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करी पत्ता के फायदे  – Health Benefits of Curry Leaves in Hindi

करी पत्ता के फायदे

दोस्तो, आपने नीम की पत्तियां तो खाई होंगी, सबको पता है बहुत कड़वी होती हैं परन्तु क्या आपने काला नीम  या मीठा नीम के बारे में सुना है? जी हां, वास्तव में ऐसा कोई नीम होता ही नहीं है। एक पौधा होता है जिसकी पत्तियां नीम की पत्तियों से मिलती जुलती होती हैं मगर स्वाद ना मीठा होता है और ना कड़वा, कुछ हल्का सा कसैला होता है। इस पौधे का नाम है “करी पत्ता” और हम इसी के बारे में आपको बतायेंगे। दोस्तो, मध्य और दक्षिण भारत में तो इसके बिना भोजन की कल्पना भी नहीं की जा सकती। अब, उत्तर भारत में भी इसने रफ्तार पकड़ी है। दक्षिण भारतीय व्यंजनों के अतिरिक्त इसे कढ़ी और दालों में डाला जाता है। इसकी विशेषता है कि यह भोजन को आसानी से पचने में मदद करता है। इसके अतिरिक्त स्वास्थ के लिये और भी बहुत फायदे होते हैं। दोस्तो, यही है हमारा आज का टॉपिक “करी पत्ता के फायदे”।  देसी हैल्थ क्लब इस आर्टिकल के माध्यम से आज आपको करी पत्ता के बारे में विस्तार से जानकारी देगा और यह भी बतायेगा कि करी पत्ता खाने के क्या फायदे होते हैं। तो, सबसे पहले जानते हैं कि करी पत्ता क्या है और इसकी की खेती कहां होती है। फिर इसके बाद बाकी बिन्दुओं पर जानकारी देंगे।

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करी पत्ता के फायदे
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करी पत्ता क्या है? – What is Curry Leaf?

करी पत्ता भारतीय मूल का सदाबहार पौधा है जो जंगलों में दो वर्ष तक जीवित रह सकता है। यह उष्णकटिबंधीय और उप-उष्णकटिबंधीय प्रदेशों में पाये जाने वाला रुतासी (Rutaceae) परिवार का वृक्ष है। इसका वैज्ञानिक नाम मुर्राया कोएनिगी (Murraya koenigii) है और अंग्रेजी में Curry Leaf कहते हैं। करी पत्ता वृक्ष के पत्तों को करी पत्ता, या कढ़ी पत्ता कहा जाता है। इसकी पत्तियां नीम के पत्तियों की तरह होती हैं, इसीलिये इसको काला नीम या मीठा नीम भी कहा जाता है मगर इसका नीम के साथ कोई संबंध नहीं है। करी पत्ता का दक्षिण भारत के व्यंजनों के साथ घनिष्ट संबंध सदियों पुराना है।

तमिल साहित्य में पहली और चौथी शताब्दी के बीच और कन्नड़ साहित्य में कुछ शताब्दी के बाद करी पत्ता के उपयोग के प्रमाण मिलते हैं। करी पत्ता वृक्ष की ऊंचाई 15 से 20 फिट तक हो  मगर सकती है इन्हें लगभग 2 मीटर से अधिक नहीं बढ़ने दिया जाता क्योंकि पौधे पर फूल आने के बाद इसका विकास रूक जाता है। इसके पौधे पर सफ़ेद रंग के छोटे-छोटे फूल आते हैं जो खूशबूदार होते हैं। ये छोटे-छोटे फूल काले बेर के समान फल बन जाते हैं। इन फलों को खाया जाता है मगर फलों के बीज जहरीले होते हैं जिनको कभी नही खाना चाहिये। करी पत्ता का पौधा 10 से 15 वर्ष तक पैदावार देता है। 

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करी पत्ता की खेती कहां होती है? – Where is Curry Leaf Cultivated?

1. करी पत्ता की जन्म स्थली भारत है और भारत के अलावा यह श्रीलंका में पाया जाता है। 

2. भारत में इसे केरल, तमिलनाडू, कर्नाटक, बिहार, पश्चिमी बंगाल, असम और उत्तर पूर्व के कुछ पहाड़ी राज्यों में उगाया जाता है। 

करी पत्ता के गुण – Properties of Curry Leaves

1. करी पत्ता की तासीर ठंडी होती है।

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2. करी पत्ता के पौधे के प्रत्येक हिस्से से एक तेज और विशेष प्रकार की खुश्बू आती है।

3. करी पत्ता में एंटीडायबिटीक, एंटीऑक्सीडेंट, एंटीमाइक्रोबियल, एंटीफंगल, एंटीबैक्टीरियल, एंटीइन्फ्लेमेटरी, हिपैटोप्रोटेक्टिव, एंटीहाइपरकोलेस्ट्रौलेमिक आदि गुण मौजूद होते हैं। 

4. करी पत्ता में कई विटामिन, प्रोटीन और मैग्नेशियम, कैल्शियम, कॉपर, फॉस्फोरस, आयरन जैसे खनिज मौजूद होते हैं। 

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करी पत्ता के पोषक तत्व (प्रति 100 ग्राम) – Nutrients of Curry Leaves (per 100 g)

ऊर्जा                        108.000 Kcal

प्रोटीन                       6.100 ग्राम

वसा                          1.000 ग्रा.

कार्बोहाइड्रेट               18.700 ग्रा.

फाइबर                      6.400 ग्रा.

कैल्शियम                   830.000 मि.ग्रा.

मैग्नीशियम                 44.000 मि.ग्रा.

मैंगनीज                      0.150 मि ग्रा.

फास्फोरस                  57.000 मि.ग्रा.

आयरन                      0.930 मि.ग्रा.

कॉपर                         0.100 मि.ग्रा.

जिंक                          0.200 मि.ग्रा.

निकोटिनिक एसिड 2.3 मि.ग्रा.

थायमिन                      0.080 मि.ग्रा.

कैरोटीन 

(विटामिन ए के रूप में) 12600 .U

विटामिन-सी                4 मि.ग्रा.

राइबोफ्लेविन               0.210 मि.ग्रा.

नियासिन                     2.300 मि.ग्रा.

फोलिक एसिड (फ्री)     23.500 माइक्रो.ग्रा.

फोलिक एसिड (कुल)   93.900 माइक्रो.ग्रा.

करी पत्ता का उपयोग – Use of Curry Leaves

करी पत्ता का निम्न प्रकार से उपयोग किया जाता है।

1. करी पत्ता का सबसे ज्यादा उपयोग मध्य भारत के महाराष्ट्र और दक्षिण भारत के राज्यों तथा श्रीलंका में तरी  (रसेदार) व्यंजनों में जैसे सब्जी, दाल, सांभर, रसम आदि में छौंक के रूप में तेजपत्ता के समान होता है। 

2. उत्तर भारत में भी अब दक्षिण भारतीय भोजन बनने लगा है तो यहां भी दाल, सांभर, रसम आदि में करी पत्ता का उपयोग होने लगा है। उत्तर भारत में इसका सबसे ज्यादा उपयोग कढ़ी में किया जाता है।

3. करी पत्ता के पत्तों को पीसकर चटनी भी बनाई जाती है।

4. किसी विशेष रोग में करी पत्ता के रस का भी उपयोग किया जाता है।

5. करी पत्ता का पेस्ट बनाकर स्कैल्प पर हेयर पैक के रूप में उपयोग किया जा सकता है।

6. करी पत्ता के पत्तों को उबालकर बाल धोने के काम में लाया जा सकता है।

7. करी पत्ता का पेस्ट बनाकर फेसपैक के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। 

8. त्वचा विकार में करी पत्ता के पत्तों को उबालकर इसके गुनगुने पानी से नहाया जा सकता है।

करी पत्ता की मात्रा – Amount of Curry Leaves

1. करी पत्ता के लगभग 8-10 पत्ते एक बार के भोजन में उपयोग में लाये जा सकते हैं। 

2. किसी विशेष रोग के लिये विशेषज्ञ की सलाह के अनुसार उपयोग करें 

करी पत्ता के फायदे  – Health Benefits of Curry Leaves

दोस्तो, करी पत्ता के गुण और उपयोग जानने के बाद अब आपको बताते हैं इसके फायदे जो निम्नलिखित हैं –

1. पाचन क्रिया को सही रखे (Maintain Proper Digestion)- दोस्तो, करी पत्ता खाने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह पाचन क्रिया को ठीक रखता है जिससे पेट की समस्याऐं नहीं होतीं। कुछ खाद्य पदार्थ ऐसे होते हैं जो भारी होते हैं यानि देर से पचते हैं। करी पत्ता के गुण ऐसे सभी खाद्य पदार्थों को मुलायम करके पचने लायक बनाते हैं। करी पत्ता शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने का काम करता है।

यदि किसी को अपच, कब्ज, एसिडिटी, गैस आदि की समस्या है तो उसको करी पत्ता का सेवन जरूर करना चाहिये। भोजन में करी पत्ता के उपयोग के अतिरिक्त, दही या छाछ के साथ भी करी पत्ता का सेवन करना चाहिये। करी पत्ता के कार्मिनेटिव गुण कब्ज की समस्या को दूर करते हैं। यह एंटीबैक्टीरियल के रूप में कार्य करके पेट की सभी समस्याओं को दूर करता है। इसके लिये रोजाना सुबह खाली पेट करी पत्ता के चार पत्ते चबायें। 

2. कीमोथेरेपी के दुष्प्रभावों को कम करे (Reduce the Side Effects of Chemotherapy)- जर्नल ऑफ चाइनीज़ मेडिसन में प्रकाशित एक रिसर्च के अनुसार कीमोथेरेपी और रेडियो थेरेपी के दुष्प्रभावों को कम करने में करी पत्ता सक्षम होता है। करी पत्ता क्रोमोसोम्स को क्षति होने से बचाता है और साथ ही बोन मैरो की भी रक्षा करता है। करी पत्ता फ्री रेडिकल्स को भी शरीर से बाहर निकालने में मदद करता है। 

यह भी पढ़ें- कीमोथेरेपी क्या है?

3. डायबिटीज में फायदेमंद (Beneficial in Diabetes)- डायबिटीज से पीड़ित मरीजों के लिये करी पत्ता अच्छा विकल्प है मगर सावधानी से इसका इस्तेमाल करना चाहिये। रोजाना रोजाना सुबह खाली पेट करी पत्ता के चार पत्ते चबा लें, यही काफी है। करी पत्ता के एंटीडायबिटीक गुण इंसुलिन की गतिविधि पर अपना प्रभाव छोड़ते हैं और शुगर लेवल को कंट्रोल करते हैं। करी पत्ता के हाइपोग्लाइसेमिक गुण शुगर लेवल को कम करने में मदद करते हैं। करी पत्ता के ज्यादा खाने से शुगर लेवल बहुत ज्यादा कम हो सकता है जिससे समस्या बन सकती है। 

4.एनीमिया से राहत दिलाए (Relieve Anemia)- शरीर में रक्त की कमी को एनीमिया कहा जाता है, इसका कारण आयरन की कमी होना भी होता है। भोजन से आयरन को सोखने का काम फोलिक एसिड करता है, शरीर में पर्याप्त मात्रा में आयरन उपलब्ध होने पर रक्त की कमी नहीं होती। करी पत्ता से आयरन की पर्याप्त मात्रा मिल जाती है और इसमें फोलिक एसिड की प्रचुर मात्रा होती है। इसके अतिरिक्त करी पत्ता में कैल्शियम, जिंक और वैनेडियम की भी अच्छी मात्रा होती है। ये सब खनिज एनीमिया की समस्या से राहत दिलाने में मदद करते हैं। प्रतिदिन सुबह खाली पेट एक खजूर और तीन करी पत्तों को खायें। रक्त की कमी पूरी हो जायेगी।

5.आंखों की दृष्टि के लिए फायदेमंद (Beneficial for Eyesight)- आंखों की दृष्टि के लिये विटामिन-ए एक आवश्यक आवश्यकता है। जो आंखों की दृष्टि को बनाये रखने में अपनी सक्रिय भूमिका निभाता है। इसकी कमी से रतौंधी रोग होने की संभावना रहती है। आंखों के लिये करी पत्ते के एशेंसियल ऑयल को फायदेमंद माना गया है। करी पत्ता में विटामिन-ए की पर्याप्त मात्रा उपस्थित होती है जो दृष्टि को बनाये रखने में मदद करता है। इसके लिये रोजाना सुबह खाली पेट करी पत्ता चबायें।

7. कफ को बाहर निकाले (Take Out the Phlegm)- सर्दियों में सर्दी-जुकाम होना आम समस्या है। परन्तु कुछ लोगों को यह समस्या अक्सर हर मौसम में रहती ही है। लंबे समय तक जुकाम बने रहने से या नाक की हड्डी बढ़ जाने से साइनोसाइटिस नामक रोग हो जाता है। इन स्थितियों में कफ छाती में जमने लगता रहता है। ऐसे में करी पत्ता बहुत काम आता है। करी पत्ता में मौजूद विटामिन-सी और ए, के कंपाउंड केमेफेरोल में एंटीइंफ्लेमेटरी तत्व उपस्थित होता है, जो कि छाती और गले से जमे हुऐ कफ को बाहर निकालने में मदद करता है। इसके लिये एक चम्मच करी पत्ता के पाउडर को एक चम्मच शहद में मिलाकर दिन में दो बार सेवन करें। 

8. मॉर्निंग सिकनेस में फायदा (Benefits of Morning Sickness)- गर्भावस्‍था में जी मिचलाना और उल्‍टी होने की स्थिति को मॉर्निंग सिकनेस कहा जाता है। इसे मेडिकल भाषा में नॉजिया (nausea) और वॉमिटिंग इन प्रेगनेंसी कहते हैं।  ये लक्षण, गर्भावस्था के चौथे और 16वें सप्ताह के बीच प्रकट होते हैं। मॉर्निंग सिकनेस दिन में, रात में कभी भी हो सकती है, जरूरी नहीं कि सुबह ही हो। इस स्थिति में करी पत्ता बहुत फायदा करता है। इसके लिये करी पत्ता और नींबू के रस में चीनी मिलाकर पीयें। बहुत राहत महसूस होगी।

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9. वजन कम करे (Lose Weight)- नेशनल सेंटर ऑफ बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन की वेबसाइट पर मौजूद एक शोध बताती है कि की मानें तो करी पत्ता में डाइक्लोरोमेथेन, एथिल एसीटेट और महानिम्बाइन जैसे विशेष तत्व उपस्थित होते हैं जो वजन कम करने, कोलेस्ट्रॉल कम करने और ट्राइग्लिसराइड के स्तर को नियंत्रित करने में सक्षम होते हैं। जो लोग अपना वजन कम करना चाहते हैं वे रोजाना सुबह खाली पेट करी पत्ता का सेवन करें। इसके लिये पानी में 10-15,  करी पत्ते उबालकर नींबू और शहद मिलाकर पीयें। मगर इसके साथ कम से कम 45 मिनट का व्यायाम भी जरूरी है। 

10. लिवर के लिये फायदेमंद (Beneficial for Liver)- लिवर पर ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस बढ़ने से लिवर की समस्या उत्पन्न होती है और यह स्ट्रेस बनता है अल्कोहॉल और मछली में पाये जाने वाले mercury की वजह से। करी पत्ता में टैनिन और कार्बाजोले एल्कलॉइड तत्व उपस्थित होते हैं और इन तत्वों में पाये जाने वाले हेप्टोप्रोटेक्टिव लिवर की कार्यक्षमता को बढ़ाने में मदद करते हैं। लिवर की समस्या के लिये देसी घी में एक कप करी पत्ता का रस, थोड़ी सी चीनी और थोड़ा सा काली मिर्च पाउडर मिलाकर उबाल लें। फिर इसे हल्का ठंडा करके पीयें। 

11. कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करे (Control Cholesterol)- करी पत्ता में एंटीऑक्सीडेटिव प्रभाव पाये जाते हैं जो खराब LDL को कम करने में मदद करते हैं और करी पत्ता के एंटीऑक्सिडेंट, अच्छे कोलेस्ट्रॉल HDL को बढ़ाने का काम करते हैं। इस तरह करी पत्ता कोलेस्ट्रॉल की गतिविधि पर नियंत्रण रखते हुऐ कोलेस्ट्रॉल का सामान्य स्तर बनाये रखता है। रोजाना सुबह खाली पेट करी पत्ता के 4-5 पत्ते चबाना लाभदायक होगा। 

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12. हृदय को स्वस्थ रखे (Keep Heart Healthy)- करी पत्ता के सेवन से डायबिटीज, खराब कोलेस्ट्रॉल, बढ़ता वजन ये हृदय के लिये घातक होते हैं। इनकी वजह से हार्ट अटैक का जोखिम बढ़ जाता है। करी पत्ता के सेवन से डायबिटीज कंट्रोल में रहती है, खराब कोलेस्ट्रॉल LDL की मात्रा कम होती है, वजन कम होता है और इस तरह हृदय सुरक्षित रहता है। कड़ी पत्ते के एंटीऑक्सीडेंट कोलेस्ट्रॉल का ऑक्सीकरण होने से रोकते हैं जिससे शरीर में खराब कोलेस्टरॉल LDL की मात्रा नहीं बढ़ती।

13. त्वचा के लिये फायदेमंद (Beneficial for Skin)- करी पत्ता के फायदे त्वचा के लिये भी देखे जा सकते हैं। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट, एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण त्वचा को अनेक प्रकार के संक्रमण से बचाते हैं। इन्हीं गुणों के कारण करी पत्ता का उपयोग सौंदर्य उत्पादों में किया जाता है। करी पत्ता के सेवन से त्वचा में नमी बनी रहती है और त्वचा में निखार आता है। करी पत्ता युक्त क्रीम सूर्य की हानिकारक अल्ट्रावायलेट किरणों से त्वचा को बचाती है और नेचुरल पिग्मेंटेशन को बनाए रखने में मदद करती है। 

14. बालों के लिये फायदेमंद (Beneficial for Hair)-  बालों के स्वास्थ के लिये भी करी पत्ता लाभकारी होता है। एक शोध के अनुसार ताजा करी पत्तों को नारियल के तेल में उबालकर, ठंडा होने पर इस मिश्रण को स्कैल्प पर लगाया जा सकता है। इससे डैंड्रफ की समस्या, बाल झड़ने की समस्या खत्म हो सकती है। इससे बालों के विकास में सुधार होता है और बालों की रंगत बनी रहती है।

करी पत्ता के नुकसान – Side Effects of Curry Leaves

यद्यपि करी पत्ता के कोई विशेष नुकसान नहीं हैं अधिक सेवन से हो सकते हैं समस्याऐं हो सकती हैं –

1. किसी को एलर्जी हो सकती है, यदि कुछ ऐसा महसूस होता है तो इसका उपयोग तुरन्त बंद कर देना चाहिये।

2. गर्भवती और स्तनपान करने वाली महिलाऐं डॉक्टर की सलाह पर इसका सेवन करें।

3. डायबिटीज के मरीजों को इसका अधिक मात्रा में सेवन नहीं करना चाहिये क्योंकि बल्ड शुगर लेवल बहुत ही कम हो सकता है। 

4. यदि करी पत्ता के हेयर पैक से या तेल से सिर में जलन, खुजली जैसी समस्या महसूस होती है तो इसका उपयोग तुरन्त बंद कर देना चाहिये।

Conclusion – 

दोस्तो, आज के आर्टिकल में हमने करी पत्ता के फायदे के बारे में विस्तार से जानकारी दी। करी पत्ता क्या है, करी पत्ता की खेती कहां होती है, करी पत्ता के गुण, करी पत्ता के पोषक तत्व, करी पत्ता का उपयोग और करी पत्ता की मात्रा, इन सब के बारे में भी विस्तार पूर्वक बताया। देसी हैल्थ क्लब ने इस आर्टिकल के माध्यम से करी पत्ता खाने के बहुत सारे फायदे बताये और कुछ नुकसान भी बताये। आशा है आपको ये आर्टिकल अवश्य पसन्द आयेगा। 

दोस्तो, इस आर्टिकल से संबंधित यदि आपके मन में कोई शंका है, कोई प्रश्न है तो आर्टिकल के अंत में, Comment box में, comment करके अवश्य बताइये ताकि हम आपकी शंका का समाधान कर सकें और आपके प्रश्न का उत्तर दे सकें। और यह भी बताइये कि यह आर्टिकल आपको कैसा लगा। आप इस पोस्ट को अपने दोस्तों और सगे – सम्बन्धियों के साथ भी शेयर कीजिये ताकि सभी इसका लाभ उठा सकें। दोस्तो, आप अपनी टिप्पणियां (Comments), सुझाव, राय कृपया अवश्य भेजिये ताकि हमारा मनोबल बढ़ सके। और हम आपके लिए ऐसे ही Health-Related Topic लाते रहें। धन्यवाद।
Disclaimer – यह आर्टिकल केवल जानकारी मात्र है। किसी भी प्रकार की हानि के लिये ब्लॉगर/लेखक उत्तरदायी नहीं है। कृपया डॉक्टर/विशेषज्ञ से सलाह ले लें।

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करी पत्ता के फायदे
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दोस्तो, आज के आर्टिकल में हमने करी पत्ता के फायदे के बारे में विस्तार से जानकारी दी। करी पत्ता क्या है, करी पत्ता की खेती कहां होती है, करी पत्ता के गुण, करी पत्ता के पोषक तत्व, करी पत्ता का उपयोग और करी पत्ता की मात्रा, इन सब के बारे में भी विस्तार पूर्वक बताया है।
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