दोस्तो, आपका स्वागत है हमारे ब्लॉग पर। हमारा आज का टॉपिक एक ऐसा खाद्य पदार्थ है जो प्राचीन काल से रसोई का महत्वपूर्ण अभिन्न अंग रहा है। जिसके बिना व्यंजनों (सब्जियों, दाल आदि) की कल्पना भी नहीं की जा सकती। मूंग की दाल हो या उड़द की दाल या फिर खिचड़ी, इनमें इसका तड़का, स्वाद में सोने पर सुहागा बन जाता है। और साग में इसका छोंक लग जाये तो समझिये कि जन्नत का स्वाद मिल गया। मांसाहार बनाना तो इसके बिना संभव ही नहीं है। जी हां, हम बात कर रहे हैं लहसुन की। यही है हमारा आज का टॉपिक। आज के लेख में हम आपको लहसुन के फायदे के विषय में विस्तार से जानकारी देंगे। तो जानते हैं इसके बारे में कि लहसुन क्या है।
लहसुन क्या है? – What is Garlic?
दोस्तो, लहसुन, प्याज परिवार की एक प्रजाति है जिसे प्याज की ही भांति भूमि के नीचे से ही निकाला जाता है। इसकी अपनी विशेष सुगंध होती है। इसका स्वाद चटपटा और तीखा होता है जो पकने के बाद बहुत कुछ मीठा सा हो जाता है। इसका उपयोग भोजन बनाने और औषधीयों के लिये किया जाता है। इसकी उपयोगिता इतिहास के पन्नों से सिद्ध हो जाती है कि प्रथम विश्व युद्ध के समय कच्चे लहसुन के रस को घावों पर एंटीसेप्टिक के रूप में इस्तेमाल किया गया था जिससे हजारों लोगों को बचाने में मदद मिली थी। लहसुन को ‘प्राकृतिक एंटीबायोटिक’ का स्थान प्राप्त है।
लहसुन का मूल स्थान मध्य एशिया है। अब पूरे विश्व में इसकी खेती होती है। यह बारहमासी फसल है। इसकी खेती चीन, तिब्बत, ईरान, पर्शिया, इज़राइल, यूरोप, मैक्सिको में होती है। विश्व में चीन के बाद लहसुन के उत्पादन में भारत का दूसरा स्थान है। भारत में मध्यप्रदेश लहसुन का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है।
लहसुन के प्रकार – Types of Garlic
दोस्तो, वैसे तो पूरे विश्व में लगभग 300 प्रकार का लहसुन पाया जाता है लेकिन हमारे देश भारत में दो प्रकार का लहसुन पाया जाता है, जो इस प्रकार हैं :-
1. सामान्य लहसुन (Common garlic)- इसे सॉफ्टनेक गार्लिक (Softneck garlic) भी कहा जाता है। यह सामान्यतः सब्जी बेचने वालों के पास या किराना की दुकानों पर मिलता है। इसको लम्बे समय तक स्टोर किया जा सकता है। यह आमतौर पर प्रत्येक घर में सब्जी बनाने के लिये इस्तेमाल किया जाता है। इसकी जड़ में 5 से 35 पंखुड़ियां होती हैं।
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2. कश्मीरी लहसुन(Kashmiri Garlic) – इसे हिमालयन गार्लिक या हार्डनेक गार्लिक (Gardneneck garlic) कहा जाता है। इसे अधिक समय तक स्टोर करके नहीं रखा जा सकता। इसका स्वाद सामान्य लहसुन से बिल्कुल अलग होता है। यह लहसुन हिमालय की तराई यानि ऊंची पहाड़ियों पर नीचे वाली जमीन पर शुद्ध वातावरण में उगाया जाता है। इसके औषधीय गुण भी सामान्य लहसुन से अलग होते हैं ।
लहसुन से जुड़ी कुछ विशेष रोचक/ऐतिहासिक जानकारी
1. 19 अप्रैल को राष्ट्रीय लहसुन दिवस मनाया जाता है।
2. आयुर्वेद में षट् रस (6 स्वाद) वर्णन मिलता है। लहसुन में पांच स्वाद मिलते हैं – तीखा, नमकीन, मीठा, कड़वा और कसैला। केवल एक खट्टा स्वाद नहीं मिलता।
3. सिरका और नींबू के रस में लहसुन के अर्क को मिलाकर डिसइन्फेक्टेंट के रूप में उपयोग किया जा सकता है।
4. लहसुन से कुत्ते और बिल्लियों को दूर रखना चाहिए क्योंकि यह उनके लिए विषैला हो सकता है।
5. ग्रीक और रोमन के सैनिक युद्ध से पहले लहसुन का सेवन करते थे।
6. प्राचीन ग्रीस में विवाह समारोह में लहसुन और अन्य जड़ी बूटियों से बने गुलदस्ते दिये जाने की परम्परा थी।
7. ग्रीस में लहसुन को, कुछ देवताओं के लिए उपयुक्त प्रसाद माना जाता था।
8. इतिहासकारों के अनुसार कई वर्षों पूर्व ग्रीस ओलंपिक खिलाड़ी बेहतर प्रदर्शन करने के लिए लहसुन का सेवन करते थे।
9. प्राचीन मिस्र में गुलामों को, जो पिरामिड का निर्माण कार्य करते थे, लहसुन का इस्तेमाल सप्लीमेंट के रूप में कराया जाता था।
10. प्रथम विश्व युद्ध के समय कच्चे लहसुन के रस को घावों पर एंटीसेप्टिक के रूप में इस्तेमाल किया गया था जिससे हजारों लोगों को बचाने में मदद मिली थी।
11. द्वितीय विश्व युद्ध में भी लहसुन को एंटीसेप्टिक की तरह घाव के संक्रमण के लिए उपयोग किया गया था।
लहसुन के गुण – Properties of Garlic
1. लहसुन की तासीर गर्म होती है।
2. लहसुन में एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-फंगल और एंटी-वायरल गुण होते हैं। एलीसीन (Allicin) और सल्फर यौगिक तथा एजोइन (Ajoene) यौगिक भी पाये होते हैं।
3. उपरोक्त जो तत्वों और यौगिकों के कारण लहसुन का स्वाद कड़वा होता है।
पोषक तत्वों का विवरण (मात्रा प्रति 100 ग्राम)
वॉटर (पानी) 58.58 ग्राम
एनर्जी 149 केसीएल
प्रोटीन 6.36 ग्राम
टोटल लिपिड (फैट) 0.5 ग्राम
कार्बोहायड्रेट 33.06 ग्राम
फाइबर 2.1 ग्राम
शुगर 1 ग्राम
पोटेशियम 401 मिलीग्राम
कैल्शियम 181 मिलीग्राम
आयरन 1.7 मिलीग्राम
मैग्नीशियम 25 मिलीग्राम
फास्फोरस 153 मिलीग्राम
सोडियम 17 मिलीग्राम
जिंक 1.16 मिलीग्राम
कॉपर 0.299 मिलीग्राम
सेलेनियम 14.2 माइक्रोग्राम
थायमिन 0.2 मिलीग्राम
नियासिन 0.7 मिलीग्राम
विटामिन-सी 31.2 मिलीग्राम
राइबोफ्लेविन 0.11 मिलीग्राम
पैंटोथैनिक एसिड 0.596 मिलीग्राम
विटामिन-बी6 1.235 मिलीग्राम
फोलेट, टोटल 3 माइक्रोग्राम
कॉलिन, टोटल 23.2 मिलीग्राम
ल्यूटिन + जियाजैंथिन 16 माइक्रोग्राम
विटामिन ई
(अल्फा-टोकोफेरॉल) 0.08 मिलीग्राम
फैटी एसिड, टोटल सैचुरेटेड 0.089 ग्राम
फैटी एसिड,
टोटल मोनोअनसैचुरेटेड 0.011 ग्राम
फैटी एसिड,
टोटल पॉलीअनसैचुरेटेड 0.249 ग्राम
लहसुन के फायदे – Benefits of Garlic
1. रक्तचाप को कम करे (Lower BP)- लहसुन उच्च रक्त चाप में फायदेमंद है। लहसुस की दो कलियां रोजाना चबायें इससे आपका उच्च रक्तचाप कम होकर रक्तचाप नियन्त्रण में रहेगा। लहसुन खाने के बाद में आप दूध भी पी सकते हैं। इससे आपको मुंह में चरपराहट/जलन कम हो जायेगी और मुंह से बदबू भी नहीं आयेगी। लहसुन में गामा-ग्लूटामिलसीस्टीन (gamma-glutamylcysteine) रसायन होता है जो प्राकृतिक तौर पर एसीई (ACE) अवरोधक होता है। यदि शरीर में एसीई एंजाइम बढ़ जाये तो बल्ड प्रेशर भी बढ़ जाता है। यह धमनियों को चौड़ा करता है जिसके कारण बल्ड प्रेशर नियंत्रण में रहता है। सल्फर की कमी होने पर भी ब्ल्ड प्रेशर हाई हो जाता है। लहसुन में एस-एललिस्सीस्टीन (S-allylcysteine), बायोएक्टिव सल्फर यौगिक पाया जाता है, जो ब्लड प्रेशर को 10 mmhg (सिस्टोलिक प्रेशर) और 8 mmhg (डायलोस्टिक प्रेशर) तक कम कर देता है।
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2. डायबिटीज में फायदेमंद (Diabetes)- लहसुन में पाये जाने वाले एंटी-डायबिटिक गुण डायबिटीज होने की संभावना को कम करते हैं। डायबिटीज वाले लोग कच्चा लहसुन खा सकते हैं यह डायबिटीज को कम करने में मदद करेगा। एनसीबीआई द्वारा प्रकाशित एक शोध के मुताबिक एक से दो हफ्ते के लिए लहसुन का सेवन डायबिटीज के रोगियों में शुगर का स्तर कम करने और नियंत्रित करने में लाभकारी पाया गया है।
3. कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करे (Cholesterol Control)- लहसुन खराब कोलेस्ट्रॉल, एलडीएल (LDL) को कम करने में रामबाण औषधी के रूप में काम करता है। लहसुन में पाये जाने वाला एंटी-हाइपरलिपिडेमिया गुण टोटल कोलेस्ट्रॉल और खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करता है। रात को लहसुन की दो या तीन कलियां छीलकर, छोटे-छोटे टुकड़े काट कर एक गिलास पानी में भिगो दें। सुबह खाली पेट इस पानी को पीयें। हो सके तो भीगा हुआ लहसुन भी खा जायें। बहुत जल्दी आपको फर्क लग जायेगा। देसी हैल्थ क्लब ने बहुत लोगों से बात की जिन्होंने इस फार्मूले को अपनाया और लाभ उठाया।
4. वजन कम करे (Lose Weight)- वजन कम करने के लिये लहसुन का सेवन बेहद फायदेमंद है। प्रतिदिन सुबह खाली पेट लहसुन की दो कलियां खायें। निश्चित रूप से फायदा होगा। लहसुन के एंटी-ओबेसिटी गुण मोटापे को कम करने में मदद करते हैं और थर्मोजेनेसिस (Thermogenesis) शरीर में गर्मी उत्पादन की प्रक्रिया को बढ़ा कर फैट बर्न करने में मदद करता है। लहसुन खाने से भूख दबती है और यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक स्नैक्स, चीनी वाले खाद्य पदार्थों, फास्ट फूड आदि खाने की इच्छा को भी कम कर देता है। लहसुन खाने से आपका बल्ड सर्कुलेशन भी ठीक रहेगा।
5. हृदय के स्वास्थ्य के लिए (Heart Health)- दोस्तो, देखा आपने लहसुन की दो कलियों का चमत्कारी फायदा। ये डायबिटीज से बचायें, खराब कोलेस्ट्रॉल कम करें, वजन कम करें, आपके ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखें तो हृदय तो स्वतः ही सुरक्षित हो गया। हृदय को स्वस्थ रखने के लिये भी आपको लहसुन की दो कलियां सुबह-सुबह खाली पेट खानी चाहियें। लहसुन, एथेरोस्क्लेरोसिस (Atherosclerosis) की संभावनाओं, या धमनियों के सख्त होने की गति/क्रिया को कम करता है। दोस्तो, हम बताना चाहेंगे एथेरोस्क्लेरोसिस रोग के बारे में। धमनियां ऑक्सीजन युक्त रक्त को हृदय सहित पूरे शरीर में ले जाती हैं। वसा, कोलेस्ट्रॉल, कैल्शियम तथा अन्य पदार्थों के कारण “प्लाक” बनता है जो समय गुजरते रहने के साथ (In the long run) धमनियों को सख्त बना देता हो और संकुचित कर देता है। यही “प्लाक” एथेरोस्क्लेरोसिस कहलाता है। धमनियों के सख्त और संकुचित होने पर रक्त प्रवाह की गति में रुकावट आती है। एथेरोस्क्लेरोसिस के कारण हृदय आघात (Heart attack) मस्तिष्क आघात (Brain concussion) हो सकता है यहां तक कि मृत्यु भी। अतः हृदय के स्वास्थ के लिये सुबह खाली पेट लहसुन की दो कलियां खाइये क्योंकि लहसुन के कार्डियो प्रोटेक्टिव गुण आपके हृदय की रक्षा करेंगे।
6. रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाये (Immunity)- लहसुन की कलियों के सेवन से रोग-प्रतिरोधक क्षमता में सुधार होता है। यदि इसके लिये पुराना लहसुन (Aged Garlic) मिल जाये तो और भी बेहतर है। लहसुन में एंटीऑक्सीडेंट, और एंटी-बायोटिक गुण पाये जाते हैं और विटामिन-सी, बी6 और सेलेनियम और मैंगनीज़ जैसे खनिज होते हैं। ये सब रोगों से लड़ने की क्षमता को मजबूत बनाते हैं।
7. सर्दी-जुकाम, खांसी, बुखार आदि के लिए (Cold)- एक शोध से पता चला कि पुराने लहसुन (Aged Garlic) के अर्क की एक उच्च खुराक (प्रति दिन 2।56 ग्राम) से रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार होता है, जिससे सर्दी-जुकाम, खांसी, बुखार आदि का खतरा कम हो जाता है। कई बार लोग सर्दी-जुकाम में लहसुन खाने की सलाह देते हैं। खांसी में भुना हुआ लहसुन खाने को कहा जाता है। इसके अतिरिक्त लहसुन के सेवन से अस्थमा और ब्रोंकाइटिस जैसे विभिन्न श्वसन स्थितियों के उपचार में लाभ मिलता है। लहसुन में एंटी-बायोटिक और एंटी-वायरल प्रभाव होते हैं और एलिसिन नाम का कंपाउन्ड भी। ये सब सर्दी-जुकाम, खांसी, बुखार, अस्थमा आदि के उपचार main अपनी सक्रिय भूमिका निभाते हैं।
8. गठिया में लाभदायक (Arthritis)- लहसुन गठिया, विशेषकर संधिशोथ (rheumatoid) गठिया के उपचार में एक उत्तम विकल्प है। गठिया के दर्द और सूजन से राहत पाने के लिये लहसुन का उपयोग (खाली पेट) अत्यन्त लाभकारी है। लहसुन में पाये जाने वाले एंटी-ऑक्सिडेंट, एंटी-अर्थराइटिक और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण गठिया के दर्द और किसी भी रूप से हुई सूजन को कम करते हैं। लहसुन में पाये जाने वाला एकडायलिल डाइस्फाइड नामक यौगिक भी हानिकारक एंजाइमों को कम करने में मदद करता है। आप लहसुन के कैप्सूल या टैबलेट भी ले सकते हैं। लहसुन का तेल भी उपयोग किया जा सकता है।
9. हड्डियों के लिए (Bones)- लहसुन हड्डियों के लिए भी अत्यन्त लाभकारी है। लहसुन में पोटेशियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम और फॉस्फोरस पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। फॉस्फोरस हड्डियों के विकास में मदद करता है तो कैल्शियम हड्डियों को मजबूती देता है। हड्डियों की समस्या से छुटकारा पाने के लिये डॉक्टर भी कैल्शियम की गोलियां खाने की सलाह देते हैं। लहसुन में पाये जाने वाले ये सभी तत्व हड्डियों को स्वस्थ बनाते हैं और ऑस्टियोपोरोसिस जैसे अस्थि रोग से रक्षा करते हैं। कच्चा लहसुन खाने से या लहसुन युक्त दवाई के सेवन करने से शरीर में कैल्शियम अवशोषण (Absorption) में मदद मिलती है।
10. फंगल संक्रमण से राहत दिलाये (Fungal Infection)- फंगल इन्फेक्शन से दाद बनता है। फंगल इन्फेक्शन फफूंदी के संक्रमण से होता है। फफूंदी जैसा परजीवी बाहरी त्वचा की कोशिकाओं में पनपता है। लहसुन में शक्तिशाली एजीन (Ajoene) कम्पाउंड पाया जाता है जो प्राकृतिक एंटी फंगल एजेंट होता है और संक्रमण को ठीक करता है। लहसुन कैंडिडा से भी लड़ता है। लहसुन की एक या दो कलियों को पीस कर या लम्बी लम्बी परत काट कर दाद पर लगा दें और कच्चा लहसुन भी खायें।
11. पाचन प्रक्रिया में लाभकारी (Digestive Process)- लहसुन का सेवन पाचन से सम्बंधित सभी प्रकार के विकारों को खत्म करने के लिये किया जा सकता है। लहसुन पाचन तंत्र के लिए सबसे फायदेमंद होता है। इसका लसीका ग्रंथियों (Lymph) पर लाभकारी असर होता है। लहसुन शरीर के घातक पदार्थों को खत्म करता है। पेट के कार्यकलापों को नियंत्रित कर पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करता है। लहसुन की कलियों को क्रश करके पानी या दूध के साथ सेवन करें।
12. एलर्जी में फायदेमंद (Allergies)- लहसुन में एंटी-वायरल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण हर प्रकार की एलर्जी से लड़ने में सक्षम होते हैं। ये गुण एलर्जी वाले कोशिकाओं पर अपना प्रभाव दिखाकर रक्त प्रवाह से कोशिकाओं को हटाकर एलर्जी को ठीक करने में मदद करते हैं। लहसुन के गुण बंद नाक, छींकें आना और आंख से पानी आने जैसे एलर्जी के लक्षणों से छुटकारा दिलाते हैं।
13. दांत दर्द के लिये (Toothache)- लहसुन में एंटी-बैक्टीरियल और एनाल्जेसिक गुण दांत के दर्द को कम करने में अपना प्रभाव दिखाते हैं। लहसुन को क्रश करके दर्द वाले दांत और मसूड़ों पर लगायें। लहसुन का तेल भी दर्द वाले दांत पर लगा सकते हैं। मुंह के बुरे बैक्टीरिया दांत ख़राब होने का कारण बनते हैं। लहसुन में मौजूद एलिसिन कम्पाउन्ड खराब बैक्टीरिया को बढ़ने से रोकता है।
14. मुंह के स्वास्थ्य के लिए (Mouth Health)- लहसुन में पाये जाने वाला एलिसिन कम्पाउन्ड में एंटीमाइक्रोबायल गुण मौजूद होते हैं, जो मुंह के खराब बैक्टीरिया को खत्म करते हैं जो मसूड़ों के संक्रमण और मुंह की दुर्गन्ध का कारण बनते हैं। लहसुन के अर्क वाले माउथवॉश, लहसुन युक्त टूथपेस्ट आदि का उपयोग कैविटी की संभावना को खत्म करते हैं।
15. लिवर के लिए फायदेमंद (Liver)- लहसुन के सेवन से लिवर से सम्बंधित समस्याओं से छुटकारा मिल सकता है। लेकिन सीमित मात्रा में इसका सेवन किया जाना चाहिये। लहसुन में मौजूद एस-एलील्मर कैप्टोसाइटिस्टीन (एसएएमसी-एक प्रकार का यौगिक) नॉन अल्कोहलिक फैटी लिवर के उपचार में, लिवर को किसी प्रकार के चोट से बचाने में मददगार होता है। लहसुन का तेल भी फैटी लिवर के कारण हुई सूजन में फायदेमंद हो सकता है।
16. ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस कम करे (Oxidative Stress)- लहसुन का सेवन ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम कर सकते हैं। एक शोध के मुताबिक लहसुन के एंटीऑक्सीडेंट गुण सिस्प्लैटिन (Cisplatin), कैंसर की दवा, के कारण होने वाले ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम कर सकने में सक्षम है। शरीर में मुक्त कणों (Free radicals) और एंटीऑक्सीडेंट के असुंतलन को ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस कहा जाता है। मुक्त कणों के बढ़ जाने से डायबिटीज, हृदय रोग जैसी समस्यायें बन सकती हैं।
17. आंतो के लिए (Gut)- लहसुन के एंटीमाइक्रोबायल गुण आंतों के हानिकारक बैक्टीरिया एंटरोबैक्टीरिया (Enterobacteria) को उत्पन्न होने से रोकते हैं। ये गुण आंतो के लिए अच्छे बैक्टीरिया माइक्रोफ्लोरा (Intestinal Microflora) खराब बैक्टीरिया के बीच अंतर कर लेते हैं। लहसुन छोटी आंत को हानि पहुंचने से बचाव करता है। लेकिन यदि लहसुन का ज्यादा मात्रा में सेवन किया जाये तो पेट खराब भी हो सकता है और सीने में जलन भी।
18. मस्तिष्क संबंधी समस्याओं के लिये (Neurological)- अल्जाइमर यानि स्मरण शक्ति का बढ़ती उम्र के साथ क्षीण होते चले जाना और डिम्नेशिया अर्थात् मस्तिष्क संबंधी समस्याओं के लक्षणों का समूह (Group of symptoms related to mental problems); से बचाव करने में लहसुन के एंटीऑक्सीडेंट गुण सक्षम होते हैं।
19. आयरन और जिंक की कमी पूरी करे (Iron and Zinc Deficiency)- हमारे शरीर को विटामिन्स् , खनिज और अनेक पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। आयरन और जिंक ऐसे ही पोषक तत्व हैं जो हमारे शरीर को स्वस्थ रखते हैं। यदि शरीर में आयरन और जिंक की कमी है तो लहसुन का सेवन कीजिये ये इन दोनों तत्वों को शरीर में अवशोषण (Absorption) करने में मदद करता है।
20. कान दर्द के लिए (Ear Ache)- लहसुन कान के दर्द में भी फायदेमंद है। सरसों के तेल में लहसुन की कुछ कलियां डालकर काला रंग होने तक गर्म करें। फिर इसको ठंडा होने दें लेकिन बिल्कुल ठंडा नहीं, हल्का गुनगुना रहना चाहिये, अब इस तेल की दो बूंद कान में डालें और रुई लगा दें। दर्द में आराम मिलेगा।
21. त्वचा के लिये (Skin)- लहसुन में पाये जाने वाला एस-एलिल सिस्टीन यौगिक (S-allyl cysteine – Compound) त्वचा को सूर्य की हानिकारक से बचाता है। जिससे त्वचा पर झुर्रियां नहीं पड़तीं।
22. स्ट्रेच मार्क्स कम करे (Stretch Marks)- गर्भावस्था के समय, या तेजी से बढ़ते वजन के कारण अकसर त्वचा पर स्ट्रेच मार्क पड़ जाते हैं जो पूरी तरह नहीं मिटते परन्तु इनको कम किया जा सकता है। लहसुन इन स्ट्रेच मार्क्स को कम करने में मददगार हो सकता है।
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23. बालों के लिए (Hair)- एनसीबीआई द्वारा प्रकाशित एक शोध के यह बताती है कि लहसुन का जेल और बीटामेथासोन वैलेरेटका (Betamethasone Valerate) का मिश्रण; एलोपेसिया एरेटा (Alopecia Areata), बाल झड़ने की समस्या से छुटकारा दिला सकता है। लहसुन बालों के लिए उपयोगी हो सकता है।
24. यौन समस्याओं में फायदेमंद (Sexual Problems)- उन पुरूषों के लिये कच्चा लहसुन बेहद फायदेमंद है जो नपुंसकता (Erectile Dysfunction) की समस्या को झेल रहे हैं। कच्चे लहसुन की 2-4 कलियां चबाकर खाना, इनके लिये वरदान साबित हो सकता है। लहसुन में ऐफ्रोडिजिएक नामक कामोत्तेजक गुण होता है। लहसुन के सेवन से पुरूष जननांग में पूरी तरह रक्त का संचार होगा और इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की समस्या से राहत मिल जायेगी।
लहसुन के नुकसान – Side Effects of Garlic
1. मुंह से लहसुन की बदबू आती है जो आपको बहुत थोड़े समय के लिये दोस्तों से दूर कर सकती है।
2. कच्चे लहसुन से मुंह में, पेट में, सीने में जलन हो सकती है। मुंह में छाले भी हो सकते हैं।
3. किसी किसी को पेट दर्द, पेट फूलना, गैस आदि की समस्या हो सकती है।
4. लहसुन की रक्त को पतला करने के रूप में क्रिया होती है। लहसुन की रक्त पतला करने वाली दवाओं के साथ प्रतिक्रिया हो सकता है।
5. लहसुन अन्य दवाओं जैसे एंटीहाइपरटेन्सिव, कैल्शियम चैनल ब्लॉकर, एंटीप्लेटलेट, एंटीबायोटिक दवाओं के साथ प्रतिक्रिया दे सकता है।
6. यदि निकट भविष्य में कोई सर्जरी होने वाली है तो लहसुन का सेवन न करें क्योंकि लहसुन खाने से रक्तस्त्राव की समस्या हो सकती है।
7. गर्भवती महिलाऐं डॉक्टर से सलाह लेकर लहसुन का सेवन करें।
Conclusion
दोस्तो, आज के लेख में हमने आपको लहसुन के फायदे के बारे में विस्तार से जानकारी दी। लहसुन के प्रकार, इससे जुड़े रोचक एवं ऐतिहासिक तथ्यों और गुणों के बारे में बताया। और साथ ही लहसुन खाने के फायदे और नुकसान भी बताये। आशा है आपको ये लेख अवश्य पसन्द आयेगा। आप इस पोस्ट को अपने दोस्तों और सगे – सम्बन्धियों के साथ भी शेयर करें। ताकि सभी इसका लाभ उठा सकें। दोस्तो, हमारा आज का यह लेख आपको कैसा लगा, इस बारे में कृपया अपनी टिप्पणियां (Comments), सुझाव, राय अवश्य भेजिये ताकि हमारा मनोबल बढ़ सके। और हम आपके लिए ऐसे ही Health- Related Topic लाते रहें। धन्यवाद।
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Very informative