दोस्तो, स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग पर। दोस्तो, आपने नोटिस किया होगा कि जब भी मौसम बदलता है तब कुछ व्यक्तियों या बच्चों को खांसी, जुकाम बुखार हो जाते हैं जो कि सामान्य बात है। बुखार दो या तीन दिन में ठीक हो जाता है, खांसी और जुकाम भी कुछ दिनों में ठीक हो जाते हैं। परन्तु, यदि बुखार चार-पांच दिन में ठीक ना हो तो ये गंभीर समस्या हो सकती है। हमारा इशारा टाइफाइड की ओर है। जी हां दोस्तो, टाइफाइड का बुखार बहुत लंबा चलता है। इससे राहत पाने के लिये क्या करें। दोस्तो, यही है हमारा आज का टॉपिक “टाइफाइड का घरेलू उपाय“। दोस्तो, देसी हेल्थ क्लब इस लेख के माध्यम से आपको टाइफाइड के बारे में विस्तार से जानकारी देगा। तो, सबसे पहले जानते हैं कि टाइफाइड क्या होता है?
टाइफाइड क्या होता है? – What is Typhoid?
टाइफाइड को आंत्र ज्वर, मोतीझरा या मियादी बुखार के नाम से भी जाना जाता है। यह खतरनाक संक्रामक रोग है, यदि घर में किसी एक को हो जाये तो अन्य सदस्यों को भी टाइफाइड होने की संभावना रहती है। यह साल्मोनेला टाइफी (Salmonella typhi) नाम के बैक्टीरिया के कारण होता है जो, साल्मोनेला टाइफी से संक्रमित खाद्य पदार्थों या पानी के ग्रहण करने पर होता है। यह संक्रमण, संक्रमित व्यक्ति के द्वारा इस्तेमाल में लायी गयी वस्तु, छुए गये खाद्य/पेय पदार्थों को, किसी अन्य व्यक्ति द्वारा उपयोग में लाये जाने पर उस व्यक्ति को भी हो सकता है। वैसे तो यह टाइफाइड बुखार किसी भी मौसम में हो सकता है परन्तु बरसात के मौसम में, गंदगी होने के कारण इसके फैलने की संभावना अधिक रहती है।
ये भी पढ़े- ब्रेस्ट कैंसर से बचने के उपाय
टाइफाइड होने के कारण – Cause of Typhoid
1. टाइफाइड होने का मुख्य कारण केवल एक ही है साल्मोनेला टाइफी (Salmonella typhi) नामक बैक्टीरिया जो कि मनुष्य की आंत को प्रभावित करता है। इस बैक्टीरिया से प्रदूषित पानी या भोजन, जब मुंह के जरिये अन्दर जाता है तो यह बैक्टीरिया पाचन-तंत्र और ब्लड स्ट्रीम में भी चला जाता है। फिर बुखार, बदन दर्द, कमजोरी, उल्टी आदि लक्षण नजर आने लगते हैं।
2. यदि इस बैक्टीरिया से पीड़ित व्यक्ति, मल-मूत्र विसर्जन के बाद हाथ साबुन से अच्छी तरह नहीं धोता और वह खाने पीने वाली वस्तुओं तथा दूसरे सामान को छूता है तो वे भी बैक्टीरिया से प्रदूषित हो जाते हैं और यदि इन वस्तुओं का सेवन या इस्तेमाल कोई भी अन्य व्यक्ति करेगा तो निश्चित रूप से साल्मोनेला टाइफी बैक्टीरिया उसको भी प्रभावित कर देगा।
3. साल्मोनेला टाइफी से प्रदूषित पानी को पीने, नहाने या ऐसे पानी से खाद्य पदार्थ धोकर खाने से टाइफाइड बन सकता है।
टाइफाइड के लक्षण – Symptoms of typhoid
1. बुखार 102 से 104 डिग्री तक।
2. यह बुखार धीरे−धीरे चढ़ता है।
3. संक्रमण बढ़ने के साथ-साथ, भूख कम होती चली जाती है,
4. बुखार चार हफ्ते तक रह सकता है।
5. बुखार बीच-बीच में ठीक होकर वापस आता है।
6. शरीर में दर्द, सिर में दर्द।
7. पेट में दर्द, कब्ज या दस्त की शिकायत।
ये भी पढ़े- ब्लैक फंगस क्या होता है?
8. उल्टी, जी मिचलाना।
9. ठंड लगना।
10. सुस्ती, आलस्य, कमजोरी महसूस करना।
टाइफाइड का घरेलू उपाय – Home Remedy to Typhoid
दोस्तो, सबसे पहले देसी हेल्थ क्लब यहां स्पष्ट करता है कि चूंकि टाइफाइड संक्रामक रोग है, यदि तेज बुखार, पेट में दर्द, थकान, टाइफाइड वाले लक्षण दिखाई देने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। डॉक्टर टाइफाइड के इलाज के लिये एंटीबायोटिक दवाइयां देते हैं जिनका कोर्स पूरा करना बहुत जरूरी होता है अन्यथा यह बुखार come back करता है अर्थात् ठीक होने के बाद भी यह फिर से वापिस आता है।
देसी हैल्थ क्लब यह भी स्पष्ट करता है कि देसी उपाय इस टाइफाइड बुखार में बेशक बहुत राहत पहुंचाते हैं परन्तु डॉक्टरी चिकित्सा बहुत जरूरी है।
अब बताते हैं टाइफाइड के बुखार से राहत पाने के कुछ उपाय जो निम्न प्रकार हैं –
1. ठंडे पानी की पट्टी (Cold Water Strip)- शरीर का सामान्य तापमान लगभग 98.6°F (37°C) होता है। सामान्य तौर पर, 100.4°F (38°C) से ज्यादा का तापमान बुखार माना जाता है। हम पहले ही बता चुके हैं कि टाइफाइड बुखार 104° तक जाता है। 102° से अधिक बुखार होने पर, नल के ठंडे पानी में साफ कपड़े भिगोकर, थोड़ा निचोड़कर बार-बार माथे पर, हाथ और पैरों पर तब तक रखते रहिये जब तक कि तापमान 102° पर ना जाये। इससे रोगी को राहत महसूस होगी। देसी हेल्थ क्लब यहां एक महत्वपूर्ण बात बताना चाहता है कि बर्फ का, या फ्रिज का या बहुत ठंडे पानी का इस्तेमाल ना करें अन्यथा इससे स्थिति और बिगड़ सकती है। केवल नल का ताजा सामान्य ठंडा पानी ही अच्छा है।
2. शरीर को हाइड्रेट रखें (Keep the Body Hydrated)- तेज बुखार और दस्त में शरीर में पानी की कमी हो जाती है। इसके लिए खूब पानी पीयें, दिन में 8-10 गिलास। पानी अच्छी तरह उबालकर ठंडा करके पानी पीयें। शरीर को हाइड्रेट रखने के लिये नारियल पानी भी पी सकते हैं। ग्लूकोज पानी, हर्बल चाय, ताजे फलों का रस, सूप आदि लेते रहना चाहिए। इसके अतिरिक्त ORS या ORS plus ले सकते हैं। ORS टाइफाइड बुखार के लक्षणों को कम करके रोगी को जल्दी ठीक करने में मदद करता है।
3. छाछ (Buttermilk)- टाइफाइड बुखार में छाछ बहुत ही बेहतरीन उपाय है। यह शरीर को डिहाइड्रेट होने से बचायेगी और जल्दी ठीक करने में मदद करेगी। प्रतिदिन एक गिलास छाछ दिन में दो बार पी सकते हैं। छाछ में पुदीना का दो चम्मच अर्क निकाल कर मिला सकते हैं या एक केले को छाछ में मथकर भी पी सकते हैं। कम से कम दो सप्ताह तक छाछ पिएं।
ये भी पढ़े- छाछ के फायदे
4. सेब का सिरका (Apple vinegar)- सेब के सिरके के अम्लीय गुण (Acidic properties) शरीर में से गर्मी खींच देते हैं जिससे बुखार में राहत महसूस होती है। इससे शरीर को एनर्जी मिलती है और खनिजों की कमी भी पूरी हो जाती है। खाना खाने से पहले एक गिलास पानी में आधा या एक चम्मच सेब का सिरका और आधा चम्मच शहद मिलाकर पिएं। एक सप्ताह जरूर पीएं।
5. सेब और अदरक का रस (Apple and Ginger Juice)- सेब के रस में थोड़ा सा अदरक का रस मिलाकर पीने से टाइफाइड के बुखार में बहुत आराम मिलेगा।
6. लौंग का पानी(Clove water)- लौंग का इस्तेमाल टाइफाइड बुखार के इलाज में बहुत फायदेमंद होता है। 10-12 लौंग तीन लीटर पानी में डालकर अच्छे से उबालें जब तक पानी डेड़ या दो लीटर ना रह जाए। इसे ठंडा करके ढक कर रख लें। पूरे दिन ये पानी पियें। इससे उल्टी रुक जायेगी, दस्त और बुखार में भी आराम लगेगा, शरीर में पानी की कमी भी नहीं होगी। लौंग में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं जो टाइफाइड के बैक्टीरिया को खत्म करने में सक्षम होते हैं।
7. लहसुन (Garlic)- लहसुन औषधीय गुणों का खजाना है। वह प्राकृतिक एंटीबायोटिक गुणों से भरपूर होता है और एंटीबैक्टीरियल भी है जो टाइफाइड के बैक्टीरिया को खत्म करने में मदद करता है। डॉक्टर भी टाइफाइड बुखार में एंटीबायोटिक ही देते हैं। बेशक यह तासीर में गर्म है लेकिन इसका यही गुण बुखार कम करने में मदद करता है। इसके खाने से शरीर में पसीना आता है जिससे बुखार कम होता है। लहसुन का इस्तेमाल आप इस प्रकार कर सकते हैं –
ये भी पढ़े- लहसुन के फायदे
(i) लहसुन की दो कलियां छीलकर सुबह उठकर खाली पेट खाएं। इससे पेट भी साफ होगा और गैस भी नहीं बनेगी। रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल भी नियन्त्रण में रहेगा और इम्युनिटी भी बढ़ेगी।
(ii) चार कप पानी और एक कप दूध में आधा चम्मच पिसा हुआ लहसुन मिलाकर तब तक उबालें जब तक वह एक चौथाई ना रह जाए। इसे छानकर ठंडा करके दिन में तीन बार पियें।
(iii) लहसुन की चार, पांच लहसुन की कलियां पीसकर घी में तलें और हल्का सा सेंधा नमक मिलाकर खाएं।
8. तुलसी (Basil)- तुलसी भी एंटीबायोटिक और एंटी बैक्टीरियल होती है। ये गुण टाइफाइड बुखार से राहत दिलाने में मदद करते हैं। इसका उपयोग निम्न प्रकार कर सकते हैं –
(i) 15-20 तुलसी की पत्तियां, एक चम्मच पिसी हुई अदरक एक कप पानी में मिलाकर इतना उबालें कि पानी आधा कप रह जाये। इसे थोड़ा ठंडा करके आधा चम्मच शहद मिलाकर दिन में तीन बार पियें।
(ii) कुछ तुलसी की पत्तियां का रस निकाल कर सकते हैं। एक चुटकी काली मिर्च पाउडर मिलाकर प्रतिदिन तीन बार खाएं।
(iii) तुलसी की पत्तियां के रस में सूरजमुखी के पत्तों का रस निकालकर पीयें। टाइफाइड के बुखार में आराम मिलेगा।
9. केला (Banana)- केले में पेक्टिन नामक एक घुलनशील फाइबर होता है जो आंतों में तरल पदार्थ को अवशोषित (Absorb) कर लेता है जिससे टाइफाइड के कारण दस्त से राहत मिल जाती है। यह दस्त के कारण कम हुई इलेक्ट्रोलाइट्स को शरीर में पुनः स्थापित करता है। इसके सेवन से बुखार में भी राहत मिलती है। आप प्रतिदिन दो या तीन केले खा सकते हैं। या दही में दो केले मसल कर और आधा चम्मच शहद मिलाकर दिन में दो, तीन बार खा सकते हैं।
10. अदरक(Ginger) – अदरक में एंटी ऑक्सीडेटिव प्रॉपर्टीज शरीर को डिटॉक्सीफाई करके विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालते हैं और इम्यूनिटी को बढ़ाने में मदद करते हैं। इसके एंटीबैक्टीरियल गुण टाइफाइड के बैक्टीरिया के विरुद्ध लड़कर बुखार में राहत पहुंचाते हैं। अदरक का सेवन इस प्रकार से कर सकते हैं –
(i) अदरक के छोटे-छोटे टुकड़े सुबह खाली पेट खायें।
(ii) एक गिलास पानी में थोड़ी सी अदरक पीसकर डाल दें, इसमें 8-10 तुलसी की पत्तियां, 4-5 काली मिर्च, थोड़ी सी दालचीनी डालकर तब तक उबालें जब तक पानी आधा गिलास ना रह जाये। इसे छानकर ठंडा करके धीरे-धीरे पियें।
(iii) थोड़ी सी अदरक और पुदीना के 5-7 पत्ते पीसकर एक कप पानी में मिलाकर दिन में दो बार पीयें।
देसी हेल्थ क्लब यहां स्पष्ट करता है कि गर्भवती महिलाएं और छोटे या किशोर बच्चे अदरक वाले उपाय का इस्तेमाल बिल्कुल भी ना करें।
11. प्याज (Onion)- प्याज का रस निकालकर दिन में दो बार सुबह और शाम पियें। इससे पाचन शक्ति भी बढ़ेगी और बुखार भी उतर जायेगा।
12. शहद (Honey)- शहद एंटीवायरल, एंटीबैक्टियल और एंटीऑक्सीडेंट जैसे गुणों से सम्पन्न होता है। टाइफाइड में इसका सेवन बहुत फायदेमंद होता है। एक गिलास गुनगुने पानी में एक चम्मच शहद मिलाकर पीने से बुखार में आराम लगेगा।
क्या खाना चाहिए? – What to eat
1. खाने में – दलिया, चावल, मूंग की दाल, चपाती, ब्रेड, मूंग की दाल की पतली खिचड़ी, दही (यदि खांसी नहीं है तो)।
2. सब्जियों में – पालक, पत्ता गोभी, फूलगोभी, गाजर, कच्चा पपीता, लौकी, करेला।
3. फलों में – सेब, मौसमी, अनार, अंगूर, पपीता।
ये भी पढ़े- पपीता के फायदे
4. ड्राई-फ्रूट्स – किशमिश, मुनक्का।
5. पेय पदार्थ (Drinkable item)- उबला हुआ सादा पानी, गुनगुना पानी शहद मिलाकर, नारियल पानी, लौंग का पानी, गाय का दूध, फलों का जूस।
क्या नहीं खाना चाहिए? – What should not be eaten
1. मांसाहार।
2. डेयरी उत्पाद, दही और छाछ को छोड़कर (यदि खांसी नहीं है तो)
3. गर्म तासीर वाले खाद्य पदार्थ, लहसुन को छोड़कर।
4. लाल मिर्च, चिली सॉस, सिरका, गरम मसाला, अचार, खटाई।
5. तेल, घी, बेसन, ब्राउन राइस, मक्का, शक्करकंद, कटहल।
6. चाय, कॉफी, चॉकलेट और अन्य कैफीन युक्त पदार्थ।
7. रिफाइंड, ज़्यादा ऑयली, तीखे मसाले वाला खाना।
8. फास्ट फूड, कोल्ड ड्रिंक्स, आइसक्रीम।
Conclusion
दोस्तो, आज के लेख में हमने आपको टाइफाइड का घरेलू उपाय के विषय में विस्तृत जानकारी दी। टाइफाइड क्या होता है, इसके क्या कारण होते हैं, क्या लक्षण होते हैं, इस बारे में भी विस्तार पूर्वक बताया। इस लेख के माध्यम से टाइफाइड से राहत पाने के देसी उपाय भी बताएं और यह भी बताया कि टाइफाइड में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए। आशा है आपको ये लेख अवश्य पसन्द आयेगा। आप इस पोस्ट को अपने दोस्तों और सगे – सम्बन्धियों के साथ भी शेयर करें। ताकि सभी इसका लाभ उठा सकें। दोस्तो, हमारा आज का यह लेख आपको कैसा लगा, इस बारे में कृपया अपनी टिप्पणियां (Comments), सुझाव, राय अवश्य भेजिये ताकि हमारा मनोबल बढ़ सके। और हम आपके लिए ऐसे ही Health- Related Topic लाते रहें। धन्यवाद।
Disclaimer – यह लेख केवल जानकारी मात्र है। किसी भी प्रकार की हानि के लिये ब्लॉगर उत्तरदायी नहीं है। कृपया डॉक्टर/विशेषज्ञ से सलाह ले लें।
It’s nice Article
amazing post on typhoid keep it up….