हेलो दोस्तों स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग पर, आज हम आपको ऐसे रोग के बारे में बतायेंगे। जो एक स्किन बड़ा रोग माना जाता है, जिसको हम सोरायसिस के नाम से जानते है। जी हाँ आज का हमारा टॉपिक है सोरायसिस के घरेलू उपाय । हमारी स्किन शरीर का सबसे बाहरी परत होती है। शरीर की सुरक्षा करने से साथ यह एक लेयर का काम भी करती है। हमारी शरीर जिस भी बाहरी चीजों के संपर्क में आता है। तो सबसे पहले हमारी स्किन ही उसके संपर्क में आती है। ऐसे में कई बार स्किन में एलर्जी होने की अधिक संभावना रहती है। स्किन एलर्जी भी कई प्रकार की होती है। जिसमे सोरायसिस भी आता है। जिसे चर्म रोग का एक प्रकार भी कहा जाता है। और सामान्य भाषा में इसे अपरस या छाल रोग भी कहा जाता है। विश्व में 29 अक्टूबर को विश्व सोराइसिस दिवस के रूप में मानाया जाता है।
दुनियाभर में सोरायसिस रोग के तीन फीसदी आबादी यानी 12 .50 करोड़ लोग पीड़ित है। सोराइसिस को अक्सर स्किन इंफेक्शन या कॉस्मेटिक प्रॉब्लम माना जाता है। जिसका आसानी से घरेलू उपचार से इलाज किया जा सकता है। लेकिन सोरायसिस इसके बिलकुल विपरीत है। दरसल सोरायसिस रोग तब होता है , जब रोग प्रतिरोधक तंत्र स्वस्थ कोशिकाओ को ख़राब कर देती है। जिससे त्वचा की और भी कोशिकाये प्रभावित हो जाती है। जिससे त्वचा पर सूखे और कड़े चकते बनने लगते है। क्युकी यहाँ की त्वचा की कोशिकाये चारो तरफ फ़ैल जाती है। जिससे धीरे धीरे और भी अंगो को प्रभावित कर देती है। हालांकि अभी तक इसका कोई सटीक इलाज नहीं है, लेकिन सोरायसिस के लक्षणों के उपचार के लिए कई उपचार मौजूद हैं। इसीलिए इस आर्टिकल में देसी हेल्थ क्लब आपको सोरायसिस के घरेलू उपाय के बारे में जानकारी देंगे।
सोरायसिस क्या है? – What is Psoriasis?
सोरायसिस स्किन से जुडी एक ऑटोइम्यून बीमारी है। जो किसी भी उम्र में हो सकती है। इस बीमारी में त्वचा पर लाल रंग की मोती परत जम जाती है। जो चकते की तरह दिखने लगती है। इन चकतों में खुजली के साथ दर्द और सूजन भी होती है। आमतैर पर इसका असर कोहनी के ऊपर और घुटने पर ज्यादा देखा जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार, शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने पर यह रोग होता है। देखा जाए, तो इसका कोई विशेष इलाज नहीं है, लेकिन इनके हल्के लक्षणों को कम करने के लिए देसी हेल्थ क्लब यहां आपको बेहतरीन असरदार घरेलू उपचार बताने जा रहे हैं।
सोरायसिस कितने तरह का होता है? – What are the Types of Psoriasis?
सोरायसिस रोग निम्न प्रकार के होते है। जैसे –
1 . प्लाक सोरायसिस – यह रोग सबसे सामान्य प्रकार का रोग है। जिसमे शरीर पर लाल चकते पड़ने लगते है।
2 . ग्यूटेट सोरायसिस – यह शरीर पर दाने के रूप में दिखाई देने लगते है।
3 . इन्वर्स सोरायसिस – यह शरीर के जो हिस्से मुड़ते है, यहाँ पर इसका ज्यादातर असर देखने को मिलता है। इसमें स्तनों के नीचे, बगल, कांख, या जांघों के ऊपरी हिस्से में लाल-लाल बड़े चकत्ते बन जाते हैं। ये ज्यादा पसीने और रगड़ने के कारण होते हैं।
4 . पस्चुलर सोरायसिस – यह एक दुर्लभ तरह का रोग है, जो ज्यादातर बुजर्गो में होता है। इसमें अक्सर, हथेलियों, तलवों या कभी-कभी पूरे शरीर में लाल दानें हो जाते हैं, जिसमें मवाद हो जाता है। ये देखने में संक्रमित प्रतीत होता है। लेकिन यह शरीर के किसी भी भाग पर हो सकता है।
5 . एरिथ्रोडर्मिक सोरायसिस – इसमें चेहरे सहित शरीर के 80 % भाग प्रभावित होते है। और जलन के साथ ही साथ लाल चकते भी हो जाते है। हदय की गति बढ़ जाती है। यह पूरी त्वचा पर फैल जाती है। इससे त्वचा में जलन भी होती है। इसमें खुजली, ह्रदय गति बढ़ने और शरीर का तापमान कम ज्यादा होने जैसी समस्याएं पैदा हो जाती है।
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सोरायसिस रोग के लक्षण – Symptoms of Psoriasis
सोरायसिस रोग के लक्षण और स्किन रोग से काफी मिलते जुलते है।
1 . इसमें त्वचा पर लाल रंग के खुदरे धब्बे हो जाते है।
2 . इसकी पहचान त्वचा के ऊपर बनाने वाली सफ़ेद परत से होती है। यह परत प्रभावित अंगो से कुछ दिनों में ही निकलने लगती है।
3 . शुरुवात के तीन से चार हफ्तों में की इसकी पपड़ी झड़ने लगती है। लेकिन स्थिति गंभीर होने के कारण 3 से 4 दिनों में ही पपड़ी की तरह झड़ने लगती है।
4 . त्वचा का लाल होना, उसमें खुरदरे धब्बे और खुजली तथा मोटापा, चिटकना और हथेलियों या पैर के तलवों में फफोले पड़ना, इसके प्रमुख लक्षणों में से हैं।
5 . त्वचा के चकत्तों में दर्द होना
6 . चकत्तों के आसपास खुजली और जलन महसूस होना
7 . नाखून मोटे और उनमें दाग-धब्बे पड़ जाना
8 . जोड़ों में दर्द और सूजन होना
9. रूखी त्वचा होना और उसमें दरारें पड़ना, खून निकलना आदि
सोरायसिस के कारण – Cause of Psoriasis
सोरायसिस रोग निम्न कारणों से हो सकता है। जैसे कि –
1 . रोग प्रतिरोधक शक्ति के कमजोर होने पर।
2 . आनुवांशिक (वंशानुगत रूप से) रूप से।
3 . इन्फेक्शन (संक्रमण) होने पर।
4 . तनाव, धूम्रपान और अधिक शराब का सेवन करने से भी सोयरासिस से ग्रस्त हो सकते हैं।
5 . शरीर में विटामिन डी की कमी होने, एवं उच्च रक्तचाप से संबंधित कुछ दवाइयां खाने से भी यह रोग होता है।
सोरायसिस से प्रभावित होने वाले अंग – Organs Affected by Psoriasis
सोरायसिस रोग 20 से 30 वर्ष की उम्र में होती है जो इन अंगो को ज्यादातर प्रभावित करती है। जैसे कि –
1 . कोहनी
2 . सोरायसिस को भी ज्यादा प्रभावित करता है।
3 . हथेली
4 . पांव के तलवे
5 . सोयराइसिस किसी भी उम्र में नवजात शिशुओं से लेकर वृद्धों को भी हो सकती है।
6 . घुटने
7. बगल
8. कांख
9. जांघों
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सोरायसिस का इलाज कैसे किया जाता है? – How is Psoriasis Treated?
हलाकि सोरायसिस का कोई इलाज नहीं है। जैसे लोग शुगर की बीमारी को कंट्रोल कर लेते है खत्म नहीं वैसे ही सोरायसिस को भी कंट्रोल किया जा सकता है खत्म नहीं। हाल ही में कई सोरायसिस के उपचार भी सामने आये है। जिन्हे डॉक्टरी के सलाह के बिना नहीं किया जा सकता है। जो डॉकटर द्वारा इलाज किया जाता है उससे कुछ समय बाद फर्क देखने को मिलता है। क्युकी हर व्यक्ति की स्किन अलग होती है, इसलिए त्वचा विशेषज्ञ के देख रेख में अच्छे से इलाज किया जाता है। और दवाइयों को बढ़ाया या घटाया जाता है।
सोरायसिस के घरेलू उपाय – Home Remedies for Psoriasis
बहुत से लोग एलोपैथिक उपाय से सोराइसिस का इलाज करने की प्रयास करते हैं, लेकिन बीमारी का उचित इलाज ना होने के कारण सोरायसिस के घरेलू उपाय ही बहुत ज्यादा कारागार साबित हुआ है।
1. एलोवेरा (Aloe Vera)- एलोवेरा अपने एंटी इंफ्लामेटरी गुणों और मॉइस्चराइजिंग (Moisturizing)के लिए जाना जाता है। यह स्किन में होने वाली जलन को कम करने में काफी सहायता करता है। एलोवेरा का उपयोग स्किन से सम्बन्धिक कई बीमारियों में किया जाता है तथा डायबिटीज में भी किया जाता है। एलोवेरा को सोरायसिस से जुड़ी लालिमा और स्केलिंग (lighting) को करने में काफी अच्छा बताया गया है। आप एलोवेरा जेल का भी उपयोग कर सकते है। या एलोवेरा द्वारा बनाये गए कोई भी प्रोडक्ट का उपयोग कर सकते है।
2 . नीम (Neem Tree)- नीम में भी एंटीसेप्टिक गुण होते हैं और यह तमाम तरह की स्किन एलर्जी से बचता है। नीम के पत्ते को पानी में उबालकर नहाने से कई तरह की स्किन से सम्बन्धिक बीमारियों में लाभदायक होता है। सोरायसिस के मामले में भी विशेषज्ञ नीम की पत्तियों को उबालकर स्नान की सलाह देते हैं। नीम का तेल सुखी त्वचा और खुजलाहट में भी राहत दिलाता है।
3 . नारियल तेल (Coconut Oil)- नारियल का तेल सोरायसिस में काफी ज्यादा फायदेमंद साबित होता है। यह ना सिर्फ त्वचा को ठंडक देता है बल्कि घाव को मिटाने में भी मददत करता है।
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4 . अलसी के बीज (Flax Seeds)- अलसी के बीज ऐसे पदार्थ होते है जो शरीर के सूजन को कम करने में मददत करते है। इसमें पाए जाने वाले तत्व ओमेगा-3, फैटी एसिड, तथा इसमें एंटी-आक्सिडेंट्स भी पाए जाते है। जो हार्मोन्स के सिक्रीशन में बैलेंस को बनाए रखता है। सन के कच्चे या भुने हुए बीजो को खाने से स्किन साफ रहती है।
5 . हल्दी (Turmeric)- हल्दी स्किन की ग्रोथ को रोकने में मददत करता है। इसका उपयोग पिल्स या सप्लीमेंट के तौर पर करते है। या फिर भोजन के रूप में भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। तथा आप इसे दूध के साथ भी ले सकते है।
6. लहसुन (Garlic)- लहसुन अपने औषधीय गुणों की वजह से कई बीमारियों में प्रयोग किया जाता है। सोरायसिस के इलाज में भी इसे उपयोग किया जाता है। लहसुन का पेस्ट बनाकर उसे एलोवेरा के साथ मिलाकर प्रभावित जगह में 15 से 20 मिनट तक लगाए तथा उसके बाद ठंडे पानी से त्वचा को धो लें। अगर आप लहसुन का पेस्ट नहीं लगाना चाहते तो आप लहसुन का तेल भी लगा सकते हैं।
7. त्वचा को ड्राई होने से रोकें (Prevent Skin from Drying Out)- सोरायसिस छुटकारा पाने के लिए आपको अपनी त्वचा को शुष्क यानी (रूखे) होने से बचाना बहुत ही ज्यादा आवयश्क हो जाता है। आप कोशिश करे की आप घर में हो या ऑफिस में ह्यमिडिफायर प्रयोग करते रहे। संवेदनशील त्वचा वालों के लिए मॉइस्चराइजर त्वचा को कोमल रखने के लिए सबसे अच्छा माना जाता है।
8. तेज गंध से बचें (Avoid Strong Odors)- साबुन और परफ्यूम्स को डाई या अन्य केमिकल के उपयोग से बनाते है बनाते है। ये त्वचा में जलन पैदा कर कर सकती है। इससे भले ही आप खुश्बूदार महसूस करने के लिए प्रयोग करते है। लेकिन इसके बाद सोरायसिस में जलन ज्यादा बढ़ सकती हैं। आप ऐसे प्रोडक्ट्स को खरीदने से बचें या फिर ऐसे प्रोडक्ट खरीदें जिन्हें सेंसेटिव स्किन के लिए बनाया गया हो।
9. अल्कोहल के सेवन से बचें (Avoid Alcohol Consumption)- अल्कोहल के सेवन से कई लोगों को सोरायसिस बढ़ने की समस्या होती है। साल 2015 की एक स्टडी में पाया गया कि, स्ट्रॉन्ग बियर पीने वाले लोगों में सोरायसिस की समस्या ज्यादा पाई गई है। ये तुलना उन लोगों से की गई थी जो बियर या अल्कोहल का सेवन नहीं करते है।
10. ग्लिसरीन (Glycerin)- ग्लिसरीन में एंक्सफोलिएंट गुण होते हैं जो सोरायसिस के कारण होने वाले प्लाक को कम करता है और त्वचा को आसानी से मॉइश्चराइज भी करता है। ग्लिसरीन में हल्का पानी मिलाएं और रूई की मदद से उसे प्रभावित हिस्से पर लगाएं। इस विधि को एक महीने तक करें।
11. शीया बटर (Shea Butter)- शीया ट्री के फल से बनने वाला ये मक्खन विटामिन ए, विटामिन ई और ट्राइग्लिसराइड्स से भरपूर होता है। शीया बटर डेड स्कीन को हटाने, त्वचा को मोस्चराइज़ करने और स्कैल्प को कंडीशन करने में मदद करता है। ये स्कैल्प सोरायसिस के अलावा शरीर पर होने वाले सोरायसिस से लड़ने में भी मददत करता है।
12. अदरक (Garlic)- अदरक में कई औषधीय गुण पाए जाते हैं। इसमें कई एंटीमाइक्रोबियल गुण होते है, जोकि किसी प्रकार का संक्रमण रोकने में काफी सहायता करते हैं।
13. विटामिन डी (Vitamin D)- विटामिन डी की मददत से भी सोरायसिस इलाज किया जा सकता है। इसे मलहम, जैल, क्रीम, लोशन, फोम आदि के रूप में उपयोग किया जाता है। जिससे त्वचा की कोशिकाएं धीरे-धीरे बढ़ती हैं। स्टेरॉयड की तुलना में इसे ज्यादा सुरक्षित माना जाता है।
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सोरायसिस से बचाव- Prevention of Psoriasis
1 . सोरायसिस स्किन में होने वाली एक भयंकर बीमारी है। इस लिए इसके बचाव में काफी साफ -सफाई रखी जानी चाहिए।
2 . मानसिक तनाव के कारण भी कई बार सोरायसिस होने के अधिक चांस बढ़ जाते है। सलिए मानसिक तनाव को दूर करने के लिए योग और व्यायाम रोजाना करें।
3 . सर्दियों के मौसम में अपनी त्वचा का ध्यान रखे। और समय-समय पर उसे मॉइश्चराइज करते रहे। त्वचा की शुष्क होने ना दे।
4 . खान-पान में बहुत ज्यादा तला-भुना खाने से दूर रहे।
5 . हार्ड साबुन का प्रयोग नहीं करना चाहिए। इससे त्वचा में ज्यादा परेशानी हो जाती है। साबुन से बेहतर रहेगा बॉडी बॉश। यदि आप साबुन ही इस्तेमाल करना चाहते हैं, तो वह साबुन लें, जिसका पीएच सामान्य हो। उसे लगाने के बाद भी त्वचा में नमी बरकरार रहती है।
6 . आप नहाने के बाद अपने पुरे शरीर में मॉइश्चराइज या बॉडी लॉसन का भी प्रयोग कर सकते है।
सोरायसिस में क्या खाना चाहिए? – What to Eat in Psoriasis?
सोरायसिस को ठीक करने के लिए हमें साबुत अनाज खाना चाहिए जैसे कि –
1 . अनाज – पुराने चावल, गेंहू और जौ।
2 . दाल में – अरहर , मुंग और मसूर की दाल।
3 . फल एवं सब्जिया – सहजन, टिण्डा, परवल, लौकी, तोरई, खीरा, हरिद्रा, लहसुन, अदरक, अनार, जायफल।
4 . अन्य: अजवाइन, शुंठी, सौंफ, हिंग, काला नमक, जीरा, लहसुन, गुनगुना पानी का सेवन करें।
Conclusion –
हेलो दोस्तों आज के लेख में अपने आपको रोराइसिस के घरेलू उपाय के बारे में बहुत ही अच्छी जानकारी देने की कोशिश की है। हमने आपको रोराइसिस के कारण। लक्षण तथा सोरायसिस कितने तरह का होता है? सोरायसिस से प्रभावित होने वाले अंगो और इससे बचाव के बारे में भी बहुत ही अच्छी जानकारी दी है। हम आशा करते है की आपको हमारे द्वारा दी गई जानकारी काफी पसंद आई होगी।
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Disclaimer – यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए आपको हमेशा किसी विशेषज्ञ डॉक्टर से संपर्क करें। देसी हेल्थ क्लब इस जानकारी की प्रमाणिकता की जिम्मेदारी नहीं लेता।
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