स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग में। दोस्तो, आज हम आपको बताएंगे एक ऐसी सब्जी के बारे में जिसे विश्व की सबसे प्राचीनतम और कठोर सब्जियों में से एक होने गौरव प्राप्त है। इतना ही नहीं प्राचीन काल में सर्बिया में इस सब्जी ने मानव और पशुओं के प्राण रक्षा करते हुए विश्व में प्रसिद्धि प्राप्त की थी। तब से इस अनूठी सब्जी को विश्व की सबसे महत्वपूर्ण सब्जी फसलों में से एक माना जाता है क्योंकि इसका उपयोग मनुष्यों और मवेशियों दोनों के भोजन के लिए किया जाता है। इस सब्जी का उत्पत्ति स्थान क्या है और कब इसकी खेती की गई, इस बारे में बहुत गड़बड़झाला है। जी हां, हम बात कर रहे हैं शलजम की। शलजम एक जड़ वाली सब्जी की फसल है। आखिर ऐसा क्या है इस शलजम में। दोस्तो, यही है हमारा आज का टॉपिक “शलजम खाने के फायदे”।
देसी हैल्थ क्लब इस आर्टिकल के माध्यम से आपको शलजम के बारे में विस्तार से जानकारी देगा और यह भी बताएगा कि इसे खाने के क्या फायदे होते हैं। तो, सबसे पहले जानते हैं कि शलजम क्या है और इसकी खेती कहां होती है। फिर, इसके बाद बाकी बिंदुओं पर जानकारी देंगे।
शलजम क्या है? – What is Turnip?
शलजम जड़ वाली सब्जी है जो सर्दियों के मौसम में बाजार में आती है। यह विश्व की सबसे पुरानी और सख्त सब्जियों में से एक है। इसे मनुष्यों और मवेशियों दोनों के उपयोग के लिए उगाया जाता है। शलजम की जड़ ही सब्जी होती है। इसके तने और पत्ते भूमि के ऊपर होते हैं। इसकी जड़, तना और पत्तों सभी का उपयोग किया जाता है। तने और पत्तों का साग बनाया जाता है।
शलजम जड़ यानि सब्जी विटामिन-सी, ई, के और बी कॉम्लेक्स, कार्बोहाइड्रेट, फास्फोरस, कैल्शियम, फाइबर, आयरन जैसे महत्वपूर्ण पोषक तत्वों और औषधीय गुणों से समृद्ध होती है। यह स्वास्थ के लिए अत्यंत लाभकारी होती है। शलजम के गुणों के कारण इसकी खेती विश्व में लगभग 127 देशों में की जाती है। शलजम का कंद ऊपर से हल्का बैंगनी और नीचे से सफेद होता है। यह शलजम का सबसे आम प्रकार है। इसके अतिरिक्त शलजम एकदम सफेद, लाल आदि रंग की होती हैं।
यह लगभग 30 प्रकार की होती है जिनके अलग-अलग आकार और अलग-अलग रंग होते हैं। जहां तक शलजम के पौधे की बात है तो यह शरद ऋतु का पौधा है जो गर्मी सहन नहीं कर सकता। इसका पौधा लगभग 18 इंच तक ऊंचा हो जाता है और इस पर पीले या नारंगी रंग के फूल आते हैं। इसके पत्ते मूली की तरह चौड़े होते हैं। शलजम के पत्ते विटामिन-ए, सी, के, फोलिट और कैल्शियम का भरपूर स्रोत होते हैं। ब्रैसीकेसी (Brassicaceae) परिवार से संबंध रखने वाली शलजम का वानस्पतिक नाम ब्रासिका रापा (Brassica rapa) है। इसे अंग्रेजी में टर्निप (Turnip) कहा जाता है।
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शलजम की खेती कहां होती है? – Where is Turnip Cultivated?
1. शलजम के उत्पादन में विश्व में चीन पहले स्थान पर है और उज़्बेकिस्तान दूसरे स्थान पर है।
2. भारत सहित लगभग 127 देशों में शलजम की खेती की जाती है जिनमें, चीन, उज़्बेकिस्तान, रूस, अमेरिका, युक्रेन, पोलैंड, यूके, फ्रांस, जापान, इंडोनेशिया, टर्की, कज़ाख़िस्तान, इटली, नीदरलैण्ड, पाकिस्तान, ईरान, ईराक, आस्ट्रेलिया, इजराइल, दक्षिणी अफ्रीका, श्रीलंका, सीरिया, लीबिया, रोमानिया, यूनान, सूडान, सर्बिया, नार्वे, मंगोलिया, पुर्तगाल, चिली, हंगरी, डेनमार्क, नामिबिया, बुल्गारिया, मॉरिशस, लेबनान, साइप्रस, जार्जिया, माल्टा, कांगो, भूटान आदि प्रमुख हैं।
3. भारत के बिहार, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और तामिलनाडू राज्यों में शलगम की खेती की जाती है।
शलजम के गुण – Properties of Turnip
- शलजम की तासीर गर्म होती है।
- शलजम का स्वाद कच्ची गोभी के तरह थोड़ी मिठास लिए होता है। शलजम के पत्तों का स्वाद कड़वा होता है।
- एंटीऑक्सीडेंट, एंटीडायबिटिक, एंटी-इंफ्लामेटरी, एंटीमाइक्रोबियल आदि गुण होते हैं।
- शलजम कोलेस्ट्रॉल फ्री होती है और फैट भी नहीं के बराबर होता है।
- शलजम में विटामिन-सी, ई, के और बी कॉम्लेक्स, कार्बोहाइड्रेट, फास्फोरस, कैल्शियम, फाइबर, आयरन, मैग्नीशियम, ज़िंक, कॉपर जैसे खनिज होते हैं। शलजम के साग में विटामिन-ए की भी अच्छी मात्रा होती है।
शलजम के पोषक तत्व (मात्रा प्रति 100 ग्राम) – Nutrients of Turnip (Quantity per 100 Grams)
- पानी : 91.87 ग्राम
- एनर्जी : 28 kcal
- प्रोटीन : 0.9 ग्राम
- टोटल फैट : 0.1 ग्राम
- कोलेस्ट्रॉल : 0.0 ग्राम
- कार्बोहाइड्रेट : 6.43g
- फाइबर, कुल डाइटरी : 1.8g
- शुगर टोटल : 3.8 ग्राम
- कैल्शियम : 30 मिलीग्राम
- पोटेशियम : 191 मिलीग्राम
- सोडियम : 67 मिलीग्राम
- फास्फोरस : 27 मिलीग्राम
- आयरन : 0.3 मिलीग्राम
- मैग्नीशियम : 11 मिलीग्राम
- सेलेनियम : 0.7 माइक्रोग्राम
- जिंक : 0.27 मिलीग्राम
- कॉपर : 0.085 मिलीग्राम
- विटामिन-सी
- (कुल एस्कॉर्बिक एसिड) : 21 मिलीग्राम
- प्रोविटामिन ए: डीवी का 35%
- विटामिन-ए : 6,380 .U
- (एक कप कच्चे शलजम के साग में)
- विटामिन-ई : 0.03 मिलीग्राम
- विटामिन-के
- (फाइलोक्नविनोन) : 0.1 माइक्रोग्राम
- विटामिन-बी1(थियामिन) : 0.04 मिलीग्राम
- विटामिन-बी2
- (राइबोफ्लेविन) : 0.03 मिलीग्राम
- विटामिन-बी3 (नियासिन) : 0.4 मिलीग्राम
- विटामिन-बी6 : 0.09 मिलीग्राम
- विटामिन-बी9 (फोलेट) : 15 माइक्रोग्राम
- फैटी एसिड,
- टोटल सैचुरेटेड : 0.011 ग्राम
- फैटी एसिड,
- टोटल मोनोअनसैचुरेटेड : 0.006 ग्राम
- फैटी एसिड,
- टोटल पॉलीअनसैचुरेटेड : 0.053 ग्राम
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शलजम के उपयोग – Uses of Turnip
शलजम के उपयोग निम्न प्रकार से किया जा सकता है –
- शलजम की सब्जी बनाई जाती है।
- शलजम को कच्चा भी खाया जाता है।
- अन्य सलाद के साथ मिलाकर, इसे सलाद के रूप में खाया जाता है।
- मांस के साथ शलजम को मिलाकर भी मीट बनाया जाता है।
- शलजम का जूस निकाल कर पी सकते हैं।
- अन्य साग के साथ शलजम के पत्ते मिलाकर साग बनाया जाता है। यहां हम स्पष्ट कर दें कि खेत में शलजम बनने से पहले शलजम के पत्तों को साग बनाने के लिए तोड़ा जाता है, तब तक इनमें कड़वाहट नहीं होती। शलजम बनने के बाद इसके पत्तों में कड़वाहट आ आती है।
- शलजम का सूप भी बनाया जा सकता है।
- शलजम का अचार भी बनाया जाता है।
- शलजम और शलजम के पत्ते पशुओं के आहार के रूप में काम आते हैं।
शलजम खाने का सही समय – Right Time to Eat Turnip
शलजम खाने का कोई समय निर्धारित नहीं है, इसे आप कभी भी खा सकते हैं।
शलजम कितनी खानी चाहिए? – How Much Turnip Should One Eat?
शलजम की तासीर गर्म होती है, इसलिए इसका कम मात्रा में ही सेवन करना चाहिए। अधिक मात्रा में खाने से पेट से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए आहार विशेषज्ञ पूरे दिन में केवल आधा कप ही शलजम की सब्जी खाने की सलाह देते हैं।
शलजम किन लोगों को नहीं खानी चाहिए? – Who Should Not Eat Turnips?
शलजम कुछ लोगों की समस्या बढ़ा सकती है इसलिये इनको शलजम का सेवन नहीं करना चाहिए। विवरण निम्न प्रकार है –
- पित्ताशय वाले मरीजों को शलजम को अवॉइड करना चाहिए क्योंकि शलजम में मौजूद ऑक्सीलेट्स की कम मात्रा उनकी समस्या बढ़ा सकती है।
- जिन लोगों को गैस की समस्या रहती है उनको भी शलजम को शलजम अवॉइड करना चाहिए।
- रक्त पतला करने वाली दवा का सेवन करने वाले लोगों को भी शलजम या शलजम के साग के दूर रहना चाहिए क्योंकि इनमें उपस्थित विटामिन-के, रक्त के थक्के जमने को आमन्त्रित कर सकता है।
- थायराइड से पीड़ित लोग और जो थायराइड की दवा ले रहे हैं, को शलजम का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि शलजम या इसका साग थायराइड हार्मोन में हस्तक्षेप कर उनकी समस्या को बढ़ा सकता है।
- लो ब्लड प्रेशर वाले लोग शलजम का सेवन ना करें क्योंकि इसमें मौजूद पोटेशियम की उच्च मात्रा ब्लड प्रेशर को और कम करके समस्या बढ़ा सकती है।
- जो लोग सीने के दर्द से परेशान हैं और वे नाइट्रेट थेरेपी ले रहे हैं तो उनको शलजम और शलजम के साग का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि इनमें नाइट्रेट की उच्च मात्रा होती है और नाइट्रेट शरीर में जाकर नाइट्राइट में परिवर्तित में हो जाता है।
शलजम खाने के फायदे – Benefits of Eating Turnip
और अब जानते हैं शलजम खाने के फायदों के बारे में जो निम्न प्रकार हैं –
1. लिवर को सुरक्षित रखे (Protect the Liver)- लिवर का मुख्य कार्य पित्त का निर्माण करना है जो पाजन प्रक्रिया के समय विषाक्त/अपशिष्ट पदार्थों को शरीर से बाहर निकालता है। यह पित्त वसा को तोड़ने का भी काम करता है। पाचन के दौरान लिवर विषाक्त अमोनिया को यूरिया में बदलने का कार्य करता है। यह रक्त के थक्के जमने को कंट्रोल करता है। स्वस्थ लिवर स्वस्थ पाचन प्रणाली का आधार होता है। कुल मिलाकर लिवर शरीर का अति महत्वपूर्ण हिस्सा है।
यदि इसको कोई क्षति होती है तो समझिए कि शरीर का पूरा सिस्टम गड़बड़ा जाता है। शलजम में उपस्थित ग्लूकोसाइनोलेट्स, फ्लेवोनोइड्स, फिनोल, आइसोथियोसाइनेट्स, वोलेटाइल्स, इंडोल्स और सल्फर यौगिक जैसे कई कार्बनिक यौगिक एंटीऑक्सीडेंट के रूप में कार्य करते हुए लिवर की संरचना और कार्यों की रक्षा करते हुऐ लिवर की क्षति की संभावना को दूर करते हैं। इस प्रकार शलजम का सेवन करने से लिवर सुरक्षित रहता है।
2. किडनी को सुरक्षित रखे (Protect Kidneys)- लिवर के समान ही किडनी भी शरीर का महत्वपूर्ण हिस्सा है। किडनी के मुख्य कार्य रक्त को फिल्टर करने का है। यह रक्त को फिल्टर कर, अपशिष्ट और विषाक्त पदार्थों को एक तरफ कर देती है इनको, अतिरिक्त पानी और तरल पदार्थों को मूत्र के रूप में परिवर्तित कर देती है। इसलिए इसका स्वस्थ रहना भी लाजिमी हो जाता है। शलजम में मौजूद फ्लेवोनोइड्स यौगिक एंटीऑक्सीडेंट गतिविधियां प्रदर्शित करते हुए किडनी में ऑक्सीडेटिव स्ट्रैस को कम करने का काम करते हैं और किडनी को सुरक्षित रखने का काम करते हैं।
3. आंखों के लिए फायदेमंद (Beneficial for Eyes)- विटामिन-ए को मुख्यतः आंखों का विटामिन माना जाता है। शलजम और शलजम के साग में पर्याप्त मात्रा में विटामिन-ए होता है जो आंखों दृष्टि को बढ़ाने का काम करता है। एक रिसर्च यह बताती है कि शलजम के साग में ल्यूटिन (lutein) और जियाजैंथिन (zeaxanthin) दो यौगिक उपस्थित होते हैं जो उम्र से संबंधित धब्बेदार अध: पतन (Age related Macular Degeneration – AMD) जैसे रोग से बचाने का काम करते हैं। शलजम के सेवन से इस जोखिम को दूर किया जा सकता है।
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4. शरीर की बदबू दूर करे (Remove Body Odor)- कई बार खुद को महसूस होता है कि शरीर से बदबू आ रही है जबकि व्यक्ति रोजाना नहाता है। ऐसा अधिकतर गर्मी के महीने में होता है जब बार-बार पसीना आता है। ऐसे में शलजम का जूस निकालर पीएं। इस समस्या से छुटकारा मिल जाएगा। शरीर से बदबू आनी बंद हो जाएगी।
5. फेफड़ों के लिए फायदेमंद (Beneficial for Lungs)- शलजम का फायदा फेफड़ों के स्वास्थ के लिए लाभकारी होता है। शलजम में मौजूद विटामिन-सी, एंटीऑक्सीडेंट के रूप में काम करते हुए और विटामिन-ए, फेफड़ों से जुड़ी समस्याओं का निवारण करते हैं। फेफड़े की सूजन, एम्फाइज़िमा जैसी समस्याओं से राहत मिलती है। शलजम के गुण धूम्रपान के कारण फेफड़ों में जमा गंदगी को दूर करने का काम करते हैं।
6. दर्द और सूजन से राहत दिलाए (Provide Relief from Pain and Swelling)- शलजम में दर्द निवारक एनाल्जेसिक गुण और सूजनरोधी एंटीइंफ्लामेटरी गुण मौजूद होते हैं जो शरीर में दर्द और सूजन को कम करते हैं। विशेषतौर पर पुराना दर्द है या गठिया के कारण सूजन और दर्द है, से राहत दिलाने का काम करते हैं। गठिया और पुराने दर्द से राहत पाने के लिए शलजम के पत्ते उबालकर सेवन करें।
7. कैंसर के जोखिम को दूर करे (Eliminate Cancer Risk)- माना जाता है कि शलजम के सेवन से कैंसर के जोखिम को दूर किया जा सकता है। यह शरीर को डिटोक्सीफाई करके हानिकारक रसायनों और विषाक्त पदार्थों से छुटकारा दिला सकती है। शलजम में मौजूद विटामिन-ई, मैंगनीज और बीटा-कैरोटीन जैसे तत्व एंटीऑक्सीडेंट के रूप में कार्य करते हुए कैंसर कोशिकाओं को पनपने से रोक सकते हैं और ब्रेस्ट कैंसर, मलाशय और ट्यूमर के खतरे को कम कर सकते हैं।
8. वजन कम करे (Lose Weight)- शलजम में कैलोरी कम होती है मगर फाइबर की उच्च मात्रा होती है। कम कैलोरी और हाई फाइबर वजन को कंट्रोल करने में मदद करते हैं।
फाइबर की वजह से लंबे समय तक भूख नहीं लगती। पानी की अधिक मात्रा शरीर को हाइड्रेट रखने का काम करता है। कार्ब्स और प्रोटीन की वजह से कमजोरी महसूस नहीं होती। वजन कम करने के लिए शलजम एक अच्छा विकल्प है।
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शलजम खाने के नुकसान – Disadvantages of Eating Turnip
शलजम के अधिक खाने से हो सकते हैं निम्नलिखित नुकसान –
- दस्त लग सकते हैं।
- पेट में गैस बन सकती है।
- पेट में दर्द हो सकता है और ऐंठन हो सकती है।
- शरीर में ऑक्सीजन की कमी महसूस हो सकती है इससे दैनिक सामान्य कार्यों में बाधा आ सकती हे।
- फास्फोरस की मात्रा अधिक होने से किडनी प्रभावित हो सकती है।
- हड्डियों पर भी बुरा असर पड़ सकता है।
- शलजम के जरिए रक्त में पोटेशियम की अधिक मात्रा हो जाने पर हृदय गति असामान्य हो सकती है।
Conclusion –
दोस्तो, आज के आर्टिकल में हमने आपको शलजम के बारे में विस्तार से जानकारी दी। शलजम क्या है, शलजम की खेती कहां होती है, शलजम के गुण, शलजम के पोषक तत्व, शलजम के उपयोग, शलजम खाने का सही समय, शलजम कितनी खानी चाहिए और शलजम किन लोगों को नहीं खानी चाहिए, इन सब के बारे में भी विस्तार पूर्वक बताया। देसी हैल्थ क्लब ने इस आर्टिकल के माध्यम से शलजम खाने के बहुत सारे फायदे बताए और शलजम खाने के कुछ नुकसान भी बताए। आशा है आपको ये आर्टिकल अवश्य पसन्द आयेगा।
दोस्तो, इस आर्टिकल से संबंधित यदि आपके मन में कोई शंका है, कोई प्रश्न है तो आर्टिकल के अंत में, Comment box में, comment करके अवश्य बताइये ताकि हम आपकी शंका का समाधान कर सकें और आपके प्रश्न का उत्तर दे सकें। और यह भी बताइये कि यह आर्टिकल आपको कैसा लगा। आप इस पोस्ट को अपने दोस्तों और सगे – सम्बन्धियों के साथ भी शेयर कीजिये ताकि सभी इसका लाभ उठा सकें। दोस्तो, आप अपनी टिप्पणियां (Comments), सुझाव, राय कृपया अवश्य भेजिये ताकि हमारा मनोबल बढ़ सके। और हम आपके लिए ऐसे ही Health-Related Topic लाते रहें। धन्यवाद।
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