जमा गंदगी को बाहर निकालकर संभावित रोगों को रोका जा सकता है। मगर इस गंदगी को बाहर निकालें कैसे? दोस्तो यही है हमारा आज का टॉपिक “शरीर में जमी गंदगी कैसे निकालें”।
देसी हैल्थ क्लब इस आर्टिकल के माध्यम से आज आपको विषाक्त पदार्थों के बारे में से जानकारी देगा और यह भी बताएगा इनको शरीर से बाहर कैसे निकाला जाए। तो, सबसे पहले जानते हैं कि विषाक्त पदार्थ क्या हैं और डिटॉक्सिफिकेशन क्या है। फिर इसके बाद बाकी बिंदुओं पर जानकारी देंगे।
विषाक्त पदार्थ क्या हैं? – What are Toxins?
जीवित कोशिकाओं और जीवों की चयापचय गतिविधियों द्वारा उत्पादित पदार्थों को विषाक्त पदार्थ कहा जाता है। इनको प्राकृतिक विषाक्त पदार्थ कहा जाता है। ये सामान्यतः नुकसानदायक नहीं होते परन्तु शरीर में जब ये बहुत अधिक मात्रा में जम जाते हैं तो मानव और पशुओं के स्वास्थ पर बुरा प्रभाव पड़ता है। इन विषाक्त पदार्थों के सामान्य स्रोत जहरीले पौधे, कवक, शैवाल, बैक्टीरिया और समुद्री बायोटॉक्सिन होते हैं।
ये बहुत छोटे अणु , पेप्टाइड्स या प्रोटीन के रूप में हो सकते हैं तथा एंजाइम या सेलुलर रिसेप्टर्स जैसे जैविक मैक्रोमोलेक्यूल्स के साथ वार्तालाप करके शरीर के ऊतकों के साथ संपर्क स्थापित करके या अवशोषण पर रोग उत्पन्न करने का कारण बनते हैं।
डिटॉक्सिफिकेशन क्या है? – What is Detoxification?
शरीर में जमा विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने को विषहरण यानि डिटॉक्सिफिकेशन (Detoxification) कहा जाता है। डिटॉक्सिफिकेशन से अभिप्राय रक्त को शुद्ध करने से है। डिटॉक्सिफिकेशन द्वारा लिवर, किडनी, आंतों, फेफड़ों, लसिका प्रणाली और त्वचा आदि से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकाला जा सकता है।
इससे प्राकृतिक रूप से शरीर की आंतरिक सफाई हो जाती है। प्राचीन काल में अधिकतर लोग डिटॉक्सिफिकेशन के लिए उपवास रखते थे और आज भी कुछ लोग इस विधि को अपनाते हैं।
शरीर में गंदगी जमा होने के कारण – Cause of the Detox in the Body
शरीर में गंदगी जमा होने के निम्नलिखित कारण होते हैं :-
- असंतुलित और पोषण रहित भोजन
- खान-पान से संबंधित गलत आदतें
- तनाव, अवसाद, चिंता, भय
- प्रदूषण
- धूम्रपान
- शराब, ड्रग्स व अन्य नशीले पदार्थ
- अधिक मीठा खाना
- व्यायाम या कोई अन्य शारीरिक गतिविधि ना करना
- स्वास्थ के प्रति लापरवाही करना
शरीर में गंदगी जमा होने के लक्षण – Symptoms of the Detox in the Body
शरीर में विषाक्त पदार्थों के जम जाने से निम्नलिखित लक्षण प्रकट होते हैं –
- जीभ के रंग में परिवर्तन, शरीर में विषाक्त पदार्थों के जमने का मुख्य लक्षण है।
- सारा दिन थकावट और कमजोरी महसूस करना।
- त्वचा पर खुजली होना या कोई अन्य चर्म रोग।
- एलर्जी होना।
- जननांग में संक्रमण।
- आंखें लाल होना।
- आंखों के नीचे के क्षेत्र में सूजन।
- मासिक धर्म से जुड़ी समस्याएं होना।
- पेट फूलना (Bloating)
- मानसिक भ्रम
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शरीर में जमी गंदगी दूर करने के उपाय – How to Detox Your Body
दोस्तो, अब बताते हैं आपको कुछ निम्नलिखित उपाय जिनको अपनाकर शरीर में जमा विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालकर शरीर के अंदर की गंदगी को दूर कर सकते हैं –
1. पानी (Water)- जब भी सफाई की बात आती है तो पानी का नाम सबसे पहले आता है। रही शरीर की सफाई की बात, तो बाहर से नहा कर सफाई हो जाती। जहां तक शरीर के अंदर की बात है तो पानी से बेहतर और सरल उपाय कोई नहीं है।
प्रतिदिन सुबह खाली पेट एक या दो गिलास ठंडा या गर्म जैसी आपकी इच्छा हो पानी पीएं, इससे शरीर के विषाक्त पदार्थ मल त्याग करते समय निकल जाएंगे। रात को सोने से पहले भी एक गिलास पानी पीएं, इससे आपके शरीर में पानी की कमी नहीं होगी। यह आपको डिहाइड्रेशन से बचाएगा।
2. खीरा (Cucumber)- हमने ऊपर बताया है कि पानी से शरीर के विषाक्त पदार्थ निकल जाएंगे और रात को पानी पीने से शरीर में पानी की कमी नहीं होगी। यहां हम बता दें कि खीरा एक ऐसा फल है जिसमें 90 प्रतिशत पानी पाया जाता है और यह भी शरीर में पानी की कमी को पूरा करता है।
साथ ही यह शरीर से विषाक्त पदार्थों को भी निकालने में मदद करता है। इसके लिये प्रतिदिन खीरा को सलाद के रूप खाइए, इससे शरीर स्वस्थ भी रहेगा।
3. हरी सब्जियां (Green Vegetables)- हरी सब्जियां शरीर की अंदर से प्राकृतिक रूप से सफाई करती हैं। यह शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालने का एक उत्तम उपाय है। हरी सब्जियों में एंटीऑक्सीडेंट गुण उच्च मात्रा में उपस्थित होते हैं।
इसके अतिरिक्त ये विटामिन और खनिजों से समृद्ध होती हैं। पालक, मेथी, करेला, बार्ले, ब्रोकली, सरसों का साग, घीया, तोरई आदि को अपने भोजन में शामिल करें।
4. लहसुन (Garlic)- लहसुन केवल मसाला ही नहीं बल्कि एक आयुर्वेदिक औषधि है जिसका उपयोग प्राचीन काल से किया जाता रहा है। लहसुन, एंटीफंगल, एंटीऑक्सीडेंट, एंटीबैक्टीरियल, एंटीवायरल, एंटीडायबिटिक आदि अनेक गुणों से समृद्ध होता है।
इसमें सल्फर की पर्याप्त मात्रा होती है तथा इसमें ऐसे एंजाइम होते हैं जो रक्त का शुद्धिकरण करते हैं। शरीर के विषैले पदार्थों से मुक्ति पाने के लिए प्रतिदिन सुबह खाली पेट लहसुन की एक या दो कली चबाएं या पानी के साथ निगल लें।
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5. हरी प्याज (Green Onions)- हरी प्याज वास्तव में प्याज का कच्चा रूप है जो कि सफेद रंग की होती है। इसके ऊपर लंबी-लंबी हरे रंग की गोलाकार, खोखली नलिकाएं लगी होती हैं, इसीलिए इसे हरी प्याज कहा जाता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट, एंटीइंफ्लेमेटरी, एंटीहाइपरटेंसिव, एंटीबैक्टीरियल आदि गुण मौजूद होते हैं।
इसके सेवन से पाचन शक्ति बढ़ती है, यह डायबिटीज में फायदा करती है और हाई ब्लड प्रेशर को कम करती है। हरी प्याज उन एंजाइम्स को सक्रिय करती है जो विषैले पदार्थों के विरुद्ध लड़ते हैं। शरीर की अंदर से सफाई करने के लिये हरी प्याज को सलाद या सब्जी के रूप में इस्तेमाल करें।
6. हरा धनिया (Green Coriander)- हरा धनिया, वस्तुतः एक औषधीय पौधा है जिसके हरे पत्तों का उपयोग सब्जी में खुश्बू स्वाद बढ़ाने के लिए किया जाता है। सूख जाने पर इसके बीजों का उपयोग मसाले के रूप में किया जाता है। यह पाचन शक्ति को बढ़ाता है। इसे ब्लड शुगर को कम करने के लिये रामबाण उपाय माना जाता है।
हरा धनिया एंटीऑक्सीडेंट, एंटीमाइक्रोबियल, एंटीइंफ्लेमेटरी, एंटीफंगल, एंटीहाइपरटेंसिव, एंटीडायबिटिक आदि गुणों से सम्पन्न होता है। भोजन में इसका नियमित रूप से सेवन करना चाहिए, यह शरीर को डिटॉक्सिफाइ करने में मदद करता है। यह विषाक्त पदार्थों से लड़ने वाले एंजाइम्स को ट्रिगर करता है।
7. मीठा कम खाएं (Eat Less Sweets)- जहां तक संभव हो, मीठा कम खाएं क्योंकि रक्त में शुगर की अधिक मात्रा का प्रभाव इंसुलिन उत्पादन पर पड़ता है। इससे डायबिटीज होने की भी संभावना रहती है। इसलिए रक्त की शुद्धि के लिये और शरीर की आंतरिक सफाई के लिये यह आवश्यक है कि मीठे पदार्थों का कम सेवन किया जाए।
8. नीम (Neem)- नीम एक ऐसा वृक्ष है जिसे औषधि वृक्ष कहा जाता है क्योंकि नीम 40 प्रकार के गंभीर और सामान्य रोगों के इलाज में काम आता है। इसके पत्ते, फूल, फल, छाल, जड़, तेल सभी का औषधी के रूप इस्तेमाल किए जाते हैं। नीम एंटीऑक्सिडेंट, एंटीपैरासिटिक, एंटीफंगल, एंटीडायबिटिक, एंटीइंफ्लेमेटरी, एंटीमाइमरियल, एंटीवायरल, एंटीबैक्टीरियल, एंटीमाइक्रोबियल आदि गुणों से भरपूर होता है।
नीम में एक शक्तिशाली एंटीस्कोरब्युटिक (antiscorbutic) यानि रक्त शोधक गुण पाया जाता है। यह गुण डिटॉक्सिफिकेशन (detoxification) के रूप में कार्य करते हुए विषाक्त पदार्थों को खत्म करता है और शरीर के सभी अंगों में आवश्यक पोषक तत्व तथा ऑक्सीजन भेजने में मदद करता है। विषाक्त पदार्थों को निकालने के लिए रोजाना नीम की 4-5 कोमल पत्तियां खाएं।
9. भरपूर नींद लें (Get Plenty of Sleep)- शरीर की थकावट दूर करने के लिये, मांसपेशियों को आराम देने के लिये 7 से 8 घंटे नींद बहुत जरूरी है। जब नींद पूरी हो जाती है तो अगले दिन शरीर में स्फूर्ति बनी रहती है अन्यथा दिन में नींद सताती है जो स्वास्थ के लिए हानिकारक होती है।
भरपूर नींद आने से शरीर एक प्रकार से रीसेट हो जाता है। यह शरीर को डिटॉक्सिफाई करने का एक अच्छा और प्राकृतिक तरीका है। नींद पूरी होने से तनाव भी कम होता है।
10. जीभ की सफाई (Tongue Cleaning)- आपने अक्सर देखा होगा कि कुछ लोग सुबह ब्रश करके जीभ को भी खुरचते रहते हैं ताकि जीभ की सफाई भी हो जाए। ये इसलिये किया जाता है कि जीभ पर जमा हुआ म्यूकस हट जाए क्योंकि जब शरीर में विषाक्त पदार्थ जमा होने लगते हैं तो जीभ का प्राकृतिक रंग बदल जाता है,
यह शरीर में विषाक्त पदार्थ जमा होने की सबसे बड़ी पहचान है। इनको खत्म करने के लिये रोजाना जीभ की सफाई करें, इसके लिए कॉपर के स्क्रैपर का उपयोग करें क्योंकि कॉपर में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं।
11. व्यायाम (Exercise)- शारीरिक गतिविधियां ना होने या कम होने के कारण भी शरीर में विषाक्त पदार्थ जमा होते हैं। इसलिये शरीर की अंदर से सफाई करने के लिये प्रतिदिन 40-45 मिनट का व्यायाम करें। इसके लिये मॉर्निंग वॉक भी कर सकते हैं।
यदि मॉर्निंग वॉक के लिए भी समय नहीं है तो हर घंटे में केवल 5-10 मिनट निकालिये और इस समय में थोड़ा टहलिये और अपने शरीर को स्ट्रेच कीजिए, अंगड़ाई लीजिए। इससे शरीर की थकान खत्म होती रहेगी, रक्त संचार में सुधार होगा और विषाक्त पदार्थ भी समाप्त होते रहेंगे।
12. कपालभाती (Kapalbhati)- कपालभाती सही मायने में एक शक्तिशाली आयुर्वेदिक अभ्यास है जिसके द्वारा शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकाला जा सकता है। यह नाक द्वारा सांस लेने और छोड़ने की सरल प्रक्रिया है जो रक्त में ऑक्सीजन बढ़ाने, फेफड़ों, लिवर और किडनी के कार्य में सुधार करती है। यह प्रक्रिया शरीर में संतुलन बनाए रखती है।
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Conclusion –
दोस्तो, आज के आर्टिकल में हमने आपको शरीर में जमी गंदगी कैसे निकालें के बारे में विस्तार से जानकारी दी। विषाक्त पदार्थ क्या हैं?, डिटॉक्सिफिकेशन क्या है?, शरीर में गंदगी जमा होने के कारण और शरीर में गंदगी जमा होने के लक्षण, इन सब के बारे में भी विस्तार पूर्वक बताया। देसी हैल्थ क्लब ने इस आर्टिकल के माध्यम से शरीर में जमी गंदगी को दूर करने के बहुत सारे उपाय भी बताए। आशा है आपको ये आर्टिकल अवश्य पसन्द आयेगा।
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Disclaimer – यह आर्टिकल केवल जानकारी मात्र है। किसी भी प्रकार की हानि के लिये ब्लॉगर/लेखक उत्तरदायी नहीं है। कृपया डॉक्टर/विशेषज्ञ से सलाह ले लें।
It’s nice Article